Quoteउन्‍होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप पर बनने वाले और नेताजी को समर्पित होने वाले राष्ट्रीय स्मारक के मॉडल का भी अनावरण किया
Quote"जब इतिहास का निर्माण हो रहा होता है तो आने वाली पीढ़ियां न केवल इसका स्‍मरण, आकलन और मूल्यांकन करती हैं बल्कि उससे निरंतर प्रेरणा भी प्राप्त करती हैं"
Quote"आजादी के अमृतकाल में एक महत्वपूर्ण अध्याय के रूप में यह दिन भावी पीढ़ियों द्वारा याद किया जाएगा"
Quote"आज भी सेल्युलर जेल की कोठरियों से अप्रतिम पीड़ा के साथ-साथ अभूतपूर्व जुनून की आवाजें अभी भी सुनी जाती हैं"
Quote"बंगाल से लेकर दिल्ली और अंडमान तक, देश का हर हिस्सा नेताजी की विरासत को नमन करता है और संजोता है"
Quote"हमारी लोकतांत्रिक संस्थाओं और कर्तव्य पथ के सामने नेताजी की भव्य प्रतिमा हमें अपने कर्तव्यों की याद दिलाती है"
Quote"जैसे समुद्र विभिन्न द्वीपों को परस्‍पर जोड़ता है, वैसे ही 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की भावना भारत माता के हर बच्चे को आपस में जोड़ती है"
Quote"यह देश का कर्तव्य है कि जिन सैनिकों ने स्‍वयं को राष्ट्रीय रक्षा के लिए समर्पित किया है, उन्हें सेना के योगदान के साथ-साथ व्यापक रूप से भी मान्यता दी जानी चाहिए"
Quote"अब लोग इतिहास जानने और जीने के लिए अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की यात्रा पर आ रहे हैं"

नमस्कार,

कार्यक्रम में उपस्थित देश के गृहमंत्री श्री अमित भाई शाह, अंडमान निकोबार के उप-राज्यपाल, चीफ़ ऑफ डिफेंस स्टाफ़, हमारी तीनों सेनाओं के अध्यक्ष, महानिदेशक भारतीय तटरक्षक, कमांडर-इन-चीफ, अंडमान एवं निकोबार कमांड, समस्त अधिकारीगण, परम वीर चक्र विजेता वीर जवानों के परिवारों के सदस्यगण, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों!

आज नेताजी सुभाष की जन्म जयंती है, देश पराक्रम दिवस के रूप में इस प्रेरणा दिवस को मनाता है। सभी देशवासियों को पराक्रम दिवस की अनेक – अनेक शुभकामनाएं। आज पराक्रम दिवस पर अंडमान निकोबार द्वीप समूह में नई सुबह की रश्मियां एक नया इतिहास लिख रही हैं। और, जब इतिहास बनता है तो आने वाली सदियाँ उसका स्मरण भी करती हैं, आकलन भी करती हैं, मूल्यांकन भी करती हैं और अविरत प्रेरणा पाती रहती है। आज अंडमान निकोबार के 21 द्वीपों का नामकरण हुआ है। इन 21 द्वीपों को अब परमवीर चक्र विजेताओं के नाम से जाना जाएगा। जिस द्वीप पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस रहे थे, वहाँ उनके जीवन और योगदानों को समर्पित एक प्रेरणास्थली स्मारक का भी आज शिलान्यास हुआ है। आज के इस दिन को आज़ादी के अमृतकाल के एक महत्वपूर्ण अध्याय के रूप में आने वाली पीढ़ीयां याद करेंगी। नेताजी का ये स्मारक, शहीदों और वीर जवानों के नाम पर ये द्वीप, हमारे युवाओं के लिए, आने वाली पीढ़ियों के लिए एक चिरंतर प्रेरणा का स्थल बनेंगे। मैं अंडमान निकोबार द्वीप समूह के लोगों को और सभी देशवासियों को इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। मैं नेताजी सुभाष और परमवीर चक्र विजेता योद्धाओं को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूँ।

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भाइयों और बहनों,

अंडमान की ये धरती वो भूमि है, जिसके आसमान में पहली बार मुक्त तिरंगा फहरा था। इस धरती पर पहली आज़ाद भारतीय सरकार का गठन हुआ था। इस सबके साथ, अंडमान की इसी धरती पर वीर सावरकर और उनके जैसे अनगिनत वीरों ने देश के लिए तप, तितिक्षा और बलिदानों की पराकाष्ठा को छुआ था। सेल्यूलर जेल की कोठरियां, उस दीवार पर जड़ी हुई हर चीज आज भी अप्रतिम पीड़ा के साथ-साथ उस अभूतपूर्व जज़्बे के स्वर वहां पहुंचने वाले हर किसी के कान में पड़ते हैं, सुनाई पड़ते हैं। लेकिन दुर्भाग्य से, स्वतन्त्रता संग्राम की उन स्मृतियों की जगह अंडमान की पहचान को गुलामी की निशानियों से जोड़कर रखा गया था। हमारे आइलैंड्स के नामों तक में गुलामी की छाप थी, पहचान थी। मेरा सौभाग्य है कि चार-पांच साल पहले जब मैं पोर्ट ब्लेयर गया था तो वहां मुझे तीन मुख्य आइलैंड्स को भारतीय नाम देने का अवसर मिला था। आज रॉस आइलैंड, नेताजी सुभाषचंद्र बोस द्वीप बन चुका है। हेवलॉक और नील आइलैंड स्वराज और शहीद आइलैंड्स बन चुके हैं। औऱ इसमें भी दिलचस्प ये कि स्वराज और शहीद नाम तो खुद नेताजी का दिया हुआ था। इस नाम को भी आजादी के बाद महत्व नहीं दिया गया था। जब आजाद हिंद फौज की सरकार के 75 वर्ष पूरे हुए, तो हमारी सरकार ने इन नामों को फिर से स्थापित किया था।

साथियों,

आज 21वीं सदी का ये समय देख रहा है कि कैसे जिन नेताजी सुभाष को आजादी के बाद भुला देने का प्रयास हुआ, आज देश उन्हीं नेताजी को पल-पल याद कर रहा है। अंडमान में जिस जगह नेताजी ने सबसे पहले तिरंगा फहराया था, वहाँ आज गगन-चुम्बी तिरंगा आज़ाद हिन्द फ़ौज़ के पराक्रम का गुणगान कर रहा है। पूरे देश में और देश के कोने-कोने से जब लोग यहाँ आते हैं, तो समंदर किनारे लहराते तिरंगे को देखकर उनके दिलों में देशभक्ति का रोमांच भर जाता है। अब अंडमान में उनकी याद में जो म्यूज़ियम और स्मारक बनने जा रहा है, वो अंडमान की यात्रा को और भी स्मरणीय बनाएगा। 2019 में नेताजी से जुड़े ऐसे ही एक म्यूज़ियम का लोकार्पण दिल्ली के लाल किले में भी हुआ था। आज लाल किला जाने वाले लोगों के लिए वो म्यूज़ियम एक प्रकार से हर पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्थली की तरह है। इसी तरह, बंगाल में उनकी 125वीं जयंती पर विशेष आयोजन हुये थे, देश ने इस दिन को पूरे धूमधाम से सेलिब्रेट किया था। उनके जन्मदिवस को पराक्रम दिवस के रूप में घोषित किया गया। यानी, बंगाल से लेकर दिल्ली और अंडमान तक, देश का ऐसा कोई हिस्सा नहीं है जो नेताजी को नमन न कर रहा हो, उनकी विरासत को सँजो न रहा हो।

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साथियों,

बीते 8-9 वर्षों में नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़े ऐसे कितने ही काम देश में हुये हैं, जिन्हें आज़ादी के तुरंत बाद से हो जाना चाहिए था। लेकिन उस समय नहीं हुआ। देश के एक हिस्से पर आज़ाद भारत की पहली सरकार 1943 में भी बनी थी, इस समय को अब देश ज्यादा गौरव के साथ स्वीकार कर रहा है। जब आज़ाद हिन्द सरकार के गठन के 75 वर्ष पूरे हुये, तब लाल किले पर देश ने झण्डा फहराकर नेताजी को नमन किया। दशकों से नेताजी के जीवन से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग हो रही थी। ये काम भी देश ने पूरी श्रद्धा के साथ आगे बढ़ाया। आज हमारी लोकतान्त्रिक संस्थाओं के सामने, कर्तव्यपथ पर भी नेताजी बोस की भव्य प्रतिमा हमें हमारे कर्तव्यों की याद दिला रही है। मैं समझता हूँ, ये काम देशहित में बहुत पहले हो जाने चाहिए थे। क्योंकि, जिन देशों ने अपने नायक-नायिकाओं को समय रहते जनमानस से जोड़ा, सांझे और समर्थ आदर्श गढ़े, वो विकास और राष्ट्र निर्माण की दौड़ में बहुत आगे गए। इसलिए, यही काम आज़ादी के अमृतकाल में भारत कर रहा है, जी-जान से कर रहा है।

साथियों,

जिन 21 द्वीपों को आज नया नाम मिला है, उनके इस नामकरण में भी गंभीर संदेश छिपे हैं। ये संदेश है- 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की भावना । ये संदेश है- 'देश के लिए दिये गए बलिदान की अमरता का संदेश'। वयम् अमृतस्य पुत्रा। और, ये संदेश है- भारतीय सेना के अद्वितीय शौर्य और पराक्रम का संदेश। जिन 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर इन द्वीपों को जब जाना जाएगा, उन्होंने मातृभूमि के कण-कण को अपना सब-कुछ माना था। उन्होंने भारत मां की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया था। वे भारतीय सेना के वे वीर सिपाही देश के अलग-अलग राज्यों से थे। अलग-अलग भाषा, बोली, और जीवनशैली के थे। लेकिन, माँ भारती की सेवा और मातृभूमि के लिए अटूट भक्ति उन्हें एक करती थी, जोड़ती थी, एक बनाती थी। एक लक्ष्य, एक राह, एक ही मकसद और पूर्ण समर्पण।

साथियों,

जैसे समंदर अलग-अलग द्वीपों को जोड़ता है, वैसे ही 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' का भाव भारत माँ की हर संतान को एक कर देती है। मेजर सोमनाथ शर्मा, पीरू सिंह, मेजर शैतान सिंह से लेकर कैप्टन मनोज पांडे, सूबेदार जोगिंदर सिंह और लांस नायक अल्बर्ट एक्का तक, वीर अब्दुल हमीद और मेजर रामास्वामी परमेश्वरन से लेकर सभी 21 परमवीर, सबके लिए एक ही संकल्प था- राष्ट्र सर्वप्रथम! इंडिया फ़र्स्ट! उनका ये संकल्प अब इन द्वीपों के नाम से हमेशा के लिए अमर हो गया है। करगिल युद्ध में ये दिल मांगे मोर का विजयघोष करने वाले कैप्टन विक्रम, इनके नाम पर अंडमान में एक पहाड़ी भी समर्पित की जा रही है।

भाइयों बहनों,

अंडमान निकोबार के द्वीपों का ये नामकरण उन परमवीर चक्र विजेताओं का सम्मान तो है ही, साथ ही भारतीय सेनाओं का भी सम्मान है। पूरब से पश्चिम, उत्तर से दक्षिण, दूर-सुदूर, समंदर हो या पहाड़, इलाका निर्जन हो या दुर्गम, देश की सेनाएं देश के कण-कण की रक्षा में तैनात रहती हैं। आज़ादी के तुरंत बाद से ही हमारी सेनाओं को युद्धों का सामना करना पड़ा। हर मौके पर, हर मोर्चे पर हमारी सेनाओं ने अपने शौर्य को सिद्ध किया है। ये देश का कर्तव्य था कि राष्ट्र रक्षा इन अभियानों में स्वयं को समर्पित करने वाले जवानों को, सेना के योगदानों को व्यापक स्तर पर पहचान दी जाए। आज देश उस कर्तव्य को उस ज़िम्मेदारी को पूरे करने का हर कोशिश प्रयास कर रहा है। आज जवानों और सेनाओं के नाम से देश को पहचान दी जा रही है।

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साथियों,

अंडमान एक ऐसी धरती है जहां पानी, प्रकृति, पर्यावरण, पुरुषार्थ, पराक्रम, परंपरा, पर्यटन, प्रबोधन, और प्रेरणा सब कुछ है। देश में ऐसा कौन होगा, जिसका मन अंडमान आने का नहीं करता है? अंडमान का सामर्थ्य बहुत बड़ा है, यहां पर अथाह अवसर हैं। हमें इन अवसरों को पहचानना है, हमें इस सामर्थ्य को जानना है। बीते 8 वर्षों में देश ने इस दिशा में लगातार प्रयास किए हैं। कोरोना के झटकों के बाद भी, पर्यटन क्षेत्र में अब इन प्रयासों के परिणाम दिखाई देने लगे हैं। 2014 में देश भर से जितने पर्यटक अंडमान आते थे, 2022 में उससे करीब-करीब दोगुने लोग यहाँ आए हैं। यानी, पर्यटकों की संख्या दोगुनी हुई है, तो पर्यटन से जुड़े रोजगार और आय भी बढ़े हैं। इसके साथ ही, एक और बड़ा बदलाव बीते वर्षों में हुआ है। पहले लोग केवल प्राकृतिक सौन्दर्य के बारे में, यहाँ के Beaches के बारे में सोचकर अंडमान आते थे। लेकिन, अब इस पहचान को भी विस्तार मिल रहा है। अब अंडमान से जुड़े स्वाधीनता इतिहास को लेकर भी उत्सुकता बढ़ रही है। अब लोग इतिहास को जानने और जीने के लिए भी यहाँ आ रहे हैं। साथ ही, अंडमान निकोबार के द्वीप हमारी समृद्ध आदिवासी परंपरा की धरती भी रहे हैं। अपनी विरासत पर गर्व की भावना इस परंपरा के लिए भी आकर्षण पैदा कर रही है। अब नेताजी सुभाषचंद्र बोस से जुड़ी स्मारक और सेना के शौर्य को सम्मान देशवासियों में यहाँ आने के लिए नई उत्सुकता पैदा करेंगे। आने वाले समय में यहाँ पर्यटन के और भी असीम अवसर पैदा होंगे।

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साथियों,

हमारे देश की पहले की सरकारों में, खासकर विकृत वैचारिक राजनीति के कारण दशकों से जो हीनभावना और आत्मविश्वास की कमी रही, उसके कारण देश के सामर्थ्य को हमेशा under-estimate किया गया। चाहे हमारे हिमालयी राज्य हों, विशेषकर पूर्वोत्तर के राज्य हों, या फिर अंडमान निकोबार जैसे समुद्री द्वीप क्षेत्र, इन्हें लेकर ये सोच रहती थी कि ये तो दूर-दराज के दुर्गम और अप्रासंगिक इलाके हैं। इस सोच के कारण, ऐसे क्षेत्रों की दशकों तक उपेक्षा हुई, उनके विकास को नजरअंदाज किया गया। अंडमान-निकोबार द्वीप समूह इसका भी साक्षी रहा है। दुनिया में ऐसे कई देश हैं, ऐसे कई विकसित द्वीप हैं, जिनका आकार हमारे अंडमान निकोबार से भी कम हैं। लेकिन, चाहे, सिंगापुर हो, मालदीव्स हो, सेशेल्स हो, ये देश अपने संसाधनों के सही इस्तेमाल से टूरिज्म का एक बहुत बड़ा आर आकर्षण का केंद्र बन गए हैं। पूरी दुनिया से लोग इन देशों में पर्यटन और बिज़नेस से जुड़ी संभावनाओं के लिए आते हैं। ऐसी ही सामर्थ्य भारत के द्वीपों के पास भी है। हम भी दुनिया को बहुत कुछ दे सकते हैं, लेकिन, कभी पहले उस पर ध्यान ही नहीं दिया गया। हालात तो ये थी कि हमारे यहाँ कितने द्वीप हैं, कितने टापू हैं, इसका हिसाब-किताब तक नहीं रखा गया था। अब देश इस ओर आगे बढ़ रहा है। अब देश में प्राकृतिक संतुलन और आधुनिक संसाधनों को एक साथ आगे बढ़ाया जा रहा है। हमने 'सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर' के जरिए अंडमान को तेज इंटरनेट से जोड़ने का काम शुरू किया। अब अंडमान में भी बाकी देश की तरह ही तेज इंटरनेट पहुँचने लगा है। डिजिटल पेमेंट और दूसरी डिजिटल सेवाओं का भी यहाँ तेजी से विस्तार हो रहा है। इसका भी बड़ा लाभ अंडमान आने-जाने वाले टूरिस्टों को हो रहा है।

साथियों,

अतीत में अंडमान निकोबार ने आज़ादी की लड़ाई को नई दिशा दी थी, उसी तरह भविष्य में ये क्षेत्र देश के विकास को भी नई गति देगा। मुझे विश्वास है, हम एक ऐसे भारत का निर्माण करेंगे जो सक्षम होगा, समर्थ होगा, और आधुनिक विकास की बुलंदियों को छुएगा। इसी कामना के साथ, मैं एक बार फिर नेताजी सुभाष और हमारे सभी वीर जवानों के चरणों में नमन करता हूँ। आप सबको पराक्रम दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं! बहुत-बहुत धन्यवाद।

  • krishangopal sharma Bjp December 18, 2024

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
  • krishangopal sharma Bjp December 18, 2024

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
  • krishangopal sharma Bjp December 18, 2024

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
  • दिग्विजय सिंह राना September 20, 2024

    हर हर महादेव
  • Reena chaurasia September 09, 2024

    bjp
  • Jitender Kumar Haryana BJP State President August 18, 2024

    Need worl cladd dental and eye surgeon otherwise I am handicapped
  • JBL SRIVASTAVA May 27, 2024

    मोदी जी 400 पार
  • Vaishali Tangsale February 13, 2024

    🙏🏻🙏🏻
  • ज्योती चंद्रकांत मारकडे February 12, 2024

    जय हो
  • Sankar Dey January 23, 2024

    joy sree ram🙏🙏🙏🙏🙏🙏
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आज, नॉर्थ ईस्ट ‘ग्रोथ का फ्रंट-रनर’ बन रहा है: राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट में पीएम मोदी
May 23, 2025
QuoteThe Northeast is the most diverse region of our diverse nation: PM
QuoteFor us, EAST means - Empower, Act, Strengthen and Transform: PM
QuoteThere was a time when the North East was merely called a Frontier Region.. Today, it is emerging as the ‘Front-Runner of Growth’: PM
QuoteThe North East is a complete package for tourism: PM
QuoteBe it terrorism or Maoist elements spreading unrest, our government follows a policy of zero tolerance: PM
QuoteThe North East is becoming a key destination for sectors like energy and semiconductors: PM

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, सुकांता मजूमदार जी, मणिपुर के राज्यपाल अजय भल्ला जी, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिश्व शर्मा जी, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू जी, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा जी, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा जी, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग जी, नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो जी, मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा जी, सभी इंडस्ट्री लीडर्स, इन्वेस्टर्स, देवियों और सज्जनों!

आज जब मैं राइज़िंग नॉर्थईस्ट के इस भव्य मंच पर हूँ, तो मन में गर्व है, आत्मीयता है, अपनापन है, और सबसे बड़ी बात है, भविष्य को लेकर अपार विश्वास है। अभी कुछ ही महीने पहले, यहां भारत मंडपम् में हमने अष्टलक्ष्मी महोत्सव मनाया था, आज हम यहां नॉर्थ ईस्ट में इन्वेस्टमेंट का उत्सव मना रहे हैं। यहां इतनी बड़ी संख्या में इंडस्ट्री लीडर्स आए हैं। ये दिखाता है कि नॉर्थ ईस्ट को लेकर सभी में उत्साह है, उमंग है और नए-नए सपने हैं। मैं सभी मंत्रालयों और सभी राज्यों की सरकारों को इस काम के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आपके प्रयासों से, वहां इन्वेस्टमेंट के लिए एक शानदार माहौल बना है। नॉर्थ ईस्ट राइजिंग समिट, इसकी सफलता के लिए मेरी तरफ से, भारत सरकार की तरफ से आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों,

भारत को दुनिया का सबसे Diverse Nation कहा जाता है, और हमारा नॉर्थ ईस्ट, इस Diverse Nation का सबसे Diverse हिस्सा है। ट्रेड से ट्रेडिशन तक, टेक्सटाइल से टूरिज्म तक, Northeast की Diversity, ये उसकी बहुत बड़ी Strength है। नॉर्थ ईस्ट यानि Bio Economy और Bamboo, नॉर्थ ईस्ट यानि टी प्रोडक्शन एंड पेट्रोलियम, नॉर्थ ईस्ट यानि Sports और Skill, नॉर्थ ईस्ट यानि Eco-Tourism का Emerging हब, नॉर्थ ईस्ट यानि Organic Products की नई दुनिया, नॉर्थ ईस्ट यानि एनर्जी का पावर हाउस, इसलिए नॉर्थ ईस्ट हमारे लिए ‘अष्टलक्ष्मी’ हैं। ‘अष्टलक्ष्मी’ के इस आशीर्वाद से नॉर्थ ईस्ट का हर राज्य कह रहा है, हम निवेश के लिए तैयार हैं, हम नेतृत्व के लिए तैयार हैं।

साथियों,

विकसित भारत के निर्माण के लिए पूर्वी भारत का विकसित होना बहुत जरूरी है। और नॉर्थ ईस्ट, पूर्वी भारत का सबसे अहम अंग है। हमारे लिए, EAST का मतलब सिर्फ एक दिशा नहीं है, हमारे लिए EAST का मतलब है – Empower, Act, Strengthen, and Transform. पूर्वी भारत के लिए यही हमारी सरकार की नीति है। यही Policy, यही Priority, आज पूर्वी भारत को, हमारे नॉर्थ ईस्ट को ग्रोथ के सेंटर स्टेज पर लेकर आई है।

साथियों,

पिछले 11 वर्षों में, जो परिवर्तन नॉर्थ ईस्ट में आया है, वो केवल आंकड़ों की बात नहीं है, ये ज़मीन पर महसूस होने वाला बदलाव है। हमने नॉर्थ ईस्ट के साथ केवल योजनाओं के माध्यम से रिश्ता नहीं जोड़ा, हमने दिल से रिश्ता बनाया है। ये आंकड़ा जो मैं बता रहा हूं ना, सुनकर के आश्चर्य होगा, Seven Hundred Time, 700 से ज़्यादा बार हमारे केंद्र सरकार के मंत्री नॉर्थ ईस्ट गए हैं। और मेरा नियम जाकर के आने वाला नहीं था, नाइट स्टे करना कंपलसरी था। उन्होंने उस मिट्टी को महसूस किया, लोगों की आंखों में उम्मीद देखी, और उस भरोसे को विकास की नीति में बदला, हमने इंफ्रास्ट्रक्चर को सिर्फ़ ईंट और सीमेंट से नहीं देखा, हमने उसे इमोशनल कनेक्ट का माध्यम बनाया है। हम लुक ईस्ट से आगे बढ़कर एक्ट ईस्ट के मंत्र पर चले, और इसी का परिणाम आज हम देख रहे हैं। एक समय था, जब Northeast को सिर्फ Frontier Region कहा जाता था। आज ये Growth का Front-Runner बन रहा है।

साथियों,

अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर, टूरिज्म को attractive बनाता है। जहां इंफ्रास्ट्रक्चर अच्छा होता है, वहां Investors को भी एक अलग Confidence आता है। बेहतर रोड्स, अच्छा पावर इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक नेटवर्क, किसी भी इंडस्ट्री की backbone है। Trade भी वहीं Grow करता है, जहाँ Seamless Connectivity हो, यानि बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, हर Development की पहली शर्त है, उसका Foundation है। इसलिए हमने नॉर्थ ईस्ट में Infrastructure Revolution शुरू किया है। लंबे समय तक नॉर्थ ईस्ट अभाव में रहा। लेकिन अब, नॉर्थ ईस्ट Land of Opportunities बन रहा है। हमने नॉर्थ ईस्ट में कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर पर लाखों करोड़ रुपए खर्च किए हैं। आप अरुणाचल जाएंगे, तो सेला टनल जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर आपको मिलेगा। आप असम जाएंगे, तो भूपेन हज़ारिका ब्रिज जैसे कई मेगा प्रोजेक्ट्स देखेंगे, सिर्फ एक दशक में नॉर्थ ईस्ट में 11 Thousand किलोमीटर के नए हाईवे बनाए गए हैं। सैकड़ों किलोमीटर की नई रेल लाइनें बिछाई गई हैं, नॉर्थ ईस्ट में एयरपोर्ट्स की संख्या दोगुनी हो चुकी है। ब्रह्मपुत्र और बराक नदियों पर वॉटरवेज़ बन रहे हैं। सैकड़ों की संख्या में मोबाइल टावर्स लगाए गए हैं, और इतना ही नहीं, 1600 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन का नॉर्थ ईस्ट गैस ग्रिड भी बनाया गया है। ये इंडस्ट्री को ज़रूरी गैस सप्लाई का भरोसा देता है। यानि हाईवेज, रेलवेज, वॉटरवेज, आईवेज, हर प्रकार से नॉर्थ ईस्ट की कनेक्टिविटी सशक्त हो रही है। नॉर्थ ईस्ट में जमीन तैयार हो चुकी है, हमारी इंड़स्ट्रीज को आगे बढ़कर, इस अवसर का पूरा लाभ उठाना चाहिए। आपको First Mover Advantage से चूकना नहीं है।

साथियों,

आने वाले दशक में नॉर्थ ईस्ट का ट्रेड पोटेंशियल कई गुना बढ़ने वाला है। आज भारत और आसियान के बीच का ट्रेड वॉल्यूम लगभग सवा सौ बिलियन डॉलर है। आने वाले वर्षों में ये 200 बिलियन डॉलर को पार कर जाएगा, नॉर्थ ईस्ट इस ट्रेड का एक मजबूत ब्रिज बनेगा, आसियान के लिए ट्रेड का गेटवे बनेगा। और इसके लिए भी हम ज़रूरी इंफ्रास्ट्रक्चर पर तेज़ी से काम कर रहे हैं। भारत-म्यांमार-थाईलैंड ट्रायलेटरल हाईवे से म्यांमार होते हुए थाईलैंड तक सीधा संपर्क होगा। इससे भारत की कनेक्टिविटी थाईलैंड, वियतनाम, लाओस जैसे देशों से और आसान हो जाएगी। हमारी सरकार, कलादान मल्टीमोडल ट्रांजिट प्रोजेक्ट को तेजी से पूरा करने में जुटी है। ये प्रोजेक्ट, कोलकाता पोर्ट को म्यांमार के सित्तवे पोर्ट से जोड़ेगा, और मिज़ोरम होते हुए बाकी नॉर्थ ईस्ट को कनेक्ट करेगा। इससे पश्चिम बंगाल और मिज़ोरम की दूरी बहुत कम हो जाएगी। ये इंडस्ट्री के लिए, ट्रेड के लिए भी बहुत बड़ा वरदान साबित होगा।

साथियों,

आज गुवाहाटी, इम्फाल, अगरतला ऐसे शहरों को Multi-Modal Logistics Hubs के रूप में भी विकसित किया जा रहा है। मेघालय और मिज़ोरम में Land Custom Stations, अब इंटरनेशनल ट्रेड को नया विस्तार दे रहे हैं। इन सारे प्रयासों से नॉर्थ ईस्ट, इंडो पेसिफिक देशों में ट्रेड का नया नाम बनने जा रहा है। यानि आपके लिए नॉर्थ ईस्ट में संभावनाओं का नया आकाश खुलने जा रहा है।

साथियों,

आज हम भारत को, एक ग्लोबल Health And Wellness Solution Provider के रुप में स्थापित कर रहे हैं। Heal In India, Heal In India का मंत्र, ग्लोबल मंत्र बने, ये हमारा प्रयास है। नॉर्थ ईस्ट में नेचर भी है, और ऑर्गोनिक लाइफस्टाइल के लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन भी है। वहां की बायोडायवर्सिटी, वहां का मौसम, वेलनेस के लिए मेडिसिन की तरह है। इसलिए, Heal In India के मिशन में इन्वेस्ट करने के, मैं समझता हूं उसके लिए आप नॉर्थ ईस्ट को ज़रूर एक्सप्लोर करें।

साथियों,

नॉर्थ ईस्ट के तो कल्चर में ही म्यूज़िक है, डांस है, सेलिब्रेशन है। इसलिए ग्लोबल कॉन्फ्रेंसेस हों, Concerts हों, या फिर Destination Weddings, इसके लिए भी नॉर्थ ईस्ट बेहतरीन जगह है। एक तरह से नॉर्थ ईस्ट, टूरिज्म के लिए एक कंप्लीट पैकेज है। अब नॉर्थ ईस्ट में विकास का लाभ कोने-कोने तक पहुंच रहा है, तो इसका भी पॉजिटिव असर टूरिज्म पर पड़ रहा है। वहां पर्यटकों की संख्या दोगुनी हुई है। और ये सिर्फ़ आंकड़े नहीं हैं, इससे गांव-गांव में होम स्टे बन रहे हैं, गाइड्स के रूप में नौजवानों को नए मौके मिल रहे हैं। टूर एंड ट्रैवल का पूरा इकोसिस्टम डेवलप हो रहा है। अब हमें इसे और ऊंचाई तक ले जाना है। Eco-Tourism में, Cultural-Tourism में, आप सभी के लिए निवेश के बहुत सारे नए मौके हैं।

साथियों,

किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए सबसे जरूरी है- शांति और कानून व्यवस्था। आतंकवाद हो या अशांति फैलाने वाले माओवादी, हमारी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलती है। एक समय था, जब नॉर्थ ईस्ट के साथ बम-बंदूक और ब्लॉकेड का नाम जुड़ा हुआ था, नॉर्थ ईस्ट कहते ही बम-बंदूक और ब्लॉकेड यही याद आता था। इसका बहुत बड़ा नुकसान वहां के युवाओं को उठाना पड़ा। उनके हाथों से अनगिनत मौके निकल गए। हमारा फोकस नॉर्थ ईस्ट के युवाओं के भविष्य पर है। इसलिए हमने एक के बाद एक शांति समझौते किए, युवाओं को विकास की मुख्य धारा में आने का अवसर दिया। पिछले 10-11 साल में, 10 thousand से ज्यादा युवाओं ने हथियार छोड़कर शांति का रास्ता चुना है, 10 हजार नौजवानों ने। आज नॉ़र्थ ईस्ट के युवाओं को अपने ही क्षेत्र में रोजगार के लिए, स्वरोजगार के लिए नए मौके मिल रहे हैं। मुद्रा योजना ने नॉर्थ ईस्ट के लाखों युवाओं को हजारों करोड़ रुपए की मदद दी है। एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स की बढ़ती संख्या, नॉर्थ ईस्ट के युवाओं को स्किल बढ़ाने में मदद कर रही है। आज हमारे नॉर्थ ईस्ट के युवा, अब सिर्फ़ इंटरनेट यूज़र नहीं, डिजिटल इनोवेटर बन रहे हैं। 13 हजार किलोमीटर से ज्यादा ऑप्टिकल फाइबर, 4जी, 5जी कवरेज, टेक्नोलॉजी में उभरती संभावनाएं, नॉर्थ ईस्ट का युवा अब अपने शहर में ही बड़े-बडे स्टार्टअप्स शुरू कर रहा है। नॉर्थ ईस्ट भारत का डिजिटल गेटवे बन रहा है।

साथियों,

हम सभी जानते हैं कि ग्रोथ के लिए, बेहतर फ्यूचर के लिए स्किल्स कितनी बड़ी requirement होती है। नॉर्थ ईस्ट, इसमें भी आपके लिए एक favourable environment देता है। नॉर्थ ईस्ट में एजुकेशन और स्किल डेवलपमेंट इकोसिस्टम पर केंद्र सरकार बहुत बड़ा निवेश कर रही है। बीते दशक में, Twenty One Thousand करोड़ रुपये से ज्यादा नॉर्थ ईस्ट के एजुकेशन सेक्टर पर इन्वेस्ट किए गए हैं। करीब साढ़े 800 नए स्कूल बनाए गए हैं। नॉर्थ ईस्ट का पहला एम्स बन चुका है। 9 नए मेडिकल कॉलेज बनाए गए हैं। दो नए ट्रिपल आईटी नॉर्थ ईस्ट में बने हैं। मिज़ोरम में Indian Institute of Mass Communication का कैंपस बनाया गया है। करीब 200 नए स्किल डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट, नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में स्थापित किए गए हैं। देश की पहली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी भी नॉर्थ ईस्ट में बन रही है। खेलो इंडिया प्रोग्राम के तहत नॉर्थ ईस्ट में सैकड़ों करोड़ रुपए के काम हो रहे हैं। 8 खेलो इंडिया सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, और ढाई सौ से ज्यादा खेलो इंडिया सेंटर अकेले नॉर्थ ईस्ट में बने हैं। यानि हर सेक्टर का बेहतरीन टेलेंट आपको नॉर्थ ईस्ट में उपलब्ध होगा। आप इसका जरूर फायदा उठाएं।

साथियों,

आज दुनिया में ऑर्गेनिक फूड की डिमांड भी बढ़ रही है, हॉलिस्टिक हेल्थ केयर का मिजाज बना है, और मेरा तो सपना है कि दुनिया के हर डाइनिंग टेबल पर कोई न कोई भारतीय फूड ब्रैंड होनी ही चाहिए। इस सपने को पूरा करने में नॉर्थ ईस्ट का रोल बहुत महत्वपूर्ण है। बीते दशक में नॉर्थ ईस्ट में ऑर्गेनिक खेती का दायरा दोगुना हो चुका है। यहां की हमारी टी, पाइन एप्पल, संतरे, नींबू, हल्दी, अदरक, ऐसी अनेक चीजें, इनका स्वाद और क्वालिटी, वाकई अद्भुत है। इनकी डिमांड दुनिया में बढ़ती ही जा रही है। इस डिमांड में भी आपके लिए संभावनाएं हैं।

साथियों,

सरकार का प्रयास है कि नॉर्थ ईस्ट में फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स लगाना आसान हो। बेहतर कनेक्टिविटी तो इसमें मदद कर ही रही है, इसके अलावा हम मेगा फूड पार्क्स बना रहे हैं, कोल्ड स्टोरेज नेटवर्क को बढ़ा रहे हैं, टेस्टिंग लैब्स की सुविधाएं बना रहे हैं। सरकार ने ऑयल पाम मिशन भी शुरु किया है। पाम ऑयल के लिए नॉर्थ ईस्ट की मिट्टी और क्लाइमेट बहुत ही उत्तम है। ये किसानों के लिए आय का एक बड़ा अच्छा माध्यम है। ये एडिबल ऑयल के इंपोर्ट पर भारत की निर्भरता को भी कम करेगा। पाम ऑयल के लिए फॉर्मिंग हमारी इंडस्ट्री के लिए भी बड़ा अवसर है।

साथियों,

हमारा नॉर्थ ईस्ट, दो और सेक्टर्स के लिए महत्वपूर्ण डेस्टिनेशन बन रहा है। ये सेक्टर हैं- एनर्जी और सेमीकंडक्टर। हाइड्रोपावर हो या फिर सोलर पावर, नॉर्थ ईस्ट के हर राज्य में सरकार बहुत निवेश कर रही है। हज़ारों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स स्वीकृत किए जा चुके हैं। आपके सामने प्लांट्स और इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश का अवसर तो है ही, मैन्युफेक्चरिंग का भी सुनहरा मौका है। सोलर मॉड्यूल्स हों, सेल्स हों, स्टोरेज हो, रिसर्च हो, इसमें ज्यादा से ज्यादा निवेश ज़रूरी है। ये हमारा फ्यूचर है, हम फ्यूचर पर जितना निवेश आज करेंगे, उतना ही विदेशों पर निर्भरता कम होगी। आज देश में सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को मजबूत करने में भी नॉर्थ ईस्ट, असम की भूमिका बड़ी हो रही है। बहुत जल्द नॉर्थ ईस्ट के सेमीकंडक्टर प्लांट से पहली मेड इन इंडिया चिप देश को मिलने वाली है। इस प्लांट ने, नॉर्थ ईस्ट में सेमीकंडक्टर सेक्टर के लिए, अन्य cutting edge tech के लिए संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं।

साथियों,

राइज़िंग नॉर्थ ईस्ट, सिर्फ़ इन्वेस्टर्स समिट नहीं है, ये एक मूवमेंट है। ये एक कॉल टू एक्शन है, भारत का भविष्य, नॉर्थ ईस्ट के उज्ज्वल भविष्य से ही नई उंचाई पर पहुंचेगा। मुझे आप सभी बिजनेस लीडर्स पर पूरा भरोसा है। आइए, एक साथ मिलकर भारत की अष्टलक्ष्मी को विकसित भारत की प्रेरणा बनाएं। और मुझे पूरा विश्वास है, आज का ये सामूहिक प्रयास और आप सबका इससे जुड़ना, आपका उमंग, आपका कमिटमेंट, आशा को विश्वास में बदल रहा है, और मुझे पक्का विश्वास है कि जब हम सेकेंड राइजिंग समिट करेंगे, तब तक हम बहुत आगे निकल चुके होंगे। बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

बहुत-बहुत धन्यवाद !