Quote"आज साल के पहले महीने के पहले हफ्ते में ही, भारत 150 करोड़- 1.5 बिलियन वैक्सीन डोजेज़ का ऐतिहासिक मुकाम भी हासिल कर रहा है"
Quote"एक साल से भी कम समय में 150 करोड़ खुराक देना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि और देश की एक नई इच्छा शक्ति का प्रतीक है"
Quote"आयुष्मान भारत योजना सस्ती और समावेशी स्वास्थ्य सेवा के मामले में एक वैश्विक बेंचमार्क बन रही है"
Quote"पीएम-जन आरोग्य योजना के अंतर्गत, देश भर के अस्पतालों में 2 करोड़ 60 लाख से अधिक रोगियों को नि:शुल्क इलाज मिला है"

नमस्कार, पश्चिम बंगाल की आदरणीय मुख्यमंत्री सुश्रीममता जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल में मेरे सहयोगी मनसुख मांडविया जी, सुभाष सरकार जी, शांतनु ठाकुर जी, जॉन बरला जी, नीतीश प्रमाणिक जी, नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी जी, CNCI कोलकाता की गवर्निंग बॉडी के सदस्यगण, हेल्थ सेक्टर से जुड़े सभी कर्मठ साथी, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों!

देश के हर नागरिक तक उत्तम स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के राष्ट्रीय संकल्पों को मजबूत करते हुए आज हमने एक और कदम बढ़ाया है। चितरंजन नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट का ये दूसरा कैंपस, पश्चिम बंगाल के अनेकों नागरिकों के लिए बड़ी सुविधा लेकर आया है। इससे विशेष रूप से उन गरीब, उन मध्यम वर्ग परिवारों को बहुत राहत मिलेगी, जिनका कोई अपना कैंसर से मुकाबला कर रहा है। कैंसर से जुड़े इलाज, इससे जुड़ी सर्जरी और थैरेपी अब कोलकाता के इस आधुनिक अस्पताल की वजह से भी और सुलभ हो जाएगी।

साथियों,

आज ही देश ने एक और महत्वपूर्ण पड़ाव को पार किया है। साल की शुरुआत देश ने 15 से 18 साल की उम्र के बच्चों के लिए वैक्सीनेशन से की थी। वहीं आज साल के पहले महीने के पहले हफ्ते में, भारत 150 करोड़- 1.5 बिलियन वैक्सीन डोजेज़ का ऐतिहासिक मुकाम भी हासिल कर रहा है। 150 करोड़ वैक्सीन डोज़, वो भी एक साल से कम समय में! ये आंकड़ों के हिसाब से बहुत बड़ी संख्या है, दुनिया के ज़्यादातर बड़े बड़े देशों के लिए भी ये किसी आश्चर्य से कम नहीं है, लेकिन भारत के लिए ये- 130 करोड़ देशवासियों के सामर्थ्य का प्रतीक है। भारत के लिए ये एक नई इच्छाशक्ति का प्रतीक है जो असंभव को संभव करने के लिए कुछ भी कर गुजरने का हौसला रखती है। भारत के लिए ये प्रतीक है आत्मविश्वास का, ये प्रतीक है आत्मनिर्भरता का, ये प्रतीक है आत्मगौरव का! मैं आज इस अवसर पर सभी देशवासियों को बधाई देता हूं।

साथियों,

कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हमारा ये वैक्सीनेशन प्रोग्राम उतना ही महत्वपूर्ण है जितना खतरनाक ये भेष बदलने वाला कोरोना वायरस है। आज एक बार फिर दुनिया कोरोना के नए omicron वैरियंट का सामना कर रही है। हमारे देश में भी इस नए वैरियंट के कारण केसेस तेजी से बढ़ रहे हैं। इसलिए, 150 करोड़ वैक्सीन डोज का ये सुरक्षाकवच हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। आज भारत की वयस्क जनसंख्या में से 90 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की एक डोज लग चुकी है। सिर्फ 5 दिन के भीतर ही डेढ़ करोड़ से ज्यादा बच्चों को भी वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है। ये उपलब्धि पूरे देश की है, हर सरकार की है। मैं विशेष रूप से इस उपलब्धि के लिए देश के वैज्ञानिकों का, वैक्सीन मैन्यूफैक्चरर्स का, हमारे हेल्थ सेक्टर से जुड़े साथियों का बहुत – बहुत धन्यवाद करता हूं। सबके प्रयासों से ही देश ने उस संकल्प को शिखर तक पहुंचाया है, जिसकी शुरुआत हमने शून्य से की थी।

साथियों,

100 साल की सबसे बड़ी महामारी से मुकाबले में सबका प्रयास की ये भावना ही देश को मजबूती दे रही है। कोविड से लड़ने के लिए बेसिक और क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण से लेकर, दुनिया के सबसे बड़े सबसे तेज़, मुफ्त टीकाकरण अभियान तक, ये ताकत आज हर तरफ दिख रही है। इतनी भौगोलिक, आर्थिक और सामाजिक विविधताओं वाले हमारे देश में, टेस्टिंग से लेकर टीकाकरण का इतना बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर जिस तेज़ी के साथ हमने विकसित किया है, वो पूरी दुनिया के लिए एक उदाहरण बन रहा है।

साथियों,

अंधेरा जितना घना होता है, प्रकाश का महत्व उतना ही ज्यादा होता है। चुनौतियाँ जितनी बड़ी होती हैं, हौसला उतना ही महत्वपूर्ण हो जाता है। और लड़ाई जितनी कठिन हो, अस्त्र-शस्त्र उतने ही जरूरी हो जाते हैं। सरकार द्वारा अब तक पश्चिम बंगाल को भी कोरोना वैक्सीन की करीब-करीब 11 करोड़ डोज मुफ्त मुहैया कराई जा चुकी है। बंगाल को डेढ़ हजार से अधिक वेंटिलेटर, 9 हजार से ज्यादा नए ऑक्सीजन सिलेंडर भी दिए गए हैं। 49 PSA नए ऑक्सीजन प्लांट्स ने भी काम करना शुरू कर दिया है। ये कोरोना से मुकाबले में पश्चिम बंगाल के लोगों की मदद करेंगे।

साथियों,

चितरंजन नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के कैंपस में लगी देशबंधु चितरंजन दास जी और महर्षि सुश्रुत की प्रतिमाएं तो हम सभी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा हैं। देशबंधु जी कहते थे- मैं इस देश में बार-बार जन्म लेना चाहता हूं ताकि मैं इस देश के लिए जी सकूं, इसके लिए काम कर सकूं।

महर्षि सुश्रुत, स्वास्थ्य के क्षेत्र में पुरातन भारतीय ज्ञान के प्रतिबिंब हैं। ऐसी ही प्रेरणाओं से बीते वर्षों में देशवासियों के स्वास्थ्य से जुड़े संपूर्ण समाधानों के लिए हॉलिस्टिक तरीके से काम हुआ है। सबका प्रयास की भावना से आज देश के हेल्थ इंफ्रा को, हेल्थ प्लानिंग को, इंटीग्रेट करने का, राष्ट्रीय संकल्पों से जोड़ने का काम तेजी हो रहा है। हम हेल्थ सेक्टर में आज जो चुनौतियां हैं, उनसे निपटने के साथ-साथ भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए भी निरंतर काम में जुटे हैं। वो वजहें जो बीमारियों का कारण बनती हैं, उन्हें दूर करने का प्रयास हो रहा है। बीमार होने की स्थिति में इलाज सस्ता और सुलभ हो, इस पर हमारी सरकार का ध्यान है। और उसके साथ ही, डॉक्टर और मेडिकल इंफ्रा की कैपेसिटी का विस्तार करके, स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाया जा रहा है।

साथियों,

इसलिए अपने हेल्थ सेक्टर को ट्रांसफॉर्म करने के लिए देश आज Preventive Health, Affordable Healthcare, Supply Side intervention, और Mission Mode अभियानों को गति दे रहा है। Preventive Health Care को योग, आयुर्वेद, फिट इंडिया मूवमेंट, यूनिवर्सल इम्युनाइजेशन जैसे माध्यमों से प्रोत्साहित किया जा रहा है। स्वच्छ भारत मिशन और हर घर जल जैसी राष्ट्रीय योजनाओं से गांव और गरीब परिवारों को अनेक बीमारियों से बचाने में मदद मिल रही है। आर्सेनिक और दूसरे कारणों से जो पानी प्रदूषित होता है देश के अनेक राज्यों में कैंसर का भी एक बड़ा कारण है। हर घर जल अभियान से, इसके द्वारा इस समस्या के समाधान में बहुत मदद मिल रही है।

साथियों,

लंबे समय तक हमारे यहां गरीब और निम्न मध्यम वर्ग, स्वास्थ्य सुविधाओं से इसलिए वंचित रहे क्योंकि या तो इलाज सुलभ ही नहीं था, या बहुत महंगा था। गरीब अगर गंभीर बीमारी से ग्रसित होता था, तो उसके पास दो ही विकल्प थे। या तो वो कर्ज ले, अपना घर या जमीन बेचे

या फिर इलाज का विचार ही टाल दे। कैंसर की बीमारी तो ऐसी है जिसका नाम सुनते ही गरीब और मध्यम वर्ग हिम्मत हारने लगता है। गरीब को इसी कुचक्र, इसी चिंता से बाहर निकालने के लिए देश सस्ते और सुलभ इलाज के लिए निरंतर कदम उठा रहा है। बीते सालों में कैंसर के इलाज के लिए ज़रूरी दवाओं की कीमत में काफी कमी की गई है। अभी मनसुख भाई इसका विस्तार से बता भी रहे थे। पश्चिम बंगाल सहित पूरे देश में जो 8 हजार से ज्यादा जनऔषधि केंद्र स्थापित किए गए हैं, उनमें बहुत सस्ते दाम पर दवाइयां और सर्जिकल सामान दिए जा रहे हैं। इन स्टोर्स पर कैंसर की भी 50 से अधिक दवाइयां, बहुत कम कीमत पर उपलब्ध हैं। कैंसर की सस्ती दवाओं को उपलब्ध कराने के लिए विशेष अमृत स्टोर भी देशभर में चल रहे हैं। सरकार का यही सेवा भाव, यही संवेदनशीलता, गरीबों को सस्ता इलाज सुनिश्चित कराने में मदद कर रहा है। सरकार ने 500 से ज्यादा दवाइयों की जो कीमत नियंत्रित की है, वो भी मरीजों के

हर साल 3000 करोड़ रुपए से भी ज्यादा रकम बचा रही है। नागरिकों के पैसे बच रहे हैं। Coronary Stents की कीमत को फिक्स किए जाने की वजह से भी हार्ट के मरीजों के हर साल 4500 करोड़ रुपए से ज्यादा बच रहे हैं। सरकार ने Knee Implants की कीमत कम करने का जो निर्णय किया, उसका विशेष लाभ हमारे Senior Citizens को, हमारे बुजुर्ग माताओं- बहनों को, पुरुषों को उसका लाभ हुआ है। इस वजह से बुजुर्ग मरीजों से 1500 करोड़ रुपए हर वर्ष बच रहे हैं। सरकार जो प्रधानमंत्री नेशनल डायलिसिस प्रोग्राम चला रही है, उसकी मदद से 12 लाख गरीब मरीजों को मुफ्त डायलिसिस की सुविधा मिली है। इससे भी उनके 520 करोड़ रुपए से भी ज्यादा रकम उनकी बचत हुई है।

साथियों,

आयुष्मान भारत योजना आज affordable और inclusive healthcare के मामले में एक ग्लोबल बेंचमार्क बन रही है। PM-JAY के तहत देशभर में 2 करोड़ 60 लाख से ज्यादा मरीज, अस्पतालों में अपना मुफ्त इलाज करा चुके हैं। अनुमान है कि अगर ये योजना नहीं होती तो इन्हीं मरीजों के अपने इलाज पर 50 से 60 हजार करोड़ रुपए खर्च करने पड़ते।

साथियों,

आयुष्मान भारत का लाभ 17 लाख से ज्यादा कैंसर के मरीजों को भी हुआ है। चाहे कीमोथैरेपी हो, रेडियोथैरेपी हो या फिर सर्जरी, इन मरीजों को अस्पताल में हर सुविधा मुफ्त मिली है। कल्पना कीजिए, सरकार के ये प्रयास नहीं होते तो कितने गरीबों का जीवन संकट में फंस जाता

या कितने परिवार कर्ज़ के कुचक्र में फंस जाते।

साथियों,

आयुष्मान भारत सिर्फ मुफ्त इलाज का माध्यम भर नहीं है, बल्कि early detection, early treatment इसमें भी बहुत कारगर सिद्ध हो रही है। ये कैंसर जैसी सभी गंभीर बीमारियों के लिए बहुत आवश्यक है। वरना हमारे यहां तो ज्यादातर मामलों में कैंसर का पता लास्ट स्टेज में ही चलता था, जब बीमारी लाइलाज हो जाती थी। इसी समस्या को दूर करने के लिए 30 वर्ष से अधिक आयु के साथियों में डाइबिटीज़, हाइपरटेंशन और कैंसर की स्क्रीनिंग पर बल दिया जा रहा है। आयुष्मान भारत योजना के तहत गांव-गांव में बन रहे हज़ारों हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर इसमें आज बहुत उपयोगी सिद्ध हो रहे हैं। बंगाल में भी ऐसे 5 हजार से ज्यादा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाए गए हैं। देशभर में लगभग 15 करोड़ लोगों को ओरल, ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर के लिए स्क्रीन किया जा चुका है। स्क्रीनिंग के बाद जिनमें लक्षण दिखते हैं, उनके इलाज के लिए गांव के स्तर पर ही हज़ारों स्वास्थ्य कर्मियों को विशेष रूप से ट्रेन भी किया गया है।

साथियों,

एक और बहुत बड़ी समस्या हमारे हेल्थ सेक्टर की रही है- डिमांड और सप्लाई में बहुत बड़ा गैप। डॉक्टर और दूसरे हेल्थ प्रोफेशनल्स हों या फिर हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर, डिमांड और सप्लाई के इस गैप को भरने के लिए भी देश में आज मिशन मोड पर काम हो रहा है। साल 2014 तक देश में अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट सीटों की संख्या 90 हज़ार के आसपास थी। पिछले 7 सालों में इनमें 60 हज़ार नई सीटें जोड़ी गई हैं। साल 2014 में हमारे यहां सिर्फ 6 एम्स होते थे। आज देश 22 एम्स के सशक्त नेटवर्क की तरफ बढ़ रहा है। भारत के हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज जरूर हो, इसके लिए काम किया जा रहा है। इन सभी संस्थानों में कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज की सुविधाएं जोड़ी जा रही हैं। देश में कैंसर केयर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए 19 स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट्स, और 20 टर्शरी केयर कैंसर सेंटर्स भी स्वीकृत किए गए हैं। 30 से अधिक संस्थानों पर तेज़ी से काम चल रहा है। पश्चिम बंगाल में भी कोलकाता, मुर्शीदाबाद और बर्धमान के मेडिकल कॉलेज में अब कैंसर के मरीजों का इलाज और आसानी से हो जाएगा। हमारे आरोग्य मंत्री मनसुख भाई ने इसका विस्तार से वर्णन भी किया है। इन सारे प्रयासों का एक बहुत बड़ा प्रभाव, हमारे देश में डॉक्टरों की उपलब्धता पर पड़ेगा। जितने डॉक्टर देश में पिछले 70 वर्षों में बने, उतने डॉक्टर देश में अब अगले 10 वर्षों में बनने जा रहे हैं।

साथियों,

पिछले वर्ष देश में जो दो बड़े राष्ट्रीय अभियान शुरु किए गए हैं, वो भी भारत के हेल्थ सेक्टर को आधुनिक स्वरूप देने में बहुत मदद करेंगे। आयुष्मान भारत - डिजिटल हेल्थ मिशन इलाज में देशवासियों की सहूलियत बढ़ाएगा। मेडिकल हिस्ट्री के डिजिटल रिकॉर्ड से इलाज आसान और प्रभावी हो जाएगा, छोटी-छोटी बीमारियों के लिए अस्पताल के चक्कर का झंझट कम होगा, और इलाज पर होने वाले अतिरिक्त खर्च से भी नागरिकों मुक्ति मिल पाएगी। इसी तरह आयुष्मान भारत - इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन से क्रिटिकल हेल्थकेयर से जुड़ा मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर, बड़े शहरों के साथ-साथ अब जिला और ब्लॉक स्तर पर भी सुलभ होगा। इस योजना के तहत पश्चिम बंगाल को भी पांच वर्ष में ढाई हज़ार करोड़ रुपए से अधिक की मदद मिलनी सुनिश्चित हुई है। इससे पूरे राज्य में सैकड़ों हेल्थ सब-सेंटर्स बनेंगे, लगभग 1 हज़ार शहरी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर ऑपरेशनल होंगे, दर्जनों डिस्ट्रिक्ट इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब्स बनेंगी, और जिला अस्पतालों में सैकड़ों क्रिटिकल केयर बेड्स की नई कैपेसिटी तैयार होगी। ऐसे प्रयासों से हम भविष्य में कोरोना जैसी महामारी से और बेहतर तरीके से निपट पाएंगे। भारत को स्वस्थ और समर्थ बनाने का ये अभियान ऐसे ही जारी रहेगा। मेरा सभी नागरिकों से फिर आग्रह है कि सतर्क रहें, सभी जरूरी सावधानियां बरतें। मैं फिर एक बार इस कार्यक्रम में उपस्थित हर किसी का हृदय से बहुत – बहुत धन्यवाद करता हूं। आप सबको अनेक – अनेक शुभकामनाएं देता हूं। बहुत – बहुत धन्यवाद ।

  • krishangopal sharma Bjp January 13, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷
  • krishangopal sharma Bjp January 13, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹
  • krishangopal sharma Bjp January 13, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷
  • MLA Devyani Pharande February 17, 2024

    नमो नमो नमो
  • Vaishali Tangsale February 16, 2024

    🙏🏻🙏🏻
  • Adv Jeetu Chand December 20, 2023

    जय हो
  • manmohan August 23, 2022

    very nice 👍🏻
  • Rajendra Thakor August 23, 2022

    namo
  • Rajendra Thakor August 23, 2022

    namo namo
  • G.shankar Srivastav June 19, 2022

    नमस्ते
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विश्व पर्यावरण दिवस पर पीएम 'एक पेड़ माँ के नाम' पहल के तहत विशेष वृक्षारोपण अभियान का नेतृत्व करेंगे
June 04, 2025
QuoteTree plantation by PM to be part of ‘Aravalli Green Wall project’ to reforest the 700-km Aravalli range
QuotePM to also flag off 200 Electric buses under Delhi Government's sustainable transport initiative

On the occasion of World Environment Day, Prime Minister Shri Narendra Modi will lead a special tree plantation initiative at Bhagwan Mahavir Vanasthali Park, New Delhi, on June 5, 2025, at 10:15 AM, reaffirming India’s commitment to environmental stewardship and green mobility.

Prime Minister will plant a Banyan sapling under the Ek Ped Maa Ke Naam initiative. This will be part of the ‘Aravalli Green Wall project’ which aims to reforest the 700-km Aravalli range.

The project is a major initiative to spread green cover in the 5 km buffer area around the Aravalli Hill Range in 29 districts of four states including Delhi, Rajasthan, Haryana, and Gujarat. It aims to boost biodiversity of the Aravallis through afforestation, reforestation and restoration of water bodies. It also aims to improve the soil fertility, water availability and climate resilience of the region. The project will also be of benefit to the local communities by providing them with employment and income generation opportunities.

Prime Minister will also flag off 200 Electric Buses under Delhi Government's sustainable transport initiative, promoting clean urban mobility and symbolizing the nation’s collective responsibility towards ecological balance.