यह चुनाव हिस्ट्री शीटर्स को बाहर रखने के लिए है, नई हिस्ट्री बनाने के लिए है : वर्चुअल जन चौपाल में पीएम मोदी
कोरोना काल में अलीगढ़ में राजा महेन्द्र प्रताप जी के नाम से एक विश्वविद्यालय की स्थापना हुई : पीएम मोदी
विपक्ष ने MSP खत्म होने की अफवाह फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन यूपी में डबल इंजन की सरकार ने 2017 से पहले की अपेक्षा MSP पर खरीद में कई गुणा अधिक वृद्धि की है: पीएम मोदी
समाजवाद के नाम पर पहले की सरकारों ने परिवारवाद को बढ़ावा दिया, जबकि यूपी में डबल इंजन की सरकार ने धरातल पर काम किया: पीएम मोदी

नमस्कार !
धन्यवाद योगी जी। इतनी विस्तार से आपने सारी बातें रखी हैं। उत्तर प्रदेश से नागरिकों के साथ-साथ देश के नागरिकों को भी ये ध्यान आता होगा कि उत्तर प्रदेश में चहुंदिशाओं में विकास कितना तेजी से हो रहा है। हकीकतों के आधार पर आपने विस्तार से उन बातों को बताया है।

भाइयो और बहनो,

आज मेरठ, गाजियाबाद, अलीगढ़, हापुड़ और नोएडा के सभी नागरिक भाइयों-बहनों को, मुझे वर्चुअली आप सबको नमन करने का, आपसे बात करने का मौका मिला है। इस कार्यक्रम में उपस्थित भारतीय जनता पार्टी के सभी उम्मीदवार, आपके सुख-दुख के साथी ऐसे हमारे भारतीय जनता पार्टी के सभी कार्यकर्ता, आज जब मैं आपसे बात कर रहा हूं, तब ये पूरा क्षेत्र चौधरी चरण सिंह जी, राजा महेंद्र प्रताप सिंह जी, मेजर ध्यान चंद जी, जैसे अनेक व्यक्तित्वों की जन्मभूमि और कर्मभूमि रहा है। इस क्षेत्र ने बाबू जी कल्याण सिंह जी के रूप में एक विजनरी, एक समर्पित, गरीबों, दलितों, वंचितों, पिछड़ों के लिए काम करने वाला जनप्रतिनिधि देश को दिया है। आजादी के आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले इस क्षेत्र को, इस क्षेत्र के लोगों को और जब देश आजादी का 75 वर्ष मना रहा है तब देशवासी आपके प्रति गौरव करते है। मैं आज आप सबको प्रणाम करता हूं। साथियो, कल वसंत पंचमी का बड़ा महत्वपूर्ण त्योहार है। मां सरस्वती के पूजन का दिन है। मैं आप सभी को वसंत पंचमी के इस पावन पर्व के लिए अग्रिम शुभकामनाएं देता हूं।

साथियो,
अभी कोरोना की वजह से हम लोग रूबरू मिलते, समूह में बातें करते, उसका तो हमारा एक लंबा अनुभव है, लेकिन अब वर्चुअल मिलने का एक नया अनुभव ले रहे हैं। एक नए युग में नया अनुभव और डिजिटल व्यवस्था में हम मिल रहे हैं। मुझे याद है, इस साल की शुरुआत में, मेरा पहला दौरा मेरठ का ही हुआ था। उस दिन मौसम खराब था, इसलिए मुझे सड़क मार्ग से आना पड़ा था। लेकिन मेरठ एक्सप्रेसवे की वजह से मैं एक घंटे से भी कम समय में दिल्ली से मेरठ पहुंच गया था। इस एक्सप्रेसवे का शिलान्यास करने का सौभाग्य देशवासियों ने मुझे दिया था। ये इस बात का सबूत है कि भाजपा की सरकार, जो कहती है, करके दिखाती है, जो काम शुरू करती है, उसे पूरा करके दिखाती है।

भाइयो और बहनो,
आज़ादी के बाद यूपी ने अनेक चुनाव देखे हैं, अनेक सरकारें बनती-बिगड़ती देखी हैं। लेकिन ये चुनाव सबसे अलग है। ये चुनाव यूपी में शांति के स्थायित्व के लिए है, विकास की निरंतरता के लिए है, प्रशासन में सुशासन के लिए है, यूपी के लोगों के तेज़ विकास के लिए है। ये चुनाव सुरक्षा, सम्मान और समृद्धि की पहचान को बनाए रखने के लिए है। और, ये चुनाव हिस्ट्री शीटर्स को बाहर रखने के लिए है, नई हिस्ट्री बनाने के लिए है। और मुझे खुशी है कि यूपी के लोगों ने ये मन बना लिया है कि दंगाइयों को, माफियाओं को, पर्दे के पीछे रहकर के यूपी की सत्ता हथियाने नहीं देंगे। आज जिन क्षेत्र के मतदाताओं से मैं बात कर रहा हूं, वो अच्छी तरह समझते हैं कि उद्योगों के लिए, व्यापार-कारोबार के लिए कानून-व्यवस्था का राज होना कितना जरूरी है। कोई सोच नहीं सकता था कि यूपी में कभी अपराधी-माफिया काबू में आएंगे। लेकिन योगी जी ने कानून का राज स्थापित किया है। गुंडागर्दी करने वालों को ये समझ आया है।

भाइयो और बहनो,
21वीं सदी में यूपी को लगातार ऐसी सरकार चाहिए, जो डबल तेजी से काम करे, डबल तेजी से विकास करे। और ये काम डबल इंजन की सरकार ही कर सकती है। 2017 में डबल इंजन की सरकार बनने के बाद गरीबों के घर बनाने की स्पीड कई गुना बढ़ी है। कनेक्टिविटी के इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण की स्पीड डबल हुई है। मेट्रो कनेक्टिविटी इक्का-दुक्का शहरों से आज उत्तर प्रदेश के 10 शहरों तक पहुंच रही है। LPG गैस कनेक्शन का दायरा जो लगभग आधी आबादी तक ही सीमित था, आज शत-प्रतिशत हो रहा है।

साथियो,
आज हम एक ऐसे संकटकाल से गुजर रहे हैं। पूरा विश्व एक वैश्विक महामारी के संकट के जूझ रहा है। 100 साल में, 100 साल में इतना बड़ा संकट कभी मानव जाति को वैश्विक स्वरूप में नहीं आया। इस संकटकाल में भी यूपी ने डबल इंजन का डबल लाभ देखा है। इसी कोरोना काल में अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप सिंह जी के नाम पर विश्वविद्यालय बनना शुरू हुआ। मेरठ में मेजर ध्यान चंद जी के नाम पर खेल विश्वविद्यालय, स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का शिलान्यास भी हो चुका है। टीके और मुफ्त राशन से लेकर रोज़गार तक, यूपी में योगी जी की सरकार ने हर क्षेत्र में तेजी से काम किया है।

साथियो,
आज यूपी में कोरोना वैक्सीन की पहली डोज शत-प्रतिशत लोगों को लग चुकी है। 70 प्रतिशत से अधिक लोगों को दूसरी डोज भी लग चुकी है। अभी योगी जी विस्तार से इसका ब्योरा दे रहे थे। ये यूपी के लोगों का, उन लोगों को करारा जवाब है, जो अफवाहें फैलाकर कभी वैक्सीन पर क्वश्चन मार्क लगा देते थे, प्रश्न चिह्न लगा देते थे, कभी वैक्सीन लगवाने के लिए लोगों को डरा रहे थे। मेरे प्यारे देशवासियों जरा सोचिए, जिन-जिन लोगों ने वैक्सीन के खिलाफ अफवाहें फैलाई, सामान्य मानवी के मन को विचलित किया। आपका मेरी बातों में भरोसा था, आपने मेरी बात को मानकर के वैक्सीन के लिए आगे आए, लेकिन सोच लीजिए, इस प्रकार की विकृत मानसिकता के साथ अगर देश में वैक्सीन के खिलाफ जो बातें बताई गईं थीं, वो लोगों ने मान ली होतीं और वैक्सीन के इतने डोज देश में न लगे होते और तब ओमिक्रॉन जैसा नया वेव आ जाता तो क्या होता। मेरे देश के गरीबों का क्या होता, लेकिन राजनीति की गंदी हरकतों में डूबे हुए लोग मानव के जीवन के साथ खेलने से भी पीछे नहीं रहे और अफवाहें फैला दिए। मैं देशवासियों का आभारी हूं कि आपने इनकी बातों का नहीं माना। वैक्सीन लगवा लिया। मैं आपका हृदय से अभिनंदन करता हूं कि आपने भी वैक्सीन लगवाके देश को बचाने में मदद की है। आप लोगों ने ऐसे लोगों को दो टूक समझा दिया है कि समाजवादी झूठ, एक पल भी टिक नहीं सकता।

भाइयो और बहनो,

एक्सप्रेसवे हों, एयरपोर्ट हों, मेट्रो हों, ग्रामीण सड़कें हों, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना हो, गरीबों के लिए आवास हों, हर घर जल पहुंचाने का अभियान हो, बीते सालों में हर काम, हर काम में अभूतपूर्व तेजी आई है। 2017 से पहले जो सरकार थी, उसने एक्सप्रेसवे के नाम पर कैसी लूट मचाई, ये आप मुझसे ज्यादा जानते हैं। योगी जी की सरकार में पूर्वांचल और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पूरे हो चुके हैं और 5 एक्सप्रेसवे पर तेज़ी से काम चल रहा है। जब प्रयास ईमानदार हों, तो काम ऐसे ही असरदार होता है। आज़ादी के इतने सालों तक राजधानी से इतने नज़दीक होने के बावजूद मेरठ-अलीगढ़ सहित ये पूरा क्षेत्र दिल्ली से कितना दूर था। पहले जब दिल्ली से ग़ाज़ियाबाद, मेरठ या अलीगढ़ जाने की बात भर ही होती थी, तो लोगों के माथे पर पसीना आ जाता था। इनका विकास भी कागज़ी था और ये समाजवादी भी, ये सिद्ध हो चुका है कि ये सिर्फ और सिर्फ परिवारवादी हैं। जबकि डबल इंजन की सरकार ने ज़मीन पर, जमीन पर काम किया और आज दिल्ली से दूरी सिर्फ कुछ मिनटों की रह गई है।


साथियो,
जिस गाज़ियाबाद को यूपी का उसको गेटवे माना जाता है, उसकी कनेक्टिविटी 5 साल पहले क्या थी ये भी आप भली-भांति जानते हैं। गाज़ियाबाद मेट्रो का विस्तार, ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे का निर्माण, और हिंडन एयरपोर्ट से इस क्षेत्र की कनेक्टिविटी अब बेहतर हुई है। दिल्ली-गाजियाबाद- मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांज़िट सिस्टम इसे और मजबूती देगा। अलीगढ़ में जो डिफेंस कॉरिडोर का काम शुरू हुआ है, वो इस क्षेत्र में छोटे उद्योगों को बहुत मदद करेगा। इससे युवाओं के लिए भी रोजगार के नए अवसर बनेंगे। अलीगढ़ का ताला हो, मेरठ का कैंची उद्योग हो या फिर स्पोर्ट्स इंडस्ट्री, सरकार के प्रयासों से अब और सशक्त हो रही है। इसे वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट अभियान से भी मदद मिल रही है।

साथियो,
इस साल के बजट से यूपी के गरीब वर्ग, मध्यम वर्ग, किसान के जीवन में सार्थक बदलाव आने वाला है। जब से बजट आया है तो पूरे देश में इसकी भूरि-भूरि प्रशंसा हो रही है। ये देश के गरीब की ज़रूरत, मिडिल क्लास और युवा भारत की आकांक्षाओं को बल देने वाला बजट है। गरीब परिवारों, गरीब बहनों के लिए 80 लाख पक्के घर, करीब 4 करोड़ गरीब बहनों के घर नल से जल, देश की पहली राष्ट्रीय डिजिटल यूनिवर्सिटी, ये जितने भी प्रावधान हैं वो गरीबों को, गरीब परिवारों के युवाओं को गरिमा देंगे, आगे बढ़ने की शक्ति देंगे। पानी से जुड़ी परियोजनाओं के लिए भी एक बहुत बड़ा प्रावधान किया गया है, जो पानी की कमी से जूझ रहे हैं, ऐसे यूपी के अनेक क्षेत्रों को राहत देगा। इस बजट से यूपी के गांवों और शहरों की स्वच्छता के लिए
एक बहुत बड़ी राशि का प्रावधान किया गया है।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए भी जो बहुत बड़ी राशि रखी गई है, उससे भी यूपी के गांव, गरीब और किसान को सबसे अधिक सुविधा मिलेगी। वाराणसी-कोलकाता एक्स्प्रेसवे हो, गोरखपुर-सिलीगुड़ी कॉरिडोर हो, बजट में प्रस्तावित ऐसे हज़ारों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट यूपी की कनेक्टिविटी को और मजबूत करेंगे और ये प्रोजेक्ट साथ में रोजगार भी लाते हैं।

भाइयों और बहनों,

ये कागज़ी समाजवादी, जो शत-प्रतिशत परिवारवादी हैं, और इनके सहयोगी इतने सालों तक सत्ता में रहे, लेकिन खेती की समस्या और किसानों की परेशानी को इन्होंने समझा ही नहीं। दशकों से खेती की जो व्यवस्था चली आ रही थी, जिससे किसान परेशान था, उसको सुधारने का साहस इन्होंने जुटाया ही नहीं। क्योंकि स्थितियों को बदलने में मेहनत करनी पड़ती है, इसलिए स्थिति ज्यों की त्यों रहे, यही कोशिश इन्होंने की। क्योंकि सोते-सोते सपने देखना, यही तो उनका काम है, लेकिन डबल इंजन की सरकार को खेती और किसान के वर्तमान और भविष्य की चिंता है। इसलिए कृषि का बजट पिछली सरकारों की तुलना में आज छह गुना हो चुका है। पीएम किसान सम्मान निधि के 70 हज़ार करोड़ रुपए में से बहुत बड़ा हिस्सा उत्तर प्रदेश के छोटे किसानों को मिलेगा। अपनी उपज की कीमत के लिए कई-कई महीनों किसानों को इंतज़ार करना पड़ता था, डबल इंजन सरकार अब तुरंत MSP को बैंक खाते में जमा कर रही है। जैसे वैक्सीन की अफवाहें फैलाई ना, वैसे ही इसकी भी अफवाह फैलाई। झूठ बोलो, अफवाह फैलाओ, गुमराह करो, इससे ऊपर इनके पास कोई हथियार ही नहीं बचे हैं। MSP खत्म हो जाएगा, ये अफवाहें फैलाने में इन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन यूपी में डबल इंजन की सरकार ने 2017 से पहले की अपेक्षा MSP पर खरीद में कई गुना अधिक वृद्धि की है। इस वर्ष भी यूपी सहित देश के किसानों को लाखों करोड़ रुपए MSP के रूप में मिलने वाले हैं। अफवाहों की राजनीति करने वाले ये वही दल हैं, वही नेता हैं, जिनकी सरकारों ने यूपी की करीब 2 दर्जन से ज्यादा चीनी मिलों में ताले लगा दिए थे। उनको अलीगढ़ ताले लगाने के लिए याद आया और योगी जी बड़े विस्तार से इसका वर्णन कर रहे थे। गन्ना किसानों का बकाया सालों साल चलता रहता था। योगी जी की सरकार ने बीते 5 सालों में पुराने बकाए सहित डेढ़ लाख करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया है। पिछले सीज़न का भी लगभग पूरा भुगतान हो चुका है और इस बार का भी बकाया तेजी से निपटाया जा रहा है। यही नहीं, योगी सरकार ने नई चीनी मिलें भी बनाईं हैं और अनेक पुरानी चीनी मिलों की क्षमता का विस्तार और आधुनिकीकरण भी किया है। गन्ने से इथेनॉल बनाने की बहुत बड़ी क्षमता अब यूपी में तैयार हो रही है। एक प्रकार से यूपी का इथेनॉल देश को दौड़ाएगा, ये ताकत पैदा कर रही है योगी जी की सरकार। इसलिए तो यूपी के गन्ना किसान भी आज कह रहे हैं कि, फर्क साफ़ है।

साथियो,
एक फरवरी को जो बजट आया है, उसमें यूपी सहित पूरे देश की खेती में पारंपरिकता और आधुनिकता के संगम का भी एक अद्भुत विजन है। एक तरफ गंगा जी के किनारे प्राकृतिक खेती, कैमिकल फ्री खेती, किसानों की लागत कम करने वाली खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ किसानों को ड्रोन और दूसरी आधुनिक टेक्नॉलॉजी के व्यापक उपयोग के लिए मदद का प्रावधान किया जा रहा है। इस बजट में मोटे अनाज से अधिक लाभ का प्रोत्साहन भी है और फूड प्रोसेसिंग उद्योगों पर अधिक निवेश की प्रतिबद्धता भी है। और जब मोटे अनाज की बात करते हैं तो उसका सीधा संबंध छोटे किसानों से आता है। कठिन से कठिन भूमि पर मेहनत करते छोटा किसान जो पैदा करता है, वो ज्यादातर मोटा धान उगाता है।

साथियो,
5 साल पहले तक ये माफियावादी केंद्र की योजनाओं का लाभ यूपी के गरीब, दलित, पिछड़े तक नहीं पहुंचने देते थे। केंद्र की योजनाओं में उनकी मनमानी नहीं चलती थी, भ्रष्टाचार नहीं चलता था इसलिए ये उन योजनाओं में ब्रेक लगाकर रखते थे। घर की कंपनी बंद हो जाती थी। यूपी के लोगों की सेवा की भावना से काम कर रही योगी जी की सरकार ने, पहले के सारे गलत तरीके बदल दिए। इसलिए आपको इस बार भी बहुत सावधान रहकर के मतदाना के लिए जाना है। आप याद कीजिए, अगर इन्हें मौका मिल गया तो, किसानों को मिल रही हज़ारों करोड़ की मदद ये परिवारवादी, नकली समाजवादी बंद करा देंगे। किसानों के बैंक अकाउंट में जो एमएसपी का पैसा जा रहा है, ये परिवारवादी, समाजवादी नकली समाजवादी उसे भी रोक देंगे। आपको इस कोरोना काल में जो मुफ्त राशन मिल रहा है, ये सिर्फ अपने परिवार का पेट भरने वाले लोग नकली समाजवादी आपको भूखा छोड़ेंगे, ऐसे लोग हैं ये। गरीबों को 5 लाख रुपए के मुफ्त इलाज की जो सुविधा हमारी सरकार ने दी, ये परिवार की सुध के लिए जीने वाले लोग उसे भी बंद करा देंगे। गरीबों के, दलितों के, पिछड़ों के बच्चों को जो स्कॉलरशिप मिलती है, ये परिवार का भला देखने वाले लोग आपकी ओर देखेंगे भी नहीं, और पता नहीं स्कॉलरशिप कहां चली जाए। गरीब के कल्याण की सभी योजनाओं पर ये चीनी मिलों की तरह ताला ही लगाने वाले हैं और कुछ वो कर ही नहीं सकते। आप हमेशा याद रखिएगा, ये मध्यम वर्ग की जेब पर डाका डालकर रियल एस्टेट माफिया को दे देंगे। नोएडा-गाजियाबाद के लोगों से बेहतर इन्हें कौन जानेगा? राशन माफिया से लेकर कमीशन माफिया तक, ठेका माफिया से लेकर खनन माफिया तक, नकली कहने के समाजवादी और पूरी तरह परिवारवादी, फिर पुराने अवतार में आने के लिए तैयार बैठे हैं।

भाइयो और बहनो,
माफिया से इस लड़ाई में हमारी सबसे बड़ी ताकत हमारी माताएं हैं, हमारी बहनें हैं, हमारी बेटियां हैं। उत्तर प्रदेश की बहनों-बेटियों ने, विशेष रूप से गरीब, दलित, पिछड़े वर्ग और मुस्लिम बहन-बेटियों ने सुशासन के डबल इंजन का अनुभव इन 5 वर्षों में किया है। दंगाइयों और दबंगों को खुली छूट देने वालों की सरकार ने सबसे बड़ा अहित बहनों का-बेटियों का किया है। भाजपा डंके की चोट पर कह रही है कि दबंग और दंगाराज यूपी में नहीं अब नहीं लौट सकेगा। बीते 5 वर्षों में कानून का राज स्थापित करने के लिए पुलिस में लगभग डेढ़ लाख भर्तियां हुई हैं। इससे पहले के 15 सालों में, 15 सालों में सवा लाख से भी कम भर्तियां हुई थीं। इसमें भी अगर बेटियों की भागीदारी देखी जाए, तो 2017 से पहले यूपी में 12 हज़ार से भी कम महिला पुलिसकर्मी थीं। जबकि योगी जी की सरकार ने सिर्फ 5 वर्षों में 20 हज़ार से अधिक बेटियों को पुलिस में भर्ती किया है। नारी की सुरक्षा, सम्मान और अवसर के ऐसे ही अनुभव के कारण यूपी की बहन-बेटियां कह रही हैं कि फर्क साफ है !

भाइयो और बहनो,
जब मैं दंगाइयों को आए दिन बंदूक की नोंक, चाकू की अणी पर खेल खेलने वाले लोग योगी जी की सरकार को सहन नही कर सकते, वे पूरी ताकत लगा देंगे कि योगीजी फिर से न आएं। मैं उत्तर प्रदेश के लोगों को कहना चाहता हूं कि अगर इस प्रकार के तत्व अपना खेल खेलने में थोड़े से भी सफल हुए तो ये देश में उत्तर प्रदेश में पक्का कर लेंगे कि कोई उनको हाथ नहीं लगा सकता है। वे पहले से ज्यादा बेखौफ हो जाएंगे। वे और बर्बादी लेकर आएंगे। ऐसे लोगों को कभी सफल होने नहीं देना है। ऐसी ताकतों को कानून मानने के लिए मजबूर करना ही होगा और इसके लिए योगीजी की सरकार बहुत जरूरी है। यूपी में हर वर्ग, हर सम्प्रदाय की बेटियों को प्रगति के अपने करियर बनाने के अवसरों का एक सिलसिला योगीजी ने शुरू किया है. वो जारी रहेगा। बेटियों की शादी की उम्र को बेटों के बराबर करने के पीछे भी सबसे बड़ी प्रेरणा यही है कि बेटे-बेटी एक समान। यूपी में आज लगभग साढ़े पांच हजार रजिस्टर्ड स्टार्टअप्स हैं, जिनमें से बहुत सारे स्टार्टअप्स में हमारी बेटियां भी डायरेक्टर हैं। इसी प्रकार मुद्रा योजना से भी जो बिना गारंटी के ऋण मिल रहे हैं, इसमें भी लगभग 60 प्रतिशत से ज्यादा महिलाएं हैं। बीते पांच सालों में यूपी में लाखों बहनें गांव-गांव में बैंकिंग सेवा के जुड़ी हैं। इस बजट में भी महिलाओं के लिए पिछले वर्ष की तुलना में बजट में हमने बहुत बड़ी बढ़ोत्तरी की है।

मैं अपनी बहनों और बेटियों से विशेष तौर पर कहूंगा, बीते पांच साल में जो बदलाव आया है। ये दबाव और दंगाई मानसिकता, ये लोग अगर मौका मिला, पिछले पांच साल में जो कानून हमेशा उनके माथे पर लटकता रहा, उसके कारण उनके जो गोरखधंधों में मुसीबतें आईं, वे उसका बदला उत्तर प्रदेश की बहन-बेटियों से लेना चाहते हैं। इन्होंने कैसे-कैसे लोगों के टिकट दिया है। यानि लोकतंत्र में जो लाज-शरम नाम की जो चीज चाहिए, वो भी छोड़ दी है। ऐसे-ऐसे लोगों को टिकट दिया है, उसी से आपको इनके भावी इरादे का पता चल जाएगा। इसलिए मैं आपसे भारी मतदान करने का आग्रह भी कर रहा हूं। ठंड कितनी ही क्यों न हो, पहले मतदान, फिर जलपान….ये आप जरूर याद रखिएगा। तभी सुरक्षा, सम्मान, समृद्धि सुनिश्चित करने वाली भाजपा सरकार प्रचंड बहुमत के साथ फिर आएगी। आपका एक वोट आपकी आशा, आकांक्षा, अरमान को पूरा करने का, एक नई ताकत के साथ योगी जी की सरकार को काम करने का अवसर देगा। आपका हर वोट कमल के फूल पर पड़ेगा। इसी विश्वास के साथ मैं रू-ब-रू आकर के आपके दर्शन करता, मुझे भी एक नई ऊर्जा मिलती, लेकिन हमें सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय काम करना है और इसी कारण मैं आज वर्चुअली आपके बीच आया हूं। आप भारी मतदान करके 2014 के, 17 के, 19 के सारे रिकॉर्ड तोड़ के, भारी मतदान करके कमल के फूल को खिलाएंगे, ये पूरा विश्वास है। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद और योगी जी को अनेक-अनेक शुभकामनाएं।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।