सीबीआई ने अपनी कार्यप्रणाली, सक्षमता और कौशल के माध्यम से आम नागरिकों का विश्वास अर्जित किया है
विकसित भारत का निर्माण पेशेवर और प्रभावशाली संस्थानों के बिना संभव नहीं है
सीबीआई की प्रमुख जिम्मेदारी भ्रष्टाचार से देश को मुक्‍त कराने की है
भ्रष्टाचार करना कोई साधारण प्रकार का अपराध नहीं है; यह गरीबों के अधिकार छीनता है, यह कई अन्य अपराधों का मार्ग प्रशस्त करता है; वास्तव में भ्रष्टाचार नैतिक पतन करता है और यह न्याय तथा लोकतंत्र के मार्ग में आने वाली सबसे बड़ी अड़चन है
जनधन, आधार, मोबाइल की त्रिमूर्ति हर लाभार्थी के लिए पूर्ण लाभ सुनिश्चित कर रही है
वर्तमान सरकार में देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की कोई कमी नहीं है
किसी भी भ्रष्ट व्यक्ति को क्षमा नहीं करना चाहिए; भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारे प्रयासों में कोई ढिलाई नहीं होनी चाहिए; यही देश की अभिलाषा है और यही देशवासियों की चाह है; देश, कानून और संविधान आपके साथ है

 

केंद्रीय मंत्रिमंल के मेरे सहयोगी डॉक्टर जितेंद्र सिंह जी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजित डोभाल जी, कैबिनेट सेक्रेटरी, डायरेक्टर सीबीआई, अन्य अधिकारीगण, देवियों और सजन्नों! आप सभी को CBI के 60 वर्ष पूरे होने, हीरक जयंती के इस अवसर पर बहुत-बहुत बधाई।

देश की प्रीमियम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के रूप में 60 वर्ष का सफर आपने पूरा किया है। ये 6 दशक, निश्चित रूप से अनेक उपलब्धियों के रहे हैं। आज यहां सीबीआई के मामलों से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का संग्रह भी जारी किया गया है। ये सीबीआई के बीते वर्षों के सफर को दिखाता है।

कुछ शहरों में सीबीआई का नया दफ्तर हो, ट्विटर हैंडल हो, अन्य व्यवस्थाएं, जिनका आज शुभारंभ हुआ है, वो निश्चित रूप से सीबीआई को और सशक्त करने में अहम भूमिका निभाएंगी। सीबीआई ने अपने काम से, अपने कौशल से सामान्य जन को एक विश्वास दिया है। आज भी जब किसी को लगता है कि कोई केस असाध्य है, तो आवाज़ उठती है कि मामला सीबीआई को दे देना चाहिए। लोग आंदोलन करते हैं कि केस उनसे ले करके सीबीआई को दे दो। यहां तक कि पंचायत स्तर पर भी कोई मामला आता है, तो लोग कहते हैं- अरे भई, इसको तो सीबीआई के हवाले करना चाहिए। न्याय के, इंसाफ के एक ब्रांड के रूप में सीबीआई हर ज़ुबान पर है।

सामान्य जन का ऐसा भरोसा जीतना कोई साधारण उपलब्धि नहीं है। और इसके लिए पिछले 60 वर्षों में जिन-जिन ने योगदान दिया है इस संगठन में रहे सभी अधिकारी, सभी कर्मचारी बहुत-बहुत बधाई के पात्र हैं। अभी यहां कई साथियों को उत्कृष्ठ सेवा के लिए पुलिस मेडल से भी सम्मानित किया गया है। जिनका सम्‍मान करने का मुझे अवसर मिला है, जिनको सम्‍मान प्राप्‍त हुआ है, उनको, उनके परिवारजनों को मेरी तरफ से बहुत-बहुत बधाई।

साथियों,

इस महत्वपूर्ण पड़ाव पर अतीत की उपलब्धियों के साथ ही, आने वाले समय की, भविष्य की चुनौतियों पर मंथन भी उतना ही आवश्यक है। आपने ये जो चिंतन शिविर किया है, इसका उद्देश्य भी अपने-आपको अपग्रेट रखना, अपने-आपको अपडेट करना और इसमें पुराने अनुभवों से सीख लेते हुए, भविष्य के रास्ते निकालने हैं, निर्धारित करने हैं। ये भी ऐसे समय में हो रहा है जब देश ने अमृतकाल की यात्रा का आरंभ किया है। कोटि-कोटि भारतीयों ने आने वाले 25 सालों में भारत को विकसित बनाने का संकल्प लिया है। और विकसित भारत का निर्माण, professional और efficient institutions के बिना संभव नहीं है। और इसलिए सीबीआई पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है।

साथियों,

पिछले 6 दशकों में सीबीआई ने multi-dimensional और मल्टी-डिसिप्लिनरी जांच एजेंसी के तौर पर अपनी पहचान बनाई है। आज सीबीआई का दायरा काफी बड़ा हो चुका है। बैंक फ्रॉड से लेकर, वाइल्ड लाइफ से जुड़े हुए अपराधों, यानी यहां से यहां तक, महानगर से ले करके जंगल तक अब सीबीआई को दौड़ना पड़ रहा है। ऑर्गेनाइज्ड क्राइम से लेकर, साइबर क्राइम तक के मामले, सीबीआई देख रही है।

लेकिन मुख्य रूप से सीबीआई की जिम्मेदारी भ्रष्टाचार से देश को मुक्त करने की है। भ्रष्टाचार, कोई सामान्य अपराध नहीं होता। भ्रष्टाचार, गरीब से उसका हक छीनता है, भ्रष्‍टाचार अनेक अपराधों का सिलसिला शुरू करता है, अपराधों को जन्म देता है। भ्रष्टाचार, लोकतंत्र और न्याय के रास्ते में सबसे बड़ा रोड़ा होता है। विशेष रूप से जब सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार हावी रहता है, तो वो लोकतंत्र को फलने-फूलने नहीं देता। जहां भ्रष्टाचार होता है, वहां सबसे पहले युवाओं के सपने बलि चढ़ जाते हैं, युवाओं को उचित अवसर नहीं मिलते हैं। वहां सिर्फ एक विशेष इकोसिस्टम ही फलता-फूलता है। भ्रष्टाचार, प्रतिभा का सबसे बड़ा दुश्मन होता है, और यहीं से भाई-भतीजावाद, परिवारवाद पनपता रहता है और अपना शिकंजा मजबूत करता रहता है। जब भाई-भतीजवाद और परिवारवाद बढ़ता है, तो समाज का, राष्ट्र का सामर्थ्य कम होता जाता है। और जब राष्ट्र का सामर्थ्य कम होता है, तो विकास अवश्‍य प्रभावित हो जाता है। दुर्भाग्य से, गुलामी के कालखंड से, करप्शन की एक legacy हमें मिली है। लेकिन दुख इस बात का है कि आज़ादी के बाद के अनेक दशकों तक इस legacy को हटाने के बजाय किसी न किसी रूप में कुछ लोग उसको सशक्त करते रहे।

साथियों,

आप याद कीजिए, 10 वर्ष पहले, जब आप गोल्डन जुबली मना रहे थे, तब देश क्या स्थिति थी? तब की सरकार के हर फैसले, हर प्रोजेक्ट, सवालों के घेरे में थे। करप्शन के हर केस में, पहले के केस से, बड़ा होने की होड़ लगी हुई थी, तूने इतना किया तो मैं इतना करके दिखाऊंगा। आज देश में इकॉनॉमी के साइज़ के लिए लाख करोड़ यानि ट्रिलियन डॉलर की चर्चा होती है। लेकिन तब, घोटालों की साइज़ के लिए लाख करोड़ की टर्म मशहूर हुई थी। इतने बड़े-बड़े घोटाले हुए, लेकिन आरोपी निश्चिंत थे। उन्हें पता था कि तब का सिस्टम उनके साथ खड़ा है। और इसका असर क्या हुआ? देश का व्यवस्था पर भरोसा टूट रहा था। पूरे देश में करप्शन के खिलाफ आक्रोश लगातार बढ़ रहा था। इससे पूरा तंत्र छिन्न-भिन्न होने लगा, लोग फैसला लेने से बचने लगे, पॉलिसी पैरालिसिस का माहौल बन गया। इसने देश का विकास ठप कर दिया। देश में आने से निवेशक डरने लगे। करप्शन के उस कालखंड ने भारत का बहुत ज्यादा नुकसान किया।

साथियों,

साल 2014 के बाद हमारा पहला दायित्व, व्यवस्था में भरोसे को फिर कायम करने का रहा और इसलिए हमने काले धन को लेकर, बेनामी संपत्ति को लेकर, मिशन मोड पर एक्शन शुरु किया। हमने भ्रष्टाचारियों के साथ-साथ, भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले कारणों पर, प्रहार करना शुरु किया। आप याद कीजिए, सरकारी टेंडर प्रक्रियाएं, सरकारी ठेके, ये सवालों के सबसे बड़े घेरे में थीं। हमने इनमें पारदर्शिता को प्रोत्साहन दिया। आज जब हम 2G और 5G स्पेक्ट्रम के आवंटन की तुलना करते हैं, तो अंतर साफ-साफ नज़र आता है। आप भी जानते हैं अब केंद्र सरकार के हर विभाग में खरीदारी के लिए GeM यानि गवर्नमेंट ई-मार्केट प्लेस की स्थापना की गई है। आज हर विभाग ट्रांसपेरेंसी के साथ इसी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अधिक से अधिक खरीदारी कर रहा है।

साथियों,

आज हम इंटरनेट बैंकिंग की बात करते हैं, UPI से रिकॉर्ड ट्रांजेक्शन की बात करते हैं। लेकिन हमने 2014 से पहले का फोन बैंकिंग वाला दौर भी देखा है। ये वो दौर था, जब दिल्ली में प्रभावशाली राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों के फोन पर हज़ारों करोड़ रुपए के बैंक लोन मिला करते थे। इसने हमारी अर्थव्यवस्था के आधार, हमारे बैंकिंग सिस्टम को बर्बाद कर दिया था। बीते वर्षों में हम बहुत मेहनत करके अपने बैंकिंग सेक्टर को मुश्किलों से बाहर निकाल करके लाए हैं। फोन बैंकिंग के उस दौर में कुछ लोगों ने 22 हज़ार करोड़ रुपए देश के बैंकों के लूट लिए और विदेश भाग गए। हमने Fugitive Economic Offenders कानून बनाया। अभी तक विदेश भागे इन आर्थिक अपराधियों की, 20 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति जब्त की जा चुकी है।

साथियों,

भ्रष्टाचारियों ने देश का खजाना लूटने का एक और तरीका बना रखा था, जो दशकों से चला आ रहा था। ये था, सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से लूट। पहले की सरकारों में जो मदद गरीब लाभार्थियों के लिए भेजी जाती थी, वो बीच में ही लूट ली जाती थी। राशन हो, घर हो, स्कॉलरशिप हो, पेंशन हो, ऐसी अनेक सरकारी स्कीम्स में असली लाभार्थी खुद को ठगा हुए महसूस करते थे। और एक प्रधानमंत्री ने तो कहा था, एक रुपया जाता है 15 पैसा पहुंचता है, 85 पैसों की चोरी होती थी। पिछले दिनों मैं सोच रहा था हमने DBT के द्वारा करीब 27 लाख करोड़ रुपये नीचे लोगों ने पहुंचाया है। अगर उस हिसाब से देखता तो 27 लाख करोड़ में से करीब-करीब 16 लाख करोड़ कहीं चले गए होते। आज जनधन, आधार, मोबाइल की ट्रिनिटी से हर लाभार्थी को उसका पूरा हक मिल रहा है। इस व्यवस्था से 8 करोड़ से अधिक फर्जी लाभार्थी सिस्टम से बाहर हुए हैं। जो बेटी पैदा नहीं हुई वो विधवा हो जाती थी और विधवा पेंशन चलता था। DBT से देश के करीब सवा 2 लाख करोड़ रुपए गलत हाथों में जाने से बचे हैं।

साथियों,

एक समय था जब सरकारी नौकरियों में इंटरव्यू पास कराने के लिए भी जम करके भ्रष्टाचार होता था। हमने केंद्रीय भर्तियों की ग्रुप-सी, ग्रुप-डी भर्तियों से इंटरव्यू खत्म कर दिए। एक समय में यूरिया के भी घोटाले होते थे। हमने यूरिया में नीम कोटिंग कर इस पर भी लगाम लगा दी। डिफेंस डील्स में भी घोटाले आम थे। बीते 9 वर्षों में डिफेंस डील्स पूरी पारदर्शिता के साथ किया गया है। अब तो हम भारत में ही अपनी ज़रूरत का रक्षा सामान बनाने पर बल दे रहे हैं।

साथियों,

भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई को लेकर ऐसे अनेक कदम आप भी बता सकते हैं, मैं भी गिना सकता हूं। लेकिन अतीत के हर अध्याय से हमें कुछ न कुछ सीखने की ज़रूरत है। दुर्भाग्य से, भ्रष्टाचार से जुड़े मामले वर्षों तक खींचते चले जाते हैं। ऐसे मामले भी आए हैं, जिसमें FIR होने के 10 साल बाद भी, सजा की धाराओं पर चर्चा चलती रहती है। आज भी जिन मामलों पर एक्शन हो रहे हैं, वो कई-कई साल पुराने हैं।

जांच में देरी दो तरीके से समस्या को जन्म देती है। एक तरफ, भ्रष्टाचारी को सजा देर से मिलती है, तो दूसरी तरफ निर्दोष परेशान होता रहता है। हमें सुनिश्चित करना होगा कि कैसे हम इस प्रोसेस को तेज बनाएं और भ्रष्टाचार में दोषी को सजा मिलने का रास्ता साफ हो पाए। हमें Best international practices को स्टडी करना होगा। जांच अधिकारियों की Capacity building पर फोकस करना होगा।

और साथियों, आपके बीच, मैं एक बात फिर स्पष्ट करना चाहता हूं। आज देश में करप्शन के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए राजनीति की इच्छाशक्ति की कोई कमी नहीं है। आपको कहीं पर भी हिचकने, कहीं रुकने की ज़रूरत नहीं है।

मैं जानता हूं कि जिनके खिलाफ आप एक्शन ले रहे हैं, वो बहुत ताकतवर लोग हैं। बरसों-बरस तक वो सरकर का, सिस्टम का हिस्सा रहे हैं। संभव है कई जगह, किसी राज्य में आज भी वे सत्ता का हिस्सा हों। बरसों-बरस तक उन्होंने भी एक इकोसिस्टम बनाया है। ये इकोसिस्टम अक्सर उनके काले कारनामों को कवर देने के लिए, आप जैसी संस्थाओं की छवि बिगाड़ने के लिए, एक्टिव हो जाता है। एजेंसी पर ही हमला बोलता है।

ये लोग आपका ध्यान भटकाते रहेंगे, लेकिन आपको अपने काम पर फोकस रखना है। कोई भी भ्रष्टाचारी बचना नहीं चाहिए। हमारी कोशिशों में कोई भी ढील नहीं आनी चाहिए। ये देश की इच्छा है, ये देशवासियों की इच्छा है। और मैं आपको भरोसा दिलाता हूं देश आपके साथ देश है, कानून आपके साथ है, देश का संविधान आपके साथ है।

साथियों,

बेहतर परिणामों के लिए अलग-अलग एजेंसियों के बीच के silos को भी खत्म करना बहुत आवश्यक है। Joint और multidisciplinary investigation आपसी विश्वास के माहौल में ही संभव होगा। अब देश की geographical boundaries उससे बाहर भी पैसों का, लोगों का, goods & services का बड़े पैमाने पर मूवमेंट हो रहा है। जैसे-जैसे भारत की आर्थिक शक्ति बढ़ रही है तो अड़चनें पैदा करने वाले भी बढ़ रहे हैं।

भारत के सामाजिक तानेबाने पर, हमारी एकता और भाईचारे पर, हमारे आर्थिक हितों पर, हमारे संस्थानों भी नित्‍य-प्रतिदिन प्रहार बढ़ते चले जा रहे हैं। और इसमें ज़ाहिर तौर पर करप्शन का पैसा लगता है। इसलिए, हमें क्राइम और करप्शन के मल्टीनेशनल नेचर को भी समझना होगा, स्टडी करना होगा। उसके root cause तक पहुंचना होगा। आज हम अक्सर देखते हैं कि आधुनिक टेक्नॉलॉजी के कारण क्राइम ग्लोबल हो रहे हैं। लेकिन यही टेक्नॉलॉजी, यही इनोवेशन समाधान भी दे सकते हैं। हमें इन्वेस्टिगेशन में फॉरेंसिंक साइंस के उपयोग का और ज्यादा विस्तार करना होगा।

साथियों

साइबर क्राइम जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए हमें इनोवेटिव तरीके खोजने चाहिए। हम tech enabled entrepreneurs और youngsters को अपने साथ जोड़ सकते हैं। आपके संगठन में ही कई techno- savvy युवा होंगे, जिनका बेहतर उपयोग किया जा सकता है।

साथियों,

मुझे बताया गया है कि सीबीआई ने 75 ऐसी प्रथाओं को compile किया है, जिन्हें समाप्त किया जा सकता है। हमें एक समयबद्ध तरीके से इस पर काम करना चाहिए। बीते वर्षों में सीबीआई ने खुद को evolve किया है। ये प्रक्रिया, बिना रुके, बिना थके, ऐसे ही चलती रहनी चाहिए।

मुझे पूरा विश्‍वास है ये चिंतन शिविर एक नए आत्‍मविश्‍वास को जन्‍म देगा, ये चिंतन शिविर नए आयामों तक पहुंचने के रास्‍तें बनाएगा, ये चिंतन शिविर गंभीर से गंभीर, कठिन से कठिन समस्‍याओं को सुलझाने के तौर-तरीके मे आधुनिकता ले आएगा। और हम ज्‍यादा प्रभावी होंगे, ज्‍यादा परिणामकारी होंगे और सामान्‍य नागरिक न बुरा करना चाहता है न बुरा उसको पसंद है। हम उसके भरोसे आगे बढ़ना चाहते हैं जिसके दिल में सच्‍चाई जिंदा है। और वो संख्‍या कोटि-कोटि जनों की है, कोटि-कोटि जनों की है। इतना बड़ा सामर्थ्‍य हमारे साथ खड़ा है। हमारे विश्‍वास में कहीं कमी की गुंजाइश नहीं है सा‍थियो।

इस हीरक महोत्‍सव के महत्‍वपूर्ण अवसर पर मैं आपको अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं। आप अपने लिए 15 साल में क्‍या करेंगे, और अपने माध्‍यम से 2047 तक क्‍या अचीव करेंगे, ये दो लक्ष्‍य तय करके आगे बढ़ना चाहिए। 15 साल इसलिए कि जब आप 75 के होंगे तब आप कितने सामर्थ्‍यवान, समर्पित, संकल्‍पवान होंगे, और जब देश 2047 में शताब्‍दी मनाता होगा, तब इस देश की आशा-अपेक्षाओं के अनुरूप आप किस ऊंचाई पर पहुंचे होंगे, वो दिन देश देखना चाहता है।

मेरी आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद !

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November 23, 2024
आज महाराष्ट्र ने विकास, सुशासन और सच्चे सामाजिक न्याय की जीत देखी है: पीएम मोदी
महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा को कांग्रेस और उसके सहयोगियों की कुल सीटों से कहीं ज़्यादा सीटें दी हैं: पीएम मोदी
महाराष्ट्र ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यह पिछले 50 सालों में किसी भी पार्टी या चुनाव-पूर्व गठबंधन की सबसे बड़ी जीत है: पीएम मोदी
‘एक हैं तो सेफ हैं’ देश का ‘महामंत्र’ बन गया है: पार्टी मुख्यालय में भाजपा कार्यकर्ताओं से पीएम मोदी
महाराष्ट्र देश का छठा राज्य बन गया है जिसने लगातार तीसरी बार भाजपा को जनादेश दिया है: पीएम मोदी

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।