”आज जब भारत वैश्विक व्यापार का एक बड़ा केंद्र बन रहा है, हम देश की समुद्री शक्ति बढ़ाने पर फोकस कर रहे हैं”
‘बंदरगाहों, पोत परिवहन और अंतर्देशीय जलमार्ग क्षेत्र में 'व्यवसायिक सुगमता' बढ़ाने के लिए पिछले 10 वर्षों में अनेक सुधार किए गए हैं"
"दुनिया वैश्विक व्यापार में भारत की क्षमता और स्थिति को पहचान रही है"
"समुद्री अमृत काल विजन विकसित भारत के लिए भारत के समुद्री कौशल को सुदृढ़ करने के लिए रोडमैप प्रस्तुत करता है"
"कोच्चि में नया ड्राई डॉक भारत का राष्ट्रीय गौरव है"
"कोच्चि शिपयार्ड देश के शहरों में आधुनिक और हरित जल कनेक्टिविटी में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है"

केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान जी, मुख्यमंत्री श्री पिनाराई विजयन जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगीगण, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों!

मैं धन्यवाद देता हूँ, श्रीमान सर्बानंद सोनोवाल जी की टीम, श्रीमान श्रीपाद येसो नाईक जी और हमारे साथी श्रीमान वी. मुरलीधरन जी, श्रीमान शांतनु ठाकुर जी को!

एल्ला केरालीयरकुम एन्डे नल्ला नमस्कारंl

आज मेरे लिए बहुत सौभाग्य का दिन है। सुबह मुझे गुरुवायूर मंदिर में भगवान गुरुवायुरप्पन के दर्शन करने का सौभाग्य मिला। और अब मैं केरल की ईश्वर रूपी जनता-जनार्दन के दर्शन कर रहा हूं। मुझे यहां केरल के विकास के उत्सव में हिस्सा लेने का अवसर मिला है।

साथियों,

कुछ ही दिन पहले अयोध्या में महर्षि वाल्मिकी इंटरनेशनल एयरपोर्ट का लोकार्पण करते हुए, मैंने केरल में स्थित रामायण से जुड़े चार पवित्र मंदिरों नालम्बलम की बात की थी। केरल के बाहर बहुत लोग नहीं जानते कि ये मंदिर राजा दशरथ के चार पुत्रों से जुड़े हैं। ये सौभाग्य की बात है कि अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से कुछ दिन पहले ही, मुझे त्रिप्रायर के श्री रामास्वामी मंदिर के दर्शन का अवसर मिला है। महाकवि एऴुतचन् की रचित मलयालम रामायण के कुछ छंद सुनना अपने आप में अद्भुत है। केरल के कई महत्वपूर्ण कलाकारों ने भी अपनी भव्य प्रस्तुतियों से मन मोह लिया। केरल वासियों ने वहां, कला-संस्कृति और आध्यात्म का ऐसा वातावरण बना दिया, जैसे पूरा केरल ही अवध पुरी है।

साथियों,

आज़ादी के अमृतकाल में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में देश के हर राज्य की अपनी भूमिका है। भारत जब समृद्ध था, जब ग्लोबल GDP में हमारी भागीदारी बहुत बड़ी थी, तब हमारी ताकत हमारे पोर्ट्स थे, हमारी Port cities थीं। आज जब भारत फिर से ग्लोबल ट्रेड का एक बड़ा केंद्र बन रहा है, तब हम फिर से अपनी समुद्र शक्ति को बढ़ाने में जुटे हैं। इसके लिए केंद्र सरकार समुद्र किनारे बसे कोच्चि जैसे शहरों का सामर्थ्य और बढ़ाने में जुटी है। हम यहां के पोर्ट्स की कैपेसिटी को बढ़ाने पर काम कर रहे हैं, पोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश कर रहे हैं। सागरमाला परियोजना के तहत पोर्ट्स की कनेक्टिविटी बढ़ाई जा रही है।

साथियों,

आज यहां देश को अपना सबसे बड़ा dry dock मिला है। इसके अलावा, आज ship building, ship repairing और LPG import terminal इंफ्रास्ट्रक्चर का भी लोकार्पण हुआ है। ये सुविधाएं केरल और भारत के इस दक्षिणी क्षेत्र के विकास को गति देंगी। मेड इन इंडिया एयरक्राफ्ट करियर, INS विक्रांत के निर्माण का ऐतिहासिक गौरव कोचीन शिपयार्ड के पास है। इन नई सुविधाओं से शिपयार्ड की कैपेसिटी कई गुणा बढ़ जाएगी। मैं केरल के निवासियों को इन सुविधाओं के लिए बधाई देता हूं।

साथियों,

पोर्ट, शिपिंग और इनलैंड वॉटरवेज के सेक्टर में Ease of Doing Business बढ़ाने के लिए पिछले 10 वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा अनेक Reforms किए गए हैं। इससे पोर्ट्स में अधिक Investment आया है और ज्यादा Employment जनरेट हुआ है। Indian seafarers उससे जुड़े जो नियम थे, उसमें किए गए Reforms की वजह से पिछले 10 साल में Indian seafarers की संख्या में 140 परसेंट की वृद्धि हुई है। देश के भीतर वॉटरवे के उपयोग से अब पैसेंजर और कार्गो ट्रांसपोर्ट में नई तेजी आई है।

साथियों,

जब सबका प्रयास होता है, तो परिणाम और बेहतर मिलते हैं। बीते 10 वर्षों में हमारे पोर्ट्स ने double-digit annual growth हासिल की है। 10 वर्ष पहले तक हमारे पोर्ट्स पर शिप्स को लंबा इंतजार करना पड़ता था, उनको unload करने में बहुत टाइम लगता था। अब स्थितियां पूरी तरह बदल चुकी हैं। आज भारत ship turn-around time में दुनिया के कई विकसित देशों से भी आगे निकल चुका है।

साथियों,

आज दुनिया भी ग्लोबल ट्रेड में भारत की भूमिका समझ रही है। G-20 समिट के दौरान, भारत ने मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर के जिस प्रस्ताव पर सहमति बनी, वो इसी भावना का प्रमाण है। ये कॉरिडोर विकसित भारत के निर्माण को बहुत बल देगा। इससे हमारी कोस्टल इकोनॉमी को बड़ी ताकत मिलेगी। हाल ही में Maritime Amrit Kaal Vision भी लॉन्च किया गया है। विकसित भारत के लिए हम अपनी समुद्री ताकत को कैसे सशक्त करेंगे, इसमें इस लक्ष्य का रोडमैप है। भारत को दुनिया की एक बड़ी maritime power बनाने के लिए हम mega ports, ship building और ship repair clusters जैसा इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने पर जोर दे रहे हैं।

साथियों,

केरल में आज जिन 3 प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण हुआ है, उनसे maritime sector में इस क्षेत्र की हिस्सेदारी और बढ़ेगी। नया dry dock, भारत का National Pride है। इसके बनने से यहां बड़े जहाज़, बड़े vessels तो आ ही सकते हैं, साथ ही यहां ship building और ship repair का काम भी संभव होगा। इससे भारत की विदेशों पर निर्भरता कम होगी और जो पैसा हम विदेश भेजते थे, वो देश में ही लगेगा। इसके साथ, यहां ship building, ship repair sector में नई स्किल्स पैदा होंगी।

साथियों,

आज International ship repair facility का भी लोकार्पण हुआ है। इस प्रोजेक्ट से कोच्चि भारत का और भारत, एशिया का एक बड़ा ship repair centre बनने वाला है। हमने देखा है कि INS विक्रांत के निर्माण के दौरान किस प्रकार अनेक MSMEs को सपोर्ट मिला था। अब जब, ship building और repair की इतनी बड़ी फैसिलिटीज़ यहां बनी हैं, तो इससे MSMEs का एक नया इकोसिस्टम बनेगा। जो नया LPG Import Terminal बना है, इससे कोच्चि, कोयंबटूर, इरोड, सेलम, कालीकट, मदुरै, और त्रिची में LPG की ज़रूरतें पूरी होंगी। इससे इन इलाकों में इंडस्ट्री और दूसरी Economic development को भी मदद मिलेगी और नए रोजगार भी बनेंगे।

साथियों,

कोचीन शिपयार्ड आज आधुनिक और ग्रीन टेक्नॉलॉजी से लैस मेड इन इंडिया वैसल्स बनाने में भी अग्रणी है। कोच्चि वॉटर मेट्रो के लिए जो इलेक्ट्रिक वैसल्स बनाए गए हैं, वो प्रशंसनीय हैं। अयोध्या, वाराणसी, मथुरा और गुवाहाटी के लिए भी electric-hybrid passenger ferries का निर्माण यहीं हो रहा है। यानि देश के शहरों में आधुनिक और ग्रीन वॉटर कनेक्टिविटी में कोचीन शिपयार्ड की भूमिका अहम है। मुझे बताया गया है कि हाल में आपने नॉर्वे के लिए भी zero emission, electric cargo ferries डिलीवर की हैं। यहां हाइड्रोजन फ्यूल पर चलने वाले दुनिया के पहले Feeder Container Vessel के निर्माण पर भी काम चल रहा है। ये Make in India – Make for the World के हमारे विजन को सशक्त करता है। भारत को हाइड्रोजन फ्यूल आधारित ट्रांसपोर्ट की तरफ ले जाने का जो हमारा मिशन है, उसको कोचीन शिपयार्ड और सशक्त कर रहा है। मुझे विश्वास है कि बहुत ही जल्द स्वदेशी हाइड्रोजन फ्यूल सेल फेरी भी देश को मिलेगी।

साथियों,

ब्लू इकॉनॉमी, पोर्ट लेड डेवलपमेंट को और उसके कारण हमारे मछुआरे भाई-बहनों की एक बहुत बड़ी भूमिका मैं इसमें देखता हूं। आज पीएम मत्स्य संपदा योजना से फिशिंग के लिए भी आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया जा रहा है। केंद्र सरकार, डीप सी फिशिंग के लिए मछुआरों को आधुनिक नाव देने के लिए सब्सिडी दे रही है। किसानों की तरह ही मछुआरों को भी किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी गई है। ऐसे प्रयासों की वजह से बीते 10 वर्षों में मछली उत्पादन और एक्सपोर्ट, दोनों में कई गुना बढ़ोतरी हुई है। आज केंद्र सरकार, सी-फूड प्रोसेसिंग में भारत की हिस्सेदारी को और बढ़ाने का प्रयास कर रही है। इससे भविष्य में हमारे मछुआरे साथियों की आय में भी बहुत बड़ी वृद्धि होगी, उनका जीवन और आसान होगा। केरल का निरंतर तेज विकास हो, इसी कामना के साथ नए प्रोजेक्ट्स की मैं फिर से एक बार आप सबको बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आप सभी को शुभकामनाएं।

धन्यवाद !

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।