Quote80,000 करोड़ रुपये से अधिक की 1406 परियोजनाओं का शिलान्यास किया
Quote"केवल हमारे लोकतांत्रिक भारत के पास एक भरोसेमंद साथी के मानदंडों को पूरा करने की शक्ति है, जिसकी तलाश आज दुनिया कर रही है"
Quote"आज दुनिया भारत की क्षमता को देखने के साथ-साथ उसके प्रदर्शन की भी सराहना कर रही है"
Quote"हमने पिछले 8 वर्षों में नीति स्थिरता, समन्वय और कारोबार में आसानी पर जोर दिया है"
Quoteउत्तर प्रदेश के तेज विकास के लिए हमारी डबल इंजन सरकार अवसंरचना, निवेश और विनिर्माण पर मिलकर काम कर रही है
Quote"राज्य के एक संसद सदस्य के रूप में, मैंने राज्य के प्रशासन और सरकार में उस क्षमता और संभावना को महसूस किया है, जिनकी देश उनसे अपेक्षा करता है"
Quote"हम नीति, निर्णय और इरादे से विकास के साथ हैं"

उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्रीमान योगी आदित्यनाथ जी, लखनऊ के सांसद और भारत सरकार के हमारे वरिष्‍ठ साथी श्रीमान राजनाथ सिंह जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे अन्‍य सहयोगीगण, यूपी के उप-मुख्यमंत्री, राज्य सरकार के मंत्रीगण, विधानसभा और विधान परिषद के स्पीकर महोदय, यहां उपस्थित उद्योग जगत के सभी साथी, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों!

सबसे पहले तो मैं उत्‍तर प्रदेश के सांसद के नाते, काशी के सांसद के नाते निवेशकों का स्‍वागत करता हूं और निवेशकों का मैं इसलिए धन्‍यवाद करता हूं कि उन्‍होंने उत्‍तर प्रदेश की युवा शक्ति पर भरोसा किया है। उत्‍तर प्रदेश की युवा शक्ति में वो सामर्थ्‍य है कि आपके सपनों और संकल्‍पों को नई उड़ान, नई ऊंचाई देने का सामर्थ्‍य उत्‍तर प्रदेश के नौजवानों में है और आप जिस संकल्‍प को ले करके आए हैं, उत्‍तर प्रदेश के नौजवानों का परिश्रम, उनका पुरुषार्थ, उनका सामर्थ्‍य, उनकी समझ, उनका समर्पण आपके सभी सपने-संकल्‍पों को सिद्ध करके रहेगा, ये मैं आपको विश्‍वास दिलाता हूं।

काशी का सांसद हूं तो एक सांसद के नाते मैं ये लोभ छोड़ नहीं सकता हूं, मोह छोड़ नहीं सकता हूं कि मैं इतना तो चाहूंगा कि आप लोग बहुत व्‍यस्‍त होते हैं, लेकिन कभी समय निकाल करके मेरी काशी देख कर आइए, काशी बहुत बदल गई, काशी बहुत बदल गई है। विश्‍व की ऐसी नगरी अपने पुरातन सामर्थ्‍य के साथ नए रंग-रूप में सज सकती है, ये उत्‍तर प्रदेश की ताकत का जीता-जागता उदाहरण है।

साथियों,

यूपी में 80 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के निवेश से संबंधित समझौते यहां हुए हैं। ये रिकॉर्ड निवेश यूपी में रोजगार के हजारों नए अवसर बनाएगा। ये भारत के साथ ही उत्तर प्रदेश की ग्रोथ स्टोरी पर बढ़ते विश्वास को दिखाता है। आज के इस आयोजन के लिए मैं यूपी के नौजवानों को विशेष बधाई दूंगा, क्योंकि इसका सबसे बड़ा लाभ यूपी के युवकों को, यु‍वतियों को, हमारी नई पीढ़ी को होने वाला है।

साथियों,

इस समय हम अपनी आजादी के 75वें वर्ष का पर्व मना रहे हैं। आजादी का अमृत महोत्‍सव मना रहे हैं। ये समय अगले 25 वर्षों के लिए अमृतकाल, नए संकल्‍प का काल, नए लक्ष्‍यों का काल और नए लक्ष्‍यों को प्राप्‍त करने के लिए सबका प्रयास के मंत्र को ले करके परिश्रम की पराकाष्‍ठा करने का अमृतकाल है। आज दुनिया में जो वैश्विक परिस्थितियां बनी हैं, वो हमारे लिए बड़े अवसर भी लेकर भी आई हैं। दुनिया आज जिस भरोसेमंद साथी को तलाश रही है, उस पर खरा उतरने का सामर्थ्य सिर्फ हमारे लोकतांत्रिक भारत के पास है। दुनिया आज भारत के potential को भी देख रही है और भारत की Performance की भी सराहना कर रही है।

कोरोना काल में भी भारत रुका नहीं, बल्कि अपने Reforms की गति को और बढ़ा दिया। इसका परिणाम आज हम सभी देख रहे हैं। हम G-20 अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज़ी से Grow कर रहे हैं। आज भारत, Global Retail Index में दूसरे नंबर पर है। भारत, दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा Energy Consumer देश है। बीते साल दुनिया के 100 से अधिक देशों से, 84 बिलियन डॉलर का रिकॉर्ड FDI आया है। भारत ने बीते वित्तीय वर्ष में 417 बिलियन डॉलर यानि 30 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का मर्केंडाइज एक्सपोर्ट करके नया रिकॉर्ड बनाया है।

साथियों,

एक राष्ट्र के रूप में अब ये समय अपने साझा प्रयासों को कई गुना अधिक बढ़ाने का है। ये एक ऐसा समय है, जब हम अपने फैसलों को सिर्फ एक साल या 5 साल को देखते हुए सीमित नहीं रख सकते। भारत में एक मज़बूत मैन्युफेक्चरिंग इकोसिस्टम, एक मज़बूत और डायवर्स वैल्यू और सप्लाई चेन विकसित करने के लिए हर किसी का योगदान आवश्यक है। सरकार अपनी तरफ से निरंतर नीतियां बना रही है, पुरानी नीतियों में सुधार कर रही है।

अभी हाल ही में केंद्र की एनडीए सरकार ने अपने 8 वर्ष पूरे किए हैं। इन वर्षों में हम जैसा अभी योगी जी बता रहे थे, Reform-Perform-Transform के मंत्र के साथ आगे बढ़े हैं। हमने Policy Stability पर जोर दिया है, कॉर्डिनेशन पर जोर दिया है, Ease of Doing Business पर जोर दिया है। बीते समय में हमने हजारों कंप्लायंस खत्म किए हैं, पुराने कानूनों को समाप्त किया है। हमने अपने Reforms से एक राष्ट्र के रूप में भारत को मजबूती देने का काम किया है। One Nation-One Tax GST हो, One Nation-One Grid हो, One Nation-One Mobility Card हो, One Nation-One Ration Card हो, ये सारे प्रयास, हमारी ठोस और स्पष्ट नीतियों का प्रतिबिंब हैं।

जब से यूपी में डबल इंजन की सरकार बनी है, तब से यूपी में भी इस दिशा में तेजी से काम हो रहा है। विशेषकर यूपी में जिस प्रकार कानून-व्यवस्था की स्थिति सुधरी है, उससे व्यापारियों का भरोसा लौटा है, बिजनेस के लिए सही माहौल बना है। बीते वर्षों में यहां की प्रशासनिक क्षमता और गवर्नेंस में भी सुधार आया है। इसलिए आज जनता का विश्वास योगी जी की सरकार पर है। और जैसे उद्योग जगत के साथी अपने अनुभव के आधार पर अभी उत्‍तर प्रदेश की सराहना कर रहे थे।

मैं सांसद के नाते अपने अनुभव बताता हूं। कभी हमने उत्‍तर प्रदेश के administration को निकट से नहीं देखा था। कभी मुख्‍यमंत्रियों की मीटिंग में लोग आया करते थे तो वहां के एजेंडा कुछ अलग होते थे। लेकिन एक सांसद के रूप में जब मैं यहां काम करने लगा तो मेरा विश्‍वास अनेक गुना बढ़ गया कि उत्‍तर प्रदेश की ब्‍यूरोक्रेसी, उत्‍तर प्रदेश के administration में वो ताकत है जो देश उनसे चाहता है।

जो बात उद्योग जगत के लोग कह र‍हे थे, एक सांसद के नाते मैंने स्‍वयं ने इस सामर्थ्य को अनुभव किया है। और इसलिए मैं यहां सरकार के सभी ब्यूरोक्रेट्स, सरकार के छोटे-मोटे हर व्यक्ति को ये जो मिजाज उनका बना है, इसके लिए बधाई देता हूं, उनका अभिनंदन करता हूं।

साथियों, आज यूपी की जनता ने 37 साल बाद किसी सरकार को फिर से सत्ता में वापस लाकर अपने सेवक को एक जिम्‍मेदारी सौंपी है।

साथियों,

उत्तर प्रदेश में भारत की पांचवें-छठे हिस्से की आबादी रहती है। यानी यूपी के एक व्यक्ति की बेहतरी भारत के हर छठे व्यक्ति की बेहतरी होगी। मेरा विश्वास है कि ये यूपी ही है, जो 21वीं सदी में भारत की Growth story को momentum देगा। और इसी दस वर्ष को आप देख लीजिए, एक उत्तर प्रदेश हिन्‍दुस्‍तान का बहुत बड़ा Driving Force बनने वाला है। इन 10 वर्षों में आपको दिखाई देगा।

जहां परिश्रम की पराकाष्ठा करने वाले लोग हों, जिस प्रदेश में देश की कुल आबादी का 16 प्रतिशत से अधिक कंज्यूमर बेस हो, जहां 5 लाख से अधिक आबादी वाले एक दर्जन से ज्यादा शहर हों, जहां हर जिले का अपना कोई ना कोई खास प्रोडक्ट हो, जहां इतनी बड़ी संख्या में MSMEs हों, लघु उद्योग हों, जहां अलग-अलग मौसमों में अलग-अलग कृषि उत्पादों-अनाज-फल-सब्जियों की बहार हो, जिस प्रदेश को गंगा, यमुना, सरयू समेत अनेक नदियों का आशीर्वाद प्राप्त हो, ऐसे यूपी को तेज़ विकास से भला कौन रोक सकता है?

साथियों,

अभी इस बजट में ही हमने गंगा के दोनों किनारों पर, भारत सरकार के बजट की बात कर रहा हूं, 5-5 किलोमीटर के दायरे में केमिकल फ्री नैचुरल फार्मिंग का कॉरिडोर बनाने की घोषणा की है। डिफेंस कॉरिडोर की चर्चा तो होती है, लेकिन इस कॉरिडोर की कोई चर्चा नहीं करता है। यूपी में गंगा ग्यारह सौ किलोमीटर से ज्यादा लंबी हैं और यहां के 25 से 30 जिलों से होकर गुजरती हैं। आप कल्पना कर सकते हैं कि नेचुरल फार्मिंग की कितनी बड़ी संभावना यूपी में बनने जा रही है। यूपी सरकार ने कुछ वर्ष पहले अपनी फूड प्रोसेसिंग नीति भी घोषित की है। मैं समझता हूं, कॉरपोरेट वर्ल्ड के लिए और यहां जो उद्योग जगत के लोग हैं उनसे मैं आग्रहपूर्वक इस विषय पर कहना चाहता हूं। कॉरपोरेट वर्ल्‍ड के लिए इस समय एग्रीकल्चर में इंवेस्टमेंट की ये Golden Opportunity है।

साथियों,

तेज विकास के लिए, हमारी डबल इंजन की सरकार Infrastructure, Investment और Manufacturing तीनों पर एक साथ काम कर रही है। इस साल के बजट में साढ़े 7 लाख करोड़ रुपए के अभूतपूर्व capital expenditure का allocation इसी दिशा में उठाया गया कदम है। मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए हमने PLI स्कीम्स घोषित की हैं, जिनका लाभ आपको यहां यूपी में भी मिलेगा।

यूपी में बन रहा डिफेंस कॉरिडोर भी आपके लिए बेहतरीन संभावनाएं लेकर आ रहा है। भारत में आज डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग पर जितना जोर दिया जा रहा है, उतना पहले कभी नहीं दिया गया। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत हमने बड़ी हिम्मत के साथ फैसला किया है, हमने 300 चीजें ऐसी identify की हैं और हमने निर्णय किया है कि ये 300 चीजें अब विदेश से नहीं आएंगी। यानी military equipments से जुड़ी हुई ये 300 चीजें हैं, मतलब डिफेंस के क्षेत्र में जो manufacturing में आना चाहते हैं उनके लिए इन 300 प्रोडक्ट के लिए तो assured market available है। इसका भी आपको बहुत ज्यादा लाभ मिलेगा।

साथियों,

हम मैन्युफेक्चरिंग और ट्रांसपोर्ट जैसे पारंपरिक बिजनेस की डिमांड को पूरा करने के लिए फिज़िकल इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बना रहे हैं। यहां यूपी में भी आधुनिक पावर ग्रिड हो, गैस पाइपलाइन का नेटवर्क हो या फिर मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी, सभी पर 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुसार काम हो रहा है। आज यूपी में जितने किलोमीटर एक्सप्रेसवे पर काम हो रहा है, वो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। आधुनिक एक्सप्रेसवे का सशक्त नेटवर्क उत्तर प्रदेश के सभी economic zones को आपस में कनेक्ट करने वाला है।

जल्द ही यूपी की पहचान आधुनिक railway infrastructure के संगम के रूप में भी होने वाली है। Eastern और western dedicated freight (फ्रेट) corridor यहीं यूपी में ही आपस में एक-दूसरे से जुड़ने वाले हैं। जेवर समेत यूपी के 5 इंटरनेशनल एयरपोर्ट्स, यहां की इंटरनेशनल कनेक्टिविटी को और मजबूत करने वाले हैं। ग्रेटर नोएडा का क्षेत्र हो या फिर वाराणसी, यहां दो Multi Modal logistics transport hub का निर्माण भी हो रहा है। Industrial strategy के हिसाब से, logistics के हिसाब से यूपी देश के सबसे आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर वाले राज्यों में शामिल हो रहा है। यूपी में बढ़ती हुई ये कनेक्टिविटी और बढ़ता हुआ Investment, यूपी के युवाओं के लिए अनेक नए अवसर लेकर आ रहा है।

साथियों,

आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में गति आए, इसके लिए हमारी सरकार ने पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान बनाया है। ये केंद्र सरकार, राज्य सरकार, अलग-अलग विभाग, अलग-अलग एजेंसियां, इतना ही नहीं स्‍थानीय समाज की संस्‍थाओं तक को, सभी को एक साथ जोड़ना, उसी प्रकार से प्राइवेट सैक्‍टर, बिजनेस से जुड़े संस्थानों को एक ही प्लेटफॉर्म पर लाने का काम ये पीएम गतिशक्ति योजना के द्वारा हो रहा है। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से किसी भी प्रोजेक्ट से जुड़े हर स्टेकहोल्डर को रियल टाइम जानकारी मिलेगी। अपने-अपने हिस्से का काम उसे कब तक पूरा करना है, इसकी प्लानिंग वो समय पर कर पाएगा। बीते 8 साल में प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा करने का जो नया कल्चर देश में विकसित हुआ है, उनको ये नए आयाम देगा।

साथियों,

बीते वर्षों में भारत ने जिस तेजी से काम किया है, उसका एक उदाहरण हमारी डिजिटल क्रांति है। 2014 में हमारे देश में सिर्फ साढ़े 6 करोड़ ब्रॉडबैंड सब्सक्राइबर्स थे। आज इनकी संख्या 78 करोड़ से ज्यादा हो चुकी है। 2014 में एक GB डेटा करीब-करीब 200 रुपए का पड़ता था। आज इसकी कीमत घटकर 11-12 रुपए हो गई है। भारत दुनिया के उन देशों में है जहां इतना सस्ता डेटा है। 2014 में देश में 11 लाख किलोमीटर का ऑप्टिकल फाइबर था। अब देश में बिछाए गए ऑप्टिकल फाइबर की लंबाई 28 लाख किलोमीटर को पार कर चुकी है।

2014 में देश में 100 से भी कम ग्राम पंचायतों में ऑप्टिकल फाइबर पहुंचा था। आज ऑप्टिकल फाइबर से जुड़ी ग्राम पंचायतों की संख्या भी पौने दो लाख को पार कर गई है। 2014 में देश में 90 हजार के आस-पास ही कॉमन सर्विस सेंटर्स थे। आज देश में कॉमन सर्विस सेंटर्स की संख्या भी 4 लाख से ज्यादा हो गई है। आज दुनिया के डिजिटल ट्रांजेक्शन का करीब-करीब 40 प्रतिशत भारत में हो रहा है, दुनिया का 40 प्रतिशत। किसी भी हिन्‍दुस्‍तानी को गर्व होगा। जिस भारत को लोग अनपढ़ बताते हैं, वो भारत ये कमाल कर रहा है।

हमने बीते 8 वर्षों में डिजिटल क्रांति के लिए जिस फाउंडेशन को मजबूत किया, उसी का नतीजा है कि आज अलग-अलग सेक्टर्स के लिए इतनी संभावनाएं बन रही हैं। इसका बहुत बड़ा लाभ हमारे युवाओं को मिला है। 2014 से पहले हमारे यहां कुछ सौ स्टार्ट-अप्स ही थे। लेकिन आज देश में रजिस्टर्ड स्टार्टअप्स की संख्या भी 70 हजार के आसपास पहुंच रही है। अभी हाल ही में भारत ने 100 यूनिकॉर्न का रिकॉर्ड भी बनाया है। हमारी नई इकोनॉमी की डिमांड को पूरा करने के लिए, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की मजबूती का बहुत लाभ आप लोगों को मिलने वाला है।

साथियों,

मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि यूपी के विकास के लिए, आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए जिस भी सेक्टर में, जो भी रिफॉर्म आवश्यक होंगे, वो रिफॉर्म निरंतर किए जाते रहेंगे। हम नीति से भी विकास के साथ हैं, निर्णयों से भी विकास के साथ हैं, नीयत से भी विकास के साथ हैं और स्वभाव से भी विकास के साथ हैं।

हम सब आपके हर प्रयास में आपके साथ होंगे और हर कदम पर आपका साथ देंगे। आप पूरे उत्साह से उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा में शामिल हों। उत्तर प्रदेश के भविष्य का निर्माण आपके भविष्य को भी उज्ज्वल बनाएगा। ये win-win situation है। ये निवेश सभी के लिए शुभ हो, सभी को लाभ देने वाला हो।

इसी कामना के साथ इति शुभम् कहते हुए आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं!

  • krishangopal sharma Bjp January 01, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
  • krishangopal sharma Bjp January 01, 2025

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  • krishangopal sharma Bjp January 01, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
  • दिग्विजय सिंह राना September 20, 2024

    हर हर महादेव
  • रीना चौरसिया September 11, 2024

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स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप से निकलने वाले लीडर, हर क्षेत्र में अपना परचम लहराएंगे: पीएम
February 21, 2025
QuoteThe School of Ultimate Leadership (SOUL) will shape leaders who excel nationally and globally: PM
QuoteToday, India is emerging as a global powerhouse: PM
QuoteLeaders must set trends: PM
QuoteIn future leadership, SOUL's objective should be to instill both the Steel and Spirit in every sector to build Viksit Bharat: PM
QuoteIndia needs leaders who can develop new institutions of global excellence: PM
QuoteThe bond forged by a shared purpose is stronger than blood: PM

His Excellency,

भूटान के प्रधानमंत्री, मेरे Brother दाशो शेरिंग तोबगे जी, सोल बोर्ड के चेयरमैन सुधीर मेहता, वाइस चेयरमैन हंसमुख अढ़िया, उद्योग जगत के दिग्गज, जो अपने जीवन में, अपने-अपने क्षेत्र में लीडरशिप देने में सफल रहे हैं, ऐसे अनेक महानुभावों को मैं यहां देख रहा हूं, और भविष्य जिनका इंतजार कर रहा है, ऐसे मेरे युवा साथियों को भी यहां देख रहा हूं।

साथियों,

कुछ आयोजन ऐसे होते हैं, जो हृदय के बहुत करीब होते हैं, और आज का ये कार्यक्रम भी ऐसा ही है। नेशन बिल्डिंग के लिए, बेहतर सिटिजन्स का डेवलपमेंट ज़रूरी है। व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण, जन से जगत, जन से जग, ये किसी भी ऊंचाई को प्राप्त करना है, विशालता को पाना है, तो आरंभ जन से ही शुरू होता है। हर क्षेत्र में बेहतरीन लीडर्स का डेवलपमेंट बहुत जरूरी है, और समय की मांग है। और इसलिए The School of Ultimate Leadership की स्थापना, विकसित भारत की विकास यात्रा में एक बहुत महत्वपूर्ण और बहुत बड़ा कदम है। इस संस्थान के नाम में ही ‘सोल’ है, ऐसा नहीं है, ये भारत की सोशल लाइफ की soul बनने वाला है, और हम लोग जिससे भली-भांति परिचित हैं, बार-बार सुनने को मिलता है- आत्मा, अगर इस सोल को उस भाव से देखें, तो ये आत्मा की अनुभूति कराता है। मैं इस मिशन से जुड़े सभी साथियों का, इस संस्थान से जुड़े सभी महानुभावों का हृदय से बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं। बहुत जल्द ही गिफ्ट सिटी के पास The School of Ultimate Leadership का एक विशाल कैंपस भी बनकर तैयार होने वाला है। और अभी जब मैं आपके बीच आ रहा था, तो चेयरमैन श्री ने मुझे उसका पूरा मॉडल दिखाया, प्लान दिखाया, वाकई मुझे लगता है कि आर्किटेक्चर की दृष्टि से भी ये लीडरशिप लेगा।

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साथियों,

आज जब The School of Ultimate Leadership- सोल, अपने सफर का पहला बड़ा कदम उठा रहा है, तब आपको ये याद रखना है कि आपकी दिशा क्या है, आपका लक्ष्य क्या है? स्वामी विवेकानंद ने कहा था- “Give me a hundred energetic young men and women and I shall transform India.” स्वामी विवेकानंद जी, भारत को गुलामी से बाहर निकालकर भारत को ट्रांसफॉर्म करना चाहते थे। और उनका विश्वास था कि अगर 100 लीडर्स उनके पास हों, तो वो भारत को आज़ाद ही नहीं बल्कि दुनिया का नंबर वन देश बना सकते हैं। इसी इच्छा-शक्ति के साथ, इसी मंत्र को लेकर हम सबको और विशेषकर आपको आगे बढ़ना है। आज हर भारतीय 21वीं सदी के विकसित भारत के लिए दिन-रात काम कर रहा है। ऐसे में 140 करोड़ के देश में भी हर सेक्टर में, हर वर्टिकल में, जीवन के हर पहलू में, हमें उत्तम से उत्तम लीडरशिप की जरूरत है। सिर्फ पॉलीटिकल लीडरशिप नहीं, जीवन के हर क्षेत्र में School of Ultimate Leadership के पास भी 21st सेंचुरी की लीडरशिप तैयार करने का बहुत बड़ा स्कोप है। मुझे विश्वास है, School of Ultimate Leadership से ऐसे लीडर निकलेंगे, जो देश ही नहीं बल्कि दुनिया की संस्थाओं में, हर क्षेत्र में अपना परचम लहराएंगे। और हो सकता है, यहां से ट्रेनिंग लेकर निकला कोई युवा, शायद पॉलिटिक्स में नया मुकाम हासिल करे।

साथियों,

कोई भी देश जब तरक्की करता है, तो नेचुरल रिसोर्सेज की अपनी भूमिका होती ही है, लेकिन उससे भी ज्यादा ह्यूमेन रिसोर्स की बहुत बड़ी भूमिका है। मुझे याद है, जब महाराष्ट्र और गुजरात के अलग होने का आंदोलन चल रहा था, तब तो हम बहुत बच्चे थे, लेकिन उस समय एक चर्चा ये भी होती थी, कि गुजरात अलग होकर के क्या करेगा? उसके पास कोई प्राकृतिक संसाधन नहीं है, कोई खदान नहीं है, ना कोयला है, कुछ नहीं है, ये करेगा क्या? पानी भी नहीं है, रेगिस्तान है और उधर पाकिस्तान है, ये करेगा क्या? और ज्यादा से ज्यादा इन गुजरात वालों के पास नमक है, और है क्या? लेकिन लीडरशिप की ताकत देखिए, आज वही गुजरात सब कुछ है। वहां के जन सामान्य में ये जो सामर्थ्य था, रोते नहीं बैठें, कि ये नहीं है, वो नहीं है, ढ़िकना नहीं, फलाना नहीं, अरे जो है सो वो। गुजरात में डायमंड की एक भी खदान नहीं है, लेकिन दुनिया में 10 में से 9 डायमंड वो है, जो किसी न किसी गुजराती का हाथ लगा हुआ होता है। मेरे कहने का तात्पर्य ये है कि सिर्फ संसाधन ही नहीं, सबसे बड़ा सामर्थ्य होता है- ह्यूमन रिसोर्स में, मानवीय सामर्थ्य में, जनशक्ति में और जिसको आपकी भाषा में लीडरशिप कहा जाता है।

21st सेंचुरी में तो ऐसे रिसोर्स की ज़रूरत है, जो इनोवेशन को लीड कर सकें, जो स्किल को चैनेलाइज कर सकें। आज हम देखते हैं कि हर क्षेत्र में स्किल का कितना बड़ा महत्व है। इसलिए जो लीडरशिप डेवलपमेंट का क्षेत्र है, उसे भी नई स्किल्स चाहिए। हमें बहुत साइंटिफिक तरीके से लीडरशिप डेवलपमेंट के इस काम को तेज गति से आगे बढ़ाना है। इस दिशा में सोल की, आपके संस्थान की बहुत बड़ी भूमिका है। मुझे ये जानकर अच्छा लगा कि आपने इसके लिए काम भी शुरु कर दिया है। विधिवत भले आज आपका ये पहला कार्यक्रम दिखता हो, मुझे बताया गया कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के effective implementation के लिए, State Education Secretaries, State Project Directors और अन्य अधिकारियों के लिए वर्क-शॉप्स हुई हैं। गुजरात के चीफ मिनिस्टर ऑफिस के स्टाफ में लीडरशिप डेवलपमेंट के लिए चिंतन शिविर लगाया गया है। और मैं कह सकता हूं, ये तो अभी शुरुआत है। अभी तो सोल को दुनिया का सबसे बेहतरीन लीडरशिप डेवलपमेंट संस्थान बनते देखना है। और इसके लिए परिश्रम करके दिखाना भी है।

साथियों,

आज भारत एक ग्लोबल पावर हाउस के रूप में Emerge हो रहा है। ये Momentum, ये Speed और तेज हो, हर क्षेत्र में हो, इसके लिए हमें वर्ल्ड क्लास लीडर्स की, इंटरनेशनल लीडरशिप की जरूरत है। SOUL जैसे Leadership Institutions, इसमें Game Changer साबित हो सकते हैं। ऐसे International Institutions हमारी Choice ही नहीं, हमारी Necessity हैं। आज भारत को हर सेक्टर में Energetic Leaders की भी जरूरत है, जो Global Complexities का, Global Needs का Solution ढूंढ पाएं। जो Problems को Solve करते समय, देश के Interest को Global Stage पर सबसे आगे रखें। जिनकी अप्रोच ग्लोबल हो, लेकिन सोच का एक महत्वपूर्ण हिस्सा Local भी हो। हमें ऐसे Individuals तैयार करने होंगे, जो Indian Mind के साथ, International Mind-set को समझते हुए आगे बढ़ें। जो Strategic Decision Making, Crisis Management और Futuristic Thinking के लिए हर पल तैयार हों। अगर हमें International Markets में, Global Institutions में Compete करना है, तो हमें ऐसे Leaders चाहिए जो International Business Dynamics की समझ रखते हों। SOUL का काम यही है, आपकी स्केल बड़ी है, स्कोप बड़ा है, और आपसे उम्मीद भी उतनी ही ज्यादा हैं।

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साथियों,

आप सभी को एक बात हमेशा- हमेशा उपयोगी होगी, आने वाले समय में Leadership सिर्फ Power तक सीमित नहीं होगी। Leadership के Roles में वही होगा, जिसमें Innovation और Impact की Capabilities हों। देश के Individuals को इस Need के हिसाब से Emerge होना पड़ेगा। SOUL इन Individuals में Critical Thinking, Risk Taking और Solution Driven Mindset develop करने वाला Institution होगा। आने वाले समय में, इस संस्थान से ऐसे लीडर्स निकलेंगे, जो Disruptive Changes के बीच काम करने को तैयार होंगे।

साथियों,

हमें ऐसे लीडर्स बनाने होंगे, जो ट्रेंड बनाने में नहीं, ट्रेंड सेट करने के लिए काम करने वाले हों। आने वाले समय में जब हम Diplomacy से Tech Innovation तक, एक नई लीडरशिप को आगे बढ़ाएंगे। तो इन सारे Sectors में भारत का Influence और impact, दोनों कई गुणा बढ़ेंगे। यानि एक तरह से भारत का पूरा विजन, पूरा फ्यूचर एक Strong Leadership Generation पर निर्भर होगा। इसलिए हमें Global Thinking और Local Upbringing के साथ आगे बढ़ना है। हमारी Governance को, हमारी Policy Making को हमने World Class बनाना होगा। ये तभी हो पाएगा, जब हमारे Policy Makers, Bureaucrats, Entrepreneurs, अपनी पॉलिसीज़ को Global Best Practices के साथ जोड़कर Frame कर पाएंगे। और इसमें सोल जैसे संस्थान की बहुत बड़ी भूमिका होगी।

साथियों,

मैंने पहले भी कहा कि अगर हमें विकसित भारत बनाना है, तो हमें हर क्षेत्र में तेज गति से आगे बढ़ना होगा। हमारे यहां शास्त्रों में कहा गया है-

यत् यत् आचरति श्रेष्ठः, तत् तत् एव इतरः जनः।।

यानि श्रेष्ठ मनुष्य जैसा आचरण करता है, सामान्य लोग उसे ही फॉलो करते हैं। इसलिए, ऐसी लीडरशिप ज़रूरी है, जो हर aspect में वैसी हो, जो भारत के नेशनल विजन को रिफ्लेक्ट करे, उसके हिसाब से conduct करे। फ्यूचर लीडरशिप में, विकसित भारत के निर्माण के लिए ज़रूरी स्टील और ज़रूरी स्पिरिट, दोनों पैदा करना है, SOUL का उद्देश्य वही होना चाहिए। उसके बाद जरूरी change और रिफॉर्म अपने आप आते रहेंगे।

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साथियों,

ये स्टील और स्पिरिट, हमें पब्लिक पॉलिसी और सोशल सेक्टर्स में भी पैदा करनी है। हमें Deep-Tech, Space, Biotech, Renewable Energy जैसे अनेक Emerging Sectors के लिए लीडरशिप तैयार करनी है। Sports, Agriculture, Manufacturing और Social Service जैसे Conventional Sectors के लिए भी नेतृत्व बनाना है। हमें हर सेक्टर्स में excellence को aspire ही नहीं, अचीव भी करना है। इसलिए, भारत को ऐसे लीडर्स की जरूरत होगी, जो Global Excellence के नए Institutions को डेवलप करें। हमारा इतिहास तो ऐसे Institutions की Glorious Stories से भरा पड़ा है। हमें उस Spirit को revive करना है और ये मुश्किल भी नहीं है। दुनिया में ऐसे अनेक देशों के उदाहरण हैं, जिन्होंने ये करके दिखाया है। मैं समझता हूं, यहां इस हॉल में बैठे साथी और बाहर जो हमें सुन रहे हैं, देख रहे हैं, ऐसे लाखों-लाख साथी हैं, सब के सब सामर्थ्यवान हैं। ये इंस्टीट्यूट, आपके सपनों, आपके विजन की भी प्रयोगशाला होनी चाहिए। ताकि आज से 25-50 साल बाद की पीढ़ी आपको गर्व के साथ याद करें। आप आज जो ये नींव रख रहे हैं, उसका गौरवगान कर सके।

साथियों,

एक institute के रूप में आपके सामने करोड़ों भारतीयों का संकल्प और सपना, दोनों एकदम स्पष्ट होना चाहिए। आपके सामने वो सेक्टर्स और फैक्टर्स भी स्पष्ट होने चाहिए, जो हमारे लिए चैलेंज भी हैं और opportunity भी हैं। जब हम एक लक्ष्य के साथ आगे बढ़ते हैं, मिलकर प्रयास करते हैं, तो नतीजे भी अद्भुत मिलते हैं। The bond forged by a shared purpose is stronger than blood. ये माइंड्स को unite करता है, ये passion को fuel करता है और ये समय की कसौटी पर खरा उतरता है। जब Common goal बड़ा होता है, जब आपका purpose बड़ा होता है, ऐसे में leadership भी विकसित होती है, Team spirit भी विकसित होती है, लोग खुद को अपने Goals के लिए dedicate कर देते हैं। जब Common goal होता है, एक shared purpose होता है, तो हर individual की best capacity भी बाहर आती है। और इतना ही नहीं, वो बड़े संकल्प के अनुसार अपनी capabilities बढ़ाता भी है। और इस process में एक लीडर डेवलप होता है। उसमें जो क्षमता नहीं है, उसे वो acquire करने की कोशिश करता है, ताकि औऱ ऊपर पहुंच सकें।

साथियों,

जब shared purpose होता है तो team spirit की अभूतपूर्व भावना हमें गाइड करती है। जब सारे लोग एक shared purpose के co-traveller के तौर पर एक साथ चलते हैं, तो एक bonding विकसित होती है। ये team building का प्रोसेस भी leadership को जन्म देता है। हमारी आज़ादी की लड़ाई से बेहतर Shared purpose का क्या उदाहरण हो सकता है? हमारे freedom struggle से सिर्फ पॉलिटिक्स ही नहीं, दूसरे सेक्टर्स में भी लीडर्स बने। आज हमें आज़ादी के आंदोलन के उसी भाव को वापस जीना है। उसी से प्रेरणा लेते हुए, आगे बढ़ना है।

साथियों,

संस्कृत में एक बहुत ही सुंदर सुभाषित है:

अमन्त्रं अक्षरं नास्ति, नास्ति मूलं अनौषधम्। अयोग्यः पुरुषो नास्ति, योजकाः तत्र दुर्लभः।।

यानि ऐसा कोई शब्द नहीं, जिसमें मंत्र ना बन सके। ऐसी कोई जड़ी-बूटी नहीं, जिससे औषधि ना बन सके। कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं, जो अयोग्य हो। लेकिन सभी को जरूरत सिर्फ ऐसे योजनाकार की है, जो उनका सही जगह इस्तेमाल करे, उन्हें सही दिशा दे। SOUL का रोल भी उस योजनाकार का ही है। आपको भी शब्दों को मंत्र में बदलना है, जड़ी-बूटी को औषधि में बदलना है। यहां भी कई लीडर्स बैठे हैं। आपने लीडरशिप के ये गुर सीखे हैं, तराशे हैं। मैंने कहीं पढ़ा था- If you develop yourself, you can experience personal success. If you develop a team, your organization can experience growth. If you develop leaders, your organization can achieve explosive growth. इन तीन वाक्यों से हमें हमेशा याद रहेगा कि हमें करना क्या है, हमें contribute करना है।

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साथियों,

आज देश में एक नई सामाजिक व्यवस्था बन रही है, जिसको वो युवा पीढी गढ़ रही है, जो 21वीं सदी में पैदा हुई है, जो बीते दशक में पैदा हुई है। ये सही मायने में विकसित भारत की पहली पीढ़ी होने जा रही है, अमृत पीढ़ी होने जा रही है। मुझे विश्वास है कि ये नया संस्थान, ऐसी इस अमृत पीढ़ी की लीडरशिप तैयार करने में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। एक बार फिर से आप सभी को मैं बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

भूटान के राजा का आज जन्मदिन होना, और हमारे यहां यह अवसर होना, ये अपने आप में बहुत ही सुखद संयोग है। और भूटान के प्रधानमंत्री जी का इतने महत्वपूर्ण दिवस में यहां आना और भूटान के राजा का उनको यहां भेजने में बहुत बड़ा रोल है, तो मैं उनका भी हृदय से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं।

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साथियों,

ये दो दिन, अगर मेरे पास समय होता तो मैं ये दो दिन यहीं रह जाता, क्योंकि मैं कुछ समय पहले विकसित भारत का एक कार्यक्रम था आप में से कई नौजवान थे उसमें, तो लगभग पूरा दिन यहां रहा था, सबसे मिला, गप्पे मार रहा था, मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला, बहुत कुछ जानने को मिला, और आज तो मेरा सौभाग्य है, मैं देख रहा हूं कि फर्स्ट रो में सारे लीडर्स वो बैठे हैं जो अपने जीवन में सफलता की नई-नई ऊंचाइयां प्राप्त कर चुके हैं। ये आपके लिए बड़ा अवसर है, इन सबके साथ मिलना, बैठना, बातें करना। मुझे ये सौभाग्य नहीं मिलता है, क्योंकि मुझे जब ये मिलते हैं तब वो कुछ ना कुछ काम लेकर आते हैं। लेकिन आपको उनके अनुभवों से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा, जानने को मिलेगा। ये स्वयं में, अपने-अपने क्षेत्र में, बड़े अचीवर्स हैं। और उन्होंने इतना समय आप लोगों के लिए दिया है, इसी में मन लगता है कि इस सोल नाम की इंस्टीट्यूशन का मैं एक बहुत उज्ज्वल भविष्य देख रहा हूं, जब ऐसे सफल लोग बीज बोते हैं तो वो वट वृक्ष भी सफलता की नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने वाले लीडर्स को पैदा करके रहेगा, ये पूरे विश्वास के साथ मैं फिर एक बार इस समय देने वाले, सामर्थ्य बढ़ाने वाले, शक्ति देने वाले हर किसी का आभार व्यक्त करते हुए, मेरे नौजवानों के लिए मेरे बहुत सपने हैं, मेरी बहुत उम्मीदें हैं और मैं हर पल, मैं मेरे देश के नौजवानों के लिए कुछ ना कुछ करता रहूं, ये भाव मेरे भीतर हमेशा पड़ा रहता है, मौका ढूंढता रहता हूँ और आज फिर एक बार वो अवसर मिला है, मेरी तरफ से नौजवानों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

बहुत-बहुत धन्यवाद।