उन्होंने कर्मयोगी प्रारंभ मॉड्यूल का भी शुभारंभ किया, जो सभी नए भर्ती किए गए उम्मीदवारों के लिए एक ऑनलाइन ओरिएंटेशन कोर्स है
"रोजगार मेला युवाओं को सशक्त बनाने और उन्हें राष्ट्रीय विकास में उत्प्रेरक बनाने वाला हमारा प्रयास है"
“सरकारी नौकरियां उपलब्ध कराने के लिए सरकार मिशन मोड में काम कर रही है”
"केंद्र सरकार राष्ट्र निर्माण के लिए युवाओं की प्रतिभा और ऊर्जा का सदुपयोग करने के कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है"
"'कर्मयोगी भारत' प्रौद्योगिकी मंच कौशल उन्नयन में बहुत मदद करेगा"
"दुनिया भर के विशेषज्ञ भारत के विकास पथ के बारे में आशावादी हैं"
“सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में ही नई नौकरियों की संभावनाएं लगातार बढ़ गई हैं। यह भी महत्वपूर्ण बात यह है कि रोजगार के ये अवसर युवाओं के लिए उनके अपने शहरों और गांवों में ही उभर रहे हैं"
"हम भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के मार्ग के साथी और सह-यात्री हैं"

नमस्‍कार।

रोजगार मेले में जुड़े मेरे युवा साथियों,

आप सबको बहुत-बहुत बधाई। आज देश के 45 शहरों में 71 हजार से ज्यादा युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए जा रहे हैं। यानी, आज एक साथ हजारों घरों में खुशहाली के नए दौर की शुरुआत हुई है। पिछले महीने आज के ही दिन धनतेरस पर केंद्र सरकार की तरफ से 75 हजार नौजवानों को नियुक्ति पत्र बांटे गए थे। अब आज का ये विशाल रोजगार मेला दिखाता है कि सरकार किस तरह government job देने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है।

साथियों,

पिछले महीने जब रोजगार मेले की शुरुआत हुई थी, तो मैंने एक और बात कही थी। मैंने कहा था कि विभिन्न केंद्र शासित प्रदेश, NDA और भाजपा शासित राज्य भी इसी तरह रोजगार मेले का आयोजन करते रहेंगे। मुझे खुशी है कि पिछले एक महीने में ही महाराष्ट्र और गुजरात में भी राज्य सरकारों की तरफ से हजारों युवाओं को नियुक्ति पत्र बांटे गए हैं। कुछ दिन पहले ही यूपी सरकार ने भी अनेकों युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए हैं। पिछले एक महीने में जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, लक्ष्यद्वीप, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव और चंडीगढ़ में भी रोजगार मेले आयोजित करके हजारों युवाओं को नौकरी दी गई है। मुझे बताया गया है कि परसो यानि 24 नवंबर को गोवा सरकार भी इसी तरह के रोजगार मेले का आयोजन करने जा रही है। 28 नवंबर को त्रिपुरा सरकार भी रोजगार मेले का आयोजन कर रही है। यही डबल इंजन की सरकार का डबल फायदा है। देश के युवाओं को रोजगार मेले के माध्यम से नियुक्त पत्र देने का ये अभियान ऐसे ही अनवरत जारी रहेगा।

साथियों,

भारत जैसे युवा देश में, हमारे करोड़ों नौजवान इस राष्ट्र की सबसे बड़ी ताकत हैं। अपने युवाओं की प्रतिभा और उनकी ऊर्जा राष्ट्र निर्माण में ज्यादा से ज्यादा उपयोग में आए, इसे केंद्र सरकार सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। आज राष्ट्र निर्माण के कर्तव्य पथ से जुड़ रहे अपने 71 हजार से ज्यादा नए सहयोगियों का मैं स्वागत करता हूं, अभिनंदन करता हूं। जिन पदों पर आपकी नियुक्ति होने जा रही है, उसे आपने कठिन परिश्रम से, कड़ी प्रतियोगिता में सफल होकर हासिल किया है। इसके लिए आपको और आपके परिवार को भी उतना ही हक है बधाई प्राप्‍त करने का।

मेरे युवा साथियों,

आपको ये नई जिम्मेदारी एक विशेष कालखंड में मिल रही है। देश अमृतकाल में प्रवेश कर चुका है। हम देशवासियों ने मिलकर इस अमृतकाल में भारत को विकसित बनाने का प्रण लिया है। इस प्रण की प्राप्ति में आप सभी देश के सारथी बनने जा रहे हैं। आप सभी जो नई जिम्मेदारी संभालने जा रहे हैं, उसमें आप, अन्य देशवासियों के सामने केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर नियुक्‍त होंगे एक प्रकार से। ऐसे में आपको एक और बात याद जरूर रखनी चाहिए, अपना कर्तव्य निभाने के लिए आपको अपनी भूमिका अच्छी तरह समझनी होगी। एक जनसेवक के तौर पर अपनी सेवाएं देने के लिए आपको अपनी क्षमता बढ़ाने, Capacity Building पर भी लगातार फोकस करना चाहिए। आज सरकार का प्रयास टेक्नोलॉजी की मदद से हर सरकारी कर्मचारी को बेहतर ट्रेनिंग की सुविधा देने का है। हाल ही में जो 'कर्मयोगी भारत' टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म लॉन्च हुआ है, उसमें कई तरह के ऑनलाइन कोर्सेस उपलब्ध हैं। आज ही, आप जैसे नए सरकारी कर्मचारियों के लिए एक विशेष कोर्स की शुरुआत भी की जा रही है। इसको नाम दिया गया है- कर्मयोगी प्रारंभ। आप 'कर्मयोगी भारत' प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध ऑनलाइन कोर्सेस का जरूर ज्‍यादा फायदा उठाऐंगे ही। इससे आपकी स्किल भी अपग्रेड होगी और भविष्य में आपको अपने करियर में भी काफी लाभ होगा।

साथियों,

आज आप ये भी देख रहे हैं कि वैश्विक महामारी और युद्ध के संकट के बीच, पूरे विश्व में युवाओं के सामने नए अवसरों का संकट है। बड़े-बड़े एक्सपर्ट्स, विकसित देशों में भी बड़े संकट की आशंका जता रहे हैं। ऐसे समय में economists और experts ये कह रहे हैं कि भारत के पास अपना आर्थिक सामर्थ्य दिखाने और नए अवसरों को बढ़ाने का एक स्‍वर्णीम मौका है। भारत आज service exports के मामले में विश्व की एक बड़ी शक्ति बन गया है। अब एक्सपर्ट भरोसा जता रहे हैं कि भारत विश्व का manufacturing house भी बनने वाला है। इसमें हमारी Production Linked Incentive Scheme, ऐसी योजनाओं की बड़ी भूमिका होगी लेकिन इसका मुख्य आधार भारत का skilled manpower, भारत का skilled युवा ही होगा। आप कल्पना कर सकते हैं, सिर्फ PLI स्कीम में ही देश में 60 लाख नए रोजगार का सृजन होने की उम्मीद है। मेक इन इंडिया अभियान हो, वोकल फॉर लोकल हो, लोकल को ग्लोबल ले जाने का अभियान हो, ये सभी योजनाएं देश में रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर बना रही हैं। यानि सरकारी और गैर-सरकारी, दोनों ही क्षेत्रों में नई नौकरियों की संभावना लगातार बढ़ रही है। और बड़ी बात ये कि ये कि नए अवसर युवाओं के लिए उनके अपने शहर, अपने गांवों में बन रहे हैं। इससे युवाओं के सामने अब पलायन की मजबूरी कम हुई है और वो अपने क्षेत्र के विकास में पूरा सहयोग भी कर पा रहे हैं।

स्टार्ट-अप्स से लेकर स्वरोजगार तक, स्पेस से लेकर ड्रोन तक, आज भारत में युवाओं के लिए चौतरफा नए अवसरों का निर्माण हो रहा है। आज भारत के 80 हजार से ज्यादा स्टार्ट-अप्स, युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में अपना सामर्थ्य दिखाने का मौका दे रहे हैं। दवाइयों की सप्लाई हो या पेस्टिसाइड का छिड़काव, स्वामित्व योजना में ड्रोन से मैपिंग हो या फिर रक्षा क्षेत्र में इस्तेमाल, ड्रोन्स का उपयोग देश में लगातार बढ़ रहा है। और ड्रोन्स का ये बढ़ता हुआ उपयोग, युवाओं को नई नौकरियां दे रहा है। हमारी सरकार ने स्पेस सेक्टर को खोलने का जो निर्णय लिया, उसका भी बड़ा लाभ युवाओं को मिला है। हमने 2-3 दिन पहले ही देखा है कि कैसे भारत के प्राइवेट सेक्टर ने अपना पहला स्पेस रॉकेट सफलतापूर्वक लॉन्च किया है। आज जो अपना बिजनेस करना चाहते हैं, उन्हें मुद्रा लोन से भी बड़ी मदद मिल रही है। अब तक देश में 35 करोड़ से ज्यादा मुद्रा लोन दिए जा चुके हैं। देश में Innovation को बढ़ावा देने से, Research को बढ़ावा देने से भी रोजगार के मौके बढ़ रहे हैं। मैं देश के सभी युवाओं से आग्रह करूंगा कि इन नए अवसरों का भी पूरा लाभ उठाएं। आज जिन 71 हजार से ज्यादा युवाओं को नियुक्ति पत्र मिला है, मैं उन्हें एक बार फिर बधाई देता हूं, अपनी शुभकामनाएं देता हूं। मुझे विश्‍वास है कि आप अपनी capacity बढ़ाने के लिए प्रयास करने में कभी कोई कमी नहीं रखेंगे आज जो नियुक्‍त पत्र है वो आपका entry point है। इसका मतलब हुआ कि प्रगति का एक नया विश्‍व आपने सामने अब खुल चुका है। आप अपने आप को अधिक से अधिक योग्‍य बनाइए, काम करते- करते योग्‍यता बढ़ाइए, ज्ञान अर्जित करते-करते योग्‍यता बढ़ाइए। अपने seniors से जो अच्‍छी चिजें हैं वो सिखकर के योग्‍यता बढ़ाइए।

साथियों,

मैं भी आपकी तरह निरंतर सिखने का प्रयास करता हूं मेरे भीतर के विद्यार्थी को कभी मरने नही देता हूं। हर किसी से मैं सिखता हूं, हर छोटी चीज से सिखने का प्रयास करता हूं और उसका कारण आज मुझे एक साथ अनेक काम करने का मुझे कभी संकोच नहीं होता है, झिझक नहीं होती है, कर पाता हूं। आप भी कर सकते है और इसलिए ये जो नया विषय प्रांरभ हुआ है कर्मयोगी आरंभ का मैं आपसे चाहूंगा दोस्‍तों की आप उससे जुड़िए। क्‍या आप एक महीने के बाद मुझे आपका इस online training का क्‍या अनुभव रहा। इस online training में आपको क्‍या कमीं लग रही है, इसे और अच्‍छा कैसे बनाया जा सकता है। आप स्‍वंय भी उस कर्मयोगी training को upgrade करने में कुछ सुझाव दे सकते है क्‍या? मैं आपके response को इंतजार करूंगा। देखिए हम सब एक साथी है, एक colleague है, हम co-traveller है। भारत को विकसित राष्‍ट्र बनाने के लिए एक राह पर हम चल पड़े है। आइए अनेक-अनेक शुभकामनाओं के साथ हम सब आगे बढ़ने का संकल्‍प करे।

बहुत-बहुत धन्‍यवाद!

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।