लगभग 1,560 करोड़ रुपये की 218 मत्स्य पालन परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया
लगभग 360 करोड़ रुपये की लागत से पोत संचार और सहायता प्रणाली का राष्ट्रीय रोल आउट शुरू किया गया
मछुआरों के लाभार्थियों को ट्रांसपोंडर सेट और किसान क्रेडिट कार्ड वितरित किए गए
"महाराष्ट्र आने के बाद मैंने सबसे पहला काम यह किया कि अपने आराध्य देव छत्रपति शिवाजी महाराज के चरणों में सिर झुकाया और कुछ दिन पहले सिंधुदुर्ग में जो हुआ उसके लिए क्षमा मांगी"
"छत्रपति शिवाजी महाराज से प्रेरणा लेकर हम विकसित महाराष्ट्र-विकसित भारत के संकल्प पर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं"
"विकसित महाराष्ट्र, विकसित भारत के संकल्प का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है"
"महाराष्ट्र के पास विकास के लिए आवश्यक क्षमता और संसाधन दोनों हैं"
"पूरी दुनिया आज वाढवण बंदरगाह की ओर देख रही है"
दिघी पोर्ट महाराष्ट्र की पहचान और छत्रपति शिवाजी महाराज के सपनों का प्रतीक बनेगा
“यह नया भारत है, यह इतिहास से सीखता है और अपनी क्षमता और गौरव को पहचानता है”
"महाराष्ट्र में महिलाओं की सफलता इस बात का प्रमाण है कि 21वीं सदी की नारी शक्ति समाज को नई दिशा देने के लिए तैयार है"

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

महाराष्ट्र के गवर्नर सी.पी. राधाकृष्णन जी, हमारे लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे जी, केंद्रीय कैबिनेट में मेरे सहयोगी श्री राजीव रंजन सिंह जी, सर्बानंद सोनोवाल जी, महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस जी, अजीत दादा पवार जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे अन्य सहयोगीगण, महाराष्ट्र सरकार के मंत्री, अन्य महानुभाव और मेरे प्यारे भाइयों एवं बहनों!

आज संत सेनाजी महाराज यांची पुण्यतिथी. मी त्यांना नमन करतो। माझा सर्व लाडक्या बहिणी, आणि लाडक्या भावांना तुमच्या या सेवकाचा नमस्कार।

साथियों,

आज इस कार्यक्रम की चर्चा करने से पहले मैं अपने हृदय के भावों को व्यक्त करना चाहता हूं। जब 2013 में भारतीय जनता पार्टी ने मुझे प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में निश्चित किया तो मैंने सबसे पहला काम किया था– रायगढ़ के किले पर जाकर के छत्रपति शिवाजी महाराज की समाधि के सामने बैठकर के प्रार्थना की थी। एक भक्त अपने आराध्य देव को जिस प्रकार से प्रार्थना करता है, उस भक्ति भाव से आशीर्वाद लेकर के मैंने राष्ट्रीय सेवा की एक नई यात्रा का आरंभ किया था। पिछले दिनों सिंधुदुर्ग में जो हुआ, मेरे लिए, मेरे सभी साथियों के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज ये सिर्फ नाम नहीं है। हमारे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज ये सिर्फ राजा, महाराजा, राजपुरुष मात्र नहीं है, हमारे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य देव हैं। और मैं आज सर झुकाकर के मेरे आराध्य देव छत्रपति शिवाजी महाराज की, उनके चरणों में मस्तक रखकर के माफी मांगता हूं। हमारे संस्कार अलग हैं, हम वो लोग नहीं हैं, जो आए दिन भारत मां के महान सपूत इसी धरती के लाल वीर सावरकर को अनाप सनाप गालियां देते रहते हैं, अपमानित करते रहते हैं। देशभक्तों की भावनाओं को कुचलते हैं। उसके बावजूद भी, वीर सावरकर को गालियां देने के बावजूद भी माफी मांगने को जो तैयार नहीं है, अदालतों में जाकर के लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। इतने बड़े महान सपूत का अपमान करके जिनको पश्चाताप नहीं होता है, महाराष्ट्र की जनता उनके संस्कार को अब जान लें। और ये हमारे संस्कार हैं कि इस धरती पर आते ही आज मैंने पहला काम मेरे आराध्य देव छत्रपति शिवाजी महाराज, उनके चरणों में सर झुकाकर के क्षमा मांगने का कर रहा हूं। और इतना ही नहीं जो-जो लोग छत्रपति शिवाजी महाराज को अपने आराध्य मानते हैं, उनके दिल को जो गहरी चोट पहुंची है, मैं ऐसे आराध्य देव की पूजा करने वालों से भी सर झुकाकर के क्षमा मांगता हूं। मेरे संस्कार अलग हैं। हमारे लिए हमारे आराध्य देव से बड़ा कुछ नहीं होता है।

साथियों,

आज का दिन महाराष्ट्र की विकास यात्रा का एक ऐतिहासिक दिन है। ये भारत की विकास यात्रा के लिए बहुत बड़ा दिन है। विकसित महाराष्ट्र, विकसित भारत के संकल्प का सबसे अहम हिस्सा है। इसीलिए, पिछले दस वर्ष हों, या अभी मेरी सरकार का तीसरा कार्यकाल महाराष्ट्र के लिए लगातार बड़े फैसले लिए गए हैं। महाराष्ट्र के पास विकास के लिए जरूरी सामर्थ्य भी है, संसाधन भी हैं। यहाँ समुद्र के तट भी हैं, इन तटों से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का सदियों पुराना इतिहास भी है। और यहाँ भविष्य की अपार संभावनाएं भी हैं। इन अवसरों का पूरा लाभ महाराष्ट्र को और देश को मिले, इसके लिए आज वाढवण पोर्ट की नींव रखी गई है। इस पोर्ट पर 76 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए जाएंगे। ये देश का सबसे बड़ा कंटेनर पोर्ट होगा। ये देश ही नहीं, दुनिया के सबसे गहरे पोर्ट्स में से एक महत्वपूर्ण पोर्ट होगा। आज देश के सभी कंटेनर पोर्ट्स से जितने कंटेनर आते-जाते हैं, पूरे देश के, टोटल की मैं बात कर रहा हूं। आज जितने टोटल आते जाते हैं, उससे ज्यादा कंटेनर का काम अकेले वाढवण पोर्ट पर होने वाला है। आप अंदाजा लगा सकते हैं, ये पोर्ट महाराष्ट्र और देश के व्यापार का, औद्योगिक प्रगति का कितना बड़ा केंद्र बनेगा। इस क्षेत्र की पहचान अब तक प्राचीन किलों, यानी फोर्ट से होती थी, अब इस क्षेत्र की पहचान आधुनिक पोर्ट से भी हुआ करेगी। मैं पालघर के लोगों को, महाराष्ट्र के लोगों को, देश के लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

हमारी सरकार ने 2-3 दिन पहले ही दिघी पोर्ट औद्योगिक क्षेत्र के विकास को भी मंजूरी दे दी है। यानि ये महाराष्ट्र के लोगों के लिए डबल खुशखबरी है। ये औद्योगिक क्षेत्र छत्रपति शिवाजी महाराज की राजधानी रायगढ़ में विकसित होने वाला है। इसलिए, ये महाराष्ट्र की पहचान का, छत्रपति शिवाजी महाराज के सपनों का भी प्रतीक बनेगा। दिघी पोर्ट औद्योगिक क्षेत्र से पर्यटन और इको-रिसॉर्ट को भी बढ़ावा मिलेगा।

साथियों,

आज यहां मच्छीमार भाई-बहनों के लिए भी 700 करोड़ रुपए से ज्यादा की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया है। देश की अलग-अलग जगहों पर 400 करोड़ रुपए से ज्यादा की परियोजनाओं का उद्घाटन भी यहीं से हुआ है। इन सब प्रोजेक्ट्स के लिए भी अपने मछुआरे भाई-बहनों को, आप सभी साथियों को बधाई देता हूँ। वाढवण पोर्ट हो, दिघी पोर्ट इंडस्ट्रियल एरिया का विकास हो, फिशरीज की योजनाएं हों, इतने बड़े-बड़े काम माता महालक्ष्मी देवी, माता जीवदानी और भगवान तुंगारेश्वर के आशीर्वाद से ही हो रहे हैं। माता महालक्ष्मी देवी, माता जीवदानी आणि, भगवान तुंगारेश्र्वर यांना माझे शतः शतः नमन!

साथियों,

एक समय था, जब भारत को विश्व के सबसे समृद्ध और सशक्त राष्ट्रों में गिना जाता था। भारत की इस समृद्धि का एक बड़ा आधार था- भारत का सामुद्रिक सामर्थ्य, हमारी इस ताकत को महाराष्ट्र से बेहतर और कौन जानेगा? छत्रपति शिवाजी महाराज, उन्होंने समुद्री व्यापार को, समुद्री शक्ति को एक नई ऊंचाई दी थी। उन्होंने नई नीतियाँ बनाईं, देश की प्रगति के लिए फैसले लिए। कभी हमारी ताकत इतनी थी कि दर्या सारंग कान्होजी आंग्रे पूरी ईस्ट इंडिया कंपनी पर भारी पड़े थे। लेकिन, आज़ादी के बाद उस विरासत पर ध्यान नहीं दिया गया। औद्योगिक विकास से लेकर व्यापार तक, भारत पीछे छूटता चला गया।

लेकिन साथियों,

अब ये भारत, नया भारत है। नया भारत इतिहास से सबक लेता है नया भारत अपने सामर्थ्य को पहचानता है, नया भारत अपने गौरव को पहचानता है, गुलामी की बेड़ियों के हर निशान को पीछे छोड़ते हुए नया भारत समुद्री इनफ्रास्ट्रक्चर में मील के नए पत्थर लगा रहा है।

साथियों,

पिछले एक दशक में भारत के समुद्री तटों पर विकास को अभूतपूर्व गति मिली है। हमने बन्दरगाहों को आधुनिक बनाया है। हमने जलमार्गों को विकसित किया है। जहाजों को बनाने का काम भारत में हो, भारत के लोगों को रोजगार मिले, सरकार ने इस पर ज़ोर दिया है। इस दिशा में लाखों करोड़ रुपए का निवेश हुआ है। आज इसके परिणाम भी हमें देखने को मिल रहे हैं। ज्यादातर पोर्ट की क्षमता पहले की तुलना में दोगुनी हो गई है, निजी निवेश भी बढ़ा है, जहाजों के आने-जाने के समय में भी कमी आई है। इसका लाभ किसे मिल रहा है? हमारे उद्योगों, हमारे व्यापारियों, जिनकी लागत कम हुई है। इसका लाभ हमारे युवाओं को मिल रहा है, जिन्हें नए अवसर मिल रहे हैं। इसका लाभ उन नाविकों को मिल रहा है, जिनकी सुविधाएं बढ़ी हैं।

साथियों,

आज वाढवण पोर्ट पर पूरी दुनिया की नजर है। दुनिया में वाढवण पोर्ट की बराबरी करने वाले, 20 मीटर जितनी गहराई वाले बहुत कम बंदरगाह हैं। इस पोर्ट पर हजारों जहाज आएंगे, कंटेनर आएंगे, इस पूरे क्षेत्र की आर्थिक तस्वीर बदल जाएगी। सरकार वाढवण पोर्ट को रेल और हाईवे कनेक्टिविटी से भी जोड़ेगी। कितने ही नए-नए व्यापार इस पोर्ट की वजह से यहां शुरू होंगे। यहां वेयरहाउसिंग के काम में बहुत तेजी आएगी और इसकी लोकेशन, ये तो सोने पर सुहागा है, वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे, सब कुछ बहुत पास है। पूरे साल यहां से कार्गो आएगा-जाएगा, और इसका सबसे ज्यादा लाभ आप लोगों को मिलेगा, मेरे महाराष्ट्र के भाई-बहनों को मिलेगा, मेरी नई पीढ़ी को मिलेगा।

साथियों,

महाराष्ट्र का विकास, ये मेरी बहुत बड़ी प्राथमिकता है। आज ‘मेक इन इंडिया’ का लाभ महाराष्ट्र को हो रहा है। आज आत्मनिर्भर भारत अभियान का लाभ महाराष्ट्र को हो रहा है। आज भारत की प्रगति में हमारा महाराष्ट्र बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है, लेकिन ये दुर्भाग्य है कि महाराष्ट्र विरोधी दलों ने आपके विकास, आपकी भलाई पर हमेशा ब्रेक लगाने की कोशिश की। मैं आज आपको इसका एक और उदाहरण देता हूं।

भाइयों और बहनों,

हमारे देश को वर्षों से दुनिया के साथ व्यापार के लिए एक बड़े और आधुनिक पोर्ट की जरूरत थी। महाराष्ट्र का पालघर ही इसके लिए सबसे उपयुक्त जगह है। ये पोर्ट हर मौसम में काम कर सकता है। लेकिन, इस प्रोजेक्ट को 60 वर्षों तक लटकाकर रखा गया। महाराष्ट्र और देश के लिए इतने जरूरी काम को कुछ लोग शुरू ही नहीं होने दे रहे थे। 2014 में आप सबने हमें दिल्ली में सेवा करने का मौका दिया, 2016 में जब हमारे साथी देवेन्द्र जी की सरकार आई, तब इस पर उन्होंने गंभीरता से काम शुरू करवाया। 2020 में यहाँ पोर्ट बनाने का फैसला भी कर लिया गया, लेकिन, उसके बाद सरकार बदल गई और ढाई साल तक फिर यहाँ कोई काम नहीं हुआ। आप मुझे बताइये, अकेले इस प्रोजेक्ट से यहाँ कई लाख करोड़ रुपए के निवेश का अनुमान है। यहाँ करीब 12 लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे। महाराष्ट्र के इस विकास से आखिर किसे आपत्ति है? कौन लोग थे, जो महाराष्ट्र के विकास को ब्रेक लगा रहे थे? ये कौन लोग थे, जिनको महाराष्ट्र के नौजवानों को रोजगार मिले इससे एतराज था। पहले की उन सरकारों ने क्यों इस काम को आगे नहीं बढ़ने दिया? ये बात महाराष्ट्र की जनता को कभी भी भूलना नहीं चाहिए। सच्चाई ये है कि कुछ लोग महाराष्ट्र को पीछे रखना चाहते हैं, जबकि हमारे एनडीए की सरकार, यहां हमारी महायुति की सरकार, महाराष्ट्र को देश में सबसे आगे ले जाना चाहती है।

साथियों,

जब समुद्र से जुड़े अवसरों की बात होती है, तो इसमें सबसे अहम भागीदार हमारे मछुआरे भाई-बहन हैं। मच्छिमार बंधू भगिनींनो! आपल्या पांच शे सव्विस, मच्छीमारांची गावे कोळीवाडे, आणि 15 लाख मच्छिमारांच्या लोक-संख्येसह, महाराष्ट्राचे मत्स्यपालन क्षेत्रातील, खूप मोठे आहे. अभी मैं पीएम मत्स्य सम्पदा के लाभार्थी साथियों से बात भी कर रहा था। इनके परिश्रम से 10 वर्षों में कैसे इस सेक्टर की तस्वीर बदली है, कैसे देश की योजनाओं से, सरकार के सेवाभाव से करोड़ों मछुआरों का जीवन बदल रहा है, ये आज हमें देखने को मिल रहा है। आपकी मेहनत ने कितना कमाल किया है, ये जानकर आपको भी खुशी होगी! आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश बन गया है। 2014 में देश में 80 लाख टन मछली का ही उत्पादन होता था। आज करीब-करीब 170 लाख टन मछली का उत्पादन भारत कर रहा है। यानि सिर्फ 10 साल में मछली का उत्पादन आपने दोगुना कर दिया है। आज भारत का सी फूड निर्यात भी तेजी से बढ़ रहा है। 10 साल पहले देश से 20 हजार करोड़ रुपए से कम का झींगा निर्यात होता था। आज 40 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की झींगा निर्यात होता है। यानि झींगा का निर्यात भी आज दोगुने से ज्यादा हो गया है। हमने जो ब्लू रेवोल्यूशन स्कीम शुरू की थी, उसकी सफलता चारों तरफ दिख रही है। इस योजना से रोजगार के लाखों नए अवसर तैयार हुए हैं। आमच्या सरकारच्या निरंतर प्रयत्नांमुळे, कोट्यावधी मच्छीमारांचे उत्पन्न वाढले आहे, त्यांचा जीवन स्तर सुधारला आहे.

साथियों,

हमारी सरकार मछली उत्पादन में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने के लिए भी काम कर रही है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत हजारों महिलाओं को मदद दी गई है। आप भी जानते हैं कि मछली पकड़ने के लिए जाने वाले लोगों को अपने जीवन का खतरा भी उठाना पड़ता था। घर की महिलाएं, पूरा परिवार चिंता में जीता था। हम आधुनिक टेक्नोलॉजी और सैटेलाइट की मदद से इन खतरों को भी कम कर रहे हैं। आज जो ये वेसल कम्यूनिकेशन सिस्टम शुरू हुआ है, वो तो हमारे मच्छीमार भाई-बहनों के लिए बहुत बड़ा वरदान होगा। सरकार, मछली पकड़ने वाले जहाजों पर एक लाख ट्रांसपोंडर लगाने जा रही है। इसकी मदद से हमारे मछुआरे साथी, अपने परिवारों से, बोट मालिकों से, फिशरीज डिपार्टमेंट से, समुद्र की सुरक्षा करने वालों से हमेशा जुड़े रहेंगे। चक्रवात के समय, समुद्र में किसी अनहोनी के समय, हमारे मछुआरे साथी, जब चाहें अपना संदेश सैटेलाइट की मदद से किनारे पार संबंधित लोगों को भेज पाएंगे। संकट के समय, आपका जीवन बचाना, आप तक सबसे पहले पहुंचना, सरकार की बहुत बड़ी प्राथमिकता है।

साथियों,

मच्छीमार भाई-बहनों के जहाज सुरक्षित लौट सकें, इसके लिए 110 से ज्यादा मच्छी बन्दरगाह और लैंडिंग सेंटर्स भी बनाए जा रहे हैं। कोल्ड चेन हो, प्रोसेसिंग की व्यवस्था हो, नाव के लिए लोन की योजना हो, या पीएम मत्स्य संपदा योजना हो, ये सारी योजनाएं मच्छीमार भाई-बहनों के हित के लिए ही बनाई गई हैं। हम तटीय गाँवों के विकास पर और ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। आपका सामर्थ्य बढ़ाने के लिए मच्छीमार सरकारी संस्थाओं को भी, सहकारी संस्थाओं को भी मजबूत बनाया जा रहा है।

साथियों,

पिछड़ों के लिए काम करना हो, या वंचितों को अवसर देना हो, बीजेपी और एनडीए सरकारों ने पूरे समर्पण भाव और ईमानदारी से काम किया है। आप देखिए, देश में इतने दशकों तक मच्छीमार भाई-बहनों और आदिवासियों की क्या स्थिति रही? पुरानी सरकारों की नीतियों में हमेशा इस समाज को हाशिये पर रखा गया। देश में इतना बड़ा आदिवासी बहुल क्षेत्र है। फिर भी आदिवासियों के कल्याण के लिए कभी एक विभाग तक नहीं बनाया गया। अलग जनजातीय मंत्रालय की स्थापना भाजपा एनडीए सरकार ने ही की थी। हमारी ही सरकार ने मछुआरों के कल्याण के लिए अलग मंत्रालय भी बनाया। हमेशा उपेक्षित रहे आदिवासी इलाकों को अब पीएम जनमन योजना का लाभ मिल रहा है। हमारा आदिवासी समाज, हमारा मच्छीमार समाज आज भारत की प्रगति में बड़ा योगदान दे रहा है।

साथियों,

आज मैं महायुति की सरकार की एक और बात के लिए विशेष रूप से सराहना करूंगा। Women led development में नारी सशक्तिकरण में महाराष्ट्र देश को दिशा दिखा रहा है। आज महाराष्ट्र में अनेक उच्च पदों पर महिलाएं बहुत ही शानदार काम कर रही हैं। राज्य के इतिहास में पहली बार मुख्य सचिव के रुप में सुजाता सौनिक जी राज्य प्रशासन का मार्गदर्शन कर रही हैं। पहली बार राज्य के पुलिस फोर्स की प्रमुख DGP रश्मि शुक्ला जी नेतृत्व कर रही हैं। पहली बार राज्य के Forest Force की प्रमुख के रुप में शोमिता बिस्वास जी lead कर रही हैं। पहली बार राज्य के कानून विभाग के प्रमुख के रूप में श्रीमती सुवर्णा केवले जी, बड़ी जिम्मेदारी संभाल रही हैं। इसी तरह राज्य के Principal Accountant General के रुप में जया भगत जी ने कमान संभाली हुई है। और मुंबई में Customs Department का नेतृत्व प्राची स्वरूप जी के हाथों में है। मुंबई की विशाल और मुश्किल भरे अंडरग्राउंड Metro-3 को Mumbai Metro की एमडी अश्विनी भिडे जी lead कर रही हैं। उच्च शिक्षा क्षेत्र में भी महाराष्ट्र में महिलाएं नेतृत्व कर रही हैं। महाराष्ट्र हेल्थ यूनिवर्सिटी के कुलगुरू के रूप में लेफ्टिनेंट जनरल डॉक्टर माधुरी कानिटकर जी नेतृत्व कर रही हैं। महाराष्ट्र के Skills University के पहले कुलगुरू के रुप में डॉक्टर अपूर्वा पालकर जी नयी पहल कर रही हैं। ऐसे कितने ही बड़े और बहुत जिम्मेदारी भरे पद हैं, जहां महाराष्ट्र में नारीशक्ति, अपने श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही है। इनकी सफलता इस बात का प्रमाण है कि 21वीं सदी की नारीशक्ति समाज को नई दिशा देने के लिए तैयार है। यही नारीशक्ति, विकसित भारत का बहुत बड़ा आधार है।

साथियों,

‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ ये NDA सरकार का मंत्र है। मुझे विश्वास है, आप सबके सहयोग से हम महाराष्ट्र को विकास की नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। आप महायुति सरकार पर अपना आशीर्वाद बनाए रखिए। एक बार फिर आप सभी को देश के सबसे बड़े पोर्ट के लिए, अनेक-अनेक मच्छीमार भाइयों के लिए योजनाओं के लिए अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं, बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिये–

भारत माता की–जय

दोनों हाथ ऊपर करके पूरी ताकत से बोलिये-

भारत माता की–जय,

आज आपके साथ समुंदर की हर लहरें भी अपना सुर जोड़ रही हैं-

भारत माता की–जय,

भारत माता की–जय,

भारत माता की–जय,

बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text Of Prime Minister Narendra Modi addresses BJP Karyakartas at Party Headquarters
November 23, 2024
आज महाराष्ट्र ने विकास, सुशासन और सच्चे सामाजिक न्याय की जीत देखी है: पीएम मोदी
महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा को कांग्रेस और उसके सहयोगियों की कुल सीटों से कहीं ज़्यादा सीटें दी हैं: पीएम मोदी
महाराष्ट्र ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यह पिछले 50 सालों में किसी भी पार्टी या चुनाव-पूर्व गठबंधन की सबसे बड़ी जीत है: पीएम मोदी
‘एक हैं तो सेफ हैं’ देश का ‘महामंत्र’ बन गया है: पार्टी मुख्यालय में भाजपा कार्यकर्ताओं से पीएम मोदी
महाराष्ट्र देश का छठा राज्य बन गया है जिसने लगातार तीसरी बार भाजपा को जनादेश दिया है: पीएम मोदी

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।