एक वर्ष की अवधि में, ‘भारत में निवेश क्यों करें’ से जुड़ा सवाल बदलकर ‘भारत में निवेश क्यों न करें’ हो गया है
भारत उन लोगों को निराश नहीं करता है, जो अपने सपनों को भारत के सामर्थ्‍य के साथ जोड़ते हैं"
लोकतंत्र, जनसांख्यिकी और लाभांश, भारत में व्‍यापार को बढ़ाकर दोगुना से तीन गुना कर देंगे
“चाहे स्वास्थ्य हो, कृषि हो या लॉजिस्टिक्‍स हो, भारत स्मार्ट प्रौद्योगिकी उपयोग के विजन की दिशा में काम कर रहा है”
“दुनिया को एक विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला की आवश्यकता है, विश्‍व के सबसे बड़े लोकतंत्र से अधिक भरोसेमंद भागीदार कौन हो सकता है"
"भारत सेमीकंडक्टर निवेश के लिए एक उत्कृष्ट स्‍थल बन रहा है"
भारत अपनी वैश्विक जिम्मेदारियों को समझता है और मित्र देशों के साथ एक व्यापक रोडमैप पर काम कर रहा है"

गुजरात के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्रीमान भूपेंद्र भाई पटेल, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी अश्विनी वैष्णव जी, राजीव चंद्रशेखर जी, इंडस्ट्री के हमारे साथी मेरे मित्र भाई संजय महरोत्रा जी, यंग लीयू जी, अजित मनोचा जी, अनिल अग्रवाल जी, अनिरुद्ध देवगन जी, मार्क पेपरमास्टर जी, प्रभु राजा जी, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों,

इस कॉन्फ्रेंस में मुझे कई चिर-परिचित चेहरे नजर आ रहे हैं। कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनसे पहली बार मुलाकात हो रही है। जैसे सॉफ्टवेयर को अपडेट करना जरूरी होता है, वैसे ही ये कार्यक्रम भी है। सेमीकॉन इंडिया के माध्यम से industry के साथ, experts के साथ, Policy Makers के साथ संबंध भी अपडेट होते रहते हैं। औऱ मैं समझता हूं, और मैं हमारे संबंधों के synchronization के लिए ये बहुत आवश्यक भी है। सेमीकॉन इंडिया में देश-विदेश की बहुत सारी कंपनियां आई हैं, हमारे स्टार्ट-अप्स भी आए हैं। मैं आप सभी का सेमीकॉन इंडिया में हृदय से स्वागत करता हूं। और मैंने अभी एग्जिबिशन देखा, इस क्षेत्र में कितनी प्रगति हुई है, किस प्रकार से नई ऊर्जा के साथ नए लोग, नई कंपनियां, नए प्रोडक्ट, मुझे बहुत कम समय मिला लेकिन मेरा बहुत शानदार अनुभव रहा। मैं तो सबसे आग्रह करुंगा गुजरात के युवा पीढ़ी को विशेष से आग्रह करूंगा कि प्रदर्शनी अभी कुछ दिन चलने वाली है हम जरूर जाएं, दुनिया में इस नई टेक्नॉलाजी ने क्या ताकत पैदा की है उसको भलि भांति समझें, जानें।

साथियों,

हम सभी ने Last Year, सेमीकॉन इंडिया के पहले एडिशन में हिस्सा लिया था। और तब चर्चा इस बात की थी कि भारत में सेमीकंडक्टर सेक्टर में क्यों Invest करना चाहिए? लोग सवाल कर रहे थे- "Why Invest?" अब हम एक साल के बाद मिल रहे हैं तो सवाल बदल गया है। अब कहा जा रहा है "Why NOT Invest?" और ये सिर्फ सवाल नहीं बदला, बल्कि हवा का रुख भी बदला है। और ये रुख आप सबने बदला है, आप सबके प्रयासों ने बदला है। इसलिए मैं यहां मौजूद सभी कंपनियों का ये विश्वास जताने के लिए ये initiative लेने के लिए मैं बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं। आपने भारत की aspirations के साथ अपने Future को जोड़ा है। आपने भारत के सामर्थ्य के साथ अपने सपनों को जोड़ा है। और भारत किसी को भी निराश नहीं करता है। 21वीं सदी के भारत में आपके लिए अवसर ही अवसर हैं। भारत की डेमोक्रेसी, भारत की डेमोग्राफी, भारत से मिलने वाला डिविडेंट, आपके बिजनेस को भी डबल-ट्रिपल करने वाला है।

साथियों,

आपकी इंडस्ट्री में Moore’s law की बहुत चर्चा होती है। मैं इसकी बहुत बारीकी तो नहीं जानता, लेकिन इतना जानता हूं कि ‘एक्सपोनेन्शियल ग्रोथ’ इसके हार्ट में है। हम लोगों के यहां एक कहावत होती है- दिन दूनी, रात चौगुनी तरक्की करना। और ये कुछ वैसा ही है। यही ‘एक्सपोनेन्शियल ग्रोथ’ आज हम भारत के डिजिटल सेक्टर में, इलेक्ट्रॉनिक-मैन्यूफैक्चरिंग में देख रहे हैं। कुछ साल पहले भारत इस सेक्टर में एक उभरता हुआ प्लेयर था। आज ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक्स-मैन्युफेक्चरिंग में हमारा शेयर कई गुना बढ़ चुका है। 2014 में भारत का Electronics production 30 बिलियन डॉलर से भी कम था। आज ये बढ़कर 100 बिलियन डॉलर को भी पार कर गया है। सिर्फ दो साल के भीतर ही भारत से इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात भी दोगुने से ज्यादा हो गया है। भारत में बने मोबाइल फोन का एक्सपोर्ट भी अब दोगुना हो चुका है। जो देश कभी मोबाइल फोन का इंपोर्टर था अब वो दुनिया के Best Mobile Phones बना रहा है, उनका एक्सपोर्ट कर रहा है।

और साथियों,

कुछ सेक्टर में तो हमारी ग्रोथ, मोर्स लॉ से भी ज्यादा है। 2014 से पहले भारत में सिर्फ 2 मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स थीं। आज इनकी संख्या बढ़कर 200 से ज्यादा हो चुकी है। अगर ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी की बात करें तो 2014 में भारत में 6 करोड़ यूजर्स थे। आज उनकी संख्या भी लगभग बढ़कर के 800 मिलियन यानि 80 करोड़ यूजर्स से ज्यादा हो चुकी है। 2014 में भारत में 250 मिलियन यानि 25 करोड़ इंटरनेट कनेक्शन्स थे। आज ये संख्या भी बढ़कर के 850 मिलियन यानि 85 करोड़ से अधिक हो चुकी है, 85 करोड़। ये आंकड़े, सिर्फ भारत की सफलता ही नहीं कह रहे, ये हर आंकड़ा, आपकी इंडस्ट्री के लिए बढ़ते हुए बिजनेस का इंडीकेटर है। सेमीकॉन इंडस्ट्री जिस दुनिया में जिस ‘एक्सपोनेन्शियल ग्रोथ’ का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है, उसकी प्राप्ति में भारत की बहुत बड़ी भूमिका है।

साथियों,

आज दुनिया चौथी औद्योगिक क्रांति- ‘इंडस्ट्री फोर प्वाइंट ओ’ की साक्षी बन रही है। जब-जब दुनिया ऐसे किसी इंडस्ट्रियल रिवॉल्यूशन से गुजरी है, तब-तब उसका आधार किसी ना किसी क्षेत्र के लोगों की Aspirations रही है। पहले की औद्योगिक क्रांति और American Dream में यही रिश्ता था। आज चौथी औद्योगिक क्रांति और Indian Aspirations में भी यही रिश्ता मैं देख रहा हूं। आज Indian Aspirations भारत के विकास को ड्राइव कर रही है। आज भारत दुनिया का वो देश है जहां Extreme Poverty तेजी से खत्म हो रही है। आज भारत दुनिया का वो देश है जहां Neo Middle Class तेजी से बढ़ रहा है। भारत के लोग टेक फ्रेंडली भी हैं और टेक्नॉलॉजी के अडॉप्शन को लेकर भी उतने ही फास्ट हैं।

आज भारत में सस्ता डेटा, गांव-गांव पहुंच रहा क्वालिटी डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, और सीमलेस पावर सप्लाई, डिजिटल प्रोडक्ट्स के कंजम्पशन को कई गुना बढ़ा रही है। हेल्थ से लेकर एग्रीकल्चर और लॉजिस्टिक्स तक, स्मार्ट टेक्नॉलॉजी के Use से जुड़े एक बड़े विजन पर भारत काम कर रहा है। हमारे यहां एक बहुत बड़ी आबादी ऐसी है, जो जिसने भले ही बेसिक होम अप्लायन्स का इस्तेमाल नहीं किया लेकिन वो अब सीधे Inter-Connected Smart Devices का इस्तेमाल करने वाली है। भारत में युवाओं की एक बहुत बड़ी आबादी ऐसी है, जिसने संभवत: कभी बेसिक बाइक भी नहीं चलाई होगी लेकिन अब वो स्मार्ट इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का उपयोग करने जा रहा है। भारत का बढ़ता हुआ Neo-Middle Class, Indian Aspirations का पावरहाउस बना हुआ है। संभावनाओं से भरे भारत के इस स्केल के मार्केट के लिए आपको चिपमेकिंग इकोसिस्टम का निर्माण करना है। और मुझे विश्वास है, जो भी इसमें तेजी से आगे बढ़ेगा, उसे फर्स्ट मूवर्स एडवांटेज मिलना तय है।

साथियों,

आप सभी ग्लोबल पेंडेमिक और रूस-युक्रेन युद्ध के Side Effects से उबर रहे हैं। भारत को इस बात का भी ऐहसास है कि सेमीकंडक्टर सिर्फ हमारी ज़रूरत ही नहीं है। दुनिया को भी आज एक trusted, reliable chip supply चेन की ज़रूरत है। दुनिया की सबसे बड़ी डेमोक्रेसी से बेहतर भला ये trusted partner और कौन हो सकता है? मुझे खुशी है कि भारत पर दुनिया का भरोसा लगातार बढ़ रहा है। और ये भरोसा क्यों है? आज भारत पर निवेशकों को भरोसा है, क्योंकि यहां stable, responsible and reform-oriented government है। भारत पर उद्योग जगत को भरोसा है, क्योंकि आज हर क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर का तेज विकास हो रहा है। भारत पर tech sector को भरोसा है, क्योंकि यहां टेक्नॉलजी का तेजी से विस्तार हो रहा है। और, आज भारत पर सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री को भरोसा है, क्योंकि हमारे पास massive talent pool है, skilled engineers और designers की ताकत है। जो भी व्यक्ति दुनिया के सबसे vibrant और unified market का हिस्सा बनना चाहता है, उसका भरोसा भारत पर है। जब हम आपसे कहते हैं कि make in India, तो उसमें ये बात भी शामिल है कि आइए, make for India, Make for the world.

साथियों,

भारत अपनी ग्लोबल रिस्पॉन्सिबिलिटी को भलिभांति समझता है। इसलिए साथी देशों के साथ मिलकर हम एक व्यापक रोडमैप पर काम कर रहे हैं। इसलिए हम भारत में एक वाइब्रेंट सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम निर्माण के पीछे पुरी ताकत लगा रहे हैं। हाल ही में, हमने नेशनल क्वांटम मिशन को approve किया है। National Research Foundation Bill भी संसद में पेश होने जा रहा है। सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम बनाने के लिए अब हम अपने इंजीनियरिंग करिकुलम में भी बदलाव कर रहे हैं। भारत में 300 से ज्यादा ऐसे बड़े कॉलेजों की पहचान की गई है, जहां सेमीकंडक्टर पर कोर्स उपलब्ध होंगे। हमारा Chips to Startups Program इंजीनियरों की मदद करेगा। अनुमान ये है कि अगले 5 वर्षों में हमारे यहां एक लाख से ज्यादा

design engineers तैयार होने वाले हैं। भारत का लगातार बढ़ता स्टार्ट अप इकोसिस्टम भी सेमीकंडक्टर सेक्टर को मजबूती देने वाला है। सेमीकॉन इंडिया के सभी पार्टिसिपेन्ट्स के लिए ये बातें, उनका विश्वास बढ़ाने वाली हैं, उनका आत्मविश्वास बढ़ाने वाली हैं।

Friends, आप सभी, conductors और insulators इसका अंतर भलिभांति जानते हैं। Conductors से energy pass हो सकती है, insulators से नहीं होती है। भारत, सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के लिए एक अच्छा energy कंडक्टर बनने के लिए, हर ‘चेकबॉक्स’ को टिक कर रहा है। इस सेक्टर के लिए Electricity की ज़रूरत है। बीते एक दशक में हमारी solar power installed capacity 20 गुना से ज्यादा हो चुकी है। इस दशक के अंत तक हमने 500GW की रीन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी का टार्गेट रखा है। सोलर PV modules, ग्रीन हाइड्रोजन और इलेक्ट्रोलाइजर के उत्पादन के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। भारत में हो रहे Policy reforms का भी पॉजिटिव इंपेक्ट, सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम के निर्माण पर पड़ेगा। हमने नई मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री के लिए कई तरह के टैक्स छूट का ऐलान भी किया है। आज भारत, दुनिया के सबसे कम कॉरपोरेट टैक्स वाले देशों में से एक है। हमने Taxation process को faceless और seamless बनाया है। हमने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के रास्ते में आने वाले कई पुराने कानूनों और compliances को खत्म किया है। सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के लिए सरकार ने Special incentives भी दिए हैं। ये निर्णय, ये नीतियां, इस बात का प्रतिबिंब हैं कि भारत, सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के लिए red carpet बिछा रहा है। जैसे-जैसे भारत reform के रास्ते पर आगे बढ़ेगा, आपके लिए और ज्यादा नए अवसर तैयार होते जाएंगे। सेमीकंडक्टर इन्वेस्टमेंट्स के लिए भारत एक शानदार conductor बन रहा है।

साथियों,

अपने इस प्रयासों के बीच भारत, ग्लोबल सप्लाई चेन की जरूरतों को भी जानता है। Raw material, trained man power और मशीनरी को लेकर आपकी अपेक्षाओं को हम समझते हैं। इसलिए हम आपके साथ मिलकर काम करने के लिए बहुत ही उत्साहित हैं। जिस सेक्टर में हमने private players के साथ मिलकर काम किया है, उस सेक्टर ने नई ऊंचाइयों को छूआ है। Space sector हो या geospatial sector, हर जगह हमें बेहतरीन नतीजे मिले हैं। आपको याद होगा, पिछले साल सेमीकॉन के दौरान सरकार ने सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के प्लेयर्स से सुझाव मांगे थे। इन सुझावों के आधार पर सरकार ने अनेक बड़े फैसले लिए हैं। सेमीकॉन इंडिया प्रोग्राम के तहत हम जो इंसेंटिव दे रहे थे, उसे बढ़ाया गया है। अब technology firms को भारत में semiconductor manufacturing facility स्थापित करने के लिए Fifty Percent की financial assistance दी जाएगी। देश के सेमीकंडक्टर सेक्टर की ग्रोथ को गति देने के लिए हम लगातार Policy Reforms कर रहे हैं।

साथियों,

G-20 के President के तौर पर भी भारत ने जो थीम दी है वो है- one earth, one family, one future. भारत को सेमीकंडक्टर मैन्युफेक्चरिंग हब बनाने के पीछे भी हमारी यही भावना है। भारत की स्किल, भारत की कैपेसिटी, भारत की कैपेबिलिटी का पूरी दुनिया को लाभ हो, यही भारत की इच्छा है। हम एक

better world के लिए, Global Good के लिए भारत का सामर्थ्य बढ़ाना चाहते हैं। इसमें आपके participation, आपके suggestions, आपके thoughts, उसका बहुत-बहुत स्वागत है। भारत सरकार हर कदम पर आपके साथ खड़ी है। ये semicon summit के लिए मेरी आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं हैं, और मैं चाहता हूं मौका है और मैंने लालकिले से कहा था यही समय है, सही समय है और मैं कहता हूं देश के लिए तो है ही दुनिया के लिए भी है। बहुत-बहुत शुभकामनाएं! धन्यवाद।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।