Quoteबिहार में पिछले 15 सालों में किया गया अच्छा काम जारी रहना चाहिए: प्रधानमंत्री मोदी
Quoteबिहार को प्रगति की राह पर ले जाने में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है: पीएम मोदी
Quoteपिछले 15 वर्षों में, बिहार ने दिखाया है कि विकास सही सरकार, निर्णय और नीतियों के साथ होता है, और सभी तक पहुंचता है: प्रधानमंत्री

कार्यक्रम के शुरूआत में मुझे एक दुखद खबर आपके साथ साझा करनी है। बिहार के दिग्‍गज नेता श्रीमान रघुवंश प्रसाद सिंह, वे अब हमारे बीच नहीं रहे हैं। मैं उनको नमन करता हूं। रघुवंश बाबू के जाने से बिहार और देश की राजनीति में शून्‍य पैदा हुआ। जमीन से जुड़ा व्‍यक्तित्‍व, गरीबी को समझने वाला व्‍यक्तित्‍व, पूरा जीवन बिहार के संघर्ष में बिताया। जिस विचारधारा में वो पले- बढ़े, जीवनभर उसको जीने का उन्‍होंने प्रयास किया।

मैं जब भारतीय जनता पार्टी के संगठन के कार्यकर्ता के रूप में कार्य करता था, उस काल में मेरा उनका निकट परिचय रहा। अनेक टीवी डिबेट में काफी वाद-विवाद, संघर्ष करते रहते थे हम लोग। बाद में वो केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल में थे यूपी में, मैं गुजरात के मुख्‍यमंत्री के नाते भी उनके साथ लगातार संपर्क में रहता था विकास के कामों को ले करके। अब पिछले तीन-चार दिन से वे चर्चा में भी थे। उनके स्वास्थ्य के लिए मैं भी चिन्‍ता करता था। लगातार जानकारियां लेता रहता था। और मुझे लगता था कि बहुत ही जल्‍द ठीक हो करके वो वापिस बिहार की सेवा में लग जाएंगे, लेकिन उनके भीतर एक मंथन भी चल रहा था।

जिन आदर्शों को ले करके चले थे, जिनके साथ चले थे, उनके साथ चलना अब उनके लिए संभव नहीं रहा था और मन पूरी तरह जद्दोजहद में था। और तीन- चार दिन पहले उन्‍होंने अपनी भावना को चिट्ठी लिखकर प्रकट भी किया था। लेकिन साथ-साथ भीतर अपने क्षेत्र के विकास के लिए भी उतनी चिन्‍ता थी तो उन्‍होंने बिहार के मुख्‍यमंत्री जी को अपनी एक विकास के कामों की सूची भेज दी। बिहार के लोगों की चिन्‍ता, बिहार के विकास की चिन्‍ता उस चिट्ठी में प्रकट होती है।

 

मैं नितीश जी से जरूर आग्रह करूंगा कि रघुवंश प्रसाद जी ने अपनी आखिरी चिट्ठी में जो भावनाएं प्रकट की हैं, उसको परिपूर्ण करने के लिए आप और हम मिल करके पूरा प्रयास करें क्यूंकि पूरी तरह विकास की ही बातें उन्‍होंने लिखी थीं, उसको जरूर करें। मैं फिर एक बार आज कार्यक्रम के प्रारंभ में ही श्रीमान रघुवंश सिंह प्रसाद जी को आदरपूर्वक श्रद्धांजलि देता हूं, उनको नमन करता हूं।

बिहार के गवर्नर श्री फागू चौहान जी, बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल में मेरे सहयोगी श्री धर्मेंद्र प्रधान जी, रविशंकर प्रसाद जी, गिरिराज सिंह जी, आर के सिंह जी, अश्विनी कुमार चौबे जी, नित्यानंद राय जी, बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी जी, अन्य सांसद और विधायक गण और तकनीक के माध्यम से जुड़े मेरे प्यारे भाइयों और बहनों !

अपने सबके प्रणाम करै छीयै, आज के इ आयोजन शहीद अरू शूरवीर के धरती बांका में होय रहल छै। जे - जे योजना के लोकार्पण आज होलो छै , ओकरो लाभ बिहार के संगे- संगे पूर्वी भारत के बड़ हिस्सा के भी मिलतै । आज 900 करोड़ रुपया से बेसी के जे लोकार्पण अरू शिलान्यास कइलो गेल छै, ओकरा में LPG पाईपलाइन छै, दू टा बड़ा बॉटलिंग प्लांट भी छै। इ सब सुविधा लेली, विकास के ई सब प्रोजेक्टस ख़ातिर बिहार वासी लोगन के बहूत बहूत बधाई छै!

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साथियों,

कुछ वर्ष पहले जब बिहार के लिए विशेष पैकेज की घोषणा की गई थी, तो उसमें बहुत फोकस राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर पर था। मुझे खुशी है कि इसी से जुड़े एक महत्वपूर्ण गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट के दुर्गापुर-बांका सेक्शन का लोकार्पण का मुझे सौभाग्य मिला है। डेढ़ साल पहले इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास करने का भी अवसर मुझे ही मिला था। इस सेक्शन की लंबाई करीब-करीब 2 सौ किलोमीटर है। मुझे बताया गया है कि इस रूट पर पाइपलाइन बिछाकर काम पूरा करना बहुत ही चुनौतीपूर्ण था। जिस रास्ते में 10 के करीब बड़ी नदियां हों, कई किलोमीटर के घने जंगल और चट्टानी रास्ते हों, वहां काम करना इतना आसान भी नहीं होता। नई इंजीनियरिंग तकनीक, राज्य सरकार के सक्रिय सहयोग, हमारे इंजीनियरों, श्रमिक साथियों के कठिन श्रम के कारण ये प्रोजेक्ट समय पर पूरा हो पाया है। इसके लिए मैं इस प्रोजेक्ट से जुड़े सभी साथियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

बिहार के लिए जो प्रधानमंत्री पैकेज दिया गया था, उसमें पेट्रोलियम और गैस से जुड़े 10 बड़े प्रोजेक्ट थे। इन प्रोजेक्ट्स पर करीब-करीब 21 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाने थे। आज ये सातवां प्रोजेक्ट है जिसमें काम पूरा हो चुका है, जिसे बिहार के लोगों को समर्पित किया जा चुका है।

इससे पहले पटना LPG प्लांट के विस्तार और Storage Capacity बढ़ाने का काम हो, पूर्णिया के LGP प्लांट का विस्तार हो, मुजफ्फरपुर में नया LGP प्लांट हो, ये सारे प्रोजेक्ट पहले ही पूरे किए जा चुके हैं।

जगदीशपुर-हल्दिया पाइपलाइन प्रोजेक्ट का जो हिस्सा बिहार से गुजरता है, उस पर भी काम पिछले साल मार्च में ही समाप्त कर लिया गया है। मोतीहारी अमलेखगंज पाइपलाइन पर भी पाइपलनाइन से जुड़ा काम पूरा कर लिया गया है।

अब देश और बिहार, उस दौर से बाहर निकल रहा है जिसमें एक पीढ़ी काम शुरू होते देखती थी और दूसरी पीढ़ी उसे पूरा होते हुए। नए भारत, नए बिहार की इसी पहचान, इसी कार्यसंस्कृति को हमें और मजबूत करना है। और निश्चित तौर पर इसमें नीतीश जी की भी बहुत बड़ी भूमिका है।

मुझे विश्वास है कि ऐसे ही निरंतर काम करके हम बिहार और पूर्वी भारत को विकास पथ पर ले जा सकते हैं।

साथियों,

हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि - सामर्थ्य मूलं स्वातंत्र्यम्, श्रम मूलं वैभवम् ।

यानि सामर्थ्य स्वतंत्रता का स्रोत है और श्रम शक्ति किसी भी राष्ट्र की प्रगति का आधार होती है। बिहार सहित पूर्वी भारत में ना तो सामर्थ्य की कमी है और ना ही प्रकृति ने यहां संसाधनों की कमी रखी है। बावजूद इसके बिहार और पूर्वी भारत विकास के मामले में दशकों तक पीछे ही रहा। इसकी बहुत सारी वजहें राजनीतिक थी, आर्थिक थीं, प्राथमिकताओं की थीं।

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इन स्थितियों की वजह से पूर्वी भारत या बिहार के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स हमेशा अंतहीन देरी का शिकार रहे। एक समय था जब रोड कनेक्टिविटी, रेल कनेक्टिविटी, एयर कनेक्टिविटी, इंटरनेट कनेक्टिविटी, ये सब प्राथमिकताओं में थे ही नहीं।… इतना ही नहीं, अगर रोड बनाने की बात करते तो ये पूछा जाता था, ये तो गाड़ीवालों के लिए बन रहा है, पैदल वालों के लिए क्या है यानी सोच में ही गड़बड़ थी।

ऐसे में गैस बेस्ड इंडस्ट्री और पेट्रो-कनेक्टिविटी की तो बिहार में पुराने ज़माने में कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। Landlocked स्टेट होने की वजह से बिहार में पेट्रोलियम और गैस से जुड़े वो साधन-संसाधन उपलब्ध नहीं हो पाते थे जैसे समंदर से सटे राज्यों में होते हैं। इसलिए बिहार में गैस आधारित उद्योगों का विकास एक बड़ी चुनौती थी।

साथियों,

गैस बेस्ड इंडस्ट्री और पेट्रो-कनेक्टिविटी, ये सुनने में बड़े टेक्नीकल से टर्म लगते हैं लेकिन इनका सीधा असर लोगों के जीवन पर पड़ता है, जीवन स्तर पर पड़ता है। गैस बेस्ड इंडस्ट्री और पेट्रो-कनेक्टिविटी रोजगार के भी लाखों नए अवसर बनाती है।

आज जब देश के अनेकों शहरों में CNG पहुंच रही है, PNG पहुंच रही है, तो बिहार के लोगों को, पूर्वी भारत के लोगों को भी ये सुविधाएं उतनी ही आसानी से मिलनी चाहिए। इसी संकल्प के साथ हम आगे बढ़े।

प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा योजना के तहत पूर्वी भारत को पूर्वी समुद्री तट के पारादीप और पश्चिमी समुद्री तट के कांडला से, जोड़ने का भागीरथ प्रयास शुरु हुआ। करीब 3 हज़ार किलोमीटर लंबी इस पाइपलाइन से 7 राज्यों को जोड़ा जा रहा है जिसमें बिहार का भी प्रमुख स्थान है। पारादीप-हल्दिया से आने वाली लाइन अभी बांका तक पूरी हो चुकी है। इसको आगे पटना, मुज़फ्फरपुर तक विस्तार दिया जा रहा है। कांडला से आने वाली पाइपलाइन जो गोरखपुर तक पहुंच चुकी है, उसको भी इससे जोड़ा जा रहा है। जब ये पूरा प्रोजेक्ट तैयार हो जाएगा तो ये विश्व की सबसे लंबी पाइपलाइन परियोजनाओं में से एक हो जाएगी।

साथियों,

इसी गैस पाइपलाइन की वजह से अब बिहार में ही सिलेंडर भरने के बड़े-बड़े प्लांट्स लग पा रहे हैं। बांका और चंपारण में ऐसे ही 2 नए bottling plants का आज लोकार्पण किया गया है। इन दोनों प्लांट्स में हर साल सवा करोड़ से ज्यादा सिलेंडर भरने की क्षमता है। इन प्लांट्स से आपके बिहार के बांका, भागलपुर, जमुई, अररिया, किशनगंज, कटिहार, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, मुज़फ़्फ़रपुर, सिवान, गोपालगंज और सीतामढ़ी जिलों को सुविधा मिलेगी।

वहीं झारखंड के गोड्डा, देवघर, दुमका, साहिबगंज, पाकुड़ जिलों और उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों की LPG से जुड़ी ज़रूरतों को ये प्लांट पूरा करेंगे। इस गैस पाइपलाइन को बिछाने से लेकर इससे जो नए उद्योगों को ऊर्जा मिल रही है, उससे बिहार में हज़ारों नए रोज़गार बन रहे हैं और आगे भी अनेक रोज़गारों के लिए संभावना बन रही है।

साथियों,

बरौनी का जो खाद कारखाना बंद हो गया था, वो भी इस गैस पाइपलाइन के बनने से अब बहुत जल्द काम करना शुरु कर देगा। गैस कनेक्टिविटी से जहां एक तरफ फर्टिलाइज़र, पावर और स्टील इंडस्ट्री की ऊर्जा बढ़ेगी, वहीं दूसरी तरफ CNG आधारित स्वच्छ यातायात और पाइप से सस्ती गैस और आसानी से लोगों के किचन तक पहुंचेगी।

इसी कड़ी में आज बिहार और झारखंड के अनेक जिलों में पाइप से सस्ती गैस देने की शुरुआत हुई है। ये देश के हर परिवार को साफ-सुथरे ईंधन, धुआं रहित किचन से जोड़ने के आंदोलन को और गति देगा।

साथियों,

उज्जवला योजना की वजह से आज देश के 8 करोड़ गरीब परिवारों के पास भी गैस कनेक्शन मौजूद है। इस योजना से गरीब के जीवन में क्या परिवर्तन आया है, ये कोरोना के दौरान हम सभी ने फिर महसूस किया है। आप कल्पना कीजिए, जब घर में रहना ज़रूरी था, तब अगर इन 8 करोड़ परिवारों के साथियों को, हमारी बहनों को, लकड़ी या दूसरा ईंधन जुटाने के लिए बाहर निकलना पड़ता तो क्या स्थिति होती?

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साथियों,

कोरोना के इस दौर में उज्जवला योजना की लाभार्थी बहनों को करोड़ों सिलेंडर मुफ्त में दिए गए हैं। इसका लाभ बिहार की भी लाखों बहनों को हुआ है, लाखों गरीब परिवारों को हुआ है। मैं पेट्रोलियम और गैस से जुड़े विभाग और कंपनियों के साथ-साथ डिलिवरी से जुड़े उन लाखों साथियों को, उनको कोरोना वॉरियर्स की प्रशंसा करता हूं। ये वो साथी हैं, जिन्होंने इस संकट के दौरान भी लोगों के घरों में गैस की कमी नहीं होने दी और आज भी संक्रमण के खतरों के बावजूद सिलेंडर की सप्लाई को बनाए हुए हैं।

साथियों,

एक समय था जब पूरे देश में और बिहार में एलपीजी गैस कनेक्शन होना बड़े संपन्न लोगों की निशानी होता था। एक एक गैस कनेक्शन के लिए लोगों को सिफारिशें लगवानी पड़ती थीं।… MP साहब के घर के बहार कतार लग जाती थी। जिसके घर गैस होती थी, वो माना जाता था कि बहुत बड़े घर-परिवार से है। जो समाज में हाशिए पर थे, पीड़ित थे, वंचित थे, पिछड़े थे, अतिपिछड़े थे, उन्हें कोई पूछता नहीं था। उनके दुख, उनकी तकलीफों को देखकर भी नजरअंदाज कर दिया जाता था।

लेकिन बिहार में अब ये अवधारणा बदल चुकी है। उज्जवला योजना के माध्यम से ही बिहार के करीब-करीब सवा करोड़ गरीब परिवारों को गैस का मुफ्त कनेक्शन दिया गया है। घर में गैस कनेक्शन ने बिहार के करोड़ों गरीबों का जीवन बदल दिया है।अब वो अपनी शक्ति खाना बनाने के लिए लकड़ी के इंतजाम में नहीं, बल्कि खुद को आगे बढ़ाने में लगा रहे हैं।

साथियों,

जब मैं कहता हूँ कि बिहार देश की प्रतिभा का पावरहाउस है, ऊर्जाकेंद्र है तो ये कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। बिहार के युवाओं की, यहाँ की प्रतिभा का प्रभाव सब जगह है। भारत सरकार में भी बिहार के ऐसे कितने ही बेटे-बेटियां हैं जो देश की सेवा कर रहे हैं, दूसरों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं।

आप किसी भी IIT में चले जाइए, वहाँ भी बिहार की चमक दिखेगी। किसी और संस्थान में चले जाइए, आँखों में बड़े-बड़े सपने लिए, देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा लिए बिहार के बेटे और बेटियां सब जगह कुछ न कुछ हटकर कर रहे हैं।

बिहार की कला, यहाँ का संगीत, यहाँ का स्वादिष्ट खाना, इसकी तारीफ तो पूरे देश में होती ही है। आप किसी दूसरे राज्य में भी चले जाइए, बिहार की ताकत, बिहार के श्रम की छाप आपको हर राज्य के विकास में दिखेगी। बिहार का सहयोग सबके साथ है।

यही तो बिहार है, यही तो बिहार की अद्भुत क्षमता है। इसलिए, ये हमारा भी कर्तव्य है, और मैं तो कहूँगा कि कहीं न कहीं हमारे ऊपर बिहार का कर्ज है, कि हम बिहार की सेवा करें। हम बिहार में ऐसा सुशासन रखें, जो बिहार का अधिकार है।

साथियों,

पिछले 15 सालों में बिहार ने ये दिखाया भी है कि अगर सही सरकार हो, सही फैसले लिए जाएं, स्पष्ट नीति हो, तो विकास होता है और हर एक तक पहुंचता भी है। हम बिहार के हर एक सेक्टर के विकास को आगे बढ़ा रहे हैं, हर एक सेक्टर की समस्याओं के समाधान का प्रयास कर रहे हैं, ताकि बिहार विकास की नई उड़ान भरे। उतनी ऊंची उड़ान भरे जितना ऊंचा बिहार का सामर्थ्य है।

साथियों,

बिहार में कुछ लोग कभी ये कहते थे कि बिहार के नौजवानों को पढ़-लिखकर क्या करेंगे, उन्हें तो खेत में ही काम करना है। ऐसी सोच ने बिहार के प्रतिभाशाली युवाओं के साथ बहुत अन्नाय किया। इसी सोच की वजह से बिहार में बड़े शिक्षण संस्थानों को खोलने के लिए ज्यादा काम ही नहीं किया गया। नतीजा ये हुआ कि बिहार के नौजवान बाहर जाकर पढ़ाई करने के लिए, नौकरी करने के लिए मजबूर हो गए।

साथियों,

खेत में काम करना, खेती किसानी बहुत परिश्रम और गौरव का काम है, लेकिन युवाओं को दूसरे मौके न देना, न ऐसी व्यवस्थाएं बनाना, ये भी तो सही नहीं था। आज बिहार में शिक्षा के बड़े-बड़े केंद्र खुल रहे हैं। अब एग्रीकल्चर कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेजों की संख्या बढ़ रही है। अब राज्य में IIT, IIM, IIIT, बिहार के नौजवानों के सपनों को ऊंची उड़ान देने में मदद कर रहे हैं।

नीतीश जी के शासन के दौरान ही बिहार में दो केंद्रीय विश्वविद्यालय, एक IIT, एक IIM, एक निफ्ट, एक नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट जैसे अनेकों बड़े संस्थान खुले हैं। नीतीश जी के प्रयासों के चलते आज बिहार में पॉलीटेक्निक संस्थानों की संख्या भी पहले के मुकाबले तीन गुना से ज्यादा हो गई है।

स्टार्ट अप इंडिया, मुद्रा योजना, ऐसी योजनाओं ने बिहार के नौजवानों को स्वरोजगार के लिए जरूरी राशि मुहैया कराई है। सरकार का प्रयास ये भी है कि जिला स्तर पर कौशल केंद्रों के माध्यम से बिहार के नौजवानों को स्किल बढ़ाने की ट्रेनिंग दी जा सके।

साथियों,

बिहार में बिजली की क्या स्थिति थी, ये भी जगजाहिर है। गांवों में दो-तीन घंटे बिजली आ गई तो भी बहुत माना जाता था। शहर में रहने वाले लोगों को भी 8-10 घंटे से ज्यादा बिजली नहीं मिलती थी। आज बिहार के गांवों में, शहरों में बिजली की उपलब्धता पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा हुई है।

साथियों,

पावर, पेट्रोलियम और गैस से जुड़े सेक्टर में जो आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा है, जो रिफॉर्म्स लाए जा रहे हैं, वो लोगों का जीवन आसान बनाने के साथ-साथ उद्योगों और अर्थव्यवस्था को भी गति दे रहे हैं। कोरोना के इस कालखंड में अब एक बार फिर पेट्रोलियम से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर के कार्यों ने गति पकड़ ली है।

रिफाइनरी प्रोजेक्ट्स हों, Exploration या Production से जुड़े प्रोजेक्ट हों, pipelines हों, City Gas Distribution projects हों, ऐसे अनेकों प्रोजेक्ट्स या तो फिर से चालू हो चुके हैं या फिर नए शुरु किए गए हैं। इनकी संख्या कम नहीं है। ये 8 हजार से ज्यादा प्रोजेक्ट्स हैं, जिन पर आने वाले दिनों में 6 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि देश में, बिहार में गैस आधारित अर्थव्यवस्था के लिए कितने बड़े पैमाने पर काम चल रहा है।

इतना ही नहीं, इन प्रोजेक्ट्स में जितने लोग पहले काम कर रहे थे, वो वापस तो लौटे ही हैं, इनकी वजह से रोजगार के नए अवसरों की भी संभावनाएं बनी हैं। साथियों, इतनी बड़ी वैश्विक महामारी देश के प्रत्येक व्यक्ति के लिए परेशानियां लेकर आई है। लेकिन इन परेशानियों के बाद भी देश रुका नहीं है, बिहार रुका नहीं है, थमा नहीं है।

100 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन प्रोजेक्ट से भी आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने में मदद मिलने वाली है। बिहार को, पूर्वी भारत को विकास का, आत्मविश्वास का अहम केंद्र बनाने के लिए हम सभी को तेजी से काम करते रहना है। इसी विश्वास के साथ सैकड़ों करोड़ की सुविधाओं के लिए फिर से पूरे बिहार को बहुत-बहुत बधाई। खासकर के, माताओं और बहनों का जीवन आसान होने वाला है इसलिए उनको अनेक अनेक बधाई देता हूँ ।

याद रखिएगा, कोरोना संक्रमण अभी भी हमारे बीच में मौजूद है। और इसलिए मैं बार बार कहता हूँ - जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं ! फिर से सुन लीजिये जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं।

इसलिए, दो गज़ की दूरी, साबुन से हाथ की नियमित सफाई, यहां वहां थूकने से मनाही और चेहरे पर मास्क, इन जरूरी बातों का हमें खुद भी पालन करना है और दूसरों को भी याद दिलाते रहना है।

आप सतर्क रहेंगे तो बिहार स्वस्थ रहेगा, देश स्वस्थ रहेगा। मैं फिर एक बार आप सबको इस अनेक भेंट सौगातो के साथ बिहार की विकास यात्रा में नयी ऊर्जा का यह अवसर… आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं ।

बहुत-बहुत धन्यवाद !

  • krishangopal sharma Bjp January 16, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷
  • krishangopal sharma Bjp January 16, 2025

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  • krishangopal sharma Bjp January 16, 2025

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  • krishangopal sharma Bjp January 16, 2025

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  • krishangopal sharma Bjp January 16, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷
  • Dinesh Chaudhary ex mla January 08, 2024

    जय हों
  • Shivkumragupta Gupta August 10, 2022

    जय भारत
  • Shivkumragupta Gupta August 10, 2022

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Japan-India Business Cooperation Committee delegation calls on Prime Minister Modi
March 05, 2025
QuoteJapanese delegation includes leaders from Corporate Houses from key sectors like manufacturing, banking, airlines, pharma sector, engineering and logistics
QuotePrime Minister Modi appreciates Japan’s strong commitment to ‘Make in India, Make for the World

A delegation from the Japan-India Business Cooperation Committee (JIBCC) comprising 17 members and led by its Chairman, Mr. Tatsuo Yasunaga called on Prime Minister Narendra Modi today. The delegation included senior leaders from leading Japanese corporate houses across key sectors such as manufacturing, banking, airlines, pharma sector, plant engineering and logistics.

Mr Yasunaga briefed the Prime Minister on the upcoming 48th Joint meeting of Japan-India Business Cooperation Committee with its Indian counterpart, the India-Japan Business Cooperation Committee which is scheduled to be held on 06 March 2025 in New Delhi. The discussions covered key areas, including high-quality, low-cost manufacturing in India, expanding manufacturing for global markets with a special focus on Africa, and enhancing human resource development and exchanges.

Prime Minister expressed his appreciation for Japanese businesses’ expansion plans in India and their steadfast commitment to ‘Make in India, Make for the World’. Prime Minister also highlighted the importance of enhanced cooperation in skill development, which remains a key pillar of India-Japan bilateral ties.