Quoteप्रधानमंत्री ने अशोक विहार स्थित स्वाभिमान अपार्टमेंट में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 1,675 नवनिर्मित फ्लैटों का उद्घाटन किया
Quoteश्री मोदी ने कहा कि आज दिल्ली के लिए एक ऐतिहासिक दिन है, शहर के विकास को गति देने के लिए आवास, बुनियादी ढांचे और शिक्षा में परिवर्तनकारी परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं
Quoteकेंद्र सरकार ने झुग्गियों के स्थान पर पक्के आवास बनाने का अभियान शुरू किया है: श्री मोदी
Quoteप्रधानमंत्री ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति गरीब परिवारों के बच्चों को नए अवसर प्रदान करने की नीति है

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी मनोहर लाल जी, धमेंन्द्र प्रधान जी, तोखन साहू जी, डॉक्टर सुकांता मजुमदार जी, हर्ष मल्होत्रा जी, दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना जी, संसद में मेरे सभी साथीगण, विधायकगण और मेरे प्यारे भाइयों और बहनों।

आप सभी को, साल 2025 की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। साल 2025, भारत के विकास के लिए अनेक नई संभावनाएं लेकर आ रहा है। दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक ताकत बनाने की तरफ हमारी यात्रा इस वर्ष और तेज़ होने वाली है। आज भारत, दुनिया में राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता का प्रतीक बना है। साल 2025 में भारत की ये भूमिका और सशक्त होगी। ये वर्ष विश्व में भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को और सशक्त करने का वर्ष होगा, ये वर्ष भारत को दुनिया का बड़ा मैनुफैक्चरिंग हब बनाने का वर्ष होगा, ये वर्ष, युवाओं को नए स्टार्टअप और आंत्रप्रेन्योरशिप में तेजी से आगे बढ़ाने का वर्ष होगा, ये वर्ष कृषि क्षेत्र में नए कीर्तिमानों का वर्ष होगा। ये वर्ष वूमन लेड डवलपमेंट के हमारे मंत्र को नई ऊंचाई देने का वर्ष होगा, ये वर्ष Ease of Living बढ़ाने, क्वालिटी ऑफ लाइफ बढ़ाने का वर्ष होगा। आज का ये कार्यक्रम भी इसी संकल्प का एक हिस्सा है।

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साथियों,

आज जिन परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है, उनमें गरीबों के घर हैं, स्कूल और कॉलेज से जुड़े प्रोजेक्ट्स हैं। मैं आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। विशेष रूप से मैं उन साथियों को, उन माताओं-बहनों को बधाई देता हूं, जिनकी एक तरह से अब नई ज़िंदगी शुरु हो रही है। झुग्गी की जगह पक्का घर, किराए के घर की जगह अपना घर, ये नई शुरुआत ही तो है। जिनको ये घर मिले हैं, ये उनके स्वाभिमान का घर है। ये आत्मसम्मान का घर है। ये नई आशाओं, नए सपनों का घर है। मैं आप सभी की खुशियों में, आपके उत्सव का हिस्सा बनने ही आज यहां आया हूं। और आज जब यहां आया हूं तो काफी पुरानी यादें ताजा होना बहुत स्वाभाविक है। आप में से शायद कुछ लोगों को पता होगा, जब आपातकाल का समय था, देश इंदिरा गांधी के तानाशाही रवैये के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा था, इमरजेंसी के खिलाफ एक लड़ाई चल रही थी, उस समय मेरे जैसे बहुत साथी अंडरग्राउंड मूवमेंट का हिस्सा थे। और उस समय ये अशोक विहार मेरा रहने का स्थान हुआ करता था। और इसलिए आज अशोक विहार में आते ही बहुत सारी पुराने यादें ताजा होना बहुत स्वाभाविक है।

साथियों,

आज पूरा देश, विकसित भारत के निर्माण में जुटा है। विकसित भारत में, देश के हर नागरिक के पास पक्की छत हो, अच्छे घर हों, ये संकल्प लेकर हम काम कर रहे हैं। इस संकल्प की सिद्धि में दिल्ली का बहुत बड़ा रोल है। इसलिए भाजपा की केंद्र सरकार ने झुग्गियों की जगह पक्का घर बनाने का अभियान शुरू किया। 2 साल पहले भी मुझे कालकाजी एक्सटेंशन में झुग्गियों में रहने वाले भाई-बहनों के लिए 3 हज़ार से अधिक घरों के शुभारंभ का अवसर मिला था। वो परिवार जिनकी अनेक पीढ़ियां सिर्फ झुग्गियों में ही रहीं, जिनके सामने कोई उम्मीद नहीं थी, वे पहली बार पक्के घरों में पहुंच रहे हैं। तब मैंने कहा था कि ये तो अभी शुरुआत है। आज यहां और डेढ़ हजार घरों की चाबी लोगों को दी गई है। ये ‘स्वाभिमान अपार्टमेंट्स, गरीबों के स्वाभिमान को, उनकी गरिमा को बढ़ाने वाले हैं। थोड़ी देर पहले जब कुछ लाभार्थियों से मेरी बातचीत हुई, तो मैं यही ऐहसास उनके भीतर देख रहा था। मैं नया उत्साह, नई ऊर्जा अनुभव कर रहा था। और वहां मुझे कुछ बालक-बालिकाओं से भी मिलने का मौका मिला, ऐसा लग रहा था कि स्वाभिमान अपार्टमेंट की ऊंचाई जो है ना उससे भी ऊंचे उनके सपने मैं देख रहा था।

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और साथियों,

इन घरों के मालिक भले ही दिल्ली के अलग-अलग लोग हों, लेकिन ये सब के सब मेरे परिवार के ही सदस्य हैं।

साथियों,

देश भली-भांति जानता है कि मोदी ने कभी अपने लिए घर नहीं बनाया, लेकिन बीते 10 वर्षों में 4 करोड़ से अधिक गरीबों के घर, उनका सपना पूरा किया है। मैं भी कोई शीश महल बना सकता था। लेकिन मेरे लिए तो मेरे देशवासियों को पक्का घर मिले यही एक सपना था। और मैं आप सबको भी कहता हूं आप जब भी लोगों के बीच जाएं, लोगों को मिले और अभी भी जो लोग झुग्गी-झोपड़ी में रहते हैं, मेरी तरफ से उनको वादा करके आना, मेरे लिए तो आप ही मोदी हैं, वादा करके आना आज नहीं तो कल उनके लिए पक्का घर बनेगा, उनको पक्का घर मिलेगा। गरीबों के इन घरों में हर वो सुविधा है, जो बेहतर जीवन जीने के लिए ज़रूरी है। यही तो गरीब का स्वाभिमान जगाता है, आत्मविश्वास बढ़ाता है, जो विकसित भारत की असली ऊर्जा है। और हम यहीं रुकने वाले नहीं हैं। अभी दिल्ली में करीब 3 हज़ार ऐसे ही और घरों के निर्माण का काम कुछ ही समय में पूरा होने वाला है। आने वाले समय में हज़ारों नए घर, दिल्ली वासियों को मिलने वाले हैं। इस क्षेत्र में, बहुत बड़ी संख्या में हमारे कर्मचारी भाई-बहन रहते हैं। उनके जो आवास थे, वे भी काफी पुराने हो चुके थे। उनके लिए भी नए आवास बनाए जा रहे हैं। दिल्ली के अभूतपूर्व विस्तार को देखते हुए ही, केंद्र सरकार, रोहिणी और द्वारका सब-सिटी के बाद, अब नरेला सब-सिटी के निर्माण को गति दे रही है।

साथियों,

विकसित भारत बनाने में बहुत बड़ी भूमिका, हमारे शहरों की है। हमारे ये शहर ही हैं, जहां दूर-दूर से लोग बड़े सपने लेकर आते हैं, पूरी ईमानदारी से उन सपनों को पूरा करने में जिंदगी खपा देते हैं। इसलिए, केंद्र की भाजपा सरकार, हमारे शहरों में रहने वाले हर परिवार को क्वालिटी लाइफ देने में जुटी है। हमारा प्रयास है कि गरीब हो या मिडिल क्लास, उसको अच्छा घर दिलाने में मदद मिले। जो नए-नए लोग गांव से शहर आए हैं, उन्हें उचित किराए पर घर मिले। जो मध्यमवर्गीय परिवार है, मिडिल क्लास है उसको भी अपना सपनों का घर पूरा करने के लिए सरकार पूरी मदद दे रही है। बीते एक दशक से ये काम लगातार, ये काम निरंतर चल रहा है। बीते 10 वर्षों में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी इसके तहत देशभर में 1 करोड़ से ज्यादा घर बने हैं। इसी योजना के तहत दिल्ली में भी करीब 30 हज़ार नए घर बने हैं।

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साथियों,

अब इस प्रयास को हमने और विस्तार देने की योजना शुरू की है। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के अगले चरण में, शहरी गरीबों के लिए एक करोड़ नए घर बनने वाले हैं। इन घरों के लिए केंद्र की भाजपा सरकार ही मदद देने वाली है। साल में जिनकी आय 9 लाख रुपए से कम है, उन परिवारों को इस योजना का विशेष फायदा होगा। केंद्र सरकार मिडिल क्लास परिवारों को, मध्यमवर्गीय परिवारों का घर का सपना पूरा करने के लिए होम लोन के ब्याज में बहुत बड़ी छूट दे रही है, वो पैसे सरकार दे रही है।

साथियों,

हर परिवार का सपना होता है कि उसके बच्चे अच्छे से पढ़ें, अच्छे से सीखें और अपने पैरों पर खड़े हों। देश में अच्छे स्कूल-कॉलेज हों, यूनिवर्सिटीज़ हों, अच्छे प्रोफेशनल संस्थान हों, इस पर भाजपा सरकार द्वारा बहुत ज़ोर दिया जा रहा है। हमें सिर्फ बच्चों को पढ़ाना ही नहीं है, बल्कि वर्तमान और भविष्य की ज़रूरतों के लिए नई पीढ़ी को तैयार भी करना है। नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में इसी बात का ध्यान रखा गया है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, गरीब परिवार को बच्चा हो, मध्यम परिवार की संतान हो उनको नए अवसर देने वाली नीति को लेकर चलता है। हमारे देश में मध्यमवर्ग परिवार के बच्चे हो, गरीब परिवारों के बच्चे हो, उनके लिए डॉक्टर बनना, इंजीनियर बनना, बड़ी अदालत में खड़े होकर के वकालत करना, ये सारे सपने उनके भी होते हैं। लेकिन मध्यमवर्ग के परिवार के लिए अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में बच्चों को पढ़ाना आसान नहीं होता है। गरीब के लिए बच्चों को अंग्रेजी में शिक्षा देना मुश्किल होता है। अगर मेरे मध्यमवर्ग के बच्चे, मेरे गरीब परिवार के बच्चे, क्या अंग्रेजी के अभाव में डॉक्टर-इंजीनियर नहीं बन सकते हैं क्या? उनका डॉक्टर-इंजीनियर बनने का सपना पूरा होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए? और इसलिए आजादी के इतने सालों तक काम नहीं हुआ, वो आपके इस सेवक ने कर दिया है। अब वो अपनी मातृभाषा में पढ़कर के डॉक्टर भी बन सकता है, इंजीनियर भी बन सकता है और बड़ी से बड़ी अदालत में मुकदमा भी लड़ सकता है।

साथियों,

देश की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने में CBSE की बड़ी भूमिका है। इसका दायरा निरंतर बढ़ रहा है। इसको देखते हुए ही, CBSE का नया भवन बनाया है। इससे आधुनिक शिक्षा का विस्तार करने में, परीक्षा के आधुनिक तौर-तरीकों को अपनाने में मदद मिलेगी।

साथियों,

उच्च शिक्षा के मामले में दिल्ली यूनिवर्सिटी की प्रतिष्ठा भी लगातार मजबूत हो रही है। और ये मेरा सौभाग्य है मुझे भी दिल्ली यूनिवर्सिटी का विद्यार्थी रहने का सौभाग्य मिला। हमारा प्रयास है कि दिल्ली के युवाओं को यहीं पर उच्च शिक्षा के ज्यादा से ज्यादा अवसर मिलें। आज जिन नए परिसरों का शिलान्यास किया गया है, इससे हर वर्ष सैकड़ों नए साथियों को डीयू में पढ़ाई का अवसर मिलेगा। डीयू के पूर्वी कैंपस और पश्चिमी कैंपस का इंतजार लंबे समय से हो रहा था। अब ये इंतज़ार खत्म होने जा रहा है। सूरजमल विहार में पूर्वी कैंपस और द्वारका में पश्चिमी कैंपस पर अब तेज़ी से काम होगा। वहीं नज़फगढ़ में वीर सावरकर जी के नाम पर नया कॉलेज भी बनने जा रहा है।

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साथियों,

एक तरफ दिल्ली में शिक्षा व्यवस्था के लिए केंद्र सरकार के प्रयास है, वहीं दूसरी तरफ यहां की राज्य सरकार का कोरा झूठ भी है। दिल्ली में जो लोग राज्य सरकार में पिछले 10 साल से हैं, उन्होंने यहां की स्कूली शिक्षा व्यवस्था को बहुत नुकसान पहुंचाया है। हालात ये है कि समग्र शिक्षा अभियान के तहत जो पैसे भारत सरकार ने दिये ये दिल्ली में ऐसी सरकार बैठी है जिसको दिल्ली के बच्चों की भविष्य की परवाह नहीं है, जो पैसे शिक्षा के लिए भारत सरकार ने दिये, आधे पैसे भी पढ़ाई के लिए खर्च नहीं कर पाए ये लोग।

साथियों,

ये देश की राजधानी है, दिल्ली वासियों का हक है, उनकी सुशासन की कल्पना की है। सुशासन का सपना देखा है। लेकिन बीते 10 वर्षों से दिल्ली, एक बड़ी, दिल्ली, एक बड़ी आप-दा से घिरी है। अन्ना हजारे जी को सामने करके कुछ कट्टर बेईमान लोगों ने दिल्ली को आप-दा में धकेल दिया। शराब के ठेकों में घोटाला, बच्चों के स्कूल में घोटाला, गरीबों के इलाज में घोटाला, प्रदूषण से लड़ने के नाम पर घोटाला, भर्तियों में घोटाला, ये लोग दिल्ली के विकास की बात करते थे, लेकिन ये लोग ‘आप-दा’ बनकर दिल्ली पर टूट पड़े हैं। ये लोग खुलेआम भ्रष्टाचार करते हैं और फिर उसका महिमामंडन भी करते हैं। एक तो चोरी ऊपर से सीनाजोरी, ये, ये आप, ये आप-दा दिल्ली पर आई है। और इसलिए, दिल्ली वालों ने आप-दा के विरुद्ध जंग छेड़ दी है। दिल्ली का वोटर, दिल्ली को आप-दा से मुक्त करने की ठान चुका है। दिल्ली का हर नागरिक कह रहा है, दिल्ली का हर बच्चा कह रहा है, दिल्ली की हर गली से आवाज आ रही है- आप-दा को नहीं सहेंगे, बदल के रहेंगे, आप-दा को नहीं सहेंगे, बदल के रहेंगे, आप-दा को नहीं सहेंगे, बदल के रहेंगे, आप-दा को नहीं सहेंगे, बदल के रहेंगे, आप-दा को नहीं सहेंगे, बदल के रहेंगे।

साथियों,

दिल्ली देश की राजधानी है, बड़े खर्चे वाले बहुत से काम यहां जो होते हैं वो भारत सरकार, केंद्र सरकार के ज़िम्मे हैं। दिल्ली में ज्यादातर सड़कें, मेट्रो, बड़े-बड़े अस्पताल, बड़े-बड़े कॉलेज कैंपस, ये सब केंद्र सरकार ही बना रही है। लेकिन यहां की आप-दा सरकार के पास जिस भी काम का दायित्व है, उस पर भी यहां ब्रेक लगी हुई है। दिल्ली को जिस आप-दा ने घेर रखा है, उसके पास कोई विजन नहीं है। ये कैसी आप-दा है, इसका एक और उदाहरण हमारी यमुना जी हैं, यमुना नदी। अभी मैं ये स्वाभिमान फ्लैट के लाभार्थियों से बात कर रहा था यहां आने से पहले, तो ज्यादातर वो इस उत्तरी क्षेत्र के रहने वाले थे, तो मैंने उनको पूछा छठ पूजा कैसी रही? उन्होंने कहा साहब, सर पर हाथ जोड़कर कह रहे थे, साहब यमुना जी का हाल इतना खराब हुआ अब हम तो छठ पूजा क्या करें, इलाके में ऐसा छोटा-मोटा करके हम मां की क्षमा मांग लेते हैं। हर दिल्लीवासी को यमुना जी की ये स्थिति।

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साथियों,

आज 10 साल बाद ये कह रहे हैं और बेशर्मी देखो लाज-शर्म का नामोनिशान नहीं, ये कैसी आप-दा, ये कह रहे हैं यमुना की सफाई से वोट नहीं मिलते। अरे, वोट नहीं मिलेंगे तो क्या यमुना को बेहाल छोड़ देंगे? यमुना जी की सफाई नहीं होगी तो दिल्ली को पीने का पानी कैसे मिलेगा? इन लोगों की करतूतों की वजह से ही आज दिल्ली वालों को गंदा पानी मिलता है। इस आप-दा ने, दिल्लीवालों के जीवन को टैंकर माफिया के हवाले कर दिया है। ये आप-दा वाले रहेंगे तो भविष्य में दिल्ली को और भी विकराल स्थिति की तरफ ले जाएंगे।

साथियों,

मेरा ये निरंतर प्रयास है कि देश के लिए जो भी अच्छी योजनाएं बन रही हैं, उनका लाभ मेरे दिल्ली के भाई-बहनों को भी मिले। केंद्र की भाजपा सरकार की योजनाओं से गरीब और मध्यम वर्ग को सुविधाएं भी मिल रही हैं और पैसे भी बच रहे हैं।

साथियों,

केंद्र की भाजपा सरकार, बिजली का बिल ज़ीरो कर रही है और इतना ही नहीं बिजली से कमाई के अवसर भी दे रही है। पीएम सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना से, हर परिवार आज बिजली उत्पादक बन रहा है। भाजपा सरकार, हर इच्छुक परिवार को 78 thousand rupees, करीब-करीब 75-80 हज़ार रुपए एक परिवार को सोलर पैनल लगाने के लिए 75-80 हजार रूपए दे रही है। अभी तक, देशभर में करीब साढ़े 7 लाख घरों की छत पर पैनल लग चुके हैं। इससे ज़रूरत की बिजली मुफ्त मिलेगी और बची हुई बिजली का पैसा सरकार आपको देगी। मैं दिल्ली के लोगों को विश्वास दिलाता हूं, दिल्ली में भाजपा का मुख्यमंत्री बनते ही, प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना और तेजी से लागू की जाएगी।

साथियों,

आज दिल्ली के करीब 75 लाख जरूरतमंदों को, भारत सरकार मुफ्त राशन दे रही है। एक देश एक राशन कार्ड, वन नेशन वन राशन कार्ड योजना ने दिल्ली के लोगों की बड़ी मदद की है। वरना कुछ साल पहले तक तो दिल्ली में राशन कार्ड बनाना तक मुश्किल था। पुराने अखबार निकालकर देखिए क्या-क्या होता था। आप-दा वाले तो राशन कार्ड बनाने में भी घूस लेते थे। आज घूसखोरी का रास्ता भी बंद हुआ है और राशन के खर्च में भी बचत हो रही है।

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साथियों,

दिल्ली के गरीब हों, मध्यम वर्गीय परिवार हों, उनको सस्ती दवाएं मिले, इसके लिए करीब 500 जनऔषधि केंद्र यहां दिल्ली में बनाए गए हैं। इन केंद्रों पर 80 परसेंट से अधिक डिस्काउंट पर दवाएं उपलब्ध हैं, 100 रूपए की दवाई 15 रूपए, 20 रूपए में मिलती है। इन सस्ती दवाओं से दिल्ली के लोगों को हर महीने हज़ारों रुपए की बचत हो रही है।

साथियों,

मैं तो दिल्लीवालों को मुफ्त इलाज की सुविधा देने वाली आयुष्मान योजना का भी लाभ देना चाहता हूं। लेकिन आप-दा सरकार को दिल्लीवालों से बड़ी दुश्मनी है। पूरे देश में आयुष्मान योजना लागू है, लेकिन इस योजना को आप-दा वाले यहां लागू नहीं होने दे रहे। इसका नुकसान दिल्ली वालों को उठाना पड़ रहा है। और सबसे बड़ी बात, हमारे दिल्ली के व्यापारी देशभर में जाते-आते रहते हैं, दिल्ली के प्रोफेशनल देशभर में जाते-आते रहते हैं, दिल्ली के नौजवान देशभर में जाते-आते रहते हैं, घूमने-फिरने जाते हैं। हिंदुस्तान के किसी कोने में गए और कुछ हो गया अगर आयुष्मान कार्ड होगा तो कार्ड वहां पर भी आपके ट्रीटमेंट के गारंटी बन जाएगा। लेकिन ये लाभ दिल्ली को नहीं मिल रहा है क्योंकि दिल्ली की आप-दा सरकार आपको आयुष्मान से जोड़ नहीं रही है। और इसलिए हिंदुस्तान में कहीं गए, कुछ हो गया ये मोदी चाहते हुए भी आपकी सेवा नहीं कर पाता है ये आपदा के पाप के कारण।

साथियों,

भाजपा सरकार 70 साल की आयु के ऊपर के बुजुर्गों को भी आयुष्मान योजना के दायरे में ले आई है। किसी भी परिवार का 70 साल के ऊपर का व्यक्ति, अब उनके बच्चों को उसकी बीमारी की चिंता नहीं करनी पड़ेगी, ये आपका बेटा उनकी चिंता करेगा। लेकिन मुझे बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि ये बेटा दिल्ली के बुजुर्गों की कितनी ही सेवा करना चाहे, लेकिन आप-दा वालों ने दिल्ली के बुजुर्गों को उस सेवा से वंचित कर दिया है, फायदा नहीं ले पा रहे हैं। आप-दा वालों का स्वार्थ, आप-दा वालों की ज़िद्द, आप-दा वालों का अहंकार, आपके जीवन से वो ज्यादा बड़ा मानते हैं।

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साथियों,

दिल्ली के लोगों के लिए भारत सरकार पूरी संवेदनशीलता से काम कर रही है। दिल्ली की अनेकों कॉलोनियों को रेगुलर करके भाजपा सरकार ने लाखों लोगों की चिंता दूर की, लेकिन यहां की आप-दा सरकार ने, यहां की राज्य सरकार ने उन्हें आप-दा का शिकार बना डाला। केंद्र की भाजपा सरकार लोगों की मदद के लिए स्पेशल सिंगल विंडो कैंप चला रही है, लेकिन आप-दा सरकार, इन कॉलोनियों में पानी की, सीवर की, सुविधाएं तक ठीक से नहीं दे रही हैं। इसके चलते, लाखों दिल्ली वासियों को बहुत परेशानी हो रही है। घर बनाने में लाखों रुपए लगाने के बाद भी अगर सीवर ना हो, नालियां टूटी हों, गली में गंदा पानी बहता हो, तो दिल्ली के लोगों का दिल दुखना बहुत स्वभाविक है। जो लोग दिल्ली के लोगों से विश्वासघात करके, झूठी कसमें खाके, अपने लिए शीशमहल बनवा लेते हैं, उनसे जब ये आप-दा जाएगी और भाजपा आएगी, तो इन सारी समस्याओं का भी समाधान भी किया जाएगा।

साथियों,

आपको याद रखना है जहां-जहां आप-दा का दखल नहीं है, वहां हर काम अच्छे से होता है। आपके सामने DDA-दिल्ली डवलपमेंट अथॉरिटी का उदाहरण है। DDA में आप-दा का उतना दखल नहीं है। इसके कारण, DDA गरीबों और मध्यम वर्ग के लिए नए घर बना पा रही है। दिल्ली के हर घर तक पाइप से सस्ती गैस पहुंचाने का काम तेज़ी से चल रहा है। ये काम भी इसलिए हो पा रहा है क्योंकि इसमें भी आप-दा की दखल नहीं है। दिल्ली में इतने सारे हाईवे बन रहे हैं, एक्सप्रेसवे बन रहे हैं, ये भी इसलिए बन पा रहे हैं क्योंकि इसमें आप-दा की दखल नहीं है।

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साथियों,

आप-दा वाले दिल्ली को सिर्फ समस्याएं दे सकते हैं, वहीं भाजपा, दिल्ली के लोगों की समस्याओं का समाधान करने में जुटी है। दो दिन पहले ही हमारे दिल्ली के सातों एमपी, हमारे सांसदों ने यहां की ट्रैफिक की समस्या को दूर करने के लिए अहम सुझाव भारत सरकार को दिए थे। दिल्ली एयरपोर्ट के नजदीक शिव मूर्ति से नेल्सन मंडेला मार्ग तक टनल बनाना हो, दिल्ली अमृतसर कटरा एक्सप्रेसवे को K.M.P एक्सप्रेसवे से जोड़ना हो, दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे को अर्बन एक्सटेंशन रोड– टू से जोड़ना हो, या दिल्ली का ईस्टर्न बाईपास हो, ये हमारे सांसदों ने जो सुझाव दिए हैं इन सुझावों को भारत सरकार ने मान लिया है, इन पर सैद्धांतिक सहमति दे दी है। इनसे आने वाले समय में दिल्ली में ट्रैफिक की समस्या का समाधान होगा।

साथियों,

साल 2025, दिल्ली में सुशासन की नई धारा तय करेगा। ये साल, राष्ट्र प्रथम, देशवासी प्रथम, मेरे लिए दिल्ली वासी प्रथम इस भाव को सशक्त करेगा। ये साल, दिल्ली में राष्ट्र निर्माण और जनकल्याण की नई राजनीति का शुभारंभ करेगा। और इसलिए, आप-दा को हटाना है, भाजपा को लाना है, आप-दा को हटाना है, भाजपा को लाना है, आप-दा को हटाना है, भाजपा को लाना है, आप-दा को हटाना है, भाजपा को लाना है। इसी विश्वास के साथ, आप सभी को नए घरों के लिए, नए शिक्षा संस्थानों के लिए फिर से एक बार बहुत-बहुत बधाई। मेरे साथ बोलिए-

भारत माता की जय।

दोनों हाथ ऊपर करके पूरी ताकत से बोलिए, आप-दा से मुक्ति का नारा चाहिए-

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

बहुत-बहुत धन्यवाद।

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प्रधानमंत्री मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन
May 12, 2025
Quoteआज, हर आतंकी, आतंक का हर संगठन जान चुका है कि हमारी बहनों-बेटियों के माथे से सिंदूर हटाने का अंजाम क्या होता है: प्रधानमंत्री
Quoteऑपरेशन सिंदूर न्याय की अखंड प्रतिज्ञा है: प्रधानमंत्री
Quoteआतंकियों ने हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ा था; इसलिए भारत ने आतंक के मुख्यालय को ही उजाड़ दिया: प्रधानमंत्री
Quoteपाकिस्तान की तैयारी सीमा पर वार की थी, लेकिन भारत ने पाकिस्तान के सीने पर वार कर दिया: प्रधानमंत्री
Quoteऑपरेशन सिंदूर ने आतंक के खिलाफ लड़ाई में एक नई लकीर खींच दी है, एक नया पैमाना, न्यू नॉर्मल तय कर दिया है: प्रधानमंत्री
Quoteनिश्चित तौर पर यह युग युद्ध का नहीं है, लेकिन यह युग आतंकवाद का भी नहीं है: प्रधानमंत्री
Quoteआतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस एक बेहतर दुनिया की गारंटी है: प्रधानमंत्री
Quoteटेरर और टॉक, एक साथ नहीं हो सकते, टेरर और ट्रेड, एक साथ नहीं चल सकते, पानी और खून भी एक साथ नहीं बह सकता: प्रधानमंत्री
Quoteपाकिस्तान के साथ बात होगी, तो टेररिज्म पर होगी, पाकिस्तान से बात होगी, तो पीओके पर होगी: प्रधानमंत्री

प्रिय देशवासियों,

नमस्कार!

हम सभी ने बीते दिनों में देश का सामर्थ्य और उसका संयम दोनों देखा है। मैं सबसे पहले भारत की पराक्रमी सेनाओं को, सशस्त्र बलों को, हमारी खुफिया एजेंसियों को, हमारे वैज्ञानिकों को, हर भारतवासी की तरफ से सैल्यूट करता हूं। हमारे वीर सैनिकों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए असीम शौर्य का प्रदर्शन किया। मैं उनकी वीरता को, उनके साहस को, उनके पराक्रम को, आज समर्पित करता हूं- हमारे देश की हर माता को, देश की हर बहन को, और देश की हर बेटी को, ये पराक्रम समर्पित करता हूं।

साथियों,

22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादियों ने जो बर्बरता दिखाई थी, उसने देश और दुनिया को झकझोर दिया था। छुट्टियां मना रहे निर्दोष-मासूम नागरिकों को धर्म पूछकर, उनके परिवार के सामने, उनके बच्चों के सामने, बेरहमी से मार डालना, ये आतंक का बहुत विभत्स चेहरा था, क्रूरता थी। ये देश के सद्भाव को तोड़ने की घिनौनी कोशिश भी थी। मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से ये पीड़ा बहुत बड़ी थी। इस आतंकी हमले के बाद सारा राष्ट्र, हर नागरिक, हर समाज, हर वर्ग, हर राजनीतिक दल, एक स्वर में, आतंक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए उठ खड़ा हुआ। हमने आतंकवादियों को मिट्टी में मिलाने के लिए भारत की सेनाओं को पूरी छूट दे दी। और आज हर आतंकी, आतंक का हर संगठन जान चुका है कि हमारी बहनों-बेटियों के माथे से सिंदूर हटाने का अंजाम क्या होता है।

साथियों,

‘ऑपरेशन सिंदूर’ ये सिर्फ नाम नहीं है, ये देश के कोटि-कोटि लोगों की भावनाओं का प्रतिबिंब है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ न्याय की अखंड प्रतिज्ञा है। 6 मई की देर रात, 7 मई की सुबह, पूरी दुनिया ने इस प्रतिज्ञा को परिणाम में बदलते देखा है। भारत की सेनाओं ने पाकिस्तान में आतंक के ठिकानों पर, उनके ट्रेनिंग सेंटर्स पर सटीक प्रहार किया। आतंकियों ने सपने में भी नहीं सोचा था कि भारत इतना बड़ा फैसला ले सकता है। लेकिन जब देश एकजुट होता है, Nation First की भावना से भरा होता है, राष्ट्र सर्वोपरि होता है, तो फौलादी फैसले लिए जाते हैं, परिणाम लाकर दिखाए जाते हैं।

जब पाकिस्तान में आतंक के अड्डों पर भारत की मिसाइलों ने हमला बोला, भारत के ड्रोन्स ने हमला बोला, तो आतंकी संगठनों की इमारतें ही नहीं, बल्कि उनका हौसला भी थर्रा गया। बहावलपुर और मुरीदके जैसे आतंकी ठिकाने, एक प्रकार से ग्लोबल टैररिज्म की यूनिवर्सटीज रही हैं। दुनिया में कहीं पर भी जो बड़े आतंकी हमले हुए हैं, चाहे नाइन इलेवन हो, चाहे लंदन ट्यूब बॉम्बिंग्स हो, या फिर भारत में दशकों में जो बड़े-बड़े आतंकी हमले हुए हैं, उनके तार कहीं ना कहीं आतंक के इन्हीं ठिकानों से जुड़ते रहे हैं। आतंकियों ने हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ा था, इसलिए भारत ने आतंक के ये हेडक्वार्ट्स उजाड़ दिए। भारत के इन हमलों में 100 से अधिक खूंखार आतंकवादियों को मौत के घाट उतारा गया है। आतंक के बहुत सारे आका, बीते ढाई-तीन दशकों से खुलेआम पाकिस्तान में घूम रहे थे, जो भारत के खिलाफ साजिशें करते थे, उन्हें भारत ने एक झटके में खत्म कर दिया।

साथियों,

भारत की इस कार्रवाई से पाकिस्तान घोर निराशा में घिर गया था, हताशा में घिर गया था, बौखला गया था, और इसी बौखलाहट में उसने एक और दुस्साहस किया। आतंक पर भारत की कार्रवाई का साथ देने के बजाय पाकिस्तान ने भारत पर ही हमला करना शुरू कर दिया। पाकिस्तान ने हमारे स्कूलों-कॉलेजों को, गुरुद्वारों को, मंदिरों को, सामान्य नागरिकों के घरों को निशाना बनाया, पाकिस्तान ने हमारे सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, लेकिन इसमें भी पाकिस्तान खुद बेनकाब हो गया।

दुनिया ने देखा कि कैसे पाकिस्तान के ड्रोन्स और पाकिस्तान की मिसाइलें, भारत के सामने तिनके की तरह बिखर गईं। भारत के सशक्त एयर डिफेंस सिस्टम ने, उन्हें आसमान में ही नष्ट कर दिया। पाकिस्तान की तैयारी सीमा पर वार की थी, लेकिन भारत ने पाकिस्तान के सीने पर वार कर दिया। भारत के ड्रोन्स, भारत की मिसाइलों ने सटीकता के साथ हमला किया। पाकिस्तानी वायुसेना के उन एयरबेस को नुकसान पहुंचाया, जिस पर पाकिस्तान को बहुत घमंड था। भारत ने पहले तीन दिनों में ही पाकिस्तान को इतना तबाह कर दिया, जिसका उसे अंदाजा भी नहीं था।

इसलिए, भारत की आक्रामक कार्रवाई के बाद, पाकिस्तान बचने के रास्ते खोजने लगा। पाकिस्तान, दुनिया भर में तनाव कम करने की गुहार लगा रहा था। और बुरी तरह पिटने के बाद इसी मजबूरी में 10 मई की दोपहर को पाकिस्तानी सेना ने हमारे DGMO को संपर्क किया। तब तक हम आतंकवाद के इंफ्रास्ट्रक्चर को बड़े पैमाने पर तबाह कर चुके थे, आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया गया था, पाकिस्तान के सीने में बसाए गए आतंक के अड्डों को हमने खंडहर बना दिया था, इसलिए, जब पाकिस्तान की तरफ से गुहार लगाई गई, पाकिस्तान की तरफ से जब ये कहा गया, कि उसकी ओर से आगे कोई आतंकी गतिविधि और सैन्य दुस्साहस नहीं दिखाया जाएगा। तो भारत ने भी उस पर विचार किया। और मैं फिर दोहरा रहा हूं, हमने पाकिस्तान के आतंकी और सैन्य ठिकानों पर अपनी जवाबी कार्रवाई को अभी सिर्फ स्थगित किया है। आने वाले दिनों में, हम पाकिस्तान के हर कदम को इस कसौटी पर मापेंगे, कि वो क्या रवैया अपनाता है।

साथियों,

भारत की तीनों सेनाएं, हमारी एयरफोर्स, हमारी आर्मी, और हमारी नेवी, हमारी बॉर्डर सेक्योरिटी फोर्स- BSF, भारत के अर्धसैनिक बल, लगातार अलर्ट पर हैं। सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के बाद, अब ऑपरेशन सिंदूर आतंक के खिलाफ भारत की नीति है। ऑपरेशन सिंदूर ने आतंक के खिलाफ लड़ाई में एक नई लकीर खींच दी है, एक नया पैमाना, न्यू नॉर्मल तय कर दिया है।

पहला- भारत पर आतंकी हमला हुआ तो मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। हम अपने तरीके से, अपनी शर्तों पर जवाब देकर रहेंगे। हर उस जगह जाकर कठोर कार्यवाही करेंगे, जहां से आतंक की जड़ें निकलती हैं। दूसरा- कोई भी न्यूक्लियर ब्लैकमेल भारत नहीं सहेगा। न्यूक्लियर ब्लैकमेल की आड़ में पनप रहे आतंकी ठिकानों पर भारत सटीक और निर्णायक प्रहार करेगा।

तीसरा- हम आतंक की सरपरस्त सरकार और आतंक के आकाओं को अलग-अलग नहीं देखेंगे। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, दुनिया ने, पाकिस्तान का वो घिनौना सच फिर देखा है, जब मारे गए आतंकियों को विदाई देने, पाकिस्तानी सेना के बड़े-बड़े अफसर उमड़ पड़े। स्टेट स्पॉन्सरड टेरेरिज्म का ये बहुत बड़ा सबूत है। हम भारत और अपने नागरिकों को किसी भी खतरे से बचाने के लिए लगातार निर्णायक कदम उठाते रहेंगे।

साथियों,

युद्ध के मैदान पर हमने हर बार पाकिस्तान को धूल चटाई है। और इस बार ऑपरेशन सिंदूर ने नया आयाम जोड़ा है। हमने रेगिस्तानों और पहाड़ों में अपनी क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया, और साथ ही, न्यू एज वॉरफेयर में भी अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की। इस ऑपरेशन के दौरान, हमारे मेड इन इंडिया हथियारों की प्रमाणिकता सिद्ध हुई। आज दुनिया देख रही है, 21वीं सदी के वॉरफेयर में मेड इन इंडिया डिफेंस इक्विपमेंट्स, इसका समय आ चुका है।

साथियों,

हर प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ हम सभी का एकजुट रहना, हमारी एकता, हमारी सबसे बड़ी शक्ति है। निश्चित तौर पर ये युग युद्ध का नहीं है, लेकिन ये युग आतंकवाद का भी नहीं है। टैररिज्म के खिलाफ जीरो टॉलरेंस, ये एक बेहतर दुनिया की गारंटी है।

साथियों,

पाकिस्तानी फौज, पाकिस्तान की सरकार, जिस तरह आतंकवाद को खाद-पानी दे रहे है, वो एक दिन पाकिस्तान को ही समाप्त कर देगा। पाकिस्तान को अगर बचना है तो उसे अपने टैरर इंफ्रास्ट्रक्चर का सफाया करना ही होगा। इसके अलावा शांति का कोई रास्ता नहीं है। भारत का मत एकदम स्पष्ट है, टैरर और टॉक, एक साथ नहीं हो सकते, टैरर और ट्रेड, एक साथ नहीं चल सकते। और, पानी और खून भी एक साथ नहीं बह सकता।

मैं आज विश्व समुदाय को भी कहूंगा, हमारी घोषित नीति रही है, अगर पाकिस्तान से बात होगी, तो टेरेरिज्म पर ही होगी, अगर पाकिस्तान से बात होगी, तो पाकिस्तान ऑक्यूपाइड कश्मीर, PoK उस पर ही होगी।

प्रिय देशवासियों,

आज बुद्ध पूर्णिमा है। भगवान बुद्ध ने हमें शांति का रास्ता दिखाया है। शांति का मार्ग भी शक्ति से होकर जाता है। मानवता, शांति और समृद्धि की तरफ बढ़े, हर भारतीय शांति से जी सके, विकसित भारत के सपने को पूरा कर सके, इसके लिए भारत का शक्तिशाली होना बहुत जरूरी है, और आवश्यकता पड़ने पर इस शक्ति का इस्तेमाल भी जरूरी है। और पिछले कुछ दिनों में, भारत ने यही किया है।

मैं एक बार फिर भारत की सेना और सशस्त्र बलों को सैल्यूट करता हूं। हम भारतवासी के हौसले, हर भारतवासी की एकजुटता का शपथ, संकल्प, मैं उसे नमन करता हूं।

बहुत-बहुत धन्यवाद।

भारत माता की जय !!!

भारत माता की जय !!!

भारत माता की जय !!!