Balanced development of every region is a huge priority: PM Modi

Published By : Admin | April 25, 2023 | 16:50 IST
नमो चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान का दौरा किया और इसे राष्ट्र को समर्पित किया
दीव और सिलवासा से प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के लाभार्थियों को चाबियां सौंपी
“इन परियोजनाओं से जीवनयापन, पर्यटन, परिवहन और व्यवसाय में आसानी होगी। यह समय पर डिलीवरी की नई कार्य संस्कृति का उदाहरण है”
"देश के हर क्षेत्र का संतुलित विकास हो, इस पर हमारा बहुत जोर है"
'सेवाभावना यहां के लोगों की पहचान है'
"मैं हर छात्र को विश्वास दिलाता हूं कि हमारी सरकार उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी"
“मन की बात भारत के लोगों के प्रयासों और भारत की विशेषताओं को उजागर करने का एक बहुत अच्छा मंच बन गया है”
"मैं दमन, दीव और दादरा और नगर हवेली को तटीय पर्यटन के एक उज्ज्वल स्थान के रूप में देख रहा हूं"
"आज देश में ‘तुष्टीकरण’ पर नहीं बल्कि ‘संतुष्टिकरण’ पर बल दिया जा रहा है"
"वंचितों को वरीयता, ये बीते 9 वर्ष के सुशासन की पहचान बन चुकी है"
"सबका प्रयास' से हासिल होगा विकसित भारत का संकल्प और समृद्धि"

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

मंच पर विराजमान श्रीमान प्रफुल्ल पटेल, सांसद श्री विनोद सोनकर, सांसद बहन कलाबेन, जिला परिषद की अध्यक्षा निशा भवर जी, भाई राकेश सिह चौहान जी, मेडिकल जगत के साथियों, अन्य महानुभाव औऱ विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे प्यारे भाइयों और बहनों ! केम छो मजा, सुख मा, संतोष मा, आनंद मा, प्रगति मा, विकास मा...वाह। मैं जब भी यहां आता हूं, मन आनंद से भर जाता है। दमन, दीव, दादरा और नगर हवेली की विकास यात्रा को देखना भी मेरे लिए बहुत ही सुखद होता है। और अभी जो वीडियो देखी कोई कल्पना नहीं कर सकता है कि इतने से छोटे क्षेत्र में चहू दिशा में आधुनिक और तेज गति से विकास कैसा होता है वो वीडियो में हमने भली-भांति देखा है।

साथियों,

इस क्षेत्र की एक बड़ी विशेषता अब हमारा सिलवासा पहले वाला नहीं है, ये हमारा सिलवासा अब cosmopolitan हो गया है। हिंदुस्तान का कोई कोना ऐसा नहीं होगा जिसके लोग सिलवासा में न रहते हो। आपको अपनी जड़ों से प्यार है लेकिन आधुनिकता को भी उतना ही अपनत्व देते हैं। इस केंद्र शासित प्रदेश की इस खूबी को देखते हुए केंद्र सरकार अलग-अलग स्तरों पर तेजी से काम कर रही है। यहां पर अच्छी क्वालिटी का इंफ्रास्ट्रक्चर हो, अच्छी सड़कें, अच्छे पुल हों, यहां अच्छे स्कूल हों, वॉटर सप्लाई बेहतर हो, इन सभी पर केंद्र सरकार का बहुत जोर है। बीते 5 साल में इन सभी सुविधाओं पर 5500 करोड़ रुपए, साढ़े पांच हजार करोड़ रूपये से ज्यादा खर्च किए गए हैं। बिजली बिल से जुड़ी व्यवस्था हो, सारी स्ट्रीट्स लाइटों को LED से जगमगाना हो, ये क्षेत्र, तेजी से बदल रहा है। यहां Door to door waste collection की सुविधा हो या फिर सौ परसेंट Waste Processing, ये केंद्र शासित प्रदेश, सभी राज्यों को प्रेरणा दे रहा है। यहां जो नई Industrial Policy लाई गई है, वो भी यहां औद्योगिक विकास बढ़ाने में, रोजगार के नए मौके बनाने में मददगार साबित हो रही है। आज एक बार फिर मुझे लगभग नए 5 हज़ार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स का शुभारंभ करने का अवसर मिला है। ये प्रोजेक्ट हेल्थ, हाउसिंग, टूरिज्म, एजुकेशन और अर्बन डेवलपमेंट से जुड़े हैं। इससे Ease of Living बढ़ेगी। इससे Ease of Tourism बढ़ेगा। इससे Ease of Transportation बढ़ेगा। और इससे Ease of Business भी बढ़ेगा।

साथियों,

आज मुझे एक और बात की बहुत खुशी है। आज जिन प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण हुआ है, उनमें से कई का शिलान्यास करने का सौभाग्य आप सबने मुझे ही दिया था। लंबे समय तक हमारे देश में सरकारी प्रोजेक्ट सालों-साल तक लटकते थे, अटकते थे, भटकते थे। कई बार तो शिलान्यास के पत्थर भी पुराने होकर के गिर जाते थे, लेकिन प्रोजेक्ट पूरे नहीं होते थे। लेकिन पिछले 9 वर्षों में हमने देश में एक नई कार्यशैली विकसित की है, नया work culture लाए हैं।। अब जिस कार्य की नींव रखी जाती है, उसे तेजी से पूरा करने का भी भरसक प्रयास किया जाता है। एक काम पूरा करते ही हम दूसरा काम शुरू कर देते हैं। सिलवासा का ये कार्यक्रम इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। इसके लिए मैं आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

केंद्र की भाजपा सरकार, सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र पर चल रही है। देश के हर क्षेत्र का विकास हो, देश के हर क्षेत्र का संतुलित विकास हो, इस पर हमारा बहुत जोर है। लेकिन देश का ये भी दुर्भाग्य रहा है कि अनेक दशकों तक विकास को राजनीति के, वोटबैंक के तराज़ू पर ही तौला गया। योजनाओं की, प्रोजेक्ट्स की घोषणाएं देखकर तो, बहुत कुछ होती थीं। लेकिन कैसे होती थी, कहां से कितना वोट मिलेगा, किस वर्ग को खुश करने से वोट मिलेगा। जिनकी पहुंच नहीं थी, जिनकी आवाज़ कमज़ोर थी, वो अभावों में रहे, विकास यात्रा में पीछे छूटते गए। यही कारण है कि हमारे आदिवासी क्षेत्र, हमारे सीमावर्ती क्षेत्र, विकास से वंचित रह गए। हमारे मछुआरों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया। दमन, दीव, दादरा और नगर हवेली को भी इसी रवैये की बहुत कीमत चुकानी पड़ी है।

मैं तो गुजरात में था, मैं लगातार देखता रहता था कि क्या करके रखा है इन लोगों ने। आज जिस मेडिकल कॉलेज को अपना कैंपस मिला है, वो इस अन्याय का बहुत बड़ा साक्षी रहा है। आप सोचिए साथियों, आज़ादी के दशकों-दशक बीत गए, लेकिन दमन, दीव, दादरा और नगर हवेली में एक मेडिकल कॉलेज नहीं बना था। यहां के इने-गिने कुछ युवाओं को किसी तरह डॉक्टरी की पढ़ाई का अवसर मिल पाता था वो भी दूसरी जगह पे। इसमें भी आदिवासी परिवारों के बेटे-बेटियों की भागीदारी तो बिल्कुल ना के बराबर थी। जिन्होंने दशकों-दशक तक देश पर शासन किया, उनको यहां के युवाओं के साथ हो रहे, इस भयंकर अन्याय की चिंता कभी भी नहीं हुई। वो समझते थे इस छोटे से केंद्र शासित प्रदेश का विकास करके, उन्हें कुछ हासिल नहीं होगा। वो आपके इस आशीर्वाद का मूल्य कभी समझ ही नहीं पाए। 2014 में जब आपने हमें सेवा का अवसर दिया, तो हमने आपकी सेवा की भावना से काम करना शुरू किया, समर्पण भाव से काम करना शुरू किया। इसी का परिणाम है, कि दमन, दीव, दादरा और नगर हवेली को अपना पहला-National Academic Medical Organization (NaMo) मेडिकल कॉलेज मिला। अब यहां से हर वर्ष करीब-करीब डेढ़ सौ स्थानीय युवाओं को डॉक्टरी की पढ़ाई करने का अवसर मिल रहा है। कुछ ही वर्षों में, बहुत निकट भविष्य में एक हजार जितने डॉक्टर यहीं से तैयार हो जाएंगे। आप कल्पना कीजिए इतने छोटे से इलाके से एक हजार डॉक्टर। इनमें भी हमारे आदिवासी परिवारों के युवाओं की संख्या निरंतर बढ़ रही है। मैं यहां आने से पहले, एक समाचार रिपोर्ट में एक बिटिया की बात भी पढ़ रहा था। आदिवासी परिवार से ही आने वाली ये बिटिया अभी यहां मेडिकल में पहले साल की पढ़ाई कर रही है। उस बिटिया ने अखबार वालों से तो कहा कि मेरे परिवार को तो छोड़िए, मेरे पूरे गांव में कभी कोई डॉक्टर नहीं बन सका था। अब वो बिटिया इसे अपना सौभाग्य मानती है, कि दादरा और नगर हवेली में ये मेडिकल कॉलेज बना है और वो उसकी छात्रा है।

साथियों,

सेवाभावना ये यहां के लोगों की पहचान है। मुझे याद है, कोरोना के समय में यहां के मेडिकल स्टूडेंट्स ने आगे बढ़कर लोगों की मदद की थी। और कोरोना के समय तो परिवार में भी कोई एक दूसरे की मदद नहीं कर पाता था। तब यहां के स्टूडेंट्स गांवों में मदद करने पहुंचे थे और मैं उन विद्यार्थी मित्रों से कहना चाहूंगा। आप लोगों ने जो Village adoption Programme चलाया था, उसका जिक्र मैंने मन की बात में भी किया था। यहां के डॉक्टरों ने, मेडिकल स्टूडेंट्स ने जिस तरह अपने कर्तव्यों का पालन किया है, वो सभी के लिए बड़ी प्रेरणा है। मैं आज इस कार्य के लिए यहां चिकित्सा सुविधा से जुड़े हर व्यक्ति की सराहना करूंगा।

भाइयों और बहनों,

सिलवासा का ये नया मेडिकल कॉलेज, यहां पर स्वास्थ्य सुविधाओं पर दबाव भी कम करेगा। आप भी जानते हैं कि यहां पास में जो सिविल अस्पताल है, उस पर कितना प्रेशर था। अब तो यहां दमन में एक और 300 बेड का नया अस्पताल बन रहा है। सरकार ने आयुर्वेदिक अस्पताल के निर्माण के लिए भी अपनी मंजूरी दे दी है। यानि आने वाले समय में, सिलवासा और ये पूरा क्षेत्र, स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बहुत मजबूत होने वाला है।

साथियों,

आपको याद होगा, गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में भी मैं यहां बहुत बार आया हूं, आपके बीच आया हूं। जब मैं वहां सरकार में आया था, तो देखा था कि अंबाजी से लेकर के उमरगांव तक के आदिवासी पट्टे में किसी स्कूल में साइंस की पढ़ाई नहीं होती थी। जब साइंस की पढ़ाई ही नहीं होगी तो फिर बच्चे डॉक्टर और इंजीनियर कैसे बनेंगे ? इसलिए मैंने वहां स्कूल कॉलेजों में साइंस की पढ़ाई शुरू करवाई। हमारे आदिवासी बच्चों को एक बड़ी दिक्कत, दूसरी भाषाओं में पढ़ाई से भी होती है, किसी भी बच्चे को होती है। अंग्रेजी में पढ़ाई होने के कारण गांव के, गरीब, दलित, वंचित, आदिवासी परिवारों के अनेक प्रतिभाशाली बेटे-बेटियां डॉक्टर-इंजीनियर नहीं बन पाते थे। हमारी सरकार ने अब इस समस्या का समाधान भी कर दिया है। अब भारतीय भाषाओं में, आपकी अपनी भाषा में मेडिकल-इंजीनियरिंग की पढ़ाई का भी विकल्प दिया जा रहा है। इससे भी इस क्षेत्र के बच्चों को बहुत बड़ी मदद मिलने वाली है। अब गरीब मां का बच्चा भी डॉक्टर बनने का सपना संजो सकता है।

साथियों,

आज मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ यहां इंजीनियरिंग कॉलेज का भी लोकार्पण हुआ है। इससे यहां के करीब 300 युवाओं को हर वर्ष इंजीनियरिंग की पढ़ाई का अवसर मिलेगा। मुझे इस बात की भी खुशी है कि देश के बड़े शिक्षा संस्थान भी दमन, दीव, दादरा और नगर हवेली में अपने कैंपस खोल रहे हैं। दमन में निफ्ट का सैटेलाइट कैंपस बना है, सिलवासा में गुजरात नेशऩल लॉ यूनिवर्सिटी का कैंपस बना है, दीव में ट्रिपल आईटी वडोदरा ने अपना कैंपस खोला है। ये नया मेडिकल कॉलेज तो सिलवासा की सुविधाओं को नए स्तर पर लेकर जाएगा। मैं इस क्षेत्र के हर विद्यार्थी को ये भरोसा देता हूं कि उनके उज्जवल भविष्य के लिए हमारी सरकार कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ेगी।

भाइयों और बहनों,

मैं जब पिछली बार सिलवासा आया था, तो मैंने विकास की पंचधारा की बात कही थी। विकास की पंचधारा यानि, बच्चों की पढ़ाई, युवाओं को कमाई, बुजुर्गों को दवाई, किसानों को सिंचाई, और जन-जन की सुनवाई। आज मैं इसमें एक और धारा जोड़ूंगा। औऱ ये है, महिलाओं को खुद के घर की ढेर सारी बधाई। हमारी सरकार ने बीते वर्षों में देश के 3 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को पक्का घर बनाकर दिया है। यहां भी हमारी सरकार ने 15 हजार से ज्यादा घर बनाकर गरीबों को देना तय किया है। इनमें से ज्यादातर घर बनकर तैयार हो चुके हैं। आज भी यहां 1200 से ज्यादा परिवारों को उनके अपने मालिकाना हक वाले घर मिले हैं। और आप ये जानते हैं कि पीएम आवास योजना के जो घर दिए जा रहे हैं, उनमें महिलाओं को भी बराबर की हिस्सेदारी दी जा रही है। यानि हमारी सरकार ने यहां दमन, दीव, दादरा और नगर हवेली की हजारों महिलाओं को भी अपने घर की मालकिन बनाने का काम किया है। वरना हम जानते है हमारे यहां कैसा होता है घर का मालिक पुरूष, खेत का मालिक पुरूष, दुकान का मालिक पुरूष, गाड़ी का मालिक पुरूष, स्कूटर है तो भी मालिक पुरूष। महिला के नाम कुछ होता ही नहीं है। हमने इन घरों के मालिकाना हक महिलाओं को दिए हैं। और आप ये भी जानते है कि पीएम आवास योजना के तहत बने एक एक घर की कीमत कई लाख रुपए होती है। इसलिए ये महिलाएं जिनको ये जो घर मिला है ना, लाखों रूपये की कीमत का घर मिला है और इसलिए ये हमारे गरीब परिवार की माताएं-बहने, ये हमारी महिलाएं लखपति दीदी बन गई हैं, अब वो लखपति दीदी के नाम से जानी जाएंगी। क्योंकि लाख रूपए से भी ऊपर की कीमत के घर की वो मालकिन बनी हैं। मैं इन सभी लखपति दीदियों को जितनी बधाई दूं उतनी कम है उनको मैं विशेष तौर पर बधाई दे रहा हूं।

साथियों,

भारत की कोशिशों की वजह से आज पूरा विश्व, इस वर्ष को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स के तौर पर मना रहा है। मिलेट्स यानि मोटे अनाज को, हमारी सरकार ने श्रीअन्न की पहचान दी है। यहां के किसान, रागी या यहां की भाषा में कहें तो नगली या नचनी जैसे जिन मिलेट्स की पैदावार करते हैं, उन्हें भी हमारी सरकार बढ़ावा दे रही है। आज रागी से बना आटा हो, रागी से बनी कुकीज हो, रागी से बनी इडली हो, लड्डू हो, इन सबकी खपत बढ़ रही है औऱ किसानों को भी फायदा हो रहा है। मैं अक्सर मन की बात कार्यक्रम में इसका जिक्र करता हूं। और आप तो जानते ही है अब तो मन की बात का अगले रविवार को सेंचुरी होने वाला है, सौवां एपिसोड। भारत के लोगों के प्रयासों को सामने लाने का, भारत की विशेषताओं को उनका गौरव गान करने का, मन की बात बहुत अच्छा मंच बना है। आपकी तरह मुझे भी सौवें एपिसोड का बहुत इंतजार है, रविवार का इंतजार है।

साथियों,

बढ़ती हुई इन सुविधाओं के बीच, मैं दमन, दीव, दादरा और नगर हवेली को भारत में coastal tourism के ब्राइट स्पॉट के रूप में भी देख रहा हूं। दमन, दीव, दादरा-नगर हवेली के पास देश के महत्वपूर्ण टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में उभरने का सामर्थ्य है। आज जब भारत को हम दुनिया का सबसे आकर्षक टूरिज्म डेस्टिनेशन बनाने पर काम कर रहे हैं, तब यहां का महत्व और बढ़ गया है। दमन में रामसेतु और Nani Daman Marine Overview (NaMo) पथ नाम से जो दो seafronts बने हैं, वो भी यहा टूरिज्म को विस्तार देने में अहम भूमिका निभाएंगे। Weekends में जो टूरिस्ट यहां आते हैं, उनका तो ये फेवरेट स्पॉट बनने जा रहा है। मुझे बताया गया है कि पर्यटकों की सुविधा के लिए beach areas में नए टेंट सिटी भी बनाए जा रहे हैं। थोड़ी देर बाद मैं खुद Nani Daman Marine Overview (NaMo) पथ को देखने जाने वाला हूं। ये सी-फ्रंट निश्चित रूप से देश-दुनिया के पर्यटकों को आकर्षित करेगा। इसके साथ ही खानवेल रिवरफ्रंट, दुधनी जेट्टी, इको रिसॉर्ट का निर्माण, ये सब भी यहां टूरिज्म को बढ़ावा देंगे। Costal प्रोमोनेड, beach development के प्रोजेक्ट्स भी जब पूरे हो जाएंगे तो यहां का आकर्षण और बढ़ जाएगा। और इन सबसे यहां रोजगार के नए मौके बनेंगे, स्वरोजगार के मौके बनेंगे।

भाइयों और बहनों,

आज देश में तुष्टिकरण पर नहीं बल्कि संतुष्टिकरण पर बल दिया जा रहा है। वंचितों को वरीयता, ये बीते 9 वर्ष के सुशासन की पहचान बन चुकी है। केंद्र सरकार देश के हर ज़रूरतमंद, हर वंचित वर्ग, वंचित क्षेत्र तक सुविधाएं पहुंचाने के लिए तेजी से काम कर रही है। जब योजनाओं का सैचुरेशन होता है, जब सरकार खुद लोगों के दरवाजे तक जाती है, तो भेदभाव खत्म होता है, भ्रष्टाचार खत्म होता है, भाई भतीजावाद खत्म होता है। मुझे खुशी है कि दमन, दीव और दादरा नगर हवेली, केंद्र सरकार की अनेक योजनाओं के सैचुरेशन के बहुत निकट पहुंच गई है। आप सभी के ऐसे ही प्रयासों से समृद्धि आएगी, विकसित भारत का संकल्प सिद्ध होगा। एक बार फिर आप सभी को विकास कार्यों की बहुत-बहुत बधाई।

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

बहुत-बहुत धन्यवाद !

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President of the European Council, Antonio Costa calls PM Narendra Modi
January 07, 2025
PM congratulates President Costa on assuming charge as the President of the European Council
The two leaders agree to work together to further strengthen the India-EU Strategic Partnership
Underline the need for early conclusion of a mutually beneficial India- EU FTA

Prime Minister Shri. Narendra Modi received a telephone call today from H.E. Mr. Antonio Costa, President of the European Council.

PM congratulated President Costa on his assumption of charge as the President of the European Council.

Noting the substantive progress made in India-EU Strategic Partnership over the past decade, the two leaders agreed to working closely together towards further bolstering the ties, including in the areas of trade, technology, investment, green energy and digital space.

They underlined the need for early conclusion of a mutually beneficial India- EU FTA.

The leaders looked forward to the next India-EU Summit to be held in India at a mutually convenient time.

They exchanged views on regional and global developments of mutual interest. The leaders agreed to remain in touch.