'राष्ट्रीय खेल भारत की असाधारण खेल शक्ति का उत्सव है'
'भारत की हर गली, हर कोने में प्रतिभा मौजूद है इसलिए 2014 के बाद हमने खेल संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय प्रतिबद्धता जताई'
'गोवा की आभा तुलना से परे है'
'खेल की दुनिया में भारत को मिली हाल की सफलता हर युवा खिलाड़ी के लिए बड़ी प्रेरणा है'
'खेलो इंडिया के जरिए प्रतिभाओं की खोज, उन्हें आगे बढ़ाना, प्रशिक्षण देना और टॉप्स द्वारा ओलंपिक पोडियम तक पहुंचाने का प्रयास हमारा रोडमैप है'
'भारत आज कई क्षेत्रों में आगे बढ़ रहा है और अभूतपूर्व मानक स्थापित कर रहा है'
'भारत की स्पीड और स्केल की बराबरी कर पाना मुश्किल है'
'भारत की युवा शक्ति के विकसित भारत की युवा शक्ति बनने में माई भारत एक माध्यम बनेगा'
'भारत 2030 में यूथ ओलंपिक और 2036 में ओलंपिक का आयोजन करने के लिए तैयार है, ओलंपिक के आयोजन की हमारी आकांक्षा सिर्फ भावनाओं तक सीमित नहीं है बल्कि इसके ठोस कारण हैं'

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

गोवा के राज्यपाल श्रीमान पीएस श्रीधरन पिल्लई जी, यहां के लोकप्रिय और युवा, ऊर्जावान मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत जी, खेल मंत्री अनुराग ठाकुर, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे अन्य साथी, मंच पर विराजमान अन्य जनप्रतिनिधिगण, भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष बहन पी टी ऊषा जी, देश के कोने-कोने से आए हुए सभी मेरे खिलाड़ी साथी, supporting staff, अन्य पदाधिकारी और नौजवान दोस्तों, भारतीय खेल के महाकुंभ का महासफर आज गोवा आ पहुंचा है। हर तरफ रंग है... तरंग है... रोमांच है...रवानगी है। गोवा की हवा में बात ही कुछ ऐसी है। आप सभी को सैंतीसवें national games के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं, अनेक- अनेक बधाईयां।

साथियों,

गोवा वो धरती है जिसने देश को ऐसे अनेक sports stars दिए हैं। जहां football के प्रति दीवानगी तो गली-गली में दिखती है। और देश के सबसे पुराने football clubs में कुछ यहां हमारे गोवा में हैं। ऐसे खेल प्रेमी गोवा में राष्ट्रीय खेलों का होना, अपने आप में नई ऊर्जा भर देता है।

मेरे परिवारजनों,

ये राष्ट्रीय खेल, ऐसे समय में हो रहे हैं, जब भारत का खेल जगत एक के बाद एक सफलता की नई ऊंचाई प्राप्त कर रहा है। 70 सालों में जो ना हुआ, वो इस बार हमने एशियाई खेलों में होते हुए देखा है और अभी Asian Para Games भी चल रहे हैं। इनमें भी भारतीय खिलाड़ियों ने अब तक 70 से ज्यादा मेडल जीतकर अब तक के सारे records तोड़ दिए हैं। इससे पहले World University Games हुए थे। इसमें भी भारत ने एक नया इतिहास रच दिया। ये सफलताएं यहां आए हर खिलाड़ी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है। ये National Games, एक प्रकार से आपके लिए, सभी नौजवानों के लिए, सभी खिलाड़ियों के लिए एक मजबूत launchpad है। आपके सामने कितने अवसर हैं, उनको ध्यान में रखते हुए पूरे दम-खम के साथ आपको श्रेष्ठ प्रदर्शन करना है। करोगे ना? पक्का करोगे ? पुराने record तोड़ोगे? मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

मेरे युवा साथियों,

भारत के गांव-गांव, गली-गली में talent की कोई कमी नहीं है। हमारा इतिहास साक्षी है कि अभाव में भी भारत ने champions पैदा किए हैं। मेरे साथ मंच पर हमारी बहन पी टी ऊषा जी बैठी हैं। लेकिन फिर भी हर देशवासी को हमेशा एक कमी खलती थी। हमारा इतना बड़ा देश international sports events की medal tally में, हम बहुत पीछे रह जाते थे। इसलिए 2014 के बाद, हमने देश की इस पीड़ा को राष्ट्रीय संकल्प से पीड़ा को दूर करने का बीड़ा उठाया। हम बदलाव लाए sports infrastructure में, हम बदलाव लाए चयन प्रक्रिया में, हमने उसे और पारदर्शी बनाया। हम बदलाव लाए खिलाड़ियों को आर्थिक मदद देने वाली योजनाओं मेंI हम बदलाव लाए खिलाड़ियों को training देने वाली योजनाओं में। हम बदलाव लाए, समाज की मानसिकता में, पुरानी सोच, पुरानी approach के कारण, हमारे sports infrastructure में जो roadblocks थे, हमने उन्हें एक-एक करके दूर हटाने का काम शुरु किया। सरकार ने talent की खोज से लेकर उनकी handholding कर, Olympic podium तक पहुंचाने का एक roadmap बनाया। इसका परिणाम हम आज पूरे देश में देख रहे हैं।

साथियों,

पहले की सरकारों में sports के budget को लेकर भी संकोच का भाव रहता था। लोग सोचते थे कि - खेल तो खेल ही है, खेल ही है और क्या है? इस पर खर्च क्यों करना! हमारी सरकार ने इस सोच को भी बदला। हमने sports का budget बढ़ाया। इस वर्ष का central sport budget, 9 वर्ष पहले की तुलना में 3 गुणा अधिक है। सरकार ने खेलो इंडिया से लेकर TOPS scheme तक, देश में खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए एक नया ecosystem बनाया है। इन योजनाओं के तहत देशभर से school, college, university स्तर से आप जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की पहचान की जा रही है। उनकी training, उनकी diet, उनके दूसरे खर्चों पर सरकार बहुत पैसा खर्च कर रही है। TOPS यानि Target Olympic Podium Scheme, इसके तहत देश के शीर्ष खिलाड़ियों को दुनिया की श्रेष्ठ training दी जाती है। आप कल्पना कीजिए, खेलो इंडिया योजना के तहत अभी देशभर के 3 हज़ार युवा, ये हमारे खिलाड़ियों की training चल रही है। इतना बड़ा talent pool खिलाड़ियों का तैयार हो रहा है। और इसमें से हर खिलाड़ी को प्रतिवर्ष 6 लाख रुपए से अधिक की scholarship दी जा रही है। खेलो इंडिया अभियान से निकलने वाले करीब सवा सौ युवा खिलाड़ियों ने एशियाई खेलों में हिस्सा लिया था। पुराना system होता तो शायद ही इस प्रतिभा को कभी पहचान मिल पाती। इन प्रतिभाशाली खिलाड़ियों ने 36 medals जीते हैं। खेलो इंडिया से खिलाड़ियों की पहचान करो, उन्हें तैयार करो, और फिर TOPS से उन्हें Olympic Podium Finish की training और temperament दो। ये हमारा roadmap है।

मेरे युवा साथियों,

किसी भी देश के sports sector की प्रगति का सीधा नाता, उस देश की अर्थव्यवस्था की प्रगति से भी जुड़ा होता है। जब देश में negativity हो, निराशा हो, नकारात्मकता हो, तो मैदान पर भी, जीवन के हर क्षेत्र पर भी इसका बहुत बुरा असर दिखता है। भारत की ये successful sports story, भारत की overall success story से अलग नहीं है। भारत आज हर sector में आगे बढ़ रहा है, नए record बना रहा है। भारत की speed और scale का मुकाबला आज मुश्किल है। भारत कैसे आगे बढ़ रहा है, इसका अंदाज़ा आपको बीते 30 दिनों के काम और उपलब्धियों से मिलेगा।

साथियों,

मैं आपका ज्यादा समय नहीं ले रहा हूं। आप कल्पना कीजिए आपका उज्जवल भविष्य कैसे तैयार किया जा रहा है। मेरे नौजवान गौर से सुनिये सिर्फ 30 दिन का मैं काम बताता हूं आपको। बीते 30-35 दिन में क्या हुआ है और आपको लगेगा अगर इस speed और इस scale से देश आगे बढ़ रहा है तो आपके उज्जवल भविष्य की मोदी की गारंटी पक्की है।

बीते 30-35 दिनों में ही,

- नारीशक्ति वंदन अधिनियम, कानून बना।

- गगनयान से जुड़ा एक बहुत ही अहम टेस्ट सफलता से किया गया।

- भारत को अपनी पहली regional rapid rail, नमो भारत मिली।

- बेंगुलुरु metro सेवा का विस्तार हुआ।

- जम्मू-कश्मीर की पहली vistadome train सेवा की शुरुआत हुई।

- इन्हीं 30 दिनों में दिल्ली-वड़ोदरा expressway का उदघाटन हुआ

- भारत में G-20 देशों के सांसदों और speakers का सम्मेलन हुआ।

- भारत में Global Maritime Summit हुई, इसमें 6 लाख करोड़ रुपए के समझौते हुए।

- इज़रायल से भारतीयों की वापसी के लिए ऑपरेशन अजय शुरु किया गया।

- 40 साल बाद भारत और श्रीलंका के बीच ferry service शुरु हुई।

- यूरोप को पीछे छोड़ते हुए भारत, 5G user base के मामले में दुनिया के top-3 देशों में पहुंचा।

- Apple के बाद Google ने भी मेड इन इंडिया smartphone बनाने का ऐलान किया।

- हमारे देश ने अन्न और फल-सब्जी उत्पादन का नया record बनाया।

साथियों,

ये तो अभी halftime हुआ है अभी मेरे पास गिनाने को और भी बहुत कुछ है। आज ही मैंने महाराष्ट्र में नलवंडे डैम पर भूमिपूजन किया है , जो 50 साल से अटका हुआ था।

- बीते 30 दिनों में ही तेलंगाना में 6 हजार करोड़ रुपए के super thermal power project का लोकार्पण हुआ।

- छत्तीसगढ़ के बस्तर में 24 हजार करोड़ रुपए के आधुनिक steel plant का लोकार्पण हुआ।

- राजस्थान में मेहसाणा-भटिंडा-गुरदासपुर gas pipeline के एक section का लोकार्पण हुआ।

- जोधपुर में नई airport terminal building और IIT कैंपस का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ।

- बीते 30 दिनों में ही महाराष्ट्र में 500 से अधिक skill development केंद्र launch किए गए हैं।

- कुछ दिन पहले गुजरात के धोरडो को best tourism village का पुरस्कार मिला1

- जबलपुर में वीरांगना रानी दुर्गावती स्मारक का भूमि पूजन हुआ।

- हल्दी किसानों के लिए turmeric board की घोषणा हुई।

- तेलंगाना में central tribal university को स्वीकृति मिली।

- मध्य प्रदेश में एक साथ सवा-2 लाख गरीब परिवारों को पीएम आवास योजना के घर मिले।

- इन्हीं 30 दिनों में पीएम स्वनिधि योजना के लाभार्थियों की संख्या 50 लाख पहुंची।

- आयुष्मान भारत योजना के तहत 26 करोड़ कार्ड बनने का पड़ाव पार हुआ।

- आकांक्षी जिलों के बाद देश में आकांक्षी ब्लॉक्स के विकास का अभियान शुरु किया।

- गांधी जयंति पर दिल्ली में खादी की एक ही दुकान पर डेढ़-करोड़ रुपए की सेल हुई।

 

और साथियों,

इन्हीं 30 दिनों में खेलों की दुनिया में भी बहुत कुछ हुआ।

- भारत ने एशियाई खेलों में 100 से ज्यादा medals जीते।

- 40 साल बाद भारत में International Olympic Committee का session हुआ।

- उत्तराखंड को हॉकी astro-turf और velodrome stadium मिला।

- वाराणसी में आधुनिक cricket stadium पर काम शुरु हुआ।

- ग्वालियर को अटल बिहारी वाजपेयी दिव्यांग sports centre मिला।

- और यहां गोवा में ये National Games भी तो हो रहे हैं।

सिर्फ 30 दिन के, मेरे नौजवान सोचिये, सिर्फ 30 दिन के कार्यों की ये list बहुत लंबी है। मैंने आपको बस एक छोटी सी झलक दिखाई है। आज देश के हर sector में, देश के हर हिस्से में अभूतपूर्व तेजी से काम हो रहा है, हर कोई विकसित भारत के निर्माण में जुटा है।

साथियों,

ये जितने भी काम हो रहे हैं, इनके मूल में मेरे देश का युवा है, मेरे भारत का युवा है। आज भारत का युवा, अभूतपूर्व आत्मविश्वास से भरा हुआ है। भारत के युवा के इसी आत्मविश्वास को राष्ट्रीय संकल्पों से जोड़ने के लिए हाल में एक और बड़ा काम हुआ है। मेरा युवा भारत, यहां आपने boards देखे हैं सब जगह पर, मेरा युवा भारत, यानि MY भारत नाम से एक नए platform को स्वीकृति दी गई है। ये ग्रामीण और शहरी, यानि देश के हर युवा को आपस में भी और सरकार के साथ connect करने का भी one stop centre होगा। ताकि उनकी आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए, राष्ट्र निर्माण के लिए उन्हें ज्यादा से ज्यादा अवसर भी प्रदान किए जा सकें। ये भारत की युवा शक्ति को, विकसित भारत की शक्ति बनाने का माध्यम बनेगा। अब से कुछ दिन बाद, 31 अक्टूबर को एकता दिवस पर मैं MY भारत अभियान की शुरुआत करने जा रहा हूं। और देशवासियों को मालूम है 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जन्म जयंती पर हम देश भर में Run for Unity बड़ा कार्यक्रम करते हैं। मैं चाहु्ंगा गोवा में भी और देश के हर कोने में 31 अक्टूबर को देश की एकता के लिए Run for Unity का शानदार कार्यक्रम भी होना चाहिए। आप सब भी इस अभियान से जरूर जुड़िएगा।

साथियों,

आज जब भारत के संकल्प और प्रयास, दोनों इतने विराट हैं, तब भारत की आकांक्षाओं का बुलंद होना भी स्वभाविक है। इसलिए ही IOC के session के दौरान मैंने 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षा को सामने रखा है। मैंने Olympics की Supreme committee को आश्वस्त किया कि भारत 2030 में Youth Olympics और 2036 में Olympics के आयोजन के लिए तैयार है।

साथियों,

Olympics के आयोजन के लिए हमारी आकांक्षा सिर्फ भावनाओं तक सीमित नहीं है। बल्कि इसके पीछे कुछ ठोस कारण हैं। 2036 यानि आज से करीब 13 साल बाद भारत दुनिया की अग्रणी आर्थिक ताकतों में से एक होगा। उस समय तक आज के मुकाबले हर भारतीय की आय, कई गुना अधिक होगी। तब तक भारत में एक बहुत बड़ा middle class होगा। Sports से लेकर space तक, भारत का तिरंगा और शान से लहरा रहा होगा। Olympics के आयोजन के लिए connectivity और दूसरे आधुनिक infrastructure की जरूरत होती है। आज भारत आधुनिक infra पर 100 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करने की तैयारी में है। इसलिए Olympics भी हमारे लिए उतना ही आसान हो जाएगा।

साथियों,

हमारे National Games, एक भारत, श्रेष्ठ भारत का भी प्रतीक हैं। ये भारत के हर राज्य को अपना सामर्थ्य दिखाने का बहुत बड़ा माध्यम होता है। इस बार गोवा को ये अवसर मिला है। गोवा सरकार ने, गोवा वासियों ने जिस प्रकार की तैयारियां की हैं, वो वाकई ही बहुत सराहनीय है। ये जो sports infrastructure यहां बना है, वो आने वाले अनेक दशकों तक गोवा के युवाओं के काम आएगा। यहां से अनेक नए खिलाड़ी भारत को मिलेंगे। इससे यहां और ज्यादा national और international sports events आयोजित करना संभव होगा। बीते कुछ वर्षों में गोवा में connectivity से जुड़ा आधुनिक infrastructure भी बना है। National Games से गोवा के tourism को, यहां की economy को भी लाभ बहुत होगा।

साथियों,

गोवा, ये गोवा तो उत्सवों के लिए, celebrations के लिए जाना जाता है। गोवा International Film Festival की चर्चा अब पूरी दुनिया में होने लगी है। हमारी सरकार, गोवा को international conferences, meetings और summits का भी महत्वपूर्ण centre बना रही है। साल 2016 में हमने BRICS सम्मेलन गोवा में आयोजित किया था। G-20 से जुड़ी कई महत्वपूर्ण meetings भी यहां गोवा में हुई हैं। मुझे खुशी है कि दुनिया में tourism की sustainable growth के लिए, Goa Roadmap for Tourism को G-20 देशों ने आम सहमति से स्वीकार किया है। ये गोवा के लिए तो गर्व का विषय है ही, भारत के tourism के लिए भी बहुत बड़ी बात है।

साथियों,

मैदान कोई भी हो, चुनौती कैसी भी हो, हमें हर हाल में अपना best देना है। इस अवसर को हमें खोना नहीं है। इसी आह्वान के साथ मैं 37वें (सैंत्तीसवें) राष्ट्रीय खेलों की शुरुआत की घोषणा करता हूं। आप सभी athletes को फिर से अनेक शुभकामनाएं। गोवा है तैयार! गोंय आसा तयार! Goa is ready ! बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।