Quoteग्लोबल ट्रेड शो का उद्घाटन किया और इन्वेस्ट यूपी 2.0 लॉन्च किया
Quoteउद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व और उत्तर प्रदेश में विकास के अवसरों की सराहना की
Quote"अब उत्तर प्रदेश की पहचान सुशासन, बेहतर कानून व्यवस्था, शांति और स्थिरता से होती है"
Quote“आज यूपी आशा और प्रेरणा का स्रोत बन गया है”
Quote"देश का हर नागरिक विकास के पथ पर चलना चाहता है और एक 'विकसित भारत' देखना चाहता है"
Quote"आज, भारत बाध्यता से नहीं, संकल्प के साथ सुधार कर रहा है"
Quote“जब अभिनव मूल्य और आपूर्ति-श्रृंखला विकसित करने की बात आती है तो उत्तर प्रदेश एक चैंपियन के रूप में दिखाई देता है”
Quote“डबल इंजन सरकार का संकल्प और उत्तर प्रदेश की संभावनाएं, इससे अच्छी साझेदारी नहीं हो सकती”

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य जी, ब्रजेश पाठक जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल में मेरे वरिष्ठ सहयोगी और यही लखनऊ के प्रतिनिधि श्रीमान राजनाथ सिंह जी, विभिन्न देशों से आए सभी वरिष्ठ महानुभाव, यूपी के सभी मंत्रीगण और ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में पधारे इंडस्ट्री जगत के सम्मानीय सदस्य, global investor fraternity, पॉलिसी मेकर्स, कॉरपोरेट लीडर्स, देवियों और सज्जनों!

आप सभी का ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में बहुत-बहुत स्वागत है। आप सोच रहे होंगे कि मैं मुख्य अतिथि होने पर भी ये स्वागत की जिम्मेदारी क्यों उठा रहा हूं, ये इसलिए क्योंकि मेरी एक और भूमिका भी है। आप सबने मुझे भारत के प्रधानमंत्री के साथ-साथ उत्तर प्रदेश का सांसद भी बनाया है। उत्तर प्रदेश के प्रति मेरा एक विशेष स्नेह है और यूपी के लोगों के प्रति मेरी एक विशेष जिम्मेदारी भी है। मैं आज उस दायित्व को भी निभाने के लिए आज इस समिट का हिस्सा बना हूं। और इसलिए मैं देश-विदेश से यूपी आने वाले आप सभी investors का अभिनंदन करता हूं, स्वागत करता हूं।

साथियों,

उत्तर प्रदेश की धरती अपने सांस्कृतिक वैभव, गौरवशाली इतिहास और समृद्ध विरासत के लिए जानी जाती है। इतना सामर्थ्य होने के बावजूद, यूपी के साथ कुछ बातें जुड़ गई थीं। लोग कहते थे, यूपी का विकास होना मुश्किल है। लोग कहते थे, यहां कानून व्यवस्था सुधरना नामुमकिन है। यूपी बीमारू राज्य कहलाता था, यहां आए दिन हजारों करोड़ के घोटाले होते थे। हर कोई यूपी से अपनी उम्मीदें छोड़ चुका था। लेकिन सिर्फ 5-6 साल के भीतर यूपी ने अपनी एक नई पहचान स्थापित कर ली है और डंके की चोट पर कर दी है। अब यूपी को सुशासन से, Good Governance से पहचाना जा रहा है। अब यूपी की पहचान बेहतर कानून-व्यवस्था, शांति और स्थिरता के लिए है। अब यहां wealth creators के लिए नित्य नए अवसर बन रहे हैं। बीते कुछ वर्षों में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर उत्तर प्रदेश के इस इंफ्रास्ट्रक्चर की जो पहल है, उसके परिणाम नज़र आ रहे हैं। बिजली से लेकर कनेक्टिविटी तक हर क्षेत्र में सुधार आया है। बहुत जल्द यूपी देश के उस इकलौते राज्य के तौर पर भी जाना जाएगा, जहां 5 इंटरनेशनल एयरपोर्ट्स हैं। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से यूपी सीधे समुद्र से जुड़ रहा है गुजरात और महाराष्ट्र के पोर्ट्स से कनेक्ट होता जा रहा है। इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ यूपी में सरकारी सोच और अप्रोच में ease of doing business के लिए सार्थक बदलाव आया है।

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साथियों,

आज यूपी एक आशा, एक उम्मीद बन चुका है। भारत अगर आज दुनिया के लिए Bright spot है, तो यूपी भारत की ग्रोथ को drive करने वाला एक अहम नेतृत्व दे रहा है।

साथियों,

आप सभी इंडस्ट्री के दिग्गज यहां हैं। आप में से अधिकतर को एक लंबा अनुभव भी है। दुनिया की वर्तमान स्थिति भी आप सभी से छिपी नहीं है। आप भारत की इकॉनॉमी के आज के सामर्थ्य और यहां के macro और micro economic fundamentals को भी बहुत बारीकी से देख रहे हैं। आखिर pandemic और war के shock से बाहर निकलकर भारत fastest growing economy कैसे बना है? आज दुनिया की हर credible voice ये मानती है कि भारत की अर्थव्यवस्था ऐसे ही तेजी से आगे बढ़ती रहेगी। आखिर ऐसा क्या हुआ कि वैश्विक संकट के इस दौर में भारत ने ना सिर्फ रेसिलिएंस दिखाया, बल्कि recovery भी उतनी ही तेजी से की।

साथियों,

इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है भारतीयों का खुद पर बढ़ता भरोसा, खुद पर आत्मविश्वास। आज भारत के youth की सोच में, भारत के समाज की सोच और aspirations में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। आज भारत का हर नागरिक, ज्यादा से ज्यादा विकास होते देखना चाहता है। वो अब भारत को जल्द से जल्द विकसित होते देखना चाहता है। भारत के समाज की aspirations, आज सरकारों को भी push कर रही है और यही aspirations विकास के कार्यों में भी गति ला रही है।

और साथियों,

मत भूलिए कि आज आप जिस राज्य में बैठे हैं, उसकी आबादी करीब-करीब 25 करोड़ है। दुनिया के बड़े-बड़े देशों से भी ज्यादा सामर्थ्य, अकेले उत्तर प्रदेश में है। पूरे भारत की तरह ही आज यूपी में एक बहुत बड़ी aspirational society आपका इंतजार कर रही है।

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साथियों,

आज भारत में सोशल, फिजिकल और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर पर जो काम हुआ है, उसका बड़ा लाभ यूपी को भी मिला है। इस कारण आज यहां समाज socially and financially बहुत अधिक Inclusive हो चुका है, कनेक्टेड हो चुका है। एक मार्केट के रुप में भारत अब सीमलेस हो रहा है, सरकारी प्रक्रियाएं भी सरल हो रही हैं। मैं अक्सर कहता हूं कि आज भारत out of compulsion नहीं, बल्कि out of conviction reform करता है। यही कारण है कि भारत 40 हज़ार से अधिक compliances को खत्म कर चुका है, दर्जनों पुराने कानूनों को खत्म कर चुका है।

साथियों,

आज भारत सही मायने में स्पीड और स्केल के रास्ते पर चल पड़ा है। एक बहुत बड़े वर्ग की बेसिक ज़रूरतों को हमने पूरा कर लिया है, इसलिए वो एक लेवल ऊपर की सोचने लगा है, आगे की सोचने लगा है। यही भारत पर भरोसे का सबसे बड़ा कारण है।

साथियों,

कुछ दिन पहले भारत सरकार का जो बजट आया है, उसमें भी आपको यही कमिटमेंट साफ-साफ दिखेगा। इंफ्रास्ट्रक्चर पर रिकॉर्ड खर्च आज सरकार कर रही है और हर वर्ष इसको हम बढ़ा रहे हैं। इसलिए आज आपके लिए infrastructure में investment के नए मौके बन रहे हैं। आज आपके लिए Health, Education, Social Infrastructure में investment के भी अनेक अवसर हैं। ग्रीन ग्रोथ के जिस रास्ते पर भारत चल पड़ा है, उसमें तो मैं आपको विशेष रूप से आमंत्रित करता हूं। इस वर्ष के बजट में 35 हज़ार करोड़ रुपए तो हमने सिर्फ एनर्जी ट्रांजिशन के लिए रखे हैं, ये दिखाता है कि हमारा इरादा क्या है। मिशन ग्रीन हाइड्रोजन हमारे इसी इरादे को बुलंद करता है। इस बजट में इससे जुड़ा पूरा इकोसिस्टम विकसित करने के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ट्रांसफॉर्मेशन के लिए एक नई सप्लाई और वैल्यू चेन हम विकसित कर रहे हैं।

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साथियों,

मुझे खुशी है कि नई वैल्यू और सप्लाई चेन विकसित करने के लिए यूपी आज एक नया चैंपियन बनकर उभर रहा है। परंपरा और आधुनिकता से जुड़े उद्योगों का, MSMEs का एक बहुत ही सशक्त नेटवर्क आज उत्तर प्रदेश में vibrant है। यहां भदोही के कालीन और बनारसी सिल्क है। भदोही कार्पेट क्लस्टर और वाराणसी सिल्क क्लस्टर भी और उसकी वजह से यूपी भारत का टेक्सटाइल हब है। आज, भारत के कुल मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में 60 percent से भी ज्यादा मोबाइल अकेले उत्तर प्रदेश में होता है। मोबाइल कंपोनेंट की सबसे ज्यादा मैन्युफैक्चरिंग भी यूपी में ही होती है। अब देश के दो डिफेंस कॉरिडोर्स में से एक यूपी में बन रहा है। यूपी डिफेंस कॉरिडोर पर तेज़ी से काम चल रहा है। आज मेड इन इंडिया defense equipments की डिमांड निरंतर बढ़ रही है। भारतीय सेना को भी हम अधिक से अधिक मेड इन इंडिया डिफेंस सिस्टम, डिफेंस प्लेटफॉर्म्स देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। और इस महान काम का नेतृत्व इसी लखनऊ की धरती के हमारे कर्मवीर राजनाथ सिंह जी संभाल रहे हैं। ऐसे समय में जब भारत एक वाइब्रेंट डिफेंस इंडस्ट्री का विकास कर रहा है, तो first mover advantage आपको ज़रूर लेना चाहिए।

साथियों,

उत्तर प्रदेश में तो Dairy, Fisheries, Agriculture और Food Processing सेक्टर में अनेक संभावनाएं हैं। फल और सब्जियों को लेकर उत्तर प्रदेश में बहुत डायवर्सिटी है। ये एक ऐसा सेक्टर है, जिसमें अभी भी प्राइवेट सेक्टर की हिस्सेदारी बहुत सीमित है। आपको जानकारी होगी कि फूड प्रोसेसिंग के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम लेकर हम आए हैं। इसका लाभ आपको ज़रूर उठाना चाहिए।

साथियों,

आज सरकार का ये प्रयास है कि इनपुट से लेकर पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट तक, एक आधुनिक व्यवस्था किसानों के लिए बने। छोटे इन्वेस्टर्स, Agri Infra Fund का उपयोग कर सकते हैं। इसी प्रकार देश भर में एक बहुत बड़ी स्टोरेज कैपेसिटी विकसित करने के लिए बजट में हमने प्रावधान किया है। ये भी छोटे निवेशकों के लिए बहुत बढ़िया मौका है।

साथियों,

आज भारत का बहुत अधिक हमारा फोकस क्रॉप डायवर्सिफिकेशन पर है, छोटे किसानों को ज्यादा साधन देने और उनकी इनपुट कॉस्ट घटाने पर है। इसलिए नैचुरल फार्मिंग की तरफ हम तेज़ी से बढ़ रहे हैं। यहां यूपी में गंगा के किनारे दोनों तरफ 5 किलोमीटर क्षेत्र में नैचुरल फार्मिंग शुरु हो गई है। अब इस वर्ष के बजट में हमने किसानों की मदद के लिए 10 हज़ार बायो इनपुट रिसोर्स सेंटर्स बनाने की घोषणा की है। ये नैचुरल फार्मिंग को और अधिक प्रोत्साहित करेगा। इसमें भी private entrepreneurs के लिए इन्वेस्टमेंट की अनेक संभावनाएं हैं।

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साथियों,

भारत में एक और नया अभियान हमारे मिलेट्स को लेकर के शुरू हुआ है। भारत के ये मिलेट्स आमतौर पर लोगों की भाषा में उसको मोटा अनाज कहते हैं। अब उसकी कई varieties हैं, विश्व बाजार में उसकी एक पहचान बने, इसके लिए आपने बजट में सुना होगा हमने इस मिलेट्स को मोटे अनाज को एक नया नाम दिया है- श्री अन्न, ये श्री अन्न जिसमें nutrition value बहुत अधिक है, ये सुपर फुड है। जैसा श्रीफल का माहात्म्य है, वैसा ही श्री अन्न का भी माहात्म्य बनने वाला है। हमारा ये प्रयास है कि भारत का श्री अन्न ग्लोबल न्युट्रिशन सिक्योरिटी को एड्रेस करे। दुनिया इस वर्ष को International Year of Millets के रूप में भी मना रही है। इसलिए एक तरफ हम किसानों को श्री अन्न के उत्पादन के लिए मोटिवेट कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ इसके लिए ग्लोबल मार्केट का भी विस्तार कर रहे हैं। फूड प्रोसेसिंग सेक्टर से जुड़े साथी Ready to Eat और Ready to cook श्री अन्न के प्रोडक्ट्स में संभावनाएँ तलाश सकते हैं और मानव जाति की बड़ी सेवा भी कर सकते हैं।

साथियों,

उत्तर प्रदेश में एक और विषय में बहुत प्रशंसनीय काम हुआ है। ये काम एजुकेशन और स्किल डेवलपमेंट से जुड़ा है। महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष यूनिवर्सिटी, अटल बिहारी वाजपेयी हेल्थ यूनिवर्सिटी, राजा महेन्द्र प्रताप सिंह यूनिवर्सिटी, मेजर ध्यानचन्द स्पोटर्स यूनिवर्सिटी, ऐसे अनेक संस्थान अलग-अलग स्किल्स के लिए युवाओं को तैयार करेंगे। मुझे बताया गया है कि स्किल डेवलपमेंट मिशन के तहत अभी तक यूपी के 16 लाख से अधिक युवाओं को अलग-अलग स्किल्स में trained किया गया है। यूपी सरकार ने पीजीआई लखनऊ, आईआईटी कानपुर में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से जुड़े कोर्सेज भी शुरु किए हैं। और मैं जब अभी आ रहा था, तो शिक्षा जिनके जिम्मे होती है, हमारी गवर्नर साहेबान चांसलर के रूप में वो काम देखती है उन्होंने मुझे बताया कि उत्तर पद्रेश के लिए बड़े गर्व की बात है कि net-accreditation में इस बार उत्तर प्रद्रेश की 4 यूनिवसिर्टीज ने हिन्दुस्तान को अपना लोहा मनवा दिया है। मैं शिक्षा जगत से जुड़े लोगों को और चांसलर मैडम को ह्दय से अभिनंदन करता हूं। देश के स्टार्ट अप रेवोल्यूशन में भी यूपी की भूमिका लगातार बढ़ रही है। आने वाले कुछ वर्षों में 100 incubators और तीन State-of-the-Art Centres को स्थापित करने का लक्ष्य यूपी सरकार ने रखा है। यानि यहां आने वाले इंवेस्टर्स को टेलेंटेड और स्किल्ड युवाओं का एक बहुत बड़ा पूल भी मिलने जा रहा है।

साथियों,

एक तरफ डबल इंजन सरकार का इरादा, और दूसरी तरफ संभावनाओं से भरा उत्तर प्रदेश, इससे बेहतर पार्टनरशिप हो ही नहीं सकती। ये जो समय है, इसको हमें गंवाना नहीं चाहिए। भारत की समृद्धि में दुनिया की समृद्धि निहित है। भारत के उज्ज्वल भविष्य में दुनिया के उज्ज्वल भविष्य की गांरटी पड़ी है। समृद्धि की इस यात्रा में आप सबकी भागीदारी बहुत ही महत्वपूर्ण है। ये निवेश सबके लिए शुभ हो, मंगल हो। इसी कामना के साथ investment के लिए आगे आए हुए देश और दुनिया के सभी Investors को मैं अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं और उत्तर प्रदेश के एमपी के नाते मैं आपको भरोसा देता हूं कि उत्तर पद्रेश की आज की सरकार, उत्तर प्रदेश की आज की bureaucracy प्रगति की राह पर दृढ़ संकल्प होकर के चल पड़ी है वो आपके सपनों को साकार करने के लिए, आपके संकल्पों को सिद्ध करने के लिए पूरे सामर्थ्य के साथ अग्रदूत बनकर के आपके साथ खड़ी है, इसी विश्वास के साथ मैं फिर एक बार देश और दुनिया के investors को हमारे उत्तर प्रदेश की धरती पर निमंत्रण करता हूं, स्वागत करता हूं।

बहुत-बहुत धन्यवाद।

  • krishangopal sharma Bjp January 09, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌷 🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
  • krishangopal sharma Bjp January 09, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌷 🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
  • krishangopal sharma Bjp January 09, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌷 🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
  • Jahangir Ahmad Malik December 20, 2024

    ❣️🙏🏻❣️🙏🏻❣️🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻❣️❣️❣️🙏🏻🙏🏻❣️
  • Mohit Sahani December 18, 2024

    🙏🌹🌹
  • Deepmala Rajput November 21, 2024

    jai shree ram🙏
  • B Pavan Kumar October 13, 2024

    great 👍
  • Devendra Kunwar October 09, 2024

    🙏🏻🙏🏻
  • Shashank shekhar singh September 29, 2024

    Jai shree Ram
  • दिग्विजय सिंह राना September 20, 2024

    हर हर महादेव
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स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप से निकलने वाले लीडर, हर क्षेत्र में अपना परचम लहराएंगे: पीएम
February 21, 2025
QuoteThe School of Ultimate Leadership (SOUL) will shape leaders who excel nationally and globally: PM
QuoteToday, India is emerging as a global powerhouse: PM
QuoteLeaders must set trends: PM
QuoteIn future leadership, SOUL's objective should be to instill both the Steel and Spirit in every sector to build Viksit Bharat: PM
QuoteIndia needs leaders who can develop new institutions of global excellence: PM
QuoteThe bond forged by a shared purpose is stronger than blood: PM

His Excellency,

भूटान के प्रधानमंत्री, मेरे Brother दाशो शेरिंग तोबगे जी, सोल बोर्ड के चेयरमैन सुधीर मेहता, वाइस चेयरमैन हंसमुख अढ़िया, उद्योग जगत के दिग्गज, जो अपने जीवन में, अपने-अपने क्षेत्र में लीडरशिप देने में सफल रहे हैं, ऐसे अनेक महानुभावों को मैं यहां देख रहा हूं, और भविष्य जिनका इंतजार कर रहा है, ऐसे मेरे युवा साथियों को भी यहां देख रहा हूं।

साथियों,

कुछ आयोजन ऐसे होते हैं, जो हृदय के बहुत करीब होते हैं, और आज का ये कार्यक्रम भी ऐसा ही है। नेशन बिल्डिंग के लिए, बेहतर सिटिजन्स का डेवलपमेंट ज़रूरी है। व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण, जन से जगत, जन से जग, ये किसी भी ऊंचाई को प्राप्त करना है, विशालता को पाना है, तो आरंभ जन से ही शुरू होता है। हर क्षेत्र में बेहतरीन लीडर्स का डेवलपमेंट बहुत जरूरी है, और समय की मांग है। और इसलिए The School of Ultimate Leadership की स्थापना, विकसित भारत की विकास यात्रा में एक बहुत महत्वपूर्ण और बहुत बड़ा कदम है। इस संस्थान के नाम में ही ‘सोल’ है, ऐसा नहीं है, ये भारत की सोशल लाइफ की soul बनने वाला है, और हम लोग जिससे भली-भांति परिचित हैं, बार-बार सुनने को मिलता है- आत्मा, अगर इस सोल को उस भाव से देखें, तो ये आत्मा की अनुभूति कराता है। मैं इस मिशन से जुड़े सभी साथियों का, इस संस्थान से जुड़े सभी महानुभावों का हृदय से बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं। बहुत जल्द ही गिफ्ट सिटी के पास The School of Ultimate Leadership का एक विशाल कैंपस भी बनकर तैयार होने वाला है। और अभी जब मैं आपके बीच आ रहा था, तो चेयरमैन श्री ने मुझे उसका पूरा मॉडल दिखाया, प्लान दिखाया, वाकई मुझे लगता है कि आर्किटेक्चर की दृष्टि से भी ये लीडरशिप लेगा।

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साथियों,

आज जब The School of Ultimate Leadership- सोल, अपने सफर का पहला बड़ा कदम उठा रहा है, तब आपको ये याद रखना है कि आपकी दिशा क्या है, आपका लक्ष्य क्या है? स्वामी विवेकानंद ने कहा था- “Give me a hundred energetic young men and women and I shall transform India.” स्वामी विवेकानंद जी, भारत को गुलामी से बाहर निकालकर भारत को ट्रांसफॉर्म करना चाहते थे। और उनका विश्वास था कि अगर 100 लीडर्स उनके पास हों, तो वो भारत को आज़ाद ही नहीं बल्कि दुनिया का नंबर वन देश बना सकते हैं। इसी इच्छा-शक्ति के साथ, इसी मंत्र को लेकर हम सबको और विशेषकर आपको आगे बढ़ना है। आज हर भारतीय 21वीं सदी के विकसित भारत के लिए दिन-रात काम कर रहा है। ऐसे में 140 करोड़ के देश में भी हर सेक्टर में, हर वर्टिकल में, जीवन के हर पहलू में, हमें उत्तम से उत्तम लीडरशिप की जरूरत है। सिर्फ पॉलीटिकल लीडरशिप नहीं, जीवन के हर क्षेत्र में School of Ultimate Leadership के पास भी 21st सेंचुरी की लीडरशिप तैयार करने का बहुत बड़ा स्कोप है। मुझे विश्वास है, School of Ultimate Leadership से ऐसे लीडर निकलेंगे, जो देश ही नहीं बल्कि दुनिया की संस्थाओं में, हर क्षेत्र में अपना परचम लहराएंगे। और हो सकता है, यहां से ट्रेनिंग लेकर निकला कोई युवा, शायद पॉलिटिक्स में नया मुकाम हासिल करे।

साथियों,

कोई भी देश जब तरक्की करता है, तो नेचुरल रिसोर्सेज की अपनी भूमिका होती ही है, लेकिन उससे भी ज्यादा ह्यूमेन रिसोर्स की बहुत बड़ी भूमिका है। मुझे याद है, जब महाराष्ट्र और गुजरात के अलग होने का आंदोलन चल रहा था, तब तो हम बहुत बच्चे थे, लेकिन उस समय एक चर्चा ये भी होती थी, कि गुजरात अलग होकर के क्या करेगा? उसके पास कोई प्राकृतिक संसाधन नहीं है, कोई खदान नहीं है, ना कोयला है, कुछ नहीं है, ये करेगा क्या? पानी भी नहीं है, रेगिस्तान है और उधर पाकिस्तान है, ये करेगा क्या? और ज्यादा से ज्यादा इन गुजरात वालों के पास नमक है, और है क्या? लेकिन लीडरशिप की ताकत देखिए, आज वही गुजरात सब कुछ है। वहां के जन सामान्य में ये जो सामर्थ्य था, रोते नहीं बैठें, कि ये नहीं है, वो नहीं है, ढ़िकना नहीं, फलाना नहीं, अरे जो है सो वो। गुजरात में डायमंड की एक भी खदान नहीं है, लेकिन दुनिया में 10 में से 9 डायमंड वो है, जो किसी न किसी गुजराती का हाथ लगा हुआ होता है। मेरे कहने का तात्पर्य ये है कि सिर्फ संसाधन ही नहीं, सबसे बड़ा सामर्थ्य होता है- ह्यूमन रिसोर्स में, मानवीय सामर्थ्य में, जनशक्ति में और जिसको आपकी भाषा में लीडरशिप कहा जाता है।

21st सेंचुरी में तो ऐसे रिसोर्स की ज़रूरत है, जो इनोवेशन को लीड कर सकें, जो स्किल को चैनेलाइज कर सकें। आज हम देखते हैं कि हर क्षेत्र में स्किल का कितना बड़ा महत्व है। इसलिए जो लीडरशिप डेवलपमेंट का क्षेत्र है, उसे भी नई स्किल्स चाहिए। हमें बहुत साइंटिफिक तरीके से लीडरशिप डेवलपमेंट के इस काम को तेज गति से आगे बढ़ाना है। इस दिशा में सोल की, आपके संस्थान की बहुत बड़ी भूमिका है। मुझे ये जानकर अच्छा लगा कि आपने इसके लिए काम भी शुरु कर दिया है। विधिवत भले आज आपका ये पहला कार्यक्रम दिखता हो, मुझे बताया गया कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के effective implementation के लिए, State Education Secretaries, State Project Directors और अन्य अधिकारियों के लिए वर्क-शॉप्स हुई हैं। गुजरात के चीफ मिनिस्टर ऑफिस के स्टाफ में लीडरशिप डेवलपमेंट के लिए चिंतन शिविर लगाया गया है। और मैं कह सकता हूं, ये तो अभी शुरुआत है। अभी तो सोल को दुनिया का सबसे बेहतरीन लीडरशिप डेवलपमेंट संस्थान बनते देखना है। और इसके लिए परिश्रम करके दिखाना भी है।

साथियों,

आज भारत एक ग्लोबल पावर हाउस के रूप में Emerge हो रहा है। ये Momentum, ये Speed और तेज हो, हर क्षेत्र में हो, इसके लिए हमें वर्ल्ड क्लास लीडर्स की, इंटरनेशनल लीडरशिप की जरूरत है। SOUL जैसे Leadership Institutions, इसमें Game Changer साबित हो सकते हैं। ऐसे International Institutions हमारी Choice ही नहीं, हमारी Necessity हैं। आज भारत को हर सेक्टर में Energetic Leaders की भी जरूरत है, जो Global Complexities का, Global Needs का Solution ढूंढ पाएं। जो Problems को Solve करते समय, देश के Interest को Global Stage पर सबसे आगे रखें। जिनकी अप्रोच ग्लोबल हो, लेकिन सोच का एक महत्वपूर्ण हिस्सा Local भी हो। हमें ऐसे Individuals तैयार करने होंगे, जो Indian Mind के साथ, International Mind-set को समझते हुए आगे बढ़ें। जो Strategic Decision Making, Crisis Management और Futuristic Thinking के लिए हर पल तैयार हों। अगर हमें International Markets में, Global Institutions में Compete करना है, तो हमें ऐसे Leaders चाहिए जो International Business Dynamics की समझ रखते हों। SOUL का काम यही है, आपकी स्केल बड़ी है, स्कोप बड़ा है, और आपसे उम्मीद भी उतनी ही ज्यादा हैं।

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साथियों,

आप सभी को एक बात हमेशा- हमेशा उपयोगी होगी, आने वाले समय में Leadership सिर्फ Power तक सीमित नहीं होगी। Leadership के Roles में वही होगा, जिसमें Innovation और Impact की Capabilities हों। देश के Individuals को इस Need के हिसाब से Emerge होना पड़ेगा। SOUL इन Individuals में Critical Thinking, Risk Taking और Solution Driven Mindset develop करने वाला Institution होगा। आने वाले समय में, इस संस्थान से ऐसे लीडर्स निकलेंगे, जो Disruptive Changes के बीच काम करने को तैयार होंगे।

साथियों,

हमें ऐसे लीडर्स बनाने होंगे, जो ट्रेंड बनाने में नहीं, ट्रेंड सेट करने के लिए काम करने वाले हों। आने वाले समय में जब हम Diplomacy से Tech Innovation तक, एक नई लीडरशिप को आगे बढ़ाएंगे। तो इन सारे Sectors में भारत का Influence और impact, दोनों कई गुणा बढ़ेंगे। यानि एक तरह से भारत का पूरा विजन, पूरा फ्यूचर एक Strong Leadership Generation पर निर्भर होगा। इसलिए हमें Global Thinking और Local Upbringing के साथ आगे बढ़ना है। हमारी Governance को, हमारी Policy Making को हमने World Class बनाना होगा। ये तभी हो पाएगा, जब हमारे Policy Makers, Bureaucrats, Entrepreneurs, अपनी पॉलिसीज़ को Global Best Practices के साथ जोड़कर Frame कर पाएंगे। और इसमें सोल जैसे संस्थान की बहुत बड़ी भूमिका होगी।

साथियों,

मैंने पहले भी कहा कि अगर हमें विकसित भारत बनाना है, तो हमें हर क्षेत्र में तेज गति से आगे बढ़ना होगा। हमारे यहां शास्त्रों में कहा गया है-

यत् यत् आचरति श्रेष्ठः, तत् तत् एव इतरः जनः।।

यानि श्रेष्ठ मनुष्य जैसा आचरण करता है, सामान्य लोग उसे ही फॉलो करते हैं। इसलिए, ऐसी लीडरशिप ज़रूरी है, जो हर aspect में वैसी हो, जो भारत के नेशनल विजन को रिफ्लेक्ट करे, उसके हिसाब से conduct करे। फ्यूचर लीडरशिप में, विकसित भारत के निर्माण के लिए ज़रूरी स्टील और ज़रूरी स्पिरिट, दोनों पैदा करना है, SOUL का उद्देश्य वही होना चाहिए। उसके बाद जरूरी change और रिफॉर्म अपने आप आते रहेंगे।

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साथियों,

ये स्टील और स्पिरिट, हमें पब्लिक पॉलिसी और सोशल सेक्टर्स में भी पैदा करनी है। हमें Deep-Tech, Space, Biotech, Renewable Energy जैसे अनेक Emerging Sectors के लिए लीडरशिप तैयार करनी है। Sports, Agriculture, Manufacturing और Social Service जैसे Conventional Sectors के लिए भी नेतृत्व बनाना है। हमें हर सेक्टर्स में excellence को aspire ही नहीं, अचीव भी करना है। इसलिए, भारत को ऐसे लीडर्स की जरूरत होगी, जो Global Excellence के नए Institutions को डेवलप करें। हमारा इतिहास तो ऐसे Institutions की Glorious Stories से भरा पड़ा है। हमें उस Spirit को revive करना है और ये मुश्किल भी नहीं है। दुनिया में ऐसे अनेक देशों के उदाहरण हैं, जिन्होंने ये करके दिखाया है। मैं समझता हूं, यहां इस हॉल में बैठे साथी और बाहर जो हमें सुन रहे हैं, देख रहे हैं, ऐसे लाखों-लाख साथी हैं, सब के सब सामर्थ्यवान हैं। ये इंस्टीट्यूट, आपके सपनों, आपके विजन की भी प्रयोगशाला होनी चाहिए। ताकि आज से 25-50 साल बाद की पीढ़ी आपको गर्व के साथ याद करें। आप आज जो ये नींव रख रहे हैं, उसका गौरवगान कर सके।

साथियों,

एक institute के रूप में आपके सामने करोड़ों भारतीयों का संकल्प और सपना, दोनों एकदम स्पष्ट होना चाहिए। आपके सामने वो सेक्टर्स और फैक्टर्स भी स्पष्ट होने चाहिए, जो हमारे लिए चैलेंज भी हैं और opportunity भी हैं। जब हम एक लक्ष्य के साथ आगे बढ़ते हैं, मिलकर प्रयास करते हैं, तो नतीजे भी अद्भुत मिलते हैं। The bond forged by a shared purpose is stronger than blood. ये माइंड्स को unite करता है, ये passion को fuel करता है और ये समय की कसौटी पर खरा उतरता है। जब Common goal बड़ा होता है, जब आपका purpose बड़ा होता है, ऐसे में leadership भी विकसित होती है, Team spirit भी विकसित होती है, लोग खुद को अपने Goals के लिए dedicate कर देते हैं। जब Common goal होता है, एक shared purpose होता है, तो हर individual की best capacity भी बाहर आती है। और इतना ही नहीं, वो बड़े संकल्प के अनुसार अपनी capabilities बढ़ाता भी है। और इस process में एक लीडर डेवलप होता है। उसमें जो क्षमता नहीं है, उसे वो acquire करने की कोशिश करता है, ताकि औऱ ऊपर पहुंच सकें।

साथियों,

जब shared purpose होता है तो team spirit की अभूतपूर्व भावना हमें गाइड करती है। जब सारे लोग एक shared purpose के co-traveller के तौर पर एक साथ चलते हैं, तो एक bonding विकसित होती है। ये team building का प्रोसेस भी leadership को जन्म देता है। हमारी आज़ादी की लड़ाई से बेहतर Shared purpose का क्या उदाहरण हो सकता है? हमारे freedom struggle से सिर्फ पॉलिटिक्स ही नहीं, दूसरे सेक्टर्स में भी लीडर्स बने। आज हमें आज़ादी के आंदोलन के उसी भाव को वापस जीना है। उसी से प्रेरणा लेते हुए, आगे बढ़ना है।

साथियों,

संस्कृत में एक बहुत ही सुंदर सुभाषित है:

अमन्त्रं अक्षरं नास्ति, नास्ति मूलं अनौषधम्। अयोग्यः पुरुषो नास्ति, योजकाः तत्र दुर्लभः।।

यानि ऐसा कोई शब्द नहीं, जिसमें मंत्र ना बन सके। ऐसी कोई जड़ी-बूटी नहीं, जिससे औषधि ना बन सके। कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं, जो अयोग्य हो। लेकिन सभी को जरूरत सिर्फ ऐसे योजनाकार की है, जो उनका सही जगह इस्तेमाल करे, उन्हें सही दिशा दे। SOUL का रोल भी उस योजनाकार का ही है। आपको भी शब्दों को मंत्र में बदलना है, जड़ी-बूटी को औषधि में बदलना है। यहां भी कई लीडर्स बैठे हैं। आपने लीडरशिप के ये गुर सीखे हैं, तराशे हैं। मैंने कहीं पढ़ा था- If you develop yourself, you can experience personal success. If you develop a team, your organization can experience growth. If you develop leaders, your organization can achieve explosive growth. इन तीन वाक्यों से हमें हमेशा याद रहेगा कि हमें करना क्या है, हमें contribute करना है।

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साथियों,

आज देश में एक नई सामाजिक व्यवस्था बन रही है, जिसको वो युवा पीढी गढ़ रही है, जो 21वीं सदी में पैदा हुई है, जो बीते दशक में पैदा हुई है। ये सही मायने में विकसित भारत की पहली पीढ़ी होने जा रही है, अमृत पीढ़ी होने जा रही है। मुझे विश्वास है कि ये नया संस्थान, ऐसी इस अमृत पीढ़ी की लीडरशिप तैयार करने में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। एक बार फिर से आप सभी को मैं बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

भूटान के राजा का आज जन्मदिन होना, और हमारे यहां यह अवसर होना, ये अपने आप में बहुत ही सुखद संयोग है। और भूटान के प्रधानमंत्री जी का इतने महत्वपूर्ण दिवस में यहां आना और भूटान के राजा का उनको यहां भेजने में बहुत बड़ा रोल है, तो मैं उनका भी हृदय से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं।

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साथियों,

ये दो दिन, अगर मेरे पास समय होता तो मैं ये दो दिन यहीं रह जाता, क्योंकि मैं कुछ समय पहले विकसित भारत का एक कार्यक्रम था आप में से कई नौजवान थे उसमें, तो लगभग पूरा दिन यहां रहा था, सबसे मिला, गप्पे मार रहा था, मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला, बहुत कुछ जानने को मिला, और आज तो मेरा सौभाग्य है, मैं देख रहा हूं कि फर्स्ट रो में सारे लीडर्स वो बैठे हैं जो अपने जीवन में सफलता की नई-नई ऊंचाइयां प्राप्त कर चुके हैं। ये आपके लिए बड़ा अवसर है, इन सबके साथ मिलना, बैठना, बातें करना। मुझे ये सौभाग्य नहीं मिलता है, क्योंकि मुझे जब ये मिलते हैं तब वो कुछ ना कुछ काम लेकर आते हैं। लेकिन आपको उनके अनुभवों से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा, जानने को मिलेगा। ये स्वयं में, अपने-अपने क्षेत्र में, बड़े अचीवर्स हैं। और उन्होंने इतना समय आप लोगों के लिए दिया है, इसी में मन लगता है कि इस सोल नाम की इंस्टीट्यूशन का मैं एक बहुत उज्ज्वल भविष्य देख रहा हूं, जब ऐसे सफल लोग बीज बोते हैं तो वो वट वृक्ष भी सफलता की नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने वाले लीडर्स को पैदा करके रहेगा, ये पूरे विश्वास के साथ मैं फिर एक बार इस समय देने वाले, सामर्थ्य बढ़ाने वाले, शक्ति देने वाले हर किसी का आभार व्यक्त करते हुए, मेरे नौजवानों के लिए मेरे बहुत सपने हैं, मेरी बहुत उम्मीदें हैं और मैं हर पल, मैं मेरे देश के नौजवानों के लिए कुछ ना कुछ करता रहूं, ये भाव मेरे भीतर हमेशा पड़ा रहता है, मौका ढूंढता रहता हूँ और आज फिर एक बार वो अवसर मिला है, मेरी तरफ से नौजवानों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

बहुत-बहुत धन्यवाद।