"भारत देश में ओलंपिक की मेजबानी के प्रति आशान्वित है, भारत 2036 में ओलंपिक के सफल आयोजन की तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ेगा, यह 140 करोड़ भारतीयों का सपना है"
"भारत वर्ष 2029 में आयोजित होने वाले यूथ ओलंपिक की मेजबानी के लिए भी उत्सुक है"
''भारतीय सिर्फ खेल प्रेमी ही नहीं हैं, बल्कि खेल भावना को भी आत्मसात करते हैं''
''भारत की खेल विरासत संपूर्ण विश्व की है''
खेलों में कोई हारता नहीं, केवल विजेता और सीखने वाले होते हैं''
"हम भारत में खेलों में समावेशिता और विविधता पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं"
"आईओसी कार्यकारी बोर्ड ने ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल करने की सिफारिश की है और हमें शीघ्र ही सकारात्मक खबर मिलने की आशा है"

IOC के प्रेसिडेंट Mr. थॉमस बाख, IOC के सम्मानित सदस्य, सभी इंटरनेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन्स, भारत के नेशनल फेडरेशन्स के सभी Representatives. देवियों और सज्जनों!

140 करोड़ भारतीयों की तरफ से आप सभी का इस विशेष आयोजन में मैं स्वागत करता हूं, अभिनंदन करता हूं। इंटरनेशनल ओलिंपिक एसोसिएशन का ये, 141वां सेशन भारत में होना बहुत ही खास है। 40 साल बाद भारत में IOC का सेशन का होना, हमारे लिए बहुत गौरव की बात है।

Friends,

अब से कुछ मिनट पहले ही भारत ने अहमदाबाद में दुनिया के सबसे बड़े स्टेडियम में बहुत ही शानदार जीत दर्ज की है। मैं टीम भारत को, सभी भारतवासियों को इस ऐतिहासिक जीत की बधाई देता हूँ।

साथियों,

स्पोर्ट्स, भारत में हमारे कल्चर का, हमारी लाइफ स्टाइल का, एक important हिस्सा रहा है। आप भारत के गांवों में जाएंगे, तो पाएंगे कि बिना स्पोर्ट्स के हमारा हर फेस्टिवल अधूरा है। हम भारतीय सिर्फ sports lover नहीं हैं, बल्कि हम sports को जीने वाले लोग हैं। और ये हज़ारों वर्षों की हमारी हिस्ट्री में Reflect होता है। Indus Valley Civilisation हो, हजारों वर्ष पहले का वैदिक काल हो, या उसके बाद का Time Period, हर कालखंड में स्पोर्ट्स को लेकर भारत की legacy बहुत समृद्ध रही है। हमारे यहां हजारों साल पहले लिखे ग्रंथों में 64 विधाओं में पारंगत होने की बात कही जाती है। इनमें से अनेक विधाएं खेलों से जुड़ी हुई थीं, जैसे horse riding, आर्चरी, स्विमिंग, रेसलिंग, ऐसी अनेक स्किल्स को सीखने पर बल दिया जाता था। आर्चरी यानि धनुर्विद्या को सीखने के लिए तो पूरी एक धनुर्वेद संहिता ही लिखी गई थी। इस संहिता में एक जगह कहा गया है-

धनुश चकरन्च् कुन्तन्च् खडगन्च् क्षुरिका गदा।

सप्तमम् बाहु युद्धम्, स्या-देवम्, युद्धानी सप्तधा।

यानि- धनुर्विद्या से जुड़ी 7 प्रकार की स्किल्स आनी चाहिए। जिसमें धनुष-बाण, चक्र, भाला यानी आज का जैवलिन थ्रो, तलवारबाजी, ड्रेगर, गदा और कुश्ती शामिल हैं।

साथियों,

स्पोर्ट्स की इस हज़ारों वर्ष पुरानी हमारी legacy के अनेक साइंटिफिक एविडेंस हैं। जहां मुंबई में अभी हम हैं, वहां से करीब 900 किलोमीटर दूर कच्छ में यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट है- धोलावीरा। धोलावीरा, 5 हजार साल से भी पहले एक बहुत बड़ा और समृद्ध पोर्ट सिटी हुआ करता था। इस प्राचीन शहर में अर्बन प्लानिंग के साथ-साथ स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर का भी एक शानदार मॉडल मिला है। खुदाई के दौरान यहां 2 स्टेडियम्स सामने आए। इनमें से एक तो दुनिया का सबसे पुराना और उस समय का दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम है। 5 हजार साल पुराने भारत के इस स्टेडियम में एक साथ 10 हज़ार लोगों के बैठने की कैपेसिटी थी। भारत की एक और ancient site, राखीगढ़ी में भी स्पोर्ट्स से जुड़े स्ट्रक्चर्स की पहचान हुई है। भारत की ये विरासत, पूरे विश्व की विरासत है।

Friends,

स्पोर्ट्स में कोई loser नहीं होता, स्पोर्ट्स में सिर्फ winners और learners होते हैं। स्पोर्ट्स की language universal है, स्पिरिट यूनिवर्सल है। स्पोर्ट्स, सिर्फ कंपीटिशन नहीं है। स्पोर्ट्स, ह्यूमैनिटी को अपने विस्तार का अवसर देता है। रिकॉर्ड्स कोई भी तोड़े, पूरी दुनिया उसका स्वागत करती है। स्पोर्ट्स, हमारे वसुधैव कुटुंबकम यानि One earth, one family, one future के भाव को भी सशक्त करता है। इसलिए हमारी सरकार हर स्तर पर खेल को बढ़ावा देने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है। Khelo India University Games, Khelo India Youth Games, Khelo India Winter Games, Member of Parliament Sports Competition, और जल्द आयोजित होने वाले Khelo India पैरा गेम्स इसके उदाहरण हैं। हम भारत में खेलों के विकास के लिए inclusivity और diversity पर भी लगातार फोकस कर रहे हैं।

Friends,

स्पोर्ट्स को लेकर भारत के इसी फोकस के कारण आज भारत इंटरनेशनल इवेंट्स में शानदार प्रदर्शन कर रहा है। पिछले ओलंपिक्स में कई भारतीय एथलीट्स ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। हाल में संपन्न हुए एशियन गेम्स में भारत ने historical performance दी है। उससे पहले हुए वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में भी हमारे young athletes ने नए रिकॉर्ड बनाए हैं। ये भारत में बदलते और तेजी से विकसित होते sports landscape का संकेत है।

साथियों,

बीते वर्षों में भारत ने हर प्रकार के ग्लोबल स्पोर्ट्स टूर्नामेंट्स ऑर्गेनाइज़ करने के अपने सामर्थ्य को साबित किया है। हमने हाल ही में Chess Olympiad का आयोजन किया, जिसमें विश्व के 186 देश शामिल हुए। हमने Football Under-17, Women’s World Cup, Men’s Hockey World Cup, Women’s World Boxing Championship, और Shooting World Cup की भी मेजबानी की। भारत हर वर्ष दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग में से एक का भी आयोजन करता है। इस समय भारत में क्रिकेट वर्ल्ड कप भी चल रहा है। उत्साह के इस माहौल में, सभी लोग ये सुनकर भी खुश हैं कि IOC के Executive Board ने क्रिकेट को Olympics में शामिल करने की सिफारिश की है। हमें उम्मीद है इस बारे में जल्द ही हमें कोई positive news सुनने को मिलेगा।

साथियों,

ग्लोबल इवेंट्स का आयोजन, हमारे लिए दुनिया भर के देशों के स्वागत का मौका होता है। तेजी से बढ़ती इकोनॉमी और अपने well-developed infrastructure के कारण बड़े ग्लोबल इवेंट्स के लिए भारत तैयार है। ये दुनिया ने भारत की G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान भी देखा है। देश भर के 60 से अधिक शहरों में हमने इवेंट्स ऑर्गेनाइज़ किए हैं। ये लॉजिस्टिक्स से लेकर हर प्रकार की हमारी organizing capacity का प्रमाण है। इसलिए आज मैं आप सबके सामने 140 करोड़ भारतवासियों की भावना ज़रूर रखना चाहूंगा। भारत अपनी धरती पर ओलंपिक्स का आयोजन करने के लिए बहुत उत्साहित है।

साल 2036 में भारत में ओलंपिक्स का सफल आयोजन हो, इसके लिए भारत, अपने प्रयासों में कोई कमी नहीं रखेगा। ये 140 करोड़ भारतीयों का बरसों पुराना सपना है, उनकी आकांक्षा है। इस सपने को अब हम आप सबके सहयोग से पूरा करना चाहते हैं। और 2036 ओलंपिक्स से भी पहले, भारत साल 2029 में होने जा रहे यूथ ओलंपिक्स की मेजबानी करने का भी इच्छुक है। मुझे विश्वास है, भारत को IOC का निरंतर सहयोग मिलता रहेगा।

Friends,

स्पोर्ट्स, सिर्फ medal जीतने का नहीं बल्कि दिलों को जीतने का माध्यम है। स्पोर्ट्स सबका है, सबके लिए है। स्पोर्ट्स सिर्फ चैंपियन्स ही तैयार नहीं करता बल्कि, peace, progress और wellness को भी प्रमोट करता है। इसलिए स्पोर्ट्स, दुनिया को जोड़ने का एक और सशक्त माध्यम है। मैं ओलंपिक्स के मोटो को फिर आपके सामने दोहराऊंगा- Faster, Higher, Stronger, Together. IOC के 141वें Session में आए सभी अतिथियों का, अध्यक्ष थॉमस बाख का और सभी Delegates का मैं फिर से हृदय से धन्यवाद करता हूं। आने वाले कुछ घंटों में आपको अनेक महत्वपूर्ण फैसले लेने हैं। I now declare this session open !

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PM meets eminent economists at NITI Aayog
December 24, 2024
Theme of the meeting: Maintaining India’s growth momentum at a time of Global uncertainty
Viksit Bharat can be achieved through a fundamental change in mindset which is focused towards making India developed by 2047: PM
Economists share suggestions on wide range of topics including employment generation, skill development, enhancing agricultural productivity, attracting investment, boosting exports among others

Prime Minister Shri Narendra Modi interacted with a group of eminent economists and thought leaders in preparation for the Union Budget 2025-26 at NITI Aayog, earlier today.

The meeting was held on the theme “Maintaining India’s growth momentum at a time of Global uncertainty”.

In his remarks, Prime Minister thanked the speakers for their insightful views. He emphasised that Viksit Bharat can be achieved through a fundamental change in mindset which is focused towards making India developed by 2047.

Participants shared their views on several significant issues including navigating challenges posed by global economic uncertainties and geopolitical tensions, strategies to enhance employment particularly among youth and create sustainable job opportunities across sectors, strategies to align education and training programs with the evolving needs of the job market, enhancing agricultural productivity and creating sustainable rural employment opportunities, attracting private investment and mobilizing public funds for infrastructure projects to boost economic growth and create jobs and promoting financial inclusion and boosting exports and attracting foreign investment.

Multiple renowned economists and analysts participated in the interaction, including Dr. Surjit S Bhalla, Dr. Ashok Gulati, Dr. Sudipto Mundle, Shri Dharmakirti Joshi, Shri Janmejaya Sinha, Shri Madan Sabnavis, Prof. Amita Batra, Shri Ridham Desai, Prof. Chetan Ghate, Prof. Bharat Ramaswami, Dr. Soumya Kanti Ghosh, Shri Siddhartha Sanyal, Dr. Laveesh Bhandari, Ms. Rajani Sinha, Prof. Keshab Das, Dr. Pritam Banerjee, Shri Rahul Bajoria, Shri Nikhil Gupta and Prof. Shashwat Alok.