प्रधानमंत्री ने गिफ्ट सिटी में भारत का पहला अंतर्राष्ट्रीय बुलियन एक्सचेंज- आईआईबीएक्स का भी शुभारंभ किया
"भारत अब यूएसए, यूके और सिंगापुर जैसे दुनिया के उन देशों की कतार में खड़ा हो रहा है जहां से ग्लोबल फाइनेंस को दिशा दी जाती है"
"गिफ्ट सिटी की परिकल्पना में देश के आम आदमी की आकांक्षाएं शामिल हैं"
"गिफ्ट सिटी वेल्थ और विजडम, दोनों को सेलिब्रेट करता है"
"हमें इसके लिए ऐसे इंस्टीट्यूशंस चाहिए, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था में हमारे वर्तमान और भविष्य की भूमिका में योगदान दे सकें"
"आज इंटीग्रेशन हमारे सबसे महत्वपूर्ण एजेंडे में से एक है। हम एक ग्लोबल मार्केट और ग्लोबल सप्लाई चेन के साथ तेजी से जुड़ रहे हैं"
“एक ओर, हम स्थानीय कल्याण के लिए वैश्विक पूंजी ला रहे हैं। दूसरी ओर, हम वैश्विक कल्याण के लिए स्थानीय उत्पादकता का भी उपयोग कर रहे हैं”
"जब प्रौद्योगिकी, विज्ञान और सॉफ्टवेयर की बात आती है, तो भारत के पास बढ़त के साथ-साथ अनुभव भी है"
"आपका उद्देश्य विनियमन के क्षेत्र में अग्रणी बनना, कानून के शासन के लिए उच्च मानक निर्धारित करना और दुनिया के पसंदीदा मध्यस्थता केंद्र के रूप में उभरना होना चाहिए"

नमस्कार !

कार्यक्रम में उपस्थित गुजरात के मुख्यमंत्री श्रीमान भूपेन्द्र भाई, केन्‍द्रीय वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला जी, मंत्रिमंडल के मेरे अन्य साथी, बिज़नेस वर्ल्ड के सभी गणमान्य साथी, यहां उपस्थित अन्य सभी महानुभाव, देवियों और सज्जनों!

आज भारत के बढ़ते आर्थिक सामर्थ्य, भारत के बढ़ते तकनीकी सामर्थ्य और भारत पर विश्व के बढ़ते भरोसे के लिए ये दिवस बहुत महत्‍वपूर्ण है, एक अहम दिन है। ऐसे समय में जब भारत अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, आधुनिक होते भारत के नए संस्थान और नई व्यवस्थाएं, भारत का गौरव बढ़ा रही हैं।

आज गिफ्ट सिटी में, International Financial Services Centres Authority - IFSCA Headquarters Building का शिलान्यास किया गया है। मुझे विश्वास है, ये भवन अपने आर्किटैक्चर में जितना भव्य होगा, उतना ही भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने के असीमित अवसर भी खड़े करेगा। IFSCA एक enabler भी बनेगा, innovation को सपोर्ट करेगा, और इस सबके साथ growth opportunities के लिए एक catalyst का काम भी करेगा। गिफ्ट सिटी में NSE IFSC- SGX Connect की launching के जरिए आज ये शुरूआत हो रही है।

साथियों,

आज India International Bullion Exchange उसको भी launch किया गया है। New Development Bank के Indian regional office, 3 Foreign Banks, और 4 International Trade Financing Services Platforms, इन सबके साथ अनेक महत्वपूर्ण पड़ावों को आज हमने पार किया है। इनसे 130 करोड़ देशवासियों के सामर्थ्य को आधुनिक वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़ने में और मदद मिलेगी।

भारत अब USA, UK और सिंगापुर जैसे दुनिया के उन देशों की कतार में खड़ा हो रहा है जहां से ग्लोबल फाइनेंस को दिशा दी जाती है। मैं इस अवसर पर आप सभी को, और सभी देशवासियों को अनेक-अनेक बधाई देता हूँ। मैं विशेष रूप से सिंगापुर के अपने साथियों का भी अभिनंदन करता हूँ जिनके सहयोग से दोनों देशों के लिए संभावनाओं के आयाम खुल रहे हैं।

साथियों,

गुजरात में रहते हुए जब मैंने गिफ्ट सिटी की परिकल्पना की थी, तो वो केवल व्यापार-कारोबार या आर्थिक गतिविधियों तक सीमित नहीं था। गिफ्ट सिटी की परिकल्पना में देश के सामान्य मानवी की आकांक्षाएँ जुड़ी हैं। गिफ्ट सिटी में भारत के भविष्य का विज़न जुड़ा है, भारत के स्वर्णिम अतीत के सपने भी जुड़े हैं।

मुझे याद है, जनवरी 2013 में जब मैं ‘गिफ्ट वन’ के inauguration के लिए यहाँ आया था, तब लोग इसे गुजरात की सबसे ऊंची बिल्डिंग कहते थे। कई लोगों के लिए यही इसकी पहचान थी। लेकिन, गिफ्ट सिटी एक ऐसा आइडिया था, जो अपने समय से भी बहुत आगे था। आप याद करिए, 2008 में World economic crisis और recession का दौर था। भारत में भी दुर्भाग्‍य से वो समय policy paralysis का माहौल था। लेकिन, उस समय, यानी कल्‍पना कीजिए उस समय की दुनिया की स्थिति, उस समय गुजरात Fintech के क्षेत्र में नए और बड़े कदम बढ़ा रहा था। मुझे खुशी है कि वो idea आज इतना आगे बढ़ चुका है। गिफ्ट सिटी commerce और technology के हब के रूप में अपनी मजबूत पहचान बना रहा है। गिफ्ट सिटी wealth और wisdom, दोनों को celebrate करता है। मुझे ये देखकर भी अच्छा लगता है कि गिफ्ट सिटी के जरिए भारत, विश्व स्तर पर सर्विस सेक्टर में मजबूत दावेदारी के साथ आगे बढ़ रहा है।

साथियों,

गिफ्ट सिटी की एक और खास बात ये है कि ये tri-city approach का प्रमुख स्तंभ है। अहमदाबाद, गांधीनगर और गिफ्ट सिटी, तीनों एक दूसरे से सिर्फ 30 मिनट की दूरी पर हैं। और तीनों की ही अपनी एक विशेष पहचान है। अहमदाबाद, एक गौरवशाली इतिहास को अपने-आप में समेटे हुए है, गांधीनगर प्रशासन का केंद्र है, नीति और निर्णयों का मुख्‍य मथक है और गिफ्ट सिटी अर्थतंत्र का प्रमुख केंद्र है। यानी अगर आप इन तीनों में से किसी भी शहर में जाते हैं तो past, present या future से सिर्फ तीस मिनट की दूरी पर हैं।

साथियों,

गिफ्ट सिटी से जुड़े initiatives, ‘ease of doing business’ और ‘ease of living’ की दिशा में हमारे प्रयासों का हिस्सा भी हैं। हमें ये याद रखना होगा कि एक vibrant fintech सेक्टर का मतलब केवल easier business climate, reforms और regulations तक ही सीमित नहीं होता। ये अलग अलग क्षेत्रों में काम कर रहे professionals को एक बेहतर जीवन और नए अवसर देने का माध्यम भी है।

गिफ्ट सिटी एक ऐसी जगह बन रहा है, जहां से नए नए ideas निकल रहे हैं, wealth creation हो रहा है, और दुनिया के सबसे बेहतर minds आकर यहां सीख रहे हैं, grow कर रहे हैं। यानि गिफ्ट सिटी एक तरह से भारत के पुराने आर्थिक गौरव को प्राप्त करने का भी एक माध्यम बन रहा है। यहां इंडस्ट्री के जो दिग्गज हैं, वो जानते हैं कि भारत के लोग सैकड़ों वर्षों से व्यापार और व्यवसाय के लिए पूरी दुनिया में जाते रहे हैं। दुनिया का ऐसा शायद ही कोई हिस्सा हो जहां भारतीय न पहुंचे हों। भारतीय व्यापारी innovative financing techniques, उसका भी इस्तेमाल करते थे।

मैं जिस जगह से आता हूं, मेरा जो जन्‍म स्‍थान है - वडनगर, वहां खुदाई चल रही है और वहां भी खुदाई में प्राचीन काल के सिक्के मिल रहे हैं। ये इस बात का सबूत है कि हमारी व्यापारिक व्यवस्था और संबंध कितने व्यापक थे। लेकिन, आजादी के बाद हम खुद ही अपनी विरासत को, अपनी इस ताकत को पहचानने से कतराने लगे। संभवत: ये गुलामी और कमजोर आत्मविश्वास का असर था कि हमने अपने व्यावसायिक, सांस्कृतिक और दूसरे सम्बन्धों को जितना हो सका सीमित कर दिया। लेकिन, अब नया भारत इस पुरानी सोच को भी बदल रहा है। आज integration हमारे लिए सबसे बड़ा महत्वपूर्ण एजेंडा है। एक ग्लोबल मार्केट्स के साथ, ग्लोबल सप्लाई चेन्स के साथ तेजी से integrate कर रहे हैं। और गिफ्ट सिटी भारत के साथ साथ ग्लोबल opportunities से जुड़ने का एक महत्वपूर्ण गेटवे है। जब आप गिफ्ट सिटी के साथ integrate करेंगे, तो आप पूरे वर्ल्ड के साथ integrate करेंगे।

साथियों,

आज भारत दुनिया की सबसे बड़ी economies में से एक है। इसलिए, भविष्य में जब हमारी economy आज से भी कहीं ज्यादा बड़ी होगी, हमें उसके लिए अभी से तैयार होना होगा और बड़ा होना तय है। हमें इसके लिए ऐसे institutions चाहिए, जो global economy में हमारे आज के और भविष्य के रोल को cater कर सके। India International Bullion Exchange - IIBX इसी दिशा में एक कदम है।

गोल्ड के लिए भारत के लोगों का प्यार किसी से छिपा नहीं है। सोना भारत में महिलाओं की आर्थिक शक्ति का बड़ा माध्यम रहा है। महिलाओं के विशेष स्नेह के कारण Gold हमारी समाज और सांस्कृतिक व्यवस्था का भी उतना ही अहम हिस्सा रहा है। ये एक बड़ी वजह है कि भारत आज सोने-चांदी के क्षेत्र का एक बहुत बड़ा मार्केट है। लेकिन, क्या भारत की पहचान सिर्फ इतनी ही होनी चाहिए? भारत की पहचान एक market maker की भी होनी चाहिए। IIBX इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमारी गोल्ड से जुड़ी इंडस्ट्री के प्लेयर्स को, खासतौर पर ज्वेलर्स को, ये विस्तार करने में मदद करेगा, उनके लिए नए अवसरों का मार्ग बनाएगा। वो direct और transparent तरीके से सीधे bullion खरीद सकेंगे, और international price discovery में participate भी करेंगे। साथ ही, IIBX exchange के जरिए सीधे गोल्ड में ट्रेड करने के अवसर भी देगा। जैसे जैसे गोल्ड ट्रेडिंग की मार्केट organized होगी, भारत में गोल्ड की डिमांड गोल्ड prices को प्रभावित भी करेगी, और निर्धारित भी करेगी।

साथियों,

आने वाले समय में भारत में जो कुछ भी होगा, उसका प्रभाव पूरे विश्व पर पड़ेगा, उससे पूरी दुनिया को दिशा मिलेगी। हम लोकल aspirations को भी महत्व देते हैं, और ग्लोबल cooperation का महत्व भी समझते हैं। एक ओर, हम ग्लोबल कैपिटल को लोकल वेलफ़ेयर के लिए ला रहे हैं। तो दूसरी ओर हम लोकल productivity को ग्लोबल वेलफेयर के लिए harness भी कर रहे हैं। आज भारत में रिकॉर्ड फ़ॉरेन डायरैक्ट इनवेस्टमेंट आ रहा है। ये इनवेस्टमेंट देश में नए अवसर पैदा कर रहा है, युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा कर रहा है। ये हमारी इंडस्ट्री को ऊर्जा दे रहा है, हमारी productivity को बढ़ा रहा है। और ये productivity केवल भारत की ही ताकत नहीं बन रही है, इसका लाभ पूरे विश्व को हो रहा है। ये बात सही है कि, आज जो investors भारत में invest कर रहे हैं, वो अपने investment पर अच्छे returns कमा रहे हैं। लेकिन, इसके प्रभाव, इससे जुड़ी संभावनाएं इससे भी कहीं ज्यादा व्यापक हैं। आज हमारे exports record level को छू रहे हैं। हमारे products नए नए देशों में, नए नए markets में पहुँच रहे हैं।

एक ऐसे समय और वो समय ऐसा है जब ग्लोबल सप्लाई चेन्स अनिश्चितता का शिकार हैं, दुनिया इस अनिश्चितता से आशंकित है, भारत दुनिया को quality products और services का भरोसा दे रहा है। इसीलिए, जैसा कि मैंने कहा, ये लोकल वेलफेयर के लिए ग्लोबल कैपिटल और ग्लोबल वेलफेयर के लिए लोकल productivity का एक अद्भुत combination है। गिफ्ट सिटी से जुड़े सभी institutions इस bond को और मजबूत करने का काम करेंगे। यहां कई institutions ऐसे हैं जिनके पास ग्लोबल footprints भी हैं, और लोकल connect भी है।

साथियों,

नए भारत के नए संस्थानों से, नई व्यवस्थाओं से मेरी बहुत सी अपेक्षाएं भी हैं और आप पर मेरा पूरा भरोसा भी है। आज 21वीं सदी में finance और टेक्नालजी एक-दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं। और बात जब टेक्नालजी की हो, बात साइन्स और सॉफ्टवेयर की हो, तो भारत के पास edge भी है, और experience भी है। आज real time digital payments में पूरी दुनिया में 40 परसेंट हिस्सेदारी अकेले भारत की है। आज हम इसमें लीडर हैं। Fintech के क्षेत्र में भारत की ये ताकत पूरी दुनिया को आकर्षित कर रही है। इसलिए, मेरी आप सबसे अपेक्षा है कि Fintech में आप नए नए innovations के लिए टार्गेट करें। GIFT IFSC fintech की ग्लोबल लैबोरेटरी बनकर उभरे।

साथियों,

मैं एक और अहम पक्ष की तरफ आपका ध्यान दिलाना चाहता हूं। भारत के लिए success और service, सफलता और सेवा एक दूसरे के पर्याय हैं। जनकल्याण से जगकल्याण, ये हमारी भावना है। इसीलिए, आज भारत sustainable development के क्षेत्र में वैश्विक संभावनाओं का नेतृत्व कर रहा है। हमने अपने लिए Net zero carbon emission का लक्ष्य तय किया है। राष्ट्रीय स्तर पर हम गतिशक्ति मास्टर प्लान को आगे बढ़ा रहे हैं, renewable energy और e-mobility के नए रेकॉर्ड्स बना रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत इंटरनेशनल सोलर अलायंस को दिशा दे रहा है। ये एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें हमारा समर्पण असीम संभावनाओं को खोलेगा। मैं चाहता हूँ कि GIFT IFSC, sustainable और climate projects के लिए global debt और equity capital का एक gateway बने। इसी तरह, भारत को aircraft leasing, ship financing, carbon trading, digital currency, और IP rights से investment management तक कई financial innovations की जरूरत है। IFSCA को इस दिशा में काम करना चाहिए। IFSCA को regulation और operation cost को भी न केवल भारत बल्कि दुबई सिंगापुर जैसे देशों की तुलना में भी competitive बनाना चाहिए। आपका लक्ष्य होना चाहिए कि, IFSCA regulations में लीडर बने, rule of law के लिए high standards सेट करे, और दुनिया के लिए पसंदीदा arbitration center बन करके उभरे।

साथियों,

बैंकिंग सेक्टर के जो साथी यहां है, उनके सहयोग से पिछले 8 सालों में देश ने financial inclusion की एक नई wave देखी है। यहाँ तक कि, गरीब से गरीब भी आज formal financial institutions से जुड़ रहा है। आज जब हमारी एक बड़ी आबादी finance से जुड़ गई है, ये समय की मांग है कि सरकारी संस्थाएं और प्राइवेट प्लेयर्स, मिलकर कदम आगे बढ़ाएं। उदाहरण के तौर पर, आज बेसिक बैंकिंग से ऊपर उठकर financial literacy के क्षेत्र में, financial education के लिए बड़ा scope है। आज भारत में एक बड़ा aspirational class है जो growth के लिए invest करना चाहता है। अगर उनके लिए ऐसे financial courses हों जो उन्हें अलग-अलग financial instruments और उनके features, इसके बारे में सिखा सकें, तो इससे उन्हें बहुत हेल्प मिलेगी।

एक उदाहरण mutual funds का भी है। Association of Mutual Funds के मुताबिक 2014 में भारत में mutual fund industry की assets under management करीब 10 लाख करोड़ थी। इन आठ सालों में, जून 2022 तक ये 250 परसेंट बढ़कर 35 लाख करोड़ हो गई है। यानी, लोग invest करना चाहते हैं, वो इसके लिए तैयार हैं। हमें चाहिए कि हम उनके लिए education और information ensure करें। मैं तो कहूँगा कि हमारे financial ecosystem को non-finance colleges के साथ tie-up करना चाहिए, युवाओं को educate करना चाहिए। आखिरकार, ये युवा ही हैं जो आने वाले समय में earners और investors बनेंगे। इन courses में लोगों का भरोसा पैदा हो, इसके लिए उन्हें not for profit mode पर चलाया जाना चाहिए। गिफ्ट सिटी भी private players के कामकाज को देखकर इसके लिए एक अच्छा रोडमैप और ग्राउंड रूल्स तैयार करने पर काम कर सकता है। इस साल बजट में गिफ्ट सिटी में Foreign Universities को लेकर जो घोषणा हुई है, उससे भी इसे मदद मिलेगी।

साथियों,

मुझे विश्वास है कि आप देश के सामर्थ्य का पूरा सदुपयोग करेंगे, और अमृतकाल में देश की अपेक्षाओं पर खरा उतरेंगे। इसी भावना के साथ, आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद! मैं गुजरात सरकार का भी धन्‍यवाद करूंगा कि गिफ्ट सिटी के इतने बड़े मिशन में गुजरात सरकार की नीतियां बहुत ही पूरक और पोषक बन रही हैं। और इसके लिए भी मैं गुजरात सरकार के सभी initiatives को उसकी सराहना करता हूं, गुजरात के मुख्‍यमंत्री जी का अभिनंदन करता हूं।

यहां मैं देख रहा हूं GEMs और ज्‍वैलरी की दुनिया के लोग भी बड़ी मात्रा में नजर आ रहे हैं। मुझे पूरा विश्‍वास है कि इस अवसर को वो भलीभांति समझते हैं। उनके लिए कितना बड़ा अवसर पैदा हुआ है उसका अंदाज उनको भलीभांति आता है और उसका लाभ वे बहुत भरपूर उठाएंगे। इसी विश्‍वास के साथ मैं फिर एक बार आपको बहुत-बहुत धन्‍यवाद देता हूं, बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

धन्‍यवाद !

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।