Quoteलाइट हाउस प्रोजेक्ट्स देश में हाउसिंग कंस्ट्रक्शन को नई दिशा दिखाएंगे : प्रधानमंत्री मोदी
Quoteअब तक 2 करोड़ ग्रामीण घरों का निर्माण किया जा चुका है, इस वर्ष ग्रामीण आवास बनाने की गति में तेजी लाने के लिए प्रयास किए जाएंगे: पीएम मोदी
Quoteघर की चाबी हाथ आने से सम्मानजनक और सुरक्षित जीवन का द्वार खुलता है। इससे एक आत्मविश्वास आता है : प्रधानमंत्री मोदी
Quoteसरकार, उद्योगों और दूसरे निवेशकों के साथ मिलकर उचित किराए वाले घरों का निर्माण करने पर बल दे रही है : प्रधानमंत्री मोदी

नमस्कार !

केंद्रीय मंत्रिमंडल में मेरे सहयोगी श्रीमान हरदीप सिंह पुरी जी, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देव जी, झारखंड के मुख्यमंत्री भाई हेमंत सोरेन जी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्रीमान शिवराज सिंह चौहान जी, गुजरात के मुख्यमंत्री श्रीमान विजय रुपानी जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री थिरू ई.के.पलानीस्वामी जी, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री वाई.एस.जगनमोहन रेड्डी जी, कार्यक्रम में उपस्थित सभी आदरणीय गवर्नर महोदय, उपस्थित अन्य महानुभाव, भाइयों और बहनों, आप सभी को, सभी देशवासियों को 2021 की बहुत-बहुत शुभकामनाएं, अनेक- अनेक मंगलकामनाएं।आज नई ऊर्जा के साथ, नए संकल्पों के साथ और नए संकल्पों को सिद्ध करने के लिए तेज गति से आगे बढ़ने का आज शुभारंभ है।आज गरीबों के लिए, मध्यम वर्ग के लिए, घर बनाने के लिए नई टेक्नॉलॉजी देश को मिल रही है।तकनीकी भाषा में आप इसे लाइट हाउस प्रोजेक्ट कहते हैं। मैं मानता हूं ये 6 प्रोजेक्ट वाकई, लाइट हाउस- प्रकाश स्तंभ की तरह हैं। ये 6 लाइट हाउस प्रोजेक्ट्स देश में हाउसिंग कंस्ट्रक्शन को नई दिशा दिखाएंगे। देश के पूर्व-पश्चिम, उत्तर-दक्षिण, हर क्षेत्र से राज्यों का इस अभियान में जुटना, कॉपरेटिव-फेडरेलिज्म की हमारी भावना को और मजबूत कर रहा है।

साथियों,

ये लाइट हाउस प्रोजेक्ट, अब देश के काम करने के तौर-तरीकों का भी एक उत्तम उदाहरण है। हमें इसके पीछे के बड़े विजन को भी समझना होगा। एक समय में आवास योजनाएं केंद्र सरकारों की प्राथमिकता में उतनी नहीं थी जितनी होनी चाहिए। सरकार घर निर्माण की बारीकियों और क्वालिटी पर नहीं जाती थी। लेकिन हमें पता है, बिना काम के विस्तार में ये जो बदलाव किए गए हैं अगर ये बदलाव न होते तो कितना कठिन होता। आज देश ने एक अलग अप्रोच चुनी है, एक अलग मार्ग अपनाया है।

साथियों,

हमारे यहां ऐसी कई चीजें हैं जो प्रक्रिया में बदलाव किए बिना ऐसे ही निरंतर चलती जाती हैं। हाउसिंग से जुड़ा मामला भी बिल्कुल ऐसा ही रहा है। हमने इसको बदलने की ठानी। हमारे देश को बेहतर टेक्नॉलॉजी क्यों नहीं मिलनी चाहिए? हमारे गरीब को लंबे समय तक ठीक रहने वाले घर क्यों नहीं मिलने चाहिए? हम जो घर बनाते हैं वो तेज़ी से पूरे क्यों ना हों? सरकार के मंत्रालयों के लिए ये ज़रूरी है कि वो बड़े और सुस्त स्ट्रक्चर जैसे ना हों, बल्कि स्टार्ट अप्स की तरह चुस्त भी हो और दुरुस्त भी होने चाहिए। इसलिए हमने Global Housing Technology Challenge का आयोजन किया और दुनियाभर की अग्रणी कंपनियों को हिन्दुस्तान में निमंत्रित किया। मुझे खुशी है कि दुनिया भर की 50 से ज्यादा Innovative Construction Technologies ने इस समारोह में हिस्सा लिया, स्पर्धा में हिस्सा लिया। इस ग्लोबल चैलेंज से हमें नई टेक्नॉलॉजी को लेकर Innovate और incubate करने का स्कोप मिला है। इसी प्रक्रिया के अगले चरण में अब आज से अलग-अलग साइट्स पर 6 लाइट हाउस प्रोजेक्ट्स का काम शुरू हो रहा है। ये लाइट हाउस प्रोजेक्ट्स आधुनिक टेक्नॉलॉजी और Innovative Processes से बनेंगे। इससे कंस्ट्रक्शन का टाइम कम होगा और गरीबों को ज्यादा resilient, affordable और comfortable घर तैयार होंगे। जो एक्सपर्ट्स हैं उन्हें तो इसके बारे में पता है लेकिन देशवासियों को भी इनके बारे में जानना जरूरी है। क्योंकि आज ये टेक्नोलॉजी एक शहर में इस्तेमाल हो रही है, कल को इन्हीं का विस्तार पूरे देश में किया जा सकता है।

साथियों,

इंदौर में जो घर बन रहे हैं वो उनमें ईंट और गारे की दीवारें नहीं होंगी, बल्कि Pre-fabricated Sandwich Panel system इसमें इस्तेमाल होगा। राजकोट में टनल के ज़रिए Monolithic Concrete Construction इस टेक्नॉलॉजी का उपयोग करेंगे। फ्रांस की इस टेक्नॉलॉजी से हमें गति भी मिलेगी और घर आपदाओं को झेलने में ज्यादा सक्षम भी बनेगा। चेन्नई में अमेरिका और फिनलैंड की Precast Concrete system का उपयोग करेंगे जिससे घर तेज़ी से भी बनेगा और सस्ता भी होगा। रांची में जर्मनी के 3D construction system से घर बनाएंगे। इसमें हर कमरा अलग से बनेगा और फिर पूरे स्ट्रक्चर को वैसे ही जोड़ा जाएगा जैसे Lego Blocks के खिलौनों को जोड़ते हैं। अगरतला में न्यूजीलैंड की steel frames से जुड़ी टेक्नॉलॉजी से घर बनाए जा रहे हैं। जहां भूकंप का खतरा ज्यादा होता है, वहां ऐसे घर बेहतर होते हैं। लखनऊ में कैनेडा की टेक्नॉलॉजी Use कर रहे हैं, जिसमें प्लस्तर और पेंट की ज़रूरत नहीं पड़ेगी और इसमें पहले से तैयार पूरी दीवारों का उपयोग किया जाएगा। इससे घर और तेज़ी से बनेंगे। हर लोकेशन पर 12 महीनों में हज़ार घर बनाए जाएंगे। एक साल में हजार घर। इसका मतलब ये हुआ कि प्रतिदिन ढाई से तीन घर बनाने की एवरेज आएगी। एक महीने में करीब-करीब नब्बह सौ मकान बनेंगे और साल भर में एक हजार मकान बनाने का लक्ष्य है। अगली 26 जनवरी के पहले इस काम में ये सफलता पाने का इरादा है।

साथियों,

ये प्रोजेक्ट्स एक प्रकार से incubation centres ही होंगे। जिससे हमारे planners, architects, engineers और students सीख पाएंगे और नई टेक्नॉलॉजी का एक्सपेरिमेंट कर पाएंगे। मैं देशभर की इस प्रकार की सभी यूनिवर्सिटी से आग्रह करता हूं। सभी इंजीनियरिेंग कॉलेज से आग्रह करता हूं कि इस फिल्ड में जुड़े हुए आपके प्रोफेसर्स, आपकी फैक्ल्टी, आपके स्टूडेंटस दस-दस, पन्द्रह- पन्द्रह के ग्रुप बनाएं, एक-एक वीक के लिए इन 6 साईट पर रहने के लिए चले जाएं, पूरी तरह उसका अध्ययन करें, वहां की सरकारें भी उनकी मदद करें और एक प्रकार से देशभर की हमारे यूनिवर्सिटी के लोग ये जो Pilot Projects हो रहे हैं। एक प्रकार से incubators हो रहे हैं। वहां जाकर के टेक्नॉलॉजी और में ये चाहुंगा कि हमें आंख बंद करके किसी टेक्नॉलॉजी को Adopt करने की जरूरत नहीं है। हम देखें और फिर हमारे देश की जरूरत के हिसाब से, हमारे देश के संसाधनों के हिसाब से, हमारे देश की requirement के हिसाब से हम इस टेक्नॉलॉजी का shape बदल सकते हैं क्या? उसकी Activity बदल सकते हैं क्या? उसके Performance level को बदल सकते हैं क्या? मैं पक्का मानता हूं हमारे देश के नौजवान ये देखेंगे उसमें जरूर Value edition करेंगे, कुछ नयापन जोड़ेंगे और सचमुच में देश एक नई दिशा में तेज गति से आगे बढ़ेगा। इसी के साथ-साथ घर बनाने से जुड़े लोगों को नई टेक्नॉलॉजी से जुड़ी स्किल अपग्रेड करने के लिए सर्टिफिकेट कोर्स भी शुरु किया जा रहा है। ये बहुत बड़ा काम है। हमनें इसके साथ Human resource Development, Skill Development इसको simultaneous शुरू किया है। ऑनलाइन आप पढ़ सकते हैं। इस नई टेक्नॉलॉजी को समझ सकते हैं। अब exam देकर के certificate प्राप्त कर सकते हैं। ये इसलिए किया जा रहा है ताकि देशवासियों को घर निर्माण में दुनिया की बेस्ट टेक्नॉलॉजी और मटीरियल मिल सके।

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साथियों,

देश में ही आधुनिक हाउसिंग टेक्नॉलॉजी से जुड़ी रिसर्च और स्टार्टअप्स को प्रमोट करने के लिए ASHA-India प्रोग्राम चलाया जा रहा है। इसके माध्यम से भारत में ही 21वीं सदी के घरों के निर्माण की नई और सस्ती टेक्नॉलॉजी विकसित की जाएगी। इस अभियान के तहत 5 सर्वश्रेष्ठ तकनीकों का चयन भी किया गया है। अभी मुझे बेहतरीन कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी पर आधारित किताब और ऑनलाइन सर्टिफिकेट कोर्स- नवरीति से जुड़ी पुस्तक के विमोचन का भी अवसर मिला है।इनसे जुड़े सभी साथियों को भी एक प्रकार से हॉलिस्टिक एप्रोच के लिए मैं सभी साथियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

शहर में रहने वाले गरीब हों या फिर मध्यम वर्ग के लोग, इन सबका एक सबसे बड़ा सपना क्या होता है? हर किसी का सपना होता है- अपना घर। किसी को भी पूछो उसके मन में होता है कि घर बनाना है। बच्चों की जिंदगी अच्छी चली जाएगी। वो घर जिसमें उनकी खुशियां जुड़ी होती हैं, सुख-दुःख जुड़े होते हैं, बच्चों की परवरिश जुड़ी होती है, मुश्किल के समय एक गारंटी भी जुड़ी होती है कि चलो कुछ नहीं है तो ये अपना घर तो है ही है। लेकिन बीते वर्षों में अपने घर को लेकर, लोगों का भरोसा टूटता जा रहा था। जीवनभर की पूंजी लगाकर घर खरीद तो लिया, पैसे तो जमा कर दिए लेकिन घर कागज पर ही रहता था, घर मिल जाएगा, इसका भरोसा नहीं रह गया था। कमाई होने के बावजूद भी, अपनी जरूरत भर का घर खरीद पाएंगे, इसका भरोसा भी डगमगा गया था। वजह- क्योंकि कीमतें इतनी ज्यादा हो गई थीं ! एक और भरोसा जो टूट गया था वो ये कि क्या कानून हमारा साथ देगा कि नहीं देगा? अगर बिल्डर के साथ कोई झगड़ा हो गया, मुसीबत आ गई तो ये भी क चिंता का विषय था। हाउसिंग सेक्टर की ये स्थिति हो गई थी कि किसी गड़बड़ी की स्थिति में सामान्य व्यक्ति को ये भरोसा ही नहीं था कि कानून उसके साथ खड़ा होगा।

साथियों,

इन सबसे वो किसी तरह निपटकर आगे बढ़ना भी चाहता था, तो बैंक की ऊंची ब्याज, कर्ज मिलने में होने वाली मुश्किलें, उसके इन सपनों को फिर एक बार नीचे पस्त कर देती थीं। आज मुझे संतोष है कि बीते 6 वर्षों में देश में जो कदम उठाए गए हैं, उसने एक सामान्य मानवी का, खासकर के मेहनतकश मध्यमवर्गीय परिवार का ये भरोसा लौटाया है कि उसका भी अपना घर हो सकता है। अपना मालिकी का घर हो सकता है। अब देश का फोकस है गरीब और मध्यम वर्ग की जरूरतों पर, अब देश ने प्राथमिकता दी है शहर में रहने वाले लोगों की संवेदनाओं को, उनकी भावनाओं को।प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरों में बहुत ही कम समय में लाखों घर बनाकर दिए जा चुके हैं। लाखों घरों के निर्माण का काम जारी भी है।

साथियों,

अगर हम पीएम आवास योजना के तहत बनाए गए लाखों घरों के काम पर नज़र डालें तो, उसमें Innovation और Implementation, दोनों पर फोकस मिलेगा। Building material में स्थानीय ज़रूरतों और घर के मालिक की अपेक्षाओं के अनुसार Innovation नजर आएगा। घर के साथ-साथ दूसरी योजनाओं को भी एक पैकेज के रूप में इससे जोड़ा गया है। इससे जो गरीब को घर मिल रहा है उसमें पानी, बिजली, गैस, ऐसी जो उसकी आवश्यक सुविधाएं हैं ऐसी अनेक सुविधाएं सुनिश्चित की जा रही हैं। इतना ही नहीं, पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए हर घर की जीओ-टैगिंग की जा रही है, जीओ-टैगिंग के कारण हर चीज का पता चलता है। इसमें भी टेक्नोलॉजी का पूरा इस्तेमाल किया जा रहा है। घर निर्माण के हर स्टेज की तस्वीर वेबसाइट पर अपलोड करनी पड़ती है। घर बनाने के लिए जो सरकारी मदद है, वो सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाती है। और मैं राज्यों का भी आभार व्यक्त करूंगा क्योंकि इसमें वो भी बहुत सक्रियता से साथ चल रहे हैं। आज कई राज्यों को इसके लिए सम्मानित करने का भी मुझे सौभाग्य मिला है। मैं इन राज्यों को, जो विजयी हुए हैं, जो आगे बढ़ने के लिए मैंदान में आएं हैं उन सभी राज्यों को विशेष रूप से बधाई देता हूं।

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साथियों,

सरकार के प्रयासों का बहुत बड़ा लाभ शहरों में रहने वाले मध्यम वर्ग को हो रहा है। मध्यम वर्ग को अपने पहले घर के लिए एक तय राशि के होमलोन पर ब्याज़ में छूट दी जा रही है। अभी कोरोना संकट के दौरान भी सरकार ने होम लोन पर ब्याज में छूट की विशेष योजना शुरू की। मध्यम वर्ग के साथियों के जो घर बरसों से अधूरे पड़े थे, उनके लिए 25 हजार करोड़ रुपए का विशेष फंड भी बनाया गया है।

साथियों,

इन सारे फैसलों के साथ ही, लोगों के पास अब RERA जैसे कानून की शक्ति भी है। RERA ने लोगों में ये भरोसा लौटाया है कि जिस प्रोजेक्ट में वो पैसा लगा रहे हैं, वो पूरा होगा, उनका घर अब फंसेगा नहीं। आज देश में लगभग 60 हजार रीयल एस्टेट प्रोजेक्ट्स रेरा के तहत रजिस्टर्ड हैं। इस कानून के तहत हजारों शिकायतों का निपटारा किया जा चुका है, यानि हजारों परिवारों को उनका घर मिलने में मदद मिली है।

साथियों,

Housing for all, यानी सबके लिए घर, इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जो चौतरफा काम किया जा रहा है, वो करोड़ों गरीबों और मध्यमवर्ग परिवारों के जीवन में बड़े परिवर्तन ला रहा है। ये घर गरीबों के आत्मविश्वास को बढ़ा रहे हैं। ये घर देश के युवाओं के सामर्थ्य को बढ़ा रहे हैं।इन घरों की चाबी से कई द्वार एक साथ खुल रहे हैं। जब किसी को घर की चाबी मिलती है न तब वो दरवाजा या चार दीवार इतना तक नहीं होता है। जब घर की चाबी हाथ आती है। तो एक सम्मानपूर्ण जीवन का द्वार खुल जाता है, एक सुरक्षित भविष्य का द्वार खुलता है, जब घर के मकान के मालिकी का हक आ जाता है, चाबी मिलती है तब बचत का भी द्वार खुलता है, अपने जीवन के विस्तार का द्वार खुलता है, पांच-पच्चीस लोगों के बीच में, समाज में, ज्ञाति में, बिरादरी में एक नई पहचान का द्वार खुल जाता है। एक सम्मान का भाव लौट आता है। आत्मविश्वास पनपता है। ये चाबी, लोगों के विकास का, उनकी प्रगति का द्वार भी खोल रही है। इतना ही नहीं, ये चाबी भले ही दरवाजे की चाबी होगी लेकिन वो दिमाग के भी वो ताले खोल देती है। जो नए सपने संजोने लग जाता है। नए संकल्प की ओर बढ़ चलता है और जीवन में कुछ करने के सपने नए तरीके से बुनने लग जाता है। इस चाबी की इतनी ताकत होती है।

साथियों,

पिछले साल कोरोना संकट के दौरान ही एक और बड़ा कदम भी उठाया गया है। ये कदम है- अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स योजना।इस योजना का लक्ष्य हमारे वो श्रमिक साथी हैं, जो एक राज्य से दूसरे राज्य में या फिर गांव से शहर आते हैं। कोरोना के पहले तो हमने देखा था कि कुछ जगह से अन्य राज्य से आए लोगों के लिए अनाप-शनाप कभी-कभी बातें बोली जाती थी। उनको अपमानित किया जाता था। लेकिन कोरोना के समय सारे मजदूर अपने-अपने यहां वापिस गए तो बाकियों को पता चला कि इनके बिना जिंदगी जीना कितना मुश्किल है। कारोबार चलाना कितना मुश्किल है। उद्योग धंधे चलाना कितना मुश्किल है और हाथ-पैर जोड़कर के लोग लगे वापिस आओ- वापिस आओ। कोरोना ने हमारे श्रमिकों के सामर्थ्य के सम्मान को जो लोग स्वीकार नहीं करते थे। उनकों स्वीकार करने के लिए मजबूर कर दिया। हमने देखा है कि शहरों में हमारे श्रमिक बंधुओ को उचित किराए पर मकान उपलब्ध नहीं हो पाते। इसके कारण छोटे-छोटे कमरों में बड़ी संख्या में श्रमिकों को रहना पड़ता है। इन जगहों पर पानी-बिजली, टॉयलेट से लेकर अस्वच्छता ऐसी अनेक समस्याएं भरी पड़ी रहती है। राष्ट्र की सेवा में अपना श्रम लगाने वाले ये सभी साथी गरिमा के साथ जीवन जिएं, ये भी हम सभी देशवासियों का दायित्व है। इसी सोच के साथ सरकार, उद्योगों के साथ और दूसरे निवेशकों के साथ मिलकर उचित किराए वाले घरों का निर्माण करने पर बल दे रही है। कोशिश ये भी है कि ये आवास उसी इलाके में हों जहां वो काम करते हैं।

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साथियों,

रियल एस्टेट सेक्टर को प्रोत्साहित करने के लिए भी निरंतर निर्णय लिए जा रहे हैं। खरीदारों में उत्साह बढ़ाने के लिए घरों पर लगने वाले टैक्स को भी बहुत कम किया जा रहा है। सस्ते घरों पर जो टैक्स पहले 8 परसेंट लगा करता था, वो अब सिर्फ 1 परसेंट है। वहीं सामान्य घरों पर लगने वाले 12 परसेंट टैक्स की जगह अब सिर्फ 5 प्रतिशत GST लिया जा रहा है। सरकार ने इस सेक्टर को इंफ्रास्ट्रक्चर की भी मान्यता दी है ताकि उन्हें सस्ती दरों पर कर्ज मिल सके।

साथियों,

बीते सालों में जो रिफॉर्म्स किए गए हैं, उसमें Construction Permit को लेकर तीन साल में ही हमारी रैंकिंग 185 से सीधे 27 पर पहुंची है। कंस्ट्रक्शन से जुड़ी परमिशन के लिए ऑनलाइन व्यवस्था का विस्तार भी 2 हज़ार से ज्यादा शहरों में हो चुका है।अब इस नए साल में इसको देशभर के सभी शहरों में लागू करने के लिए हम सभी को मिलकर काम करना है।

साथियों,

Infrastructure और construction पर होने वाला निवेश, और विशेषकर हाउसिंग सेक्टर पर किया जा रहा खर्च, अर्थव्यवस्था में force-multiplier का काम करता है। इतनी बड़ी मात्रा में स्टील का लगना, सीमेंट का लगना, कंस्ट्रक्शन मटीरियल का लगना, पूरे सेक्टर को गति देता है। इससे डिमांड तो बढ़ती ही है, रोजगार के भी नए अवसर बनते हैं। देश का रियल एस्टेट सेक्टर निरंतर मज़बूत हो, इसके लिए सरकार की कोशिश लगातार जारी है। मुझे विश्वास है कि Housing for All का सपना जरूर पूरा होगा। गांवों में भी इन वर्षों में 2 करोड़ घर बनाए जा चुके हैं। इस वर्ष हमें गांवों में बन रहे घरों में भी और तेजी लानी है। शहरों में इस नई टेक्नॉलॉजी के विस्तार से भी घरों के निर्माण और डिलिवरी, दोनों में ही तेजी आएगी। अपने देश को तेज गति से आगे बढ़ाने के लिए हम सभी को तेज गति से चलना ही होगा, मिलकर के चलना होगा। निर्धारित दिशा में चलना होगा। लक्ष्य को ओझल होने देना नहीं है और चलते रहना है और इसके लिए तेज गति से फैसले भी लेने ही होंगे। इसी संकल्प के साथ मैं आज आप सबको इस 6 लाईट हाउस एक प्रकार से हमारे नई पीढ़ी को, हमारे टेकनॉलॉजी और इंजीनियरिंग के विद्यर्थियों के लिए ये सबसे ज्यादा उपयोगी हो ये मेरी इच्छा रहेगी। मैं चाहुंगा सभी यूनिवर्सिटीज को, मैं चाहुंगा सभी कॉलेजेस को इस प्रकार के जो महत्वपूर्ण प्रोजेक्टस होते हैं उसका अध्ययन करना चाहिए। जाकर के देखना चाहिए कि कैसे हो रहा है। टेक्नॉलॉजी का उपयोग कैसे होता है। हिसाब-किताब कैसे लगाया जाता है। ये अपने आप में शिक्षा का बहुत बड़ा एक दायरा बन जाएगा और इसलिए मैं देश के सभी युवा इंजीनियरों को टेक्निशियनों को विशेष रूप से निमंत्रण देता हूं। इस लाईट हाउस से जितनी लाईट वो ले सकते हैं लें और अपनी लाईट जितनी उसमें डाल सकते हैं डालें, अपने दिमाग की लाईट जितनी लगा सकते हैं लगाएं। आप सबको इस नववर्ष की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। इस छह लाईट हाउस के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

बहुत-बहुत धन्यवाद !

  • krishangopal sharma Bjp January 09, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌷 🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
  • krishangopal sharma Bjp January 09, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌷 🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
  • krishangopal sharma Bjp January 09, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌷 🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
  • krishangopal sharma Bjp January 09, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌷 🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
  • krishangopal sharma Bjp January 09, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌷 🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
  • Reena chaurasia August 28, 2024

    बीजेपी
  • Vikash Kumar August 26, 2024

    padi koi lagu nahin ho raha hai nahin rahata hai chalne ke liye nahin dhang se gali Kochi mein chalna padta hai Modi Sarkar ko Dhyan Dena chahie Aisa kam per main UN logon ko raja banaya yah mere log ko help kijiega Modi Sarkar koi chij ke Labh nahin mil raha hai na mukhiya Sunaina Modi Sarkar please
  • Vikash Kumar August 26, 2024

    Modi Sarkar se request hai mera lok ko help Karen main log Garib Parivar se vilamb karta hun Bihar Muzaffarpur district Bandra prakhand Vikas Kumar
  • Mahendra singh Solanki Loksabha Sansad Dewas Shajapur mp November 08, 2023

    नमो नमो नमो नमो नमो नमो
  • Laxman singh Rana July 29, 2022

    नमो नमो 🇮🇳🙏
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