2450 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया
लगभग 1950 करोड़ रुपये की पीएमएवाई (ग्रामीण और शहरी) परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया
लगभग 19,000 घरों के गृह प्रवेश में हिस्सा लिया और लाभार्थियों को उनके घरों की चाबियां सौंपी
“प्रधानमंत्री-आवास योजना ने आवास क्षेत्र को रूपांतरित दिया है। इससे विशेष रूप से गरीब और मध्यम वर्ग को लाभ हुआ है”
“गुजरात की डबल इंजन सरकार दोगुनी गति से काम कर रही है”
"हमारे लिए देश का विकास, एक दृढ़ विश्वास और एक प्रतिबद्धता है"
"धर्मनिरपेक्षता का सही अर्थ किसी तरह के भेदभाव का न होना है"
"हमने आवास को गरीबी के खिलाफ संघर्ष का एक मजबूत आधार, गरीबों के सशक्तिकरण और सम्मान का एक उपकरण बनाया है"
"पीएमएवाई आवास कई योजनाओं का एक पैकेज है"
"आज हम शहरी नियोजन में जीवन जीने में सुगमता और जीवन की गुणवत्ता पर समान रूप से जोर दे रहे हैं"

गुजरात के मुख्यमंत्री श्रीमान भूपेंद्र भाई पटेल, सी आर पाटिल, गुजरात सरकार के मंत्रीगण, पीएम आवास योजना के सभी लाभार्थी परिवार, अन्य सभी महानुभाव और गुजरात के मेरे प्यारे भाइयों और बहनों,

आज गुजरात के मेरे जिन हजारों भाई-बहनों का गृह प्रवेश हुआ है, उनके साथ ही मैं भूपेंद्र भाई और उनकी टीम को भी बहुत बधाई देता हूं। अभी मुझे गांव और शहरों से जुड़े हजारों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण करने का अवसर मिला है। इसमें गरीबों के लिए घर हैं, पानी के प्रोजेक्ट्स हैं, शहरी विकास के लिए आवश्यक प्रोजेक्‍ट्स हैं, इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट से जुड़े भी कुछ प्रोजेक्‍ट्स हैं। मैं सभी लाभार्थियों को, विशेष रूप से उन बहनों को, जिन्हें आज अपना पक्का घर मिला है, मैं सबको फिर से एक बार बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

भाजपा के लिए देश का विकास, ये कन्विक्शन है, कमिटमेंट है। हमारे लिए राष्ट्र निर्माण, एक निरंतर चलने वाला महायज्ञ है। अभी गुजरात में फिर से बीजेपी सरकार बने कुछ ही महीने हुए हैं, लेकिन विकास ने जो रफ्तार पकड़ी है, वो देखकर मुझे बहुत ही आनंद आ रहा है, सुखद अनुभूति हो रही है।

हाल में ही गरीब कल्याण के लिए समर्पित गुजरात का 3 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया था। वंचितों को वरीयता देते हुए अनेक निर्णय एक प्रकार से गुजरात ने नेतृत्व किया है। बीते कुछ महीनों में गुजरात के लगभग 25 लाख लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड दिए गए हैं। गुजरात की लगभग 2 लाख गर्भवती महिलाओं को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना से मदद मिली है।

इस दौरान गुजरात में 4 नए मेडिकल कॉलेज खुले हैं। नई सरकार बनने के बाद गुजरात में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए हजारों करोड़ रुपए के काम शुरू हुए हैं। इनसे गुजरात के हज़ारों युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बनने वाले हैं। ये दिखाता है कि गुजरात की डबल इंजन सरकार, डबल गति से काम कर रही है।

साथियों,

बीते 9 वर्षों में पूरे देश में जो अभूतपूर्व परिवर्तन हुआ है, वो आज हर देशवासी अनुभव कर रहा है। एक समय था, जब जीवन की मूलभूत सुविधाओं के लिए भी देश के लोगों को तरसाया गया। बरसों-बरस के इंतज़ार के बाद लोगों ने इस अभाव को ही अपना भाग्य मान लिया था। सभी ऐसा ही मानते थे कि अब अपने नसीब में है, जीवन पूरा करो, अब बच्चे बड़े होकर करना होगा तो करेंगे, ऐसी निराशा, ज्यादातर लोगों ने मान लिया था कि जो झुग्गी-झोंपड़ी में पैदा होगा, उसकी आने वाली पीढ़ियां भी झुग्गी-झोंपड़ी में ही अपना जीवन बसर करेंगी। इस निराशा से देश अब बाहर निकल रहा है।

आज हमारी सरकार, हर अभाव को दूर करते हुए, हर गरीब तक खुद पहुंचने का काम कर रही है। हम योजनाओं के शत प्रतिशत सैचुरेशन का प्रयास कर रहे हैं। यानी जिस योजना के जितने लाभार्थी हैं, उन तक सरकार खुद जा रही है। सरकार की इस अप्रोच ने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार समाप्त किया है, भेदभाव समाप्त किया है। लाभार्थी तक पहुंचने के लिए हमारी सरकार ना धर्म देखती है और ना ही जाति देखती है। और जब आप किसी गांव में 50 लोगों को मिलना तय है और 50 लोगों को मिल जाता है, किसी भी पंत का हो, किसी भी जाति का हो, उसकी पहचान न हो-हो, कुछ भी हो, लेकिन एक बार सबको मिलता है।

मैं समझता हूं जहां कोई भेदभाव नहीं है वही तो सच्चा सेक्युलरिज्म भी है। जो लोग सोशल जस्टिस की बातें करते हैं, जब आप सबके सुख के लिए काम करते हैं, सबकी सुविधा के लिए काम करते हैं, सबको उसका हक पहुंचाने के लिए शत-प्रतिशत काम करते हैं तो मैं समझता हूं कि इससे बढ़ करके कोई सामाजिक न्‍याय नहीं होता है, इससे बढ़ करके कोई सोशल जस्टिस नहीं होता है, जिस राह पर हम चल रहे हैं। और हम सब जानते हैं कि जब गरीब को अपने जीवन की मूल आवश्यकताओं की, उसकी चिंता कम होती है, तो उसका आत्मविश्वास बढ़ जाता है।

थोड़ी देर पहले करीब-करीब 40 हजार, 38 thousand वैसे गरीब परिवारों को अपना पक्का घर मिला है। इनमें से भी करीब 32 हज़ार घर बीते सवा सौ दिनों के भीतर बनकर तैयार हुए हैं। इनमें से अनेक लाभार्थियों से अभी मुझे बातचीत करने का मौका मिला। और उनकी बात सुन के आपको भी लगा होगा की उन मकानों के कारण उनका आत्मविश्वास कितना सारा था और जब एक-एक परिवार उतना सारा आत्मविश्वास पैदा होता है तो वह समाज की कितनी बड़ी शक्ति बन जाती है। गरीब के मन में जो आत्मविश्वास बनता है और उसको लगता है कि हाँ, यह मेरे हक का है और यह समाज मेरे साथ है यह बहुत बड़ी ताकत बन जाती है।

साथियों,

पुरानी नीतियों पर चलते हुए, फेल हो चुकी नीतियों पर चलते हुए, ना देश का भाग्य बदल सकता है और ना ही देश सफल हो सकता है। पहले की सरकारें किस अप्रोच के साथ काम कर रही थीं, आज हम किस सोच के साथ काम कर रहे हैं, ये समझना बहुत जरूरी है। गरीबों के लिए आवास देने की योजनाएं हमारे देश में लंबे समय से चल रही थीं। लेकिन 10-12 साल पहले के आंकड़े कहते थे कि हमारे गांवों के लगभग 75 प्रतिशत परिवार ऐसे थे, जिनके घर में पक्का शौचालय नहीं था।

गरीबों के घर की जो योजनाएं पहले चल रही थी, उनमें भी इस पर ध्यान नहीं दिया जाता था। घर सिर्फ सिर ढकने की छत नहीं होती है, जगह भर नहीं होती है। घर एक आस्था का स्थल होता है, जहां सपने आकार लेते हैं, जहां एक परिवार का वर्तमान और भविष्य तय होता है। इसलिए, 2014 के बाद हमने गरीबों के घर को सिर्फ एक पक्की छत तक सीमित नहीं रखा। बल्कि हमने घर को गरीबी से लड़ाई का एक ठोस आधार बनाया, गरीब के सशक्तिकरण का, उसकी गरिमा का माध्यम बनाया।

आज सरकार के बजाय लाभार्थी खुद तय करता है कि पीएम आवास योजना के तहत उसका घर कैसा बनेगा। ये दिल्‍ली से तय नहीं होता है, गांधीनगर से तय नहीं होता है, खुद तय करता है। सरकार सीधे उसके बैंक अकाउंट में पैसा जमा करती है। घर बन रहा है, ये प्रमाणित करने के लिए हम अलग-अलग स्टेज पर घर की जियो-टैगिंग करते हैं। आप भी जानते हैं कि पहले ऐसा नहीं था। लाभार्थी तक पहुंचने से पहले घर का पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता था। जो घर बनते थे, वो रहने लायक नहीं होते थे।

भाइयों और बहनों,

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बन रहे घर आज सिर्फ एक योजना तक सीमित नहीं हैं, ये कई योजनाओं का एक पैकेज है। इसमें स्वच्छ भारत अभियान के तहत बना शौचालय है। इसमें सौभाग्य योजना के तहत बिजली कनेक्शन मिलता है। इसमें उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त एलपीजी कनेक्शन गैस का मिलता है। इसमें जल जीवन अभियान के तहत नल से जल मिलता है।

पहले ये सारी सुविधाएं पाने के लिए भी गरीब को सालों-साल सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते थे। और आज गरीब को इन सभी सुविधाओं के साथ ही मुफ्त राशन और मुफ्त इलाज की सुविधा भी मिल रही है। आप कल्पना कर सकते हैं, गरीब को कितना बड़ा सुरक्षा कवच मिला है।

साथियों,

पीएम आवास योजना, गरीबों के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण को भी बहुत बड़ी ताकत दे रही है। पिछले 9 वर्षों में करीब-करीब 4 करोड़ पक्के घर गरीब परिवारों को मिल चुके हैं। इन घरों में लगभग 70 प्रतिशत घर महिला लाभार्थियों के नाम पर भी हैं। ये करोड़ों बहनें वो हैं, जिनके नाम पर पहली बार कोई प्रॉपर्टी रजिस्टर्ड हुई है। अपने यहाँ अपने देश में गुजरात में भी पता है, की घर हो तो पुरुष के नाम पर, गाड़ी हो तो पुरुष के नाम पर, खेत हो तो पुरुष के नाम पर, स्कूटर हो तो भी वह पुरुष के नाम पर, और पति के नाम पर हो, पति जो न रहे तो उनके बेटे के नाम पर हो जाता है, माँ के नाम पर महिला के नाम पर कुछ नहीं होता। मोदी ने यह स्थिति बदल दी है, और अब माता-बहनों के नाम पर सरकारी योजना के जो लाभ होते हैं, उसमें माता का नाम जोड़ना पडता है, या तो माता को ही हक दिया जाता है।

पीएम आवास योजना की मदद से बने हर घर की कीमत अब पांच-पचास हजार में घर नहीं बनते डेढ़ लाख पौने दो लाख तक खर्च होता है। इसका मतलब यह हुआ कि यह जो सारे प्रधानमंत्री आवास योजना में रहने गए हैं न उनके घर लाखों की कीमत के हैं और लाखों की कीमत के घर के मालिक बने इसका मतलब यह हुआ की करोड़ों करोड़ों महिलाए लखपति बन गई हैं, और इसलिए यह मेरी लखपति दीदी हिन्दुस्तान के हर कोने से मुझे आशीर्वाद देती है, ताकि मैं उनके लिए ज्यादा काम कर सकूँ।

साथियों,

देश में बढ़ते हुए शहरीकरण को देखते हुए, बीजेपी सरकार, भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए भी काम कर रही है। हमने राजकोट में आधुनिक टेक्नोलॉजी का उपयोग करके एक हजार से ज्यादा घर बनाए हैं। ये घर कम कीमत में, बहुत कम समय में तैयार किए गए हैं और उतने ही ज्यादा सुरक्षित भी हैं। लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत हमने देश के 6 शहरों में ये प्रयोग किया है। ऐसी टेक्नॉलॉजी से आने वाले समय में और अधिक सस्ते और आधुनिक घर गरीबों को मिलने वाले हैं।

साथियों,

हमारी सरकार ने घरों से जुड़ी एक और चुनौती को दूर किया है। पहले रियल एस्टेट सेक्टर में मनमानी चलती थी, धोखेबाज़ी की शिकायतें आती थीं। मध्यम वर्ग के परिवारों को सुरक्षा देने के लिए कोई कानून नहीं था। और ये जो बड़े-बड़े बिल्‍डर योजनाएं ले करके आते थे, इतने बढ़िया फोटो होते थे, घर में भी तय होता है यही मकान ले लेंगे। और जब देते थे तब दूसरा ही दे देते थे। लिखा हुआ एक होता था, देते थे दूसरा।

हमने एक रेरा कानून बनाया। इससे मिडिल क्लास परिवारों को कानूनी सुरक्षा मिली है। और पैसे देते समय जो डिजाइन दिखाई थी, अब उसको बनाने वालों को वैसा मकान बना कर देना compulsory है, वरना जेल में व्‍यवस्‍था रहती है। यही नहीं, हम मिडिल क्लास परिवार को भी घर बनाने के लिए पहली बार आजादी के बाद पहली बार मिडिल क्‍लास को बैंक लोन के साथ ब्‍याज की मदद की व्‍यवस्‍था की गई है।

गुजरात ने इसमें भी बहुत अच्छा काम किया है इस क्षेत्र में। गुजरात में मध्यम वर्ग के ऐसे 5 लाख परिवारों को 11 हज़ार करोड़ रुपए की मदद देकर, सरकार ने उनके जीवन का सपना पूरा किया है।

साथियों,

आज हम सभी मिलकर आज़ादी के अमृतकाल में विकसित भारत के निर्माण के लिए प्रयास कर रहे हैं। इन 25 वर्षों में हमारे शहर विशेष रूप से टीयर-2, टीयर-3 शहर अर्थव्यवस्था को गति देंगे। गुजरात में भी ऐसे अनेक शहर हैं। इन शहरों की व्यवस्थाओं को भी भविष्य की चुनौतियों के हिसाब से तैयार किया जा रहा है। देश के 500 शहरों में बेसिक सुविधाओं को अमृत मिशन के तहत सुधारा जा रहा है। देश के 100 शहरों में जो स्मार्ट सुविधाएं विकसित हो रही हैं, वो भी उन्हें आधुनिक बना रही हैं।

साथियों,

आज हम अर्बन प्लानिंग में Ease of Living और Quality of Life, दोनों पर समान जोर दे रहे हैं। हमारी कोशिश है कि लोगों को एक जगह से दूसरी जगह जाने में बहुत ज्यादा समय खर्च ना करना पड़े। आज देश में इसी सोच के साथ मेट्रो नेटवर्क का विस्तार किया जा रहा है। साल 2014 तक देश में ढाई सौ किलोमीटर से भी कम का मेट्रो नेटवर्क था। यानी 40 साल में 250 किलोमीटर मेट्रो रूट भी नहीं बन पाया था। जबकि बीते 9 साल में 600 किलोमीटर नया मेट्रो रूट बना है, उन पर मेट्रो चलनी शुरू हो गई है।

आज देश में 20 शहरों में मेट्रो चल रही है। आज आप देखिए, अहमदाबाद जैसे शहरों में मेट्रो के आने से पब्लिक ट्रांसपोर्ट कितना सुलभ हुआ है। जब शहरों के आसपास के क्षेत्र आधुनिक और तेज कनेक्टिविटी से जुड़ेंगे तो उससे मुख्य शहर पर दबाव कम हो जाएगा। अहमदाबाद-गांधीनगर जैसे ट्विन सिटी, आज वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों से भी जोड़े जा रहे हैं। इसी प्रकार गुजरात के अनेक शहरों में इलेक्ट्रिक बसें भी तेजी से बढ़ाई जा रही हैं।

साथियों,

गरीब हो या मिडिल क्लास, हमारे शहरों में क्वालिटी ऑफ लाइफ तभी संभव है जब हमें साफ-सुथरा वातावरण मिले, शुद्ध हवा मिले। इसके लिए देश में मिशन मोड पर काम चल रहा है। हमारे देश में हर दिन हजारों टन म्युनिसिपल वेस्ट पैदा होता है। पहले इसे लेकर भी देश में कोई गंभीरता नहीं थी। बीते वर्षों में हमने वेस्ट मैनेजमेंट पर बहुत बल दिया है। 2014 में जहां देश में केवल 14-15 प्रतिशत वेस्ट प्रोसेसिंग होती थी, वहीं आज 75 प्रतिशत वेस्ट प्रोसेस हो रहा है। अगर ये पहले ही हो गया होता तो हमारे शहरों में आज कूड़े के पहाड़ ना खड़े हुए होते। अब केंद्र सरकार, ऐसे कूड़े के पहाड़ों को समाप्त करने के लिए भी मिशन मोड पर काम कर रही है।

साथियों,

गुजरात ने देश को वाटर मैनेजमेंट और वाटर सप्लाई ग्रिड का बहुत बेहतरीन मॉडल दिया है। जब कोई 3 हज़ार किलोमीटर लंबी मुख्य पाइपलाइन और सवा लाख किलोमीटर से अधिक की डिस्ट्रीब्यूशन लाइनों के बारे में सुनता है, तो उसे जल्दी विश्वास ही नहीं होता कि इतना बड़ा काम। लेकिन ये भागीरथ काम गुजरात के लोगों ने करके दिखाया है। इससे करीब 15 हज़ार गांवों और ढाई सौ शहरी क्षेत्रों तक पीने का शुद्ध पानी पहुंचा है। ऐसी सुविधाओं से भी गुजरात में गरीब हो या मध्यम वर्ग, सभी का जीवन आसान हो रहा है। गुजरात की जनता ने जिस प्रकार अमृत सरोवरों के निर्माण में भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित की है, वो भी बहुत सराहनीय है।

साथियों,

विकास की इसी गति को हमें निरंतर बनाए रखना है। सबके प्रयास से ही अमृत काल के हमारे हर संकल्प सिद्ध होंगे। अंत में फिर आप सभी को विकास कार्यों की मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं। जिन परिवारों का अपना सपना सिद्ध हुआ है, घर मिला है, अब वो नए संकल्प ले करके परिवार को आगे बढ़ने का सामर्थ्य जुटाएं। विकास की संभावनाएं अपरम्पार हैं, आप भी उसके हकदार हैं और हमारा भी प्रयास है, आइए मिल करके भारत को और तेज गति दें। गुजरात को और समृद्धि की तरफ ले जाएं। इसी भावना के साथ आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद!

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।