राजकोट, बठिंडा, रायबरेली, कल्याणी और मंगलागिरी में पांच एम्स भी देश को समर्पित किए
23 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में 11,500 करोड़ रुपये से अधिक की 200 से अधिक स्वास्थ्य देखभाल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की आधारशिला रखते हुए उन्हें राष्ट्र को समर्पित किया गया
पुणे में 'निसर्ग ग्राम' नामक राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान का उद्घाटन किया गया
कर्मचारी राज्य बीमा निगम की लगभग 2280 करोड़ रुपये की 21 परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए राष्ट्र को समर्पित किया गया
विभिन्न नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई
9000 करोड़ रुपये से अधिक की नई मुंद्रा-पानीपत पाइपलाइन परियोजना की आधारशिला रखी गई
"हम सरकार को दिल्ली से बाहर ले जा रहे हैं और महत्वपूर्ण राष्ट्रीय कार्यक्रम दिल्ली के बाहर आयोजित करने का चलन बढ़ रहा है"
"नया भारत तेजी से काम पूरा कर रहा है"
"मैं देख सकता हूं कि पीढ़ियां बदल गई हैं लेकिन मोदी के प्रति स्नेह किसी भी उम्र सीमा से परे है"
“जलमग्न द्वारका के दर्शन से, विकास और विरासत के प्रति मेरे संकल्प को नई ताकत मिली है; मेरे विकसित भारत के लक्ष्य में ईश्वरीय आस्था जुड़ गयी है”
“7 दशकों में 7 एम्स स्वीकृत हुए, उनमें से कुछ कभी पूरे नहीं हुए। पिछले 10 दिनों में 7 एम्स का उद्घाटन या शिलान्यास हुआ है”
"जब मोदी भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति बनाने की गारंटी देता है, तो इसका मतलब सभी के लिए स्वास्थ्य और सभी के लिए समृद्धि है"

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

मंच पर उपस्थित गुजरात के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्रीमान भूपेंद्र भाई पटेल, केंद्र में मंत्रिपरिषद के मेरे सहयोगी मनसुख मांडविया, गुजरात प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष और संसद में मेरे साथी सी आर पाटिल, मंच पर विराजमान अन्य सभी वरिष्ठ महानुभाव, और राजकोट के मेरे भाइयों और बहनों, नमस्कार।

आज के इस कार्यक्रम से देश के अनेक राज्यों से बहुत बड़ी संख्या में अन्य लोग भी जुड़े हैं। कई राज्यों के माननीय मुख्यमंत्री, माननीय गवर्नर श्री, विधायकगण, सांसदगण, केंद्र के मंत्रीगण, ये सब इस कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेंसिंग से हमारे साथ जुड़े हैं। मैं उन सभी का भी हृदय से बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं।

एक समय था, जब देश के सारे प्रमुख कार्यक्रम दिल्ली में ही होकर रह जाते थे। मैंने भारत सरकार को दिल्ली से बाहर निकालकर देश के कोने-कोने तक पहुंचा दिया है और आज राजकोट पहुंच गए। आज का ये कार्यक्रम भी इसी बात का गवाह है। आज इस एक कार्यक्रम से देश के अनेकों शहरों में विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास होना, एक नई परंपरा को आगे बढ़ा रहा है। कुछ दिन पहले ही मैं जम्मू कश्मीर में था। वहां से मैंने IIT भिलाई, IIT तिरुपति, ट्रिपल आईटी DM कुरनूल, IIM बोध गया, IIM जम्मू, IIM विशाखापट्टनम और IIS कानपुर के कैंपस का एक साथ जम्‍मू से लोकार्पण किया था। और अब आज यहां राजकोट से- एम्स राजकोट, एम्स रायबरेली, एम्स मंगलगिरी, एम्स भटिंडा, एम्स कल्याणी का लोकार्पण हुआ है। पांच एम्स, विकसित होता भारत, ऐसे ही तेज गति से काम कर रहा है, काम पूरे कर रहा है।

साथियों,

आज मैं राजकोट आया हूं, तो बहुत कुछ पुराना भी याद आ रहा है। मेरे जीवन का कल एक विशेष दिन था। मेरी चुनावी यात्रा की शुरुआत में राजकोट की बड़ी भूमिका है। 22 साल पहले 24 फरवरी को ही राजकोट ने मुझे पहली बार आशीर्वाद दिया था, अपना MLA चुना था। और आज 25 फरवरी के दिन मैंने पहली बार राजकोट के विधायक के तौर पर गांधीनगर विधानसभा में शपथ ली थी, जिंदगी में पहली बार। आपने तब मुझे अपने प्यार, अपने विश्वास का कर्जदार बना दिया था। लेकिन आज 22 साल बाद मैं राजकोट के एक-एक परिजन को गर्व के साथ कह सकता हूं कि मैंने आपके भरोसे पर खरा उतरने की पूरी कोशिश की है।

आज पूरा देश इतना प्यार दे रहा है, इतने आशीर्वाद दे रहा है, तो इसके यश का हकदार ये राजकोट भी है। आज जब पूरा देश, तीसरी बार-NDA सरकार को आशीर्वाद दे रहा है, आज जब पूरा देश, अबकी बार-400 पार का विश्वास, 400 पार का विश्वास कर रहा है। तब मैं पुन: राजकोट के एक-एक परिजन को सिर झुकाकर नमन करता हूं। मैं देख रहा हूं, पीढ़ियां बदल गई हैं, लेकिन मोदी के लिए स्नेह हर आयु सीमा से परे है। ये जो आपका कर्ज है, इसको मैं ब्याज के साथ, विकास करके चुकाने का प्रयास करता हूं।

साथियों,

मैं आप सबकी भी क्षमा चाहता हूं, और सभी अलग-अलग राज्यों में माननीय मुख्यमंत्री और वहां के जो नागरिक बैठे हैं, मैं उन सबसे भी क्षमा मांगता हूं क्योंकि मुझे आज आने में थोड़ा विलंब हो गया, आपको इंतजार करना पड़ा। लेकिन इसके पीछे कारण ये था कि आज मैं द्वारका में भगवान द्वारकाधीश के दर्शन करके, उन्हें प्रणाम करके राजकोट आया हूं। द्वारका को बेट द्वारका से जोड़ने वाले सुदर्शन सेतु का लोकार्पण भी मैंने किया है। द्वारका की इस सेवा के साथ-साथ ही आज मुझे एक अद्भुत आध्यात्मिक साधना का लाभ भी मिला है। प्राचीन द्वारका, जिसके बारे में कहते हैं कि उसे खुद भगवान श्रीकृष्ण ने बसाया था, आज वो समुद्र में डूब गई है, आज मेरा सौभाग्य था कि मैं समुद्र के भीतर जाकर बहुत गहराई में चला गया और भीतर जाकर मुझे उस समुद्र में डूब चुकी श्रीकृष्‍ण वाली द्वारका, उसके दर्शन करने का और जो अवशेष हैं, उसे स्पर्श करके जीवन को धन्य बनाने का, पूजन करने का, वहां कुछ पल प्रभु श्रीकृष्ण का स्मरण करने का मुझे सौभाग्य मिला। मेरे मन में लंबे अर्से से ये इच्छा थी कि भगवान कृष्ण की बसाई उस द्वारका भले ही पानी के भीतर रही हो, कभी न कभी जाऊंगा, मत्था टेकुंगा और वो सौभाग्य आज मुझे मिला। प्राचीन ग्रंथों में द्वारका के बारे में पढ़ना, पुरातत्वविदों की खोजों को जानना, ये हमें आश्चर्य से भर देता है। आज समंदर के भीतर जाकर मैंने उसी दृश्य को अपनी आंखों से देखा, उस पवित्र भूमि को स्पर्श किया। मैंने पूजन के साथ ही वहां मोर पंख को भी अर्पित किया। उस अनुभव ने मुझे कितना भाव विभोर किया है, ये शब्दों में बताना मेरे लिए मुश्किल है। समंदर के गहरे पानी में मैं यही सोच रहा था कि हमारे भारत का वैभव, उसके विकास का स्तर कितना ऊंचा रहा है। मैं समुद्र से जब बाहर निकला, तो भगवान श्रीकृष्ण के आशीर्वाद के साथ-साथ मैं द्वारका की प्रेरणा भी अपने साथ लेकर लाया हूं। विकास और विरासत के मेरे संकल्पों को आज एक नई ताकत मिली है, नई ऊर्जा मिली है, विकसित भारत के मेरे लक्ष्य से आज दैवीय विश्वास उसके साथ जुड़ गया है।

साथियों,

आज भी यहां 48 हज़ार करोड़ से ज्यादा के प्रोजेक्ट्स आपको, पूरे देश को मिले हैं। आज न्यू मुंद्रा-पानीपत पाइपलाइन प्रोजेक्ट का शिलान्यास हुआ है। इससे गुजरात से कच्चा तेल सीधे हरियाणा की रिफाइनरी तक पाइप से पहुंचेगा। आज राजकोट सहित पूरे सौराष्ट्र को रोड, उसके bridges, रेल लाइन के दोहरीकरण, बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा सहित अनेक सुविधाएं भी मिली हैं। इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बाद, अब एम्स भी राजकोट को समर्पित है और इसके लिए राजकोट को, पूरे सौराष्‍ट्र को, पूरे गुजरात को बहुत-बहुत बधाई! और देश में जिन-जिन स्‍थानों पर आज ये एम्स समर्पित हो रहा है, वहां के भी सब नागरिक भाई-बहनों को मेरी तरफ से बहुत-बहुत बधाई।

साथियों,

आज का दिन सिर्फ राजकोट और गुजरात के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए भी ऐतिहासिक है। दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था का हेल्थ सेक्टर कैसा होना चाहिए? विकसित भारत में स्वास्थ्य सुविधाओं का स्तर कैसा होगा? इसकी एक झलक आज हम राजकोट में देख रहे हैं। आज़ादी के 50 सालों तक देश में सिर्फ एक एम्स था और भी दिल्ली में। आज़ादी के 7 दशकें में सिर्फ 7 एम्स को मंजूरी दी गई, लेकिन वो भी कभी पूरे नहीं बन पाए। और आज देखिए, बीते सिर्फ 10 दिन में, 10 दिन के भीतर-भीतर, 7 नए एम्स का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। इसलिए ही मैं कहता हूं कि जो 6-7 दशकों में नहीं हुआ, उससे कई गुना तेजी से हम देश का विकास करके, देश की जनता के चरणों में समर्पित कर रहे हैं। आज 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 200 से अधिक हेल्थ केयर इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का भी शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। इनमें मेडिकल कॉलेज हैं, बड़े अस्पतालों के सैटेलाइट सेंटर हैं, गंभीर बीमारियों के लिए इलाज से जुड़े बड़े अस्पताल हैं।

साथियों,

आज देश कह रहा है, मोदी की गारंटी यानि गारंटी पूरा होने की गारंटी। मोदी की गारंटी पर ये अटूट भरोसा क्यों है, इसका जवाब भी एम्स में मिलेगा। मैंने राजकोट को गुजरात के पहले एम्स की गारंटी दी थी। 3 साल पहले शिलान्यास किया और आज लोकार्पण किया- आपके सेवक ने गारंटी पूरी की। मैंने पंजाब को अपने एम्स की गारंटी दी थी, भटिंडा एम्स का शिलान्यास भी मैंने किया था और आज लोकार्पण भी मैं ही कर रहा हूं- आपके सेवक ने गारंटी पूरी की। मैंने यूपी के रायबरेली को एम्स की गारंटी दी थी। कांग्रेस के शाही परिवार ने रायबरेली में सिर्फ राजनीति की, काम मोदी ने किया। मैंने रायबरेली एम्स का 5 साल पहले शिलान्यास किया और आज लोकार्पण किया। आपके इस सेवक ने गारंटी पूरी की। मैंने पश्चिम बंगाल को पहले एम्स की गारंटी दी थी, आज कल्याणी एम्स का लोकार्पण भी हुआ-आपके सेवक ने गारंटी पूरी कर दी। मैंने आंध्र प्रदेश को पहले एम्स की गारंटी दी थी, आज मंगलगिरी एम्स का लोकार्पण हुआ- आपके सेवक ने वो गारंटी भी पूरी कर दी। मैंने हरियाणा के रेवाड़ी को एम्स की गारंटी दी थी, कुछ दिन पहले ही, 16 फरवरी को उसकी आधारशिला रखी गई है। यानि आपके सेवक ने ये गारंटी भी पूरी की। बीते 10 वर्षों में हमारी सरकार ने 10 नए एम्स देश के अलग-अलग राज्यों में स्वीकृत किए हैं। कभी राज्यों के लोग केंद्र सरकार से एम्स की मांग करते-करते थक जाते थे। आज एक के बाद एक देश में एम्स जैसे आधुनिक अस्पताल और मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं। तभी तो देश कहता है- जहां दूसरों से उम्मीद खत्म हो जाती है, मोदी की गारंटी वहीं से शुरू हो जाती है।

साथियों,

भारत ने कोरोना को कैसे हराया, इसकी चर्चा आज पूरी दुनिया में होती है। हम ये इसलिए कर पाए, क्योंकि बीते 10 वर्षों में भारत का हेल्थ केयर सिस्टम पूरी तरह से बदल गया है। बीते दशक में एम्स, मेडिकल कॉलेज और क्रिटिकल केयर इंफ्रास्ट्रक्चर के नेटवर्क का अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। हमने छोटी-छोटी बीमारियों के लिए गांव-गांव में डेढ़ लाख से ज्यादा आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनाए हैं, डेढ़ लाख से ज्यादा। 10 साल पहले देश में करीब-करीब 380-390 मेडिकल कॉलेज थे, आज 706 मेडिकल कॉलेज हैं। 10 साल पहले MBBS की सीटें लगभग 50 हज़ार थीं, आज 1 लाख से अधिक हैं। 10 साल पहले मेडिकल की पोस्ट ग्रेजुएट सीटें करीब 30 हज़ार थीं, आज 70 हज़ार से अधिक हैं। आने वाले कुछ वर्षों में भारत में जितने युवा डॉक्टर बनने जा रहे हैं, उतने आजादी के बाद 70 साल में भी नहीं बने। आज देश में 64 हज़ार करोड़ रुपए का आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन चल रहा है। आज भी यहां अनेक मेडिकल कॉलेज, टीबी के इलाज से जुड़े अस्पताल और रिसर्च सेंटर, PGI के सैटेलाइट सेंटर, क्रिटिकल केयर ब्लॉक्स, ऐसे अनेक प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण किया गया है। आज ESIC के दर्जनों अस्पताल भी राज्यों को मिले हैं।

साथियों,

हमारी सरकार की प्राथमिकता, बीमारी से बचाव और बीमारी से लड़ने की क्षमता बढ़ाने की भी है। हमने पोषण पर बल दिया है, योग-आयुष और स्वच्छता पर बल दिया है, ताकि बीमारी से बचाव हो। हमने पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धति और आधुनिक चिकित्सा, दोनों को बढ़ावा दिया है। आज ही महाराष्ट्र और हरियाणा में योग और नेचुरोपैथी से जुड़े दो बड़े अस्पताल और रिसर्च सेंटर का भी उद्घाटन हुआ है। यहां गुजरात में ही पारंपरिक चिकित्सा पद्धति से जुड़ा WHO का वैश्विक सेंटर भी बन रहा है।

साथियों,

हमारी सरकार का ये निरंतर प्रयास है कि गरीब हो या मध्यम वर्ग, उसको बेहतर इलाज भी मिले और उसकी बचत भी हो। आयुष्मान भारत योजना की वजह से गरीबों के एक लाख करोड़ रुपए खर्च होने से बचे हैं। जन औषधि केंद्रों में 80 परसेंट डिस्काउंट पर दवा मिलने से गरीबों और मध्यम वर्ग के 30 हजार करोड़ रुपए खर्च होने से बचे हैं। यानि सरकार ने जीवन तो बचाया, इतना बोझ भी गरीब और मिडिल क्लास पर पड़ने से बचाया है। उज्ज्वला योजना से भी गरीब परिवारों को 70 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक की बचत हो चुकी है। हमारी सरकार ने जो डेटा सस्ता किया है, उसकी वजह से हर मोबाइल इस्तेमाल करने वाले के करीब-करीब 4 हजार रुपए हर महीने बच रहे हैं। टैक्स से जुड़े जो रिफॉर्म्स हुए हैं, उसके कारण भी टैक्सपेयर्स को लगभग ढाई लाख करोड़ रुपए की बचत हुई है।

साथियों,

अब हमारी सरकार एक और ऐसी योजना लेकर आई है, जिससे आने वाले वर्षों में अनेक परिवारों की बचत और बढ़ेगी। हम बिजली का बिल ज़ीरो करने में जुटे हैं और बिजली से परिवारों को कमाई का भी इंतजाम कर रहे हैं। पीएम सूर्य घर- मुफ्त बिजली योजना के माध्यम से हम देश के लोगों की बचत भी कराएंगे और कमाई भी कराएंगे। इस योजना से जुड़ने वाले लोगों को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिलेगी और बाकी बिजली सरकार खरीदेगी, आपको पैसे देगी।

साथियों,

एक तरफ हम हर परिवार को सौर ऊर्जा का उत्पादक बना रहे हैं, तो वहीं सूर्य और पवन ऊर्जा के बड़े प्लांट भी लगा रहे हैं। आज ही कच्छ में दो बड़े सोलर प्रोजेक्ट और एक विंड एनर्जी प्रोजेक्ट का शिलान्यास हुआ है। इससे रिन्यूएबल एनर्जी के उत्पादन में गुजरात की क्षमता का और विस्तार होगा।

साथियों,

हमारा राजकोट, उद्यमियों का, श्रमिकों, कारीगरों का शहर है। ये वो साथी हैं जो आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में बहुत बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। इनमें से अनेक साथी हैं, जिन्हें पहली बार मोदी ने पूछा है, मोदी ने पूजा है। हमारे विश्वकर्मा साथियों के लिए देश के इतिहास में पहली बार एक राष्ट्रव्यापी योजना बनी है। 13 हज़ार करोड़ रुपए की पीएम विश्वकर्मा योजना से अभी तक लाखों लोग जुड़ चुके हैं। इसके तहत उन्हें अपने हुनर को निखारने और अपने व्यापार को आगे बढ़ाने में मदद मिल रही है। इस योजना की मदद से गुजरात में 20 हजार से ज्यादा लोगों की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है। इनमें से प्रत्येक विश्वकर्मा लाभार्थी को 15 हजार रुपए तक की मदद भी मिल चुकी है।

साथियों,

आप तो जानते हैं कि हमारे राजकोट में, हमारे यहाँ सोनार का काम कितना बड़ा काम है। इस विश्वकर्मा योजना का लाभ इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को भी मिला है।

साथियों,

हमारे लाखों रेहड़ी-ठेले वाले साथियों के लिए पहली बार पीएम स्वनिधि योजना बनी है। अभी तक इस योजना के तहत लगभग 10 हज़ार करोड़ रुपए की मदद इन साथियों को दी जा चुकी है। यहां गुजरात में भी रेहड़ी-पटरी-ठेले वाले भाइयों को करीब 800 करोड़ रुपए की मदद मिली है। आप कल्पना कर सकते हैं कि जिन रेहड़ी-पटरी वालों को पहले दुत्कार दिया जाता था, उन्हें भाजपा किस तरह सम्मानित कर रही है। यहां राजकोट में भी पीएम स्वनिधि योजना के तहत 30 हजार से ज्यादा लोन दिए गए हैं।

साथियों,

जब हमारे ये साथी सशक्त होते हैं, तो विकसित भारत का मिशन सशक्त होता है। जब मोदी भारत को तीसरे नंबर की आर्थिक महाशक्ति बनाने की गारंटी देता है, तो उसका लक्ष्य ही, सबका आरोग्य और सबकी समृद्धि है। आज जो ये प्रोजेक्ट देश को मिले हैं, ये हमारे इस संकल्प को पूरा करेंगे, इसी कामना के साथ आपने जो भव्‍य स्‍वागत किया, एयरपोर्ट से यहां तक आने में पूरे रास्ते पर और यहां भी बीच में आकर के आप के दर्शन करने का अवसर मिला। पुराने कई साथियों के चेहरे आज बहुत सालों के बाद देखे हैं, सबको नमस्ते किया, प्रणाम किया। मुझे बहुत अच्छा लगा। मैं बीजेपी के राजकोट के साथियों का हृदय से अभिनंदन करता हूं। इतना बड़ा भव्य कार्यक्रम करने के लिए और फिर एक बार इन सारे विकास कामों के लिए और विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए हम सब मिलजुल करके आगे बढ़ें। आप सबको बहुत-बहुत बधाई। मेरे साथ बोलिए- भारत माता की जय! भारत माता की जय! भारत माता की जय!

बहुत-बहुत धन्यवाद!

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November 23, 2024
आज महाराष्ट्र ने विकास, सुशासन और सच्चे सामाजिक न्याय की जीत देखी है: पीएम मोदी
महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा को कांग्रेस और उसके सहयोगियों की कुल सीटों से कहीं ज़्यादा सीटें दी हैं: पीएम मोदी
महाराष्ट्र ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यह पिछले 50 सालों में किसी भी पार्टी या चुनाव-पूर्व गठबंधन की सबसे बड़ी जीत है: पीएम मोदी
‘एक हैं तो सेफ हैं’ देश का ‘महामंत्र’ बन गया है: पार्टी मुख्यालय में भाजपा कार्यकर्ताओं से पीएम मोदी
महाराष्ट्र देश का छठा राज्य बन गया है जिसने लगातार तीसरी बार भाजपा को जनादेश दिया है: पीएम मोदी

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।