उत्तराखंड के विकास के लिए काम करना भाजपा नेतृत्व वाली सरकार की प्राथमिकता है : पीएम मोदी
आगामी चुनाव, उत्तराखंड बनाने वालों और इसके निर्माण को रोकने की साजिश रचने वालों के बीच है: पीएम मोदी
डबल इंजन की सरकार आने से चीजें कैसे बदलती हैं, विकास पर लगे ब्रेक कैसे हटते हैं, इसका बहुत बड़ा उदाहरण ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन है: पीएम मोदी

नमस्कार!

उत्तराखंड के विकास अभियान का नेतृत्व कर रहे युवा और ऊर्जावान मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी, भाजपा के मेरे कार्यकर्ता साथियों, और इस देवभूमि के मतदाता भाइयों और बहनों! हरिद्वार की ये पवित्र धरती पर आध्यात्मिक तपस्या भी होती है, और राष्ट्र रक्षा का यज्ञ भी चलता है। यहाँ पास में ही, रुड़की के कुंजा बहादुरपुर में राजा विजय सिंह के नेतृत्व में 1822 में आज़ादी का बिगुल बजा था।

मैं इस परंपरा को प्रणाम करते हुए सबसे पहले हमारे भूतपूर्व सीडीएस जनरल बिपिन रावत जी जो हमारे उत्तराखंड धरती का गौरव आज मैं विपिन रावत जी को नमन करता हूँ। मैं हर उस वीर को नमन करता हूँ, जिन्होंने उत्तराखंड की धरती से प्रेरणा लेकर देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।

भाइयों-बहनों,

आज हरिद्वार के जन-जन में जो जोश है, भाजपा को लेकर जो भरोसा है, उससे साफ है कि उत्तराखंड का आशीर्वाद पूरी तरह से भाजपा के साथ है। पुष्कर सिंह धामी जी के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत की डबल इंजन सरकार एक बार फिर तय है। उत्तराखंड की पारखी जनता भलीभांति जानती है कि ये चुनाव उत्तराखंड राज्य का सपना पूरा करने वाले और उत्तराखंड के निर्माण को छल-साजिश से रोकने वालों के बीच में है। एक ओर भारतीय जनता पार्टी है, जिसने अपनी सरकार में आने के तुरंत बाद अटल बिहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व में उत्तराखंड राज्य बनाया।

दूसरी ओर, वो लोग हैं जिन्होंने उत्तराखंड के निर्माण को रोकने के लिए हर संभव षड्यंत्र किया, जितने हो सकते थे रोड़े अटकाए। तो आप मुझे बताइए, जो लोग उत्तराखंड को राज्य के रूप में देखना ही नहीं चाहते थे, वो उत्तराखंड का विकास होते देखना चाहेंगे? जो लोग उत्तराखंड के सपनों को इसलिए मारना चाहते थे ताकि उनकी सियासत चलती रहे, वो अब आपके संसाधनों की लूट बंद कर देंगे क्या? उनके कारनामे बंद करेंगे क्या? क्या वो कभी नहीं सुधरे हैं क्या! आप जानते हैं कभी नहीं सुधरेंगे, क्योंकि उत्तराखंड हमारे आपके लिए तो देवभूमि है!

लेकिन ये लोग उत्तराखंड को अपनी तिजोरी समझते हैं। अपना एटीएम समझते हैं। ईश्वर ने जो प्राकृतिक सम्पदा इसे दी है, जो संसाधन दिए हैं, उन्हें ये लोग लूटते रहना चाहते हैं, अपनी जेबें भरते रहना चाहते हैं। यही इनकी मानसिकता है। लेकिन देवभूमि की देवतुल्य जनता ने ये तय कर लिया है कि अब इन्हें मौका नहीं मिलने वाला है। ये पुण्य प्रदेश अब इन्हें भ्रष्टाचार का पाप नहीं करने देगा।

साथियों,

कुछ लोग ऐसे होते हैं जो खुद तो कुछ अच्छा नहीं करना चाहते। और, कोई दूसरा अच्छा काम कर दे, तो उनके पेट में दर्द होने लगता है। उत्तराखंड को लेकर काँग्रेस पार्टी का यही रवैया रहा है। इनकी इच्छा के खिलाफ उत्तराखंड बन गया, तो ये आज तक उससे अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। इन्होंने उत्तराखंड को पीछे धकेलने के लिए देश की सुरक्षा तक को ताक पर रखने में संकोच नहीं किया। ये राज्य हमारा बार्डर स्टेट है। यहाँ के गाँव दूसरे देश की सीमा से जुड़े हुए हैं। इसलिए, यहाँ का विकास, यहाँ का इंफ्रास्ट्रक्चर यहाँ के लोगों के जीवन के लिए ही नहीं देश की अखंडता के लिए भी जरूरी है।

लेकिन इतने दशकों तक कांग्रेस ने क्या किया? जहां सबसे ज्यादा विकास की जरूरत थी, उस इलाके को जानबूझकर सबसे पिछड़ा बनाए रखा। अब भाजपा की सरकार सीमावर्ती गांवों में प्राथमिकता के आधार पर विकास कर रही है। इस बजट में भी वाइब्रेंट विलेज नाम से एक योजना का ऐलान किया गया है। इस योजना के तहत सीमावर्ती गांवों में संसाधन और सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी ताकि वहां पर्यटन भी बढ़े।


साथियों,

जिस पार्टी की स्ट्रेटजी विकास न हो, इसी सोच वाली हो, वो अब लाख वायदे कर ले, अगर सत्ता मिल गई, तो क्या करेंगे, ये पूरा हिंदुस्तान जानता है और उत्तराखंड ज्यादा जानता है। इन्होंने पाप किया है उत्तराखंड के सपनों का गला घोंटने का! इन्होंने पाप किया है विकास की दौड़ में उत्तराखंड को दशकों पीछे धकेलने का! इन्होंने अक्षम्य पाप किया है देश की सुरक्षा को दांव पर लगाने का? मैं जानता हूं उत्तराखंड इन्हें कभी क्षमा नहीं करेगा। इसलिए आने वाली 14 तारीख को 14 फरवरी को कांग्रेस के गुनाहों को याद करते हुए ही भारतीय जनता पार्टी के कमल के लिए मतदान करना है।

साथियों,

डबल इंजन की सरकार, इन सरकार के होने से चीजें कैसे बदलती हैं, विकास पर लगे हुये ब्रेक कैसे हटते हैं, इसका बहुत बड़ा उदाहरण ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का काम एक दशक पहले शुरू होना था। लेकिन पिछली ब्रेक वाली सरकार ब्रेक पर ब्रेक ही लगाती रही। 2011 से 2014 तक उनकी यहाँ भी भारत सरकार में भी उनकी सरकार थी, केंद्र में और राज्य में दोनों सरकारें उनकी थी। यानी, डबल ब्रेक वाली सरकार! डबल ब्रेक वाली सरकार द्वारा इन 3-4 सालों में इतने बड़े काम के लिए केवल 4 करोड़ रुपए खर्च किए गए।

केवल 4 करोड़! 2014 में जब केंद्र में आपने हमें सेवा करने का अवसर दिया, हमारी सरकार आई, तो एक ब्रेक हमने हटाया, हमने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के लिए प्रयास शुरू किए। लेकिन दिल्ली से हम ज़ोर लगाते थे, देहरादून से ब्रेक लगा दिया जाता था। 2017 में जब देहरादून में डबल इंजन की सरकार आई, उसके बाद से करीब साढ़े पाँच हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं।

आप कल्पना कीजिए, ये ब्रेक लगाने वालों ने 4 करोड़ खर्चा किया, और दो इंजन लग गए डबल इंजन लग गए तो पांच करोड़ लग गए। जल्द ही पहाड़ों पर रेल का ये बड़ा काम पूरा हो जाएगा। चार-चार, पांच-पांच पीढ़ी ने इंतजार किया है। पांच-पांच पीढ़ी के इंतजार का उन सपनों को पूरा करने के लिए हम लगे हुए हैं।

इसी तरह, दिल्ली देहरादून हाइवे का काम भी अटल बिहारी सरकार के समय साल 2000 में शुरू हुआ था, जब ये राज्य जन्मा था। लेकिन काँग्रेस सरकार ने उसे लटकाकर छोड़ दिया। यूपी से क्लियरेंस न मिलने का बहाना बनाया गया, जबकि केंद्र में इनकी सरकार और यूपी में इनके भागीदारों की सरकार थी। ये काम भी तब पूरा हुआ जब भाजपा की डबल इंजन सरकार आई। ये ब्रेक लगाने वाले फिर से मौके की तलाश में बैठे हैं, लेकिन अब उत्तराखंड को गति चाहिए, प्रगति चाहिए। उत्तराखंड को लगातार डबल इंजन की सरकार चाहिए।

साथियों,
हरिद्वार का नाम ही हरि का द्वार है, यानि श्री हरि का द्वार! और जहां, भगवान हरि हैं, वहीं लक्ष्मीजी जाती हैं। यानी प्रगति, समृद्धि भी वहीं से होकर जाती है। ये क्षेत्र उत्तराखंड को दिल्ली और देश के दूसरे हिस्सों से जोड़ता है। यहाँ उद्योग की, पर्यटन की, रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। हरिद्वार में स्थापित उद्योग पूरे उत्तराखंड के विकास को आगे बढ़ा रहे हैं।

इसीलिए, हमारी डबल इंजन की सरकार ने हरिद्वार, देहरादून, और इस पूरे क्षेत्र में विकास को तेज गति से आगे बढ़ाने का काम किया है। दिल्ली-देहरादून के बीच बन रहा एक्सप्रेस-वे यात्रा के समय को घटाएगा, नए उद्योगों को यहाँ आने का रास्ता देगा। हरिद्वार के उद्योगों को तो इससे बहुत बड़ा फायदा होगा।

हमारी सरकार ने जॉली ग्रांट एयरपोर्ट पर एक नया टर्मिनल भी शुरू किया है। इससे यहाँ आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। पर्यटन से होने वाला लाभ बढ़ेगा। केंद्र सरकार देश में वॉटरवेज़ को विकसित कर रही है। गंगा में अब शिप चल रही हैं। इसका बहुत बड़ा फायदा हरिद्वार और पूरी गंगा बेल्ट को होगा। हरिद्वार में रिंगरोड के लिए डेढ़ हजार करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई है। सैकड़ों करोड़ रुपयों की लागत से ऋषिकेश रेलवे स्टेशन का आधुनिकीकरण किया गया है। ऐसे कितने ही काम हैं, जो इस समय तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

साथियों,

हमारे लिए उत्तराखंड का विकास, यहाँ की सेवा हमारे लिए ये पुण्य का काम है, पवित्र कार्य है। इसीलिए, हम उत्तराखंड और हरिद्वार के लिए काम करते हैं, जी जान लगाकर काम करते हैं पवित्र मन से काम करते हैं, जबकि वो हरिद्वार नहीं ‘घर-द्वार’ और परिवार के लिए काम करते हैं। हम सत्ता में आए तो हमने माँ गंगा की सेवा और स्वच्छता के लिए नमामि गंगे अभियान शुरू किया।

आज माँ गंगा निर्मल हो रही हैं। लेकिन, जब ये सत्ता में थे तो इन्होंने क्या कृत्य किए थे? इन्होंने इसी हरिद्वार में हरि की पैढ़ी पर माँ गंगा को नहर घोषित कर दिया था। क्या दुनिया में कोई कल्पना कर सकता है? दुनिया की सबसे विख्यात नदियों में से एक गंगा को कोई नहर घोषित कर दे, ताकि खनन और लूट माफ़िया अपना खेल-खेल सकें! झूठ और लूट का इतना बड़ा षड्यंत्र, इतना बड़ा पाप, ये इनके कारनामे हैं ये इनकी करस्तानी है।

हमारी सरकार ने इनके इस फैसले को पलटा, गंगा को लूटने का ये खेल बंद किया। जिसको देवभूमि की पवित्रता में, यहाँ की संस्कृति में जरा सी भी आस्था होगी वो ऐसा करने का सोच भी नहीं सकता। उत्तराखंड की जनता ने इनके पापों की सजा इन्हें दी, लेकिन इनकी मानसिकता बदल नहीं रही है। ये पवित्र देवभूमि में अब तुष्टीकरण का जहर घोलने की कोशिश कर रहे हैं।

कांग्रेस नेता यूनिवर्सिटी के नाम पर जो तुष्टिकरण यहां कर रहे हैं, वो उत्तराखंड के लोगों की आंख खोलने के लिए काफी है। इसके पहले सत्ता में थे, तब भी इन्होंने उत्तराखंड की संस्कृति और पहचान को बिगाड़ने के लिए कई खेल खेले थे। हरिद्वार के लोगों से बेहतर इस बात को और कौन जानेगा? मैं आपको बताना चाहता हूँ, यूपी में योगी फिर आ रहे हैं।

और योगी जी जब आते हैं, तो अपराधी माफिया भागते हैं। यहाँ अगर कांग्रेस सरकार होती, तो यूपी से भागकर ये अपराधी कहां जाते? इसी इलाके में आकर के ये अपना ठिकाना बना लेते। यहाँ उनकी खातिरदारी भी हो जाती, क्योंकि वोट बैंक में काम आ जाता। इसलिए अभी हम बचे हुए हैं, ऐसे लोगों की इंट्री बंद है। और इसलिए सतर्क रहना है, कांग्रेस को फिर से मौका नहीं देना है।


साथियों,

जिन्होंने दशकों तक पहाड़ों के लिए एक काम नहीं किया, वे अब नए-नए नारे लेकर के आ रहे हैं, अगर इन्होंने पहले हमारे चार धामों की सुध ले ली होती, तो उत्तराखंड के पर्यटन और प्रगति के रास्ते खुल जाते, न कि लोगों को पलायन करना पड़ता। केदारनाथ में पुनर्निर्माण का काम भी तेज गति से तब शुरू हो सका जब डबल इंजन की सरकार बनी।

आज केदारनाथ को अपने गौरव के अनुसार भव्यता भी मिली है, और श्रद्धालुओं का मनोबल भी बढ़ा है। लेकिन हमारे उत्तराखंड के भाइयों बहनों, अभी जो इतना हुआ है अच्छा लग रहा है संतोष हो रहा है, लेकिन मेरे लिए तो इससे भी आगे बढ़ना है। मुझे और ज्यादा काम करना है। इस भूमि से हमारा विशेष नाता है। लेकिन अगर ब्रेक वाले कोई बैठ गए तो आपके मन में जो सपने जगे हैं न उसको पूरा करना किसी के लिए भी मुश्किल कर देंगे।


भाइयों-बहनों,
पर्यटन ठप्प होने से राज्य को जो नुकसान हो रहा था, वो फिर से पटरी पर लौट रहा है। ये वो काम है जो डबल इंजन सरकार ने किया है। जो काम हो रहे हैं, वो भी आपके सामने हैं। आज हमारी सरकार 12 हजार करोड़ रुपए खर्च करके चार धाम प्रोजेक्ट का काम कर रही है।

जिन इलाकों में कई महीने पहुँचना मुश्किल होता था, वहाँ के लिए 'ऑल वेदर connectivity' वाली रोड्स बनाई जा रही हैं। इस बार के बजट में केंद्र सरकार ने उत्तराखंड जैसे राज्यों के लिए 'पर्वतमाला परियोजना' की घोषणा की है। इससे पहाड़ों पर विकास के नए युग का आरंभ होने जा रहा है। आने वाले समय में यहाँ पर्यटन बढ़ेगा, रोजगार बढ़ेगा, और युवा अपने सपनों को पूरा कर सकेंगे।

साथियों,
विकास तभी होता है जब वो जन-सामान्य तक पहुंचे, उसके जीवन को बेहतर कर सके। पहले पहाड़ों पर इलाज की सुविधा नहीं होती थी, शिक्षा नहीं होती थी। पीने के लिए पानी खत्म होता जा रहा था। लेकिन, सुध लेने वाला कोई नहीं होता था। हमारे अटल जी ने पहली बार ऋषिकेश में एम्स की घोषणा की थी। आज उत्तराखंड में नए अस्पताल खुल रहे हैं, मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं। गरीबों के मुफ्त इलाज के लिए आयुष्मान योजना है। प्रधानमंत्री आवास योजना के जरिए गरीबों को अपना घर मिल रहा है। पहाड़ों पर सबसे मुश्किल जीवन माताओं-बहनों का होता था।

उन्हें पानी लाना होता था तो कई कई किलोमीटर पैदल चलकर पहाड़ियों पर चढ़-चढ़ कर के बड़ी मुश्किल से ला पाते थे। खाना बनाने के लिए पहाड़ चढ़कर लकड़ी काट कर के ढोकर के लाना पड़ता था। लेकिन हमारी सरकार ने उज्ज्वला योजना के जरिए उन्हें मुफ्त गैस सिलिंडर दिया है। जल जीवन मिशन के जरिए आज घर घर पाइप से पानी पहुँचाने का काम हो रहा है। ये संभव तभी हो रहा है क्योंकि राज्य में भाजपा की सरकार है।

हमारे प्रयासों में रोड़े नहीं लगाए जा रहे, ब्रेक नहीं लगाई जा रही है, ऊपर से उसे आगे बढ़ाने में कंधे से कंधा मिलाकर के दोनों सरकारें काम करती हैं। राज्य सरकार, खुद भी बहनों-बेटियों के लिए घस्यारी योजना और महालक्ष्मी योजना जैसे कल्याणकारी प्रयास कर रही है। किसानों को भी बिना किसी दलाली के किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। सरकार organic खेती के लिए भी विशेष अभियान चला रही है। पहाड़ों पर तो organic खेती के लिए अपार संभावनाएं हैं। ये मूवमेंट हमें आगे भी बनाए रखना है।


साथियों,

उत्तराखंड की स्थापना को 21 साल हुए हैं। 21 साल का हमारा युवा उत्तराखंड वैसे ही नौजवान और बड़े सपने लेकर के आगे बढ़ रहा है। अगले 3-4 साल बाद उत्तराखंड अपने 25 साल पूरे करेगा। और मैंने केदारनाथ की पवित्र धरती से कहा था कि यह दशक उत्तराखंड का दशक है, मौका जाने मत दीजिए साथियों, राज्य को इस महत्वपूर्ण मुकाम पर धामी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में केंद्र और राज्य सरकार मिल कर के आपके सपनों को पूरा करने के लिए कृत निश्चयी है।

इसलिए, ये जरूरी है कि अगली सरकार ईमानदार हो, संकल्प लेकर चलने वाली हो, मेहनत करने वाली हो, और युवा नेतृत्व वाली हो। मैं आपको भरोसा देता हूँ, पुष्कर सिंह धामी जी के नेतृत्व में बीजेपी आपको तेज विकास करने वाली सरकार देगी। 14 तारीख को आप जब वोट देने जाएँ, तो उत्तराखंड के अतीत और भविष्य का जरूर सोचकर जाएँ। मुझे उत्तराखंड पर पूरा भरोसा है, यहाँ के क्षमतावान मतदाताओं पर पूरा भरोसा है। यहां की माताओं और बहनों के सामर्थ्य पर मेरा भरोसा है। इसी के साथ मैं अपने शब्दों को विराम देता हूँ।

आप सब हाथ उठाकर के मेरे साथ भारत मां की जयकारा करें, दोनों हाथ ऊपर कर के जयकारा करना है।

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

बहुत बहुत धन्यवाद!

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PM Modi visits the Indian Arrival Monument
November 21, 2024

Prime Minister visited the Indian Arrival monument at Monument Gardens in Georgetown today. He was accompanied by PM of Guyana Brig (Retd) Mark Phillips. An ensemble of Tassa Drums welcomed Prime Minister as he paid floral tribute at the Arrival Monument. Paying homage at the monument, Prime Minister recalled the struggle and sacrifices of Indian diaspora and their pivotal contribution to preserving and promoting Indian culture and tradition in Guyana. He planted a Bel Patra sapling at the monument.

The monument is a replica of the first ship which arrived in Guyana in 1838 bringing indentured migrants from India. It was gifted by India to the people of Guyana in 1991.