कार्यक्रम में उपस्थित देश के रक्षामंत्री श्रीमान राजनाथ सिंह जी, एनसीसी के DG लेफ्टिनेंट जनरल गुरबीरपाल सिंह जी, यहां उपस्थित सभी महानुभाव, अधिकारीगण, गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा लेने वाले कलाकार, NSS-NCC के साथियों!
इस समय देश अपनी आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। और जब एक युवा देश, इस तरह के किसी ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बनता है, तो उसके उत्सव में एक अलग ही उत्साह दिखता है। यही उत्साह मैं अभी करियप्पा ग्राउंड में भी देख रहा था। ये भारत की उस युवा शक्ति के दर्शन हैं जो हमारे संकल्पों को पूरा करेगी, जो 2047 में जब देश आजादी के सौ साल पूरे करेगा, 2047 के भव्य भारत का निर्माण करेंगी।
मुझे गर्व है कि मैं भी कभी आप ही की तरह एनसीसी का सक्रिय कैडेट रहा हूँ। लेकिन जो सौभाग्य आपको मिला है वो मुझे नहीं मिला था। मुझे एनसीसी में जो ट्रेनिंग मिली, जो जानने सीखने को मिला, आज देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन में मुझे उन संस्कारों से, उस ट्रेनिग से असीम ताकत मिलती है। अभी कुछ ही समय पहले मुझे एनसीसी alumni का कार्ड भी मिला था। आज देश के प्रधानमंत्री के साथ साथ मैं उस नाते भी आपका साथी हूँ, आपसे जुड़ा हूँ। मैं एनसीसी के सभी पदाधिकारियों को, और सभी फ़ेलो कैडेट्स को इस अवसर पर salute करता हूँ। आज जिन कैडेट्स को पुरस्कार मिला है, उन्हें भी मैं अपनी हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ। आज महान स्वतंत्रता सेनानी, पंजाब केसरी लाला लाजपत राय जी की जयंती भी है। आज ही फील्ड मार्शल करियप्पा की भी जयंती है। राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले देश के इन वीर सपूतों को मैं आदरपूर्वक नमन करता हूं।
साथियों,
आज जब देश नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ रहा है, तब देश में एनसीसी को मजबूत करने के लिए भी हमारे प्रयास जारी हैं। इसके लिए देश में एक हाई लेवेल रिव्यू कमेटी की स्थापना की गई है। पिछले दो सालों में हमने देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में 1 लाख नए कैडेट्स बनाए हैं। मुझे खुशी है कि एनसीसी कैडेट्स की ट्रेनिंग में सिमुलेशन जैसी आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल भी बढ़ रहा है। हमारे एजुकेशन सिस्टम को एनसीसी से जोड़ने के लिए भी देश कई कदम उठा रहा है। पूरी तरह से self-financing scheme के तहत 1 लाख कैडेट्स का विस्तार देश के कॉलेजों में किया गया है। 1 लाख कैडेट्स को लेकर यही प्रयास अब स्कूलों में भी शुरू किया गया है।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत देश की 90 universities ने NCC को elective subject के रूप में भी शुरू किया है। मैं आज यहाँ बड़ी संख्या में girl cadets को देख रहा हूँ। ये देश के बदलते मिजाज का प्रतीक है। देश को आज आपके विशेष योगदान की जरूरत है। देश में आपके लिए आज अपार अवसर मौजूद हैं। अब देश की बेटियाँ सैनिक स्कूलों में एड्मिशन ले रही हैं। सेना में महिलाओं को बड़ी जिम्मेदारियाँ मिल रही हैं। एयरफोर्स में देश की बेटियाँ फाइटर प्लेन उड़ा रही हैं। ऐसे में हमारा प्रयास होना चाहिए कि एनसीसी में भी ज्यादा से ज्यादा बेटियाँ शामिल हों। जिन बेटियों ने खुद एनसीसी ज्वाइन किया है, वो इसके लिए एक प्रेरणा बन सकती हैं।
साथियों,
देश के प्रसिद्ध कवि माखनलाल चतुर्वेदी की कविता और उस कविता की पंक्तियों में उन्होंने कहा-
भूखंड बिछा, आकाश ओढ़, नयनोदक ले, मोदक प्रहार,
ब्रह्मांड हथेली पर उछाल, अपने जीवन-धन को निहार।
ये पंक्तियां, सामर्थ्य की पराकाष्ठा का वर्णन करती हैं। शक्ति ऐसी हो कि भूखंड को बिछा सकें, आकाश को ओढ़ सकें, ब्रह्मांड को हथेली पर उछाल सकें। ताकत ऐसी हो कि कठिन से कठिन परिस्थिति का भी हंसकर, डटकर मुकाबला कर सकें। आज मां भारती, भारत के युवाओं से यही आह्वान कर रही है।
भूखंड बिछा, आकाश ओढ़, नयनोदक ले, मोदक प्रहार,
ब्रह्मांड हथेली पर उछाल, अपने जीवन-धन को निहार।
आने वाले 25 साल का अमृतकाल, देशभक्ति के ज्वार का है। और आज चुनौती इस बात की नहीं है कि दुनिया में कोई इसे स्वीकार करेगा या नहीं। आज महत्व इस बात का है कि जब दुनिया भारत को इतनी उम्मीदों के साथ देख रही है, इतने भरोसे के साथ देख रही है, तो भारत अपने प्रयासों में कहीं से भी कमजोर तो नहीं पड़ जाएगा।
आज आजादी के अमृत महोत्सव में भारत ने जो संकल्प लिए हैं, जो अभियान शुरू किए हैं, वो निरंतर नई ऊर्जा पाते रहें, इसका बहुत बड़ा दायित्व हमारे देश के कोटि-कोटि नौजवानों पर है। आज इस समय जितने भी युवक-युवतियां NCC में हैं, NSS में हैं, उसमें से ज्यादातर इस शताब्दी में ही पैदा हुए हैं। आपको ही भारत को 2047 तक बड़े आन-बान-शान के साथ लेकर जाना है। इसलिए आपकी कोशिशें, आपके संकल्प, उन संकल्पों की सिद्धि, भारत की सिद्धि होगी, भारत की सफलता होगी। राष्ट्रभक्ति से बड़ी कोई भक्ति नहीं होती, राष्ट्रहित से बड़ा कोई हित नहीं होता। देश को सर्वोपरि रखते हुए, आप जो भी करेंगे, वो देश के विकास में मदद करेगा। आज हमारे युवाओं ने भारत को स्टार्ट-अप की दुनिया में टॉप तीन में पहुंचा दिया है। कोरोना के इस संकट काल में जितने यूनिकॉर्न बने हैं, वो भारत के युवाओं का शक्ति प्रदर्शन है। आप कल्पना कर सकते हैं- 50 से ज्यादा यूनिकॉर्न कोरोना काल के दौरान अस्तित्व में आए हैं। और आपको तो पता ही होगा, एक-एक यूनिकॉर्न, एक-एक स्टार्ट अप की पूंजी साढ़े सात हजार करोड़ रुपए से ज्यादा है। ये क्षमता, ये सामर्थ्य बहुत बड़ा विश्वास जगाता है। और जानते हैं, इसमें सबसे बड़ी बात क्या है? ये हजारों स्टार्ट-अप्स, देश की किसी ना किसी आवश्यकता को पूरा करने के लिए बने हैं। कोई कृषि क्षेत्र में नया कर रहा है, कोई सप्लाई चेन सुधारने के लिए नया कर रहा है। कोई शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव के लिए कुछ नया कर रहा है। इनमें देश के लिए कुछ करने का जज्बा है, कुछ कर गुजरने का जज्बा है।
साथियों,
जिस देश का युवा, राष्ट्र प्रथम की सोच के साथ आगे बढ़ने लगता है, उसे दुनिया की कोई ताकत रोक नहीं सकती है। आज खेल के मैदान में, भारत की सफलता भी इसी का एक बड़ा उदाहरण है। खिलाड़ी की प्रतिभा, खिलाड़ी का संकल्प, उन सारी बातों का अपना महत्व तो है ही, खिलाड़ी के परिश्रम का भी बहुत महत्व है, लेकिन अब उसकी हार-जीत के साथ 130 करोड़ देशवासी जुड़ जाते हैं। भारत का युवा, किसी भी मैदान में किसी से टक्कर ले रहा है, तो पूरा देश उसके पीछे एकजुट हो जाता है। खिलाड़ियों में भी ये भावना प्रबल है कि मैं पुरस्कार के लिए नहीं, अपने देश के लिए खेल रहा हूं। इसी भावना के साथ हर क्षेत्र में भारत के युवाओं को, देश की भावी पीढ़ी को आगे बढ़ना है।
साथियों,
कोरोना के इस काल ने, पूरी दुनिया को हम भारतीयों के अनुशासन, हम भारतीयों की समाज शक्ति का परिचय दिया है। जब जनता कर्फ्यू के दौरान पूरा देश कोरोना से लड़ने के लिए एकजुट हो गया, तो पूरा विश्व हैरान रह गया था। कुछ लोग हमारे समाज को कोसते हैं लेकिन इसी समाज ने दिखा दिया कि जब बात देश की हो, तो उससे बढ़कर कुछ नहीं। जब सही दिशा मिले, सही उदाहरण मिले, तो हमारा देश कितना कुछ करके दिखा सकता है, ये उसका उदाहरण है।
आप NCC और NSS के युवाओं ने भी कोरोना के इस संकट में अपने सेवाभाव से सभी का दिल जीता है। अब आपके ये भी दायित्व है कि जो कुछ आपने NCC में सीखा है, वो सिर्फ जब यूनिफॉर्म पहना हो तभी काम में आए, ऐसा नहीं होता है। वो आपके पूरे जीवन में, इसी तरह कैसे बना रहे, समय-समय पर कैसे प्रकट होता रहे। आपको ये भी सोचना चाहिए कि एक कैडेट के तौर पर जो सीखा है, उसका समाज को कैसे लाभ होगा। जैसे आप अगर किसी गांव में रहते हैं, तो आप पता कर सकते हैं कि कहीं उस गांव में कोई विद्यार्थी स्कूल छोड़ करके Dropout तो नहीं है। आप उससे मिलेंगे, उसकी दिक्कत समझेंगे, उसकी पढ़ाई फिर से शुरू हो, इसके लिए प्रयास करेंगे, तो NCC की भावना को आप आगे बढ़ाएंगे।
आप स्वच्छता अभियान को बढ़ावा देने के लिए भी अपने गांव-मोहल्ले, अपने शहर-कस्बे में अलग-अलग टीमें बना सकते हैं। क्योंकि आपने यहां पर लीडरशिप के गुण सीखे हैं, अब उसको apply करना है समाज में। जिस तरह आपने समुद्री तटों की सफाई के लिए ‘पुनीत सागर अभियान’ चलाया था, बहुत प्रशंसा पाई थी, वो NCC के कार्यकाल के बाद भी जारी रहनी चाहिए। जैसे आजकल देश में Catch the Rain, इसका एक जनआंदोलन चल रहा है। बारिश के पानी को हम कैसे बचाएं, जो हमारे तालाब हैं, जो झीलें हैं, उन्हें कैसे साफ रखें, इस दिशा में भी आप लोगों को जागृत कर सकते हैं।
साथियों,
आजादी की लड़ाई में, महात्मा गांधी ने देश के सामान्य मानवी को ऐसी-ऐसी प्रवृत्तियों से जोड़ा था, जिनसे लोगों की रोजी-रोटी भी चलती थी, लेकिन साथ-साथ देशभक्ति का आंदोलन भी गति पकड़ता था। जैसे कोई सूत कातने का काम करता था, कोई प्रौढ़ शिक्षा से जुड़ा था, कोई गौ-पालन से जुड़ कर काम करता था, कोई स्वच्छता का काम करता था, इन सारे विषयों को गांधी जी ने आजादी के आंदोलन से जोड़ दिया था। इसी तरह आजादी के अमृतकाल में, आज से लेकर अगले 25 वर्ष हम सबको, आपको अपनी प्रवृतियों को, अपने कार्यों को देश के विकास के साथ, देश की अपेक्षाओं के साथ, देश की आकांक्षाओं के साथ जोड़ना है। आज देश आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ चल रहा है। आप सभी युवा, वोकल फॉर लोकल के अभियान में बहुत बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
अगर भारत के युवा ठान लें कि जिस चीज के निर्माण में किसी भारतीय का श्रम लगा है, किसी भारतीय का पसीना बहा है, सिर्फ वही चीज इस्तेमाल करेंगे, तो भारत का भाग्य तेज गति से बदल सकता है। वोकल फॉर लोकल का मंत्र सीधे-सीधे देश के युवाओं से भी जुड़ा हुआ है। जब लोग स्थानीय उत्पादों को खरीदेंगे, तो स्थानीय उत्पादन भी बढ़ेगा, उसकी क्वालिटी भी improve होती जाएगी। जब स्थानीय उत्पादन बढ़ेगा तो इस वजह से स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए साधन भी बढ़ेंगे।
साथियों,
ये समय technology और innovation का है। ये समय डिजिटल क्रांति का है। इस युग का अगर कोई नायक है, तो वो आप मेरे सभी युवा साथी हैं। इसलिए, बदलाव के इस दौर में बतौर कैडेट कई नई जिम्मेदारियाँ आपके पास हैं। आपको इस क्रांति में भारत को लीडर बनाने के लिए देश को अपना नेतृत्व देना है और साथ ही इसकी चुनौतियों का मुक़ाबला भी करना है। आज एक ओर डिजिटल टेक्नोलॉजी और इन्फॉर्मेशन से जुड़ी अच्छी संभावनाएं हैं, तो दूसरी ओर misinformation के खतरे भी हैं। हमारे देश का सामान्य मानवी, किसी अफवाह का शिकार न हो ये भी जरूरी है। NCC कैडेट्स इसके लिए एक जागरूकता अभियान चला सकते हैं। एक और चैलेंज जो आज के युवाओं के सामने है, वो है virtual और real life में बिगड़ता सामंजस्य! NCC अपने कैडेट्स के लिए इस सामंजस्य की ट्रेनिंग के तरीके तैयार कर सकती है, जो बाकी लोगों के लिए भी मददगार हों।
साथियों,
एक और विषय को मैं आपके सामने उठाना चाहता हूं। ये विषय है ड्रग्स का, नशे का। नशा हमारी युवा पीढ़ी को कितना बर्बाद करता है, ये आप भली-भांति जानते हैं। तो फिर जिस स्कूल-कॉलेज में NCC हो, NSS हो वहां पर ड्रग्स कैसे पहुंच सकती है। आप कैडेट के तौर पर खुद ड्रग्स से मुक्त रहें और साथ ही साथ अपने कैंपस को भी ड्रग्स से मुक्त रखें। आपके साथी, जो NCC-NSS में नहीं हैं, उन्हें भी इस बुरी आदत को छोड़ने में मदद करिए।
साथियों,
देश के ऐसे ही सामूहिक प्रयासों को नई ऊर्जा देने के लिए कुछ वर्ष पहले एक पोर्टल भी शुरू किया गया था। ये पोर्टल है- Self4Society portal. इस पोर्टल पर अलग-अलग व्यक्ति आकर, अलग-अलग कंपनियां आकर, अलग-अलग संगठन आकर, समाज सेवा के जो काम होते हैं, उन कार्यों में वो सहयोग करते हैं। विशेषकर भारत की IT और टेक कंपनियों ने इस दिशा में बहुत अच्छा काम किया है। आज इससे 7 हजार से ज्यादा संगठन और सवा दो लाख से ज्यादा लोग जुड़े हुए हैं, जो कुछ न कुछ समाज सेवा करते हैं। NCC-NSS के लाखों युवाओं को भी इस पोर्टल से जरूर जुड़ना चाहिए।
भाइयों बहनों,
हमें एक ओर एनसीसी कैडेट्स का विस्तार करना है, तो दूसरी ओर कैडेट स्पिरिट को भी आगे बढ़ाना है। ये स्पिरिट जन-जन तक पहुंचानी है, गांव-गावं तक उसकी गूंज पहुंचानी है, ये हम सबका दायित्व है। और मैं समझता हूं, इसमें, एनसीसी alumni की बहुत बड़ी भूमिका है। NCC alumni association इस काम में एक ब्रिज की, एक नेटवर्क की भूमिका निभाएगा। चूंकि मैं खुद इस association का सदस्य हूँ, इसलिए मेरी देश विदेश में फैले सभी alumni साथियों से अपील है कि इस मिशन का सक्रिय हिस्सा बनें। क्योंकि, Once a cadet, always a cadet! हम जहां कहीं भी हैं, जिस किसी क्षेत्र में अपनी सेवाएँ दे रहे हैं, हमारे अनुभव देश और नई पीढ़ी के बहुत काम आ सकते हैं। हमारे अनुभव एक संगठन के रूप में एनसीसी को भी पहले से बेहतर बनाने का माध्यम बन सकते हैं। इससे एनसीसी की स्पिरिट और कर्तव्य की भावना का समाज में भी विस्तार होगा।
मुझे पूरा भरोसा है, आज़ादी के अमृत महोत्सव में हमारे ये प्रयास नए भारत के निर्माण की ऊर्जा बनेंगे, और एनसीसी के कैडेट्स इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभाएंगे। इसी विश्वास के साथ, आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद !
भारत माता की, जय!
भारत माता की, जय!
भारत माता की, जय!
वंदे मातरम, वंदे मातरम!