प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में लगभग 620 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
बीते 6 सालों से बनारस में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी अभूतपूर्व काम हुआ है। आज काशी यूपी ही नहीं, बल्कि एक तरह से पूरे पूर्वांचल के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं का हब बनता जा रहा है : पीएम
मेरा आग्रह है कि वोकल फॉर लोकल के साथ ही #Local4Diwali को भी खूब प्रमोट करें। देश के लोग जो पसीना बहा रहे हैं, कुछ न कुछ नया कर रहे हैं, उनका हाथ थामना हम सबका दायित्व है : प्रधानमंत्री

अभी आप सभी साथियों से मुझे बात करने का मौका मिला, जरा मुझे अच्‍छा लगा और शहर में विकास के जो काम हो रहे हैं, जो निर्णय सरकार ने लिए हैं, उनका लाभ बनारस के लोगों को भी हो रहा है। और ये सब कुछ हो रहा है, तो इसके पीछे बाबा विश्वनाथ का ही आशीर्वाद है और इसलिए जब मैं आज भले वर्चुअली यहां आया हूं लेकिन जो हमारी काशी की परम्‍परा है उस परम्‍परा को निभाए बिना हम आगे नहीं जा सकते हैं। इसलिए अभी जो भी मेरे साथ कार्यक्रम में जुड़े हैं, हम सभी एक साथ बोलेंगे - हर हर महादेव ! धनतेरस, दीपावली, अन्नकूट, गोवर्धन पूजा अऊर डाला छठ क आप सब लोगन के बहुत बधाई हौ ! माता अन्नपूर्णा आप सबके धन धान्य से समृद्ध करैं ! हमार कामना हौ कि बाजारन में रौनक और बढ़े। मेरी काशी की गलियॉ गुलजार हों और बनारसी साड़ियों का कारोबार भी चमके। कोरोना से लडते हुए भी हमार किसान भाईन खेती पर खूब ध्यान दिहलन। बनारस ही नहीं पूरे पूर्वांचल में एह बार अगहनी फसल अच्छी हौ, इ की खबर मिलल हौ। किसानन का परिश्रम स्वत: के लिए नाहिं बल्कि पूरे देश के काम आवैला। आप अन्न देवता लोगन का बहुत अभिनंदन हौ। कार्यक्रम में मेरे साथ जुड़े उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्रीमान् योगी आदित्यनाथ जी, उप-मुख्‍यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य जी, यूपी सरकार के मंत्रीगण, विधायकगण, बनारस के सभी चुने हुए जनप्रतिधिगण, बनारस के मेरे प्यारे प्रिय भाइयों और बहनों !

महादेव के आशीर्वाद से काशी कभी थमती नहीं है। माँ गंगा की तरह निरंतर आगे बढ़ती रहती है। कोरोना के कठिन काल में भी काशी अपने इसी स्वरूप में आगे बढ़ती रही। कोरोना के खिलाफ बनारस ने जिस जीवटता से लड़ाई लड़ी है, इस मुश्किल समय में जिस सामाजिक एकजुटता का परिचय दिया है, वो सच-मुच में बहुत ही प्रशंसनीय है। अब आज इसी कड़ी में बनारस के विकास से जुड़े हजारों करोड़ रुपए की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हो रहा है। वैसे ये भी महादेव का आशीर्वाद ही है जब भी काशी के लिए कुछ नए कार्यों की शुरुआत होती है, पुराने कई संकल्प सिद्ध हो चुके होते हैं। यानी, एक तरफ शिलान्यास, तो दूसरी तरफ लोकार्पण। आज भी लगभग 220 करोड़ रुपए की 16 योजनाओं के लोकार्पण के साथ-साथ करीब 400 करोड़ रुपए की 14 योजनाओं पर काम शुरू हुआ है। मैं सभी विकास कार्यों के लिए बनारस के लोगों को बहुत बधाई देता हूँ। काशी में, उत्तर प्रदेश में, बिना रुके, बिना थके, चल रहे इन विकास कार्यों का श्रेय मुख्यमंत्री श्रीमान् योगी आदित्यनाथ जी और उनकी पूरी टीम को – मंत्री परिषद के सदस्‍यों को, चुने हुए जनप्रतिनिधियों को, सरकारी मशीनरी के साथ जुड़े हुए सभी मुलाजिम को इन सब को इस सफलता के लिए पूरा का पूरा श्रेय जाता है। योगी जी और उनकी टीम को जनसेवा के इस एकनिष्ठ प्रयासों के लिए बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं।

साथियों,

बनारस में शहर व देहात के इ विकास योजना में पर्यटन भी हौ, संस्कृति भी अऊर सडक, बिजली, पानी भी। हरदम प्रयास यही होला कि आपन काशी के हर शख्स के भावनाओं के अनुरुप ही विकास क पहिया आगे बढै। इसलिए, ये विकास आज अपने आपमें इस बात का उदाहरण है कि बनारस कैसे एक साथ हर क्षेत्र में, हर दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। माँ गंगा की स्वच्छता से लेकर स्वास्थ्य सेवाओं तक रोड और इनफ्रास्ट्रक्चर से लेकर पर्यटन तक, बिजली से लेकर युवाओं के लिए खेलकूद तक, और किसान से लेकर गाँव-गरीब तक, हर क्षेत्र में बनारस विकास की नई गति प्राप्त किए हुए है। आज गंगा एक्शन प्लान प्रोजेक्ट के तहत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के renovation का काम पूरा हो चुका है। साथ ही, शाही नाला से अतिरिक्त सीवेज गंगा में गिरने से रोकने के लिए diversion line का शिलान्यास भी कर दिया गया है। 35 करोड़ से अधिक की लागत से खिड़किया घाट को भी सजाया संवारा जा रहा है। यहां सीएनजी से नांव भी चलेंगी जिससे गंगा में प्रदूषण भी कम होगा। इसी तरह दशाश्वमेध घाट पर टूरिस्ट प्लाज़ा भी आने वाले दिनों में पर्यटकों की सुविधा और आकर्षण का केंद्र बनेगा। इससे घाट की सुंदरता भी बढ़ेगी, व्यवस्था भी बढ़ेगी। जो स्थानीय छोटे छोटे व्यापार हैं, ये प्लाज़ा बनने से उनकी भी सुविधा और ग्राहक बढ़ेंगे।

साथियों,

मां गंगा को लेकर ये प्रयास, ये प्रतिबद्धता काशी का संकल्प भी है, और काशी के लिए नई संभावनाओं का रास्ता भी यही है। धीऱे-धीरे यहां के घाटों की तस्वीर बदल रही है। कोरोना का प्रभाव कम होने पर जब पर्यटकों की संख्या और बढ़ेगी, तो वो बनारस की और सुंदर छवि लेकर यहां से जाएंगे। गंगा घाटों की स्वच्छता और सुंदरीकरण के साथ-साथ सारनाथ भी नए रंगरूप में निखर रहा है। आज जिस लाइट एंड साउंड प्रोग्राम का लोकार्पण किया गया है, उससे सारनाथ की भव्यता और अधिक बढ़ जाएगी।

भाइयों और बहनों,

काशी की एक बड़ी समस्या यहां लटकते बिजली के तारों के जाल की रही है। आज काशी का बड़ा क्षेत्र बिजली के तारों के जाल से भी मुक्त हो रहा है। तारों को अंडरग्राउंड करने का एक और चरण, आज पूरा हो चुका है। कैंट स्टेशन से लहुराबीर, भोजूबीर से महाबीर मंदिर, कचहरी चौराहा से भोजूबीर तिराहा, ऐसे 7 रूट्स पर भी बिजली के तारों से अब छुटकारा मिल गया है। इतना ही नहीं, स्मार्ट LED lights से गलियों में रोशनी और सुंदरता भी फैलेगी।

साथियों,

बनारस की कनेक्टिविटी हमेशा से हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। काशीवासियों का और काशी आने वाले हर पर्यटक, हर श्रद्धालु का समय सड़क जाम में न व्यर्थ हो, इसके लिए नए इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया जा रहा है। बनारस में आज एयरपोर्ट पर सुविधाएं बढ़ रही हैं। बाबतपुर से शहर को कनेक्ट करने वाली सड़क भी अब बनारस की नई पहचान बनी है। आज एयरपोर्ट पर दो Passenger Boarding Bridge का लोकार्पण होने के बाद इन सुविधाओं का और विस्तार होगा। ये विस्तार इसलिए भी जरूरी है क्योंकि 6 वर्ष पहले यानि आपने मुझे आपकी सेवा करने का अवसर दिया उसके पहले बनारस में हर दिन 12 फ्लाइट्स चलती थीं, आज इससे 4 गुणा यानि 48 फ्लाइट्स चलती हैं। यानि बनारस में सुविधाएं बढ़ती देख, बनारस आने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ रही है।

भाइयों और बहनों,

बनारस में तैयार हो रहा आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, यहां रहने वाले और यहां आने वाले, दोनों ही तरह के लोगों का जीवन आसान बना रहे हैं। एयरपोर्ट से जुड़ी कनेक्टिविटी के साथ-साथ रिंग रोड हो, महमूरगंज-मण्डुवाडीह फ्लाई ओवर हो, एनएच-56 का चौड़ीकरण हो, बनारस आज रोड इनफ्रास्ट्रक्चर का भी कायाकल्प होते देख रहा है। शहर के भीतर और आस पास के इलाकों में भी सड़कों की तस्वीर बदली है। आज भी वाराणसी के अलग-अलग क्षेत्रों के लिए सड़क निर्माण कार्यों का काम शुरू हुआ है। नेशनल हाईवे, फुलवरिया-

लहरतारा मार्ग, वरूणानदी और 3 पुल और कई सड़कों का निर्माण, ऐसे कितने ही काम हैं जो आने वाले समय में बहुत जल्‍दी पूरे होने वाले हैं। Roadways के इस नेटवर्क के साथ साथ बनारस अब waterways की connectivity में भी एक मॉडल बन रहा है। हमारे बनारस में आज देश का पहला इनलैण्ड वाटर पोर्ट बन चुका है।

भाइयों और बहनों,

बीते 6 सालों से बनारस में Health Infrastructure पर भी अभूतपूर्व काम हुआ है। आज काशी यूपी ही नहीं, बल्कि एक तरह से पूरे पूर्वांचल के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं का हब बनता जा रहा है। आज रामनगर में लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल के modernization से जुड़े कामों के लोकार्पण से काशी की इस भूमिका का विस्तार हुआ है। रामनगर के अस्पताल में अब Mechanised Laundry, व्यवस्थित रजिस्ट्रेशन काउंटर और कर्मचारियों के लिए आवासीय परिसर जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। होमी भाभा कैंसर हास्पिटल और पंडित महामना मालवीय कैंसर हास्पिटल जैसे बड़े कैंसर इंस्टीट्यूट यहां पहले से ही सेवाएं दे रहे हैं। इसी तरह ESIC अस्पताल और BHU Super Specialty Hospital भी यहां गरीब से गरीब साथियों को, गर्भवती महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दे रहे हैं।

साथियों,

बनारस में आज जो ये चौतरफा विकास हो रहा है, हर सेक्टर में विकास हो रहा है, उसका पूर्वांचल सहित पूरे पूर्वी भारत को लाभ हो रहा है। अब पूर्वांचल के लोगों को छोटी-छोटी ज़रूरतों के लिए दिल्ली और मुंबई के चक्कर नहीं लगाने पड़ते। बनारस और पूर्वांचल के किसानों के लिए तो स्टोरेज से लेकर ट्रांसपोर्ट तक की अनेक सुविधाएं बीते सालों में यहां तैयार की गई हैं। International Rice Institute का Center हो, Milk Processing Plant हो, Perishable Cargo Center का निर्माण हो, ऐसी अनेक सुविधाओं से यहां के किसानों को बहुत लाभ हो रहा है। ये भी हमारे लिए गर्व की बात है कि इस साल पहली बार वाराणसी क्षेत्र से फल, सब्जी और धान को विदेश के लिए निर्यात किया गया है। किसानों के लिए बनी स्टोरेज सुविधाओं को विस्तार देते हुए आज कपसेठी में 100 मीट्रिक टन स्टोरेज क्षमता वाले गोदाम का लोकार्पण भी किया गया है। इसके अलावा जंसा में भी multi-purpose बीज गोदाम और डिस्सेमिनेशन सेंटर बनाया गया है।

भाइयों और बहनों,

गाँव-गरीब और किसान आत्मनिर्भर भारत अभियान के सबसे बड़े स्तंभ भी है और सबसे बड़े लाभार्थी भी हैं। हाल में जो कृषि सुधार हुए हैं, उनसे किसानों को सीधा लाभ होने वाला है, बाजार से उनकी सीधी कनेक्टिविटी सुनिश्चित होने वाली है। किसानों के नाम पर, किसानों की मेहनत को हड़प जाने वाले बिचौलियों और दलालों को अब सिस्टम से बाहर किया जा रहा है। इसका सीधा लाभ उत्तर प्रदेश के, पूर्वांचल के, बनारस के हर किसानों को होने वाला है।

साथियों,

किसान की तरह ही रेहड़ी-पटरी, ठेला चलाने वाले साथियों के लिए भी एक बहुत ही महत्‍वाकांक्षी योजना शुरू की गई है। आज प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के जरिए रेहड़ी पटरी वाले भाई बहनों को आसान लोन मिल रहा है। कोरोना के कारण इनको जो दिक्कतें आईं, वो दूर हो सकें, उनका काम फिर से शुरू हो सके, इसके लिए उन्हें 10 हजार रुपए की लोन सहायता दी जा रही है। इसी तरह, गांव में रहने वाले लोगों को, गांव की जमीन, गांव के घर का, कानूनी अधिकार देने के लिए 'स्वामित्व योजना' शुरू की गई है। गाँवों में घर मकान को लेकर जो विवाद होते थे, कभी-कभी तो मार-काट हो जाती थी। कभी अगर गांव से शादी-ब्‍याह में गए वापस आते थे तो कोई और कब्‍जा कर लेता था। इन सारी समस्‍याओं से मुक्ति के लिए ये स्‍वामित्‍व योजना से मिले प्रॉपर्टी कार्ड के बाद, इस प्रकार की मुसीबतों की गुंजाइश नहीं रह जाएगी। अब गाँव के घर या जमीन पर ये प्रापर्टी कार्ड आपके पास होने के कारण बैंक से ऋण मिलना भी आसान होगा। साथ ही जमीन पर अवैध कब्जेदारी का खेल भी खत्म हो जाएगा। पूर्वांचल को, बनारस को इन योजनाओं का बहुत बड़ा लाभ मिलने वाला है।

साथियों,

हमारे शास्त्रों में कहा गया है- 'काश्याम् हि काशते काशी, काशी सर्व प्रकाशिका'। अर्थात, काशी को काशी ही प्रकाशित करती है और काशी सभी को प्रकाशित करती है। इसलिए, आज विकास का जो प्रकाश फैल रहा है, जो बदलाव हो रहा है, ये सब काशी और काशीवासियों के आशीर्वाद का ही परिणाम है। काशी के आशीर्वाद से ही साक्षात महादेव का आशीर्वाद है, और जब महादेव का आशीर्वाद है तो बड़े से बड़ा काम भी आसान हो जाता है। मुझे विश्वास है कि काशी के आशीर्वाद से विकास की ये गंगा ऐसे ही कलकल करती रहेगी, अविरल बहती रहेगी। इन्हीं शुभकामनाओं के साथ, आप सभी को एक बार फिर दीपावली, गोवर्धन पूजा और भइया द्वीज की हार्दिक बधाई। और मेरा आपसे एक आग्रह और भी है।

आजकल आप देख रहे हैं, 'लोकल के लिए वोकल' ‘वोकल फॉर लोकल’ इसके साथ ही, 'लोकल फॉर दीवाली' इसके मंत्र की गूंज चारों तरफ सुनाई देने लगी है। मेरा बनारस के लोगों से भी और देशवासियों से भी मेरा कहना है कि लोकल फॉर दीवाली को खूब प्रमोट करें, खूब प्रचार करें। कितने शानदार हैं, किस तरह हमारी पहचान हैं, तो ये बातें दूर-दूर तक जाएंगी। इससे स्थानीय पहचान तो मजबूत होगी ही, जो लोग इन सामानों को बनाते हैं, उनकी दीवाली भी और रोशन हो जाएगी। इसलिए मैं देशवासियों को दीवाली के पूर्व बार बार आग्रह करता हूं कि हम लोकल के लिए आग्रही बनें हर कोई वोकल बने लोकल के लिए, दीवाली बनाएं लोकल के साथ। आप देखिए पूरी अर्थव्‍यवस्‍था में एक नई चेतना आ जाएगी, नई जान आ जाएगी। वो चीजें जिसमें मेरे देशवासी के पसीने की महक हो, जो चीजें मेरे देश के नौजवानों की बुद्धिशक्ति का परिचायक हों, वो चीजें जो मेरे देश के अनेक परिवारों को नए उमंग और उत्‍साह के साथ नए संकल्‍प लेकर के अपने कार्य का विस्‍तार करने की ताकत देती है। उन सबके लिए एक हिन्‍दुस्‍तानी के नाते मेरे देशवासियों के प्रति मेरा कर्त्‍तव्‍य बनता है। मेरे देश की हर चीज के लिए मेरा कमिटमेंट बनता है।

आईए, इसी भावना के साथ लोकल के लिए वोकल बनें। दीवाली लोकल से बनाएं और सिर्फ दीएं नहीं वरना कुछ लोगों को तो लगता है लोकल मतलब दिया ले लो, नहीं भाई, हर चीज, हर चीज। कोई ऐसी चीज हो जो बिल्‍कुल हमारे देश में बनना संभव ही नहीं है, जरूर बाहर से लेना पड़ेगा। मैं यह भी कहूंगा कि आपके घर में बाहर से कोई चीज पहले लाई हुई है उसको फेंक दो, गंगाजी में बहा दो, जी नहीं, मैं ऐसे नहीं कहता। मैं इतना ही चाहता हूं मेरे देश के लोग जो पसीना बहा रहे है, मेरे देश के नौजवान जो अपने बुद्धि, शक्ति, सामर्थ्‍य से कुछ न कुछ नया करने की कोशिश कर रहे हैं उनकी उंगली पकड़ना हम सब का दायित्‍व बनता है, उनका हाथ पकड़ना हम सबका दायित्‍व बनता है।

उनकी चीजें लेते हैं उनका हौंसला बुलंद हो जाता है। आप देखिए, देखते ही देखते विश्‍वास से भरा हुआ एक नया पूरा वर्ग तैयार हो जाएगा जो हिन्‍दुस्‍तान को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए एक नई शक्ति के रूप में जुड़ जायेगा और इसलिए मैं आज फिर से एक बार मेरे काशीवासियों से जब बात कर रहा हूं तब, दिवाली की शुभकामनाओं के साथ-साथ काशी से जब मैंने मांगा, जो मांगा, काशी ने जी भर करके मुझे दिया है, खुले मन से दिया है लेकिन मैंने मेरे लिए न कभी मांगा है, न मुझे कोई जरूरत रहे ऐसा आपने कुछ बाकी नहीं रखा है लेकिन मैं काशी की हर जरूरत के लिए, काशी में निर्माण होने वाली हर चीज के लिए गीत गाता हूं, गौरव करता हूं, घर-घर बात पहुंचाने का प्रयास करता हूं। मेरे देश की हर चीज को यह मौका मिले यही मेरा आग्रह है। फिर एक बार मैं काशीवासियों को नमन करते हुए, काशी विश्‍वनाथ जी के चरणों में सर झुकाते हुए, काल भैरव को नमन करते हुए, माता अन्‍नपूर्णा को प्रणाम करते हुए आप सबको आने वाले सभी पर्वों की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

बहुत बहुत धन्यवाद!

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।