प्रधानमंत्री ने बीना-पनकी मल्टीप्रोडक्ट पाइपलाइन परियोजना का भी उद्घाटन किया
“आज उत्तर प्रदेश में जो डबल इंजन की सरकार चल रही है, वो बीते कालखंड में समय का जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई में जुटी है; हम डबल स्पीड से काम कर रहे हैं"
“कानपुर मेट्रो का शिलान्यास हमारी सरकार ने किया, हमारी सरकार इसका लोकार्पण भी कर रही है; पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का शिलान्यास हमारी सरकार ने किया, हमारी ही सरकार ने इसका काम पूरा किया”
“आज यदि कानपुर मेट्रो को मिला दें, तो यूपी में मेट्रो की लंबाई अब 90 किलोमीटर से ज्यादा हो चुकी है; यह 2014 में 9 किमी और 2017 में सिर्फ 18 किमी थी”
“राज्यों के स्तर पर, समाज के स्तर पर असमानता को दूर करना जरूरी है; इसलिए हमारी सरकार सबका साथ-सबका विकास के मंत्र पर काम कर रही है”
“डबल इंजन की सरकार बड़े लक्ष्य तय करना और उन्हें पूरा करना जानती है” 

भारत माता की जय, भारत माता की जय उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल में मेरे सहयोगी हरदीप पुरी जी, यहां के उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्या जी, साध्वी निरंजन ज्योति जी, भानुप्रताप वर्मा जी, यूपी सरकार में मंत्री श्री सतीश महाना जी, नीलिमा कटियार जी, रणवेंद्र प्रताप जी, लखन सिंह जी, अजीत पाल जी, यहाँ उपस्थित सभी आदरणीय सांसदगण सभी आदरणीय विधायकगण, अन्य सभी जनप्रतिनिधि और मेरे प्यारे भाइयों और बहनों!  ऋषियों-मुनियों की तपोस्थली, स्वतंत्रता सेनानियों और क्रांतिवीरों की प्रेरणा स्थली, आज़ाद भारत के औद्योगिक सामर्थ्य को ऊर्जा देने वाले इस कानपुर को मेरा शत- शत नमन। ये कानपुर ही है जिसने पंडित दीनदयाल उपाध्याय, सुन्दर सिंह भंडारी जी और अटल बिहारी वाजपेयी जैसे विजनरी नेतृत्व को गढ़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। और आज सिर्फ कानपुर को ही खुशी है ऐसा नहीं है, वरुण देवता जी को भी इस खुशी में हिस्सा लेने का मन कर गया।

साथियों,

कानपुर के लोगों का जो मिजाज है, जो कानपुरिया अंदाज है, जो उनकी हाजिर जवाबी है, उसकी तुलना ही नहीं की जा सकती। ये ठग्गू के लड्डू के यहां क्या लिखा होता है ? हां ठग्गू के लड्डू के यहां क्या लिखा है। ऐसा कोई सगा नहीं... ऐसा कोई सगा नहीं... अब आज तक आप जो कहते हो वो कहते रहिए। लेकिन मैं तो यही कहूँगा, और जब मैं यह कहता हूँ तो मैं कहूँगा यह कानपुर ही है जहां ऐसा कोई नहीं जिसको दुलार न मिला हो। साथियों, जब संगठन के काम के लिए मेरा आपके बीच आना होता था तो खूब सुनता था - झाड़े रहो कलट्टर-गंज !!! झाड़े रहो कलट्टर-गंज। आजकल भी आप लोग बोलते हैं, कि नई पीढ़ी के लोग भूल गए।

साथियों,

आज मंगलवार है और पनकी वाले हनुमान जी के आशीर्वाद से, आज यूपी के विकास में एक और सुनहरा अध्याय जुड़ रहा है। आज कानपुर को मेट्रो कनेक्टिविटी मिली है। साथ ही बीना रिफाइनरी से भी कानपुर अब कनेक्ट हो गया है। इससे कानपुर के साथ-साथ यूपी के अनेको ज़िलों में पेट्रोलियम उत्पाद अब और आसानी से सुलभ होंगे। इन दोनों प्रोजेक्ट्स के लिए आप सभी को पूरे उत्तर प्रदेश को बहुत-बहुत बधाई ! आप सबके बीच आने से पहले IIT कानपुर में मेरा कार्यक्रम था। मैं पहली बार मेट्रो  का सफर करने पर कानपुर वासियों के मनोभाव, उनकी उमंग-उत्साह का साक्षी बनना चाहता था। इसलिए मैंने मेट्रो से सफर करना तय किया। ये मेरे लिए वाकई ये एक यादगार अनुभव रहा है।

साथियों,

यूपी में पहले जिन लोगों ने सरकार चलाई उन्होंने समय की अहमियत कभी नहीं समझी। 21वीं सदी के जिस कालखंड में यूपी को तेज गति से प्रगति करनी थी, उस अमूल्य समय को, उस अहम अवसर को पहले की सरकारों ने गंवा दिया। उनकी प्राथमिकताओं में यूपी का विकास नहीं था, उनकी प्रतिबद्धता यूपी के लोगों के लिए नहीं थी। आज उत्तर प्रदेश में जो डबल इंजन की सरकार चल रही है, वो बीते कालखंड में समय का जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई में भी जुटी है। हम डबल स्पीड से काम कर रहे हैं। आज देश का सबसे बड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा यूपी में बन रहा है। आज देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे यूपी में बन रहा है। आज देश का पहला रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम यूपी में बन रहा है। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का हब भी यूपी होने वाला है। जिस यूपी को कभी अवैध हथियारों वाली गैंग के लिए बदनाम किया गया था, वहीं देश की सुरक्षा के लिए डिफेंस कॉरिडोर बना रहा है। साथियों इसलिए यूपी के लोग कह रहे हैं कि - फर्क साफ है ! ये फर्क सिर्फ योजनाओं-परियोजनाओं का ही नहीं है, बल्कि काम करने के तरीके का भी है। डबल इंजन की सरकार, जिस काम को शुरू करती है, उसे पूरा करने के लिए भी हम दिन रात एक कर देते हैं। कानपुर मेट्रो के निर्माण का यह काम हमारी सरकार में शुरू हुआ और हमारी ही सरकार इसका लोकार्पण भी कर रही है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का शिलान्यास हमारी सरकार ने किया, हमारी ही सरकार ने इसका काम पूरा किया। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का शिलान्यास हमारी सरकार ने किया और इसे पूरा करके जनता को समर्पित करने का काम भी हमने ही किया। मैं आपको ऐसी अनेकों परियोजनाएं गिना सकता हूं। यानि पूरब हो या पश्चिम या फिर हमारा ये क्षेत्र, यूपी में हर परियोजना को समय पर पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। और ये इसलिए जरूरी है क्योंकि जब योजना समय पर पूरी होती है, तो देश के पैसे का सही इस्तेमाल होता है, देश के लोगों को इसका लाभ मिलता है। आप मुझे बताइए, ट्रैफिक जाम को लेकर कानपुर के लोगों की शिकायत बरसों से रही हैं। आपका कितना समय इसमें बर्बाद होता था, आपका कितना पैसा बर्बाद होता था। अब आज पहले फेज़ की 9 किलोमीटर लाइन यह लाइन शुरु होने से इन शिकायतों के दूर होने की एक शुरुआत हुई है। कोरोना की मुश्किल चुनौतियों के बावजूद, 2 साल के भीतर ही ये सेक्शन शुरू होना, अपने आप में बहुत प्रशंसनीय है।

साथियों,

आजादी के बाद दशकों तक हमारे देश में, एक सोच रही कि जो भी कुछ नया होगा, अच्छा होगा, वो तीन-चार बड़े शहरों में ही होगा। देश के बड़े मेट्रो शहरों के अलावा जो शहर थे, उन्हें अपने हाल पर छोड़ दिया गया। इन शहरों में रहने वाले लोगों की कितनी बड़ी ताकत है, उन्हें सुविधाएं देना कितना जरूरी है, ये पहले सरकार चलाने वाले कभी समझ ही नहीं पाए। इन शहरों की आकांक्षाओं को, इनमें रहने वाले करोड़ों लोगों की आकांक्षाओं पर पहले जो सरकार में थे, उन्होंने ध्यान ही नहीं दिया। जो लोग अभी माहौल तानने की कोशिश कर रहे हैं, उनकी नीयत ही नहीं थी विकास की कोई नियति नहीं थी। अब हमारी सरकार, देश के ऐसे अहम शहरों के विकास को भी प्राथमिकता दे रही है। इन शहरों के लिए कनेक्टिविटी अच्छी हो, वहां उच्च शिक्षा के अच्छे संस्थान हों, बिजली की दिक्कत नहीं हो, पानी की दिक्कत नहीं हो, सीवेज सिस्टम आधुनिक हो, इन सभी पर काम किया जा रहा है। अगर मैं मेट्रो की ही बात करूं तो कानपुर मेट्रो के पहले चरण का आज लोकार्पण हुआ है। आगरा और मेरठ मेट्रो पर तेज़ी से काम चल रहा है। कई अन्य शहरों में भी मेट्रो प्रस्तावित है। लखनऊ, नोएड़ा और गाज़ियाबाद में मेट्रो का निरंतर विस्तार किया जा रहा है। जिस स्पीड से यूपी में मेट्रो का काम हो रहा है, वो अभूतपूर्व है।

साथियों,

मैं जो आंकड़े दे रहा हूं, वो आंकड़े जरा ध्यान से सुनिए। सुनिएगा ना ध्यान से सुनेगें ना। देखिए सुनिए साल 2014 से पहले, यूपी में जितनी मेट्रो चलती थी, उसकी कुल लंबाई थी 9 किलोमीटर। साल 2014 से लेकर 2017 के बीच मेट्रो की लंबाई बढ़कर हुई कुल 18 किलोमीटर। आज कानपुर मेट्रो को मिला दें तो यूपी में मेट्रो की लंबाई अब 90 किलोमीटर से ज्यादा हो चुकी है। पहले की सरकार कैसे काम कर रही थी, आज योगी जी की सरकार कैसे काम कर रही है, तभी तो यूपी कहता है - फर्क साफ है।

साथियों,

2014 के पहले पूरे देश के सिर्फ 5 शहरों में मेट्रो की सुविधा थी। यानि, मेट्रो रेल, सिर्फ मेट्रो कहे जाने वाले शहरों में ही थी। आज अकेले यूपी के 5 शहरों में मेट्रो चल रही हैं। आज देश के 27 शहरों में मेट्रो पर काम चल रहा है। इन शहरों में रहने वाले गरीब परिवारों, मिडिल क्लास परिवारों उनको आज मेट्रो रेल की वो सुविधा मिल रही है, जो मेट्रो शहरों में उपलब्ध होती थीं। शहरी गरीबों का जीवन स्तर ऊंचा करने के लिए भी जो प्रयास किए गए हैं, उनसे टीयर-2, टीयर-3 शहरों में युवाओं का आत्मविश्वास बढ़ रहा है। यूपी में तो डबल इंजन की सरकार बनने के बाद इसमें बहुत तेज़ी आई है।

साथियों,

कोई भी देश हो या राज्य, असंतुलित विकास के साथ वो कभी भी आगे नहीं बढ़ सकता। दशकों तक हमारे देश में ये स्थिति रही कि एक हिस्सा का तो विकास हुआ, दूसरा पीछे ही छूट गया। राज्यों के स्तर पर, समाज के स्तर पर इस असमानता को दूर करना उतना ही जरूरी है। इसलिए हमारी सरकार सबका साथ, सबका विकास के मंत्र पर काम कर रही है। समाज के हर वर्ग, दलित- शोषित- पीड़ित-वंचित, पिछड़े-आदिवासी, सभी को हमारी सरकार की योजनाओं से बराबर लाभ मिल रहा है। हमारी सरकार उन लोगों पर विशेष ध्यान दे रही है, जिन्हें पहले कभी पूछा नहीं गया, जिन पर पहले कभी ध्यान नहीं दिया गया।

साथियों,

शहर में रहने वाले गरीबों को भी पहले की सरकारों ने बहुत नजर-अंदाज किया है।ऐसे शहरी गरीबों के लिए आज पहली बार हमारी सरकार पूरी ईमानदारी से काम कर रही है। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं।  2017 से पहले के 10 वर्षों के दौरान यूपी में शहरी गरीबों के लिए सिर्फ ढाई लाख पक्के मकान ही बन पाए थे। बीते साढ़े 4 साल में यूपी सरकार ने शहरी गरीबों के लिए 17 लाख से ज्यादा घर स्वीकृत किए हैं। इनमें से साढ़े 9 लाख बन भी चुके हैं और बाकियों पर तेज़ी से काम चल रहा है।

भाइयों और बहनों,

हमारे गांवों से बहुत से साथी शहरों में काम करने आते हैं। इनमें से बहुत से लोग शहरों में आकर रेहड़ी, ठेला, पटरी पर सामान बेचकर अपना गुजर-बसर करते हैं। आज पहली बार हमारी ही सरकार ने इन लोगों की सुध ली है। इन्हें बैंकों से आसानी से मदद मिले, ये लोग भी डिजिटल लेन-देन करें, इस दिशा में हमारी सरकार काम कर रही है। पीएम स्वनिधि योजना का लाभ, यहां कानपुर के भी अनेकों रेहड़ी-पटरी वाले साथियों को हुआ है। यूपी में स्वनिधि योजना के तहत 7 लाख से अधिक साथियों को 700 करोड़ रुपए से अधिक दिया जा चुका है।

भाइयों और बहनों,

जनता-जनार्दन की आवश्यकताओं को समझना, उसकी सेवा करना हम सभी का दायित्व है। डबल इंजन की सरकार यूपी की जरूरतों को समझते हुए, दमदार काम कर रही है। यूपी के करोड़ों घरों में पहले पाइप से पानी नहीं पहुंचता था। आज हम घर घर जल मिशन से, यूपी के हर घर तक साफ पानी पहुंचाने में जुटे हैं। कोरोना के इस कठिन काल में यूपी के 15 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त राशन का इंतजाम हमारी ही सरकार ने किया है।

साथियों,

जो लोग पहले सरकार में थे, वो इस मानसिकता के साथ सरकार चलाते थे कि पांच साल के लिए लॉटरी लगी है, जितना हो सके यूपी को लूटते चलो, लूट लो। आपने खुद देखा है कि यूपी में पहले की सरकारें जो परियोजनाएं शुरू करती थीं, उनमें कैसे हजारों करोड़ का घोटाला हो जाता था। इन लोगों ने कभी यूपी के लिए बड़े लक्ष्यों पर काम नहीं किया, बड़े विजन के साथ काम नहीं किया। इन्होंने खुद को, कभी यूपी की जनता के लिए जवाबदेह माना ही नहीं। आज डबल इंजन की सरकार पूरी ईमानदारी से, पूरी जवाबदेही के साथ यूपी को विकास की नई ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए काम कर रही है। डबल इंजन की सरकार बड़े लक्ष्य तय करना और उन्हें पूरा करना जानती है। कौन सोच सकता था कि यूपी में बिजली के उत्पादन से लेकर ट्रांसमिशन तक में सुधार हो सकता है। बिजली क्यों गई, लोग ये नहीं सोचते थे। उन्हें पता ही था कि घंटो कटौती होनी ही है। उनकी तसल्ली इसी में हो जाती थी कि बगलवाले के यहां भी बिजली गई है या नहीं।

साथियों,

कौन सोच सकता था कि गंगाजी में गिरने वाला सीसामऊ जैसा विशाल, विकराल नाला भी एक दिन बंद हो सकता है। लेकिन ये काम हमारी डबल इंजन की सरकार ने करके दिखाया है। BPCL के पनकी कानपुर डिपो की क्षमता को 4 गुना से अधिक बढ़ाने से भी कानपुर को बहुत राहत मिलेगी।

भाइयों और बहनों,

कनेक्टिविटी और कम्यूनिकेशन से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ गैस और पेट्रोलियम पाइपलाइन इंफ्रास्ट्रक्चर पर जो काम हुआ है, उसका भी यूपी को बहुत लाभ हुआ है। 2014 तक देश में सिर्फ 14 करोड़ एलपीजी गैस कनेक्शन थे, आज 30 करोड़ से ज्यादा गैस कनेक्शन हैं। अकेले यूपी में ही लगभग 1 करोड़ 60 लाख गरीब परिवारों को नए एलपीजी गैस कनेक्शन दिए गए हैं। पाइप से सस्ती गैस के कनेक्शन भी 7 सालों में 9 गुना हो चुके हैं। इसलिए यह हो पा रहा है क्योंकि बीते सालों में पेट्रोलियम नेटवर्क का अभूतपूर्व विस्तार किया गया है। बीना-पनकी मल्टी प्रोडक्ट पाइपलाइन इस नेटवर्क को और सशक्त करेगी। अब बीना रिफाइनरी से पेट्रोल-डीजल जैसे उत्पादों के लिए कानपुर सहित यूपी के अनेक जिलों को ट्रकों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। इससे यूपी में विकास के इंजन को बिना रुके ऊर्जा मिलती रहेगी।

साथियों,

किसी भी राज्य में निवेश के लिए, उद्योगों के लिए फलने-फूलने के लिए सबसे जरूरी है कानून-व्यवस्था का राज। यूपी में पहले जो सरकारें रहीं, उन्होंने माफियावाद का पेड़ इतना फैलाया कि उसकी छांव में सारे उद्योग-धंधे चौपट हो गए। अब योगी जी की सरकार, कानून व्यवस्था का राज वापस लाई है। इसलिए यूपी में अब निवेश भी बढ़ रहा है और अपराधी अपनी जमानत खुद रद्द करवा कर जेल जा रहे हैं। डबल इंजन की सरकार, अब एक बार यूपी में उद्योगिक कल्चर को बढ़ावा दे रही है। यहां कानपुर में मेगा लेदर क्ल्स्टर को मंजूरी दी जा चुकी है। यहां के युवाओं का कौशल विकास करने के लिए फजलगंज में टेक्नोलॉजी सेंटर की भी स्थापना हुई है। डिफेंस कॉरिडोर हो या फिर एक जनपद एक उत्पाद योजना, इनका लाभ कानपुर के हमारे उद्यमी साथियों को भी होगा।

साथियों,

केंद्र सरकार की तरफ से भी Ease of Doing Business बढ़ाने के लिए लगातार काम हो रहा है। नई इकाइयों के लिए कॉरर्पोरेट टैक्स में कटौती करके 15 प्रतिशत करना हो, जीएसटी दरों में कमी करना हो, ढेर सारे कानूनों के जाल को समाप्त करना हो, फेसलेस असेसमेंट हो, इसी दिशा में उठाए गए कदम हैं। नए क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने Production linked incentive देना भी शुरू किया है। सरकार ने company’s law के बहुत सारे प्रावधानों को भी de-criminalize कर दिया है, जो हमारे व्यापारी साथियों की मुश्किलें बढ़ाते थे।

भाइयों और बहनों,

जिन दलों की आर्थिक नीति ही भ्रष्टाचार हो, जिनकी नीति बाहुबलियों का आदर-सत्कार हो, वो उत्तर प्रदेश का विकास नहीं कर सकते। इसलिए, इनको हर उस कदम से समस्या होती है, जिससे समाज को मजबूती मिलती है, समाज का सशक्तिकरण होता है। इसलिए महिला सशक्तिकरण के लिए उठाए गए कदमों का भी ये विरोध करते हैं। चाहे तीन तलाक के विरुद्ध सख्त कानून हो, या फिर लड़के और लड़कियों की शादी की उम्र को बराबर करने का विषय, ये सिर्फ विरोध ही करते हैं। हां, योगी जी की सरकार के काम को देखकर, ये लोग ये जरूर कहते हैं कि ये तो हमने किया था, ये तो हमने किया था। मैं सोच रहा था कि बीते दिनों जो बक्से भर-भर के, बीते दिनों जो बक्से भर-भर के नोट मिले हैं, नोट उसके बाद भी ये लोग यही कहेंगे कि ये भी हमने ही किया है।

साथियों,

आप कानपुर वाले तो बिजनेस को, व्यापार-कारोबार को अच्छे से समझते हैं। 2017 से पहले भ्रष्टाचार का जो इत्र, भ्रष्टाचार का इत्र इन्होंने पूरे यूपी में छिड़क रखा था, वो फिर सबके सामने आ गया है। लेकिन अब वो मुँह पर ताला लगाकर बैठे हैं क्रेडिट लेने के लिए आगे नहीं आ रहे है । नोटों का जो पहाड़ जो पूरे देश ने देखा, वही उनकी उपलब्धि है, यही उनकी सच्चाई है। यूपी के लोग सब देख रहे हैं, समझ रहे हैं। इसलिए वो यूपी का विकास करने वालों के साथ हैं, यूपी को नई ऊंचाई पर पहुंचाने वालों के साथ हैं। भाईयों- बहनों आज इतनी बड़ी सौगात आपके चरणों में सुपुर्द करते समय अनेक- अनेक प्रकार की खुशियों से भरा हुआ यह वातावरण आज का यह महत्वपूर्ण अवसर एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं !! बहुत- बहुत धन्यवाद। भारत माता की जय! भारत माता की जय! भारत माता की जय! बहुत- बहुत धन्यवाद।

 

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।