Quote"17वीं लोकसभा में कई परिवर्तनकारी विधायी पहल देखी गईं"
Quote"संसद सिर्फ दीवारें नहीं बल्कि 140 करोड़ नागरिकों की आकांक्षा का केंद्र है"

आदरणीय अध्यक्ष महोदय!

ये संदन का सौभाग्य है कि आप दूसरी बार इस आसन पर विराजमान हो रहे हैं। आपको और इस पूरे सदन को मेरी तरफ से मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

आदरणीय अध्यक्ष जी,

मेरी तरफ से आपको शुभकामनाएं हैं लेकिन इस पूरे सदन की तरफ से भी आपको अनेक-अनेक शुभकामनाएं। अमृतकाल के इस महत्वपूर्ण काल खंड में दूसरी बार इस पद पर विराजमान होना बहुत बड़ा दायित्व आपको मिला है और आपका पांच वर्ष का अनुभव और आपके साथ हम लोगों का मतलब पांच साल का अनुभव, हम सबका विश्वास है कि आप आने वाले पांच साल हम सब का मार्गदर्शन भी करेंगे और देश की आशा और अपेक्षाएँ पूर्ण करने के लिए इस सदन में अपना दायित्व निभाने में आपकी बहुत बड़ी भूमिका रहेगी।

आदरणीय अध्यक्ष जी,

हमारे शास्‍त्रों में कहा गया है कि विनम्र और व्यवहार कुशल व्यक्ति सफल सहज रूप से होता है और आपको तो उसके साथ-साथ एक मिठ्ठी-मिठ्ठी मुस्कान भी मिली हुई है। आपके चेहरे को ये मिठ्ठी-मिठ्ठी मुस्कान पूरे सदन को भी प्रसन्न रखती है। मुझे विश्‍वास है आप हर कदम पर नए प्रतिमान, नए कीर्तिमान गढ़ते आए हैं। 18वीं लोकसभा में स्‍पीकर का कार्यभार दूसरी बार संभालना ये अपने आप में एक नया-नया रिकॉर्ड बनते हम देख रहे हैं। श्री बलराम जाखड़ जी, वो पहले ऐसे अध्‍यक्ष थे, जिन्‍होंने पांच साल का कार्यकाल पूरा करके फिर दोबारा उनको स्‍पीकर बनने का अवसर मिला था। उसके बाद आप हैं, जिन्‍हें पांच साल पूर्ण करने के बाद दोबारा इस पद पर आसीन होने का अवसर मिला है। गत 20 साल का ऐसा कालखंड रहा है कि ज्‍यादातर स्‍पीकर या तो उसके बाद चुनाव नहीं लड़े हैं, या तो जीतकर के नहीं आए हैं। आप समझ सकते हैं कि स्‍पीकर का काम कितना कठिन हैं कि उसके लिए दोबारा जीतना मुश्‍किल हो जाता है। लेकिन आप जीतकर के आए हैं, इसके लिए एक नया इतिहास आपने गढ़ा है।

आदरणीय अध्यक्ष जी,

इस सदन में ज्‍यादातर हमारे सभी माननीय सांसद आपसे परिचित हैं, आपके जीवन से भी परिचित हैं और पिछली बार मैंने इस सदन में आपके संबंध में काफी कुछ बातें रखी भी थी और मैं आज उसको दोहराना नहीं चाहता हूं, लेकिन मैं एक सांसद के रूप में और हम सभी सांसद के रूप में आप जिस प्रकार से एक सांसद के नाते काम करते हैं, ये भी जानने योग्‍य है और बहुत कुछ सीखने योग्‍य है। मुझे विश्‍वास है कि आपकी कार्यशैली as a सांसद भी, हमारे जो first timer सांसद हैं, हमारे युवा सांसद हैं, उनको जरूर प्रेरणा देगी। आपने अपने कार्यक्षेत्र में, संसदीय क्षेत्र में स्‍वस्‍थ मां और स्‍वस्‍थ शिशु, एक commitment के साथ जो अभियान चलाया है और सुपोषित मां इस अभियान को आपने जिस प्रकार से अपने क्षेत्र में प्राथमिकता देकर के खुद को involve करके किया है, वो वाकई प्रेरक है। आपने कोटा के ग्रामीण क्षेत्रों में Hospital on wheels ये भी एक मानव सेवा का उत्तम काम जो राजनीतिक कामों के सिवाय करने वाले कामों में आपने चुना है, वो भी अपने आम में गांव-गांव लोगों को स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं पहुंचाने में मदद कर रहा है। आप नियमित रूप से गरीबों को कपड़े, कंबल, मौसम के अनुसार छाता की जरूरत हो तो छाता, जूते ऐसी अनेक सुविधाएं समाज के आखिरी तबके जो लोग हैं, उनको खोज-खोजकर के पहुंचाते हैं। खेलों में प्रोत्‍साहन देना अपने क्षेत्र के युवकों के लिए, ये आपने एक प्राथमिकता के रूप में काम उठाया है।

आपके पिछले कार्यकाल में 17वीं लोकसभा में मैं कहता हूं कि संसदीय इतिहास का वो स्वर्णिम काल खंड रहा है। आपकी अध्यक्षता में संसद में जो ऐतिहासिक निर्णय हुए हैं, आपकी अध्यक्षता में सदन के माध्यम से जो सुधार हुए हैं, ये अपने आप में एक सदन की भी और आपकी भी विरासत है और भविष्य में 17वीं लोकसभा के संबंध में जब विश्लेषण होंगे, उसके विषय में लिखा जाएगा तो भारत के भविष्य को नई दिशा देने में आपकी अध्यक्षता वाली 17वीं लोकसभा की बहुत बड़ी भूमिका होगी।

आदरणीय अध्यक्ष जी,

17वीं लोकसभा में नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023, जम्‍मू-कश्‍मीर पुनर्गठन विधेयक, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य बिल, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, सामाजिक सुरक्षा संहिता, डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्‍शन बिल, मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक, Transgender Persons (Protection of Rights) Bill, Consumer Protection Bill, Direct Tax, विवाद से विश्वास विधेयक, सामाजिक, आर्थिक और राष्‍ट्र महत्‍व के ऐसे कितने ही महत्‍वपूर्ण ऐतिहासिक कानून 17वीं लोकसभा में आपकी अध्यक्षता के अंदर इस सदन ने पारित किए हैं और देश के लिए एक मजबूत नींव बनाई है। जो कार्य आजादी के 70 साल में नहीं हुए, आपकी अध्‍यक्षता में इस सदन ने इसको करके दिखाया।

आदरणीय अध्यक्ष जी,

लोकतंत्र की लंबी यात्रा में कई पड़ाव आते हैं। कुछ अवसर ऐसे होते हैं जब हमें कीर्तिमान स्‍थापित करने का सौभाग्‍य मिलता है। 17वीं लोकसभा में उपलब्‍धियां, मुझे पूरा विश्‍वास है देश आज भी और भविष्‍य में उसका गौरव करेगा। आज देश अपनी आकाक्षांओं की पूर्ति के लिए भारत को आधुनिक बनाने की दिशा में जब हर तरह से प्रयास हो रहे हैं, मैं मानता हूं कि ये नया संसद भवन भी अमृतकाल के भविष्‍य को लिखने का काम करेगा और वो भी आपकी अध्‍यक्षता में। नए संसद भवन में हम सबका प्रवेश आपकी ही अध्‍यक्षता में हुआ और आपने संसदीय कार्यप्रणाली को प्रभावी और जिम्मेदार बनाने के कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं और इसलिए लोकतंत्र को मजबूती देने में मदद मिली है। लोकसभा में हम पेपरलेस डिजिटल व्यवस्था से आज काम कर रहे हैं। पहली बार आपने सभी माननीय सांसदों को briefing के लिए एक व्यवस्था खड़ी की। इससे सभी माननीय सांसदों को भी आवश्‍यक reference material मिला। उसके कारण सदन की चर्चा अधिक पुष्ट हुई और ये आपका एक अच्छा initiative था, जिसने सांसदों में भी विश्वास पैदा किया था, मैं भी कुछ कह सकता हूं, मैं भी अपने तर्क दे सकता हूं। एक आपने अच्‍छी व्‍यवस्‍था को विकसित किया।

आदरणीय अध्यक्ष जी,

जी 20 भारत की सफलता का एक महत्वपूर्ण पृष्ठ है। लेकिन बहुत कम चर्चा हुई है, वो है पी 20 और आपकी नेतृत्‍व में जी 20 देशों के जो पीठासीन अधिकारी हैं, स्‍पीकर्स हैं, उनका सम्‍मेलन आपकी अध्‍यक्षता में हुआ और अब तक पी 20 के जितने सम्‍मेलन हुए हैं, उसमें ये ऐसा अवसर था कि दुनिया के सर्वाधिक देश आपके निमंत्रण पर भारत आए और बहुत ही उत्तम प्रकार के निर्णय उस समिट में हुए और उसने विश्व में भारत के लोकतंत्र की जो प्रतिष्ठा है, उसको गौरव देने में बहुत बड़ा रोल अदा किया है।

आदरणीय अध्यक्ष जी,

ये हमारा भवन, ये सिर्फ चार दीवारे नहीं है। हमारा ये संसद 140 करोड़ देशवासियों की आशा का केंद्र है। संसद की कार्यवाही, जवाबदेही और आचरण हमारे देशवासियों के मन में लोकतंत्र के प्रति उनकी जो निष्‍ठा है, उसको और अधिक मजबूत बनाती है। आपके मार्गदर्शन में 17वीं लोकसभा, उसकी productivity, 25 साल के highest level पर 97% रही और उसके लिए सभी माननीय सदस्‍य तो अभिनंदन के अधिकारी हैं लेकिन आप विशेष अभिनंदन के अधिकारी हैं। कोरोना जैसे मुश्‍किल कालखंड में आपने हर सांसद से व्‍यक्‍तिगत फोन पर बात करके उनका हाल पूछा। कहीं किसी सांसद की बीमारी की खबर आई तो आपने सदन के अध्‍यक्ष के नाते व्‍यक्‍तिगत रूप से उसकी चिंता की और वो जब सभी दल के सांसदों से जब मुझे सुनने को मिलता था, मुझे बड़ा गर्व होता था कि जैसे आप इस सदन के परिवार के मुखिया के रूप में उस कोरोना कालखंड में भी व्‍यक्‍तिगत चिंता करते थे। कोरोना काल में भी आपने सदन का काम रूकने नहीं दिया। सांसदों ने भी आपके हर सुझाव को सर आंखो पर चढ़ाया, किसी को ऊपर बैठने को कहा तो वहां जाकर के बैठा, किसी को दूसरी जगह पर जाकर के बैठने को कहा तो वो भी बैठा, लेकिन देश के काम को किसी ने रूकने नहीं दिया। लेकिन आपने आपने ये जो फैसले किए, उसका परिणाम है कि हम उस कठिन कालखंड में भी कार्य कर पाए और ये खुशी की बात है कि कोरोना काल में सदन ने 170% productivity, ये अपने आप में दुनिया के लोगों के लिए एक बहुत बड़ी खबर है।

आदरणीय अध्यक्ष जी,

हम सब चाहते हैं कि सदन में आचरण, सदन के नियमों का पालन हम सब करें और आपने बड़े सटीक तरीके से, संतुलित तरीके से और कभी-कभी कठोरता के साथ भी फैसले लिए हैं। मैं जानता हूं कि ऐसे निर्णय आपको पीड़ा भी देते हैं। लेकिन सदन की गरिमा और व्यक्तिगत पीड़ा में आपने सदन की गरिमा को पसंद किया और सदन की परंपराओं को बनाने का प्रयास किया, इस साहस पूर्ण काम के लिए भी आदरणीय अध्यक्ष जी, आप अभिनंदन के अधिकारी हैं। मुझे विश्वास है आदरणीय अध्यक्ष जी, आप तो सफल होने ही वाले हैं। लेकिन आपकी अध्यक्षता में ये 18वीं लोकसभा भी बहुत सफलतापूर्वक देश के नागरिकों के सपनों को पूर्ण करेगी।

मैं फिर एक बार आपको इस महत्वपूर्ण दायित्व के लिए और देश को विकास की नई ऊँचाइयों पर ले जाने वाले इस सदन की अध्यक्षता के लिए हृदय से बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं!

बहुत-बहुत बधाई देता हूं!

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
Laying the digital path to a developed India

Media Coverage

Laying the digital path to a developed India
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
ये दशक उत्तराखंड का दशक बन रहा है: हर्षिल में पीएम मोदी
March 06, 2025
Quoteएक बार फिर देवभूमि उत्तराखंड में आकर धन्य हो गया: प्रधानमंत्री
Quoteयह दशक उत्तराखंड का दशक बन रहा है: प्रधानमंत्री
Quoteहमारे पर्यटन क्षेत्र में विविधता लाना, इसे बारहमासी बनाना, उत्तराखंड के लिए बहुत महत्वपूर्ण है: प्रधानमंत्री
Quoteउत्तराखंड में कोई ऑफ सीजन नहीं होना चाहिए, हर मौसम में पर्यटन चालू रहना चाहिए: प्रधानमंत्री
Quoteकेंद्र और राज्य की हमारी सरकारें उत्तराखंड को एक विकसित राज्य बनाने के लिए मिलकर काम कर रही हैं: प्रधानमंत्री

गंगा मैया की जय।

गंगा मैया की जय।

गंगा मैया की जय।

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

भारत माता की जय!

उत्तराखंड का म्यारा प्यारा भै-वैण्यों, आप सबी तैं मेरी सेवा-सौंली, नमस्कार!

यहां के ऊर्जावान मुख्यमंत्री, मेरे छोटे भाई पुष्कर सिंह धामी जी, केंद्रीय मंत्री श्री अजय टम्टा जी, राज्य के मंत्री सतपाल महाराज जी, संसद में मेरे साथी और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट जी, संसद में मेरे साथी माला राज्य लक्ष्मी जी, विधायक सुरेश चौहान जी, सभी गणमान्य लोग, भाइयों और बहनों।

सबसे पहले मैं माणा गांव में कुछ दिन पहले जो हादसा हुआ है, उस पर अपना दु:ख व्यक्त करता हूं। मैं हादसे में जान गंवाने वाले साथियों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करता हूं। संकट की घड़ी में देश के लोगों ने जो एकजुटता दिखाई है, उससे पीड़ित परिवारों को बहुत हौसला मिला है।

|

साथियों,

उत्तराखंड की ये भूमि, हमारी ये देवभूमि, आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत है। चार धाम और अनंत तीर्थों का आशीर्वाद, जीवनदायिनी मां गंगा का ये शीतकालीन गद्दी स्थल, आज एक बार फिर यहाँ आकर, आप सब अपने परिवारजनों से मिलकर, मैं धन्य हो गया हूं। माँ गंगा की कृपा से ही मुझे दशकों तक उत्तराखंड की सेवा का सौभाग्य मिला है। मैं मानता हूँ, उन्हीं के आशीर्वाद से मैं काशी तक पहुंचा, और अब सांसद के रूप में काशी की सेवा कर रहा हूँ। और इसलिए, मैंने काशी में कहा भी था- मुझे माँ गंगा ने बुलाया है। और कुछ महीने पहले मुझे ये भी अनुभूति हुई कि जैसे मां गंगा ने मुझे अब गोद ले लिया है। ये माँ गंगा की ही दुलार है। अपने इस बच्चे के प्रति उनका स्नेह है कि आज मैं उनके मायके मुखवा गांव आया हूँ। यहाँ मुझे मुखीमठ-मुखवा में दर्शन पूजन का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ है।

साथियों,

आज हर्षिल की इस धरती पर आया हूं तो मैं अपनी दीदी-भुलियों के स्नेह को भी याद कर रहा हूं। वो मुझे हर्षिल का राजमा और दूसरे लोकल प्रोडक्ट्स भेजती रहती हैं। आपके इस लगाव और उपहार के लिए मैं आपका आभारी हूं।

साथियों,

कुछ साल पहले जब मैं बाबा केदारनाथ के दर्शन के लिए, बाबा के चरणों में गया था, तो बाबा के दर्शन-अर्चन के बाद मेरे मुंह से अचानक कुछ भाव प्रकट हुए थे, और मैं बोल पड़ा था- ये दशक उत्तराखंड का दशक होगा। वो शब्द मेरे थे, भाव मेरे थे, लेकिन उनके पीछे सामर्थ्य देने की शक्ति स्वयं बाबा केदारनाथ ने दी थी। मैं देख रहा हूँ, बाबा केदार के आशीर्वाद से धीरे-धीरे वो शब्द, वो भाव सच्चाई में, हकीकत में बदल रहे हैं। ये दशक उत्तराखंड का बन रहा है। यहां उत्तराखंड की प्रगति के लिए नए-नए रास्ते खुल रहे हैं। जिन आकांक्षाओं को लेकर उत्तराखंड का जन्म हुआ था, उत्तराखंड के विकास के लिए जो संकल्प हमने लिए थे, नित नई सफलताओं और नए लक्ष्यों की ओर बढ़ते हुए वो संकल्प आज पूरे हो रहे हैं। इसी दिशा में, शीतकालीन पर्यटन एक और बड़ा महत्वपूर्ण कदम है। इसके माध्यम से उत्तराखंड के आर्थिक सामर्थ्य को साकार करने में बहुत बड़ी मदद मिलेगी। मैं इस अभिनव प्रयास के लिए धामी जी को, उत्तराखंड सरकार को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ, और उत्तराखंड की प्रगति के लिए कामना करता हूँ।

|

साथियों,

अपने टूरिज्म सेक्टर को diversify करना, बारहमासी बनाना, 365 दिन, ये उत्तराखंड के लिए बहुत जरूरी है। मैं चाहता हूं कि उत्तराखंड में कोई भी सीजन हो, कोई भी सीजन ऑफ सीजन ना हो, हर सीजन में टूरिज्म ऑन रहे। अब ऑफ नहीं ऑन का जमाना। अभी पहाड़ों पर पर्यटन सीजन के हिसाब से चलता है। आप सब जानते हैं, मार्च, अप्रैल, मई, जून के महीने में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं, लेकिन इसके बाद उनकी गिनती बहुत कम हो जाती है। सर्दियों में अधिकतर होटल्स, resorts और होमस्टे खाली पड़े रहते हैं। ये असंतुलन उत्तराखंड में, साल के एक बड़े हिस्से में आर्थिक सुस्ती ला देता है, इससे पर्यावरण के लिए भी चुनौती पैदा होती है।

साथियों,

सच्चाई ये है कि अगर देश-विदेश के लोग सर्दियों के मौसम में यहाँ आएं, तो उन्हें सच्चे अर्थ में देवभूमि की आभा का वास्तविक परिचय मिलेगा। विंटर टूरिज्म में यहां लोगों को ट्रैकिंग, स्कीइंग जैसी Activities का रोमांच, सचमुच में रोमांचित कर देगा। धार्मिक यात्रा के लिए भी उत्तराखंड में सर्दियों का समय बेहद खास होता है। कई तीर्थ स्थलों पर इसी समय विशेष अनुष्ठान भी होते हैं। यहां मुखवा गांव में ही देखिए, यहाँ जो धार्मिक अनुष्ठान किया जाता है, वो हमारी प्राचीन और अद्भुत परंपरा का हिस्सा है। इसलिए, उत्तराखंड सरकार का बारहमासी पर्यटन का विजन, 365 दिन के पर्यटन का विजन लोगों को दिव्य अनुभूतियों से जुड़ने का अवसर देगा। इससे यहां साल भर उपलब्ध रहने वाले रोजगार के अवसर विकसित होंगे, इसका बड़ा फायदा उत्तराखंड के स्थानीय लोगों को होगा, यहां के युवाओं को होगा।

साथियों,

उत्तराखंड को विकसित राज्य बनाने के लिए हमारी डबल इंजन सरकार मिलकर काम कर रही हैं। चारधाम-ऑल वेदर रोड, आधुनिक एक्सप्रेस-वे, राज्य में रेलवे, विमान औऱ हेलीकॉप्टर सेवाओं का विस्तार, 10 वर्षों में उत्तराखंड में तेजी से विकास हुआ है। अभी कल ही उत्तराखंड के लिए केंद्र सरकार ने बहुत बड़े निर्णय लिए हैं। कल केंद्रीय कैबिनेट ने केदारनाथ रोपवे प्रोजेक्ट और हेमकुंड रोपवे प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। केदारनाथ रोपवे बनने के बाद जो यात्रा 8 से 9 घंटे में पूरी होती है, अब उसे लगभग 30 मिनट में पूरा किया जाएगा। इससे बुजुर्गों, बच्चों, महिलाओं के लिए केदारनाथ यात्रा और सुगम हो जाएगी। इन रोप-वे प्रोजेक्ट्स पर हजारों करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। मैं उत्तराखंड समेत पूरे देश को इन प्रोजेक्ट्स की बधाई देता हूं।

|

साथियों,

आज पहाड़ों पर इको लॉग हट्स, कन्वेंशन सेंटर, हेलीपैड इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस भी किया जा रहा है। उत्तराखंड के टिम्मर-सैण महादेव, माणा गांव, जादुंग गांव में टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर नए सिरे से विकसित हो रहा है, और देशवासियों को पता होगा, शायद नहीं होगा, 1962 में जब चीन ने भारत पर आक्रमण किया, तब ये हमारा जादुंग गांव को खाली करवा दिया गया था, ये हमारे दो गांव खाली कर दिए गए थे। 60-70 साल हो गए, लोग भूल गए, हम नहीं भूल सकते, हमने उन दो गांवों को फिर से बसाने का अभियान चलाया है, और बहुत बड़ा टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने की दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं। और इसी का परिणाम है कि उत्तराखंड में पर्यटकों की संख्या इस एक दशक में तेजी से बढ़ी है। 2014 से पहले चारधाम यात्रा पर हर साल औसतन 18 लाख यात्री आते थे। अब हर साल लगभग 50 लाख तीर्थयात्री आने लगे हैं। इस साल के बजट में 50 Tourist destinations को विकसित करने का प्रावधान किया गया है। इन destinations पर होटलों को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा दिया जाएगा। इससे पर्यटकों के लिए सुविधाएं बढ़ेंगी और स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।

साथियों,

हमारा प्रयास है, उत्तराखंड के बॉर्डर वाले इलाकों को भी पर्यटन का विशेष लाभ मिले। पहले सीमावर्ती गांवों को आखिरी गाँव कहा जाता था। हमने ये सोच बदल दी, हमने कहा ये आखिरी गांव नहीं है, ये हमारे प्रथम गाँव कहा। उनके विकास के लिए वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम शुरू किया। इस क्षेत्र के भी 10 गांव इस योजना में शमिल किए गए हैं, और मुझे बताया गया, उस गांव से भी कुछ बंधु आज यहां हमारे सामने मौजूद हैं। नेलांग और जादुंग गांव, जिसका मैंने वर्णन किया, 1962 में क्या हुआ था, फिर से बसाने का काम शुरू किया गया है। आज यहां से जादुंग के लिए मैंने अभी-अभी बाइक रैली को रवाना किया। हमने होमस्टे बनाने वालों को मुद्रा योजना का लाभ देने का ऐलान किया है। उत्तराखंड सरकार भी राज्य में होमस्टे को बढ़ावा देने में जुटी है। जो गांव इतने दशकों तक इंफ्रास्ट्रक्चर से वंचित रहें, वहाँ नए होमस्टे खुलने से पर्यटन बढ़ रहा है, लोगों की आय बढ़ रही है।

साथियों,

आज मैं देवभूमि से, देश के पूरब-पश्चिम-उत्तर-दक्षिण, और मध्य भी, हर कोने के लोगों से, खासकर युवा पीढ़ी से, और मां गंगा के मायके से, इस पवित्र भूमि से, देश की नौज़वान पीढ़ी को विशेष रूप से आह्वान कर रहा हूं, आग्रह कर रहा हूं।

|

साथियों,

सर्दियों में देश के बड़े हिस्से में जब कोहरा होता है, सूर्यदेव के दर्शन नहीं होते, तब पहाड़ों पर धूप का आनंद मिल रहा होता है। ये एक स्पेशल इवेंट बन सकता है। और गढ़वाली में इसे क्या कहेंगे? 'घाम तापो पर्यटन', सही है ना? 'घाम तापो पर्यटन'। इसके लिए देश के कोने-कोने से लोग उत्तराखंड जरूर आयें। खासकर, हमारे कॉरपोरेट वर्ल्ड के साथी, वे विंटर टूरिज्म का हिस्सा बनें। Meetings करनी हों, conferences करनी हों, exhibitions करने हों, तो विंटर का समय और देवभूमि, इससे होनहार कोई जगह नहीं हो सकती है। मैं कॉरपोरेट वर्ल्ड के बड़े महानुभावों से भी आग्रह करूंगा, वो अपने बड़े-बड़े सेमिनार्स के लिए उत्तराखंड आएं, माइस सेक्टर को explore करें। यहाँ आकर लोग योग और आयुर्वेद के जरिए recharge और re-energise भी हो सकते हैं। देश की यूनिवर्सिटीज, प्राइवेट स्कूल्स और कॉलेज में, मैं उन सब नौज़वान साथियों से भी कहूंगा कि students के विंटर ट्रिप्स के लिए आप उत्तराखंड को पसंद कीजिए।

साथियों,

हमारे यहाँ हजारों करोड़ की इकोनॉमी, वेडिंग इकोनॉमी है, शादियों में हजारों करोड़ रूपये का खर्च होता है, बहुत बड़ी इकोनॉमी है। आपको याद होगा, मैंने देश के लोगों से आग्रह किया था- Wed in India, हिन्दुस्तान में शादी करों, आजकल लोग दुनिया के देशों में चले जाते हैं, यहां क्या कमी है भई? पैसे यहां खर्च करो ना, और उत्तराखंड से बढ़िया क्या हो सकता है। मैं चाहूँगा कि सर्दियों में destination वेडिंग के लिए भी उत्तराखंड को देशवासी प्राथमिकता दें। इसी तरह भारत की फिल्म इंडस्ट्री से भी मेरी अपेक्षाएं हैं। उत्तराखंड को मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट का पुरस्कार मिला हुआ है। यहां तेजी के साथ आधुनिक सुविधाएं डेवलप हो रही हैं। इसलिए सर्दियों के दिनों में फिल्म की शूटिंग्स के लिए भी उत्तराखंड, पूरे भारत का फेवरेट डेस्टिनेशन बन सकता है।

साथियों,

दुनिया के कई देशों में विंटर टूरिज़्म काफी पॉपुलर है। उत्तराखंड में विंटर टूरिज़्म को बढ़ावा देने के, और इसके लिए हम ऐसे देशों से बहुत कुछ सीख सकते हैं। मैं चाहूँगा, उत्तराखंड के टूरिज़्म सेक्टर से जुड़े सभी स्टेकहोल्डर्स, होटल और resorts उन देशों की जरूर स्टडी करें। अभी मैं यहां, एक छोटी सी प्रदर्शनी लगी है, उसको मैंने देखा, बहुत प्रभावित करने वाला मुझे लगा, जो कल्पना की गई है, जो लोकेशंस तय किए गए हैं, जो आधुनिक रचनाएं खड़ी की जा रही हैं, एक-एक लोकेशन का, एक-एक चित्र इतना प्रभावित करने वाला था, जैसे मन कर रहा था, मेरे 50 साल पुरानी वो जिंदगी के दिन, मैं फिर एक बार यहां आपके बीच आकर के बिताऊ, और हर डेस्टिनेशन पर कभी जाने का मौका तलाशू, इतने बढ़िया बना रहे हैं। मैं उत्तराखंड सरकार से कहूंगा कि जो विदशों से स्टडी हो, और स्टडी से निकले एक्शनेबल प्वाइंट्स पर सक्रिय रूप से काम करे। हमें स्थानीय परंपराओं, म्यूजिक, डांस और कुजीन को बढ़ावा देना होगा। यहां कई हॉट स्प्रिंग्स हैं, सिर्फ बद्रीनाथ जी में ही है, ऐसा नहीं है, और भी है, उन क्षेत्रों को वेलनेस स्पा के रूप में भी विकसित किया जा सकता है। शांत और बर्फीले क्षेत्रों में विंटर योगा रिट्रीट का आयोजन किया जा सकता है। मैं सभी बड़े-बड़े साधु-महात्माओं को, मठ-मंदिर के मठाधिपतियों को, सभी योगाचार्यों को, उनसे भी आग्रह करूंगा कि वे साल में एक योगा कैंप अपने शिष्यों का, विंटर में उत्तराखंड में लगाए। विंटर सीजन के लिए स्पेशल वाइल्ड लाइफ सफारी का आकर्षण उत्तराखंड की विशेष पहचान बन सकता है। यानि हमें 360 डिग्री अप्रोच के साथ आगे बढ़ना होगा, हर स्तर पर काम करना होगा।

|

साथियों,

सुविधाओं के विकास के अलावा, लोगों तक जानकारी पहुंचाना भी उतना ही अहम होता है। इसके लिए मैं देश के युवा content creators, आजकल सोशल मीडिया में, बहुत बड़ी संख्या में influencers हैं, content creators हैं, वे अपने यहाँ बैठे-बैठे भी मेरे उत्तराखंड की, मेरी देवभूमि की सेवा कर सकते हैं, वे भी पुण्य कमा सकते हैं। आप देश के पर्यटन सेक्टर को गति देने में, लोगों तक जानकारी पहुंचाने में बहुत बड़ी भूमिका निभा सकते हैं, जो भूमिका निभाई है, उसका और विस्तार करने की जरूरत है। आप उत्तराखंड की विंटर टूरिज़्म की इस मुहिम का भी हिस्सा बनिए, और मैं तो चाहूंगा कि उत्तराखंड सरकार एक बड़ा कंपटीशन आयोजित करें, ये जो content creators हैं, influencers हैं, वे 5 मिनट की, विंटर टूरिज्म की प्रमोशन की फिल्म बनाएं, उनकी कंपटीशन हो और जो अच्छी से अच्छी बनाएं, उसको बढ़िया से बढ़िया इनाम दिया जाए, देशभर के लोगों को कहा जाए, आइए मैदान में, बहुत बड़ा प्रचार-प्रसार होना शुरू हो जाएगा। और मुझे विश्वास है जब ऐसे कंपटीशन करेंगे, तो नई-नई जगहों को एक्सप्लोर करके, नई-नई फिल्में बनाएंगे, लोगों को बताएंगे।

साथियों,

मुझे विश्वास है, आने वाले वर्षों में हम इस सेक्टर में तेज गति से विकास के साक्षी बनेंगे। एक बार फिर 365 दिन का, बारहमासी टूरिज्म अभियान, इसके लिए मैं उत्तराखंड के सभी भाई-बहनों को शुभकामनाएं देता हूं, बधाई देता हूं और राज्य सरकार का अभिनदंन करता हूं। आप सब मेरे साथ बोलिए-

गंगा मैया की जय।

गंगा मैया की जय।

गंगा मैया की जय।

बहुत-बहुत धन्यवाद।