Quoteघोर 'परिवारवादियों' की एक खास आदत है। ये जो बोलते हैं, वो करते नहीं, और जो नहीं बोलते वही करते हैं: यूपी में अस्थिरता और पक्षपातपूर्ण विकास को बढ़ावा देने वाली पिछली सरकारों पर पीएम मोदी ने निशाना साधा।
Quoteविकास के सभी चरणों में काशी की सांस्कृतिक अखंडता को बरकरार रखते हुए आधुनिकीकरण किया गया है: वाराणसी के इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेडेशन पर पीएम मोदी
Quoteसबका साथ, सबका विकास भाजपा के लिए सिर्फ एक नारा नहीं है, यह हमारी प्रतिबद्धता है: यूपी के लिए भाजपा के स्पष्ट विजन पर पीएम मोदी


हर-हर महादेव !

हर-हर महादेव !

सेवापुरी, रोहनिया, बडागांव, पिंडरा, हरहुआ आदि स्थान से आयल सभी भाई लोगन के प्रणाम हौ ! हमैं याद हौ कि चौदह के चुनाव के पहिले एही खजुरी से विजय कऽ डंका पूरे देश में आपै लोग बजवले रहलेन। इहॉ के भगवती महरानी अऊर खजुरी हमरे हृदय में हौ। आप सब लोगन कऽ हम हृदय से अभिनंदन करत हई।

भाइयों और बहनों,

इस चुनाव में ये मेरी आखिरी सभा है। उत्तर प्रदेश ने दशकों से शायद ऐसा चुनाव नहीं देखा होगा। ऐसा चुनाव जब कोई सरकार अपने काम पर, अपनी ईमानदार छवि पर, भेदभाव और पक्षपात रहित विकास पर, और सुधरी हुई कानून व्यवस्था के दम पर जनता-जनार्दन का आशीर्वाद मांग रही हो। मुझे एक इंटरव्यू में मीडिया ने पूछा था तब मैने कहा था कि ये चुनाव प्रो इनकंबेंसी चुनाव है। और सबसे बड़ी बात, जनता भी खुद ही बाहर निकलकर इस सरकार की वापसी का झंडा बुलंद कर रही है।

कैराना से लेकर काशी तक, बांदा से लेकर बहराइच तक डबल इंजन की सरकार की ही हुंकार एक-एक नागरिक कर रहा है। पूरा यूपी बिना बंटे, एकजुट होकर कह रहा है-आएगी तो भाजपा ही, आएंगे तो योगी ही। यूपी के लोग यूपी को गुंडागर्दी, मनचले, माफिया, भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, अवैध कब्ज़े देने वाले घोर परिवारवादियों को पूरी तरह नकार चुके हैं।

साथियों,

आप मुझे बताइए जो सिर्फ और सिर्फ अपने परिवार का भला करें, क्या ऐसे लोगों का आप साथ देंगे क्या। जो घोर परिवारवादी हैं, उनका साथ देंगे क्या।

साथियों

ये घोर परिवारवादी की एक खास आदत है। ये जो बोलते हैं, वो करते नहीं, और जो नहीं बोलते वही करते हैं। आप मुझे बताइए इन घोर परिवारवादियों ने अपने घोषणा पत्र में लिखा था। वो दंगे करवाएंगे, लेकिन किया। दंगे करवाना इनके घोषणापत्र में नहीं था। लेकिन इन्होंने पांच साल दंगे ही दंगे करवाए। अवैध कब्ज़े और लूट-खसूट इनके घोषणापत्र में नहीं था, इनकी यही सबसे बड़ी उपलब्धि रही।

स्कूलों, थानों, दफ्तरों में भाई-भतीजावाद, कर्मचारियों का शोषण, ये इनके घोषणापत्र में नहीं था, लेकिन इस पर इन्होंने मन से, पूरी ताकत से काम किया। आज एक तरफ डबल इंजन का डबल बेनिफिट है, जिसका लाभ यूपी का हर नागरिक उठा रहा है। दूसरी तरफ घोर परिवारवादियों की कोरी घोषणाएं हैं, जो कभी पूरी ही नहीं हो सकतीं। जान लीं...बनारस में सब गुरु, केहू नाहीं चेला। यहां तो झूठ-फरेब बिल्कुल नहीं चलता। इसलिए लोग कह रहे हैं, जो आज यूपी की सेवा कर रहे हैं, वही अपना काम जारी रखेंगे।

साथियों,

चिरपुरातन काशी की आत्मा को बनाए रखते हुए, कायाकल्प हो सकता है, ये विश्वास आज हर जगह दिखता है। मां गंगा हो, मां अन्नपूर्णा हो, काशी विश्वनाथ धाम हो, दिव्यता का, भव्यता और आधुनिकता से साक्षात्कार आज हर कोई अनुभव कर रहा है। पर्याप्त बिजली, बिजली के तारों का जो जाल था, उस जाल से मुक्ति, पानी की किल्लत से मुक्ति, चौड़ी होती सड़कें, नए हाईवे, नए पुल, नए फ्लाईओवर, पूरा वाराणसी जिला बदलाव की राह पर है।

वाराणसी के पौने 3 लाख किसान परिवारों के बैंक खाते में साढ़े 4 सौ करोड़ रुपए पीएम किसान निधि के पहुंच चुके हैं। इसके अलावा राइस रिसर्च सेंटर, कार्गो सेंटर और नए डेयरी प्लांट से, नए गोबरधन प्लांट से भी किसान और पशुपालकों की सुविधाएं बढ़ी हैं। किसान की लागत कम हो, मुनाफा अधिक हो, धरती मां और मां गंगा दोनों कैमिकल फ्री हों, ऐसी प्राकृतिक खेती गंगा किनारे हो, इस पर 10 मार्च चुनाव नतीजे के बाद तेज गति से काम होगा। आधुनिक हस्तकला संकुल, बिना गारंटी के ऋण, आधुनिक मशीनें, ये बुनकरों, हस्तशिल्पियों को नई उम्मीदें दे रहे हैं।

आंख के इलाज से लेकर कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए पहले मुंबई-दिल्ली दौड़ना पड़ता था, आज काशी में ही हो रहा है। और ये इलाज भी आयुष्मान योजना की वजह से गरीबों के लिए मुफ्त है। यही तो विकास है, जो आज दिखता है और सबके लिए है। वाराणसी को देखकर पूरे पूर्वांचल में विकास का विश्वास पैदा हुआ है।

भाइयों और बहनों,

21वीं सदी का ये तीसरा दशक पूरी दुनिया के लिए नई चुनौतियां, अभूतपूर्व संकट लेकर आया है। लेकिन भारत ने तय किया है कि इस अभूतपूर्व संकट को, इन चुनौतियों को हम अवसरों में बदलेंगे। ये संकल्प सिर्फ मेरा नहीं है, सिर्फ सरकार का नहीं है, ये हिंदुस्तान के 130 करोड़ नागरिकों का है, आप सभी का है, उत्तर प्रदेश का है, पूरे देश का है। मुझे बहुत खुशी है कि बीते 7 सालों में राष्ट्रहित, भारत हित को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए, अनेक क्षेत्रों में अनेक काम हो रहे हैं। इस संकट काल में देश की ताकत बन रहा है।

जिसका जितना सामर्थ्य है, वो उसको राष्ट्रहित में समर्पित कर रहा है। आज अगर भारत के विरुद्ध कोई भी गलत बात होती है, तो हर नागरिक एक सुर में उठ खड़ा होता है। इसलिए, आज अगर कोई पंचायत के लिए भी वोट करता है, तो राष्ट्रहित को देखकर वोट करता है। वो जानता है कि देश ताकतवर रहेगा तो गांव और बिरादरी के मुद्दे भी हल हो जाएंगे। यूपी के लोगों की इसी भावना को उत्तर प्रदेश चुनाव के हर चरण में मैंने खुद अनुभव किया है।

साथियों,

हमारे गांवों की एक शक्ति ये भी है कि जब संकट आता है तो हर कोई गिले-शिकवे भुलाकर एकजुट हो जाता है। लेकिन देश के सामने कोई चुनौती आती है तो ये घोर परिवारवादी इसमें भी राजनीतिक हित ढूंढते हैं। भारत की सेना, भारत के लोग, अगर संकट से लड़ते हैं, तो ये उस संकट को और गंभीर बनाने के लिए, उसमें जो भी परेशानियां पैदा कर सकते हैं, पूरी ताकत लगाते हैं। ये हमने कोरोना के दौरान भी देखा और आज यूक्रेन संकट के दौरान भी हम यही अनुभव कर रहे हैं।

भाइयों और बहनों,

अंध विरोध, निरंतर विरोध, घोर निराशा, नकारात्मकता, यही इनकी राजनीतिक विचारधारा बन चुकी है। वरना देखिए, भारत 2 साल से 80 करोड़ से अधिक गरीब, दलित, पिछड़े, आदिवासी साथियों को मुफ्त राशन उपलब्ध करा रहा है। पूरी दुनिया हैरान है, लेकिन मुझे खुशी है कि गरीब खुश है, मेरी गरीब मां मुझे आशीर्वाद दे रही है। इतना बड़ा कोरोना काल अर्थव्यवस्था चरमरा जाना, दुनियाभर में संकट, गरीब परिवार की कौन सुनेगा।

भाइयों और बहनों,

देश के खजाने पर कितना भी बोझ क्यों न आ जाए। लाखों करोड़ रूपये क्यों न खर्च हो जाएं लेकिन मैंने तय किया था। गरीब के घर में चूल्हा जलता रहना चाहिए। गरीब मां का बच्चा भूखा सोना नहीं चाहिए। इसलिए दो साल से , हिंदुस्तान में आजादी के बाद से कभी भी ऐसी सेवा नहीं हुई है, जो सेवा करने का सौभाग्य आप सब ने मुझे दिया है। लेकिन भाइयों और बहनों, ये घोर परिवारवादी देश के इस सामर्थ्य को भी कमतर करने में जुटे हैं।

दुनिया का कोई भी बड़े से बड़ा, समृद्ध से समृद्ध देश शत-प्रतिशत कोरोना टीकाकरण, मुफ्त टीकाकरण के नज़दीक भी नहीं है। कई देशों में टीकाकरण को लेकर धरने-प्रदर्शन हो रहे हैं। भारत का हर नागरिक शांति से मुफ्त टीका लगा रहा है।

भाइयों और बहनों,

जरा हाथ ऊपर करके बताइए आपको टीका लगा है, आप सबका टीका लगा है, अच्छा मुझे बताइए, दुनिया में तो टीके लगाने के लिए हजारों रुपया खर्च होता है। आपको कोई खर्चा हुआ है क्या। टीका लगाने का कोई खर्चा हुआ है क्या। आपको एक पैसा भी देना पड़ा है क्या। आपको जेब से एक रूपया निकालना पड़ा है क्या।

भाइयों और बहनों,

130 करोड़ से अधिक भारतीयों के गौरवगान के लिए भी ये लोग घोर परिवारवादी, राजनीति के रंग में रंगे हुए लोग राष्ट्रनीति को न कभी समझ पाए हैं न पचा पाए हैं। इतना बड़ा काम 130 करोड़ देशवासियों को इतना बड़ा सहयोग। टीकाकरण अभियान पूरी दुनिया में अद्भुत चला हो। लेकिन उनके मुंह से एक सही शब्द निकला है क्या। एक अच्छी बात निकली है क्या। अरे इसमें भाजपा कहां थी, ये तो सीधा-सीधा गरीब के बच्चों को बचाने के काम था। क्यों उसमें भी तुम्हें तकलीफ हो रही थी।

भाइयों और बहनों,

इन घोर परिवारवादियों की सोच यही है कि जो देश के लिए अच्छा हो, वो उसे पसंद नहीं करते।

साथियों,

हमने स्वच्छ भारत मिशन शुरु किया, 10 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनाए। इससे फायदा गांव की, गरीब, दलित, पिछड़े परिवारों की बहनों को सबसे अधिक हुआ। आप मुझे बताइए और मैं तो उत्तर प्रदेश की माताओं का आभार मानूंगा। क्योंकि उत्तर प्रदेश की माताओं-बहनों ने मुझे कहा कि ये शौचालय नहीं ये तो इज्जत घर है... इज्जत घर।

ये महलों में रहने वालों को पता नहीं है दोस्तों, अगर घर में शौचालय नहीं है। तो गरीब मां को कितनी तकलीफ उठानी पड़ती है। उनको पता नहीं है। एक तरफ समाज और इज्जत की मर्यादाओं में जीने का संस्कार और दूसरी तरफ मुसीबत। हमारे गावों में शहरों में भी हमारी गरीब माताओं-बहनों को अगर शौचालय जाना है शौच के लिए जाना है तो वे सूरज उगने से पहले जल्दी जाने के लिए सोचती हैं। या तो दिन भर पीड़ा झेलती हैं और शाम को जब तक सूरज ढलता नहीं है, वो शौच के लिए नहीं जाती हैं। आप कल्पना कर सकते हो उस मां को पीड़ा कितनी होती होगी।

उस मां को तकलीफ कितनी होती होगी। क्या इस मां की तकलीफ दूर करनी चाहिए कि नहीं करनी चाहिए। ऐसी मां की तकलीफ दूर करनी चाहिए की नहीं करनी चाहिए। कौन करेगा, कौन करेगा। और इसलिए भाइयों बहनों घर में भी शौचालय बनाने का काम हमने पूरे देश में चलाया है। अब स्वच्छता बढ़ती है तो फायदा किसको होता है। स्वच्छता बढ़ती है तो गांव में बीमारियां कम होती है। बीमारियां कम होती हैं तो गरीब का बच्चा बीमार होने से बचता है। गरीब का पैसा बचता है। पूरी दुनिया ने स्वच्छता अभियान के लिए भारत की तारीफ की। लेकिन क्या आपने इन घोर परिवारवादियों से एक बार भी सुना है की स्वच्छता करनी चाहिए। सुना है क्या, आप मुझे बताइए वो स्वच्छता के बारे में बता देते तो उनकी राजनीति में क्या खोट पड़ जाती।

जो समाज के लिए अच्छा है वो उनको मंजूर नहीं है। मोदी आज आत्मनिर्भर भारत, वोकल फॉर लोकल, यानि भारत में बने सामान को अपनाने की बात कर रहा है। जिसे बनाने में आपका पसीना लगा हो, उसी को मैं अपने सिर माथे लगाता हूं, मैं ये बातें करता हूं तो वो इसका भी मजाक उड़ाते हैं। बनारसी साड़ियां-उसका मैं गुणगान करूं कि ना करूं, उसका मैं गुणगान करूं कि ना करूं। हिंदुस्तान के हर कोने में बनारसी साड़ी बिक जाए, तो बनारस के साड़ी बनाने वालों को फायदा होगा कि नहीं होगा। मेरा बनारसी लंगड़ा आम, मैं जहां जाऊं बनारसी लंगड़ा आम के गीत गाऊं। तो हमारा बनारसी लंगड़ा आम हिंदुस्तान में बिकेगा की नहीं बिकेगा। मेरे किसान को फायदा होगा कि नहीं होगा। बनारसी खिलौने- हमारे गरीब परिवार खिलौने बनाते हैं।

मैं चारो तरफ कहूं कि मेरे देश में बने खिलौने खरीदने चाहिए, मेरे बच्चों के हाथ में मेरे देश में बने खिलौने होने चाहिए। तो फायदा किसको होगा। खिलौना बनाने वाले गरीब लोगों को मेरे बनारस के लोगों को, मेरे किसानों को , मेरे बुनकरों को हस्तशिल्पियों, विश्वकर्मा साथियों को और इससे उनका आय बढ़ेगा। ये अच्छा काम है कि नहीं है, ये हर किसी को करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए। इसमें कोई राजनीति है क्या। इसमें भी उनको तकलीफ है। ये जो हमारे विरोधी लोग हैं एक बार भी उनसे सुना कि भाई अपने देश में बनी हुई चीजें खरीदो। हमारे देश की चीजों को बढ़ावा दो एक बार भी सुना क्या। अगर ये आपके मित्र होते आपका भला चाहते तो आप जो चीजें पैदा करते । उसको बेचने के लिए बोलते की नहीं बोलते। बोलते की नहीं बोलते।

लेकिन उनके मुंह पर ताला लग गया है, भाइयों-बहनों उनको तो यही लग रहा है कि जो काम मोदी करे, ये घोर परिवारवादी वोकल फॉर लोकल से भी चिढ़ते हैं। पूरी दुनिया में आज योग और आयुष की धूम मची है, लेकिन ये घोर परिवारवादी योग का नाम लेने से भी बचते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि अगर योग की बात करेंगे, हिंदुस्तान को लोगों की तबीयत ठीक होगी। उनकी फिटनेस अच्छी होगी तो ये मोदी का गीत गाएंगे, मोदी का गौरवगान करेंगे। इसलिए योग का भी विरोध।

साथियों,

कांग्रेस ने इससे भी आगे, खादी जो कांग्रेस की एक जमाने में पहचान हुआ करती थी। खादी का कुर्ता पहना तो लोग नेताजी मानकर उसके घर के चक्कर काटते थे। खादी से जितना राजनीतिक फायदा उठाना चाहिए उन्होंने उठाया। लेकिन भाइयों-बहनों जो लोग खादी को भूल गए, खादी को छोड़ दिया। जो खादी गरीब माताओं बहनों को रोजी देती है , जो खादी गांव के अंदर रोजगार देती है, लेकिन मोदी ने खादी को अंतर्राष्ट्रीय ब्रांड बनाने का काम किया तो उनको खादी बोलने में ही दिक्कत हो रही है। मैं अगर सिर्फ बनारस मंडल की बात करूं, आपको जानकर आनंद होगा भाइयों कि काम कैसे होता है।

यहां 5 साल पहले 90 करोड़ रुपए की खादी की बिक्री होती थी। आज ये बढ़कर 170 करोड़ रुपए से ज्यादा खादी हमारे इस मंडल में बनती है बिकती है। गरीब को रोजगार मिला कि नहीं मिला , गरीब के घर में पैसा गया कि नहीं गया। पूरे देश में ही खादी से जुड़े लोगों की आय बढ़ी है। लेकिन इन घोर परिवारवादियों ने इससे भी मुंह फेर लिया है।

भाइयों और बहनों,

इस साल देश ने आजादी के 75 वर्ष पूरे किए हैं। पूरा देश आज आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, आप मुझे बताइए भाई आपके परिवार में आपके माताजी का जन्मदिन हो, पिताजी का जन्मदिन हो , बहू का जन्मदिन हो या फिर बेटे-बेटी का जन्मदिन हो। तो घर के सब लोग उस जन्मदिन को खुशी मनाते हैं कि नहीं मनाते हैं, वो पूरे परिवार का उत्सव बन जाता है कि नहीं बन जाता है।

अब भारत की आजादी के सेनानियों ने इतना बड़ा त्याग तपस्या कि बलिदान दिए , उस आजादी को 75 साल हुए, ये सब हिंदुस्तानी को गौरव होना चाहिए की नहीं होना चाहिए। आजादी के अमृत महोत्सव का गर्व होना चाहिए की नहीं होना चाहिए। इनके दिल में मोदी के प्रति इतना विरोध भरा पड़ा कि उनके मुंह से आजादी के अमृत महोत्सव का आनंद और भागीदारी करने से भी कतराते हैं।

भाइयों और बहनों,

ये न देश के भला कर सकते हैं न आप का भला कर सकते हैं। जिनकी सोच इतनी संकीर्ण हो, जिनकी राजनीति इतनी स्वार्थी हो, जो सिर्फ अपनी तिजोरी भरने के लिए जीते हैं, वो गरीब, दलित, पिछड़े परिवारों के हित के बारे में सोच ही नहीं सकते। इसलिए 6 चरणों में इनको यूपी की जनता ने नकारा और अब 7वें चरण में आपको इनका हिसाब पूरा करना है। सबका साथ, सबका विकास, भाजपा के लिए सिर्फ एक नारा भर नहीं है, ये हमारा कमिटमेंट है, ये हमारी प्रतिबद्धता है।इसमें सरकार के लाभ हर लाभार्थी तक, बिना पक्षपात, बिना भेदभाव पहुंचाने की प्रमाणिकता तो है ही, इसमें हर क्षेत्र, हर वर्ग, हर बिरादरी को उचित राजनीतिक प्रतिनिधित्व देने का संकल्प भी है।

सबका प्रयास से राष्ट्र विकास की ये भावना पार्टी और सरकार, दोनों में दिखती है। पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक, पार्टी से लेकर मंत्रिमंडल तक, महिलाओं, दलित, पिछड़े, आदिवासी समाज की भागीदारी आज अभूतपूर्व स्तर पर है। 10 मार्च के बाद ये भागीदारी और सशक्त होगी। ये मैं आपको वादा करने आया हूं। 10 मार्च के बाद गरीब को पक्के घर देने का अभियान और तेज होगा। 10 मार्च के बाद गरीब को गैस कनेक्शन का अभियान और तेज होगा। 10 मार्च के बाद रोजगार देने का अभियान, सरकार में नौकरी देने का अभियान और तेज होगा।

10 मार्च के बाद नई सड़कों का, नए हाईवे-एक्सप्रेसवे का, नए रेल रूट का काम और तेज होगा।और, जो ये मुट्ठी भर अपराधी-माफिया फिर बाहर निकलने के लिए सपने देख रहे हैं। मुंडी दिखाना शुरू किया है। कानून उनका हिसाब भी चुकता करे, ये काम भी तेज किया जाएगा। विशेष रूप से मैं बहनों-बेटियों से कहूंगा कि आपका ये आशीर्वाद ही मेरे जीवन की पूंजी है। आज हिंदुस्तान के हर कोने में इस चुनाव में भी मैं जहां-जहां गया हूं, माताओं और बहनों ने मुझे आशीर्वाद दिए। एक प्रकार से माताएं और बहनें मेरा रक्षा कवच बनी हुई हैं। माताएं-बहनें जिस प्रकार से सारे बंधनों से ऊपर उठ करके देश के लिए, अपनी बेटियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए, आज जो मेरा साथ दे रही है न। माताएं-बहनें आज मैं आपको एडवांस में धन्यवाद करने आया हूं।

भाइयों और बहनों,

हमारी बहन-बेटियों की रक्षा, सुरक्षा पहले भी डबल इंजन की सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता थी, और आगे भी रहेगी। इसलिए मैं माताओं-बहनों को आग्रह करूंगा कि निकल पड़िए। अभी दो दिन आपके पास हैं, निकल पड़िए मेरी माताएं-बहनें सारा निर्णय आप करवा दीजिए। देखिए मेरी बहन-बेटियों की इज्जत, मेरी मां-बहनों की इज्जत, मेरी बहन बेटियों की सुरक्षा इसके लिए हम पूरी जिंदगी खपा देते हैं कि नहीं खपा देते हैं, इसलिए माताओं और बहनों आज मैं आपके पास, मैं कल काशी में जनता जनार्दन के दर्शन के लिए निकला था।

मेरा सौभाग्य था, मैने कल वो जो दृश्य देखा है, राजनीतिक रैलियां तो बहुत देखीं, लेकिन जो कल बनारस में जनता जनार्दन के दर्शन के लिए जो निकला था। बच्चे हो, बूढ़े हो, गरीब हो, अमीर हो। हर कोई जिस प्रकार से आशीर्वाद दे रहा था। भाइयों-बहनों जिंदगी में इससे बड़ी कमाई क्या होती है। इससे बड़ी पुण्णाई क्या होती है, और रोड शो में मेरी माताएं बहनें जो बढ़-चढ़ कर आई थीं। ये बात इस बात का सबूत है कि इस बार भी उत्तर प्रदेश का भविष्य भी मेरी माताएं-बहनें तय करेंगी। मैं आग्रह करता हूं कि आपको, भाजपा को, अपना दल को, निषाद पार्टी को भारी मतों से जिताना है।

भाइयों-बहनों

अपना दल के लिए वोट मांगने का मेरा भी हक बनता है। अनुप्रिया जी को तो मैं बाद में मिला, उनसे परिचय तो मेरा बाद में हुआ। मेरा परिचय सोनेलाल जी से रहा है। सोनेलाल जी की गरीबों की भलाई की जो जिद थी उनके मन में, कभी समझौता नहीं करते थे और गरीबों का शोषण करने वालों का वो कभी साथ नहीं दे सकते थे।

सोनेलाल जी के सपनों को पूरा करने का आज हमारे पास अवसर आया है। इसलिए अपना दल के लिए भी वोट मांगने का मुझे हक है मेरे भाइयों, निषाद पार्टी, अगर हमारे निषाद समाज के लोगों के जीवन में बदलाव आएगा। वो जीवन में आगे बढ़ेंगे, तो गरीबी अपने आप दूर जाना शुरू हो जाएगी। हमारे छोटे किसान उनकी जिंदगी बदलेगी, तो मेरे गांव का जीवन बदल जाएगा, ये मेरा पक्का विश्वास है। इसलिए मैं कहने आया हूं, भाजपा का कमल हो अपना दल का कप-प्लेट हो। या फिर निषाद पार्टी की भोजन से भरी थाली हो, मैं आपसे यही कहने आया हूं, पहले मतदान फिर दूसरा काम।

भाइयों-बहनों

मेरे लोकसभा चुनाव में भी आप लोगों ने इतनी बड़ी रैली नहीं की थी। मैं सचमुच में आपका धन्यवाद करता हूं। इतनी बड़ी रैली की है। लेकिन अब इतनी बड़ी रैली हो गई, आज 5 बजे चुनाव प्रचार समाप्त हो जाएगा। तो आप घर जाकर सो जाओगे क्या। अब तो हो गया, जीत गए, ऐसा करोगे क्या, ऐसा मत करना, जब तक मतदान पूरा नहीं होता है। हमें घर-घर जाना है। जाएंगे घर-घर जाएंगे। दोनों हाथ ऊपर कर बताइए, सब लोग जाएंगे, मेरा एक काम करेंगे। हमारे क्षेत्र में हर घर पर जाकर कहना मोदीजी आए थे। मोदीजी ने अपना प्रणाम आपको पहुंचाया है और आपके आशीर्वाद की कामना की है। पहुंचा दोगे, घर-घर जाकर मेरा प्रणाम पहुंचाओगे।

भाइयों- बहनों

ये प्रणाम पहुंचाओगे न, तो वो मन से मुझे आशीर्वाद देंगे। और उनका आशीर्वाद मेरे लिए एक नई उर्जा बन जाते हैं। गरीब-पीड़ित, दलित-शोषित और पिछड़ों के लिए मेहनत करने के लिए मुझे और हिम्मत मिलती है और ताकत मिलती है। इसलिए मेरे भाइयों-बहनों हर घर जाना, मेरा प्रणाम पहुंचाना और मतदान के लिए एनडीए के सभी साथियों को जिताने के लिए ज्यादा से ज्यादा मतदान कराइए।

इसी एक अपेक्षा के साथ मैं पूरे उत्तर प्रदेश को खास कर उत्तर प्रदेश के सरकार के अधिकारियों को, पुलिस विभाग के लोगों को, आज मेरी इस चुनाव की आखिरी सभा में उन सबका अभिनंदन करना चाहता हूं। क्योंकि उन्होंने शांतिपूर्ण मतदान करवाया, मैं इलेक्शन कमीशन का अभिनंदन करता हूं कि छ चरण में इतना शांतिपूर्ण और इतना शानदार मतदान का प्रबंधन किया। उनको मैं इसलिए धन्यवाद देता हूं कि उनकी इस व्यवस्था शक्ति के कारण लोगों का लोकतंत्र पर भी विश्वास बढ़ता जाता है।

इस काम के लिए मैं उनका भी अभिनंदन करता हूं। इस पूरे चुनाव अभियान के दौरान आप लोगों ने भारतीय जनता पार्टी और हमारी एनडीए के साथियों की जो चिंता की है। हमें जिस प्रकार से संभाला है। जिस प्रकार से जहां हम नहीं पहुंच पाए। वहां जनता जनार्दन पहुंच गई है। इसलिए आज इस आखिरी चुनावी सभा में मैं देश में इन पांच राज्यों के मतदाताओं का भी हृदय से आभार व्यक्त करते हुए, सबका धन्यवाद करते हुए, अपनी वाणी को विराम देता हूं। इस बार 10 तारीख को जब चुनाव के नतीजें आएंगे, तो रंगोंवाली होली उसी दिन शुरू हो जानी वाली है। रंगों वाली होली मनाने के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं। बहुत-बहुत धन्यवाद।

भारत माता की जय !

  • JBL SRIVASTAVA July 04, 2024

    नमो नमो
  • शिवकुमार खरवार राही March 31, 2024

    यशो भूमि यह देश हमारा नशल हमारे शंकर है। नमो नरायण नरेंद्र मोदी यशो भूमि का चंदन है। यशो भूमि .............. नशल हमारे शंकर है। तन - मन जीवन तुम्हें समर्पित बंदन है.अभिन्दन है। यशो भूमि .............. नशल हमारे शंकर है। प्रकृति +आत्मा ÷ शक्ति ×जन्म - मुक्ति यही ग्रहों का कून्दन है। यशो भूमि ........ नशल हमारे शंकर है। गोजर विच्छू सांप नेवला पशु पंक्षी का बन्धन है। यशो भूमि ............ नशल हमारे शंकर है। जल विच पर्वत .पर्वत विच मछली गुफा कन्दरां वृक्ष सहित जीव ही जीव गठवंन्धन है। यशो भूमि................... नशल हमारे शंकर है। कभी ऐलियन तो कभी है.मानव सब खेल का मालिक शिव नन्दन है। यशो भूमी ............. नशल हमारे शंकर है। राही मन क्यू दुखीः नहीं बस युग का युग प्रर्वतन है। यशो भूमि................ नशल हमारें शंकर है।
  • MLA Devyani Pharande February 17, 2024

    nice
  • Vaishali Tangsale February 15, 2024

    🙏🏻🙏🏻
  • n.d.mori August 09, 2022

    Namo Namo Namo Namo Namo Namo Namo 🌹
  • G.shankar Srivastav August 03, 2022

    नमस्ते
  • Laxman singh Rana July 30, 2022

    namo namo 🇮🇳🌹
  • Laxman singh Rana July 30, 2022

    namo namo 🇮🇳
  • G.shankar Srivastav June 12, 2022

    G.shankar Srivastav
  • waseem raja reshi April 11, 2022

    nice
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Former UK PM, Mr. Rishi Sunak and his family meets Prime Minister, Shri Narendra Modi
February 18, 2025

Former UK PM, Mr. Rishi Sunak and his family meets Prime Minister, Shri Narendra Modi today in New Delhi.

Both dignitaries had a wonderful conversation on many subjects.

Shri Modi said that Mr. Sunak is a great friend of India and is passionate about even stronger India-UK ties.

The Prime Minister posted on X;

“It was a delight to meet former UK PM, Mr. Rishi Sunak and his family! We had a wonderful conversation on many subjects.

Mr. Sunak is a great friend of India and is passionate about even stronger India-UK ties.

@RishiSunak @SmtSudhaMurty”