Quoteहमने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए 'नमो ड्रोन दीदी' योजना शुरू की है: रुद्रपुर में पीएम मोदी
Quoteउत्तराखंड के विकास और राज्य के लिए लाभकारी विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा- सही नीयत, सही नतीजे लेकर आती है।
Quote60 साल तक देश पर राज करने वाले 10 साल सत्ता से बाहर क्या रह गए, अब देश में आग लगाने की बात कर रहे हैं: रुद्रपुर में पीएम मोदी
Quoteइमरजेंसी की मानसिकता वाली कांग्रेस का भरोसा अब लोकतंत्र पर नहीं बचा है। इसलिए वो अब जनादेश के विरुद्ध लोगों को भड़काने में जुट गई है: पीएम मोदी

मां नंदा देवी की जय !
जय बाबा गोल्ज्यू !
जय श्री राज राजेश्वरी!
भै कैस हैरो हालचाल?
देवभूमि उत्तराखंड में ये मेरी पहली चुनावी सभा है। अब मैं तय नहीं कर पा रहा हूं कि ये प्रचारसभा है कि विजयसभा है।.. ये जो सज्जन बहुत बढ़िया चित्र बना के लाए हैं, मेरी माता जी का भी चित्र लाए हैं। मैं आपका बहुत आभारी हूं, लेकिन आप जब इसे ऊंचा करते हैं ना तो पीछे वाले देख नहीं पाते। क्या आप इसको नीचे रख देंगे? इसको नीचे रख देंगे आप? आप ने मेरी बात मान ली इसलिए मैं आपका हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। मैं सबसे पहले जो पीछे धूप में तप रहे हैं उन सबसे क्षमा मांगता हूं। हमलोगों ने सोचा था वो पंडाल छोटा पड़ गया, मैदान छोटा पड़ गया और इसलिए जितने अंदर बैठे हैं उससे कही ज्यादा लोग बाहर धूप में तप रहे हैं। जो धूप में तप रहे हैं, हमारी व्यवस्था की कमी रही इसके लिए मैं आप सबसे क्षमा मांगता हूं। लेकिन मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आप जो धूप में तप रहे हैं ये आपकी तपस्या को मैं बेकार नहीं जाने दूंगा। मैं इसे विकास कर के लौटाऊंगा। आपके इस प्यार के लिए मैं आपका बहुत आभारी हूं। जो लोग, देवभूमि का ये आशीर्वाद... ये मेरी बहुत बड़ी पूंजी है। देवभूमि के हर गांव से आपका जो ये प्यार मिल रहा है, आपके आशीर्वाद मिल रहे हैं मैं इसके लिए आपका हृदय से बहुत-बहुत आभारी हूं।

भाइयों-बहनों,
ये चुनावी सभा भी ऐसे क्षेत्र में हो रही है, जिसे मिनी इंडिया कहा जाता है। और एक प्रकार से ये देवभूमि का भी आशीर्वाद है और मिनी इंडिया का भी आशीर्वाद है। मैं जब भी उत्तराखंड की पवित्र धरती पर आता हूं, खुद को बहुत धन्य महसूस करता हूं। और इसलिए ही मेरे दिल की गहराई से एक बात निकली थी और एक बार मैंने यहां कहा भी था...
“देव भूमि के ध्यान से ही...
मैं सदा धन्य हो जाता हूँ...
है भाग्य मेरा, सौभाग्य मेरा,
मैं तुमको शीश नवाता हूँ"

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साथियों,
देवभूमि उत्तराखंड के प्रति भाजपा का जो प्रेम है, जो अपनत्व है, वो जगजाहिर है। हमें उत्तराखंड को विकसित बनाना है, सबसे आगे लेकर जाना है। और इसके लिए केंद्र की भाजपा सरकार कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ रही है। बीते 10 वर्षों में जितना विकास उत्तराखंड का हुआ है, उतना आजादी के बाद के साठ-पैंसठ साल में नहीं हुआ है। आज उत्तराखंड हर प्रकार की आधुनिक कनेक्टिविटी से जुड़ रहा है। उत्तराखंड में भाजपा ने गरीबों को 85 हजार पक्के घर बनाकर दिए हैं। उत्तराखंड में भाजपा ने 12 लाख घरों तक पानी का कनेक्शन पहुंचाया है। यहां भाजपा सरकार ने साढ़े पांच लाख से ज्यादा शौचालयों का निर्माण कराया है। यहां की 5 लाख से ज्यादा महिलाओं को उज्ज्वला का मुफ्त गैस कनेक्शन दिया गया है। यहां करीब 3 लाख लोगों को स्वामित्व योजना के तहत उनकी प्रॉपर्टी के कार्ड दिए गए हैं। उत्तराखंड के 35 लाख लोगों के पास पहले बैंक में खाते तक नहीं थे। भाजपा सरकार ने 35 लाख लोगों के बैंक खाते खुलवाए हैं, उन्हें बैंकों से जोड़ा है। भाजपा सरकार ने उत्तराखंड के छोटे किसानों के बैंक खातों में 2200 करोड़ रुपए से ज्यादा सीधे भेजे हैं। भाइयों-बहनों ये सूची बहुत लंबी है, लेकिन मैं इसमें आपका ज्यादा समय नहीं लेता, लेकिन इतने सारे काम कैसे होते हैं... जब नीयत सही होती है, तो ऐसे ही काम होते हैं। और इसलिए मैं कहता हूं- नीयत सही, तो नतीजे भी सही।

साथियों,
आप जानते हैं कि मोदी ने भारत को दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक ताकत बनाने की गारंटी दी है। तीसरी बड़ी आर्थिक ताकत का मतलब है- लोगों की कमाई बढ़ेगी, लोगों को नौकरी के अवसर बढ़ेंगे। गांव हो शहर हो लोगों की सुविधा बढ़ेगी। और इसका बहुत बड़ा लाभ ये देवभूमि मेरे उत्तराखंड को भी होगा। और आप जानते हैं, मोदी की गारंटी यानि गारंटी पूरी होने की गारंटी। अब याद कीजिए मैंने आपसे कहा था कि यहां एम्स का सेटेलाइट सेंटर बनेगा, मैंने ये गारंटी पूरी करके दिखाई। बाबा केदार के आशीर्वाद से मेरे मुंह से निकला था कि ये दशक, उत्तराखंड का दशक होने वाला है। कमल निशान पर पड़ा आपका हर वोट, इसी संकल्प को और सशक्त करेगा।

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साथियों,
मोदी की गारंटी ने उत्तराखंड के घर-घर में सुविधा पहुंचाई है, लोगों का स्वाभिमान बढ़ाया है। अब तीसरे टर्म में आपका ये बेटा एक और बड़ा काम करने जा रहा है। मेरा लक्ष्य है, आपको 24 घंटे बिजली मिले, बिजली का बिल ज़ीरो हो और बिजली से कमाई भी हो। इसके लिए मोदी ने, पीएम सूर्यघर- मुफ्त बिजली योजना शुरू की है। इसके तहत छत पर सोलर पैनल लगाने के लिए सरकार मदद दे रही है। इससे, जो एक मध्यम वर्ग परिवार होता है, जिसके घर में तीन-चार पंखे हो, एक-आध दो एसी हो, वॉशिंग मशीन हो, रेफ्रिजरेटर हो, एक छोटी सी इलेक्ट्रिकल वेहिक्ल की चार्जिंग की बात हो तो उसे करीब-करीब 300 यूनिट बिजली खपती है। ये 300 यूनिट तो मुफ्त मिलेगी ही और जरूरत से ज्यादा जो बिजली होगी उसको सरकार खरीदेगी और उससे आपकी कमाई होगी। क्या आप इस योजना का लाभ लेंगे? जीरो बिल वाली योजना का लाभ लेंगे? तो उसकी एप्लिकेशन कर दीजिए, उसके एप्लिकेशन का काम चालू है। आपके इस सेवक ने बहनों के लिए नमो ड्रोन दीदी योजना भी बनाई है। इसके तहत महिला स्वयं सहायता समूहों को लाखों रुपए का ड्रोन दिया जा रहा है। और हमारे लिए गर्व की बात है कि गांव-गांव हमारी बहनें ड्रोन पायलट बन रही है। इसका भी बड़ा लाभ यहां देवभूमि मेरे उत्तराखंड की बहनों-बेटियों को भी होगा।

साथियों,
आपको लगता होगा कि इतना सारा काम मोदी कर रहा है। घर-घर कुछ ना कुछ पहुंच रहा है तो ये मोदी थकता क्यों नहीं है, ये मोदी रुकता क्यों नहीं है। अरे कोई और होता तो मौज करता.. मोदी मौज करने के लिए पैदा नहीं हुआ है। मोदी मेहनत करने के लिए पैदा हुआ है। मोदी आपके लिए मेहनत करने के लिए पैदा हुआ है। और इसलिए मेरे भाइयों-बहनों ये जो 10 साल में हुआ है ना, पहले वालों से बहुत ज्यादा हुआ है, हर कोई मानता है, लेकिन मोदी नही मानता है, मोदी तो कहता है... ये 10 साल में जो विकास हुआ है ना वो तो सिर्फ ट्रेलर है ट्रेलर। अभी तो बहुत कुछ करना है। अभी तो हमें देश को बहुत आगे लेकर जाना है। और तब तक ना रुकना है ना थकना है। और अभी तो हमें ये हमारे उत्तराखंड को भी बहुत-बहुत-बहुत आगे लेकर जाना है। मेरा प्रयास है कि केदारखंड की तरह ही मानसखंड से भी देश और दुनिया और अधिक परिचित हो। पिछले वर्ष मैं आदि कैलाश गया था, तब पूरे देश ने इस क्षेत्र के अद्भुत सामर्थ्य को देखा था। और अभी मुझे अजय जी बता रहे थे, पहले तो आदिकैलाश को कोई जानता नहीं था, कभी-कभार लोग आते थे, संख्या मुश्किल से पांच हजार होती थी, अभी ये आंकड़ा लाखों में पहुंच रहा है।

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साथियों,
खेती हो, पर्यटन हो, या फिर इंडस्ट्री, इस क्षेत्र में अभूतपूर्व संभावनाएं बनने जा रही हैं। मैं उत्तराखंड के नौजवानों से कहूंगा, मेरे हर भाई-बहन से कहना चाहूंगा... आपका सपना ही मोदी का संकल्प है। बीते वर्षों में यहां से पलायन रुका है। वो दिन दूर नहीं जब रोज़गार के लिए शहर गए साथी वापस लौटेंगे।

भाइयों और बहनों,
मोदी के इन प्रयासों के बीच, कांग्रेस और इंडी-गठबंधन ने अपने इरादे दिखा दिए हैं। कांग्रेस के शाही परिवार के शहजादे ने ऐलान किया है कि अगर देश ने तीसरी बार बीजेपी सरकार को चुनी तो, आग लग जाएगी। 60 साल तक देश पर राज करने वाले, 10 साल सत्ता से बाहर क्या रह गए, अब देश में आग लगाने की बात कर रहे हैं। क्या ये आग लगाने की बात आपको मंजूर है? क्या इस देश को आग लगाने देंगे? क्या आग लगाने की ये भाषा उचित है? क्या ये आग लगाने वाली भाषा लोकतंत्र की भाषा है? ऐसे लोगों को सजा करोगे? पक्की सजा करोगे? चुन-चुन कर साफ कर दो इस बार इनको मैदान में नहीं रहने दो भाइयों। इमरजेंसी की मानसिकता वाली कांग्रेस का भरोसा अब लोकतंत्र पर नहीं बचा है। इसलिए वो अब जनादेश के विरुद्ध लोगों को भड़काने में जुट गई है।

साथियों,
कांग्रेस, भारत को अस्थिरता की तरफ ले जाना चाहती है, अराजकता में झोंकना चाहती हैं। कर्नाटक में कांग्रेस के एक बड़े नेता ने दक्षिण भारत को देश से अलग करने की बात कही, दो टुकड़े करने की बात कही। आप मुझे बताइए, देश के टुकड़े करने वालों को सजा मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए? लेकिन कांग्रेस ने क्या किया? सजा देने की बजाए कांग्रेस ने देश को बांटने की घोषणा करने वाले को चुनाव का टिकट दे दिया। उत्तराखंड के लोग भूल नहीं सकते कि इसी कांग्रेस ने देश के वीर सपूत, स्वर्गीय बिपिन रावत जी तक का अपमान किया था। ऐसी कांग्रेस से देशभक्ति की भाषा, उनकी देशभक्ति की बातें किसी के गले उतरती नहीं है।

साथियों,
कांग्रेस, तुष्टिकरण के दलदल में ऐसा धस गई है कि कभी देशहित का सोच ही नहीं सकती। यही कांग्रेस है जो घुसपैठियों को बढ़ावा देती है। लेकिन जब भाजपा CAA के माध्यम से मां भारती में आस्था रखने वालों को भारत की नागरिकता देती है, तो कांग्रेस को सबसे ज्यादा तकलीफ होती है। इस क्षेत्र के लोग भी जानते हैं कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से जो शरणार्थी आए हैं, उनमें से अधिकतर दलित परिवार हैं, हमारे सिख भाई-बहन है, हमारे बंगाली भाई-बहन है। लेकिन कांग्रेस इन लोगों को नागरिकता देने का विरोध कर रही है। कांग्रेस कितना भी घोर विरोध करे, इन लोगों के पास मोदी की गारंटी है। और मोदी की गारंटी, यानि गारंटी पूरी होने की गारंटी।

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साथियों,
इस धरती का संबंध तो गुरु नानक देव जी, गुरु गोविंद सिंह जी और उदासी संत गुरु रामराय जी से है। कांग्रेस ने देश का ऐसा बंटवारा किया कि गुरु नानक जी की वह पवित्र धरती हमसे छिन गई। दशकों तक अपने गुरू को हमें दूरबीन से देखना पड़ा। अब जाकर बीजेपी सरकार ने करतारपुर कॉरिडोर बनाकर लोगों की जिंदगी आसान की है। कांग्रेस कमज़ोरी ना दिखाती तो- हमारी सीमाओं पर नज़र डालने की किसी की हिम्मत ना होती। इतने बड़े सीमा विवाद ना होता। कांग्रेस ने कैसे अपने हाथों से मां भारती के टुकड़े किए, इसका एक और ताजा उदाहरण देश के सामने आया है। ये हमारा उत्तराखंड तो वीर माताओ की भूमि है जो वीर संतानों को जन्म देती है। यहां के वीर संतान मां भारती की एक-एक इंच जमीन के लिए अपनी जान की बाजी लगा देते हैं लेकिन यही कांग्रेस पार्टी अभी जो बात सामने आई है, बात तो तमिलनाडु की है लेकिन ये वीरों की भूमि है मातृभूमि की भक्ति क्या होती है उत्तराखंड को सिखाना नहीं पड़ता। उत्तराखंड के लोगों को भी ये कांग्रेस का गुनाह जानना जरूरी है। तमिलनाडु के पास समंदर में एक कच्चाथीवू टापू है द्वीप है। वो द्वीप भारत का हिस्सा था लेकिन कांग्रेस ने उसको श्रीलंका को दे दिया। अब इस द्वीप के आसपास भी कोई भारतीय मछुवारे गलती से चला जाता है, तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाता है, जेल में बंद कर दिया जाता है। आप मुझे बताइए, ऐसी कांग्रेस, जो भारत के टुकड़े करने की बात उनके नेता करते हों, जो कच्चीथीवू द्वीप के दे देते हों क्या वो देश की रक्षा कर सकती है? जरा पूरी ताकत से बताइए... क्या देश की रक्षा कर सकती है? क्या कांग्रेस देश की रक्षा कर सकती है?

भाइयों और बहनों,
कांग्रेस ने तो देश के सीमावर्ती गांवों को भी देश का आखिरी गांव मानकर वहां विकास करना बंद कर दिया था। ये भाजपा की सरकार है जिसने सीमा किनारे बसे गांवों को देश का प्रथम गांव माना है, वहां तेज गति से विकास किया है। कांग्रेस की सरकार रहती तो आज भी पूर्व सैनिकों को वन रैंक वन पेंशन नहीं मिल पाती। लेकिन मोदी ने सैनिक परिवारों को गारंटी दी थी और इसे पूरा करके दिखाया। आज देशभर के सैनिक परिवारों को OROP के एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा मिल चुके हैं। इसमें से उत्तराखंड के भी हजारों परिवारों को लाभ हो रहा है। इसलिए ही मैं कहता हूं- नीयत सही, तो नतीजे सही।

साथियों,
चौबीस के इस चुनाव में अब स्पष्ट रूप से दो खेमें बन गए हैं। एक तरफ हमलोग ईमानदारी और पारदर्शिता जनता-जनार्दन के सामने लेकर के आए हैं, दूसरी तरफ भ्रष्टाचारी, परिवारवादियों का जमावड़ा है। ये भ्रष्टाचारी, मोदी को धमकी भी दे रहे हैं, दिन-रात गाली भी दे रहे हैं। अब देखिए, क्या खेल चल रहा है। हम हैं जो कह रहे हैं- भ्रष्टाचार हटाओ और वो कह रहे हैं- भ्रष्टाचारी बचाओ। आप मुझे बताइए भ्रष्टाचार हटना चाहिए कि नहीं हटना चाहिए? भ्रष्टाचार हटना चाहिए कि नहीं हटना चाहिए? भ्रष्टाचार से मुक्ति मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए? भ्रष्टाचारी जेल जाने चाहिए कि नहीं जाने चाहिए? भ्रष्टाचारियों को सजा होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए? ये देश की आवाज है और मोदी आपकी हर आवाज को सुनता है और इसके लिए ताकत भी लगा देता है। लेकिन साथियों हमें कितनी ही गालियां दी जाए, कितने ही आरोप लगाए जाए मोदी इनकी गालियों और आरोपों से डरने वाला नहीं है। हर भ्रष्ट पर कार्रवाई जारी रहेगी। और तीसरे टर्म की शुरुआत में अब दो सबा दो महीने रह गए हैं बहुत कम समय बाकी रह गया है। तीसरे टर्म में भ्रष्टाचार पर और तेज प्रहार होगा। ये मैं आपको गारंटी देने आया हूं। भ्रष्टाचार, हर गरीब का हक छीनता है, हर मध्यम वर्ग का हक छीनता है। और मैं गरीब का हक, मध्यम वर्ग का हक, किसी को छीनने नहीं दूंगा। ये मोदी की गारंटी है।

साथियों,
आने वाले 5 साल, अभूतपूर्व काम के और देशहित में बड़े फैसलों के होंगे। लेकिन इसके लिए, मेरी आपसे प्रार्थना है आपको मोदी को और मजबूत करना होगा। करोगे? करोगे? जरा सबके सब हाथ ऊपर करके बताओ कि मोदी को मजबूत करोगे? मोदी को नई ताकत दोगे? मोदी को नई ऊर्जा दोगे? उत्तराखंड की सारी सीटों पर भाजपा को ज्यादा से ज्यादा वोटों से विजय दिलाने के लिए मैं आपसे प्रार्थना करने आया हूं। नैनीताल-उधम सिंह नगर से हमारे अजय भट्ट जी चुनाव लड़ रहे है, अल्मोड़ा से अजय टमटा जी चुनाव लड़ रहे हैं। हमारे और दो साथी अपने-अपने क्षेत्र में हैं। हरिद्वार से त्रिवेंद्र सिंह रावत जी, टिहरी गढ़वाल से श्रीमती माला राज लक्ष्मी जी और गढ़वाल से भाई अनिल बलूनी जी...सभी को, इन पांचों मेरे साथियों को जिताकर के उत्तराखंड ये कमल दिल्ली पहुंचाए यही मेरी आपसे प्रार्थना है। और इसलिए... आपको याद रखना है... फिर एक बार...मोदी सरकार! ... फिर एक बार... फिर एक बार... चार जून..400 पार! चार जून... चार जून... अच्छा मेरा एक और काम करोगे? मेरा एक काम करोगे? ऐसा नहीं हाथ ऊपर करके बताओ करोगे? आप यहां से गांव जाएंगे तो वहां जो देवी देवता है वहां मोदी की तरफ से माथा टेकना है। करोगे? और गांव में सभी परिवारजनों को कहिएगा कि मोदी जी उत्तराखंड में आए थे और आपको प्रणाम भेजा है। मेरा प्रणाम पहुंचाओगे? घर-घर पहुंचाओगे? और एक बात इस बार गर्मी जरा ज्यादा ही तेजी से बढ़ रही है। कितनी ही गर्मी क्यों ना हो मतदान होगा कि नहीं होगा? ज्यादा से ज्यादा मतदान होगा। सुबह जल्दी-जल्दी मतदान होगा, जलपान से पहले मतदान होगा। मैं सभी से आग्रह करूंगा, गर्मी कितनी ही क्यों ना हो लेकिन लोकतंत्र की रक्षा के लिए हमें अपना दायित्व निभाना है। निभाएंगे? निभाएंगे?
मेरे साथ बोलिए.... भारत माता की.... भारत माता की... भारत माता की... भारत माता की... बहुत-बहुत धन्यवाद।

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आज भारत सिर्फ Nation of Dreams नहीं, बल्कि Nation That Delivers भी है: TV9 समिट में पीएम मोदी
March 28, 2025
QuoteToday, the world's eyes are on India: PM
QuoteIndia's youth is rapidly becoming skilled and driving innovation forward: PM
Quote"India First" has become the mantra of India's foreign policy: PM
QuoteToday, India is not just participating in the world order but also contributing to shaping and securing the future: PM
QuoteIndia has given Priority to humanity over monopoly: PM
QuoteToday, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM

श्रीमान रामेश्वर गारु जी, रामू जी, बरुन दास जी, TV9 की पूरी टीम, मैं आपके नेटवर्क के सभी दर्शकों का, यहां उपस्थित सभी महानुभावों का अभिनंदन करता हूं, इस समिट के लिए बधाई देता हूं।

TV9 नेटवर्क का विशाल रीजनल ऑडियंस है। और अब तो TV9 का एक ग्लोबल ऑडियंस भी तैयार हो रहा है। इस समिट में अनेक देशों से इंडियन डायस्पोरा के लोग विशेष तौर पर लाइव जुड़े हुए हैं। कई देशों के लोगों को मैं यहां से देख भी रहा हूं, वे लोग वहां से वेव कर रहे हैं, हो सकता है, मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं। मैं यहां नीचे स्क्रीन पर हिंदुस्तान के अनेक शहरों में बैठे हुए सब दर्शकों को भी उतने ही उत्साह, उमंग से देख रहा हूं, मेरी तरफ से उनका भी स्वागत है।

साथियों,

आज विश्व की दृष्टि भारत पर है, हमारे देश पर है। दुनिया में आप किसी भी देश में जाएं, वहां के लोग भारत को लेकर एक नई जिज्ञासा से भरे हुए हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि जो देश 70 साल में ग्यारहवें नंबर की इकोनॉमी बना, वो महज 7-8 साल में पांचवे नंबर की इकोनॉमी बन गया? अभी IMF के नए आंकड़े सामने आए हैं। वो आंकड़े कहते हैं कि भारत, दुनिया की एकमात्र मेजर इकोनॉमी है, जिसने 10 वर्षों में अपने GDP को डबल किया है। बीते दशक में भारत ने दो लाख करोड़ डॉलर, अपनी इकोनॉमी में जोड़े हैं। GDP का डबल होना सिर्फ आंकड़ों का बदलना मात्र नहीं है। इसका impact देखिए, 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, और ये 25 करोड़ लोग एक नियो मिडिल क्लास का हिस्सा बने हैं। ये नियो मिडिल क्लास, एक प्रकार से नई ज़िंदगी शुरु कर रहा है। ये नए सपनों के साथ आगे बढ़ रहा है, हमारी इकोनॉमी में कंट्रीब्यूट कर रहा है, और उसको वाइब्रेंट बना रहा है। आज दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी हमारे भारत में है। ये युवा, तेज़ी से स्किल्ड हो रहा है, इनोवेशन को गति दे रहा है। और इन सबके बीच, भारत की फॉरेन पॉलिसी का मंत्र बन गया है- India First, एक जमाने में भारत की पॉलिसी थी, सबसे समान रूप से दूरी बनाकर चलो, Equi-Distance की पॉलिसी, आज के भारत की पॉलिसी है, सबके समान रूप से करीब होकर चलो, Equi-Closeness की पॉलिसी। दुनिया के देश भारत की ओपिनियन को, भारत के इनोवेशन को, भारत के एफर्ट्स को, जैसा महत्व आज दे रहे हैं, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। आज दुनिया की नजर भारत पर है, आज दुनिया जानना चाहती है, What India Thinks Today.

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साथियों,

भारत आज, वर्ल्ड ऑर्डर में सिर्फ पार्टिसिपेट ही नहीं कर रहा, बल्कि फ्यूचर को शेप और सेक्योर करने में योगदान दे रहा है। दुनिया ने ये कोरोना काल में अच्छे से अनुभव किया है। दुनिया को लगता था कि हर भारतीय तक वैक्सीन पहुंचने में ही, कई-कई साल लग जाएंगे। लेकिन भारत ने हर आशंका को गलत साबित किया। हमने अपनी वैक्सीन बनाई, हमने अपने नागरिकों का तेज़ी से वैक्सीनेशन कराया, और दुनिया के 150 से अधिक देशों तक दवाएं और वैक्सीन्स भी पहुंचाईं। आज दुनिया, और जब दुनिया संकट में थी, तब भारत की ये भावना दुनिया के कोने-कोने तक पहुंची कि हमारे संस्कार क्या हैं, हमारा तौर-तरीका क्या है।

साथियों,

अतीत में दुनिया ने देखा है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब भी कोई वैश्विक संगठन बना, उसमें कुछ देशों की ही मोनोपोली रही। भारत ने मोनोपोली नहीं बल्कि मानवता को सर्वोपरि रखा। भारत ने, 21वीं सदी के ग्लोबल इंस्टीट्यूशन्स के गठन का रास्ता बनाया, और हमने ये ध्यान रखा कि सबकी भागीदारी हो, सबका योगदान हो। जैसे प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती है। देश कोई भी हो, इन आपदाओं से इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान होता है। आज ही म्यांमार में जो भूकंप आया है, आप टीवी पर देखें तो बहुत बड़ी-बड़ी इमारतें ध्वस्त हो रही हैं, ब्रिज टूट रहे हैं। और इसलिए भारत ने Coalition for Disaster Resilient Infrastructure - CDRI नाम से एक वैश्विक नया संगठन बनाने की पहल की। ये सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयार करने का संकल्प है। भारत का प्रयास है, प्राकृतिक आपदा से, पुल, सड़कें, बिल्डिंग्स, पावर ग्रिड, ऐसा हर इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षित रहे, सुरक्षित निर्माण हो।

साथियों,

भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए हर देश का मिलकर काम करना बहुत जरूरी है। ऐसी ही एक चुनौती है, हमारे एनर्जी रिसोर्सेस की। इसलिए पूरी दुनिया की चिंता करते हुए भारत ने International Solar Alliance (ISA) का समाधान दिया है। ताकि छोटे से छोटा देश भी सस्टेनबल एनर्जी का लाभ उठा सके। इससे क्लाइमेट पर तो पॉजिटिव असर होगा ही, ये ग्लोबल साउथ के देशों की एनर्जी नीड्स को भी सिक्योर करेगा। और आप सबको ये जानकर गर्व होगा कि भारत के इस प्रयास के साथ, आज दुनिया के सौ से अधिक देश जुड़ चुके हैं।

साथियों,

बीते कुछ समय से दुनिया, ग्लोबल ट्रेड में असंतुलन और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी challenges का सामना कर रही है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए भी भारत ने दुनिया के साथ मिलकर नए प्रयास शुरु किए हैं। India–Middle East–Europe Economic Corridor (IMEC), ऐसा ही एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। ये प्रोजेक्ट, कॉमर्स और कनेक्टिविटी के माध्यम से एशिया, यूरोप और मिडिल ईस्ट को जोड़ेगा। इससे आर्थिक संभावनाएं तो बढ़ेंगी ही, दुनिया को अल्टरनेटिव ट्रेड रूट्स भी मिलेंगे। इससे ग्लोबल सप्लाई चेन भी और मजबूत होगी।

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साथियों,

ग्लोबल सिस्टम्स को, अधिक पार्टिसिपेटिव, अधिक डेमोक्रेटिक बनाने के लिए भी भारत ने अनेक कदम उठाए हैं। और यहीं, यहीं पर ही भारत मंडपम में जी-20 समिट हुई थी। उसमें अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का परमानेंट मेंबर बनाया गया है। ये बहुत बड़ा ऐतिहासिक कदम था। इसकी मांग लंबे समय से हो रही थी, जो भारत की प्रेसीडेंसी में पूरी हुई। आज ग्लोबल डिसीजन मेकिंग इंस्टीट्यूशन्स में भारत, ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज़ बन रहा है। International Yoga Day, WHO का ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क, ऐसे कितने ही क्षेत्रों में भारत के प्रयासों ने नए वर्ल्ड ऑर्डर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है, और ये तो अभी शुरूआत है, ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भारत का सामर्थ्य नई ऊंचाई की तरफ बढ़ रहा है।

साथियों,

21वीं सदी के 25 साल बीत चुके हैं। इन 25 सालों में 11 साल हमारी सरकार ने देश की सेवा की है। और जब हम What India Thinks Today उससे जुड़ा सवाल उठाते हैं, तो हमें ये भी देखना होगा कि Past में क्या सवाल थे, क्या जवाब थे। इससे TV9 के विशाल दर्शक समूह को भी अंदाजा होगा कि कैसे हम, निर्भरता से आत्मनिर्भरता तक, Aspirations से Achievement तक, Desperation से Development तक पहुंचे हैं। आप याद करिए, एक दशक पहले, गांव में जब टॉयलेट का सवाल आता था, तो माताओं-बहनों के पास रात ढलने के बाद और भोर होने से पहले का ही जवाब होता था। आज उसी सवाल का जवाब स्वच्छ भारत मिशन से मिलता है। 2013 में जब कोई इलाज की बात करता था, तो महंगे इलाज की चर्चा होती थी। आज उसी सवाल का समाधान आयुष्मान भारत में नजर आता है। 2013 में किसी गरीब की रसोई की बात होती थी, तो धुएं की तस्वीर सामने आती थी। आज उसी समस्या का समाधान उज्ज्वला योजना में दिखता है। 2013 में महिलाओं से बैंक खाते के बारे में पूछा जाता था, तो वो चुप्पी साध लेती थीं। आज जनधन योजना के कारण, 30 करोड़ से ज्यादा बहनों का अपना बैंक अकाउंट है। 2013 में पीने के पानी के लिए कुएं और तालाबों तक जाने की मजबूरी थी। आज उसी मजबूरी का हल हर घर नल से जल योजना में मिल रहा है। यानि सिर्फ दशक नहीं बदला, बल्कि लोगों की ज़िंदगी बदली है। और दुनिया भी इस बात को नोट कर रही है, भारत के डेवलपमेंट मॉडल को स्वीकार रही है। आज भारत सिर्फ Nation of Dreams नहीं, बल्कि Nation That Delivers भी है।

साथियों,

जब कोई देश, अपने नागरिकों की सुविधा और समय को महत्व देता है, तब उस देश का समय भी बदलता है। यही आज हम भारत में अनुभव कर रहे हैं। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। पहले पासपोर्ट बनवाना कितना बड़ा काम था, ये आप जानते हैं। लंबी वेटिंग, बहुत सारे कॉम्प्लेक्स डॉक्यूमेंटेशन का प्रोसेस, अक्सर राज्यों की राजधानी में ही पासपोर्ट केंद्र होते थे, छोटे शहरों के लोगों को पासपोर्ट बनवाना होता था, तो वो एक-दो दिन कहीं ठहरने का इंतजाम करके चलते थे, अब वो हालात पूरी तरह बदल गया है, एक आंकड़े पर आप ध्यान दीजिए, पहले देश में सिर्फ 77 पासपोर्ट सेवा केंद्र थे, आज इनकी संख्या 550 से ज्यादा हो गई है। पहले पासपोर्ट बनवाने में, और मैं 2013 के पहले की बात कर रहा हूं, मैं पिछले शताब्दी की बात नहीं कर रहा हूं, पासपोर्ट बनवाने में जो वेटिंग टाइम 50 दिन तक होता था, वो अब 5-6 दिन तक सिमट गया है।

साथियों,

ऐसा ही ट्रांसफॉर्मेशन हमने बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में भी देखा है। हमारे देश में 50-60 साल पहले बैंकों का नेशनलाइजेशन किया गया, ये कहकर कि इससे लोगों को बैंकिंग सुविधा सुलभ होगी। इस दावे की सच्चाई हम जानते हैं। हालत ये थी कि लाखों गांवों में बैंकिंग की कोई सुविधा ही नहीं थी। हमने इस स्थिति को भी बदला है। ऑनलाइन बैंकिंग तो हर घर में पहुंचाई है, आज देश के हर 5 किलोमीटर के दायरे में कोई न कोई बैंकिंग टच प्वाइंट जरूर है। और हमने सिर्फ बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का ही दायरा नहीं बढ़ाया, बल्कि बैंकिंग सिस्टम को भी मजबूत किया। आज बैंकों का NPA बहुत कम हो गया है। आज बैंकों का प्रॉफिट, एक लाख 40 हज़ार करोड़ रुपए के नए रिकॉर्ड को पार कर चुका है। और इतना ही नहीं, जिन लोगों ने जनता को लूटा है, उनको भी अब लूटा हुआ धन लौटाना पड़ रहा है। जिस ED को दिन-रात गालियां दी जा रही है, ED ने 22 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक वसूले हैं। ये पैसा, कानूनी तरीके से उन पीड़ितों तक वापिस पहुंचाया जा रहा है, जिनसे ये पैसा लूटा गया था।

साथियों,

Efficiency से गवर्नमेंट Effective होती है। कम समय में ज्यादा काम हो, कम रिसोर्सेज़ में अधिक काम हो, फिजूलखर्ची ना हो, रेड टेप के बजाय रेड कार्पेट पर बल हो, जब कोई सरकार ये करती है, तो समझिए कि वो देश के संसाधनों को रिस्पेक्ट दे रही है। और पिछले 11 साल से ये हमारी सरकार की बड़ी प्राथमिकता रहा है। मैं कुछ उदाहरणों के साथ अपनी बात बताऊंगा।

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साथियों,

अतीत में हमने देखा है कि सरकारें कैसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिनिस्ट्रीज में accommodate करने की कोशिश करती थीं। लेकिन हमारी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही कई मंत्रालयों का विलय कर दिया। आप सोचिए, Urban Development अलग मंत्रालय था और Housing and Urban Poverty Alleviation अलग मंत्रालय था, हमने दोनों को मर्ज करके Housing and Urban Affairs मंत्रालय बना दिया। इसी तरह, मिनिस्ट्री ऑफ ओवरसीज़ अफेयर्स अलग था, विदेश मंत्रालय अलग था, हमने इन दोनों को भी एक साथ जोड़ दिया, पहले जल संसाधन, नदी विकास मंत्रालय अलग था, और पेयजल मंत्रालय अलग था, हमने इन्हें भी जोड़कर जलशक्ति मंत्रालय बना दिया। हमने राजनीतिक मजबूरी के बजाय, देश की priorities और देश के resources को आगे रखा।

साथियों,

हमारी सरकार ने रूल्स और रेगुलेशन्स को भी कम किया, उन्हें आसान बनाया। करीब 1500 ऐसे कानून थे, जो समय के साथ अपना महत्व खो चुके थे। उनको हमारी सरकार ने खत्म किया। करीब 40 हज़ार, compliances को हटाया गया। ऐसे कदमों से दो फायदे हुए, एक तो जनता को harassment से मुक्ति मिली, और दूसरा, सरकारी मशीनरी की एनर्जी भी बची। एक और Example GST का है। 30 से ज्यादा टैक्सेज़ को मिलाकर एक टैक्स बना दिया गया है। इसको process के, documentation के हिसाब से देखें तो कितनी बड़ी बचत हुई है।

साथियों,

सरकारी खरीद में पहले कितनी फिजूलखर्ची होती थी, कितना करप्शन होता था, ये मीडिया के आप लोग आए दिन रिपोर्ट करते थे। हमने, GeM यानि गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म बनाया। अब सरकारी डिपार्टमेंट, इस प्लेटफॉर्म पर अपनी जरूरतें बताते हैं, इसी पर वेंडर बोली लगाते हैं और फिर ऑर्डर दिया जाता है। इसके कारण, भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम हुई है, और सरकार को एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की बचत भी हुई है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर- DBT की जो व्यवस्था भारत ने बनाई है, उसकी तो दुनिया में चर्चा है। DBT की वजह से टैक्स पेयर्स के 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा, गलत हाथों में जाने से बचे हैं। 10 करोड़ से ज्यादा फर्ज़ी लाभार्थी, जिनका जन्म भी नहीं हुआ था, जो सरकारी योजनाओं का फायदा ले रहे थे, ऐसे फर्जी नामों को भी हमने कागजों से हटाया है।

साथियों,

 

हमारी सरकार टैक्स की पाई-पाई का ईमानदारी से उपयोग करती है, और टैक्सपेयर का भी सम्मान करती है, सरकार ने टैक्स सिस्टम को टैक्सपेयर फ्रेंडली बनाया है। आज ITR फाइलिंग का प्रोसेस पहले से कहीं ज्यादा सरल और तेज़ है। पहले सीए की मदद के बिना, ITR फाइल करना मुश्किल होता था। आज आप कुछ ही समय के भीतर खुद ही ऑनलाइन ITR फाइल कर पा रहे हैं। और रिटर्न फाइल करने के कुछ ही दिनों में रिफंड आपके अकाउंट में भी आ जाता है। फेसलेस असेसमेंट स्कीम भी टैक्सपेयर्स को परेशानियों से बचा रही है। गवर्नेंस में efficiency से जुड़े ऐसे अनेक रिफॉर्म्स ने दुनिया को एक नया गवर्नेंस मॉडल दिया है।

साथियों,

पिछले 10-11 साल में भारत हर सेक्टर में बदला है, हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। और एक बड़ा बदलाव सोच का आया है। आज़ादी के बाद के अनेक दशकों तक, भारत में ऐसी सोच को बढ़ावा दिया गया, जिसमें सिर्फ विदेशी को ही बेहतर माना गया। दुकान में भी कुछ खरीदने जाओ, तो दुकानदार के पहले बोल यही होते थे – भाई साहब लीजिए ना, ये तो इंपोर्टेड है ! आज स्थिति बदल गई है। आज लोग सामने से पूछते हैं- भाई, मेड इन इंडिया है या नहीं है?

साथियों,

आज हम भारत की मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस का एक नया रूप देख रहे हैं। अभी 3-4 दिन पहले ही एक न्यूज आई है कि भारत ने अपनी पहली MRI मशीन बना ली है। अब सोचिए, इतने दशकों तक हमारे यहां स्वदेशी MRI मशीन ही नहीं थी। अब मेड इन इंडिया MRI मशीन होगी तो जांच की कीमत भी बहुत कम हो जाएगी।

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साथियों,

आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियान ने, देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को एक नई ऊर्जा दी है। पहले दुनिया भारत को ग्लोबल मार्केट कहती थी, आज वही दुनिया, भारत को एक बड़े Manufacturing Hub के रूप में देख रही है। ये सक्सेस कितनी बड़ी है, इसके उदाहरण आपको हर सेक्टर में मिलेंगे। जैसे हमारी मोबाइल फोन इंडस्ट्री है। 2014-15 में हमारा एक्सपोर्ट, वन बिलियन डॉलर तक भी नहीं था। लेकिन एक दशक में, हम ट्वेंटी बिलियन डॉलर के फिगर से भी आगे निकल चुके हैं। आज भारत ग्लोबल टेलिकॉम और नेटवर्किंग इंडस्ट्री का एक पावर सेंटर बनता जा रहा है। Automotive Sector की Success से भी आप अच्छी तरह परिचित हैं। इससे जुड़े Components के एक्सपोर्ट में भी भारत एक नई पहचान बना रहा है। पहले हम बहुत बड़ी मात्रा में मोटर-साइकल पार्ट्स इंपोर्ट करते थे। लेकिन आज भारत में बने पार्ट्स UAE और जर्मनी जैसे अनेक देशों तक पहुंच रहे हैं। सोलर एनर्जी सेक्टर ने भी सफलता के नए आयाम गढ़े हैं। हमारे सोलर सेल्स, सोलर मॉड्यूल का इंपोर्ट कम हो रहा है और एक्सपोर्ट्स 23 गुना तक बढ़ गए हैं। बीते एक दशक में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट भी 21 गुना बढ़ा है। ये सारी अचीवमेंट्स, देश की मैन्युफैक्चरिंग इकोनॉमी की ताकत को दिखाती है। ये दिखाती है कि भारत में कैसे हर सेक्टर में नई जॉब्स भी क्रिएट हो रही हैं।

साथियों,

TV9 की इस समिट में, विस्तार से चर्चा होगी, अनेक विषयों पर मंथन होगा। आज हम जो भी सोचेंगे, जिस भी विजन पर आगे बढ़ेंगे, वो हमारे आने वाले कल को, देश के भविष्य को डिजाइन करेगा। पिछली शताब्दी के इसी दशक में, भारत ने एक नई ऊर्जा के साथ आजादी के लिए नई यात्रा शुरू की थी। और हमने 1947 में आजादी हासिल करके भी दिखाई। अब इस दशक में हम विकसित भारत के लक्ष्य के लिए चल रहे हैं। और हमें 2047 तक विकसित भारत का सपना जरूर पूरा करना है। और जैसा मैंने लाल किले से कहा है, इसमें सबका प्रयास आवश्यक है। इस समिट का आयोजन कर, TV9 ने भी अपनी तरफ से एक positive initiative लिया है। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की सफलता के लिए मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं हैं।

मैं TV9 को विशेष रूप से बधाई दूंगा, क्योंकि पहले भी मीडिया हाउस समिट करते रहे हैं, लेकिन ज्यादातर एक छोटे से फाइव स्टार होटल के कमरे में, वो समिट होती थी और बोलने वाले भी वही, सुनने वाले भी वही, कमरा भी वही। TV9 ने इस परंपरा को तोड़ा और ये जो मॉडल प्लेस किया है, 2 साल के भीतर-भीतर देख लेना, सभी मीडिया हाउस को यही करना पड़ेगा। यानी TV9 Thinks Today वो बाकियों के लिए रास्ता खोल देगा। मैं इस प्रयास के लिए बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, आपकी पूरी टीम को, और सबसे बड़ी खुशी की बात है कि आपने इस इवेंट को एक मीडिया हाउस की भलाई के लिए नहीं, देश की भलाई के लिए आपने उसकी रचना की। 50,000 से ज्यादा नौजवानों के साथ एक मिशन मोड में बातचीत करना, उनको जोड़ना, उनको मिशन के साथ जोड़ना और उसमें से जो बच्चे सिलेक्ट होकर के आए, उनकी आगे की ट्रेनिंग की चिंता करना, ये अपने आप में बहुत अद्भुत काम है। मैं आपको बहुत बधाई देता हूं। जिन नौजवानों से मुझे यहां फोटो निकलवाने का मौका मिला है, मुझे भी खुशी हुई कि देश के होनहार लोगों के साथ, मैं अपनी फोटो निकलवा पाया। मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं दोस्तों कि आपके साथ मेरी फोटो आज निकली है। और मुझे पक्का विश्वास है कि सारी युवा पीढ़ी, जो मुझे दिख रही है, 2047 में जब देश विकसित भारत बनेगा, सबसे ज्यादा बेनिफिशियरी आप लोग हैं, क्योंकि आप उम्र के उस पड़ाव पर होंगे, जब भारत विकसित होगा, आपके लिए मौज ही मौज है। आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद।