Quote"स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0' का लक्ष्य शहरों को पूरी तरह से कचरा-मुक्त बनाना है"
Quote"मिशन अमृत के अगले चरण में देश का लक्ष्य है: 'सीवेज और सेप्टिक प्रबंधन में सुधार, हमारे शहरों को जल-सुरक्षित शहर बनाना और यह सुनिश्चित करना कि कहीं भी कोई सीवेज का गंदा नाला हमारी नदियों में आकर न गिरे"
Quote"स्वच्छ भारत अभियान और अमृत मिशन की यात्रा में मिशन भी है, मान भी है, मर्यादा भी है, एक देश की महत्वाकांक्षा भी है और मातृभूमि के लिए अप्रतिम प्रेम भी है"
Quote"बाबासाहेब अंबेडकर शहरी विकास को असमानता दूर करने का बहुत बड़ा माध्यम मानते थे.... स्वच्छ भारत मिशन और अमृत मिशन का अगला चरण बाबासाहेब के सपनों को पूरा करने की दिशा में एक अहम कदम सिद्ध होगा"
Quoteस्वच्छता हर किसी का, हर दिन, हर पखवाड़े, हर साल, पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाला महाअभियान है, स्वच्छता जीवनशैली है, स्वच्छता जीवन मंत्र है।”
Quote“2014 में, 20 प्रतिशत से भी कम कचरे को प्रोसेस किया जाता था, आज हम दैनिक कचरे के लगभग 70 प्रतिशत को प्रोसेस कर रहे हैं, अब, हमें इसे 100 प्रतिशत तक ले जाना है"

नमस्कार! कार्यक्रम में मेरे साथ उपस्थित कैबिनेट में मेरे सहयोगी श्री हरदीप सिंह पुरी जी, श्री गजेंद्र सिंह शेखावत जी, श्री प्रह्लाद सिंह पटेल जी, श्री कौशल किशोर जी, श्री बिंश्वेश्वर जी, सभी राज्यों के उपस्थित मंत्रीगण, अर्बन लोकल बॉडीज़ के मेयर्स और चेयरपर्सन्स, म्यूनिसिपल कमिश्नर्स, स्वच्छ भारत मिशन के, अमृत योजना के आप सभी सारथी, देवियों और सज्जनों!

मैं देश को स्वच्छ भारत अभियान और अमृत मिशन के अगले चरण में प्रवेश की बहुत-बहुत बधाई देता हूं। 2014 में देशवासियों ने भारत को खुले में शौच से मुक्त करने का-ODF बनाने का संकल्प लिया था। 10 करोड़ से ज्यादा शौचालयों के निर्माण के साथ देशवासियों ने ये संकल्प पूरा किया। अब ‘स्वच्छ भारत मिशन-अर्बन 2.0’ का लक्ष्य है Garbage-Free शहर, कचरे के ढेर से पूरी तरह मुक्त ऐसा शहर बनाना। अमृत मिशन इसमें देशवासियों की और मदद करने वाला है। शहरों में शत प्रतिशत लोगों की साफ पानी तक पहुंच हो, शहरों में सीवेज का बेहतरीन प्रबंधन हो, इस दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं। मिशन अमृत के अगले चरण में देश का लक्ष्य है- ‘सीवेज और सेप्टिक मैनेजमेंट बढ़ाना, अपने शहरों को Water secure cities’ बनाना और ये सुनिश्चित करना कि हमारी नदियों में कहीं पर भी कोई गंदा नाला न गिरे।

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साथियों,

स्वच्छ भारत अभियान और अमृत मिशन की अब तक की यात्रा वाकई हर देशवासी को गर्व से भर देने वाली है। इसमें मिशन भी है, मान भी है, मर्यादा भी है, एक देश की महत्वाकांक्षा भी है और मातृभूमि के लिए अप्रतिम प्रेम भी है। देश ने स्वच्छ भारत मिशन के माध्यम से जो हासिल किया है, वो हमें आश्वस्त करता है कि हर भारतवासी अपने कर्तव्यों के लिए कितना संवेदनशील है, कितना सतर्क है। इस सफलता में भारत के हर नागरिक का योगदान है, सबका परिश्रम है और सबका पसीना है। और हमारे स्वच्छता कर्मी, हमारे सफाई मित्र, हर रोज झाड़ू उठाकर सड़कों को साफ करने वाले हमारे भाई-बहन, कूड़े की बदबू को बर्दाश्त करते हुए कचरा साफ करने वाले हमारे साथी सच्‍चे अर्थ में इस अभियान के महानायक हैं। कोरोना के कठिन समय में उनके योगदान को देश ने करीब से देखा है, अनुभव किया है।

मैं देश की इन उपलब्धियों पर हर भारतवासी को बधाई के साथ ही, ‘स्वच्छ भारत मिशन-अर्बन टू प्वाइंट ओ’ और ‘अमृत टू प्वाइंट ओ’ के लिए शुभकामनाएं देता हूँ। और इससे सुखद और क्या होगा कि नई शुरुआत आज गांधी जयंती के एक दिन पहले हो रही है। ये अभियान पूज्‍य बापू की प्रेरणा का ही परिणाम है, और बापू के आदर्शों से ही सिद्धि की ओर बढ़ रहा है। आप कल्पना करिए, स्वच्छता के साथ साथ इससे हमारी माताओं-बहनों के लिए कितनी सुविधा बढ़ी है! पहले कितनी ही महिलाएं घर से नहीं निकल पाती थीं, काम पर नहीं जा पातीं थीं क्योंकि बाहर टॉयलेट की सुविधा ही नहीं होती थी। कितनी ही बेटियों को स्कूल में शौचालय ना होने की वजह से पढ़ाई छोड़नी पड़ती थी। अब इन सबमें बदलाव आ रहा है। आजादी के 75वें वर्ष में देश की इन सफलताओं को, आज के नए संकल्पों को, पूज्य बापू के चरणों में अर्पित करता हूँ और नमन करता हूँ।

साथियों,

हम सभी का ये भी सौभाग्य है कि आज ये कार्यक्रम बाबा साहेब को समर्पित इस इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित हो रहा है। बाबा साहेब, असमानता दूर करने का बहुत बड़ा माध्यम शहरी विकास को मानते थे। बेहतर जीवन की आकांक्षा में गांवों से बहुत से लोग शहरों की तरफ आते हैं। हम जानते हैं कि उन्हें रोजगार तो मिल जाता है लेकिन उनका जीवन स्तर गांवों से भी मुश्किल स्थिति में रहता है। ये उन पर एक तरह से दोहरी मार की तरह होता है। एक तो घर से दूर, और ऊपर से ऐसी कठिन स्थिति में रहना। इस हालात को बदलने पर, इस असमानता को दूर करने पर बाबा साहेब का बड़ा जोर था। स्वच्छ भारत मिशन और मिशन अमृत का अगला चरण, बाबा साहेब के सपनों को पूरा करने की दिशा में भी एक अहम कदम है।

साथियों,

आज़ादी के इस 75वें साल में देश ने ‘सबका साथ, सबका विकास, और सबका विश्वास’ के साथ ‘सबका प्रयास’ का आह्वान भी किया है। सबका प्रयास की ये भावना, स्वच्छता के लिए भी उतनी ही जरूरी है। आपमें से कई लोग दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों में घूमने गए होंगे, आदिवासी समाज के पारंपरिक घरों को जरूर देखा होगा। कम संसाधनों के बावजूद उनके घरों में स्वच्छता और सौन्दर्य को देखकर हर कोई भी आकर्षित हो जाता है। ऐसे ही आप नॉर्थ ईस्ट में जाइए, हिमाचल या उत्तराखंड के पहाड़ों पर जाइए, पहाड़ों पर छोटे छोटे घरों में भी साफ-सफाई की वजह से एक अलग ही सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित होती है। इन साथियों के साथ रहकर हम ये सीख सकते हैं कि स्वच्छता और सुख का कितना गहरा संबंध होता है।

इसीलिए, जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री बना और प्रगति के लिए पर्यटन की संभावनाओं को निखारना शुरू किया, तो सबसे बड़ा फोकस स्वच्छता और इस प्रयास में सभी को जोड़ने पर किया गया। निर्मल गुजरात अभियान, जब जन अंदोलन बना, तो उसके बहुत अच्छे परिणाम भी मिले। इससे गुजरात को नई पहचान तो मिली ही, राज्य में पर्यटन भी बढ़ा।

भाइयों बहनों,

जन-आंदोलन की ये भावना स्वच्छ भारत मिशन की सफलता का आधार है।पहले शहरों में कचरा सड़कों पर होता था, गलियों में होता था, लेकिन अब घरों से न केवल waste collection पर बल दिया जा रहा है, बल्कि waste segregation पर भी जोर है। बहुत से घरों में अब हम देखते हैं कि लोग गीले और सूखे कूड़े के लिए अलग अलग डस्ट्बिन रख रहे हैं।घर ही नहीं, घर के बाहर भी अगर कहीं गंदगी दिखती है तो लोग स्वच्छता ऐप से उसे रिपोर्ट करते हैं, दूसरे लोगों को जागरूक भी करते हैं। मैं इस बात से बहुत खुश होता हूं कि स्वच्छता अभियान को मजबूती देने का बीड़ा हमारी आज की पीढ़ी ने उठाया हुआ है। टॉफी के रैपर अब जमीन पर नहीं फेंके जाते, बल्कि पॉकेट में रखे जाते हैं। छोटे-छोटे बच्चे, अब बड़ों को टोकते हैं कि गंदगी मत करिए। दादाजी, नानाजी, दादीजी को बताते हैं कि मत करो। शहरों में नौजवान, तरह-तरह से स्वच्छता अभियान में मदद कर रहे हैं। कोई Waste से Wealth बना रहा है तो कोई जागरूकता बढ़ाने में जुटा है।

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लोगों में भी अब एक स्पर्धा है कि स्वच्छ भारत रैंकिंग में उनका शहर आगे आना चाहिए और अगर पीछे रह जाता है तो गांव में दबाव खड़ा होता है भई क्‍या हुआ, वो शहर आगे निकल गया हम क्‍यों पीछे रह गए? हमारी क्‍या कमी है? मीडिया के लोग भी उस शहर की चर्चा करते हैं, देखिए वो तो आगे बढ़ गए हैं तुम रह गए। एक दबाव पैदा हो रहा है। अब ये माहौल बन रहा है कि उनका शहर स्वच्छता रैंकिंग में आगे रहे, उनके शहर की पहचान गंदगी से भरे शहर की ना हो! जो साथी इंदौर से जुड़े हैं या टीवी पर देख रहे होंगे, वो मेरी बात से और भी ज्यादा सहमत होंगे। आज हर कोई जानता है कि इन्दौर यानी स्वच्छता में Topper शहर! ये इंदौर के लोगों की साझा उपलब्धि है। अब ऐसी ही उपलब्धि से हमें देश के हर शहर को जोड़ना है।

मैं देश की हर राज्य सरकार से, स्थानीय प्रशासन से, शहरों के मेयर्स से ये आग्रह करता हूं कि स्वच्छता के इस महाअभियान में एक बार फिर से जुट जाएं। कोरोना के समय में कुछ सुस्ती भले आई है, लेकिन अब नई ऊर्जा के साथ हमें आगे बढ़ना है। हमें ये याद रखना है कि स्वच्छता, एक दिन का, एक पखवाड़े का, एक साल का या कुछ लोगों का ही काम है, ऐसा नहीं है। स्वच्छता हर किसी का, हर दिन, हर पखवाड़े, हर साल, पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाला महाअभियान है। स्वच्छता ये जीवनशैली है, स्वच्छता ये जीवन मंत्र है।

जैसे सुबह उठते ही दांतों को साफ करने की आदत होती है ना वैसे ही साफ-सफाई को हमें अपने जीवन का हिस्सा बनाना ही होगा। और मैं ये सिर्फ पर्सनल हाईजीन की बात नहीं कर रहा हूं। मैं सोशल हाईजीन की बात कर रहा हूं। आप सोचिए, रेल के डिब्बों में सफाई, रेलवे प्लेटफॉर्म पर सफाई ये कोई मुश्किल नहीं था। कुछ प्रयास सरकार ने किया, कुछ सहयोग लोगों ने किया और अब रेलवे की तस्वीर ही बदल गई है।

साथियों,

शहर में रहने वाले मध्यम वर्ग की, शहरी गरीबों के जीवन में Ease of Living बढ़ाने के लिए हमारी सरकार रिकॉर्ड invest कर रही है। अगर 2014 के पहले के 7 वर्षों की बात करें, तो शहरी विकास मंत्रालय के लिए सवा लाख करोड़ के आसपास का बजट ही आवंटित किया गया था। जबकी हमारी सरकार के 7 वर्षों में शहरी विकास मंत्रालय के लिए करीब-करीब 4 लाख करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है। ये investment, शहरों की सफाई, Waste Management, नए सीवेज ट्रींटमेंट प्लांट बनाने पर हुआ है। इस investment से शहरी गरीबों के लिए घर, नए मेट्रो रूट और स्मार्ट सिटी से जुड़े प्रोजेक्ट्स पूरे हो रहे हैं। हम भारतवासी अपने लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं, इसका मुझे पूरा भरोसा है। स्वच्छ भारत मिशन और मिशन अमृत की स्पीड और स्केल दोनों ही ये भरोसा और बढ़ाते हैं।

आज भारत हर दिन करीब एक लाख टन waste process कर रहा है। 2014 में जब देश ने अभियान शुरू किया था तब देश में हर दिन पैदा होने वाले वेस्ट का 20 प्रतिशत से भी कम process होता था। आज हम करीब-करीब 70 प्रतिशत डेली वेस्ट process कर रहे हैं। 20 से 70 तक पहुंचे हैं। लेकिन अब हमें इसे 100 प्रतिशत तक लेकर जाना ही जाना है। और ये काम केवल waste disposal के जरिए नहीं होगा, बल्कि waste to wealth creation के जरिए होगा। इसके लिए देश ने हर शहर में 100 प्रतिशत waste सेग्रीगेशन के साथ-साथ इससे जुड़ी आधुनिक मैटेरियल रिकवरी फेसिलिटीज बनाने का लक्ष्य तय किया है। इन आधुनिक फेसिलिटीज में कूड़े-कचरे को छांटा जाएगा, री-साइकिल हो पाने वाली चीजों को प्रोसेस किया जाएगा, अलग किया जाएगा। इसके साथ ही, शहरो में बने कूड़े के पहाड़ों को, प्रोसेस करके पूरी तरह समाप्त किया जाएगा। हरदीप जी, जब मैं ये कूड़े के बड़े-बड़े ढेर साफ करने की बात कर रहा हूं, यहां दिल्ली में भी ऐसा ही एक पहाड़, बरसों से डेरा डाले हुए है। ये पहाड़ भी हटने का इंतजार कर रहा है।

साथियों,

आजकल जो दुनिया में Green Jobs की संभावना की चर्चा हो रही है, भारत में शुरू हो रहा ये अभियान अनेकों Green Jobs भी बनाएगा। देश में शहरों के विकास के लिए आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल भी लगातार बढ़ रहा है। अभी अगस्त के महीने में ही देश ने National Automobile Scrappage Policy लॉन्च की है। ये नई स्क्रैपिंग पॉलिसी, Waste to Wealth के अभियान को, सर्कुलर इकॉनॉमी को और मजबूती देती है। ये पॉलिसी, देश के शहरों से प्रदूषण कम करने में भी बड़ी भूमिका निभाएगी। इसका सिद्धांत है - Reuse, Recycle और Recovery. सरकार ने सड़कों के निर्माण में भी waste के उपयोग पर बहुत ज्यादा जोर दिया है। जो सरकारी इमारतें बन रही हैं, सरकारी आवास योजनाओं के तहत जो घर बनाए जा रहे हैं, उनमें भी रीसाइक्लिंग को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

साथियों,

स्वच्छ भारत और संतुलित शहरीकरण को एक नई दिशा देने में राज्यों की बहुत बड़ी भागीदारी रही है। अभी हमने कई साथी मुख्यमंत्रियों का संदेश भी सुना है। मैं देश की प्रत्येक राज्य सरकार का आज विशेष आभार व्यक्त करता हूं। सभी राज्यों ने अपने शहरों की बेसिक जरूरतों को एड्रैस किया, वॉटर सप्लाई से लेकर sanitation तक के लिए प्लानिंग की। अमृत मिशन के तहत 80 हजार करोड़ से ज्यादा के प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। इससे शहरों के बेहतर भविष्य के साथ साथ युवाओं को नए अवसर भी मिल रहे हैं। पानी का कनेक्शन हो, सीवर लाइन की सुविधा हो, अब हमें इन सुविधाओं का लाभ भी शत-प्रतिशत शहरी परिवारों तक पहुंचाना है। हमारे शहरों में सीवेज़ वॉटर ट्रीटमेंट बढ़ेगा, तो शहरों के जल संसाधन स्वच्छ होंगे, हमारी नदियां साफ होंगी। हमें इस संकल्प के साथ आगे बढ़ना होगा कि देश की किसी भी नदी में, थोड़ा सा भी पानी बिना ट्रीटमेंट के ना गिरे, कोई गंदा नाला नदी में ना गिरे।

साथियों,

आज शहरी विकास से जुड़े इस कार्यक्रम में, मैं किसी भी शहर के सबसे अहम साथियों में से एक की चर्चा अवश्य करना चाहता हूं। ये साथी हैं हमारे रेहड़ी-पटरी वाले, ठेला चलाने वाले- स्ट्रीट वेंडर्स। इन लोगों के लिए पीएम स्वनिधि योजना, एक आशा की नई किरण बनकर आई है। आजादी के दशकों बाद तक हमारे इन साथियों की सुध नहीं ली गई थी। थोड़े से पैसे के लिए उन्हें किसी से बहुत ज्यादा ब्याज पर कर्ज लेना पड़ता था। वो कर्ज के बोझ में डूबा रहता था। दिनभर मेहनत करके कमाता था, परिवार के लिए जितना देता था उससे ज्‍यादा ब्‍याज वाले को देना पड़ता था। जब लेन-देन का कोई इतिहास ना हो, कोई डॉक्यूमेंट ना हो तो उन्हें बैंकों से मदद मिलना भी असंभव था।

इस असंभव को संभव किया है - पीएम स्वनिधि योजना ने। आज देश के 46 लाख से ज्यादा रेहड़ी-पटरी वाले भाई-बहन, स्ट्रीट वेंडर्स इस योजना का लाभ उठाने के लिए आगे आए हैं। इनमें से 25 लाख लोगों को करीब-करीब ढाई हजार करोड़ रुपए दिए भी जा चुके हैं। स्ट्रीट वेंडर्स की जेब में ढाई हजार करोड़ पहुंचा ये छोटी बात नहीं है जी। ये अब डिजिटल ट्रांजेक्शन कर रहे हैं और बैंकों से जो कर्ज लिया है, वो भी चुका रहे हैं। जो स्ट्रीट वेंडर्स समय पर लोन चुकाते हैं, उन्हें ब्याज में छूट भी दी जाती है। बहुत ही कम समय में इन लोगों ने 7 करोड़ से अधिक ट्रांजेक्शन किए हैं। कभी-कभी हमारे देश में बुद्धिमान लोग कह देते हैं कि ये गरीब आदमी को ये कहां से आयेगा, ये यही लोग हैं जिन्‍होंने ये करे दिखाया है यानि पैसे देने या लेने के लिए 7 करोड़ बार कोई ना कोई डिजिटल तरीका अपनाया है।

ये लोग क्‍या करते हैं, थोक विक्रेताओं से जो सामान खरीद रहे हैं, उसका पेमेंट भी अपने मोबाइल फोन से डिजिटल तरीके से करने लगे हैं और जो फुटकर सामान बेच रहे हैं, उसके पैसे भी नागरिकों से वो डिजिटल तरीके से लेने की शुरूआत कर चुके हैं। इसका एक बड़ा लाभ ये भी हुआ है कि उनकी लेनदेन की डिजिटल हिस्ट्री भी बन गई। और इस डिजिटल हिस्ट्री की वजह से बैंकों को पता चलता है कि हां इनका कारोबार ऐसा है और इतना चल रहा है, तो बैंक द्वारा द्वारा उन्हें अगला लोन देने में आसानी हो रही है।

साथियों,

पीएम स्वनिधि योजना में 10 हजार रुपए का पहला लोन चुकाने पर 20 हजार का दूसरा लोन और दूसरा लोन चुकाने पर 50 हजार का तीसरा लोन स्ट्रीट वेंडर्स को दिया जाता है। आज सैकड़ों स्ट्रीट वेंडर्स, बैंकों से तीसरा लोन लेने की तैयारी कर रहे हैं। मैं ऐसे हर साथी को, बैंकों से बाहर जाकर ज्यादा ब्याज पर कर्ज उठाने के दुष्चक्र से मुक्ति दिलाना चाहता हूं। और आज देशभर के मेयर मेरे साथ जुड़े हुए हैं, नगरों के अध्‍यक्ष जुड़े हुए हैं। ये सच्‍चे अर्थों में गरीबों की सेवा का काम है, सच्‍चे अर्थ में गरीब से गरीब को empower करने का काम है। ये सच्‍चे अर्थ में गरीब को ब्‍याज के दुष्‍चक्र से मुक्ति दिलाने का काम है। मेरे देश का कोई भी मेयर ऐसा नहीं होना चाहिए, कोई भी जुड़ा हुआ कॉर्पोरेटर, काउंसलर ऐसा नहीं होना चाहिए कि जिसके दिल में ये संवेदना न हो और वो इस पीएम स्‍वनिधि को सफल करने के लिए कुछ न कुछ कोशिश न करता हो।

अगर आप सभी साथी जुड़ जाएं तो इस देश का हमारा ये गरीब व्‍यक्ति...और हमने कोरोना में देखा है, अपनी सोसाइटी, चाल में, मोहल्‍ले में सब्‍जी देने वाला अगर नहीं पहुंचता है तो हम कितनी परेशानी से गुजरते हैं। दूध पहुंचाने वाला नहीं आता था तो हमें कितनी परेशानी होती थी। कोरोना काल में हमने देखा है कि समाज के एक-एक व्‍यक्ति का हमारे जीवन में कितना मूल्‍य था। जब ये हमने अनुभव किया तो क्‍या ये हमारा दायित्‍व नहीं है कि इतनी बढ़िया स्‍कीम आपके पास मौजूद है। उसको ब्‍याज में मदद मिल रही है, उसको अपना कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे लगातार मिल रहे हैं। क्‍या आप उसे डिजिटल लेनदेन की ट्रेनिंग नहीं दे सकते? क्‍या आप अपने शहर में हजार, दो हजार, 20 हजार, 25 हजार, ऐसे हमारे साथी होंगे, क्‍या उनके जीवन को बदलने के लिए कदम नहीं उठ सकते?

मैं पक्‍का कहता हूं दोस्‍तो, भले ये प्रोजेक्‍ट भारत सरकार का हो, भले ये पीएम स्‍वनिधि हो, लेकिन अगर आप इसको करेंगे तो उस गरीब के दिल में जगह आपके लिए बनेगी। वो जय-जयकार उस शहर के मेयर का करेगा, वो जय-जयकार उस शहर के कॉर्पोरेटर का करेगा। वो जिसने उसकी मदद के लिए हाथ फैलाया है, उसकी जय-जयकार करेगा। मैं चाहता हूं कि जय-जयकार आपका हो। मेरे देश के हर शहर के मेयर का हो, मेरे देश के हर कॉर्पोरेटर का हो, मेरे देश के हर काउंसलर का हो। ये जय-जयकार आपका हो ताकि जो गरीब ठेला और रेहड़ी-पटरी ले करके बैठा हुआ है वो भी हमारी तरह शान से जिए। वो भी अपने बच्‍चों को अच्‍छी शिक्षा लेने के लिए महत्‍वपूर्ण निर्णय कर सके।

बड़ी आसानी से किया जा सकता है साथियो, लेकिन इस काम में हम सबका योगदान...मैं सभी कमिशनर्स से कहना चाहता हूं ये मानवता का काम है, ये grass root level पर आर्थिक सफाई का भी काम है। एक स्‍वाभिमान जगाने का काम है। देश ने आपको इतने प्रतिष्ठित पद पर बिठाया है। आप दिल से इस पीएम स्‍वनिधि कार्यक्रम को अपना बना लें। जी-जान से उसके साथ जुटिए। देखते ही देखते देखिए आपके गांव का हर परिवार सब्‍जी भी खरीदता है डिजिटल पेमेंट के साथ, दूध खरीदता है डिजिटल पेमेंट से, जब वो थोक में लेने जाता है डिजिटल पेमेंट करता है। एक बड़ा रेव्‍यूलेशन आने वाला है। इन छोटी सी संख्‍या के लोगों ने 7 करोड़ ट्रांजेक्‍शन किए। अगर आप सब लोग उनकी मदद में पहुंच जाएं तो हम कहां से कहां पहुंच सकते हैं।

मेरा आज इस कार्यक्रम में उपस्थित शहरी विकास के साथ जुड़ी हुई सभी इकाइयों से व्‍यक्तिगत रूप से आग्रह है कि आप इस काम में पीछे मत रहिए। और बाबा साहेब अंबेडकर के नाम से जुड़े भवन से जब मैं बोल रहा हूं तब तो गरीब के लिए कुछ करना हमारा दायित्‍व बन जाता है।

साथियो,

मुझे खुशी है कि देश के दो बड़े राज्य, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश, इन दोनों राज्‍यों में सबसे ज्यादा स्ट्रीट वेंडर्स को बैंकों से लोन दिया गया है। लेकिन मैं सभी राज्‍यों से आग्रह करूंगा इसमें भी स्‍पर्धा हो कौन राज्‍य आगे निकलता है, कौन राज्‍य सबसे ज्‍यादा डिजिटल ट्रांजेक्‍शन करता है, कौन राज्‍य सबसे ज्‍यादा तीसरा लोन स्‍ट्रीट वेंडर्स को तीसरे लोन तक ले गया है। 50 हजार रुपया उसके हाथ में आया है, ऐसा कौन राज्‍य कर रहा है, कौन राज्‍य सबसे ज्‍यादा करता है। मैं चाहूंगा उसकी भी एक स्‍पर्धा कर ली जाए और हर छह महीने, तीन महीने इसके लिए भी उन राज्‍यों को पुरस्‍कृत किया जाए, उन शहरों को पुरस्‍कृत किया जाए। एक तंदुरूस्‍त स्‍पर्धा गरीबों का कल्‍याण करने की, एक तंदुरूस्‍त स्‍पर्धा गरीबों का भला करने की, एक तंदुरूस्‍त स्‍पर्धा गरीबों को सशक्‍त करने की। आइए, उस स्‍पर्धा में हम सब जुड़ें। सभी मेयर जुड़ें, सभी नगर अध्‍यक्ष जुड़ें, सभी कॉर्पोरेटर जुड़ें, सभी काउंसलर जुड़ें।

साथियों,

हमारे यहां शास्त्रों में कहा गया है,

आस्ते भग आसीनः यः ऊर्ध्वः तिष्ठति तिष्ठतः।

शेते निपद्य मानस्य चराति चरतो भगः चरैवेति॥

अर्थात, कर्म पथ पर चलते हुए अगर आप बैठ जाएंगे तो आपकी सफलता भी रुक जाएगी। अगर आप सो जाएंगे तो सफलता भी सो जाएगी। अगर आप खड़े होंगे तो सफलता भी उठ खड़ी होगी। अगर आप आगे बढ़ेंगे तो सफलता भी वैसे ही आगे बढ़ेगी। और इसलिए, हमें निरंतर आगे बढ़ते ही रहना है। चरैवेति चरैवेति। चरैवेति चरैवेति। ये चरैवेति चरैवेति के मंत्रों को लेकर आप चल पड़ें और अपने शहर को इन सभी मुसीबतों से मुक्ति दिलाने का बीड़ा उठाएं। हमें एक ऐसा भारत बनाना है जो स्वच्छ हो, समृद्ध हो, और दुनिया को sustainable life के लिए दिशा दे।

मुझे पूरा विश्वास है, हम सभी देशवासियों के प्रयासों से देश अपना ये संकल्प जरूर सिद्ध करेगा। इन्हीं शुभकामनाओं के साथ आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद! बहुत-बहुत शुभकामनाएं!

  • krishangopal sharma Bjp January 26, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा🙏🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌹
  • krishangopal sharma Bjp January 26, 2025

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  • krishangopal sharma Bjp January 26, 2025

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  • krishangopal sharma Bjp January 26, 2025

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  • krishangopal sharma Bjp January 26, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा🙏🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹
  • Rosni Soni April 11, 2024

    Sar aap sab ki help kar rahe hain na mere pass Rahane Ka Makan Hai Na to Mere bacche school ja rahe hain Mere bahan ki shaadi bhi Tay ho gai hai lekin Mere Ghar mein Ek bhi Paisa nahin hai please help MI mere husband ka kam bhi nahin Sahi chal raha hai vah majduri karte hain please Sar help mein please Sar help MI hath jodkar nivedan hai
  • MLA Devyani Pharande February 17, 2024

    नमो नमो नमो नमो
  • Mahendra singh Solanki Loksabha Sansad Dewas Shajapur mp December 09, 2023

    नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो
  • Laxman singh Rana June 22, 2022

    नमो नमो 🇮🇳🌷🌹
  • Manda krishna BJP Telangana Mahabubabad District mahabubabad June 21, 2022

    🌹🙏🙏🏻🌹
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Prime Minister welcomes Amir of Qatar H.H. Sheikh Tamim Bin Hamad Al Thani to India
February 17, 2025

The Prime Minister, Shri Narendra Modi extended a warm welcome to the Amir of Qatar, H.H. Sheikh Tamim Bin Hamad Al Thani, upon his arrival in India.

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The Prime Minister said in X post;

“Went to the airport to welcome my brother, Amir of Qatar H.H. Sheikh Tamim Bin Hamad Al Thani. Wishing him a fruitful stay in India and looking forward to our meeting tomorrow.

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@TamimBinHamad”