वडोदरा मुंबई एक्सप्रेसवे के महत्वपूर्ण खंड राष्ट्र को समर्पित किए
काकरापार परमाणु ऊर्जा स्टेशन में दो नए दबावयुक्त भारी जल के रिएक्टर: केएपीएस-3 और केएपीएस-4 राष्ट्र को समर्पित किए
नवसारी में पीएम मित्र पार्क का निर्माण कार्य शुरू किया गया
सूरत नगर निगम, सूरत शहरी विकास प्राधिकरण और ड्रीम सिटी की कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी
सड़क, रेल शिक्षा और जल आपूर्ति परियोजनाओं की आधारशिला रखी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, “नवसारी में रहना हमेशा एक अच्छा एहसास होता है। विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शुभारंभ गुजरात की विकास यात्रा को मजबूत करेगा”
"मोदी की गारंटी वहां से शुरू होती है जहां दूसरों से आशा समाप्त हो जाती है"
"चाहे गरीब हो या मध्यम वर्ग, ग्रामीण हो या शहरी, हमारी सरकार का प्रयास प्रत्येक नागरिक के जीवन स्तर में सुधार करना है"
"आज देश के छोटे-छोटे शहरों में भी कनेक्टिविटी के शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा है"
"डिजिटल इंडिया को आज दुनिया स्वीकार कर रही है"

भारत माता की – जय !

भारत माता की – जय !

गुजरात के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्रीमान भूपेंद्र भाई पटेल, राज्य सरकार के मंत्रीगण, संसद में मेरे साथी इसी क्षेत्र के प्रतिनिधि और गुजरात प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्‍यक्ष सी आर पाटिल, सांसद और विधायक गण, और मेरे प्‍यारे भाइयों और बहनों, कैसे हैं सभी।

गुजरात में आज का ये मेरा तीसरा कार्यक्रम है। आज सुबह ही मुझे अहमदाबाद में पूरे गुजरात के लाखों पशुपालक साथी, डेयरी उद्योग से जुड़े लोग, उनके दर्शन करने का अवसर मिला, उनसे बात करने का मौका मिला। उसके बाद मेहसाणा में वाड़ीनाथ मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन से जुड़ने का सौभाग्य मिला। और अब यहां नवसारी में आप सभी के बीच विकास के इस उत्सव में शामिल हो रहा हूं। आप एक काम करिए, जैसा भूपेंद्र भाई ने कहा कि शायद आजादी के बाद पहली एक ही बार में इतने सारे रुपये के विकास के काम हुए हों ऐसा पहली बार हुआ है। तो विकास के इतने बड़े उत्‍सव में एक काम करिए आप सब, करेंगे? आपका मोबाइल निकालकर उसकी फ्लैश लाइट चालू कीजिए, और विकास उत्‍सव में भागीदार बनिए। भारत माता की जय...ऐसा नहीं चलेगा ठंडा-ठंडा। भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय। शाबाश। नवसारी में जैसे हीरा चमकता हो ऐसा लग रहा है आज। थोड़ी देर पहले वडोदरा, नवसारी, भरूच, सूरत और दूसरे क्षेत्रों को हजारों करोड़ रुपए के नए प्रोजेक्ट्स मिले हैं। टेक्सटाइल, बिजली और शहरी विकास से जुड़ी 40 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की इन परियोजनाओं के लिए आप सभी को बहुत-बहुत बधाई।

साथियो,

आजकल पूरे देश में एक चर्चा बड़ी जोरों पर चल रही है, पार्लियामेंट में भी चलती है और गली-मोहल्‍ले में भी चल रही है। और वो चर्चा है मोदी की गारंटी। देश का बच्‍चा-बच्‍चा कह रहा है मोदी ने जो कह दिया, वो करके दिखाता है। देश के बाकी लोगों के लिए तो शायद ये बात नई है, लेकिन गुजरात के लोग तो बरसों से जानते हैं कि मोदी की गारंटी...यानी...गारंटी पूरा होने की गारंटी। आपको याद होगा, जब मैं गुजरात में था, तो मैं एक फाइव एफ की बात करता था। पांच एफ क्‍या था...इसका मतलब था- फार्म टू फाइबर, फाइबर टू फैक्ट्री, फैक्ट्री टू फैशन, फैशन टू फॉरेन। मैं तब फाइव एफ की बात करता था, यानी किसान कपास उगाएगा, कपास फैक्ट्री में जाएगी, फैक्ट्री में बने धागे से परिधान बनेंगे, यही परिधान विदेशों के लिए निर्यात होंगे।

मेरा लक्ष्य था कि टेक्सटाइल सेक्टर की एक पूरी सप्लाई और वैल्यू चेन हमारे पास होनी चाहिए। होना चाहिए ना...होना चाहिए ना? आज आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए हम ऐसी ही व्यवस्थाओं का निर्माण कर रहे हैं। पीएम मित्र पार्क, ये पीएम मित्र पार्क भी इसी अभियान का हिस्सा है। नवसारी में आज जिस पीएम मित्र पार्क का काम शुरू हो रहा है, वो टेक्सटाइल सेक्टर के लिए देश का ऐसा पहला पार्क है। इससे कपड़ा उद्योग को बल मिलेगा, कपड़ा निर्यात में भारत की हिस्सेदारी बढ़ेगी। आप कल्पना कर सकते हैं...सूरत का डायमंड और नवसारी का परिधान, दुनिया के फैशन बाज़ार में गुजरात का कितना बड़ा, गुजरात की चारों तरफ जय-जयकार होगी कि नहीं ? गुजरात की गूंजें सुनाई देंगी कि नहीं ?

साथियों,

आज एक प्रकार से सूरत सिल्क सिटी का विस्तार नवसारी तक हो रहा है। आज इस सेक्टर में दुनिया के सबसे बड़े उत्पादकों और निर्यातकों को भारत टक्कर देने लगा है। और इसमें गुजरात की टेक्सटाइल इंडस्ट्री का बहुत बड़ा योगदान है। बीते वर्षों में सूरत के कपड़े की अपनी एक अच्छी पहचान बन गई है। यहां जब ये पीएम मित्र पार्क तैयार हो जाएगा तो, इस पूरे क्षेत्र की तस्वीर बदल जाएगी। इस पार्क के निर्माण में ही 3 हज़ार करोड़ रुपए का निवेश होगा। यहां पर कताई, बुनाई, जिनिंग, गारमेंट, टेक्निकल टेक्सटाइल और टेक्सटाइल मशीनरी, ऐसे हर काम के लिए वैल्यू चेन का इकोसिस्टम बनेगा। यानी ऐसे हज़ारों कारीगर, श्रमिक यहां पर काम कर पाएंगे। इसी पार्क में मजदूरों के लिए आवास, लॉजिस्टिक्स पार्क, वेयरहाउसिंग, स्वास्थ्य सुविधाएं, ट्रेनिंग और स्किल डेवलपमेंट की सुविधा भी होगी। यानी ये पार्क यहां आसपास के गांवों में भी रोजगार-स्वरोजगार के अवसर लेकर आएगा।

साथियों,

आज सूरत के लोगो के लिए एक और अहम् प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो रहा है। 800 करोड़ रूपए से ज्यादा राशि से बनने वाले तापी रिवर बैराज का आज शिलान्यास हुआ है। तापी रिवर बैराज बनने से सूरत में आने वाले कई वर्षो तक सूरत में वाटर सप्लाई की चुनौती...उसका समाधान हो जायेगा। इससे बाढ़ जैसे खतरों से निपटने में भी मदद मिलेगी।

साथियो,

गुजरात, समाज जीवन में, औद्योगिक विकास में बिजली का महत्व बराबर जानता है। 20-25 साल पहले का एक समय ऐसा था जब गुजरात में घंटों-घंटों तक बिजली की कटौती हुआ करती थी। आज जो 25-30 साल के लोग हैं ना उनको पता भी नहीं होगा कि हम उस जमाने में अंधेरे में जिंदगी गुजारते थे। जब मैं सीएम बना तो लोग मेरे पास आकर गुहार लगाते थे कि किसी तरह शाम के भोजन के समय बिजली का इंतजाम हो जाए। आप विचार करो, पहले लोग कहते थे साहब कम से कम शाम में भोजन के वक्‍त तो जरा बिजली दीजिए, ऐसा स्थिति हुआ करती थी। ऐसे हाल थे। बिजली उत्पादन में तब यहां अनेक मुश्किलें थीं। कोयला चाहिए था, तो वो हमें दूर से लाना पड़ता था या फिर विदेश से मंगाना पड़ता था। गैस से बिजली बनाते तो वो भी इंपोर्ट करनी पड़ती थी। पानी से बिजली बनाने की संभावना बहुत कम थी। इन संकटों के साथ गुजरात का विकास असंभव था। लेकिन असंभव को संभव करने के लिए तो मोदी है। इसलिए हमने गुजरात को बिजली के संकट से निकालने के लिए आधुनिक टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देना शुरू किया। हमने सौर ऊर्जा पर बल दिया, हमने पवन ऊर्जा पर बल दिया। आज गुजरात में सौर और पवन ऊर्जा से बहुत बड़े पैमाने पर बिजली बनाई जा रही है।

साथियों,

21वीं सदी के भारत में बिजली पैदा करने में हमारे परमाणु घरों की भूमिका और बढ़ने जा रही है। आज ही तापी के काकरापार परमाणु ऊर्जा प्लांट में दो नए रिएक्टर, राष्ट्र को समर्पित किए गए हैं। ये दोनों रिएक्टर मेड इन इंडिया टेक्नॉलॉजी से तैयार किए गए हैं। एक बार भारत माता की जय बोल करके ये आत्मनिर्भर की स्थिति के लिए गर्व से हाथ ऊपर कीजिए, भारत माता की जय। ये दिखाता है कि आज भारत कैसे हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो रहा है। अब इस प्लांट से गुजरात को अधिक बिजली मिल पाएगी, यहां के औद्योगिक विकास में और मदद मिलेगी।

सा‍थियो,

नवसारी हो, वलसाड हो, दक्षिण गुजरात का ये क्षेत्र आज अभूतपूर्व विकास के दौर से गुज़र रहा है। यहां का इंफ्रास्ट्रक्चर लगातार आधुनिक हो रहा है। और जब मैं सोलार एनर्जी की बात करता हूं- जब अपने गुजरात की बात करें तो अपने गुजराती तो पाई-पाई का हिसाब रखने वाले लोग, सही है कि नहीं। हिसाब-किताब में पक्के। अभी मोदी ने दूसरी गारंटी दी है, आपके लिए तो एकदम लाभदायी ही है, 300 यूनिट तक फ्री बिजली का कार्यक्रम और वह कार्यक्रम है पीएम सूर्यघर। पीएम सूर्यघर 300 यूनिट बिजली मुफ्त। लगभग मध्‍यमवर्गीय परिवार हो, एसी हो, पंखा हो, फ्रिज हो, वाशिंग मशीन हो, यह सभी उसमें आ जाएं। और जिस तरह, तो घर के ऊपर सोलार पैनल लगाने के लिए भी सरकार पैसा देगी, बैंक से लोन देगी। और तीसरा आप 300 यूनिट से ज्‍यादा बिजली पैदा करनी हो, और आपको जरूरत से ज्‍यादा बिजली बेचनी हो तो वह बिजली सरकार खरीद लेगी। आपको उसमें से भी पैसा मिलेगा, बोलो मुनाफा है कि नहीं। गुजरात में तो घर-घर, घर के ऊपर सोलार बिजली, सूर्य बिजली और बिजली मुफ्तवाले काम में जुड़ जाओ। यह मोदी की गारंटी है। इस क्षेत्र से देश की पहली बुलेट ट्रेन भी गुज़रने जा रही है। ये क्षेत्र देश के बड़े आर्थिक केंद्रों, मुंबई और सूरत को जोड़ने जा रहा है।

साथियों,

अब नवसारी की पहचान औद्योगिक विकास के लिए होने लगी है, लेकिन नवसारी सहित ये पूरा दक्षिण गुजरात, खेती में भी बहुत आगे है। भाजपा सरकार ने जब यहां किसानों को सुविधाएं देनी शुरू कीं, तो फलों की खेती का चलन बढ़ा। यहां का हाफुस आम, वलसाड़ी आम, नवसारी का चीकू, ये तो पूरी दुनिया में इतना मशहूर है, मैं जहां भी जाता हूं लोग ये सुनाते हैं मुझे। डबल इंजन सरकार आज हर कदम पर किसानों को मदद दे रही है। नवसारी के किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि से भी 350 करोड़ रुपए से ज्यादा की मदद मिली है।

साथियों,

मोदी ने देश के गरीब, किसान, युवा और महिला, सभी को सशक्त करने की गारंटी दी है। और ये गारंटी, सिर्फ योजनाएं बनाने की नहीं है, बल्कि जो हकदार हैं, उन तक योजनाओं का पूरा लाभ पहुंचाने की भी गारंटी है। मोदी की गारंटी, इस बात के लिए है कि देश का कोई भी परिवार अभाव में न रहे, उसे गरीबी में जीना न पड़े। इसलिए सरकार अपनी तरफ से लाभार्थियों के पास आ रही है, लाभार्थियों को जा-जा करके खोज रही है, उन्हें योजनाओं से जोड़ रही है।

साथियों,

कांग्रेस ने लंबे समय तक देश में और गुजरात में सरकारें चलाई हैं। लेकिन कभी आदिवासी क्षेत्रों की, समंदर के तट पर बसे गांवों की सुध नहीं ली। यहां गुजरात में भाजपा सरकार ने उमरगाम से लेकर अंबाजी तक, पूरे आदिवासी पट्टे में हर मूल सुविधा पहुंचाने के लिए अविरत काम किया है। लेकिन देश के स्तर पर ऐसा नहीं हुआ। 2014 तक देश में 100 से अधिक जिले विकास में अंतिम छोर पर थे, कोई पूछने वाला नहीं था। इनमें से अधिकतर, आदिवासी बाहुल्य जिले थे। पिछले 10 वर्षों में हमने इन जिलों को तेज विकास के लिए आकांक्षी बनाया। आज आकांक्षी जिला अभियान उसकी वजह से देश के ये 100 जिले, विकास में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

भाइयों और बहनों,

मोदी की गारंटी वहां से शुरू होती है, जहां दूसरों से उम्मीद खत्म होती है। देश के गरीब को पहली बार ये भरोसा हुआ है कि उसे पक्का घर मिलेगा- क्योंकि मोदी की गारंटी है। गरीब से गरीब को पहली बार ये भरोसा हुआ है कि उसे भूखा नहीं सोना पड़ेगा, उसे दर्द नहीं सहना पड़ेगा- क्योंकि मोदी की गारंटी है। दूर-सुदूर के गांव में रहने वाली बहन को भी भरोसा है कि उसके घर बिजली आएगी, नल से जल आएगा- क्योंकि मोदी की गारंटी है। गरीब, किसान, दुकानदार, मजदूर, इन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि इनके लिए भी बीमा और पेंशन की योजनाएं बनेंगी। लेकिन आज ये हुआ है- क्योंकि मोदी की गारंटी है। दोनों हाथ उठाइए – क्‍योंकि मोदी की गारंटी है।

साथियों,

आदिवासी क्षेत्रों में सिकल सेल अनीमिया एक बहुत बड़ी चुनौती रही है। गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए, हमने इसके लिए अनेक कदम उठाए। लेकिन इस बीमारी को दूर करने के लिए देश के स्तर पर प्रयास होना ज़रूरी था। अब हमने सिकल सेल अनीमिया से मुक्ति दिलाने के लिए राष्ट्रीय मिशन शुरू किया है। इसके तहत देशभऱ के आदिवासी क्षेत्रों में सिकल सेल अनीमिया की जांच की जा रही है। विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान भी लाखों लोगों की जांच हुई है। अब तो यहां मेडिकल कॉलेज भी बन रहा है। आदिवासी बाहुल जिलों में मेडिकल कॉलेज बनना पहले कितनी बड़ी बात होती थी। आज अनेक आदिवासी जिलों में मेडिकल कॉलेज बन चुके हैं।

साथियों,

गरीब हो या मध्यम वर्ग, गांव हो या शहर, हमारी सरकार का प्रयास है कि हर देशवासी का जीवन स्तर और सुधरे। अपने दशकों के शासन में कांग्रेस, भारत को 11वें नंबर की इकोनॉमी ही बना पाई। इकोनॉमी में पीछे रहने का मतलब ये था कि देश के पास पैसे भी कम ही रहते थे। इसलिए तब न तो गांव का अच्छे से विकास हो पाया और न ही छोटे शहरों में विकास हो पाया। भाजपा सरकार ने अपने 10 साल के शासन में ही भारत को 10 नंबर से 5 नंबर की इकोनॉमी बना दिया है। इसका मतलब ये है कि आज भारत के पास देशवासियों के पास खर्च करने के लिए कहीं ज्यादा पैसा है और इसलिए भारत ये खर्च कर भी रहा है। इसलिए, आज देश के छोटे शहरों में भी कनेक्टिविटी का शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर बन रहा है। कोई सोच भी नहीं सकता था कि छोटे शहरों से भी हवाई यात्रा इतनी सहज होगी। आज देश के अनेक छोटे शहरों में लोग हवाई यात्रा का लाभ ले पा रहे हैं। कांग्रेस के दशकों के शासन ने, शहरों को झुग्गियां दीं। हम झुग्गियों की जगह गरीबों को पक्के घर दे रहे हैं। बीते 10 साल में हमने गरीबों को 4 करोड़ से ज्यादा पक्के घर बनाकर दिए हैं...4 करोड़, आप सोचिए।

साथियों,

आज दुनिया डिजिटल इंडिया को पहचानती है। ये वही डिजिटल इंडिया अभियान है, जिसका कभी कांग्रेस के लोग मजाक उड़ाया करते थे। आज डिजिटल इंडिया ने छोटे शहरों को ट्रांसफॉर्म कर दिया है। इन छोटे शहरों में नए स्टार्ट अप्स बन रहे हैं, स्पोर्ट्स के क्षेत्र में नए युवा सामने आ रहे हैं। हम गुजरात में भी छोटे शहरों का विस्तार होते देख रहे हैं। इन छोटे शहरों में एक निओ मिडिल क्लास का उभार होते देख रहे हैं। यही निओ मिडिल क्लास भारत को तीसरे नंबर की आर्थिक ताकत बनाएगा।

भाइयों और बहनों,

भाजपा सरकार, जितना जोर विकास पर दे रही है, उतना ही ध्यान अपनी विरासत पर भी दे रही है। ये क्षेत्र तो हमारी आस्था और इतिहास का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। आज़ादी का आंदोलन हो या फिर राष्ट्र निर्माण का मिशन, इस क्षेत्र का योगदान बहुत अधिक है। लेकिन जब परिवारवाद, तुष्टिकरण और भ्रष्टाचार ही राजनीति का एकमात्र लक्ष्य बन जाए, तो विरासत पर ध्यान नहीं जाता। दुर्भाग्य से कांग्रेस ने दशकों तक देश के साथ लगातार ये अन्याय किया है। आज पूरी दुनिया में भारत की समृद्ध विरासत की गूंज सुनाई दे रही है। आप दुनिया में कहीं भी जाएंगे, तो पाएंगे कि लोग भारत आना चाहते हैं, भारत के बारे में जानना चाहते हैं। लेकिन कांग्रेस ने दशकों तक दुनिया को भारत की असली विरासत से दूर रखा। आज़ादी की लड़ाई में पूज्य बापू ने नमक और खादी को आजादी का प्रतीक बनाया। कांग्रेस ने खादी को भी बर्बाद कर दिया और नमक सत्याग्रह की इस भूमि को भी भुला दिया। दांडी नमक सत्याग्रह के स्थल पर दांडी स्मारक बनाने का सौभाग्य हमारी सरकार को मिला है। हमने सरदार पटेल जी के योगदान को समर्पित, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाई। लेकिन कांग्रेस का कोई भी शीर्ष का नेता आज तक वहां उन्हें श्रद्धांजलि देने नहीं गया है। गुजरात के प्रति इसी नफरत को कोई गुजराती कभी भूल नहीं सकता।

साथियों,

आपने देखा है कि कैसे कांग्रेस के ये लोग मोदी की जाति को भी गाली देते हैं। लेकिन कांग्रेस वाले भूल जाते हैं कि ये जितनी गाली देंगे- 400 पार का संकल्प उतना ही मजबूत होगा। ये जितना कीचड़ फेंकेंगे- 370 कमल उतनी ही शान से खिलेंगे।

भाइयों और बहनों,

कांग्रेस के पास आज मोदी को गाली देने के अलावा, देश के भविष्य के लिए कोई एजेंडा नहीं है। ये दिखाता है कि जब कोई पार्टी, परिवारवाद के शिकंजे में आ जाती है, तब उसे परिवार से ऊपर कोई नहीं दिखता। परिवारवादी मानसिकता, नई सोच की दुश्मन होती है। परिवारवादी मानसिकता, नई प्रतिभा की दुश्मन होती है। परिवारवादी मानसिकता, युवाओं की दुश्मन होती है। अपने परिवार की रक्षा के लिए वो वही पुरानी स्थिति बनाए रखना चाहते हैं। कांग्रेस के साथ आज यही हो रहा है। जबकि भाजपा, आने वाले 25 वर्ष, उसका एक रोडमैप बनाकर देश के सामने विकास के लक्ष्य को ले करके निकली है। इन 25 वर्षों में हम विकसित गुजरात बनाएंगे, विकसित भारत बनाएंगे।

साथियो,

आप इतनी बड़ी तादाद में आए। माताएं-बहनें बहुत बड़ी मात्रा में आई हैं। आप सबने हमें आशीर्वाद दिया, इसके लिए मैं हृदय से आपका आभार व्‍यक्‍त करता हूं। एक बार फिर से आप सभी को विकास कार्यों की बहुत-बहुत बधाई। मेरे साथ बोलिए-

भारत माता की जय !

दोनों हाथ ऊपर करके पूरी ताकत से बोलिए-

भारत माता की – जय !

भारत माता की – जय !

भारत माता की – जय !

बहुत-बहुत धन्यवाद !

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PM Modi visits the Indian Arrival Monument
November 21, 2024

Prime Minister visited the Indian Arrival monument at Monument Gardens in Georgetown today. He was accompanied by PM of Guyana Brig (Retd) Mark Phillips. An ensemble of Tassa Drums welcomed Prime Minister as he paid floral tribute at the Arrival Monument. Paying homage at the monument, Prime Minister recalled the struggle and sacrifices of Indian diaspora and their pivotal contribution to preserving and promoting Indian culture and tradition in Guyana. He planted a Bel Patra sapling at the monument.

The monument is a replica of the first ship which arrived in Guyana in 1838 bringing indentured migrants from India. It was gifted by India to the people of Guyana in 1991.