स्टार्टअप कारोबारियों ने पीएम के सामने छह विषयों पर प्रेजेंटेशन दिया
"स्टार्ट-अप्स का ये कल्चर देश के दूर-दराज तक पहुंचे, इसके लिए 16 जनवरी को अब नेशनल स्टार्ट अप डे के रूप में मनाने का फैसला किया गया है"
"सरकार के प्रयासों के तीन अहम पहलू हैं: पहला, एंटरप्रेन्योरशिप को, इनोवेशन को सरकारी प्रक्रियाओं के जाल से, ब्यूरोक्रेटिक सिलोस से मुक्त कराना। दूसरा, इनोवेशन को प्रमोट करने के लिए इंस्टीट्यूशनल मेकैनिज्म का निर्माण करना और तीसरा, युवा इन्नोवेटर्स, युवा उद्यम की हैंडहोल्डिंग करना"
“हमारे स्टार्ट-अप लीक से हटकर व्यापक बदलाव ला रहे हैं, इसलिए मेरा मानना है कि स्टार्ट-अप नए भारत की रीढ़ बनने जा रहे हैं।"
“बीते साल तो 42 यूनिकॉर्न देश में बने हैं। हजारों करोड़ रुपये की ये कंपनियां आत्मनिर्भर होते, आत्मविश्वासी भारत की पहचान हैं”
“आज भारत तेज़ी से यूनिकॉर्न की सेंचुरी लगाने की तरफ बढ़ रहा है और मैं मानता हूं, भारत के स्टार्ट-अप्स का स्वर्णिम काल तो अब शुरु हो रहा है"
“आप अपने सपनों को सिर्फ लोकल ना रखें ग्लोबल बनाएं। इस मंत्र को याद रखिए”

नमस्‍कार,

केंद्रीय मंत्रिमंडल में मेरे सहयोगी पीयूष गोयल जी, मनसुख मांडविया जी, अश्विनी वैष्णव जी, सर्बानंद सोनोवाल जी, पुरुषोत्तम रुपाला जी, जी किशन रेड्डी जी, पशुपति कुमार पारस जी, जीतेंद्र सिंह जी, सोम प्रकाश जी, देश भर से जुड़े स्टार्ट अप की दुनिया के सारे दिग्गज, हमारे युवा साथी, अन्य महानुभाव और भाइयों और बहनों,

हम सभी ने भारतीय स्टार्ट-अप्स की सफलता के दर्शन किए और कुछ स्टेकहोल्डर्स का प्रजेंटेशन भी देखा। आप सभी बहुत बेहतरीन काम कर रहे हैं। 2022 का ये वर्ष भारतीय स्टार्ट अप इकोसिस्टम के लिए और भी नई संभावनाएं लेकर आया है। आज़ादी के 75वें वर्ष में, Start-up India Innovation Week का ये आयोजन और भी महत्वपूर्ण है। जब भारत अपनी आजादी के 100 वर्ष पूरे करेगा, उस भव्य भारत के निर्माण में आपकी भूमिका बहुत बड़ी है।

देश के उन सभी स्टार्ट-अप्स को, सभी इनोवेटिव युवाओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, जो स्टार्ट-अप्स की दुनिया में भारत का झंडा बुलंद कर रहे हैं। स्टार्ट-अप्स का ये कल्चर देश के दूर-दराज तक पहुंचे, इसके लिए 16 जनवरी को अब नेशनल स्टार्ट अप डे के रूप में मनाने का फैसला भी किया गया है।

साथियों,

Start-up India Innovation Week, बीते साल की सफलताओं को celebrate करने का भी है और भविष्य की रणनीति पर चर्चा करने का भी है। इस दशक को भारत का Techade कहा जा रहा है। इस दशक में Innovation, entrepreneurship और start-up इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए सरकार जो बड़े पैमाने पर बदलाव कर रही है, उसके तीन अहम पहलू हैं-

पहला, Entrepreneurship को, इनोवेशन को सरकारी प्रक्रियाओं के जाल से, bureaucratic silos से मुक्त कराना। दूसरा, इनोवेशन को प्रमोट करने के लिए institutional mechanism का निर्माण करना। और तीसरा, युवा innovators, युवा उद्यम की handholding भी करना। स्टार्ट अप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया, जैसे प्रोग्राम ऐसे ही प्रयासों का हिस्सा हैं।

एंजल टैक्स की समस्याओं को खत्म करना और टैक्स फाइलिंग को सरल करना हो, Access to credit को आसान बनाना हो, हज़ारों करोड़ रुपए की सरकारी फंडिंग का प्रबंध हो, ये सुविधाएं हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। स्टार्ट-अप इंडिया के तहत स्टार्ट-अप्स को 9 लेबर और 3-environment laws से जुड़ी compliances को self-certify करने की सुविधा दी गई है।

Documents के self-attestation से सरकारी प्रक्रियाओं को सरल बनाने का जो सिलसिला शुरु हुआ था, वो आज 25 हज़ार से अधिक compliances को खत्म करने के पड़ाव तक पहुंच चुका है। स्टार्ट अप्स, सरकार को अपने प्रोडक्ट्स या सर्विस आसानी से दे पाएं, इसके लिए Government e-Marketplace (GeM) प्लेटफॉर्म पर Startup Runway भी बहुत काम आ रहा है।

साथियों,

अपने नौजवानों के सामर्थ्य पर भरोसा, उनकी क्रिएटिविटी पर भरोसा किसी भी देश की प्रगति का अहम आधार होता है। भारत आज अपने युवाओं के इस सामर्थ्य को पहचानते हुए नीतियां बना रहा है, निर्णय लागू कर रहा है। भारत में एक हजार से ज्यादा यूनिवर्सिटीज हैं, 11 हजार से ज्यादा stand-alone institutions हैं, 42 हजार से ज्यादा colleges हैं और लाखों की संख्या में स्कूल हैं। ये भारत की बहुत बड़ी ताकत है।

हमारा प्रयास, देश में बचपन से ही Students में innovation के प्रति आकर्षण पैदा करने, innovation को institutionalise करने का है। 9 हजार से ज्यादा अटल टिंकरिंग लैब्स, आज बच्चों को स्कूलों में innovate करने, नए Ideas पर काम करने का मौका दे रही हैं। अटल इनोवेशन मिशन से हमारे नौजवानों को अपने Innovative Ideas पर काम करने के नए-नए Platform मिल रहे हैं। इसके अलावा, देशभर के स्कूलों और कॉलेजों में हजारों labs का नेटवर्क, हर क्षेत्र में Innovation को बढ़ावा देता है। देश के सामने मौजूद चुनौतियों से निपटने के लिए हम innovation और technology आधारित solutions पर बल दे रहे हैं। हमने अनेकों hackathons का आयोजन करके, नौजवानों को अपने साथ जोड़ा है, उन्होंने रिकॉर्ड समय में बहुत सारे innovative solutions हमें दिए हैं।

ये आप भी अनुभव करते होंगे कि सरकार के अलग-अलग विभाग, अलग-अलग मंत्रालय, किस तरह नौजवानों और स्टार्ट-अप्स के साथ संपर्क में रहते हैं, उनके नए Ideas को प्रोत्साहित करते हैं। चाहे नए drone rules हों, या फिर नई space policy, सरकार की प्राथमिकता, ज्यादा से ज्यादा युवाओं को innovation का मौका देने की है।

हमारी सरकार ने IPR registration से जुड़े जो नियम होते थे, उन्हें भी काफी सरल कर दिया है। केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर आज देश में सैकड़ों incubators को सपोर्ट कर रही हैं। आज देश में iCREATE जैसे संस्‍थान innovation ecosystem को बढ़ाने में बहुत महत्‍वपूर्ण रोल प्‍ले कर रहे हैं। iCreate यानि- International Centre for Entrepreneurship and Technology. ये संस्थान, अनेकों स्टार्ट-अप्स को मजबूत शुरुआत दे रहा है, Innovations को प्रोत्साहित कर रहा है।

और साथियों,

सरकार के इन प्रयासों का हम असर भी देख रहे हैं। वर्ष 2013-14 में जहां 4 हजार patents को स्वीकृति मिली थी, वहीं पिछले वर्ष 28 हजार से ज्यादा patents, ग्रांट किए गए हैं। वर्ष 2013-14 में जहां करीब 70 हजार trademarks रजिस्टर हुए थे, वहीं 2021 में ढाई लाख से ज्यादा trademarks रजिस्टर किए गए हैं। वर्ष 2013-14 में जहां सिर्फ 4 हजार copyrights, ग्रांट किए गए थे, पिछले साल इनकी संख्या बढ़कर 16 हजार के भी पार हो गई है। Innovation को लेकर भारत में जो अभियान चल रहा है, उसी का प्रभाव है कि Global Innovation Index में भी भारत की रैंकिंग में बहुत सुधार आया है। वर्ष 2015 में इस रैंकिंग में भारत 81 नंबर पर रुका पड़ा था। अब इनोवेशन इंडेक्स में भारत 46 नंबर पर है, 50 से नीचे आया है।

साथियों,

भारत का स्टार्ट अप इकोसिस्टम, आज दुनिया में अपना परचम लहरा रहा है। ये भारत के स्टार्ट अप इकोसिस्टम की ताकत है कि वो passion से, sincerity से और integrity से भरा हुआ है। ये भारत के स्टार्ट-अप इकोसिस्टम की ताकत है कि वो लगातार खुद को discover कर रहा है, खुद को सुधार रहा है, अपनी ताकत बढ़ा रहा है। वो लगातार एक learning mode में है, changing मोड में है, नई-नई स्थितियों-परिस्थितियों के मुताबिक खुद को ढाल रहा है। आज किसे ये देखकर गौरव नहीं होगा कि भारत के स्टार्ट अप्स, 55 अलग-अलग इंडस्ट्रीज में काम कर रहे हैं, हर किसी को गर्व होगा। 5 साल पहले देश में जहां 500 startups भी नहीं थे, आज उनकी संख्या बढ़कर 60 हज़ार तक पहुंच चुकी हैं। आपके पास innovation की शक्ति है, आपके पास नए आइडियाज हैं, आप नौजवान ऊर्जा से भरे हुए और आप बिजनेस के तौर-तरीके बदल रहे हैं। Our Start-ups are changing the rules of the game. इसलिए मैं मानता हूं- Startups are going to be the backbone of new India.

साथियों,

Entrepreneurship से empowerment की ये स्पिरिट हमारे यहां development को लेकर regional और gender disparity की समस्या का भी समाधान कर रही है। पहले जहां बड़े शहरों, मेट्रो शहरों में ही बड़े बिजनेस फलते-फूलते थे, आज देश के हर राज्य में, सवा 6 सौ से अधिक जिलों में कम से कम एक स्टार्ट अप है। आज करीब आधे स्टार्टअप्स टीयर-2 और टीयर-3 सिटीज़ में हैं। ये सामान्य, गरीब परिवारों के युवाओं के आइडिया को बिजनेस में बदल रहे हैं। इन स्टार्टअप्स में आज लाखों युवाओं को रोज़गार मिल रहा है।

साथियों,

जिस स्पीड और जिस स्केल पर आज भारत का युवा स्टार्ट-अप बना रहा है, वो वैश्विक महामारी के इस दौर में भारतीयों की प्रबल इच्छाशक्ति और संकल्पशक्ति का प्रमाण है। पहले, बेहतरीन से बेहतरीन समय में भी इक्का-दुक्का कंपनियां ही बड़ी बन पाती थीं। लेकिन बीते साल तो 42 यूनिकॉर्न हमारे देश में बने हैं। हज़ारों करोड़ रुपए की ये कंपनियां आत्मनिर्भर होते, आत्मविश्वासी भारत की पहचान हैं। आज भारत तेज़ी से यूनिकॉर्न की सेंचुरी लगाने की तरफ बढ़ रहा है। और मैं मानता हूं, भारत के स्टार्ट-अप्स का स्वर्णिम काल तो अब शुरु हो रहा है। भारत की जो विविधता है, वो हमारी बहुत बड़ी ताकत है। हमारी diversity हमारी global identity है।

हमारे unicorns और start-ups इसी diversity के messengers हैं। सिंपल डिलिवरी सर्विस से लेकर पेमेंट सोल्यूशन्स और कैब सर्विस तक, आपका विस्तार बहुत बड़ा है। आपके पास भारत में ही diverse markets, diverse cultures और उसमें काम करने का इतना बड़ा अनुभव है। इसलिए, भारत के स्टार्ट-अप्स खुद को आसानी से दुनिया के दूसरे देशों तक पहुंचा सकते हैं। इसलिए आप अपने सपनों को सिर्फ local ना रखें global बनाएं। इस मंत्र को याद रखिए- let us Innovate for India, innovate from India!

साथियों,

आज़ादी के अमृतकाल में ये सबके लिए जुट जाने का समय है। ये सबका प्रयास से लक्ष्यों की तरफ बढ़ने का समय है। मुझे खुशी हुई जब एक ग्रुप ने पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान को लेकर अहम सुझाव दिया। गतिशक्ति प्रोजेक्ट्स में जो एक्स्ट्रा स्पेस है, उसका उपयोग EV charging infrastructure के निर्माण के लिए किया जा सकता है। इस मास्टरप्लान में आज ट्रांसपोर्ट, पावर, टेलिकॉम सहित पूरे इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रिड को सिंगल प्लेटफॉर्म पर लाया जा रहा है। Multimodal और multipurpose assets के निर्माण के इस अभियान में आपकी भागीदारी बहुत ज़रूरी है।

इससे हमारे मैन्युफेक्चरिंग सेक्टर में नए चैंपियन्स के निर्माण को भी बल मिलेगा। डिफेंस मैन्युफेक्चरिंग, चिप मैन्युफेक्चरिंग, क्लीन एनर्जी और ड्रोन टेक्नॉलॉजी से जुड़े अनेक सेक्टर्स में देश के ambitious plans आपके सामने हैं।

हाल में नई ड्रोन पॉलिसी लागू होने के बाद देश और दुनिया के अनेक investors drone start-ups में invest कर रहे हैं। आर्मी, नेवी और एयरफोर्स की तरफ से करीब 500 करोड़ रुपए के ऑर्डर ड्रोन कंपनियों को मिल चुके हैं। सरकार बड़े पैमाने पर गांव की प्रॉपर्टी की मैपिंग के लिए आज ड्रोन का उपयोग कर रही है, स्‍वामित्‍व योजना के लिए। अब तो दवाओं की होम डिलिवरी और एग्रीकल्चर में ड्रोन के उपयोग का दायरा बढ़ रहा है। इसलिए इसमें बहुत संभावनाएं हैं।

साथियों,

तेज़ी से होता हमारा शहरीकरण भी एक बहुत बड़ा फोकस एरिया है। आज अपने मौजूदा शहरों को डेवलप करने और नए शहरों के निर्माण के लिए बहुत बड़े स्तर पर काम चल रहा है। Urban planning, हमें बहुत काम करना है इस क्षेत्र में। इसमें भी हमें ऐसे Walk to work concepts और integrated industrial estates का निर्माण करना है, जहां श्रमिकों के लिए, मज़दूरों के लिए बेहतर अरेंजमेंट्स हों। Urban planning में नई संभावनाएं आपका इंतज़ार कर रही हैं। जैसे यहां एक ग्रुप ने बड़े शहरों के लिए नेशनल साइकिलिंग प्लान और कार फ्री जोन्स की बात रखी। ये शहरों में Sustainable lifestyle को प्रमोट करने के लिए बहुत ज़रूरी है। आपको मालूम होगा मैं जब कोप-26 के समिट में गया था तब मैंने एक मिशन लाइफ की बात कही और ये लाइफ का मेरा जो कंसेप्‍ट है वो ये है कि lifestyle for environments (LIFE), और मैं मानता हूं कि हमने लोगों में उन चीजों को लाने के लिए टेक्‍नोलॉजी का कैसे उपयोग करें, जैसे पी-3 मूवमेंट आज अनिवार्य है। Pro-Planet-People, P-3 movement. हमें जब तक जनसामान्‍य को एनवायरमेंट के लिए जागरूक नहीं करेंगे, ग्‍लोबल वार्मिंग के खिलाफ की जो लड़ाई है, उसके सिपाही नहीं बनाएंगे, हम इस लड़ाई को जीत नहीं सकते हैं और इसलिए भारत मिशन लाइफ को ले करके अनेक विदेशों को अपने साथ जोड़ने के लिए काम कर रहा है।

 

साथियो,

स्मार्ट मोबिलिटी से शहरों का जीवन भी आसान होगा और carbon emission के हमारे targets को अचीव करने में भी मदद मिलेगी।

साथियों,

दुनिया के सबसे बड़े millennial market के रूप में अपनी पहचान को भारत लगातार सशक्त कर रहा है। Millennial आज अपने परिवारों की समृद्धि और राष्ट्र की आत्मनिर्भरता, दोनों के आधार हैं। Rural economy से लेकर Industry 4.0 तक हमारी ज़रूरतें और हमारा potential, दोनों असीमित हैं। Future technology से जुड़े रिसर्च और डेवलपमेंट पर इन्वेस्टमेंट आज सरकार की प्राथमिकता है। लेकिन बेहतर होगा कि इंडस्ट्री भी इसमें अपना योगदान, अपना दायरा बढ़ाए।

साथियों,

21वीं सदी के इस दशक में आपको एक बात और ध्यान रखनी है। देश में भी बहुत बड़ा मार्केट तो अब खुल रहा है, हमने digital lifestyle में अब जाकर कदम रखा है। अभी तो हमारी करीब आधी आबादी ही ऑनलाइन हुई है। जिस स्पीड से, जिस स्केल पर, जिस कीमत में आज गांव-गांव, गरीब से गरीब तक सरकार digital access देने के लिए काम कर रही है, उससे बहुत कम समय में भारत में करीब 100 करोड़ इंटरनेट यूज़र होने वाले हैं।

जैसे-जैसे दूर-सुदूर क्षेत्रों में लास्ट माइल डिलिवरी सशक्त हो रही है, वैसे-वैसे ग्रामीण मार्केट और ग्रामीण टैलेंट का बड़ा पूल भी बनता जा रहा है। इसलिए मेरा भारत के स्टार्ट अप्स से आग्रह है कि गांव की तरफ भी बढ़ें। ये अवसर भी है और चुनौती भी। मोबाइल इंटरनेट, ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी हो या फिर फिजिकल कनेक्टिविटी, गांव की आकांक्षाएं आज बुलंद हो रही हैं। Rural और semi-urban area, expansion की नई wave की राह देख रहे हैं।

Start-up culture ने आइडिया को जिस प्रकार democratize किया है, उसने महिलाओं और लोकल बिजनेस को empower किया है। आचार-पापड़ से लेकर handicraft तक अनेक लोकल प्रोडक्ट्स का दायरा आज व्यापक रूप से बढ़ा है। जागरूकता बढ़ने से लोकल के लिए लोग वोकल हो रहे हैं। और अभी जब हमारे जयपुर के साथी ने कार्तिक ने लोकल को ग्‍लोबल की बात कही और उन्‍होंने वर्चुअल टूरिज्‍म की बात कही। मैं आग्रह करूंगा आप जैसे साथियों को कि आजादी के 75 साल हो रहे हैं, क्‍या आप देश के स्‍कूल-कॉलेज के बच्‍चों का एक कम्‍पीटीशन करें और वे अपने जिले में, अपने शहर में आजादी से जुड़ी जो घटनाएं हैं, जो स्‍मारक हैं, इतिहास के जो पन्‍ने हैं, उसका वर्चुअलक्रिएटिव वर्क करें और आप जैसे स्‍टार्टअप उसको कम्‍पलाइल करें और आजादी के 75 साल निमित वर्चुअल टूर के लिए देश को निमंत्रित किया जाए। आजादी के अमृत महोत्‍सव में स्‍टार्टअप दुनिया का एक बहुत बड़ा कंट्रीब्‍यूशन होगा। तो आपका विचार अच्‍छा है, उस विचार को किस रूप में लाया जाये, उसकी अगर आप शुरूआत करेंगे, मैं पक्‍का मानता हूं इसको हम आगे बढ़ा सकते हैं।

साथियो,

कोविड लॉकडाउन के दौरान हमने देखा है कि लोकल स्तर पर कैसे छोटे-छोटे इनोवेटिव मॉडल्स ने लोगों का जीवन आसान किया है। छोटे लोकल बिजनेस से साथ collaboration का एक बहुत बड़ा अवसर स्टार्ट-अप्स के पास है। स्टार्ट-अप्स इन लोकल बिजनेस को empower कर सकते हैं, efficient बना सकते हैं। छोटे बिजनेस देश के विकास की रीढ़ हैं और Start-ups, नए game changer हैं। ये साझेदारी हमारे समाज और इकॉनॉमी, दोनों को ट्रांसफॉर्म कर सकती है। विशेष रूप से women employment को इससे बहुत बल मिल सकता है।

साथियों,

यहां एग्रीकल्चर से लेकर हेल्थ, एजुकेशन, टूरिज्म सहित हर सेक्टर में सरकार और स्टार्ट अप्स की साझेदारी को लेकर अनेक सुझाव आए हैं। जैसे एक सुझाव आया था कि हमारे यहां जो दुकानदार हैं वो उसकी जो capability है उसका मुश्किल से 50-60 पर्सेंट उपयोग कर पा रहा है और उन्‍होंने एक डिजिटल सॉल्‍यूशन दिया था कि उसको पता रहे कि कौन सा सामान खाली हो गया है, कौन सा लाना है, वगैरह। मैं आपको एक सुझाव दूंगा, आप उस दुकानदार को उसके जो ग्राहक हैं उनके साथ भी जोड़ सकते हैं। तो दुकानदार ग्राहक को सूचना कर सकता है कि आपकी ये तीन चीजें तीन दिन के बाद खाली हो जाने वाली हैं, आपके घर में ये सात चीजें पांच दिन के बाद खाली हो जाने वाली हैं। उसको मैसेज जाएगा, तो घरवाले जो हैं उनको भी डिब्‍बे नहीं खंगालने पड़ेंगे किचन में कि सामान है कि नहीं है, फलाना है कि नहीं, ढिकना है कि नहीं है। ये आपका दुकानदार ही उसको मैसेजिंग कर सकता है। और आप इसको बहुत बड़े प्‍लेटफॉर्म के रूप में भी कनवर्ट कर सकते हैं। सिर्फ दुकान के विजन से नहीं, परिवार की रिक्‍वायरमेंटर के लिए भी उनको दिमाग खपाना नहीं पड़ेगा, आपका मैसेज ही चला जाएगा कि आप हल्‍दी एक महीने के लिए ले गए थे, तीन दिन के बाद खत्‍म होने वाली है। तो एक बहुत बड़ा आप एग्रीकेटर बन सकते हैं, आप एक बहुत बड़ा ब्रिज बन सकते हैं।

साथियो,

मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि युवाओं के हर सुझाव, हर आइडिया, हर इनोवेशन को सरकार का पूरा सपोर्ट मिलेगा। देश को आज़ादी के 100वें वर्ष की तरफ ले जाने वाले ये 25 साल बहुत महत्‍वपूर्ण हैं दोस्‍तों और आपके लिए सर्वाधिक महत्‍वपूर्ण हैं। ये innovation यानि ideas, industry and investment का नया दौर है। आपका श्रम भारत के लिए है। आपका उद्यम भारत के लिए है। आपकी wealth creation भारत के लिए है, Job Creation भारत के लिए है।

मैं आपके साथ मिल करके कंधे से कंधा मिला करके, आप नौजवानों की ऊर्जा को देश की ऊर्जा में परिवर्तित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हूं। आपके सुझाव, आपके आइडियाज, क्‍योंकि अब एक नई जेनरेशन है जो नए तरीके से सोचती है। जो व्‍यवस्‍थाओं को समझना, स्‍वीकारना बहुत आवश्‍यक हो गया है। और मुझे विश्‍वास है कि सात दिन के मंथन से जो चीजें निकली हैं, सरकार के सभी विभाग इसको बड़ी गंभीरता से लेते हुए सरकार में इसका कैसे उपयोग हो, सरकार कि नीतियों में कैसे इसका प्रभाव हो, सरकार की नीतियों के द्वारा समाज जीवन पर कैसे इसका प्रभाव पड़ता हो, इन सारे विषयों का लाभ होने वाला है। मैं इसलिए आप सबको इस कार्यक्रम में सहभागी होने के लिए आपका अमूल्‍य समय, क्‍योंकि आप आइडियाज की दुनिया के लोग हैं और इस लिए आपका समय आइडियाज में ही रहता है और वो आइडियाज आपने सबके बीच बांटें, वो भी एक बहुत बड़ा काम है।

मैं आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। मकर संक्रांति का पावन पर्व, अभी तो हवा में वो ही माहौल है। उस बीच कोरोना में आप अपना ध्‍यान रखिए।

बहुत-बहुत धन्यवाद !

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