"भारत अनुकूलनशीलता और प्रगति के प्रतीक के रूप में उभरा है"
"भारत की विकास गाथा नीति, सुशासन और नागरिकों के कल्याण को सरकार द्वारा दी गई सर्वोच्च प्राथमिकता पर आधारित है"
" भारत दुनिया के लिए आशा की किरण है, यह इसकी मजबूत अर्थव्यवस्था और पिछले 10 वर्षों के परिवर्तनकारी सुधारों का परिणाम है''
"गिफ्ट सिटी की परिकल्पना एक ऐसे गतिशील इकोसिस्टनम के रूप में की गई है जो अंतर्राष्ट्रीय वित्त के परिदृश्य को पुन: परिभाषित करेगा"
"हम गिफ्ट सिटी को नए दौर की वैश्विक वित्तीय और प्रौद्योगिकी सेवाओं का वैश्विक केंद्र बनाना चाहते हैं"
"भारत द्वारा सीओपी 28 में की गई प्रो प्लैरनेट पहल है 'ग्लोबल ग्रीन क्रेडिट इनिशिएटिव' "
"भारत आज दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते फिनटेक बाजारों में से एक है"
" गिफ्ट आईएफएससी का अत्याधुनिक डिजिटल बुनियादी ढांचा एक ऐसा मंच प्रदान करता है जो व्यवसायों को दक्षता बढ़ाने में सक्षम बनाता है"
"भारत गहरे लोकतांत्रिक मूल्यों तथा व्यापार एवं वाणिज्य की ऐतिहासिक परंपरा वाला देश है"

नमस्‍कार, गुजरात के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्रीमान भूपेंद्र भाई, राज्य सरकार के मंत्री, IFSCA के चेयरमैन के राजारमन जी, दुनिया के सम्मानित financial institutions और विभिन्न संस्थाओं के leaders, देवियों और सज्जनों,

आप सभी का Infinity Forum के दूसरे edition में अभिनंदन है। मुझे याद है जब दिसंबर 2021 में हम पहले Infinity Forum के दौरान मिले थे, तो pandemic की वजह से दुनिया में कितनी uncertainty थी। हर कोई global economic growth को लेकर आशंका में था। और ये चिंता आज भी खत्म नहीं हुई है। Geopolitical tensions, high inflation और debt levels की मुश्किलें आप सभी बहुत अच्छी तरह जानते हैं।

ऐसे समय में भारत resilience और progress का एक शानदार उदाहरण बनकर उभरा है। ऐसे महत्वपूर्ण कालखंड में GIFT City में 21वीं सदी की आर्थिक नीतियों पर मंथन होना, गुजरात का गौरव बढ़ाने वाला है। वैसे मैं आज गुजरात के लोगों को एक औऱ बात के लिए बधाई दूंगा। हाल ही में, गुजरात के पारंपरिक डांस गरबा को UNESCO ने Intangible Cultural Heritage में शामिल किया है। ये अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि है। गुजरात की सफलता, देश की सफलता है।

Friends,

आज भारत की Growth Story ने दुनिया को दिखाया है कि जब policy को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए, जब good governance के लिए पूरी ताकत लगाई जाए, जब देश और देशवासियों का हित ही आर्थिक नीतियों का आधार हो, तो क्या नतीजे मिलते हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था ने इस fiscal year के पहले 6 महीनों में ही 7.7 परसेंट की दर से प्रगति की है। इसी साल सितंबर में IMF ने कहा था कि 2023 में Sixteen परसेंट global growth भारत की वजह से होगी। इससे पहले जुलाई 2023 में World Bank ने कहा था कि global challenges के बीच भारत और उसकी अर्थव्यवस्था से बहुत ज्यादा उम्मीदें हैं। इसी साल मार्च में ऑस्ट्रेलिया के पीएम ने कहा था कि भारत global south को leadership देने के लिए मजबूत स्थिति में है। कुछ महीने पहले World Economic Forum ने भी कहा है कि भारत में red tapism कम हुआ है, निवेश का बेहतर माहौल बना है।

आज पूरी दुनिया भारत से उम्मीदें लगाए हुए है। और ये ऐसे ही नहीं हुआ है। ये, भारत की मजबूत होती अर्थव्यवस्था और पिछले 10 वर्षों में किए गए transformative reforms का reflection है। इन reforms ने देश के economic foundations को सशक्त किया है। महामारी के दौरान जब ज्यादातर देश सिर्फ fiscal और monetary relief पर फोकस कर रहे थे, हमने long-term growth और economic capacity के विस्तार पर फोकस किया।

साथियों,

हमारे सुधारों का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य ये है कि global economy के साथ integration बढ़ाया जाए। हमने कई sectors में FDI policy को लचीला बनाया, हमने compliance burden को कम किया, हमने 3 FTAs पर sign किए और आज भी हम कई अहम कदम उठा रहे हैं। ये GIFT IFSCA, Indian financial markets को global financial markets से integrate करने के लिए, हमारे larger reforms का हिस्सा है। GIFT City की परिकल्पना एक ऐसे dynamic eco-system के रुप में की गई है, जो international finance के landscape को redefine करेगा। ये innovation, efficiency और global collaboration के नए benchmarks स्थापित करेगा। 2020 में International Financial Services Centers Authority की एक unified regulator के तौर पर स्थापना इस यात्रा का महत्वपूर्ण landmark है। आर्थिक उथल-पुथल के इस मुश्किल कालखंड में भी IFSCA ने 27 regulations और 10 से अधिक frameworks बनाए हैं। इस से investment के भी नए रास्ते खुले हैं।

आपको ये जानकर खुशी होगी कि Infinity Forum के पहले edition में आपने जो सुझाव दिए थे, उनके आधार पर कई initiatives शुरू हुए हैं। जैसे अप्रैल 2022 में IFSCA ने fund management activities को govern करने के लिए एक comprehensive framework notify किया। आज IFSCA के साथ 80 fund management संस्थाएं registered हैं, जिन्होंने USD 24 billion से अधिक के fund setup किए हैं। इन दो leading international universities ने 2024 से GIFT IFSC में अपने courses शुरू करने के लिए approval लिए हैं। Aircraft leasing का framework IFSCA ने मई 2022 में जारी किया था, आज IFSCA के साथ 26 इकाइयों ने operations शुरू कर दिए हैं।

साथियों,

पहले edition की जोरदार सफलता, आपके सुझावों पर इतना काम होने के बाद अब सवाल है कि आगे क्या? क्या GIFT IFSCA का दायरा इतना ही रहेगा? तो मेरा जवाब होगा, नहीं। सरकार GIFT IFSCA को traditional finance और ventures से आगे ले जाना चाहती है। हम GIFT City को new age global financial and technology services का global nerve centre बनाना चाहते हैं। मुझे विश्वास है, GIFT City के products और services विश्व के सामने खड़ी चुनौतियों का समाधान करने में मदद करेंगे। और इसमें आप सभी stakeholders की बहुत बड़ी भूमिका है।

साथियों,

आज विश्व के सामने खड़ी सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है- Climate Change. विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक होने के कारण भारत भी इन चिंताओं को कम नहीं आंकता है, उसको ले करके हम सचेत है। कुछ दिन पहले ही COP Summit में भी, भारत ने नए commitment विश्व के सामने रखे हैं। भारत और दुनिया के global targets को achieve करने के लिए हमें cost-effective finance की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी।

G-20 presidency के दौरान हमारी एक priority ये भी थी कि global growth और stability सुनिश्चित करने के लिए सभी sustainable finance की जरूरत को समझ सकें। इससे greener, resilient और inclusive societies and economies की दिशा में transition को बढ़ावा मिलेगा। कुछ estimates के अनुसार, भारत को भी 2070 तक Net Zero Target हासिल करने के लिए कम से कम USD 10 trillion की जरूरत होगी। इस investment की एक निश्चित राशि को global sources के द्वारा भी finance करना होगा। इसलिए हम IFSC को sustainable finance का भी एक global hub बनाना चाहते हैं।

भारत को एक low-carbon economy बनाने के लिए, जरूरी green capital flow के लिए, GIFT IFSC एक efficient channel है। Green bonds, sustainable bonds, sustainability linked bonds जैसे financial products का विकास होने से पूरी दुनिया की राह और आसान होगी। आप जानते हैं कि भारत ने COP28 में एक pro-planet initiative के तौर पर ‘Global Green Credit Initiative’ का एलान किया है। मैं चाहूंगा कि यहां मौजूद सभी अनुभवी लोग green credit के लिए एक market mechanism develop करने पर अपने ideas जरूर दें।

साथियों,

भारत आज विश्व के fastest growing fintech markets में से एक है। Fintech में भारत की ताकत GIFT IFSC के vision से जुड़ी हुई हैं, जिसके कारण ये स्थान fintech का एक उभरता हुआ केंद्र बन रहा है। 2022 में IFSCA ने fintech के लिए एक progressive regulatory framework जारी किया था। Innovation और entrepreneurship को बढ़ावा देने के लिए IFSCA में एक fintech initiative scheme भी है, जो Indian और foreign fintechs को grants देता है। GIFT City में दुनिया के लिए, global fintech world का gateway और fintech laboratory बनने की क्षमता है। मेरा आप सभी से आग्रह है कि इसका ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाएं।

साथियों,

अपनी स्थापना के कुछ वर्षों के अंदर, GIFT-IFSC जिस तरह global capital के flow का prominent gateway बन गया है, वो अपने आप में अध्ययन का विषय है। GIFT City ने एक यूनिक ‘tri-city’ concept को develop किया है। ऐतिहासिक शहर अहमदाबाद और राजधानी गांधीनगर के बीच स्थित GIFT City की connectivity exceptional है। GIFT IFSC का cutting-edge digital infrastructure एक ऐसा platform देता है, जिससे businesses की speed और efficiency बढ़ जाती है। इसकी global connectivity के बारे में आप भली-भांति जानते हैं। GIFT IFSC एक ऐसा management बनकर उभरा है, जिससे financial और technology world के सबसे biggest mind इसकी ओर attract होते हैं।

आज IFSC में, 580 operational entities हैं। 3 exchanges, जिसमें international bullion exchange भी शामिल है, 25 बैंक्स, जिसमें 9 foreign banks शामिल हैं, 29 insurance entities, 2 foreign universities, 50+ professional services providers, जिनमें consulting firms हैं, law firms हैं, CA firms शामिल हैं। मुझे विश्वास है, अगले कुछ वर्षों में GIFT City, दुनिया के सर्वश्रेष्ठ international financial centres में से एक होगा।

साथियों,

भारत एक ऐसा देश है जहां गहरे लोकतांत्रिक मूल्य हैं, और trade and commerce की ऐतिहासिक परंपरा है। भारत में हर investor या company के लिए most diverse range of opportunities मौजूद है। GIFT को लेकर हमारा vision भारत की growth story से जुड़ा है। मैं आपके सामने कुछ examples रखता हूं। आज, 4 लाख air passengers हर रोज यात्रा कर रहे हैं। 2014 में हमारे यहां passengers aircrafts की संख्या 400 थी, जो आज बढ़कर 700 से ज्यादा हो गई है। पिछले 9 वर्षों में भारत में aircrafts की संख्या दोगुनी हो चुकी है। आने वाले वर्षों में हमारी airlines करीब 1000 aircrafts खरीदने जा रही हैं।

इन परिस्थितियों में GIFT City द्वारा aircraft lessors को कई तरह की सुविधाएं देना, बहुत ही remarkable है। भारत में water route से माल की आवाजाही तो बढ़ ही रही है, जहाजों की संख्या भी बढ़ने जा रही है। IFSCA का ship leasing framework इस trend का पूरा फायदा उठाने का अवसर दे रहा है। इसी तरह, भारत का strong IT talent, data protection laws, और GIFT का data embassy initiative, सभी देशों और businesses को digital connectivity की secure facility देता है। भारत के युवा talent की बदौलत, हम सभी बड़ी कंपनियों के global capability centers का base बन गए हैं।

साथियों,

अगले कुछ वर्षों में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और 2047 तक भारत विकसित देश बन जाएगा। New forms of capital, digital technologies और age financial services इस यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। अपने efficient regulations, plug and play infrastructure, large Indian hinterland economy तक पहुंच, beneficial cost of operations, और talent advantage की वजह से GIFT City ऐसे अवसर तैयार कर रहा है, जिसकी कोई बराबरी नहीं कर सकता।

आइए, GIFT IFSC के साथ मिलकर global dreams को पूरा करने की दिशा में हम मिल कर आगे बढ़ें। बहुत जल्द ही Vibrant Gujarat Global Investor Summit भी होने जा रहा है। मैं उसके लिए भी सभी investors को निमंत्रित करता हूं, और आपके इन प्रयासों को अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं। आइए, हम मिलकर दुनिया के गंभीर मुद्दों का समाधान खोजने की दिशा में innovative ideas को explore करें और उसे आगे बढ़ाएं।

बहुत-बहुत धन्यवाद।

 

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November 23, 2024
आज महाराष्ट्र ने विकास, सुशासन और सच्चे सामाजिक न्याय की जीत देखी है: पीएम मोदी
महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा को कांग्रेस और उसके सहयोगियों की कुल सीटों से कहीं ज़्यादा सीटें दी हैं: पीएम मोदी
महाराष्ट्र ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यह पिछले 50 सालों में किसी भी पार्टी या चुनाव-पूर्व गठबंधन की सबसे बड़ी जीत है: पीएम मोदी
‘एक हैं तो सेफ हैं’ देश का ‘महामंत्र’ बन गया है: पार्टी मुख्यालय में भाजपा कार्यकर्ताओं से पीएम मोदी
महाराष्ट्र देश का छठा राज्य बन गया है जिसने लगातार तीसरी बार भाजपा को जनादेश दिया है: पीएम मोदी

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।