प्रसारण क्षेत्र से जुड़ी लगभग 250 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शुभारंभ और शिलान्यास किया
“यह बहुत खुशी की बात है कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स खूबसूरत शहर चेन्नई में आयोजित किए जा रहे हैं”
“खेलो इंडिया गेम्स - 2024 को आरंभ करने का शानदार तरीका है”
“तमिलनाडु चैंपियनों को पैदा करने वाली धरती है”
“विशाल खेल कार्यक्रमों का आयोजन भारत को एक शीर्ष खेल राष्ट्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है”
“वीरा मंगई वेलु नचियार नारी शक्ति की प्रतीक हैं आज उनका व्यक्तित्व सरकार के अनेक निर्णयों में प्रतिबिम्‍बित होता है।”
“पिछले 10 वर्षों में, सरकार ने सुधार किया, खिलाड़ियों ने प्रदर्शन किया और भारत में खेल की पूरी व्‍यवस्‍था ही बदल गई”
“आज, हम खेलों में युवाओं के आने का इंतज़ार नहीं कर रहे हैं, बल्कि हम खेलों को युवाओं तक ले जा रहे हैं”
“आज स्कूल-कॉलेजों में पढ़ने वाले हमारे युवा जो खेल से जुड़े क्षेत्रों में अपना करियर बनाने के इच्‍छुक हैं, उनका बेहतर भविष्य भी मोदी की गारंटी है”

वणक्कम चेन्नई।

तमिलनाडु के गवर्नर श्री आर. एन. रवि जी, मुख्यमंत्री श्रीमान एम. के. स्टालिन जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सदस्य अनुराग ठाकुर, एल. मुरुगन, निशीथ प्रमाणिक, तमिलनाडु सरकार के मंत्री उदयनिधि स्टालिन, और भारत के कोने-कोने से यहां आए मेरे युवा साथियों।

I welcome everyone to the 13th Khelo India Games. For Indian sports, this is a great way to start 2024. My young friends gathered here represent a Young India, a New India. Your energy and enthusiasm is taking our country to new heights in the world of sports. I extend my best wishes to all the athletes and sport-lovers who have come to Chennai from across the country. Together, you are showcasing the true spirit of Ek Bharat Shreshtha Bharat. The warm people of Tamil Nadu, the beautiful Tamil language, culture and cuisine will surely make you feel at home. I am sure that their hospitality will win your hearts. The Khelo India Youth Games will certainly provide you with an opportunity to showcase your skills. But it will also help you make new friendships that will last a lifetime.

साथियों,

आज यहां दूरदर्शन और आकाशवाणी की अनेक परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी हुआ है। 1975 में प्रसारण शुरू करने वाला चेन्नई दूरदर्शन केंद्र, आज से एक नई यात्रा शुरू कर रहा है। आज यहां डीडी तमिल चैनल को भी नए रूप के बाद लॉन्च किया गया है। 8 राज्यों में 12 नए FM ट्रांसमीटर्स के शुरू होने से करीब डेढ़ करोड़ लोगों को फायदा होगा। आज 26 नई FM ट्रांसमीटर्स परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी गई है। मैं तमिलनाडु के लोगों को, देश के लोगों को इसके लिए भी बधाई देता हूं।

साथियों,

भारत में खेलों के विकास में तमिलनाडु का विशेष स्थान रहा है। ये चैंपियन्स पैदा करने वाली धरती है। इस भूमि ने टेनिस में नाम रौशन करने वाले अमृतराज ब्रदर्स को जन्म दिया। इसी धरती से हॉकी टीम के कप्तान भास्करन निकले, जिनकी कप्तानी में भारत ने ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता। शतरंज के खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद, प्रज्ञानंद और पैरालंपिक चैंपियन मरियप्पन भी तमिलनाडु की ही देन हैं। ऐसे कितने ही खिलाड़ी इस धरती से निकले हैं, हर स्पोर्ट्स में कमाल कर रहे हैं। मुझे विश्वास है, आप सभी को तमिलनाडु की इस धरती से और ज्यादा प्रेरणा मिलेगी।

साथियों,

हम सभी भारत को दुनिया के Top Sporting Nations में देखना चाहते हैं। इसके लिए बहुत जरूरी है कि देश में लगातार बड़े स्पोर्ट्स इवेंट हों, खिलाड़ियों का अनुभव बढ़े और ग्राउंड लेवल से खिलाड़ी चुनकर बड़े इवेंट्स में खेलने आएं। खेलो इंडिया अभियान, आज इसी भूमिका को निभा रहा है। 2018 से अब तक 12 खेलो इंडिया गेम्स का आयोजन हो चुका है। इंडिया यूथ गेम्स, खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स, खेलो इंडिया विंटर गेम्स और खेलो इंडिया पैरा गेम्स, आपको खेलने का मौका भी दे रहे हैं और नए टेलेंट को सामने भी ला रहे हैं। अब एक बार फिर, खेलो इंडिया यूथ गेम्स का शुभारंभ हो रहा है। चेन्नई, त्रिचि, मदुरै और कोयम्बटूर, तमिलनाडु के ये चार शानदार शहर अपने यहां चैंपियन्स का स्वागत करने के लिए तैयार हैं।

साथियों,

मुझे विश्वास है, चाहे खिलाड़ी हों या दर्शक, हर किसी को चेन्नई के खूबसूरत beaches का सम्मोहन अपनी ओर खींचेगा। आप लोगों को मदुरै के अद्वितीय मंदिरों की आभा महसूस होगी। त्रिचि के मंदिर, वहां का आर्ट एंड क्राफ्ट आपका मन मोह लेगा...और कोयम्बटूर के मेहनती उद्यमी आपका दिल खोलकर स्वागत करेंगे। तमिलनाडु के इन सभी शहरों में आपको एक ऐसी दिव्य अनुभूति होगी, जिसे आप कभी भूलना नहीं चाहेंगे।

साथियों,

खेलो इंडिया यूथ गेम्स के दौरान 36 states के एथलीट अपनी प्रतिभा और प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करेंगे। मैं कल्पना कर सकता हूं कि जब 5 हजार से ज्यादा युवा एथलीट अपने जुनून, अपने उत्साह के साथ मैदान पर आएंगे तो यहां क्या वातावरण होगा। हमें इंतजार है, आर्चरी, एथलेटिक्स और बैडमिंटन जैसे खेलों में मुकाबले का जो हमें आनंद से भर देंगे। हमें इंतजार है, स्क्वैश में दिखने वाले जोश का, जिसे पहली बार खेलो इंडिया यूथ गेम्स में शामिल किया गया है। हमें इंतजार है, सिलम्बम का, जो तमिलनाडु के प्राचीन गौरव और heritage sport को नई ऊंचाई देगा। अलग-अलग राज्यों के, अलग-अलग खेलों के खिलाड़ी एक संकल्प, एक प्रतिबद्धता और एक भावना के साथ एकजुट होंगे। खेल के प्रति आपका समर्पण, खुद पर आपका भरोसा, मुश्किलों से जूझने का हौसला और असाधारण प्रदर्शन का जज्बा, पूरा देश देखेगा।

साथियों,

तमिलनाडु महान संत तिरुवल्लुवर जी की धरती है। संत तिरुवल्लुवर ने अपनी रचनाओं से युवाओं को नई दिशा दी थी, उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया था। खेलो इंडिया यूथ गेम्स के logo में भी महान तिरुवल्लुर की छवि है। संत तिरुवल्लुवर ने लिखा था, अरुमई उदैथथेंद्रु असावामई वेनडुम, पेरुमै मुयारची थारुम अर्थात्, विपरीत परिस्थियों में भी हमें कमजोर नहीं पड़ना चाहिए, हमें कठिनाई से नहीं भागना चाहिए। हमें अपने मन को मजबूत करके लक्ष्य को सिद्ध करना चाहिए। एक खिलाड़ी के लिए ये बहुत बड़ी प्रेरणा है। मुझे खुशी है कि इस बार खेलो इंडिया यूथ गेम्स का मस्कट वीरा मंगई वेलु नाचियार को बनाया गया है। किसी real-life personality को मस्कट चुना जाना, अभूतपूर्व है। वीरा मंगई वेलु नाचियार नारी शक्ति की प्रतीक हैं। आज सरकार के अनेक फैसलों में उनके ही व्यक्तित्व का प्रतिबिंब है। उनकी प्रेरणा से सरकार स्पोर्ट्स वूमन को भी Empower करने के लिए लगातार काम कर रही है। खेलो इंडिया अभियान के तहत 20 खेलों में women’s लीग्स का आयोजन किया गया। इसमें 50 हजार से ज्यादा महिला एथलीट्स ने हिस्सा लिया। दस का दम’जैसी पहल ने भी 1 लाख से ज्यादा महिला एथलीट्स को अपना टैलेंट दिखाने का अवसर दिया था।

साथियों,

आज बहुत लोगों को हैरानी होती है कि अचानक ऐसा क्या हुआ कि 2014 के बाद हमारे एथलीट्स का प्रदर्शन इतना बेहतर कैसे हो गया? आपने देखा है कि भारत ने टोक्यो ओलंपिक और पैरालंपिक गेम्स में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। एशियन गेम्स और एशियन पैरा गेम्स में भी भारत ने इतिहास रच दिया। यूनिवर्सिटी गेम्स में भी भारत ने मेडल्स का नया रिकॉर्ड बनाया। ये अचानक ही नहीं हुआ है। देश के खिलाड़ी की मेहनत और जज्बे में पहले भी कमी नहीं थी। लेकिन बीते 10 वर्षों में उसे नया आत्मविश्वास मिला है, कदम-कदम पर सरकार का साथ मिला है। पहले खेलों में भी जिस प्रकार के खेल होते थे, उनको हमने बंद किया है। बीते 10 वर्षों में सरकार ने Reform किया, खिलाड़ियों ने perform किया और sports का पूरा सिस्टम transform हो गया। आज खेलो इंडिया अभियान के माध्यम से देश के हजारों एथलीट्स को हर महीने 50 हजार रुपए से ज्यादा की मदद दी जा रही है। 2014 में हमने TOPS यानी, TOPS यानी टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम को लॉन्च किया था। इसके जरिए हमने टॉप एथलीट्स की ट्रेनिंग, international exposure और बड़े sports events में उनका participation सुनिश्चित किया है। अब हमारी नजर इस साल पेरिस, और 2028 के लॉस एंजेल्स ओलंपिक गेम्स पर है। इसके लिए भी TOPS के तहत खिलाड़ियों को हर संभव मदद की जा रही है।

Friends

Today, we are not waiting for youth to come to sports, we are taking sports to youth!

साथियों,

खेलो इंडिया जैसे अभियान, गांव-गरीब, आदिवासी और lower middle class परिवारों के युवाओं के सपने साकार कर रहे हैं। आज जब हम वोकल फॉर लोकल कहते हैं, तो इसमें स्पोर्टिंग टैलेंट भी शामिल है। आज हम लोकल लेवल पर खिलाड़ियों के लिए बेहतरीन सुविधाएं और अच्छे कंपीटिशन्स ऑर्गेनाइज़ कर रहे हैं। इससे उन्हें इंटरनेशनल लेवल का एक्सपोजर मिलता है। बीते 10 वर्षों में ऐसे अनेक इंटरनेशनल टूर्नामेंट्स हमने पहली बार भारत में आयोजित किए हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, देश की इतनी बड़ी कोस्टल-लाइन है, इतने सारे beaches हैं। लेकिन अब जाकर पहली बार दीव में beach games का आयोजन हुआ है। इन गेम्स में मल्लखंब जैसे पारंपरिक भारतीय खेलों के साथ-साथ 8 sports शामिल थे। देशभर के 1600 एथलीट्स ने इनमें कंपीट किया। इससे भारत में beach games और sports tourism का एक नया चैप्टर शुरु हुआ है। इससे हमारी costal cities को बहुत लाभ होने वाला है।

साथियों,

हमारे young athletes को international exposure मिले और भारत global sports ecosystem का अहम केंद्र बने, ये हमारा संकल्प है। इसलिए, हम 2030 में यूथ ओलंपिक्स और 2036 में ओलंपिक गेम्स, भारत में कराने के लिए पूरी मेहनत से काम कर रहे हैं। आप सभी जानते हैं कि स्पोर्ट्स सिर्फ मैदान तक सीमित नहीं है। बल्कि स्पोर्ट्स, अपने आप में एक बहुत बड़ी इकॉनॉमी है। इसमें युवाओं के लिए रोज़गार की अनेक संभावनाएं हैं। मैंने आने वाले 5 वर्षों में भारत को दुनिया की तीसरी बड़ी इकॉनॉमी बनाने की गारंटी दी है। इस गारंटी में स्पोर्ट्स इकॉनॉमी की हिस्सेदारी भी बढ़े, ये हमारा प्रयास है। इसलिए, बीते 10 वर्षों से हम स्पोर्ट्स से जुड़े अन्य सेक्टर्स का भी विकास कर रहे हैं।

आज देश में स्पोर्ट्स से जुड़े प्रोफेशनल्स तैयार करने के लिए स्किल डेवलपमेंट पर बल दिया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ, हम, स्पोर्ट्स equipment manufacturing और services से जुड़ा इकोसिस्टम विकसित कर रहे हैं। देश में sports science, innovation, manufacturing, sports coaching, sports psychology, sports nutrition, इससे जुड़े प्रोफेशनल्स को हम प्लेटफॉर्म दे रहे हैं। बीते वर्षों में देश को पहली नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी मिली। आज खेलो इंडिया अभियान से देश की 300 से ज्यादा प्रतिष्ठित एकेडमीज़ बन चुकी हैं। एक हजार, खेलो इंडिया सेंटर्स औऱ 30 से ज्यादा सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस जुड़े हुए हैं। देश की नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में हमने sports को मुख्य करिकुलम का हिस्सा बनाया है। इससे स्पोर्ट्स को एक करियर के रूप में चुनने की एक जागरुकता बचपन में ही आ रही है।

साथियों,

एक अनुमान है कि आने वाले कुछ सालों में ही भारत की स्पोर्ट्स इंडस्ट्री करीब-करीब एक लाख करोड़ रुपए की हो जाएगी। इसका सीधा लाभ हमारे युवा साथियों को होगा। बीते वर्षों में स्पोर्ट्स को लेकर जो ये जागरूकता देश में आई है, इससे broadcasting, sports goods, sports tourism और sports apparel जैसे बिजनेस में तेजी से वृद्धि हो रही है। हमारा प्रयास है कि Sports Equipment manufacturing में भी भारत आत्मनिर्भर बने। आज हम 300 प्रकार के sports equipment मैन्युफेक्चर कर रहे हैं। हमारा प्रयास है कि देश के अलग-अलग हिस्सों में इससे जुड़े manufacturing clusters का निर्माण हो।

साथियों,

खेलो इंडिया अभियान के तहत देशभर में जो sports infra बन रहा है, वो भी रोज़गार का बड़ा माध्यम बन रहा है। आज अलग-अलग स्पोर्ट्स से जुड़ी लीग्स भी तेज़ी से बढ़ रही हैं। इससे भी सैकड़ों नए रोजगार बन रहे हैं। यानि आज हमारे जो युवा स्कूल-कॉलेज में हैं, जो Sports related sectors में अपना करियर बनाना चाहते हैं, उनका बेहतर फ्यूचर, ये भी- मोदी की गारंटी है।

साथियों,

आज सिर्फ खेल ही नहीं, हर सेक्टर में भारत का डंका बज रहा है। नया भारत पुराने रिकॉर्ड ध्वस्त करने, नया गढ़ने, नया रचने और नए कीर्तिमान बनाने चल पड़ा है। मुझे यकीन है अपने युवाओं के सामर्थ्य पर, उनके जीतने की ललक पर। मुझे भरोसा है आपके दृढ़ निश्चय और मानसिक शक्ति पर। आज के भारत में बड़े लक्ष्य तय करने और उसे हासिल करने की क्षमता है। कोई रिकॉर्ड इतना बड़ा नहीं कि हम उसे तोड़ ना सकें। इस वर्ष हम नए रिकॉर्ड बनाएंगे, खुद के लिए और दुनिया के लिए नई लकीर खीचेंगे। आपको आगे बढ़ना है, क्योंकि आपके साथ भारत आगे बढ़ेगा। जुट जाइए, खुद जीतीए और देश को जिताइए। एक बार फिर सभी एथलीट्स को अनेक-अनेक शुभकामनाएं।

धन्यवाद।

I declare Khelo India Youth Games 2023 open.

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।