केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्री नितिन गडकरी जी, नारायण राणे जी, पीयूष गोयल जी, हरदीप सिंह पुरी जी, महेंद्र नाथ पांडेय जी, इंडस्ट्री के सभी दिग्गज, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों!
अभी मैं पीयूष जी को सुन रहा था, वो कह रहे थे कि आप आए तो हमारा हौसला बढ़ जाता है। लेकिन मैं देख रहा था यहां तो सारे हॉर्स पॉवर वाले लोग बैठे हैं। तब तय हो गया है कि किसको कहाँ से हौसला मिलने वाला है। सबसे पहले तो मैं Automotive Industry को इस शानदार आयोजन के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। मैं आज हर स्टॉल पर तो नहीं जा पाया, लेकिन जितने भी स्टॉल्स मैंने देखे, वो बहुत ही प्रभावित करने वाले थे। हमारे देश में ये सब हो रहा है, देखते हैं तो और आनंद हो जाता है। मैंने तो कभी गाड़ी खरीदी नहीं है, इसलिए मुझे कोई अनुभव नहीं है, क्योंकि मैंने कभी साइकिल भी नहीं खरीदी है। मैं दिल्ली के लोगों को भी कहूंगा कि इस एक्सपो को आकर जरूर देखें। ये आयोजन Mobility Community और पूरी Supply Chain को एक मंच पर लाया है। मैं आप सभी का Bharat Mobility Global Expo में अभिनंदन करता हूं, और आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाए देता हूं। शायद आप में से कुछ लोगों को स्मरण होगा कि जब मेरी पहली टर्म थी, उस समय मैंने एक ग्लोबल लेवल की mobility conference प्लान की थी। और उस समय की चीजें अगर आप निकालकर देखोगे तो बैटरी पर हमारा फोकस क्यों होना चाहिए, Electric Vehicle की तरफ हमें कैसे जल्दी जाना चाहिए, इन सारे विषयों पर बहुत विस्तार से वो समिट हुआ था, ग्लोबल एक्सपटर्स आए थे। और आज मैं मेरी दूसरी टर्म में देख रहा हूं कि अच्छी खासी मात्रा में प्रगति हो रही है। और मुझे विश्वास है कि तीसरी टर्म में.. चलिए समझदार को इशारा काफी होता है। और आप लोग तो mobility की दुनिया में है, तो ये इशारा देश में जल्दी से पहुंचेगा।
साथियों,
आज का भारत, 2047 तक विकसित भारत बनाने के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहा है। इस लक्ष्य की प्राप्ति में मोबिलिटी सेक्टर एक बहुत बड़ी भूमिका अदा करने वाला है। और मैंने लाल किले से कहा था- मैं आज दोबारा उसका पुन:स्मरण करा रहा हूं। उसमें मेरा एक विजन भी था, मेरा विश्वास भी था और वो विश्वास मेरा अपना नहीं था। 140 करोड़ देशवासियों के सामर्थ्य के कारण वो विश्वास शब्दों में प्रकट हुआ था। और उस दिन मैंने कहा था लाल किले से - यही समय है, सही समय है। ये मंत्र आपके सेक्टर पर बिल्कुल फिट बैठता है। एक प्रकार से India is on the move, and is moving fast. भारत के मोबिलिटी सेक्टर के लिए ये एक तरह से गोल्डन पीरियड का प्रारंभ है। आज भारत की अर्थव्यवस्था का तेजी से विस्तार हो रहा है। और जैसा मैंने पहले कहा हमारी सरकार के तीसरे टर्म में भारत का दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना तय है। हमारी सरकार के प्रयासों से पिछले 10 वर्षों में करीब 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। और जब वो गरीबी से बाहर निकलता है न तब उसके सपनों में पहली पांच चीजों में क्या होता है? एक आप होते हैं। चाहे वो साइकिल खरीदना चाहेगा, चाहे scooty खरीदना चाहेगा, चाहे scooter और हो सके तो four wheeler! उसका पहला ध्यान आप ही पर जाने वाला है। और ये 25 करोड़ लोग गरीबी से आए हैं। आज भारत में बड़ी संख्या में नियो मीडिल क्लास बना है, जिसकी अपनी आशाएं हैं, अपनी आकांक्षाएं हैं। शायद aspiration का लेवल उस सोसायटी में होता है, उस economical startup में होता है, वो शायद ही कहीं और होता है जी। जैसे व्यक्ति के जीवन में 14 से 20 साल का कालखंड जैसे एक प्रकार से अलग ही होता है, वैसा ही इनके जीवन में होता है। और इसको अगर हम एड्रेस करते हैं तब कल्पना कर सकते हैं हम कहां से कहां पहुंच सकते हैं जी। ये Neo middle class उसके aspirations और दूसरी तरफ आज भारत में मिडिल क्लास का दायरा भी बहुत तेजी से बढ़ रहा है, मिडिल क्लास की इनकम भी बढ़ रही है। ये सारे फैक्टर्स भारत के मोबिलिटी सेक्टर को नई ऊंचाई देने वाले हैं। बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था और बढ़ती हुई आय के बीच, बढ़ते हुए कुछ आंकड़े, आपके सेक्टर का हौसला बढ़ाने वाले हैं, मोदी नहीं ये आंकड़े।
साल 2014 के पहले के दस सालों में भारत में 12 करोड़ के आसपास गाड़ियों की बिक्री हुई थी। जबकि 2014 के बाद से देश में 21 करोड़ से ज्यादा गाड़ियों की बिक्री हो चुकी है। दस साल पहले भारत में साल भर में दो हजार तक इलेक्ट्रिक गाड़ियां बिक रही थीं। वहीं अब भारत में करीब 12 लाख इलेक्ट्रिक गाड़ियां हर साल बिक रही हैं। पिछले 10 साल में passenger vehicles की बिक्री में 60 परेंसट की वृद्धि हुई है। भारत में टू-व्हीलर सेल्स भी 70 परसेंट से ज्यादा बढ़ी है। अभी कल ही जो आंकड़े आए हैं वो बताते हैं कि जनवरी के महीने में कारों की बिक्री ने अपने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। जिनकी बिके हैं, वो यहां बैठे है ना। आप चिंता मत कीजिए income tax वाले नहीं सुन रहे हैं, घबराओ मत। यानि आप सभी के लिए मोबिलिटी सेक्टर में अभूतपूर्व Positive वातावरण आज धरती पर नजर आ रहा है। आपको आगे बढ़कर इसका लाभ उठाना है।
साथियों,
आज का भारत, भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नई नीतियां बना रहा है। और इसमें निश्चित तौर पर मोबिलिटी सेक्टर के लिए विशेष जगह है। कल जो बजट पेश हुआ है, उसमें भी इस विजन को आप देख पाते होंगे, ये तो इंटरिम बजट है, पूरा तो आएगा जब हम तीसरी बार आएंगे तब। 2014 में भारत का Capital Expenditure 2 लाख करोड़ से भी कम था, 2 लाख करोड़ से भी कम था, आज ये 11 लाख करोड़ से भी ज्यादा हो गया है। Capital Expenditure पर 11 लाख करोड़ रुपए के खर्च का ऐलान, भारत के मोबिलिटी सेक्टर को अनेक विविध opportunity लेकर के आया है। ये ना सिर्फ अर्थव्यवस्था को ताकत देगा, बल्कि इससे रोजगार के भी नए अवसर बनेंगे। इस अभूतपूर्व इंवेस्टमेंट की वजह से आज भारत में रेल-रोड-एय़रवे-वॉटरवे ट्रांसपोर्ट यानि हर क्षेत्र का कायाकल्प हो रहा है। हम समुद्र और पहाड़ों को चुनौती देते हुए एक के बाद एक engineering marvel तैयार कर रहे हैं, वो भी रिकॉर्ड समय में। अटल टनल से लेकर अटल सेतु तक, भारत का infrastructural development नए रिकॉर्ड बना रहा है। बीते 10 वर्षों में भारत में 75 नए एयरपोर्ट बनाए गए हैं। करीब 4 लाख किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण हुआ है। 90 हजार किलोमीटर नेशनल हाइवे बने हैं। 3500 किलोमीटर के हाईस्पीड कॉरिडोर विकसित किए गए हैं। 15 नए शहरों में मेट्रो रेल और 25 हजार किलोमीटर के रेल रूट्स का निर्माण हुआ है। इस बार के बजट में, 40 हजार रेल कोचेज को वंदे भारत ट्रेन के डिब्बों जैसा आधुनिक बनाने का ऐलान किया गया है। ये 40 हजार कोच, सामान्य रेल गाड़ियों में लगाए जाएंगे। इससे भारतीय रेलवे की तस्वीर बदलना तय है।
साथियों,
हमारी सरकार की इस Speed और Scale ने भारत में मोबिलिटी की परिभाषा को भी बदल दिया है। हमारी सरकार का जोर रहा है कि प्रोजेक्ट समय पर पूरे हों, अटके नहीं, भटके नहीं, लटके नहीं। Transportation को आसान बनाने के लिए, Logistics से जुड़ी चुनौतियां कम करने के लिए भी हमारी सरकार ने ऐतिहासिक बदलाव किए। पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान के तहत आज देश में Integrated Transport को बढ़ावा दिया जा रहा है। Aircraft और Ship Leasing के लिए GIFT CITY में Regulatory Framework बनाया गया है। Logistics Chain को आधुनिक बनाने के लिए सरकार ने National Logistics Policy बनाई है। सामान की ढुलाई में समय कम लगे, पैसा कम लगे, इसके लिए Dedicated Freight Corridor विकसित किए गए हैं। कल बजट में जिन तीन railway economic corridors की घोषणा की गई है, वो भी भारत में Ease of Transportation को बढ़ाने का एक काम करेंगे।
साथियों,
आज भारत में National Highways और आधुनिक एक्सप्रेसवे के निर्माण के जरिए Connectivity को निरंतर मजबूत किया जा रहा है। GST ने ना सिर्फ सामानों की आवाजाही को तेज किया है, बल्कि राज्यों के बॉर्डर्स पर जो Check Posts होते थे, उन्हें भी खत्म किया है। फास्ट-टैग टेक्नोल़ॉजी भी इंडस्ट्री के ईंधन और समय, दोनों की बचत करा रही है। एक स्टडी के मुताबिक, फास्टटैग से अर्थव्यवस्था को हर साल 40 हजार करोड़ रुपए का फायदा हो रहा है।
साथियों,
भारत आज विश्व का Economic Powerhouse बनने के मुहाने पर है। Auto औऱ Automotive Component Industry की बहुत इसमें भूमिका रहने वाली है। आपकी Industry का देश के Total Exports में बड़ा प्रतिनिधित्व है। भारत आज Passenger Vehicles के मामले में विश्व का तीसरा सबसे बड़ा मार्केट है। हम पूरी दुनिया में Commercial Vehicles बनाने वाले तीसरे सबसे बड़े देश हैं। हमारी Components Industry भी Globally Competitive बन रही है। अब अमृतकाल में हमें इन सभी क्षेत्रों में दुनिया में टॉप पर आना है। हमारी सरकार, आपके हर प्रयास में आपके साथ खड़ी है। ये मैं आपके लिए कह रहा था। आपकी Industry के लिए सरकार ने 25 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की Production Linked Incentive Scheme बनाई है। ये हमारी पूरी वैल्यू चेन को आत्मनिर्भर बनाने और MSMEs को शक्ति देने में बड़ी भूमिका निभा रही है। Battery Storage के लिए सरकार ने 18 हजार करोड़ रुपए की PLI Scheme दी है। और जब Battery Storage की बात आती है तब मैं आपको बताता हूं, मैं क्या सौच रहा हूं। अगर मैं clean cooking movement को आगे बढ़ाऊं। मान लीजिए देश में 25 करोड़ घर हैं और rooftop solar और battery storage की व्यवस्था और उससे cooking की व्यवस्था clean cooking की व्यवस्था 25 करोड़ battery की जरूरत, मतलब आपकी गाड़ियों से सैंकड़ों गुना बैटरी की आवश्यकता जो अपने आप में गाड़ी की battery को एकदम सस्ता कर देगी। अभी आप आराम से इस फील्ड में आइये, पूरा पैकेज लेकर के आइये और कल सरकार ने घोषित किया है बजट में हम पहले तबके में एक करोड़ परिवारों को roof top solar से उसकी तीन सौ यूनिट तो कम से कम मुफ्त बिजली, और मेरी तो योजना है कि roof top से उसके electric vehicle का चार्जिंग व्यवस्था उसके घर में ही हो, उसकी गाड़ी रात को आए, स्कूटी आए, स्कूटर आए, चार्ज हो जाए, सुबह अपना चलता चले। यानि एक प्रकार से decentralize व्यवस्था पूरी तरह roof top solar system के साथ जोड़ने की कल्पना है। ये सारी चीजें आप भविष्य की योजनाओं में दिमाग में रखकर के प्लान कीजिए, मैं आपके साथ हूं।
Research और Testing को और बेहतर करने के लिए National Project को 3200 करोड़ रुपये दिए गए हैं। National Electric Mobility Mission की मदद से भारत में Electric Vehicles के निर्माण को नई गति मिली है। EV की डिमांड को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने करीब 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया है। हमारी सरकार की Fame Scheme भी बहुत सफल रही है। इसी स्कीम के तहत आज राजधानी दिल्ली समेत कई शहरों में हजारों इलेक्ट्रिक बसें चलनी शुरू हुई हैं। सरकार, EV Charging Stations बनाने के लिए भी Subsidy दे रही है।
साथियों,
रिसर्च और इनोवेशन को प्रोत्साहित करने के लिए कल के बजट में जैसे मैंने कहा 1 लाख करोड़ रुपये के फंड की घोषणा की है। स्टार्ट अप्स को मिल रही टैक्स छूट को और विस्तार देने का भी निर्णय लिया है। इन फैसलों से भी Mobility Sector में नई संभावनाएं पैदा होंगी। EVs के सामने आज सबसे बड़ी चुनौती उसकी Cost और batteries की है। इस फंड का इस्तेमाल इस क्षेत्र में रिसर्च के लिए हो सकता है। हमारी Rooftop Solar Scheme में भी EV Manufacturing से जुड़ा Component है, जिससे Auto Sector को भी मदद मिलेगी। जब सोलर रूफ टॉप की संख्या बढ़ेगी, तो स्वभाविक है कि बड़ी संक्या में बैटरीज की भी जरूरत होगी। आपके लिए इस सेक्टर में भी विकास की बहुत बड़ी संभावना है। और मैं तो एक औऱ बात कहूंगा। क्यों नहीं हमारी इंडस्ट्री ऐसी रिसर्च करती, जिससे भारत में मौजूद Raw Materials से ही नई तरीके की Batteries बनाई जाएं? क्योंकि दुनिया को चिंता है कि ये Raw Material कितने लंबे अर्से तक चलेगा और तब क्या होगा। हम अभी से क्यों न alternate लें। मैं समझ सकता हूं कि देश देश दे सकता है काफी लोग सोडियम पर काम कर भी रहे हैं। और सिर्फ Batteries ही नहीं, Auto Sector को Green Hydrogen और Ethanol के क्षेत्र में भी नई रिसर्च को बढ़ावा देना चाहिए। हमारे स्टार्टअप्स ने Drone Sector को भारत में नई उड़ान दी है। इस फंड का इस्तेमाल Drones से जुड़ी रिसर्च में भी हो सकता है। आज हमारे Waterways, Transport के बहुत ही Cost Effective माध्यम बनकर उभरे हैं। भारत की Shipping Ministry अब स्वदेशी टेक्नॉलजी का इस्तेमाल करके Hybrid vessels बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। आपको भी इस दिशा में जरूर आगे आना चाहिए।
साथियों,
आज इंडस्ट्री के आप सभी दिग्गजों के बीच, मार्केट की इतनी सारी चर्चाओं के बीच, मैं एक मानवीय पहलू की तरफ भी आपका ध्यान दिलाना चाहता हूं। हमारे लाखों Drivers साथी इस Mobility Sector का एक बहुत बड़ा हिस्सा हैं। जो ट्रक चलाते हैं, जो टैक्सी चलाते हैं, वो ड्राइवर हमारी सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था का एक अभिन्न हिस्सा हैं। अक्सर ये ड्राइवर्स घंटों-घंटों लगातार ट्रक चलाते हैं, और मालिक भी क्या, समय पर क्यों नहीं आया वहीं से शुरू करता हैं, कहां रूक गया था, इनके पास आराम का समय नहीं होता। ऐसी मुश्किल परिस्थितियों में कई बार ये लोग सड़क हादसों का भी शिकार हो जाते हैं। ट्रक ड्राइवर्स की इस चिंता, उनके परिवार की इस चिंता को भी हमारी सरकार भली-भांति समझती है। मुझे आपको ये बताते हुए खुशी है कि ड्राइवर्स को बीच सफर में आराम देने के लिए केंद्र सरकार ने एक नई योजना पर काम शुरू किया है। इस योजना के तहत सभी नेशनल हाईवेज़ पर ड्राइवरों के लिए नई सुविधाओं वाले आधुनिक भवनों का निर्माण होगा। इन भवनों में ड्राइवरों के लिए भोजन, पीने के साफ पानी, शौचालय, पार्किंग और आराम करने की पूरी व्यवस्था होगी। सरकार की तैयारी इस योजना के पहले चरण में देशभर में ऐसे एक हजार भवन बनाने से शुरुआत करने की है। ट्रक और टैक्सी ड्राइवर्स के लिए बनाए गए ये भवन, ड्राइवर्स की Ease of Living औऱ Ease of Traveling, दोनों बढ़ाएंगे। इससे उनकी सेहत भी ठीक रहेगी और दुर्घटनाओं को रोकने में भी बहुत मदद मिल सकेगी।
साथियों,
अगले 25 वर्षों में Mobility Sector में असीम संभावनाएं बनने वाली हैं। लेकिन इन संभावनाओं का पूरा इस्तेमाल हो, इसके लिए Industry पर भी यह जिम्मेदारी है कि वो खुद को भी तेजी से Transform करे। Mobility Sector को Technical Workforce और प्रशिक्षित Drivers की जरूरत है। आज देश में 15 हजार से अधिक ITIs इस इंडस्ट्री को मैन पावर देते हैं। क्या इंडस्ट्री के लोग इन आईटीआई के साथ मिलकर कोर्सेज को और ज्यादा relevant नहीं बना सकते? आप जानते हैं कि सरकार ने एक scrappage policy बनाई है। इसके तहत पुरानी गाड़ियों को Scrapping के लिए देने पर, नई गाड़ियां खरीदने के दौरान रोड Tax में छूट दी जाती है। क्या Auto Industry भी लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए ऐसे इंसेन्टिव नहीं दे सकती क्या?
साथियों,
इस एक्सपो को आपने टैगलाइन दी है- Beyond Boundaries....ये शब्द भारत की भावना को दिखाते हैं। हम आज पुरानी बंदिशों को तोड़कर, पूरी दुनिया को साथ लाना चाहते हैं। हम ग्लोबल सप्लाई चेन में भारत की भूमिका का विस्तार करना चाहते हैं। Indian Auto Industry के सामने संभावनाओं का पूरा आसमान है। आइए, अमृतकाल के विजन पर आगे बढ़ें। आइए, भारत को इस क्षेत्र का Global Leader बनाएं। और मैं टॉयर वालों की क्षेत्र में अभी चक्कर काटकर आया हूँ। और मेरा पहले दिन से ही इन टॉयर वाली दुनिया से झगड़ा रहता है। मुझे अभी भी समझ नहीं आता है कि भारत जो खेती प्रधान देश है। उसको रबर इम्पोर्ट क्यों करना पड़े? क्या टायर इंडस्ट्री का जो association है, वे मिलकर के किसानों के साथ बैठकर के जो भी technology के intervention कर रहे हैं, जो भी उनको guidance देना है और जो उनको assure market देना है। मैं पक्का मानता हूं हिन्दुस्तान का किसान आपकी रबर की आवश्यकता को पूरी कर सकता है। आज रिसर्च करके genetically modified किए हुए रबर ट्री पर बहुत काम हुआ है। भारत में अभी उसका उतना इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। मैं टॉयर बनाने वालों से आग्रह करूंगा, rubber industry के साथ जुड़े हुए जो industry हैं, उनसे आग्रह करूंगा कि जरा किसानों के साथ जुड़िये तो सही। हम integrated comprehensive holistic approach के साथ आगे बढ़ें। हम टुकड़ों में न सोचें। Rubber बाहर से मिल जाता है चलो यार अपन बनाएंगे दोहराएंगे, अरे कभी ये भी तो सोचों कि अपना किसान मजबूत होगा तो मेरे देश में चार गाड़ी और खरीदेगा। और गाड़ी कोई भी खरीदे टॉयर तो आप ही का लगने वाला है। मेरा कहने का तात्पर्य है कि साथियों आप लोग पहली बार जब इतनी बड़ी मात्रा में एक साथ आए हैं, नए सिरे से कैसे सोच सकते हैं, एक दूसरे को helping hand बनकर के नए innovative ideas के साथ आप कैसे आगे बढ़ सकते हैं। और आज हम एक ऐसे स्टेज पर हैं, हम जितने मिलकर साथ काम करेंगे, हमारी ताकत अनेक गुना बढ़ जाएगी और हम दुनिया में छाने का मौका नहीं जाने देंगे।
साथियों!
डिजाइन के क्षेत्र में भी आज दुनिया में जितने भी बड़े-बड़े क्षेत्र हैं, शायद ही कोई ऐसा होगा, जिसकी रिसर्च लैब हिन्दुस्तान में ना हो। भारत के पास एक टैलेंट है, डिजाइनिंग की टैलेंट है। अब हमें हमारे लोगों के दिमाग से निकले हुए डिजाइन लेकर के आना चाहिए, दुनिया को लगे यार गाड़ी तो हिन्दुस्तान की चाहिए, आवाज वो उठनी चाहिए। गर्व से वो कहें कि रास्ते में जाता है कोई भी, अरे ये हमारी मेड इन इंडिया है, जरा देखिए गाड़ी तो देखिए जरा। मैं मानता हूं ये मिजाज पैदा करना चाहिए। और अगर आपका आप पर भरोसा होगा ना तो दुनिया आप पर भरोसा करेगी। मैं जब दुनिया के सामने योग की बात लेकर के गया था, यूएन में मैंने योग की बात कही थी तो मैं वापस हिन्दुस्तान आया तो मुझे कई लोग कह रहे थे, क्या मोदी जी यूएन में पहला भाषण करने गए और आप ये करके आए, लेकिन आज पूरी दुनिया नाक पकड़कर के बैठ गई है। अपने आप पर भरोसा करिए, सामर्थ्य के साथ खड़े हो जाइये, विश्व का कोई ऐसा रास्ता न हो, जहां आप नजर न आए दोस्तों। जहां से नजरें तुम्हारी गुजरें वहां पर तुम्हें गाड़ी तुम्हारी नजर आए। आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं! धन्यवाद।