Quote"इस विधानसभा भवन में एक से एक, बड़े और साहसिक निर्णय लिए गए हैं"
Quote"यह सभा इस बात का उदाहरण है कि लोकतंत्र में सामाजिक जीवन में समान भागीदारी और समान अधिकारों का पालन कैसे किया जाता है"
Quote"भारत में लोकतन्त्र की अवधारणा उतनी ही प्राचीन है जितना प्राचीन ये राष्ट्र है, जितनी प्राचीन हमारी संस्कृति है"
Quote"बिहार हमेशा लोकतंत्र और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर कायम रहा"
Quote“बिहार जितना समृद्ध होगा, भारत का लोकतंत्र उतना ही शक्तिशाली होगा। बिहार जितना मजबूत बनेगा, भारत उतना ही सामर्थ्यवान बनेगा”
Quote"पक्ष विपक्ष के भेद से ऊपर उठकर, देश के लिए, देशहित के लिए हमारी आवाज एकजुट होनी चाहिए"
Quote"हमारे आचरण से हमारे देश की लोकतांत्रिक परिपक्वता प्रदर्शित होती है"
Quote"लोकतांत्रिक विमर्श को आगे बढ़ाते हुए देश लगातार नए संकल्पों पर काम कर रहा है"
Quote"अगले 25 साल देश के लिए कर्तव्य पथ पर चलने के साल हैं"
Quote"हम अपने कर्तव्यों के लिए जितना परिश्रम करेंगे, हमारे अधिकारों को भी उतना ही बल मिलेगा। हमारी कर्तव्य निष्ठा ही हमारे अधिकारों की गारंटी है"

नमस्कार!

इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में हमारे बीच उपस्थित बिहार के राज्यपाल श्री फागू चौहान जी, यहां के जनप्रिय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी, विधानसभा स्पीकर श्री विजय सिन्हा जी, बिहार विधान परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष श्री अवधेश नारायण सिंह, उपमुख्यमंत्री श्रीमती रेणु देवी जी, ताराकिशोर प्रसाद जी, नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी यादव जी, सभी मंत्रीगण विधायकगण, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों,

आप सभी को, बिहार निवासियों को, बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी वर्ष की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। बिहार का ये स्वभाव है कि जो बिहार से स्नेह करता है, बिहार उसे उस प्यार को कई गुना करके लौटाता है। आज मुझे बिहार विधानसभा परिसर में आने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री होने का सौभाग्य भी मिला है। मैं इस स्नेह के लिए बिहार के जन-जन को हृदय से नमन करता हूँ। मुख्यमंत्री जी का, स्पीकर महोदय का भी हृदय से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं।

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साथियों,

मुझे कुछ देर पहले शताब्दी स्मृति स्तम्भ के लोकार्पण का अवसर भी मिला है। ये स्तम्भ बिहार के गौरवशाली अतीत का प्रतीक तो बनेगा ही, साथ ही ये बिहार की कोटि-कोटि आकांक्षाओं को भी प्रेरणा देगा। अब से कुछ देर पहले बिहार विधानसभा म्यूज़ियम और विधानसभा गेस्ट हाउस का शिलान्यास भी हुआ है। मैं इन विकास कार्यों के लिए नीतीश कुमार जी और विजय सिन्हा जी को हृदय से बधाई देता हूँ। मुझे विधानसभा परिसर के शताब्दी पार्क में कल्पतरु के रोपण का भी सुखद अनुभव मिला है। कल्पतरु के विषय में मान्यता है कि ये हमारी आशाओं आकांक्षाओं को पूरा करने वाला ये वृक्ष है। लोकतन्त्र में यही भूमिका संसदीय संस्थाओं की होती है। मैं आशा करता हूँ, बिहार विधानसभा अपनी इस भूमिका को इसी निरंतरता के साथ निभाती रहेगी, बिहार और देश के विकास में अपना अमूल्‍य योगदान देती रहेगी।

साथियों,

बिहार विधानसभा का अपना एक इतिहास रहा है और यहां विधानसभा भवन में एक से एक, बड़े और साहसिक निर्णय लिए गए हैं। आज़ादी के पहले इसी विधानसभा से गवर्नर सत्येंद्र प्रसन्न सिन्हा जी ने स्वदेशी उद्योगों को प्रोत्साहित करने, स्वदेशी चरखा को अपनाने की अपील की थी। आज़ादी के बाद इसी विधानसभा में जमींदारी उन्मूलन अधिनियम पास हुआ था। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुये, नीतीश जी की सरकार ने बिहार पंचायती राज जैसे अधिनियम को पास किया। इस अधिनियम के जरिए बिहार पहला ऐसा राज्य बना जिसने पंचायती राज में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया। लोकतन्त्र से लेकर समाज जीवन तक, समान भागीदारी और समान अधिकार के लिए कैसे काम किया जा सकता है, ये विधानसभा इसका उदाहरण है। आज जब मैं आपसे इस परिसर में, विधानसभा भवन के बारे में बात कर रहा हूं, तो ये भी सोच रहा हूं कि बीते 100 वर्ष में ये भवन, ये परिसर कितने ही महान व्यक्तित्वों की आवाज का साक्षी रहा है। मैं नाम अगर लेने जाऊंगा तो शायद समय कम पड़ जाएगा, लेकिन इस इमारत ने इतिहास के रचयिताओं को भी देखा है और खुद भी इतिहास का निर्माण किया है। कहते हैं वाणी की ऊर्जा कभी भी समाप्त नहीं होती। इस ऐतिहासिक भवन में कही गई बातें, बिहार के उत्थान से जुड़े संकल्प, एक ऊर्जा बनकर आज भी उपस्थित हैं। आज भी वो वाणी, वो शब्द गूंज रहे हैं।

साथियों,

बिहार विधानसभा भवन का ये शताब्दी उत्सव एक ऐसे समय में हो रहा है जब देश अपनी आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। विधानसभा भवन के 100 साल और देश की आज़ादी के 75 साल, ये केवल समय का संयोग नहीं है। इस संयोग का साझा अतीत भी है, और सार्थक संदेश भी हैं। एक ओर बिहार में चंपारण सत्याग्रह जैसे आंदोलन हुए तो वहीं इस धरती ने भारत को लोकतन्त्र के संस्कार और आदर्श पर चलने का रास्ता भी दिखाया। दशकों से हमें ये बताने की कोशिश होती रही है कि भारत को लोकतन्त्र विदेशी हुकूमत और विदेशी सोच के कारण मिला है और हमारे लोग भी कभी-कभी ये बातें बोलते हैं। लेकिन, कोई भी व्यक्ति जब ये कहता है तो वो बिहार के इतिहास और बिहार की विरासत पर पर्दा डालने की कोशिश करता है। जब दुनिया के बड़े भूभाग सभ्यता और संस्कृति की ओर अपना पहला कदम बढ़ा रहे थे, तब वैशाली में परिष्कृत लोकतन्त्र का संचालन हो रहा था। जब दुनिया के अन्य क्षेत्रों में जनतांत्रिक अधिकारों की समझ विकसित होनी शुरू हुई थी, तब लिच्छवी और वज्जीसंघ जैसे गणराज्य अपने शिखर पर थे।

साथियों,

भारत में लोकतन्त्र की अवधारणा उतनी ही प्राचीन है जितना प्राचीन ये राष्ट्र है, जितनी प्राचीन हमारी संस्कृति है। हजारों वर्ष पूर्व में हमारे वेदों में कहा गया है - त्वां विशो वृणतां राज्याय त्वा-मिमाः प्रदिशः पंच देवीः। अर्थात्, राजा को सभी प्रजा मिलकर स्वयं चुने, और विद्वानों की समितियां उसका निर्वाचन करें। ये वेद में कहा गया है, हजारों साल पूरे ग्रंथ में कहा गया है। आज भी हमारे संविधान में सांसदों-विधायकों का चयन, मुख्यमंत्री-प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति का चयन, इसी लोकतान्त्रिक मूल्य पर टिका हुआ है। एक विचार के रूप में हमारे यहाँ लोकतन्त्र इसलिए हजारों वर्षों से जीवित है क्योंकि भारत लोकतन्त्र को समता और समानता का माध्यम मानता है। भारत सह अस्तित्व और सौहार्द के विचार में भरोसा करता है। हम सत् में भरोसा करते हैं, सहकार में भरोसा करते हैं, सामंजस्य में भरोसा करते हैं, और समाज की संगति शक्ति में भरोसा करते हैं। इसीलिए, हमारे वेदों ने हमें ये मंत्र भी दिया है- सं गच्छध्वं सं वदध्वं, सं वो मनांसि जानताम्॥ अर्थात्, हम मिलकर चलें, मिलकर बोलें, एक दूसरे के मनों को, एक दूसरे के विचारों को जानें और समझें। इसी वेद मंत्र में आगे कहा गया है- समानो मन्त्र: समिति: समानी। समानं मन: सह चित्तमेषां॥ अर्थात्, हम मिलकर समान विचार करें, हमारी समितियां, हमारी सभाएं और सदन कल्याण भाव के लिए समान विचार वाले हों, और हमारे हृदय भी समान हों। हृदय से लोकतन्त्र को स्वीकार करने की ऐसी विराट भावना एक राष्ट्र के रूप में भारत ही प्रस्तुत कर सका है। इसीलिए, मैं जब भी दुनिया में अलग अलग देशों में जाता हूँ, बड़े वैश्विक मंचों पर मौजूद होता हूँ, तो मैं बहुत गर्व से कहता हूं क्‍योंकि हमारे कान में किसी न किसी कारण से एक शब्‍द भर दिया गया है। हमारी मन की रचना को एक जगह पर स्थगित कर दिया गया है। हमें बार-बार सुनाया गया है कि we are a largest democracy of the world. हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतन्‍त्र हैं और हम भी उसी को स्वीकार कर लिया है बार-बार सुनने के कारण। मैं आज भी दुनिया के मंच पर जब भी जाता हूं बड़े गर्व से कहता हूं कि विश्व में लोकतन्त्र की जननी ये भारत है, भारत Mother of Democracy है। और हमने भी और बिहारवासियों ने तो खास दुनिया में डंका बजाते रहना चाहिए कि we are the Mother of Democracy और बिहार की गौरवशाली विरासत, पाली में मौजूद ऐतिहासिक दस्तावेज़ भी इसके जीवंत प्रमाण हैं। बिहार के इस वैभव को न कोई मिटा सकता है, न कोई छिपा सकता है। इस ऐतिहासिक इमारत ने बिहार की इस लोकतांत्रिक विरासत को 100 वर्ष तक मजबूत किया है। इसलिए, मैं समझता हूं कि आज ये इमारत भी हम सभी के नमन की हकदार है।

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साथियों,

इस भवन के इतिहास से बिहार की वो चेतना जुड़ी है जिसने गुलामी के कालखंड में भी अपने जनतान्त्रिक मूल्यों को समाप्त नहीं होने दिया। इसके निर्माण के साथ और उसके बाद जो घटनाक्रम जुड़ा हुआ है, वो हमें बार-बार याद करना चाहिए। किस तरह श्रीकृष्ण सिंह जी ने, श्री बाबू’ ने अंग्रेजों के सामने शर्त रखी थी कि वो सरकार तभी बनाएँगे जब ब्रिटिश हुकूमत निर्वाचित सरकार के कामकाज में दखल नहीं देगा। कैसे द्वितीय विश्व युद्ध में भारत की सहमति के बिना देश को झोंकने के खिलाफ श्री बाबू जी ने सरकार ने इस्तीफा दे दिया था और बिहार का हर व्यक्ति इस बात के लिए गर्व कर सकता है। इस घटनाक्रम ने सदैव इस संदेश का संचार किया कि बिहार, लोकतंत्र के खिलाफ कभी कुछ स्वीकार नहीं कर सकता। और भाइयों और बहनों, हम सभी ने देखा है कि कैसे आज़ादी के बाद भी बिहार अपनी लोकतान्त्रिक निष्ठा को लेकर उतना ही अडिग, उतना ही प्रतिबद्ध रहा। बिहार ने आज़ाद भारत को डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद के रूप में पहला राष्ट्रपति दिया। लोकनायक जयप्रकाश, कर्पूरी ठाकुर और बाबू जगजीवन राम, अनेकवीर जैसे नेतृत्व इस धरती पर हुए। जब देश में संविधान को कुचलने का प्रयास हुआ, तो भी उसके खिलाफ बिहार ने सबसे आगे आकर विरोध का बिगुल फूंका। आपातकाल के उस स्याह दौर में बिहार की धरती ने दिखा दिया कि भारत में लोकतन्त्र को दबाने की कोशिशें कभी भी कामयाब नहीं हो सकतीं। और इसलिए, मैं मानता हूँ कि बिहार जितना समृद्ध होगा, भारत की लोकतान्त्रिक शक्ति भी उतनी ही मजबूत होगी। बिहार जितना सशक्त होगा, भारत भी उतना ही सामर्थ्यवान बनेगा।

साथियों,

आजादी का अमृत महोत्सव और बिहार विधानसभा के 100 वर्ष का ये ऐतिहासिक अवसर हम सभी के लिए, प्रत्येक जनप्रतिनिधि के लिए आत्मविवेचना और आत्मनिरीक्षण का भी संदेश लेकर आया है। हम अपने लोकतन्त्र को जितना मजबूत करेंगे, उतनी ही मजबूती हमारी आज़ादी को मिलेगी, हमारे अधिकारों को मिलेगी। आज 21वीं सदी में दुनिया तेजी से बदल रही है। नई जरूरतों के हिसाब से भारत के लोगों की, हमारे युवाओं की आशाएँ अपेक्षाएँ भी बढ़ रही हैं। हमारी लोकतान्त्रिक व्यवस्थाओं को इसके हिसाब से तेज गति से कार्य करना पड़ेगा। आज जब हम आज़ादी के 75वें साल में एक नए भारत के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं, तो इन संकल्पों को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी हमारी संसद और विधानसभाओं पर भी है। इसके लिए हमें ईमानदारी और निष्ठा से दिन रात मेहनत करने की जरूरत है। देश के सांसद के रूप में, राज्य के विधायक के रूप में हमारी ये भी ज़िम्मेदारी है कि हम लोकतंत्र के सामने आ रही हर चुनौती को मिलकर हराएं। पक्ष विपक्ष के भेद से ऊपर उठकर, देश के लिए, देशहित के लिए हमारी आवाज़ एकजुट होनी चाहिए। जनता से जुड़े विषयों पर सदन सकारात्मक संवाद का केंद्र बने, सकारात्मक कार्यों के लिए हमारी आवाज़ उतनी ही बुलंद दिखे, इस दिशा में भी हमें निरंतर आगे बढ़ना है। हमारे आचरण से ही हमारे देश की लोकतान्त्रिक परिपक्वता प्रदर्शित होती है। और इसलिए, दुनिया के सबसे बड़े लोकतन्त्र के साथ साथ हमें दुनिया के सबसे परिपक्व लोकतन्त्र के रूप में भी खुद को आगे बढ़ाना है।

साथियों,

मुझे खुशी है कि आज देश इस दिशा में सकारात्मक बदलाव देख रहा है। मैं अगर संसद की बात करूँ, तो पिछले कुछ वर्षों में संसद में सांसदों की उपस्थिति और संसद की productivity में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। और विजय जी ने भी विधानसभा का ब्यौरा दिया। सकारात्मकता, गतिशीलता व्यापक रूप से विषयों की चर्चा, निर्णय, उसका पूरा ब्यौरा दिया।

साथियों,

वैसे ही संसद में भी, पिछले बजट सत्र में भी लोकसभा की productivity 129 प्रतिशत थी। राज्यसभा में भी 99 प्रतिशत productivity दर्ज की गई। यानी, देश लगातार नए संकल्पों पर काम कर रहा है, लोकतान्त्रिक विमर्श को आगे बढ़ा रहा है। और हम सभी जानते हैं कि जब लोग ये देखते हैं कि उन्होंने जिन्‍हें चुनकर भेजा है, वो मेहनत कर रहा है, सदन में उनकी बात गंभीरता से रख रहा है, तो उनका भी लोकतंत्र पर विश्वास और बढ़ता है। ये विश्वास बढ़ाना भी हम सब की जिम्मेदारी है।

साथियों,

समय के साथ हमें नए विचारों की जरूरत होती है, नई सोच की जरूरत होती है। इसलिए, जैसे-जैसे लोक बदलता है, लोकतन्त्र को भी नए आयाम जोड़ते रहना पड़ता है। इन बदलावों के लिए हमें केवल नई नीतियों की ही जरूरत नहीं पड़ती, बल्कि पुरानी नीतियों और पुराने क़ानूनों को भी समय के अनुसार बदलना पड़ता है। बीते वर्षो में संसद ने ऐसे करीब 15 सौ क़ानूनों को खत्म किया है। इन कानूनों से सामान्य मानवी को जो दिक्कतें होतीं थी, देश की प्रगति में जो रुकावट होती थी, उनका समाधान हुआ, और एक नया विश्वास भी पैदा हुआ। राज्य स्तर पर भी ऐसे कई पुराने कानून हैं जो वर्षों से चले आ रहे हैं। हमें मिलकर इस ओर भी ध्यान देने की जरूरत है।

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साथियों,

दुनिया के लिए 21वीं सदी भारत की सदी है। हम लगातार ये सुनते आए हैं, कई लोगों के मुंह से सुनते हैं, दुनिया के लोग बताते रहते हैं लेकिन अगर मैं भारत की बात करूं तो मैं ये कहूंगा कि भारत के लिए ये सदी कर्तव्यों की सदी है। हमें इसी सदी में, अगले 25 सालों में नए भारत के स्वर्णिम लक्ष्य तक पहुँचना है। इन लक्ष्यों तक हमें हमारे कर्तव्य ही लेकर जाएंगे। इसलिए, ये 25 साल देश के लिए कर्तव्य पथ पर चलने के साल हैं। ये 25 साल कर्तव्य भावना से स्वयं को समर्पित करने का कालखंड है। हमें स्वयं को अपने लिए, अपने समाज के लिए, अपने देश के लिए कर्तव्य की कसौटी पर कसना होगा। हमें कर्तव्य की पराकाष्ठा को पार करना होगा। आज भारत वैश्विक पटल पर जो कीर्तिमान स्थापित कर रहा है, आज भारत जिस तेजी से वैश्विक ताकत बनकर उभर रहा है, उसके पीछे कोटि-कोटि भारतवासियों की कर्तव्य निष्ठा और कर्तव्य भावना है। लोकतन्त्र में, हमारे सदन, जनता की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसलिए, देशवासियों की कर्तव्यनिष्ठा हमारे सदनों और जनप्रतिनिधियों के आचरण में भी झलकनी चाहिए। हम सदन में जैसा आचरण करेंगे, कर्तव्य भाव पर सदन के भीतर जितना बल दिया जाएगा, देशवासियों को भी उतनी ही ऊर्जा और प्रेरणा मिलेगी। एक और महत्वपूर्ण बात, हमें अपने कर्तव्यों को अपने अधिकारों से अलग नहीं मानना चाहिए। हम अपने कर्तव्यों के लिए जितना परिश्रम करेंगे, हमारे अधिकारों को भी उतना ही बल मिलेगा। हमारी कर्तव्य निष्ठा ही हमारे अधिकारों की गारंटी है। इसलिए, हम सभी जनप्रतिनिधियों को कर्तव्य पालन का भी संकल्प दोहराना है। ये संकल्प ही हमारी और हमारे समाज की सफलता का मार्ग प्रशस्त करेंगे। आज जब हम देश के अमृत संकल्पों को लेकर आगे बढ़ रहे हैं, तो हमें अपने कर्तव्य में, अपने श्रम में, अपने परिश्रम में कोई कमी नहीं छोड़नी है। एक राष्ट्र के रूप हमारी एकता हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। गरीब से गरीब व्यक्ति का भी जीवन आसान बने, दलित, पीड़ित, शोषित, वंचित, आदिवासी, हर किसी को हर जरूरी सुविधा मिले, ये हम सभी का संकल्प होना चाहिए। आज सबको घर, सबको पानी, सबको बिजली, सबको इलाज, जैसे जिन लक्ष्यों को लेकर देश काम कर रहा है, वो हम सबकी सामूहिक ज़िम्मेदारी है। बिहार जैसे सामर्थ्यवान और ऊर्जावान राज्य में गरीब, दलित, पिछड़े, आदिवासी और महिलाओं का उत्थान, बिहार को भी तेज गति से आगे बढ़ा रहा है और बढ़ाएगा। और बिहार जब आगे बढ़ेगा, तो भारत भी अपने स्वर्णिम अतीत को दोहराते हुए विकास और सफलता की नई ऊंचाइयों को छुएगा। इसी कामना के साथ, इस महत्वपूर्ण ऐतिहासिक अवसर पर आप सबने मुझे निमंत्रित किया, इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बनने का अवसर दिया, इसके लिए मैं राज्‍य सरकार का, स्पीकर महोदय का और सभी यहां के वरिष्ठजनों का हृदय से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। अनेक-अनेक शुभकामनाओं के साथ ये सौ साल की यात्रा आने वाले सौ साल के लिए नई ऊर्जा का केंद्र बने इसी एक अपेक्षा के साथ बहुत बहुत धन्यवाद! बहुत-बहुत शुभकामनाएं!

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Text of PM Modi's interaction with Mahila Karyakartas of Bihar under “Mera Booth, Sabse Mazboot” initiative
November 04, 2025
Quoteबिहार की महिलाएँ हमेशा से सामाजिक बदलाव की सबसे मजबूत ताकत रही हैं: पीएम मोदी
Quoteमहिलाओं ने सरकारी योजनाओं को जन आंदोलन बनाया: पीएम मोदी
Quoteविपक्ष गठबंधन नहीं, बल्कि घरबंधन है: पीएम मोदी का राजद-कांग्रेस पर तीखा तंज
Quoteहर बूथ जहाँ महिलाएँ कमान संभालती हैं, लोकतंत्र का सबसे मजबूत स्तंभ बन जाता है: पीएम मोदी

नमस्कार।

पीएम मोदी- मैं सभी बहनों का, भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं का आज बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं। इस चुनाव में मुझे जहां-जहां जाने का मौका मिला और जब-जब कार्यकर्ताओं से बात करने का अवसर मिला। मैं देख रहा हूं कि इस बार बिहार का कार्यकर्ता जी-जान से जुटा हुआ है। आप सभी बहुत परिश्रम कर रहे हैं। अभी तक चुनाव प्रचार के दौरान मैं बिहार के अलग-अलग क्षेत्रों में गया हूं। हर रैली पहले वाली रैली के रिकॉर्ड तोड़ रही है। और उसमें भी हमारी बहनें-बेटियां बहुत बड़ी संख्या में आ रही हैं। और सिर्फ हाजिरी नहीं मैंने तो कभी-कभी देखा है कि पूरे सभा मंडप को बहनों-बेटियों के नारों से पूरा सभागृह गूंज उठता था। बिहार भाजपा के महिला कार्यकर्ताएं मेरा बूथ सबसे मजबूत के संकल्प के साथ बहुत शानदार काम कर रही हैं।

साथियों

मेरी इच्छा थी कि पहले चरण की वोटिंग से पहले मैं आप सभी बहनों से बातचीत करूं। आपकी मेहनत, आपके अनुभव के बारे में सीधी आपसे बातचीत करके उसे समझने की कोशिश करूं। अनुभव करने की कोशिश करूं। मैं आप सब बहनों का ज्यादा समय नहीं लेता हूं। चलिए, बातचीत शुरू करते हैं। पहले कौन बात करेंगे मेरे साथ?

डॉ. रेखा राम, बेगूसराय

रेखा - जी, प्रणाम सर।

पीएम मोदी- जी प्रणाम।

रेखा- डॉक्टर रेखा राम, महिला मोर्चा अध्यक्ष, बेगूसराय।

पीएम मोदी-जरा अपना परिचय बता देंगे, डॉक्टर रेखा राम जी।

रेखा-जी सर, महिला मोर्चा अध्यक्ष, बेगूसराय

पीएम मोदी-आप व्यवसाय से डॉक्टर हैं, बॉडी के डॉक्टर हैं या बुक के डॉक्टर हैं।

रेखा- जी सर, बीएचएमएस डॉक्टर हूं। होमियोपैथ डॉक्टर हूं सर।

पीएम मोदी-अच्छा-अच्छा, फिर तो डॉक्टर में बहुत काम रहता होगा। पेशेंट नाता रहता होगा। फिर भी आप बीजेपी का जिले का काम देख रही हैं। बहुत बड़ी बात है। अच्छा रेखा जी पहले चरण की वोटिंग में बहुत समय नहीं बचा है। अभी घंटे भर के बाद तो प्रचार कार्य भी पूरा हो जाएगा। इस समय आप जो वहां काम कर रहे हैं, सबका उत्साह, उमंग क्या मुझे बता सकती हैं, आप कैसा है वातावरण।
रेखा-सर महिलाओं में और पुरूषों में बहुत उत्साह है सर, कुछ ज्यादा ही उत्साह इस बार दिख रहा है सर। यह तो महापर्व मना रहे हैं सर। लोकतंत्र के इस महापर्व में सर महिलाओं के प्रति जो उत्साह है। वो बहुत ही उत्साहपूर्ण माहौल बना हुआ है और विकास का जो सिलसिला शुरू हुआ है, उसे हम लोग रुकने नहीं देंगे।
पीएम मोदी-अच्छा इसका मतलब ये हुआ कि मतदान बढ़ेगा।

रेखा- जी सर।

पीएम मोदी- और क्या महिलाएं पुरुष से ज्यादा मतदान करेंगी क्या

रेखा- जी सर , महिलाएं गर्व से कह रही हैं सर। डबल इंजन की सरकार ने जो काम किया है। उन्होंने हमारे जीवन को बदल दिया है। हम माता-बहनें कहते हैं सर, मोदी जी ने हमें जो फ्री गैस, फ्री राशन, 125 यूनिट बिजली जो फ्री दिया है और 1100 रुपए की वृद्धा पेंशन और तो और ज्यादा उत्साह के बात तो है, 10000 जो अपने विकास के लिए रोजगार के लिए उन्हें दिए हैं, उनमें काफी उत्साह है सर। मैं बहुत सी महिलाओं से मिली हूं। वह बहुत उत्साह दिख रही हैं कि जो हमें 10000 मिली है, मैं उनसे छोटी-छोटी योजनाओं पर काम कर रही हूं। कितनी बहनें बताएं कि मैं सिलाई मशीन लाई और मैं कपड़ा सिल रही हूं। उनसे दो दो बहनों को मैं और जोड़ी हूं।
पीएम मोदी- रेखी जी, मैं इस चुनाव को निकट से देखा है। चारों तरफ यह तो पक्का हो चुका है कि एनडीए का विजय हो रहा है। बहुत भारी विजय हो रहा है। और इसलिए विजय के संबंध में तो मेरे मन में कोई सवाल ही नहीं है। मैं ज्यादा से ज्यादा मतदान हूं। आप अपने बूथ में अधिक से अधिक मतदान के लिए क्या रणनीति बनाई है। और बहनों ने भाइयों ने क्या योजना बनाई है, बता सकती हैं।

रेखा- जी सर, हमने बूथ तक जाने के लिए उनको रिक्शा, ऑटो, गाड़ी गांव में हर चीज का हमलोग सुविधा व्यवस्था करा रहे हैं, कि जो महिलाएं नहीं भी चल पाएंगे तो उनके लिए हमारी पूरी की महिला मोर्चा की महिलाएं लगी हुई है और उनके साथ युवा मोर्चा के भाई भी लगे हुए हैं।

पीएम मोदी- आप तो डॉक्टर हैं। इसलिए आपको बीमार लोगों की चिंता होना बहुत स्वाभाविक है। यह आपकी बात सही है। इलेक्शन कमीशन भी जो बीमार मतदाता होते हैं, उनको ले जाने की सुविधा अलाउ करता है और इसीलिए यह तो आप मानवता का काम कर रही हैं। लेकिन जैसा मैं हमेशा कहता हूं कि जिस दिन मतदान होता है, बहनों ने थाली बजाते-बजाते ढोल बजाते-बजाते, गीत-गाते गाते जुलूस निकालकर मतदान करने के लिए जाना चाहिए। 25-25 जिन बहनों की टोलियां अगर निकलती हैं और दिनभर में ऐसी कम से कम 100 टोलियां निकाल सकते हैं हम। 200 टोलियां निकाल सकते हैं तो ये बहुत बड़ा फर्क पड़ता है तो ऐसा कुछ करेंगे आप लोग?

रेखा-जी सर, जी सर हम लोग लगे हुए हैं। सभी महिलाएं एकदम सशक्त हैं। सर एकदम तैयारी के साथ है।

पीएम मोदी- अच्छा रेखा जी आपको स्वास्थ्य सेवाओं का अच्छा अनुभव है। आप मुझे बताइए, बीते एक दशक में बिहार की स्वास्थ्य सेवाओं में कितना बदलाव आया है।

रेखा-सर बीते 10 वर्षों में बिहार राज्य में स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आया है सर। राज्य में जो प्राथमिक उपचार केंद्र है अनुमंडल स्तर पर स्थापित सदर अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेजों में स्वास्थ्य की हर सुविधा बहाल है सर। आपके सर कुशल नेतृत्व में राज्य में कई जगह पर एम्स की स्थापना भी की गई है। इस कारण में अब जो मेरे पेशेंट है, वह बताते हैं कि आप मुझे मुंबई दिल्ली या बड़े शहरों में जाने की जरूरत नहीं पड़ रही है। अब मुझे बिहार में ही हर चीज की सुविधा मिल रही है तो मैं बाहर क्यों जाऊं, मैं यही दिखाऊंगी।

पीएम मोदी- अच्छा रेखा जी, विकास के तो बहुत काम हुए हैं। वहां लोगों को सुविधा का विषय हो। शौचालय बनाने के बात हो पानी का नल देने के बात हो गैस का कनेक्शन हुआ हो। यह सारी बातों का एक सकारात्मक प्रभाव तो है ही। देखिए, क्या ये जो पुलियाएं बन रही हैं, रोड बन रहे हैं। स्कूलों की बिल्डिंग बन रहे हैं। रेलवे स्टेशन बन रहे हैं। नए-नए एयरपोर्ट बन रहे हैं। यह भी महिलाओं की चर्चा में होता है क्या।

रेखा-जी सर बहुत होता है सर यह जो रोड जो बन गया सर पहले हम लोग को पटना जाने में तीन-चार घंटा का समय लगती थी। सर यह जो सिमरिया रोड बन गई है। हम लोग को डेढ़ घंटा लगता है। हम लोग को बहुत राहत मिला, एम्स का हॉस्पिटल पटना में है। सर कोई इमरजेंसी पेशेंट आए। उनको तुरंत भेजना है तो मैं रोड की ऐसी सुविधा मिली है कि हमारी महिलाएं हमारे भाई बहुत खुश है कि आपने इतने अच्छे काम किए हैं। हर जगह हमको सुविधा हॉस्पिटल, हर चीज का सुविधा मिले है।

पीएम मोदी-रेखा जी, आपकी आपकी बातों में वो भावना झलक रही है, जो आज गरीब, दलित, महादलित, पिछड़ा, अति पिछड़ा सबके मन में रची बसी है। बिहार के लोग मन बना चुके हैं। इस बार एनडीए की जीत का पिछले 20 साल का रिकॉर्ड तोड़ देंगे। वहीं जंगलराज वालों को अब तक की सबसे करारी हार मिलेगी। बिहार का जितना ज्यादा विकास हो सके। एनडीए ही कर सकती है। आप तो डॉक्टर हैं। आप भी जानती हैं कि जंगलराज में स्वास्थ्य की स्थिति क्या होती थी। जंगलराज के 15 साल में बिहार में एक भी नया मेडिकल कॉलेज नहीं बना। एनडीए सरकार अब तक छह नए मेडिकल कॉलेज बना चुकी है। 10 नए मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य चल रहा है। और 10 नए मेडिकल कॉलेज की मंजूरी भी दी जा चुकी है। आयुष्मान भारत, पीएम जन औषधि जैसी योजनाओं से इलाज बहुत ही सस्ता हो गया है। इसका फायदा बिहार की महिलाओं को हुआ है। आप सभी माताओं-बहनों की टोलियों के बीच निरंतर यह चर्चा करते रहें। बिहार में एनडीए सरकार ही बहनों-बेटियों के भविष्य उज्जवल, उज्जवल भविष्य की गारंटी है। इसलिए बिहार की हर नारीशक्ति कह रही है जी फिर एक बार एनडीए सरकार। फिर एक बार सुशासन की सरकार। रेखा जी मुझे बहुत अच्छा लगा। आप डॉक्टरी का व्यवसाय करते हुए भी पूरे बिहार की और बहनों की और समाज की इतनी चिंता कर रही है। आइए अब हम किसी और साथी से बात करेंगे।

शालिनी सिंह, भोजपुर

शालिनी सिंह- जी नमस्कार सर।

पीएम मोदी- आप कौन है?

शालिनी - जी सर नमस्कार।

पीएम मोदी- नमस्ते जी।

शालिनी- मैं भोजपुर जिला से शालिनी सिंह बोल रही हूं। महिला मोर्चा महामंत्री

पीएम मोदी- शालिनी जी नमस्कार। अच्छा शालिनी जी आपके जिम्मे क्या काम है?

शालिनी- मैं सर खनगांव पंचायत की मुखिया हूं।

पीएम मोदी- अरे वाह।

शालिनी - जो कोयलवर ब्लॉक में कोयलवर ब्लॉक में है और संदेश विधानसभा में है।

पीएम मोदी- अच्छा शालिनी जी मैं तो आपसे कुछ सुनना चाहूंगा क्योंकि आप जनप्रतिनिधि भी है। गांव के प्रधान है तो आपको तो बिल्कुल जमीन की हर बारीकियों का पता होगा। शालिनी जी, आपके इलाके में चुनाव प्रचार कैसा चल रहा है? देखिए, पार्टी का बड़ी-बड़ी रैलियां, वीडियो, एडवर्टाइजमेंट, पोस्टर यह सब तो जबरदस्त दिख ही रहा है। लेकिन बूथ लेवल का काम ही इसमें तो मायना रखता है। मुझे आपके गांव, टोले, बूथ कुछ उसके विषय में जानना है। कैसा अनुभव आ रहा है?

शालिनी - जी सर हम लोग यहां बूथ लेवल तक काम कर रहे हैं और जो पन्ना स्तर के कार्यकर्ता हैं उनसे हम लोग मिल रहे हैं और यहां के जो प्रत्याशी हैं उनके लिए पर्चा बंटवा रहे हैं। घर-घर लोगों से संपर्क कर रहे हैं। सर जो हमारे यहां के प्रत्याशी हैं, उनका जो चुनाव चिन्ह है, उसके बारे में हम लोग उन्हें बता रहे हैं कि आपको उनका चुनाव चिन्ह पहचानना है। उनको वोट करना है। और हम लोग हर एक कार्यकर्ता और हर एक जो पन्ना स्तर तक के कार्यकर्ता हैं उनसे मिल रहे हैं।

पीएम मोदी- आप लोग रास्ते में चलते-चलते लोगों को बताते हैं कि घर में जाकर के, बैठ के माताओं को बुलाकर के।

शालिनी - घर में भी जाते हैं सर। और जो नुक्कड़ पे, जो चौरस्ते पे जो लोग मिलते हैं, जो जिनका टोली होता है उनसे भी मिलते हैं। और उनको बताते हैं उनको हमारी योजनाओं के बारे में सरकार के बारे में बताते हैं।

पीएम मोदी- इस बार तो ऐसा होता होगा कि लोग तो कहते हैं अरे अपना समय खराब मत करो। हम तो बीजेपी को ही वोट देने वाले हैं। एनडीए को ही वोट देने वाले हैं। और इसलिए आप तो अब हमारे पीछे मत लगो, जाओ आगे हमको वोट देने। ऐसा कहते हैं लोग।

शालिनी - नहीं सर, यहां के लोग काफी सपोर्टिव हैं और वह लोग सुनते हैं। रुक के पूछते हैं कि भाई आप लोग क्या बता रहे हो बताओ मुझे और वो लोग सुनते हैं और काफी खुश होते हैं और सहयोग भी करते हैं।

पीएम मोदी- अच्छा शालिनी जी, एनडीए में भाजपा के साथ-साथ और भी बड़े सभी महत्वपूर्ण हमारे साथी दल है। साथी नेता है और हर एक का अलग-अलग चुनाव चिन्ह है तो कभी-कभी नीचे गड़बड़ हो जाती है कि वो तो सोचेंगे कि मोदी जी की तो फोटो दिखती नहीं है। मोदी जी का निशान तो दिखता नहीं है। तो ऐसे समय आप लोग कैसे समझाते हैं? क्या करते हैं?
शालिनी -जी सर हम लोग उनका पर्चा ले घूमते हैं। जो भी प्रत्याशी हैं एनडीए के, यहां जो जिस भी क्षेत्र के तो उनका पर्चा लेकर जाते हैं और उनके चुनाव चिन्ह से लोगों को अवगत कराते हैं। हर एक घर में बुजुर्ग जो माता लोग हैं या जो लोग नहीं समझ सकते हैं। उनको वह पर्चा देकर बताते हैं कि यह देखिए यह हमारे यहां का चुनाव चिन्ह है और आपको इसी के सामने का बटन दबाना है।

पीएम मोदी- शालिनी जी आप तो जानती है शालिनी जी आप तो जानती है जब कोविड आया और सारी दुनिया में लोगों की लाशें ही लाशें दिखती थी। श्मशान भरे पड़े थे। कब्रिस्तान भरे पड़े थे। ऐसे समय में मैं इतने बड़ा देश पर संकट आया तो मेरे मन में दो बातें थी एक जितने लोगों को बचा सकूं मुझे बचाना है। दूसरा था कि किसी भी हालत में गरीब को भूखा नहीं मरने दूंगा। और तब से मैंने जो गरीब कल्याण अन्य योजना चलाई है। आज भी गरीब के घर का चूल्हा जलता रहे। क्योंकि आप जानते हैं मैं बहुत गरीबी से निकला हूं। तो मुझे मालूम है घर का चूल्हा जलते रहने का मतलब क्या होता है? यह गरीब कल्याण अन्न योजना इतने साल हो गए, चल रही है तो कहीं ऐसा तो नहीं लग रहा है लोगों को कि ठीक है भाई आता है, मिलता है, खाते हैं। इसमें मोदी कोई ज्यादा चर्चा ना हो ऐसा तो नहीं होता है ना कि चर्चा होती है।

शालिनी - नहीं सर, यहां के लोग काफी इस योजना से काफी लाभ ले रहे हैं। पहले क्या था कभी मिलता था, कभी नहीं मिलता था। लेकिन कोरोना के बाद से हर महीने उन लोग का राशन मिल जाता है। कभी-कभी तो महीने में दो बार भी मिलता है तो जो गरीब लोग हैं। इससे काफी लाभ काफी लाभान्वित है वह तो हमारी यहां के जो गरीब लोग हैं। उनकी मेन नीड है रोटी कपड़ा और मकान। तो आवास तो हम लोगों ने दे दिया है,हमारी सरकार ने दिया है रोटी तो हमारी सरकार आप हमारे हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री जी दे ही रहे हैं। तो उनका मेन जो मौलिक यह है वो कमाई है। तो रोटी और आवास के साथ-साथ अब लोग वो लोग अपने कमाई पे ध्यान दे रहे हैं। वह कमा रहे हैं और अपने आर्थिक स्थिति को ठीक कर रहे हैं। उनके घर में खुशहाली आई है, पैसे आ रही है। घरेलू घरेलू हिंसा कम हो गया है। तो काफी लोग जो इस योजना से काफी खुश हैं और आपको तो आशीर्वाद देते हैं कि हमारे जो आदरणीय प्रधानमंत्री जी हैं वो हजार साल जीएं। इस तरह का लाभ हमें मिल रहा है तो वो जिएंगे तभी और आगे भी हमें यह लाभ मिलता रहेगा तो वह तो काफी खुश हैं इस योजना से।

पीएम मोदी- शालिनी जी, आपने जो एक बात बताई ना कि इसके कारण घरेलू हिंसा कम हो गई है। यह बात यह बात वही बता सकता है जो सच्चे अर्थ में हर घर में जाता है। लोगों से मिलता है और मुझे लगता है कि आप सचमुच में जमीन पर काम करने वाली कार्यकर्ता है। और तभी ऐसी बात बता सकती हो तो मुझे बहुत अच्छा लगा। इस बार तो आपने देखा होगा मैं चुनाव का प्रचार शुरू करने से पहले भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर जी के गांव गया था। उनके परिवार से मिला था। उसके बाद मैंने चुनाव प्रचार शुरू किया था। कर्पूरी ठाकुर जी तो सामाजिक न्याय के बहुत बड़े मसीहा रहे हैं। अब ये सामाजिक न्याय का इतना सारा काम हम आगे बढ़ा रहे हैं। एनडीए सरकार का तो पूरी तरह कमिटमेंट है सामाजिक न्याय। उस पर आप कुछ कहना चाहेंगे?

शालिनी- जी सर सामाजिक न्याय के तहत अब महिला और पुरुष दोनों अब सेम है। हर स्तर पे वो लोग काम कर रहे हैं। पहले क्या था? पुरुषों को यह पुरुष प्रधान देश था। लेकिन अब हमें 33 परसेंटआरक्षण मिला है। जिसका स्वयं उदाहरण मैं हूं। मुखिया के रूप में मैं आपसे बात कर रही हूं। और महिला और हम महिलाएं जो हैं वह अब समाज में अपनी भागीदारी बढ़ा रही हैं। तो अब हम लोग चौखट के अंदर नहीं है सर। अब महिलाएं भी चौपाल पे हैं।

पीएम मोदी- शालिनी जी, मैंने बिहार की अपनी सभाओं में लोगों का जो उत्साह देखा है वह अद्भुत है। अब अगले कुछ घंटों में आप सभी को इस उत्साह को अभूतपूर्व परिणामों में बदलना है। एनडीए सरकार महिलाओं के जीवन को आसान बनाने और उन्हें सशक्त करने के लिए लगातार काम कर रही है। बिहार में बिजली का खर्च कम हुआ है। नीतीश जी तय यूनिट बिजली मुफ्त की है। इससे लोगों का लाभ हो रहा है। आप लोगों को पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के बारे में भी बताएं। हमने बिहार के कई शहरों में मेट्रो चलाने की तैयारी की है। जब मेट्रो चलती है। अच्छी बसें, वंदे भारत जैसी ट्रेनें चलती हैं तो सबसे अधिक सुविधा महिलाओं को होती है। वे सुरक्षित तरीके से जहां जाना है वहां जा सकती है। आप जब लोगों से मिलती हैं तो उनको अपने घोषणापत्र के बारे में विस्तार से बताइए। हम कैसे अपने वादे पूरा करते हैं यह भी बताइए। बिहार के हर परिवार को पहले मतदान फिर जलपान का मंत्र बताइए। उन्हें जानकारी दीजिए कि उनका बूथ कहां है? उनका वोटर नंबर कितना है। लेकिन मेरी इच्छा है कि जो पन्ना प्रमुख है ना, वह अपने पन्ने पर जितने महिलाओं के वोट हैं वह सबसे पहले डलवा दें। पूरी ताकत पन्ना प्रमुख एक-एक महिला का वोट पड़े उसकी चिंता करे। शालिनी जी बहुत अच्छा लगा। एक प्रधान के नाते आप सफल रहें। यही मेरे शुभकामना है आपको। आइए हम और किसी बहन के साथ बात करेंगे। अब कौन बात करेगा हमसे?

नीलम चंद्रवंशी, औरंगाबाद

नीलम - नमस्कार। मैं नीलम चंद्रवंशी।

पीएम मोदी- नीलम जी नमस्ते।

नीलम - नमस्ते मैं नीलम चंद्रवंशी, केसर मंडल अध्यक्ष सूरज नगरी औरंगाबाद जिला के रहने वाली हूं और जीविका समूह के पीएम भी हूं। हम अपना भाषा में बोल रहे हैं कि हाथ जोड़ के रवा गौड़ लागई थिया।

पीएम मोदी- तो आप आप जीविका दीदी में क्या विशेष काम करती हैं?

नीलम -जीविका के पहले क्या था? जीविका के बाद में क्या हुआ? दीदी लोग के हम बारे में बता रहे हैं। जब जीविका समूह बना। टीआरपी लोग आके बनाए कोई महिला जुटती भी नहीं थी। उन लोग के जुटवाए दीदी 100 रुपया बचत करना है। आप लोग के आर्थिक स्थिति अच्छा हो जाएगा। तो 10-12 के टोली बना बना के 15 समूह बनाए। और समूह बना के उन लोग के 10 रुपया बचत करवा के, कुछ पैसा उन लोग के महीना में 10 महिला को हो गया 400। वैसे करे-करे छह महीना करके उन लोग के कुछ पैसा जमा करके दो-दो हजार रुपया महिला लोग के दिए कि लो छोटा बिजनेस चालू करो। मुर्गी चार गो खरीदो एक बकरी खरीदो। उन लोग सारा महिला लोग मुर्गी खरीद ली बकरी खरीद ली तो घर के खाना कपड़ा लाता ढंग से करने लगी। तो फिर हम लोग के लोन पास हुआ तो लोन पास हो के हम भी लोन लिए थे 50 हजार रुपया लेके हम चार मशीन खरीदे सिलाई मशीन।

पीएम मोदी- पचास, पचास हजार रुपया।

शालिनी - हां 50 हजार रुपया लोन। उसमें पास हुआ ₹1.5 लाख हुआ, तो हम 50 हजार लिए कि दीदी मेरे को बिजनेस बढ़ाना है। तीन बच्चा है हम लोग के बच्चा को पढ़ाई करने में दिक्कत हो रहा है। तो हम 50 हजार रुपया उसमें से ले के चार सिलाई मशीन खरीदे और दो आदमी को बिजनेस भी बढ़वा दिए। उन लोग भी 5 हजार रुपया मंथली

पीएम मोदी- यानी मतलब, आपको तो स्वयं तो पैरों पर खड़ी हो गईं, लेकिन औरों को भी आपने रोजगार दिलवा दिया।

शालिनी- बहुत लोग के मेरा जानिए कि मेरा 180 महिला मेरा पास है। सारा महिला कुछ ना कुछ अभी कर रही है। अब अभी तो इतना अच्छा उत्साह आया है कि जो 10,000 वाला में उन लोग इतना महिला लोग खुश हो गई है कि ₹10,000 ले हर महिला को बिजनेस चालू करवा दिए हैं और बोल दिए हैं कि दीदी आप लोग का बिजनेस बढ़ेगा तो आपको मोदी जी और नीतीश जी आओ दो लाख भी रुपया देंगे इससे भी बड़ा बिजनेस आप करके पूरा खुशहाल जिंदगी आप जी सकते हैं।

पीएम मोदी- नीलम जी, आपकी बातें सुनकर तो ऐसा लग रहा है कि मुझे सुनते ही रहना चाहिए। लेकिन अब 5:00 बजे चुनाव प्रचार पूरा होने वाला है। इसलिए मैं ज्यादा तो लेकिन मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। अच्छा नीलम जी, आपके क्षेत्र में चुनाव बहुत तेज गति से तो चल रहा है। प्रचार तो भरपूर हो गया है। लोगों ने भी चुनाव जीतने का तय कर लिया है। अब हमारे पास 5:00 बजे तो प्रचार बंद हो जाएगा। अब तो एक-एक घर जाकर के काम करना होता है। और मैं समझता हूं अब जो दो दिन होते हैं ना वह सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं। तो इन दो दिन में आप क्या करेंगे?

नीलम- दो दिन में हम लोग पूरा तैयारी करके रखे हैं। दो दिन में तो हम लोग एक एवीएम मशीन लाए हैं। नमूना लाए हैं, घर-घर जाके दीदी लोग के बता रहे हैं।

पीएम मोदी- हां ये बहुत अच्छा बताया जो ईवीएम का मशीन का जो चित्र आता है ना वो समझाना होता है कि कौन सा बटन दबाना कैसे दबाना ये समझाना बहुत जरूरी होता है।

नीलम- हां तो वह मशीन ले हम लोग घर टोली बना-बना के घर-घर जाकर बैठ के बैठ पानी भी पी रहे हैं। दीदी से मांग के दीदी पानी दीजिए। अब आइए आपको एक सिखा रहे हैं दो नंबर पर आपको दबाना है कमल फूल को देखना है। कुछ को ना देखना है। सब उन लोग खुश दबा-दबा के बैटरी बहुत उसमें अति हो रहा है। सब खुश है कि उन लोग की हम लोग क्या आजादी दिलवा रहे हैं हम क्या आजादी दिलवा रहे हैं।

पीएम मोदी- कभी-कभी क्या होता है कि उम्मीदवार का अगर नाम आखिर में है। तो हमारे लोग जाकर के गलती से बता देते हैं आखिरी नाम लेकिन आखिर में वह नोटा होता है तो फिर लोग क्या गलती से वह वोट दे देते हैं तो नुकसान हो जाता है तो समझाना पड़ता है कि इतने नंबर पर वोट दीजिए ये जरा समझाना पड़ेगा सबको।
नीलम- हां समझाते हैं उन लोग कि दो हम लोग के चुनाव है और सिर्फ दो नंबर देखना है हम लोग के कमल फूल चिन्हा उसमें लगा हुआ है। एवीएम मशीन में चिन्ह लोग दिखा रहे हैं। उन लोग को दिखा-दिखा के बता रहे हैं महिला लोग।

पीएम मोदी- अच्छा नीलम जी, वैसे तो आपने बताया कि आपके साथ 180 बहनें काम कर रही हैं। अब वो भी रोजगार कमा रही हैं और पुरुष लोग भी उससे कमा रहे हैं। तो अब बच्चियों को पढ़ाने में सब लोग रुचि लगते हैं। बेटियों को पढ़ाते हैं बराबर।

नीलम- पढ़ाना पूरा उन लोग तो बेटा-बेटी में कुछ अंतर ना हम सब महिला को समझाएं। दीदी ये ना समझिए कि मेरा एक दीदी मेरी बगल की है सिर्फ उनको दो लड़की है। बोल रही थी क्या करेंगे पढ़ा के उनको हम जबरदस्ती सरकारी निकाली थी डीएलडी में अभी 50 हजार रुपया लग रहा है क्या लग रहा है आप लोग डीएलडी निकालिए लड़का लड़की में कोई फर्क नहीं आपको लड़की भी करेगा वो जाकर डीएलडी में तुरंत ही नाम लिखवाई।

पीएम मोदी- यह बहुत बड़ा काम किया आपने तो। अच्छा नीलम जी, बिहार की बहनों में यह जंगलराज के खात्मे के बाद सुरक्षा का जो भाव आया है अब जो 20-22 साल की बेटियां हैं उनको तो मालूम ही नहीं है कि पहले कितनी हालत खराब थी क्या उनको यह बताते हैं नई पीढ़ी की बच्चियों को कि देखिए पहले जंगल राज में मुसीबत कितनी थी बहनें घर के बाहर नहीं निकल सकती थी असुरक्षा थी बहनें डरी हुई रहती थी। अब नीतीश जी की सरकार बनने के बाद बहुत बड़ा बदलाव आया है। यह सारी बातें आप लोग बताते हैं तो नई पीढ़ी की बेटियां क्या कहती है?

नीलम- हां सारा बात बताते हैं। वो मेरी बगल में एक वो नर्स दीदी रहती थी उर्मिला दी। जब हम छोड़ बता रहे शादी 2020 के बात बता रहे हैं। शादी हुआ था तो उनको लड़की पढ़ने गई ना और 6:00 बजे शाम में लौट आ रही थी। कोई उनको आदमी किडनैप कर लिया था। तो वही अपना लड़की को बताते 8:00 बजे फोन आया। उनको घर में आया कि आप इतना पैसा दीजिएगा तो वो लड़की छोड़ेंगे। वो अकबका के रोज-रोज चिल्ला रही थी। हम लोग सब देखे हुए हैं। अभी हम अपना लड़की को खुद बताते हैं। तू लोग गोलगप्पा खाने लगती है। जाती हो तो हम लोग तो बेफर रहते हैं। उर्मिला दीदी को लड़की को तो किडनैप हो गया था। पहले 2020 के बाद बता रहे हैं।

पीएम मोदी- अच्छा नीलम जी, जंगलराज के दौर में बेटियों का बाहर निकलना मुश्किल था। लेकिन अब ऐसा नहीं है। आज रात के समय में अस्पतालों में, रेलवे स्टेशनों पर अन्य अनेक जगहों पर बेटियां बिना डर से काम कर रही हैं। बिहार की महिलाएं जंगलराज के सामने दीवार बनकर खड़ी हो गई हैं। उन्होंने ठान लिया है कि जंगलराज की वापसी कभी नहीं होने देंगे। इसलिए जंगलराज वाले बिहार की महिलाओं को तरह-तरह के झूठ बोलने में जुटे हैं। नीलम जी, जब सुशासन होता है कानून-व्यवस्था का राज होता है तो महिलाओं को आगे बढ़ने के अवसर मिलते हैं। इसलिए बिहार की बेटियां अब स्वरोजगार के जरिए नौकरी देने वाली भी बन रही हैं। मुद्रा योजना ने छोटे व्यापार के सपने पूरे किए हैं। जीविका दीदी और डेयरी योजनाओं ने आत्मनिर्भरता की ताकत दी है। पशुपालन उसके लिए जो क्रेडिट कार्ड योजना ने खेती से जुड़ी महिलाओं के लिए आसान ऋण उपलब्ध कराया है। और मुझे तो खुशी यह हुई है कि ये सारी बातें आप जानती हैं। मतलब कि गांव तक की महिलाओं को इन सारी योजनाओं का पता होना यही सबसे बड़ा काम है। और यह कोई पढ़ाने से नहीं होता है। भाषण करने से नहीं होता है। जब सच्चाई में जमीन पे काम होता है ना तब होता है। तो मैं देख रहा हूं कि बिहार में जमीन पर काम हुआ है। और उसका असर मुझे तो चुनाव प्रचार में सब जगह पर नजर आया है। बस अब काम एक ही है। हमें हर पन्ना प्रमुख को पकड़-पकड़ करके एक भी पन्ने पर एक भी बहन ऐसी ना हो जिसका वोट ना हो। और बहनों के वोट एनडीए को मिलें, इसके लिए पूरी ताकत लगा दीजिए। चलिए मुझे बहुत अच्छा लगा नीलम जी। आइए अब कौन हमसे बात करेगा?

गुंजा बंगानी, पूर्णिया

गुंजा- जय जिनेंद्र सर मैं गुंजा

पीएम मोदी- जय जिनेंद्र

गुंजा- मैं गुंजा बंगानी पूर्णिया जिला से वर्तमान में प्रदेश उपाध्यक्ष महिला मोर्चा।

पीएम मोदी- गुंजा जी आप प्रदेश की नेता हैं।

गुंजा- हां हां माननीय।

पीएम मोदी- तो फिर तो आपका तो बहुत जगह पे जाना हुआ होगा। तो आप अभी क्या करती हैं? स्वयं के व्यक्तिगत जीवन में क्या करती हैं गुंजा जी ?

गुंजा- मैं व्यवसाय से जुड़ी हुई हूं। किसानों के साथ जुड़ी हुई हूं। मेरा धान गेहूं, मकई, भूसी सभी का किसानों से परचेज करके ऑल इंडिया ट्रेडिंग करती हूं।

पीएम मोदी- अच्छा, आप तो बहुत बड़ा व्यापारी बन गई हो। अच्छा गुंजी जी, गुंजा, आपका नाम गुंजा जी है गुंजी जी है।

गुंजा- गुंजा बंगानी। मारवाड़ी मारवाड़ी फैमिली से आती हूं।

पीएम मोदी- अच्छा-अच्छा और जैन परिवार से हैं माइनॉरिटी से हैं।
गुंजा- हां जी।

पीएम मोदी- अच्छा आपके यहां पर्ची बांटने वगैरह का काम कैसे हो रहा है? मैंने आग्रह किया था कि हमारे परिवारों के मुखिया सभी के वोट डलवाने की जिम्मेदारी लें। और महिलाएं घर के हर व्यक्ति का वोट करवा दें। और महिलाएं कहें कि आज तो चाय तब बनेगी पहले वोट करके आओ। जाओ चलो। तो ऐसा वातावरण बना है क्या?

गुंजा- बिल्कुल माननीय हमारे पीएलओ के द्वारा घर-घर पर्ची बांटी जा रही है। जो बूथ तक पहुंचाने की महिला पुरुष को व्यवस्था की गई है। जो महिला जो पुरुष असमर्थ है उनके लिए टेमो, ऑटो, रिक्शा, मोटरसाइकिल, गाड़ी सबकी व्यवस्था की गई है। एक-एक से मिला गया है और उनको जागरूक किया गया है।

पीएम मोदी- अच्छा गुंजा जी, यह जो दो युवराज वहां घूम रहे हैं और उसमें भी यह जो दिल्ली वाले युवराज वहां आए थे, जिनको बिहार का कुछ अता पता नहीं है। हमारी छठ मइया का क्या महत्व होता है ये पता नहीं है। और छठ मइया के लिए भी कुछ ना कुछ बोल दिए। यह चर्चा माताओं-बहनों में है क्या?

गुंजा- माननीय यह चर्चा हमारी सभी माताओं-बहनों के जेहन में बैठ गई है। क्योंकि माताएं-बहनें हम लोग आस्था के साथ जुड़ी हुई हैं। कोई भी राज्य हो सर्वप्रथम आस्था से जुड़ा हुआ है। आज आस्था पे जो चोट पहुंचाई है विरोधी के द्वारा। माताओं को भारी आक्रोश है। उनके बहुत पीड़ा हो रही है कि ये सुनके कि विरोधी दल द्वारा इस तरह आस्था का अपमान किया गया। ये अक्षम्य है। हम लोग को माफी के लायक नहीं समझ रहे हैं इस बात को। बहुत आक्रोश का माहौल बना हुआ है माता-बहनों के बीच में।

पीएम मोदी- क्या बहनों ने खुद में लगता है कि इस बार वह रिकॉर्ड तोड़ देने बूथ के अंदर शत प्रतिशत वोट महिलाएं करेगी। ऐसा कोई वातावरण बन रहा है? महिलाएं बोल रही है ऐसा?

गुंजा- माननीय हमारी महिलाएं बहुत जागृत हुई हैं। इन 15 साल 20 साल के अंदर। अब इन्हें समझ में आया है कि कौन सरकार कौन कितना हद तक बात करती है और कितना हद तक धरातल में काम करती है। महिलाएं आज स्वतंत्र होकर खुले आसमान के नीचे अपना छोटा-छोटा व्यापार कर रही है। स्वतंत्र होकर अर्ध रात्रि में निकल रही है। ये हमारी सरकार के द्वारा दी गई है। इस तरह महिलाएं बहुत सारी महिलाएं मतलब 96 प्रतिशत से अबव महिलाएं जागरूक होके वोट करने के लिए आगे बढ़ रही है।

पीएम मोदी- नहीं-नहीं, ये अपने काम का जागरूकता, सरकार की योजनाओं की जागरूकता यह सब तो बहुत अच्छी बात है। लेकिन इस चुनाव में इस चुनाव में ऐसा विजय देना है। ऐसा विजय देना है कि यह जिन्होंने झूठ बोला है। छठ मइया का अपमान किया है। बिहार को जिन्होंने जंगलराज में रखा था, उनको उनकी जमानत जब्त होनी चाहिए। कहीं पर भी उनको जगह नहीं। ऐसा कोई वातावरण बन रहा है क्या लोगों में? ये ये ताकत दिखती है क्या?

गुंजा- बिल्कुल माननीय है। क्योंकि पहले महिलाओं को बरगलाया जाता था। घर के अंदर रखा जाता था। मगर हमारी सरकार ने महिलाओं को बाहर निकाला है। स्वावलंबी बनाया है। अब महिलाएं जागरूक हो गई है। डिजिटल इंडिया के माध्यम से सब जान गई हैं कि क्या सही है क्या गलत है। अब अपनी जागरूकता को पहचानते हुए वो आगे बढ़ रही है और

पीएम मोदी- गुंजा जी गुंजा जी जागरूकता वाला विषय तो मैं समझ गया और बहुत अच्छी तरह से आप बताती भी हैं। मेरा बहुत सिंपल सवाल है। यह सब लोग पूरे परिवार का बूथ पर जाकर के वोट करवाएंगे। सुबह-सुबह वोट करवाएंगे। गीत गाते-गाते महिलाएं जाकर के वोट करवाएगी। हर पन्ना प्रमुख देखेगा कि एक भी महिला का वोट तो नहीं छूटना चाहिए। इसके लिए क्या हो रहा है वह मुझे सुनना है।

गुंजा- माननीय इस बार रिकॉर्ड टूटेगा। हम महिलाओं का रिकॉर्ड तोड़फोड़ एक-एक घर से महिलाएं निकलकर वोट करेंगी यह देखने को मिलेगा।

पीएम मोदी- अच्छा बिहार में हमने करीब-करीब 1 करोड़ 40 लाख महिलाओं के बैंक खाते में, हर एक के खाते में 10000 हजार रुपये की मदद पहुंचाई है। और यह भी कोई कट नहीं, कमीशन नहीं, भ्रष्टाचार नहीं, कोई चोरी लूटपाट नहीं। सीधासीधा और इसका इच्छा भी यही है। वह महिलाएं अपने पैर पर खड़ी हों अपना कोई कारोबार शुरू करें। इसकी कितनी चर्चा है लोगों में क्योंकि हर घर में पैसा पहुंचा है।

गुंजा- माननीय बहुत सी महिलाओं को इस 10,000 की पूंजी उपलब्ध हुई है सीधे खाते में। करप्शन का आज अभाव के कारण डिजिटल इंडिया होने के कारण, खाता में सीधे महिलाओं के खाते में पैसा आने के कारण आज महिलाओं को सबसे ज्यादा इस चीज का बेनिफिट मिला है। जिसके कारण महिला अपने पैसे को खुद से निकाल के अपना छोटा से छोटा रोजगार स्टार्ट की है। जो बिचोलिया इतने दिन से गुटबाजी कर रहे थे, जो महिला तक
जो पैसा पहुंचना था, चाहे कोई भी योजना का। वो नहीं मिल पा रहा था, मगर डिजिटल इंडिया के द्वारा बैंक में खाता खुलने के द्वारा आज सीधे महिलाओं के खाते में पैसे आने के कारण महिला शत प्रतिशत इस रुपया का सदुपयोग की है।

पीएम मोदी- गुंजा जी आपकी बातों में जो आत्मविश्वास है। वही आज बिहार की नारी शक्ति की पहचान बन चुका है। पूरे बिहार में महिला रोजगार योजना की बहुत चर्चा है। करीब 1 करोड़ 40 लाख बहनों के खाते में 10-10 हजार रुपया पहुंचना बहुत बड़ी बात है। अपने बूथ पर चर्चा के दौरान आपको केंद्र सरकार की योजनाओं के बारे में भी विस्तार से बताने का माहौल जो बना है इसका जरूर लाभ होना चाहिए। और कैसे महिलाओं के लिए जन्म से लेकर जीवन के हर चरण में कोई ना कोई योजना है। मोदी ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ से लेकर पक्के घर तक महिलाओं को सशक्त बनाने की गारंटी दी है। मिशन इंद्रधनुष से, पोषण मिशन से गर्भवती महिलाओं हमारी माताओं बहनों को इतनी बड़ी राहत मिली है। आप बिहार की बहनों को जरूर सतर्क करें और जैसा मेरा एक ही आग्रह है एक भी पन्ना प्रमुख ऐसा ना हो, जिस पन्ने पर अगर 20 बहनों के नाम है, 15 बहनों के नाम है, 18 बहनों के नाम है। ज्यादा बहनों के ना सबके वोट पड़ने चाहिए और इस बार तो मैं पूरी तरह यह देखने वाला हूं कि महिलाओं के वोट पुरुषों से ज्यादा करके इस बार बिहार को दिखाना है। बिहार अब नारीशक्ति का एक बहुत बड़ा प्रेरणा केंद्र बनने वाला है पूरे हिंदुस्तान के लिए। ऐसा मुझे चुनाव तो जीतने वाले हैं। लेकिन मुझे तो मेरी माताएं-बहनें जीत जाए। उसमें इंटरेस्ट है। हर बूथ में जीत जाए। हर परिवार में जीत जाए।

गुंजा- माननीय हम महिलाएं पूरे जोश के साथ इस चुनावी दौर पर आगे आके वोट करेगी। शत-प्रतिशत वोट इस बार महिलाओं का देखने को मिलेगा। यह मेरा पूरा विश्वास है।

पीएम मोदी- चलिए मेरी तरफ से आपका बहुत अच्छा लगा। आपको मेरी शुभकामनाएं। आप मेहनत कर रही है। सारी बहनें मेहनत कर रही है। और मैं तो देख रहा था कि खाना पकाने के समय पर भी बहनें रैलियों में आती थीं। यह बहुत बड़ी बात मैंने तो देखी है इस बार। अच्छा चलिए अब आइए किसी से बात करेंगे। अब कौन मिलेंगे हमसे?

वंदना पटेल, खगड़िया

वंदना- नमस्कार सर। मैं वंदना पटेल।

पीएम मोदी-नमस्कार जी।

वंदना- मैं वंदना पटेल भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश कार्य समिति सदस्य और निवर्तमान महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष खगड़िया। आपको गौड़ छू के प्रणाम करे चाहिए।

पीएम मोदी- आपको भी मेरी तरफ से बहुत-बहुत शुभकामनाएं। वंदना जी बताइए आपकी जिम्मे में क्या-क्या काम है? आप क्या-क्या करती हैं? जरा मैं सुनना चाहता हूं।

वंदना- सर हम किसान परिवार से हैं। हमारे घर में दो बच्चे हैं। हस्बैंड हैं। हमारे हस्बैंड मक्का सीड्स में सेल्स मैनेजर हैं और खाद बीज का जो है व्यवसाय करते हैं। और हम लोग हम जो है सामाजिक संगठन से भी जुड़े हुए हैं। सामाजिक संगठन यूथ फाउंडेशन है। उससे भी जुड़े हुए हैं। उसके थ्रू जो है हम लोग महिलाओं को जो फाउंडेशन का संरक्षण है।

पीएम मोदी- अच्छा वंदना जी आप इतने सक्रिय हैं उतने जागरूक हैं। आपको पता है सरदार वल्लभभाई पटेल का एक बहुत बड़ा स्टैच्यू गुजरात में बना है पता है और दुनिया भर के लोग सरदार साहब को श्रद्धांजलि देने के लिए आते हैं। पता है आपको?

वंदना- जी जी, जी सर।

पीएम मोदी- चुनाव के बाद आपको परिवार के साथ वहां जाना चाहिए। सरदार वल्लभ भाई पटेल को श्रद्धांजलि देनी चाहिए।
वंदना- जी जरूर जाएंगे।

पीएम मोदी- पक्का, जरूर जाएंगे। अच्छा वंदना जी आप मुझे बताइए आपके इलाके में बूथ लेवल पर चुनाव कैसा चल रहा है? मैं प्रचार की बात नहीं पूछ रहा हूं। हर घर में क्या हो रहा है? और जो इतना बढ़िया घोषणा पत्र आया है और जिसमें कोई उटपटांग बातें नहीं कीं। जो हो सकता है उतना ही बोला है इसका क्या असर है।

पीएम मोदी- सर हम लोगों का जो बूथ जीतो चुनाव जीतो, बूथ पर जो है हमारी जो हम लोग जो है बूथ पर। हम महिलाओं सब आपके जो केंद्र सरकार की जितनी भी योजना है। केंद्र सरकार और बिहार सरकार के हम लोग पिछले पांच-छह महीने से हम लोग सरकार की योजनाओं के बारे में बताते हैं और उस जैसे आपके घोषणा पत्र में गरीब, महिलाओं, युवाओं, किसानों के लिए जो आप घोषणा पत्र में जैसे महिलाओं के लिए रोजगार के लिए दो लाख रुपया सहायता दिए हैं। उससे महिलाओं बहुत ही उत्साहित है और घोषणा पत्र में हम जो है, हर घर मतलब 1 करोड़ नौकरी और रोजगार देने का जो बात कहे हैं उससे हमारे बिहार में और हमारे जिला में जितने भी हैं बड़े-बुजुर्ग, माता, बहनों, भाई बहनों सभी उत्साहित है कि हमारे हर जिले में फैक्ट्री और रोजगार मिलने वाला है। हर जिले में उद्योग लगाने का बात कहे हैं। उससे भी खुश उत्साहित है कि हमारे हर जिला में फैक्ट्री खुलेगा और हम लोग को रोजगार मिलेगा और उसमें सबसे बड़ी बात है किसानों के लिए जो सम्मान निधि पहले था 6000 और आपने बढ़ा के जो 9000 कर दिए तो हमारे किसान के लिए जो हर महीने महीने में 2000 तीन महीने में 2000 रुपया का सहायता मिलता था। उससे किसानों को खाद बीज खरीदने में बहुत ही सुविधा होता था। जैसे कि पहले अगर नहीं पैसा रहने पर कर्ज लेना पड़ता था और यह जब और बढ़ा के आप 9000 कर दिए किसानों के लिए तो बहुत ही ज्यादा आप सुविधा दिए हैं। अभी जो है हमको लगता है कि खाद का पहले कितना मारा-मारी था और अभी खाद और या डीएपी बहुत ही ज्यादा उपलब्ध करा दिए हैं। आपके नेतृत्व में किसान बहुत मजबूत हो रहा है। हम गर्व के साथ कहेंगे कि गांव और किसान आपके नेतृत्व में हमको लगता है बहुत मजबूत हो रहा है। उसका जीवन ही बदल गया है।

पीएम मोदी- अच्छा वंदना जी, जब आप आप पोलिंग बूथ पे लोगों से मिलने जाते हो तो बुजुर्ग लोगों से भी मिलना होता होगा और ये बुजुर्ग जो माताएं बहने हैं, बुजुर्ग हमारे गांव के लोग हैं, उन्होंने तो जंगलराज को देखा है। कैसे महिलाओं को घर में कैद रहकर के रहना पड़ता था। क्या यह बातें नई पीढ़ी के ध्यान में आती है? नई पीढ़ी को यह पुराने लोग बताते हैं कि कैसे बुरे दिन थे वह जंगलराज के दिन कितने बुरे थे, बातें होती है क्या?
वंदना- जी सर, बिल्कुल हमारे जो पुराने नानी दादी हैं और हम लोग के जितने भी युवा पीढ़ी है। अभी सोशल मीडिया के माध्यम से जब पिछले जंगलराज के बारे में जब वो जानते हैं और सुनते हैं तो हमको लगता है कि रूह कांप जाता है। तो हमारे जितने भी अभी के जो जनरेशन में युवा महिला और जो भी है उनका यही कहना है कि भविष्य में कभी भी जंगलराज को आने नहीं देना है, जिससे हम महिलाओं को कैद होकर रहना पड़े। इसलिए हमको तो लगता है कि बिहार में दोबारा कभी जंगलराज वापस हमारी बिहार की महिलाओं नहीं आने देने वाली है।

पीएम मोदी- वाह वंदना जी, आप तो बड़ी हिम्मत के साथ बता रही हो। अच्छा वंदना जी आप तो जानती हो 5:00 बजे चुनाव प्रचार समाप्त हो जाएगा। अब तो कुछ मिनटों का ही खेल है और इतनी सारी मुझे बताया गया कि आज लाखों बहनें मेरे साथ अभी फोन पर जुड़ी हुई हैं। यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे एक साथ लाखों बहनों से बात करने का मौका मिल रहा है। वो बहनें आपकी बात भी सुन रही हैं वंदना जी। अब जब चुनाव प्रचार तो बंद हो जाएगा। लेकिन घर-घर जाकर के बात करने का तो अवसर होता है। लोगों का वोट पक्का करने का अवसर होता है। ईवीएम मशीन के जो चित्र होते हैं, वह दिखा करके कहां वोट डालने का वह काम होता है। फिर मतदान के दिन जो भी जल्दी-जल्दी निकलो, उसके लिए तैयारी करनी होती है। जुलूस निकाल कर के वोट करने के लिए जाओ। यह बात चर्चा चल रही है। तो, आप मुझे बताइए कि आपके इलाके में क्या-क्या हो रहा है और क्या करने वाले हैं?

वंदना- सर, हमारे इलाके में, आपके नेतृत्व में जो बिहार मजबूत हो रहा है, हम लोग जब जाते हैं, तो हमारी महिला कहती है कि आप आप काहे आ गए? हम लोग तो इस बार 2025, 225 पार करने वाले और एनडीए सरकार को हम लोग मजबूती से इस बार बना रहे हैं।

पीएम मोदी- अच्छा 2025 में 225 जी

वंदना- तो हम लोग को महिला बोलती है कि आप आपको आने की जरूरत ही नहीं है। हम महिलाओं जो है हमारे मोदी जी जो है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी हमारे लिए भगवान है। आज जो जैसे महिलाओं के साथ हम लोग बैठते हैं जो बुजुर्ग महिला जो 60 साल से ऊपर तो हम बताती है कि हमारे जो जो जिस बेटे को हम खून पसीना से सींचे हैं, उस वो बेटा हमको खाने नहीं देते थे। अलग करके रखते थे आज हमारे देश के प्रधानमंत्री हमारे खाने का, कपड़ा का, दवाई का चिंता करते हुए हमको फ्री में अनाज दे रहे हैं और हमको 400 से 1100 बढ़ा दिए जिसके कारण आज हमको हमारी बहू को लगता है कि हम अपने सास को अगर हम अपने पास रखें तो हमको ₹1100 हमारी सासू मां का जो जमा होगा उससे हम कुछ कर पाएंगे। इसके लिए आपको बेटा और भगवान मानती है हमारे बिहार की महिला।

पीएम मोदी- वंदना जी, आपने बड़ा भावुक बना दिया मुझे। जब मैं तो इन सभी माताओं को यहां से प्रणाम करता हूं, क्योंकि मेरी जिंदगी में माताएं-बहने उनके आशीर्वाद, यही मेरा सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है। आप देखिए मैं तो इस चुनाव प्रचार में एक बात देखता था जो बहुत बड़ी मात्रा में माताएं बहने आती थी और बड़े जुस्से से भरी हुई है। दूसरी तरफ मैं देख रहा था कि 18 20 साल 22 साल के नौजवान बहुत आते थे और पहली बार जिनको वोट देना है उनका उत्साह भी बहुत था। बड़ा जबरदस्त वो ताकत दिखाते थे सभा में भी। मुझे कई-कई जगह पे तो उनको कहना पड़ता था जगह नहीं है। जरा जहां है वहां रुक जाइए। आगे आने की को ऐसा मैंने तो दृश्य देखा है। अच्छा मुझे बताइए यह जो पहली बार जिनको वोट देना है, जिन्होंने कभी जंगल राज्य देखा भी नहीं था। अब विकास देखा है और हम बहुत तेजी से विकास की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं तो इन नौजवानों में क्या चर्चा है? क्या वह भी मतदान करेंगे और मतदान कराएंगे क्या? वो भी चुनाव में मदद करेंगे क्या?

वंदना- सर बहुत ज्यादा मदद कर रहे हैं और हम जो न्यू वोटर्स से हम लोग मिले हैं तो उन लोग का कहना है कि हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हमारा देश और बिहार इतना मजबूत हो रहा है और आगे बढ़ रहा है तो हम उनके हाथ को ऐसे मजबूत करेंगे कि हमारा देश और बिहार और मजबूत हो और हमको गर्व हो रहा है कि हमारे हमारे बिहार और देश के नेतृत्व करने वाले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जो जिनके नेतृत्व में बिहार आगे बढ़ रहा है और हम अपने मतलब अपना जो वोट एनडीए के पक्ष में करके हम अपने आप को गर्व महसूस कर रहे हैं। ऐसा है हमारे न्यू वोटर्स में। आपके प्रति जितना भी कहे हम आपको बहुत कम है। जो यहां के जो महिलाओं, गरीबों, किसानों, नौजवानों का जो आपके प्रति जो विश्वास है, वो विश्वास जब हम लोग देखते हैं तो हम लोगों का जो चुनाव प्रचार का जो थकान है, वह दूर हो जाता है।

पीएम मोदी- वंदना जी, मुझे बहुत अच्छा लगा। आपने बहुत विस्तार से योजनाओं की बात बताई है। इससे पता चलता है कि आप सच में धरती पर काम करने वाली कार्यकर्ता हैं। लोगों से जुड़ी हुई कार्यकर्ता हैं और सिर्फ महिलाओं से नहीं आपकी बातों से लगता है कि किसान हो, नौजवान हो, बुजुर्ग हो सबके साथ आप जुड़ी हुई लगती हो। आपकी टीम भी अच्छी होगी और इसलिए मुझे पूरा पक्का विश्वास है कि आने वाले जो भी समय अब कुछ घंटे आपके पास बचे हैं। 5:00 बजे के बाद तो चुनाव प्रचार पूरा हो जाएगा। लेकिन मुझे पक्का विश्वास है कि अब घर जाकर के जैसे परीक्षा देने के लिए बच्चा इतनी मेहनत करता है। लेकिन घर से निकलते समय वो किताब में से आखिरी चीजें देख लेता है। आखिरी चीजों पर ध्यान देता है। आपको भी अब मतदान के पहले जो आखिरी बातें हैं, उसको बहुत पकड़ के रखना है। बार-बार लोगों को बताना है। वोट करवाने के और हर एक को जिम्मा देना है कि भाई देखिए ये 10 वोट तुम्हारे जिम्मे है। ये 10 वोट तुम्हारे जिम्मे है। ये 10 वोट तुम्हारे जिम्मे है। ये पांच घर तुम्हारे जिम्मे है। ये छह घर तुम्हारे जिम्मे है। चलो भाई जल्दी से निकालो। वहां जो कभी-कभी तो क्या होता है कि पोलिंग बूथ के बाहर ही बस हम बैठे रहते हैं। और बैठ के फिर एक-एक दूसरे को देखो वो घर वाला नहीं आया। वह टोले वाला नहीं आया। वह मोहल्ले वाला नहीं आया। चाहते नहीं है लोग। मैं चाहता हूं कि इस बार हम पोलिंग बूथ के बाहर बैठे रहें ऐसा नहीं। हम लोगों के घरों के पास खड़े रहे। चलो भाई निकलो आओ चलो चलो निकलना है यह वातावरण अगर बनाएंगे तो मैं समझता हूं कि जो आप चाहती हैं कि 2025 में 225 बड़ा गजब का नारा दिया आपने और वंदना जी आपने मुझे प्रॉमिस किया है। आपके परिवार को दुनिया का सबसे ऊंचा स्टैच्यू सरदार वल्लभभाई का, जो गुजरात में नर्मदा जी के तट पर बना है, वो जरूर जाना है औरों को भी लेकर के जाना है।

वंदना- जी जरूर और हम अब बिहार के महिलाओं के तरफ से आपको विश्वास दिलाते हैं कि अबकी बार बिहार के महिलाओं से जो है वोट से रिकॉर्ड तोड़ेगा बिहार।

पीएम मोदी- बहुत अच्छा लगा मुझे। आज सभी बहनों से जो बातें हुई मेरे लिए बहुत ही सुखद अनुभव है कि मेरी पार्टी के पास हमारे साथ में ऐसी होनहार बहनें हैं। इतना जीवंत संपर्क रखने वाली बहनें हैं। परिवार का काम करते-करते भी लोगों के आर्थिक विकास में काम कर रही हैं। गांव का नेतृत्व कर रही हैं। गांव में परिवर्तन के लिए प्रयास करते हैं। मेरे लिए यह बहुत गर्व की पल है कि मैं एक ऐसी पार्टी का कार्यकर्ता हूं जिस पार्टी के पास ऐसी लाखों होनहार बहनें काम करने वाली हैं। जनता की भलाई के लिए काम करने वाली बातें हैं। ये मेरे लिए तो बहुत खुशी की बात है। मेरे लिए तो चुनाव का तो विजय है ही है। लेकिन आप लोगों से बात कर करके जो मुझे आज उत्साह और उमंग मिला है। एक नया विश्वास मिला है। यह मेरे लिए जीवन भर की एक बहुत बड़ी पूंजी है और मैं तो सभी भाजपा कार्यकर्ताओं आपकी बातें सुनकर मेरा उत्साह कई गुना बढ़ गया है। जिस दल के पास आप जैसी करोड़ों कार्यकर्ता हो, उसका सामर्थ्य बढ़ना बहुत स्वाभाविक है। बिहार की सारी महिला बूथ कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर के हर पन्ना प्रमुख का पक्का कर लेना चाहिए कि बस हमारा वोट होना ही है। लोगों तक पर्ची पहुंच चुकी है। उनको वोट देने के लिए कहां जाना है उनको पता है। कितने बजे जाना है पता है। और सुबह-सुबह ही वोट डालना है। और यह भी आपके गांव में बहुत से लोग हैं इस बार जो छठ पूजा के लिए गांव में आए हैं। उनको भी मिल लीजिए। उनको भी कहिए कि वोट करके ही जाना है। जल्दी वापस मत जाओ। यह चिंता करनी चाहिए। आप बहनों की टोलियां गीत, संगीत, थाली बजाते-बजाते, नारे बजाते-बजाते 20-20, 25-25 के टोले में मतदान करने के लिए जाना चाहिए। सोशल मीडिया हो। अब देखिए मैं आप सबको चौंकाना चेतावनी देना चाहता हूं। यह जो गंदी राजनीति करने वाले लोग हैं ना वह अब आने वाले 24 घंटे ऐसी झूठी-झूठी चीजें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बनी हुई फालतू चीजें मोदी के ही आवाज में कुछ चीजें डाल देंगे। नीतीश जी के आवाज में चीजें डाल देंगे। वहां के और हमारे नेताओं के मुंह पर आवाज में अब तो टेक्नोलॉजी से सब संभव होता है तो कोई भी व्यक्ति भ्रमित हो जाता है। तो अब ऐसी किसी चीजों के भ्रम में आना नहीं है। कितना ही झूठ लास्ट मोमेंट का ये लोग ले आए। किसी को भी इस भ्रम में नहीं आना है। यह चिंता जरूर करिए और ये सब झूठ मान करके चलिए और जो अभी तक हमने बात की है उसी बात को पकड़ करके आप लोग आगे चलें। माताएं-बहनों का वोटिंग सब से ज्यादा हो यह मेरा बहुत आग्रह है इस बार और मैंने तो देखा है इस बार मुझे महिला और उसकी शक्ति के बड़े अद्भुत दर्शन हुए हैं। तो आप सबको आपकी मेहनत रंग लाने वाली है। सरकार बनना पक्का है और मैं इतनी लाखों महिलाएं टेलीफोन पर मेरे साथ जुड़ी है। मैं आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं और सभी बुजुर्ग माताओं को मैं प्रणाम करता हूं और मेरी तरफ से सबको प्रणाम कहिएगा और मतदान करवाइएगा। चलिए सबको नमस्कार। बहुत अच्छा लगा मुझे।