"मेरे सपनों का भारत" और "भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के गुमनाम नायक" पर चयनित निबंधों का अनावरण किया
प्रधानमंत्री ने एमएसएमई प्रौद्योगिकी केंद्र और ओपन-एयर थिएटर सभागार - पेरुन्थालाईवर कामराजर मणिमंडपम का उद्घाटन किया
“भारत का जन भी युवा है, और भारत का मन भी युवा है; भारत अपने सामर्थ्य से भी युवा है, भारत अपने सपनों से भी युवा है; भारत अपने चिंतन से भी युवा है, भारत अपनी चेतना से भी युवा है”
"भारत अपने युवाओं को डेमोग्राफिक डिविडेंड के साथ-साथ डेवलपमेंट ड्राइवर भी मानता है"
“आज भारत के युवा में अगर श्रम का सामर्थ्य है, तो भविष्य की स्पष्टता भी है; इसीलिए, भारत आज जो कहता है, दुनिया उसे आने वाले कल की आवाज़ मानती है”
“युवा में वो क्षमता होती है कि वो पुरानी रूढ़ियों का बोझ लेकर नहीं चलता है; यही युवा, खुद को, समाज को, नई चुनौतियों के हिसाब से तैयार कर सकता है”
"आज के युवा 'कर सकता हूँ' की भावना से ओतप्रोत हैं, जो हर पीढ़ी के लिये प्रेरणा का स्रोत है”
"भारत के युवा वैश्विक समृद्धि की गाथा लिख रहे हैं"
"नए भारत का मंत्र - प्रतिस्पर्धा करो और जीतो; जुट जाओ और जीतो; जुट जाओ और जंग जीतो”
प्रधानमंत्री ने युवाओं से उन स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में शोध करने और लिखने का आह्वान किया, जिन्हें वह पहचान नहीं मिली जिनके वे हकदार थे

पुदुचेरी के लेफ्टिनेंट गवर्नर तमिल- साई जी, मुख्यमंत्री एन रंगासामी जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्री नारायण राणे जी, श्री अनुराग ठाकुर जी, श्री निशीत प्रमाणिक जी, श्री भानु प्रताप सिंह वर्मा जी, पुदुचेरी सरकार के वरिष्ठ मंत्रिगण, सांसद गण, विधायक गण, देश के अन्य राज्यों के मंत्रीगण, और मेरे युवा साथियों ! वणक्कम! आप सभी को राष्ट्रीय युवा दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं !

भारत मां की महान संतान स्वामी विवेकानंद जी को उनकी जयंती पर मैं नमन करता हूं। आज़ादी के अमृत महोत्सव में उनकी जन्मजयंती और अधिक प्रेरणादायी हो गई है। ये वर्ष, दो और वजहों से भी और विशेष हो गया है। हम इसी वर्ष श्री ऑरबिंदो की 150वीं जन्मजयंति मना रहे हैं, और इस साल महाकवि सुब्रमण्य भारती जी की भी 100वीं पुण्य तिथि है। इन दोनों मनीषियों का, पुदुचेरी से खास रिश्ता रहा है। ये दोनों एक दूसरे की साहित्यिक और आध्यात्मिक यात्रा के साझीदार रहे हैं। So, the National Youth Festival being held in पुदुचेरी is dedicated to these great sons of Mother India. Friends, Today in पुदुचेरी, MSME टेक्नोलॉजी सेंटर is Inaugurated. The role of MSME sector is very very important in creating आत्मनिरभर Bharat. बहुत ज़रूरी है कि हमारे MSMEs उस टेक्नॉलॉजी का उपयोग करें जो आज दुनिया को बदल रही हैं। इसलिए देश में आज Technology Centre Systems Program का बहुत बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। पुदुचेरी में बना MSME टेक्नॉलॉजी सेंटर उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

साथियों,

आज पुदुचेरी के युवाओं को कामराज जी के नाम पर मनीमंडप्पम, एक प्रकार का सभागृह, multipurpose use वाला उसका एक और उपहार मिल रहा है। ये सभागृह, कामराज जी के योगदान की याद तो दिलाएगा ही, हमारे युवा टैलेंट को भी अपनी प्रतिभा दिखाने का एक प्लेटफॉर्म देगा।

साथियों,

आज दुनिया भारत को एक आशा की दृष्टि से, एक विश्वास की दृष्टि से देखती है। क्योंकि, भारत का जन भी युवा है, और भारत का मन भी युवा है। भारत अपने सामर्थ्य से भी युवा है, भारत अपने सपनों से भी युवा है। भारत अपने चिंतन से भी युवा है, भारत अपनी चेतना से भी युवा है। भारत युवा है क्योंकि भारत की दृष्टि ने हमेशा आधुनिकता को स्वीकार किया है, भारत के दर्शन ने परिवर्तन को अंगीकार किया है। भारत तो वो है- जिसकी प्राचीनता में भी नवीनता है। हमारे हजारों साल पुराने वेदों ने कहा है-

"अपि यथा, युवानो मत्सथा, नो विश्वं जगत्, अभिपित्वे मनीषा,॥

यानी, ये युवा ही हैं जो विश्व में सुख से सुरक्षा तक का संचार करते हैं। युवा ही हमारे भारत के लिए, हमारे राष्ट्र के लिए सुख और सुरक्षा के रास्ते अवश्य बनाएँगे। इसीलिए, भारत में जन – जन से जग तक योग की यात्रा हो, Revolution हो या Evolution हो, राह, सेवा की हो या समर्पण की, बात परिवर्तन की हो या पराक्रम की, राह, सहयोग की हो या सुधार की, बात जड़ों से जुड़ने की हो या जग में विस्तार की, ऐसी कोई राह नहीं जिसमें हमारे देश के युवा ने बढ़-चढ़कर हिस्सा ना लिया हो। अगर कभी भारत की चेतना विभाजित होती है तो ऐसे समय शंकर जैसा कोई युवा, आदि शंकरचार्य बनकर देश को एकता के सूत्र में पिरो देता है। जब भारत को अन्याय और अत्याचार से लड़ने की जरूरत होती है तो गुरु गोबिन्द सिंह जी के बेटे युवाओं का बलिदान आज भी रास्ता दिखाते हैं। जब भारत को आज़ादी के लिए क्रांति की जरूरत होती है, तो सरदार भगत सिंह से लेकर चंद्रशेखर आज़ाद और नेताजी सुभाष तक कितने ही युवा देश के लिए अपना सब कुछ अर्पण कर देते हैं। जब भारत को आध्यात्म की, सृजन की शक्ति की जरूरत होती है तो श्री ऑरोबिंदो से लेकर सुब्रमण्य भारती से साक्षात्कार होता है। और, जब भारत को अपना खोया हुआ स्वाभिमान फिर से पाने की, अपने गौरव को दुनिया में फिर से प्रतिष्ठित करने की अधीरता होती है, तो स्वामी विवेकानन्द जैसा एक युवा भारत के ज्ञान से, सनातन आवाहन से दुनिया के मानस को जागृत कर देता है।

साथियों,

विश्व ने इस बात को माना है कि आज भारत के पास दो असीम शक्तियां हैं- एक डेमोग्राफी और दूसरी डेमोक्रेसी। जिस देश के पास जितनी युवा जनसंख्या है, उसके सामर्थ्य को उतना ही बड़ा माना जाता है, उसकी संभावनाओं को उतना ही व्यापक माना जाता है। लेकिन भारत के युवाओं के पास डेमोग्राफिक डिविडेंड के साथ साथ लोकतांत्रिक मूल्य भी हैं, उनका डेमोक्रेटिक डिविडेंड भी अतुलनीय है। भारत अपने युवाओं को डेमोग्राफिक डिविडेंड के साथ साथ डवलपमेंट ड्राइवर भी मानता है। आज भारत का युवा हमारे development के साथ साथ हमारी democratic values को भी लीड कर रहा है। आप देखिए, आज भारत के युवा में अगर टेक्नालजी का charm है, तो लोकतन्त्र की चेतना भी है। आज भारत के युवा में अगर श्रम का सामर्थ्य है, तो भविष्य की स्पष्टता भी है। इसीलिए, भारत आज जो कहता है, दुनिया उसे आने वाले कल की आवाज़ मानती है। आज भारत जो सपने देखता है, जो संकल्प लेता है, उसमें भारत के साथ साथ विश्व का भविष्य दिखाई देता है। और भारत के इस भविष्य का, दुनिया के भविष्य का निर्माण आज हो रहा है। ये ज़िम्मेदारी, ये सौभाग्य आप जैसे करोड़ों – करोड़ों देश के नौजवानों को मिला है। वर्ष 2022 का ये साल, आपके लिए, भारत की युवा पीढ़ी के लिए बहुत अहम है। आज हम 25वां नेशनल यूथ फेस्टिवल मना रहे हैं। ये नेताजी सुभाष बाबु का 125वी जन्मजयंती का वर्ष भी है। और 25 साल बाद देश आजादी के 100 वर्ष भी मनाएगा। यानि 25 का ये संयोग निश्चित रूप से भारत की भव्य-दिव्य तस्वीर बनाने का योग भी है। आजादी के समय जो युवा पीढ़ी थी, उसने देश के लिए अपना सब कुछ कुर्बान करने में एक पल नहीं गवाया था। But today's youth has to live for the country, And fulfill the dreams of our freedom fighters. महर्षि श्री ऑरोबिन्दो ने कहा था -A brave, frank, clean-hearted, courageous and aspiring youth is the only foundation, on which the future nation can be built. उनकी ये बात, आज 21वीं सदी के भारत के युवाओं के लिए जीवन मंत्र की तरह है। आज हम एक राष्ट्र के रूप में, दुनिया के सबसे बड़े युवा देश के रूप में हम एक पड़ाव पर हैं। ये भारत के लिए नए सपनों, नए संकल्पों का पड़ाव है। ऐसे में भारत के युवाओं का सामर्थ्य, भारत को नई ऊंचाई पर ले जाएगा।

साथियों,

श्री ऑरबिंदो युवाओं के लिए कहा करते थे- It is the young, who must be the builders of the new world. Revolution और Evolution के इर्दगिर्द ही उन्होंने अपने जिस दर्शन को रखा था, वो युवाओं की भी असली पहचान है। यही दो गुण एक वाइब्रेंट नेशन की भी बड़ी ताकत हैं। युवा में वो क्षमता होती है, वो सामर्थ्य होता है कि वो पुरानी रूढ़ियों का बोझ लेकर नहीं चलता, वो उन्हें झटकना जानता है। यही युवा, खुद को, समाज को, नई चुनौतियां, नई डिमांड के हिसाब से evolve कर सकता है, नए सृजन कर सकता है। और आज हम देश में यही होते देख रहे हैं। अब भारत का युवा evolution पर सबसे अधिक फोकस कर रहा है। आज Disruption हो रहा है लेकिन Disruption, Development के लिए हो रहा है। आज भारत का युवा Innovation कर रहा है, समस्याओं के समाधान के लिए एकजुट हो रहा है। Friends, Today's youth has a "Can Do" spirit which is a source of inspiration for every generation. ये भारत के युवाओं की ही ताकत है कि आज भारत डिजिटल पेमेंट के मामले में दुनिया में इतना आगे निकल गया है। आज भारत का युवा, Global Prosperity के Code लिख रहा है। पूरी दुनिया के यूनिकॉर्न इकोसिस्टम में भारतीय युवाओं का जलवा है। भारत के पास आज 50 हज़ार से अधिक स्टार्ट अप्स का मजबूत इकोसिस्टम है। इसमें से 10 हज़ार से अधिक स्टार्ट अप्स तो कोरोना की चुनौतियों के बीच, बीते 6-7 महीनों में बने हैं। यही भारत के युवाओं की ताकत है, जिसके दम पर हमारे देश Start-Ups के Golden age में प्रवेश कर रहा है।

साथियों,

नए भारत का यही मंत्र है- Compete and Conquer. यानि जुट जाओ और जीतो। जुट जाओ और जंग जीतो। Paralympics में भारत ने जितने मेडल जीते उतने भारत ने अब तक के इतिहास में नहीं जीते थे। ओलंपिक में भी हमारा प्रदर्शन श्रेष्ठ रहा, क्योंकि हमारे युवाओं में जीत का विश्वास पैदा हुआ। हमारे कोविड वैक्सीनेशन प्रोग्राम की सफलता में तो युवाओं की भूमिका, एक अलग ही स्तर पर नजर आई है। हम देख रहे हैं कि किस तरह 15 से 18 वर्ष के युवा तेजी से खुद को वैक्सीन लगवा रहे हैं। इतने कम समय में 2 करोड़ से ज्यादा बच्चों का टीकाकरण हो चुका है। मैं आज के किशोरों में जब कर्तव्य निष्ठा के दर्शन करता हूं तो देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए मेरा विश्वास और दृढ़ जाता है। ये हमारे किशोर 15 से 18 साल के बाल साथियों ने जो sense of responsibility है, और ये पूरे कोरोना काल में भारत के युवाओं में दिखी है।

साथियों,

सरकार का प्रयास है कि युवाओं की इसी ताकत के लिए उन्हें स्पेस मिले, सरकार का दखल कम से कम हो। सरकार की कोशिश उन्हें सही माहौल देने का है, संसाधन देने की है, उनका सामर्थ्य बढ़े, इसकी व्यवस्था बनाने की है। डिजिटल इंडिया के माध्यम से सरकारी प्रक्रियाओं को सरल करना, हज़ारों compliances के बोझ से मुक्ति, इसी भावना को बल देती है। मुद्रा, स्टार्ट अप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया ऐसे अभियानों से युवाओं को बहुत मदद मिल रही है। स्किल इंडिया, अटल इनोवेशन मिशन और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, युवाओं के सामर्थ्य को बढ़ाने का ही प्रयास है।

साथियों,

हम जानते हैं कि बेटे-बेटी एक समान हैं। इसी सोच के साथ सरकार ने बेटियों की बेहतरी के लिए शादी की उम्र को 21 साल करने का निर्णय लिया है। बेटियां भी अपना करियर बना पाएं, उन्हें ज्यादा समय मिले, इस दिशा में ये एक बहुत महत्वपूर्ण कदम है।

साथियों,

आज़ादी के इस अमृतकाल में अपने राष्ट्रीय संकल्पों की सिद्धि हमारे आज के एक्शन से तय होगी। ये एक्शन हर स्तर पर, हर सेक्टर के लिए बहुत ज़रूरी हैं। Can we work with a mission to promote Vocal for Local? शॉपिंग करते समय आपकी चॉइस में किसी भारतीय के श्रम की, भारतीय मिट्टी की महक हो, इस बात को कभी मत भुलना हर बार इसी तराजु पर चीजों को तोलना और कुछ भी खरीद करने के निर्णय से पहले इस तराजु से तोलकर के देखें कि उसमे मेरे देश के मजदूर के पसीने की महक है कि नहीं है। उसमे श्री ऑरबिंदों श्री विवेकानंद ऐसे महापुरुषों ने जिस मिट्टी को मां के समान माना है। उस भारत मां की मिट्टी की महक है कि नहीं है। Vocal for Local, हमारी बहुत समस्याओं का समाधान आत्मनिर्भरता में है। हमारे देश में बनी हुई चीजों को खरीदने में है। रोजगार भी उसी से पैदा होने वाला है। अर्थव्यवस्था भी उसी से तेज गति से बढ़ने वाली है। देश के गरीब से गरीब को सम्मान भी उसी से प्राप्त होने वाला है। और इसलिए Vocal for Local हमारे देश का नौजवान उसे अपना जीवन मंत्र बना ले। तो आप कल्पना कर सकते हैं आजादी के 100 साल कैसे भव्य होंगे कैसे दिव्य होंगे। सामर्थ्य से भरे हुए होंगे। संक्लपों की सिद्धी के पल होंगे।

साथियों,

हर बार एक विषय में अवश्य कहता हूं। दोबारा कहना चाहुंगा, और आप लोगों के बीच कहने का मन इसलिए करता है। क्योंकि आप लोगों ने इसपे लीडरशीप ली है, और वो है स्वच्छता। स्वच्छता को भी लाइफ स्टाइल का हिस्सा बनाने में आप सभी नौजवानों का बहुत बड़ा योगदान अहम है। आज़ादी की लड़ाई में हमारे ऐसे अनेक सेनानी रहे हैं, जिनके योगदान को वो पहचान नहीं मिल पाई, जिसके वो हकदार थे। उनके त्याग, तपस्या, बलिदान कोई कमी नहीं थी, लेकिन उन्हे वो हक नहीं मिला। ऐसे व्यक्तियों के बारे में हमारे युवा जितना ज्यादा लिखेंगे, रिसर्च करेंगे, इतिहास के उन पन्नों को खोज – खोजकर के निकालेंगे। उतना ही देश की आने वाली पीढ़ियों में जागरूकता बढ़ेगी। हमारे स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास अधिक तन्दुरुस्त होगा, अधिक सशक्त होगा, अधिक प्रेरक होगा।

साथियों,

पुदुचेरी एक भारत-श्रेष्ठ भारत का खूबसूरत उदाहरण है। भिन्न भिन्न क्षेत्रों से अलग-अलग धाराएं आकर इस स्थान को एकीकृत पहचान देती हैं। यहां जो संवाद होगा, वो एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना को और सुदृढ़ करेगा। आपके विचारों से कुछ नया भाव निकले और जो कुछ नई चीज़ें आप यहाँ से सीखकर जाएं, वो बरसों-बरस तक राष्ट्रसेवा की प्रेरणा बनेंगे। I have full faith in the National Youth Festival and this will show the way to achieve our aspirations.

साथियों,

ये त्योहारों का भी समय है। अनगिनत त्योहार, हिन्दुस्तान के हर कोने में त्योहार। कहीं मकर सक्रांति, कहीं लोहड़ी, कहीं पोंगल, कहीं उत्तरायण, कहीं बीहू, ऐसे सभी त्योहारों की आप सबको अग्रिम शुभकामनाएं। कोरोना से पूरी सावधानी और सतर्कता के साथ हमें त्योहार मनाने हैं। आप खुश रहें, स्वस्थ रहें। बहुत-बहुत शुभकामनाएं। धन्यवाद !

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।