हर हर महादेव।
काशी में कहल जाला की इहवां सात वार और नौ त्यौहार होला। कहले का मतलब इ हौ, की इहवां रोज-रोज नया-नया त्यौहार मनावल जाला। आज के एही प्रसंग में यहां जुटल आप सब लोगन के प्रणाम ह!
उत्तर प्रदेश की गवर्नर आनंदीबेन पटेल जी, यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, मंच पर उपस्थित यूपी सरकार के मंत्रीगण, सांसदगण, सभी विधायक, और बनारस के मेरे भाइयों और बहनों,
मैं सबसे पहले तो आप सबका हृदय से धन्यवाद करना चाहता हूं। विधानसभा के चुनाव के समय मैं आप सबके बीच आया था और उत्तर प्रदेश में दोबारा सरकार बनाने के लिए आप सबकी मदद मांगी थी। लेकिन आप, उत्तर प्रदेश के लोगों ने और मेरी काशी के लोगों ने जो समर्थन दिया, जो उमंग और उत्साह के साथ मेरा साथ दिया, इसलिए मैं आज जब चुनाव के बाद पहली बार आपके बीच आया हूं, आदरपूर्वक काशीवासियों का, उत्तर प्रदेश वासियों का हृदय से धन्यवाद करता हूं उनका अभिनंदन करता हूं।
दिव्य, भव्य, नव्य काशी में पिछले आठ वर्षों से विकास का जो उत्सव चल रहा है, आज उसको हम एक बार फिर गति दे रहे हैं। काशी हमेशा से जीवंत, निरंतर प्रवाहमान रही है। अब काशी ने एक तस्वीर पूरे देश को दिखाई है जिसमें विरासत भी है और विकास भी है। ऐसी विरासत, जिसे भव्य, दिव्य और नव्य बनाने का काम निरंतर जारी है। ऐसा विकास जो काशी की सड़कों-गलियों, कुंड-तालाबों, घाटों और पाटों, रेलवे स्टेशन से लेकर एयरपोर्ट तक में निरंतर गतिमान है।
काशी में एक प्रोजेक्ट खत्म होता है, तो चार नए प्रोजेक्ट शुरू होते हैं। आज भी यहां 1700 करोड़ रुपए से अधिक के दर्जनों प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। काशी में सड़क, पानी, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता और सुंदरीकरण से जुड़ी हज़ारों करोड़ रुपए की परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। हजारों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स, उन पर काम यहां लगातार जारी है।
भाइयों और बहनों,
काशी की आत्मा अविनाशी है, लेकिन काया में हम निरंतर नवीनता लाने के लिए जी-जान से प्रयास कर रहे हैं। हमारा विकास काशी को और ज्यादा गतिशील, प्रगतिशील और संवेदनशील बनाने का है। काशी का आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर गतिशीलता को बढ़ा रहा है। शिक्षा, कौशल, पर्यावरण, स्वच्छता, व्यापार के लिए जब प्रोत्साहन मिलता है, नए संस्थान बनते हैं, आस्था और आध्यात्म से जुड़े पवित्र स्थानों की दिव्यता को आधुनिक भव्यता से जोड़ा जाता है, तब विकास प्रगतिशील होता है। जब गरीबों को घर, बिजली, पानी, गैस, टॉयलेट जैसी सुविधाएं मिलती हैं, नाविकों, बुनकरों-हस्तशिल्पियों, रेहड़ी-पटरी वालों से लेकर बेघरों तक सभी को लाभ मिलता है, तब विकास संवेदनशील होता है।
आज इस कार्यक्रम के दौरान जो लोकार्पण और शिलान्यास हुए, उनमें गतिशीलता, प्रगतिशीलता, और संवेदनशीलता, तीनों की झलक है। मेरी काशी, सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास का बेहतरीन उदाहरण है।
भाइयों और बहनों,
आपने मुझे अपना सांसद बनाकर भी सेवा का मौका दिया है। इसलिए जब आप लोग कुछ अच्छा काम करते हैं, तो मुझे दोगुनी खुशी हो जाती है, मेरा आनंद और बढ़ जाता है। काशी के जागरूक नागरिकों ने जिस तरह देश को दिशा देने वाला काम किया है, उसे देखकर मैं बहुत आनंदित हूं। काशी के नागरिकों ने पूरे देश को संदेश दिया है कि शॉर्ट-कट से देश का भला नहीं हो सकता। कुछ नेताओं का भला हो जाए, न देश का भला होता है न जनता का भला होता है।
मुझे याद है 2014 में आने के बाद काशी में बाहर से आने वाले लोग सवाल करते थे कि यहां इतना कुछ अव्यवस्थित है, ये सब ठीक कैसे होगा, यही लोग पूछते थे ना? उनकी चिंता सही भी थी। बनारस में जिधर नजर डालो, वहां सुधार की, बदलाव की गुंजाइश नजर आती थी। साफ लगता था कि बनारस की स्थिति सुधारने के लिए दशकों से कोई काम हुआ ही नहीं है। अब ऐसे में किसी और के लिए शॉर्ट-कट चुनना बहुत आसान था। लोगों को ये दे दो, वो दे दो, इससे ज्यादा उसकी सोच जा ही नहीं पाती। कौन इतनी मेहनत करे, कौन अपना सिर खपाए, कौन पसीना बहाए।
लेकिन मैं बनारस के लोगों की दाद दूंगा कि उन्होंने सही रास्ता दिखाया, सही रास्ता चुना। उन्होंने दो टूक कह दिया कि काम ऐसे हों, जो वर्तमान तो ठीक करें ही, भविष्य में भी कई-कई दशकों तक बनारस को लाभ पहुंचाएं।
मेरे प्यारे काशीवासी भाइयो-बहनों,
मुझे बताइए जो काम हो रहा है वो भविष्य के लिए भी काम आने वाला है ना? आने वाली पीढ़ियों को भी काम आने वाला है ना? यहां के युवाओं के भविष्य को उज्ज्वल बनाने वाला है ना? सारे हिन्दुस्तान को काशी की तरफ खींच लाएगा कि नहीं लाएगा? सारा हिन्दुस्तान काशी देखने आएगा कि नहीं आएगा?
साथियो,
आज हम देख रहे हैं कि जब दूरगामी प्लानिंग होती है, तो किस तरह नतीजे भी निकलते हैं। बीते आठ वर्षों में काशी का इंफ्रास्ट्रक्चर, कहां से कहां पहुंच गया है। इससे किसान हो, मजदूर हो, व्यापारी हो, सभी को लाभ हो रहा है। व्यापार बढ़ रहा है, कारोबार बढ़ रहा है, टूरिज्म में विस्तार हो रहा है।
रिक्शा वाला भी कह रहा है साहब दिनभर इतना काम मिल रहा है। व्यापारी कहता है साहब, छह-छह महीने का माल एक महीने में बिक जाता है। हो रहा है कि नहीं हो रहा है? तेजी आई है कि नहीं आई है? और ये जो सड़कें बन रही हैं, ये जो गरीबों के घर बन रहे हैं, जो पाइप लाइन बिछ रही हैं, इनमें जो सामान लगता है, उससे सीमेंट, स्टील, और निर्माण से जुड़े दूसरे उद्योगों का, छोटे-मोटे दुकानदारों का उनका भी बिजनेस बढ़ रहा है। यानी ये वाराणसी और इस पूरे क्षेत्र में रोजगार का भी एक बहुत बड़ा माध्यम बन रहा है।
बनारस के लोग जिस दूरगामी सोच पर चले, आज उसका लाभ पूरे क्षेत्र को हो रहा है। आज काशी के चारों तरफ देखें तो रिंग रोड, चौड़े नेशनल हाईवे हों, बाबतपुर सिटी लिंक रोड हो, आशापुर ROB, चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर, महमूरगंज-मंडवाडी फ्लाईओवर, ये सब बनारस के लोगों का जीवन कितना आसान बना रहे हैं। रेल ओवर ब्रिज, वरुणा पर ब्रिज, जब बन जाएंगे, इनके बनने से ये सुविधा और बढ़ने वाली है।
आज काशी की 3 और सड़कों के चौड़ीकरण का काम शुरु हुआ है। इससे मऊ, आज़मगढ़, गाज़ीपुर, बलिया, भदोही, मिर्जापुर जैसे अनेक जनपदों से आना- जाना आसान होगा और काशी में जाम की परेशानी भी कम होगी।
भाइयों और बहनों,
शहरों की इन चौड़ी सड़कों को आसपास के गांवों से जोड़ने के लिए आज जनपद की 9 सड़कों का शिलान्यास भी हुआ है। इन सड़कों से बारिश के मौसम में जो मुश्किलें आस-पास के गांवों के किसानों, नौजवानों को शहर आने में होती हैं, वो दूर होंगी।
योगी जी की सरकार तहसील और ब्लॉक मुख्यालयों को जिला मुख्यालय से जोड़ने के लिए चौड़ी सड़कों पर जो काम कर रही है वो काम भी बहुत सराहनीय है। आज सेवापुरी को बनारस से जोड़ने वाली सड़क के चौड़ीकरण पर भी काम शुरू हुआ है। ये जब पूरा हो जाएगा तो वाराणसी जनपद की सभी तहसील और ब्लॉक मुख्यालय 7 मीटर चौड़ी सड़कों से जुड़ जाएंगे।
भाइयों और बहनों,
अब सावन दरवाजे दिखा रहा है, पास आ गया है। दरवाजे खटखटाने लगा है सावन, सावन अब बहुत दूर नहीं है। देश और दुनिया से बाबा के भक्त भारी संख्या में काशी आने वाले हैं। विश्वनाथ धाम परियोजना पूरी होने के बाद ये पहला सावन उत्सव होगा। विश्वनाथ धाम को लेकर पूरी दुनिया में कितना उत्साह है ये आपने बीते महीनों में खुद अनुभव किया है।
मुझे बताया गया है कि गर्मी के मौसम के बावजूद भी इस बार रोजाना…और अभी योगीजी भी बता रहे थे, रोजाना लाखों श्रद्धालुओं ने काशी विश्वनाथ धाम के दर्शन किए हैं। सावन के दौरान भी यहां बाबा के भक्तों को दिव्य और भव्य और नव्य काशी का भी अनुभव मिलेगा।
भाइयों और बहनों,
दुनियाभर के श्रद्धालुओं को, पर्यटकों को काशी में आस्था और आध्यात्म का निर्बाध अनुभव मिले, ये हम सभी का कमिटमेंट है। हमारे यहां पहले जब कोई तीर्थ यात्री आता था तो गांव में उसे लोग अपने घर बुलाकर खाना खिलाते थे, हर प्रकार से सेवा करते थे। हमारी काशी में भी पहले यही परम्परा थी, जो बाहर से लोग आते थे उनके यहां यजमान होते थे, उनको वो अपने घर में ही रख लेते थे, व्यवस्था करते थे। भावना ये थी कि श्रद्धालु को किसी तरह की असुविधा ना हो।
इसी भावना पर हमारी सरकार भी चल रही है। काशी भैरव यात्रा, नव-गौरी यात्रा, नवदुर्गा यात्रा, अष्टविनायक यात्रा, आस्था की ऐसी हर यात्रा सुगम हो, इसके लिए सरकार सुविधाओं का निर्माण कर रही है। पंचकोसी परिक्रमा के रास्ते में अनेक जगह विश्राम के लिए, पूजा-पाठ में सुगमता के लिए व्यवस्थाएं तैयार की जा रही हैं। काशी की पहचान, यहां की गलियों और घाटों को साफ-सुथरा और सुव्यवस्थित बनाना हो, या फिर गंगा जी को निर्मल बनाने का संकल्प हो, इस पर भी तेज गति से काम चल रहा है।
भाइयों और बहनों,
हमारे लिए विकास का अर्थ सिर्फ चमक-दमक नहीं है। हमारे लिए विकास का अर्थ है गरीब, दलित, वंचित, पिछड़े, आदिवासी, माताएं-बहनें, इन सबका सशक्तिकरण। आज पीएम आवास योजना के तहत वाराणसी के 600 से अधिक गरीब परिवारों को अपना पक्का घर मिला है। यानी 600 नए लखपति बन गए। जिन साथियों के घर का सपना आज पूरा हुआ है, उनको बहुत-बहुत बधाई। और उन परिवार की माताओं-बहनों को विशेष बधाई। क्योंकि हमारी कोशिश रहती है कि घर बने तो मां-बहनों के नाम पर होना चाहिए और इसलिए उनको विशेष बधाई।
हर गरीब परिवार को पक्का घर देना और हर ग्रामीण परिवार को पाइप के पानी से जोड़ना, इन संकल्पों पर हम तेजी से काम कर रहे हैं। जल जीवन मिशन के तहत दर्जनों पानी की परियोजनाओं पर काम शुरू हो चुका है। इनसे हज़ारों परिवारों को, विशेष रूप से बहनों को इससे बहुत सुविधा होगी। निराश्रित माताओं, बहनों, बेटियों के लिए बने आश्रय गृह से भी सबका विकास की भावना सशक्त होगी।
भाइयों और बहनों,
ऐसा सर्वस्पर्शी, सर्वहितकारी विकास, और यही तो सुशासन है। आप देखिए, रेहड़ी-ठेले-पटरी पर छोटा-छोटा कारोबार करने वाले साथियों को कितनी मुश्किलें आती थीं। अब गोदौलिया से दशाश्वमेध के बीच गौरव पथ भी बना है, तो वहां अब दशाश्वमेध संकुल भी बनने जा रहा है। ये संकुल रेहड़ी-पटरी वालों को सुविधाओं के साथ अपनी दुकानदारी करने का अवसर देगा। चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर, इसके नीचे लगभग 2 किलोमीटर लंबा एक विशेष वेंडिंग-ज़ोन डेवलप किया जा रहा है। सारनाथ में भी बुद्धिस्ट-सर्किट के निर्माण का जो काम आज से शुरू हुआ है, वहां भी रेहड़ी-पटरी वाले साथियों के लिए विशेष सुविधाओं का निर्माण होगा।
साथियों,
आपने SEZ, economic corridor, जैसी व्यवस्थाओं के बारे में बहुत सुना होगा लेकिन रेहड़ी-पटरी वालों के लिए स्पेशल ज़ोन्स भी आप काशी में बनते देख रहे हैं। सुविधा ही नहीं, पीएम स्वनिधि योजना के तहत पहली बार स्ट्रीट-वेंडर्स को बैंक लोन मिलना शुरू हुआ है। अभी तक देशभर में लगभग 33 लाख साथियों को इसके तहत आसान ऋण मिल चुका है, जिसमें से हज़ारों साथी मेरी काशी के भी हैं।
साथियों,
हमारी सरकार ने हमेशा गरीब की समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया है, उसके सुख-दुख में साथ देने का प्रयास किया है। कोरोना की मुफ्त वैक्सीन से लेकर गरीबों को मुफ्त राशन की व्यवस्था तक, सरकार ने आपकी सेवा का कोई अवसर छोड़ा नहीं है। बीते वर्षों में जिस प्रकार डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारा गया है, उससे भी बड़ा लाभ गरीब और मध्यम वर्ग को हुआ है।
आज बनारस के आप लोग साक्षी हैं कि किस तरह मोबाइल फोन सस्ते हुए, कॉल करना तो करीब-करीब फ्री हो गया है। अब इंटरनेट बहुत सस्ता हो गया है, जीवन आसान हो रहा है, कमाई के नए साधन खुल गए हैं। देश में फोन और इंटरनेट यूजर दिनों दिन बढ़ रहे हैं, तो इससे जुड़े बिजनेस का भी विस्तार हो रहा है।
कम निवेश में युवाओं को इससे जुड़ी सर्विस में रोज़गार के अवसर बने हैं। इसी प्रकार जो 5 लाख रुपए तक का इलाज हमने मुफ्त किया है, उससे गरीबों की बहुत बड़ी चिंता दूर हुई है। इससे वो गरीब भी अस्पताल जाने की हिम्मत जुटा पा रहे हैं, जो कभी पैसे के अभाव में इलाज से बचते थे। यानी अस्पतालों की डिमांड बढ़ रही है, मेडिकल कॉलेजों की डिमांड बढ़ रही है। बीते कुछ वर्षों में हमने यूपी में ही दर्जनों नए मेडिकल कॉलेज बनाए हैं। यहां काशी में ही कैंसर के इलाज से लेकर तमाम बीमारियों के आधुनिक इलाज का कितना बड़ा नेटवर्क तैयार किया गया है।
साथियों,
एक तरफ हम देश के शहरों को धुआं मुक्त करने के लिए CNG से चलने वाली गाड़ियों के लिए सुविधाओं का विस्तार कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ हम गंगाजी का ध्यान रखने वाले हमारे नाविकों की डीजल और पेट्रोल से चलने वाली नावों को CNG से जोड़ने का भी विकल्प दे रहे हैं। घाट पर स्थित देश का पहला CNG स्टेशन काशी में है और इस बात का काशी गर्व कर सकती है। डीजल-पेट्रोल से चलने वाली 650 नावों में से 500 को CNG की सुविधा से जोड़ा जा चुका है।
इस सुविधा से पर्यटकों को शांति से गंगा जी के दर्शन करने का सुख मिलेगा, पर्यावरण को लाभ होगा। वहीं नाविकों के ईंधन पर होने वाले खर्च में भी बहुत कमी आएगी। यानी कम खर्च में अधिक कमाई के रास्ते खुलेंगे।
भाइयों और बहनों,
काशी ज्ञान, आस्था, आध्यात्म की नगरी तो रही ही है, यहां खेलकूद की भी एक समृद्ध परंपरा है। और आज एयरपोर्ट से यहां तक सब खिलाड़ियों से मेरा मिलना हो रहा है। सारे मेरे खिलाड़ी साथी वहां मेरे सामने बैठे हैं। इस तरफ भी खिलाड़ियों का पूरा जमघट है। आज मैं उनका उत्साह-उमंग देख रहा हूं, मुझे लगता है कि ये काशी में जो स्टेडियम बन रहा है वो अब काशी को नई ऊंचाई पर ले जाने वाला है। यहां के अखाड़े कसरत और कुश्ती से फिटनेस के लिए प्रोत्साहन दे रहे हैं। आज भी नाग पंचमी के दिन हम इन अखाड़ों में पुराने समय की झलक देख सकते हैं।
लेकिन खेलकूद सिर्फ फिटनेस और मनोरंजन का ही नहीं, बल्कि राष्ट्र के गौरव को बढ़ाने और बेहतर करियर का भी बेहतरीन माध्यम है। बीते वर्षों में वाराणसी सहित, पूर्वांचल के अनेक खिलाड़ियों ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया है। सरकार का ये निरंतर प्रयास है कि ओलंपिक्स स्पोर्ट्स से जुड़े हर खेल की आधुनिक सुविधाएं हमारी काशी में तैयार हों।
आज जिस स्टेडियम पर हम ये जनसभा कर रहे हैं, वो बहुत ही जल्द विश्व स्तरीय सुविधाओं से लैस होने वाला है। 6 दशक पहले बने इस स्टेडियम में 21वीं सदी की सुविधाएं तैयार की जाएंगी। यहां 20 से अधिक गेम्स के लिए अल्ट्रा मॉडर्न इनडोर सुविधाएं होंगी। बेहतरीन ट्रेनिंग सेटअप, फिटनेस सेंटर, हॉस्टल जैसी व्यवस्थाएं यहां मिलेंगी।
बच्चों के लिए kids zone भी होगा, ताकि उनमें sports को लेकर, फिटनेस को लेकर उत्साह बने, कम उम्र में ही उनका प्रोफेशनल खेलों की तरफ रुझान बढ़े। ये पूरा कॉम्प्लेक्स आधुनिक सुविधाओं के साथ-साथ पैरा गेम्स के भी अनुकूल होगा। डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में एथलेटिक्स और बास्केटबॉल की आधुनिक सुविधाओं से भी युवा खिलाड़ियों को बहुत मदद मिलेगी।
भाइयों और बहनों,
काशी के अनवरत विकास की ये धारा गंगाजी की तरह ऐसे ही अविरल बहती रहे, इसके लिए हम सभी को प्रयास करना है। हां, काशी की, गंगा जी की स्वच्छता का जो संकल्प हमने लिया है, उसे कभी भी भूलना नहीं है। याद रखोगे ना? याद रखोगे ना? जरा दोनों हाथ ऊपर करके बोलिए- याद रखोगे ना? हमारी काशी साफ रहेगी ना? हमारी काशी स्वच्छ रहेगी ना? हमारी मां गंगा स्वच्छ रहेगी ना? यहां कोई गंदगी नहीं करेंगे ना? यहां कोई गंदगी होने नहीं देंगे ना? ये हमारी काशी है, इस काशी को हमें ही बचाना है, इस काशी को हमें ही बनाना है, और हम सब मिल करके बनाएंगे।
सड़कों को, घाटों को, बाज़ारों को साफ रखना ये हम सभी का, काशीवासियों का दायित्व है। काशीवासियों के विश्वास, बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद से हमारे हर संकल्प सिद्ध होने ही वाले हैं। एक बार फिर आप सबको को बहुत-बहुत बधाई।
हर-हर महादेव ! धन्यवाद !