Quoteपीएम-किसान के अंतर्गत 16,000 करोड़ रुपये की तीसरी किस्त राशि जारी
Quoteबेलगावी रेलवे स्टेशन का पुनर्विकसित भवन राष्ट्र को समर्पित किया
Quoteजल जीवन मिशन के तहत छह बहु-ग्राम योजना परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई
Quote“आज का बदलता भारत वंचितों को प्राथमिकता देते हुए एक के बाद एक विकास परियोजनाओं को पूरा कर रहा है”
Quote“देश का कृषि बजट जो 2014 से पहले 25,000 करोड़ रुपये था, उसे अब पांच गुना बढ़ाकर 1,25,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है”
Quote“भविष्य की चुनौतियों का विश्लेषण करते हुए सरकार का ध्यान भारत के कृषि क्षेत्र को मजबूत करने पर है”
Quote“तेज विकास की गारंटी है डबल इंजन की सरकार”
Quote“खड़गे जी कांग्रेस के अध्यक्ष हैं, लेकिन उनके साथ जैसा बर्ताव किया जाता है, वो पूरी दुनिया को मालूम है कि रिमोट कंट्रोल किसके हाथ में है”
Quote“सच्चा विकास तब होता है जब सच्ची नीयत से काम किया जाता है”

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

नम्मा, सबका साथ सबका विकास मंत्रदा, स्फूर्तियादा, भगवान बसवेश्वर, अवरिगे, नमस्कारागळु। बेलगावियाकुंदा, मत्तुबेलगावियाजनाराप्रीती, एरडू, मरियलागदासिहि, बेलगाविया, नन्नाबंधुभगिनियरिगे, नमस्कारागळु।

बेलगावी की जनता का प्यार और आशीर्वाद अतुलनीय है। यह प्यार, यह आशीर्वाद पाकर, हम सबको आपकी सेवा के लिए हमें दिन-रात मेहनत करने की प्रेरणा मिलती है। आपका आशीर्वाद हमारे लिए प्रेरणाशक्ति बन जाता है। बेलगावी की धरती पर आना किसी तीर्थ यात्रा से कम नहीं होता। यह कित्तूरकीरानीचेन्नमा और क्रान्तिवीर संगोल्लीरायण्णा की भूमि है। देश आज भी इन्हें वीरता और गुलामी के विरुद्ध आवाज़ उठाने के लिए याद करता है।

साथियों, आज़ादी की लड़ाई हो, या फिर उसके बाद भारत का नवनिर्माण, बेलगावी की महत्वपूर्ण भूमिका हमेशा रही है। आजकल हमारे देश में, कर्नाटका में स्टार्टअप्स की खूब चर्चा होती है। लेकिन एक तरह से देखें तो बेलगावी में तो 100 साल पहले ही स्टार्टअप्स की शुरुआत हो गई थी। 100 साल पहले। मैं आपको याद कराने आया हूं। बाबूराव पुसालकर जी ने यहां 100 साल पहले यहां एक छोटी सी यूनिट स्थापित की थी। तब से बेलगावी अनेक तरह की इंडस्ट्रीज के लिए, इतना बड़ा बेस बन गया है। बेलगावी की इसी भूमिका ने डबल इंजन सरकार इस दशक में और सशक्त करना चाहती है।

भाइयों और बहनों, आज जिन प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया है, उनसे बेलगावी के विकास में नई गति आएगी। सैकड़ों करोड़ रुपए के ये प्रोजेक्ट्स, कनेक्टिविटी से जुड़े हैं, पानी की व्‍यवस्‍था से जुड़े हुए हैं। आप सभी को इन सारी विकास की योजनाओं के लिए इस क्षेत्र की प्रगति का एक मजबूत गति देने के इस अवसर पर मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

आज बेलगावी से पूरे हिन्‍दुस्‍तान को भी स्‍वागत मिली है। हिन्‍दुस्‍तान के हर किसानों को आज कर्नाटका से जोड़ा है, बेलगावी से जोड़ा है। आज यहां से पीएम किसान सम्मान निधि की एक और किश्त भेजी गई है। सिर्फ एक ही बटन दबाकर, एक ही क्लिक पर देश के करोड़ों किसानों के बैंक खाते में 16 हज़ार करोड़ रुपए पहुंचे हैं।

यहां जो मेरे राइतु बंधू है न, वो अपना मोबाइल देखेंगे तो मैसेज आ गया होगा। दुनिया के लोगों को भी अजूबा होता है। और इतनी बड़ी रकम 16 हजार करोड़ रुपया पलभर में और कोई बिचौलिया नहीं, कोई कटकी कंपनी नहीं, कोई corruption नहीं, सीधा-सीधा किसान के खाते में। अगर कांग्रेस का राज होता तो प्रधानमंत्री कहते थे कांग्रेस के कि एक रुपया भेजते हैं 15 पैसा पहुंचता है। अगर आज उन्‍होंने 16 हजार करोड़ का सोचा होता तो आप सोचिए 12-13 हजार करोड़ रुपया कहीं गायब हो गया होता। लेकिन यह मोदी की सरकार है। पाई-पाई आपकी है, आपके लिए है। मैं कर्नाटका सहित पूरे देश के किसान भाई-बहनों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। होली के त्‍यौहार के पहले मेरे किसानों को यह होली की भी शुभकामनाएं हैं।

भाइयों और बहनों, आज का बदलता हुआ भारत हर वंचित को वरीयता देते हुए एक के बाद एक विकास के काम कर रहा है। हमारे देश में दशकों तक छोटे किसानों को भी नजरअंदाज किया गया था। भारत में 80-85 प्रतिशत छोटे किसान हैं। अब यही छोटे किसान भाजपा सरकार की प्राथमिकता में हैं। पीएम किसान सम्मान निधि के माध्यम से अब तक देश के छोटे किसानों के बैंक खातों में करीब-करीब ढाई लाख करोड़ रुपए जमा कराए जा चुके हैं। आप बोलेंगे कितने किए हैं – ढ़ाई लाख करोड़, कितने? ढाई लाख करोड़ रुपया किसानों के बैंक खाते में जमा हुए हैं। इसमें भी 50 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा पैसे, हमारी जो माताएं-बहनें किसानी के करती हैं उनके खाते में जमा हुए हैं। ये पैसे किसानों की छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा कर रहे हैं। इन खर्चों के लिए अब उन्हें किसी दूसरे के सामने हाथ नहीं फैलाना पड़ता, ब्‍याज खाऊं लोगों के शरण नहीं जाना पड़ता, बहुत ऊंचा ब्‍याज दे करके रुपया नहीं लेने पड़ते।

साथियों, साल 2014 के बाद से, देश लगातार कृषि में एक सार्थक बदलाव की तरफ बढ़ रहा है। भाजपा सरकार में हम कृषि को आधुनिकता से जोड़ रहे हैं, कृषि को भविष्य के लिए तैयार कर रहे हैं। साल 2014 में जब देश ने हमें अवसर दिया, तो भारत का कृषि बजट 25 हजार करोड़ रुपए था। इस वर्ष हमारा कृषि के लिए बजट...यह आंकड़ा याद रखोगे आप लोग? याद रखोगे? जरा जोर से तो बोलिये याद रखोगे? देखिए जब हम आए थे 2014 में सेवा के लिए, आपने मौका दिया था तब भारत का कृषि बजट 25 हजार करोड़ रुपये था। कितना? 25 हजार करोड़, इस वक्‍त हमारा कृषि बजट 1 लाख 25 हज़ार करोड़ रुपए से ज्यादा है। यानि पांच गुना ज्यादा बढोतरी हुई है। ये दिखाता है कि बीजेपी सरकार किसानों को मदद करने के लिए कितनी गंभीर है। कितनी सक्रिय है। हमने टेक्नॉलॉजी पर बल दिया, जिसका लाभ भी किसानों को हो रहा है।

आप कल्पना कर सकते हैं, अगर जनधन बैंक खाते ना होते, मोबाइल कनेक्शन ना बढ़ते, आधार ना होता, तो क्या ये संभव होता क्‍या? हमारी सरकार ज्यादा से ज्यादा किसानों को, किसान क्रेडिटकार्ड से भी जोड़ रही है। कोशिश यही है कि किसानों के पास बैंक से मदद पाने की सुविधा लगातार रहे, हमेशा रहे। साथियों, इस वर्ष का बजट हमारी खेती की आज की स्थिति के साथ-साथ, भविष्य की ज़रूरतों को भी एड्रेस करता है।

आज की ज़रूरत भंडारण की है, स्‍टोरेज की है, कृषि में आने वाली लागत को कम करने की है, छोटे किसानों को संगठित करने की है। इसलिए बजट में सैकड़ों नई भंडारण सुविधाएं बनाने पर बल दिया गया है। इसके साथ-साथ सहकारिता के विस्तार पर अभूतपूर्व फोकस किया है। प्राकृतिक खेती को प्रमोट करने के लिए भी अनेक कदम उठाए गए हैं। प्राकृतिक खेती से किसान की लागत में बहुत कमी आने वाली है। नैचुरल खेती में किसानों को सबसे बड़ी समस्या खाद और कीटनाशक बनाने में आती है। अब इसमें किसानों को मदद करने के लिए हज़ारों सहायता केंद्र बनाए जाएंगे। किसान की लागत बढ़ाने में कैमिकल फर्टिलाइजर की भूमिका अधिक होती है। अब हमने पीएम-प्रणाम योजना शुरु की है। इसके माध्यम से कैमिकल फर्टिलाइजर का प्रयोग कम करने वाले राज्यों को केंद्र से अतिरिक्त मदद मिलेगी। भाइयों और बहनों, हम, देश की कृषि को, भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए, हमारी पूरी इस किसानी ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था इसमें नये प्राण लाने के लिए हम कृतनिश्चियी हैं बल दे रहे हैं।

क्लाइमेट चैंज के कारण कितनी समस्या आ रही है, ये हमारा किसान आज अनुभव कर रहा है। इसलिए अब हमें अपनी पुरानी परम्पराओं की ताकत को फिर याद करना होगा। हमारा मोटा अनाज और मैं तो देख रहा था मोटे अनाज की सुंदरता भी कितनी अच्‍छी है। हमारा मोटा अनाज हर मौसम, हर परिस्थिति को झेलने में सक्षम है और ये superfood है। मोटा अनाज superfood है, यह अधिक पोषक भी होता है। इसलिए इस वर्ष के बजट में हमने मोटे अनाज को श्री-अन्न के रूप में नई पहचान दी है। और कर्नाटका तो श्री अन्न के मामले में दुनिया का एक बड़ा केंद्र और सशक्‍त केंद्र है। यहां तो श्री-अन्न को पहले से ही सिरी-धान्य कहा जाता है। अनेक प्रकार के श्री-अन्न यहां का किसान उगाता है। कर्नाटका की बीजेपी सरकार हमारे मुख्‍यमंत्री जी के नेतृत्‍व में इसके लिए किसानों को मदद भी देती है। मुझे याद है कि रइता बंधू येदियुरप्पाजी ने श्री-अन्न को प्रोत्साहन देने के लिए यहां कितना बड़ा अभियान चलाया था। अब हमें इस श्री-अन्न को पूरी दुनिया में पहुंचाना है। श्री-अन्न को उगाने में लागत भी कम है और पानी भी कम लगता है। इसलिए ये छोटे किसानों को डबल बेनिफिट देने वाला है।

साथियों, इस क्षेत्र में गन्ने की पैदावार खूब होती है। भाजपा सरकार ने हमेशा गन्ना किसानों के हितों को सर्वोपरि रखा है। इस साल के बजट में भी गन्ना किसानों से जुड़ा एक अहम फैसला लिया गया है। शुगर कोऑपरेटिव्‍ द्वारा 2016-17 के पहले किए गए पेमेंट पर, टैक्स में छूट दी गई है। इससे शुगर कोऑपरेटिव को 10 हजार करोड़ रुपए का बोझ था, जो यूपीए सरकार उनके सिर पर डालकर गई थी। उन 10 हजार करोड़ रुपये का फायदा यह मेरी शुगर कोऑपरेटिव्स को होने वाला है। आप सभी को ये भी पता है कि हमारी सरकार इथेनॉल के उत्पादन पर कितना जोर दे रही है। इथेनॉल का उत्पादन बढ़ने से गन्ना किसानों की आय भी बढ़ रही है। बीते 9 वर्षों में पेट्रोल में इथेनॉल की ब्लेंडिंग को बढ़ाकर डेढ़ प्रतिशत से 10 प्रतिशत किया जा चुका है। अब सरकार पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य लेकर चल रही है। जितना ही देश इस दिशा में आगे बढ़ेगा, उतना ही हमारे गन्ना किसानों को भी फायदा होगा।

भाइयों और बहनों, खेती हो, इंडस्ट्री हो, टूरिज्म हो, बेहतर शिक्षा हो, ये सब कुछ अच्छी कनेक्टिविटी से, और सशक्त होते हैं। इसलिए बीते वर्षों में हम कर्नाटका की कनेक्टिविटी पर बहुत अधिक फोकस कर रहे हैं। 2014 से पहले के 5 वर्षों में कर्नाटका में रेलवे का बजट कुल मिलाकर 4 हजार करोड़ रुपए था। जबकि इस वर्ष कर्नाटका में रेलवे के लिए, साढ़े 7 हज़ार करोड़ रुपए रखे गए हैं। इस वक्त कर्नाटका में रेलवे के लगभग 45 हज़ार करोड़ रुपए के प्रोजेट्स पर काम चल रहा है। आप सोच सकते हैं कि इसके कारण कर्नाटका में कितने लोगों को रोजगार मिल रहा है।

बेलगावी का आधुनिक रेलवे स्टेशन देखकर हर किसी को आश्‍चर्य भी होता है, हर किसी को गर्व भी होता है। इस आधुनिक रेलवे स्टेशन से यहां सुविधाएं तो अधिक हुई ही हैं, रेलवे को लेकर विश्वास भी बढ़ रहा है। ऐसे शानदार स्टेशन, पहले लोग, विदेशों में ही देखते थे। अब भारत में भी ऐसे स्टेशन बन रहे हैं। कर्नाटका के अनेक स्टेशनों का, रेलवे स्‍टेशनों का ऐसे ही आधुनिक अवतार में सामने लाया जा रहा है। लोंडा-घाटप्रभा लाइन की डबलिंग से अब सफर तेज़ होगा और सुरक्षित होगा। इसी प्रकार जिन नई रेललाइनों पर आज काम शुरु हुआ है, वे भी इस क्षेत्र में रेल नेटवर्क को सशक्त करेंगी। बेलगावी तो एजुकेशन, हेल्थ और टूरिज्म के लिहाज़ से एक बड़ा सेंटर है। ऐसे में अच्छी रेल कनेक्टिविटी से, इन सेक्टर्स को भी लाभ होगा।

भाइयों और बहनों, भाजपा की डबल इंजन सरकार, तेज़ विकास की गारंटी है। डबल इंजन सरकार कैसे काम करती है, इसका उदाहरण जल जीवन मिशन है। साल 2019 तक कर्नाटका के गांवों में सिर्फ 25 प्रतिशत परिवारों के पास घर में नल से पानी के लिए कनेक्शन था। आज कर्नाटका में नल से जल की कवरेज डबल इंजन सरकार के कारण हमारे मुख्‍यमंत्री जी के सक्रिय प्रयासों के कारण आज कवरेज 60 प्रतिशत से अधिक हो चुकी है। यहां बेलगावी के भी 2 लाख से भी कम घरों में नल से जल आता था। आज ये संख्या साढ़े 4 लाख पार कर चुकी है। हमारी गांव की बहनों को पानी के लिए भटकना ना पड़े, सिर्फ इसी के लिए ही इस बजट में 60 हज़ार करोड़ रुपए दिए गए हैं।

भाइयों और बहनों, बीजेपी सरकार समाज के हर उस छोटे से छोटे वर्ग को सशक्त करने में जुटी है, जिसकी पहले की सरकारों ने सुध नहीं ली थी। बेलगावी तो कारीगरों, हस्तशिल्पियों, का शहर रहा है। ये तो वेनुग्राम यानि बांस के गांव के रूपमें मशहूर रहा है। आप याद कीजिए, पहले की सरकारों ने लंबे समय तक बांस की कटाई पर रोक लगा रखी। हमने कानून बदला और बांस की खेती और व्यापार के रास्ते खोल दिए। इसका बहुत बड़ा लाभ बांस का काम करने वाले कलाकारों को हुआ है। बांस के अलावा यहां दूसरे क्राफ्ट का काम भी खूब होता है। इस वर्ष के बजट में पहली बार, ऐसे साथियों के लिए, हम पीएम विश्वकर्मा योजना लेकर आए हैं। इस योजना से ऐसे सभी साथियों को हर प्रकार की मदद दी जाएगी।

साथियों, आज जब मैं बेलागावी आया हूं, तो एक औऱ विषय पर अपनी बात रखना जरूर चाहूंगा। मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं कि कांग्रेस किस तरह कर्नाटका से नफऱत करती है। कर्नाटका के नेताओं का अपमान, कांग्रेस की पुरानी संस्कृति का हिस्सा है। जिस किसी से भी कांग्रेस के परिवार विशेष को दिक्कत होने लगती है, उसकी कांग्रेस में बेइज्जती शुरू कर दी जाती है।

इतिहास गवाह है कि कैसे कांग्रेस परिवार के आगे एस. निजलिंगप्पा और वीरेंद्रपाटिल जी जैसे नेताओं का अपमान कैसा किया गया था हर कर्नाटक के लोग जानते हैं। अब एक बार फिर कांग्रेस के एक विशेष परिवार के आगे, कर्नाटका के एक और नेता का अपमान किया गया है। साथियों, इस धरती के संतान 50 वर्ष जिसका संसदीय कार्यकाल रहा है, ऐसे श्रीमान मल्लिकार्जुनखड़गे जी का मैं बहुत सम्मान करता हूं। उन्होंने जनता की सेवा में अपने से जो कुछ भी हुआ करने का प्रयास किया है। लेकिन उस दिन मैं ये देखकर दुखी हो गया, जब कांग्रेस का अभी अधिवेशन चल रहा था, छत्‍तीसगढ़ में उस कार्यक्रम में सबसे बड़ी आयु के व्‍यक्ति राजनीति में सबसे सीनियर, वहां पर खड़गे जी मौजूद थे। और वो उस पार्टी के अध्‍यक्ष थे। धूप थी, जो भी सब खड़े थे उन सबको धूप लगना स्‍वाभाविक था। लेकिन धूप में वो छतरी का सौभाग्‍य कांग्रेस की सबसे बड़ी आयु वाले, सबसे सीनियर, कांग्रेस के प्रमुख खड़गे जी को नसीब नहीं हुआ। बगल में किसी और के लिए छाता लगा गया था।

यह बताता है कि कहने को तो खड़गे जी कांग्रेस अध्‍यक्ष हैं लेकिन कांग्रेस में जिस तरह उनके साथ बर्ताव होता है, वो देखकर पूरी दुनिया देख भी रही है और समझ भी रही है कि रिमोटकंट्रोल किसके हाथ में है। परिवारवाद के इसी शिकंजे में परिवारवाद के इसी शिकंजे में आज देश की अनेक पार्टियां जकड़ी हुई हैं। इसी शिकंजे से हमें देश को मुक्त कराना है। इसलिए कांग्रेस जैसे दलों से कर्नाटका के लोगों को भी सतर्क रहना है। और यह कांग्रेस के लोग इतने निराश हो गए हैं अब तो वो सोचते जब तक मोदी जिंदा है उनकी दाल गलने वाली नहीं है। और इसलिए सारे आजकल कह रहे हैं – मर जा मोदी, मर जा मोदी। नारे बोल रहे हैं – मर जा मोदी। कुछ लोग कब्र खोदने में busy हो गए हैं। वो कह रहे हैं – मोदी तेरी कब्र खुदेगी। मोदी तेरी कब्र खुदेगी। लेकिन देश कह रहा है कि ‘मोदी तेरा कमल खिलेगा’।

साथियों, जब सच्ची नीयत के साथ काम होता है, तब सही विकास होता है। डबल इंजन सरकार की नीयत भी सच्ची है और विकास की निष्ठा भी पक्की है। इसलिए, हमें इस विश्वास को बनाए रखना है। कर्नाटका के, देश के विकास को गति देने के लिए, हमें यूंही आगे बढ़ना है। सबका प्रयास से ही हम देश को विकसित बनाने के सपने को पूरा कर पाएंगे। और मैं आज यहां कार्यक्रम में थोड़ा देर से पहुंचा। हेलीकॉप्‍टर से पूरे रास्‍ते भर बेलगावी ने जो स्‍वागत किया है, जो आशीर्वाद दिए हैं। माताएं, बहनें, बुजुर्ग, बच्‍चे अभुतपूर्व दृश्‍य था।

मैं बेलगावी के कर्नाटका के इस प्‍यार के लिए सिर झुका करके उनको प्रणाम करता हूं, सिर झुका करके उनका धन्‍यवाद करता हूं। आज की मेरी कर्नाटका की यात्रा भी विशेष है क्‍योंकि आज सुबह में शिवमोगा में था और वहां पर एयरपोर्ट, कर्नाटका की जनता से मिलने का मुझे सौभाग्‍य मिला। लेकिन साथ-साथ हमारे वरिष्‍ठ नेता येदियुरप्‍पा जी की जन्‍मदिन की शुभकामनाएं देने का भी मौका मिला। और शिवमोगा से यहां आया तो आप सबने को कमाल ही कर दिया। यह प्‍यार, यह आशीर्वाद, मैं आपको विश्‍वास दिलाता हूं बेलगावी के मेरे प्‍यारे भाईयों-बहनों, कर्नाटका के मेरे प्‍यारे भाईयों-बहनों मैं आपको विश्‍वास दिलाता हूं यह आप जो मुझे प्‍यार दे रहे हैं न, आप जो हम सबको आशीर्वाद दे रहे हैं न मैं इसे ब्‍याज समेत लौटाऊंगा। और कर्नाटका का विकास करके लौटाऊंगा, बेलगावी का विकास करके लौटाऊंगा। फिर आपको एक बार बहुत बहुत धन्‍यवाद। मेरे साथ बोलिए – भारत माता की जय। भारत माता की जय। भारत माता की जय।

बहुत-बहुत धन्यवाद !

 

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PM to participate in three Post- Budget webinars on 4th March
March 03, 2025
QuoteWebinars on: MSME as an Engine of Growth; Manufacturing, Exports and Nuclear Energy Missions; Regulatory, Investment and Ease of doing business Reforms
QuoteWebinars to act as a collaborative platform to develop action plans for operationalising transformative Budget announcements

Prime Minister Shri Narendra Modi will participate in three Post- Budget webinars at around 12:30 PM via video conferencing. These webinars are being held on MSME as an Engine of Growth; Manufacturing, Exports and Nuclear Energy Missions; Regulatory, Investment and Ease of doing business Reforms. He will also address the gathering on the occasion.

The webinars will provide a collaborative platform for government officials, industry leaders, and trade experts to deliberate on India’s industrial, trade, and energy strategies. The discussions will focus on policy execution, investment facilitation, and technology adoption, ensuring seamless implementation of the Budget’s transformative measures. The webinars will engage private sector experts, industry representatives, and subject matter specialists to align efforts and drive impactful implementation of Budget announcements.