नमस्कार, कलिस्पेरा, सत श्री अकाल, जय गुरुदेव, बोलो धन गुरुदेव,
जब जश्न का माहौल होता है, उत्सव का माहौल होता है तो मन करता है कि जल्दी से जल्दी अपने परिवार के लोगों के बीच पहुंच जाएं, मैं भी अपने परिवारजनों के बीच आ गया हूं। सावन का महीना है एक प्रकार से शिव जी का महीना है और इस पवित्र महीने में देश ने फिर एक नई उपलब्धि हासिल की है। भारत चंद्रमा के dark zone में साऊथ पोल में लैंड करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। भारत ने चंद्रमा पर तिरंगा लहराकर पूरे विश्व को भारत के सामर्थ्य का परिचय कराया है। दुनिया भर से बधाई संदेश आ रहे हैं, लोग अपनी शुभकानाएं भेज रहे हैं और मुझे पक्का विश्वास है लोग आपको भी बधाई देते होंगे, देते हैं ना? ढेर सारी बधाईयां आपको भी मिल रही है ना? हर हिन्दुस्तानी को मिल रही है। पूरा सोशल मीडिया बधाई संदेशों से भरा हुआ है। जब सफलता इतनी बड़ी हो तो सफलता उसका उत्साह ये भी लगातार बना रहता है। आपके चेहरे भी बता रहे हैं दुनिया में कहीं भी रहें लेकिन आपके दिल में धड़कता है भारत। आपके दिल में धड़कता है भारत, आपके दिल में धड़कता है भारत, आपके दिल में धड़कता है भारत। मैं आज ग्रीस में आपके बीच आकर एक बार फिर सभी को चंद्रयान, उसकी भव्य सफलता के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
साथियों,
हम लोग तो बचपन से सुनते आए हैं, चंद्रमा को तो हमारे यहां चंदा मामा कहा जाता है। क्या कहा जाता है? चंदा मामा। आपने देखा होगा चंद्रयान को लेकर कुछ लोग तस्वीरें शेयर कर रहे थे। कि हमारी धरती मां ने अपने भाई चंद्रमा को राखी के तौर पर चंद्रयान भेजा है और देखिए चंद्रमा ने कितनी अच्छी तरह उस राखी की मर्यादा रखी, उसका सम्मान किया। राखी का पर्व भी कुछ ही दिनों में आ रहा है। मैं आप सभी को रक्षाबंधन की अग्रिम शुभकामनाएं भी देता हूं।
मेरे परिवारजनों,
मैं दुनिया के कितने ही देशों में गया हूं लेकिन ग्रीस आना, एथेंस आना, मेरे लिए बहुत खास है। एक तो एथेंस का इतिहास हजारों साल पुराना है। दूसरा मैं काशी का सांसद हूं जो दुनिया के सबसे पुराने जीवंत शहरों में से एक है काशी। तीसरा, एक और बात भी है, बहुत कम लोगों को पता होगा मेरा जहां जन्म हुआ गुजरात में, वो वडनगर वो भी एथेंस की तरह ही एक जीवंत शहर है। वहां भी हजारों साल पुरानी सभ्यता के अवशेष मिले हैं। इसलिए एथेंस आना मेरे लिए एक अलग ही भावना से भरा हुआ है। और आपने देखा है ग्रीस की सरकार ने मुझे ग्रीस का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान भी दिया है। इस सम्मान के हकदार आप सब लोग हैं, इस सम्मान के हकदार 140 करोड़ भारतीय हैं। इस सम्मान को भी मैं मां भारती की सभी संतानों के चरणों में समर्पित करता हूं।
साथियों,
आज मैं ग्रीस के लोगों के साथ अपनी संवेदना भी व्यक्त करना चाहता हूं। अभी यहां जब जंगलों में आग लगी तो बहुत बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई थी। ग्रीस के कितने ही लोगों की इस आपदा में दुखद मृत्यु तक हो गई। भारत संकट की इस घड़ी में ग्रीस के लोगों के साथ है।
साथियों,
ग्रीस और भारत के रिश्ते सदियों से हैं। ये रिश्ते सभ्यता के हैं, संस्कृति के हैं। ग्रीक इतिहासकारों ने भारतीय सभ्यता का बहुत गहन वर्णन किया है। ग्रीस और मौर्य सामराज्य के बीच मित्रता पूर्वक रिश्ते रहे हैं। सम्राट अशोक के भी ग्रीस से बहुत अच्छे संबंध रहे हैं। जब दुनिया के बहुत बड़े हिस्से में डेमोक्रेसी के बारे में चर्चा तक नहीं होती थी। तब हमारे यहां लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं थीं। एस्ट्रोनॉमी हो, मेथेमेटिक्स हो, आर्टस हो, व्यापार हो, हम दोनों सभ्यताओं ने एक दूसरे से बहुत कुछ सीखा है और एक दुसरे को बहुत कुछ सिखाया भी है।
मेरे परिवारजनों,
हर सभ्यता और हर संस्कृति की कुछ न कुछ एक विशेष पहचान होती है। भारतीय सभ्यता की पहचान विश्व को जोड़ने की रही है। इस भावना को हमारे गुरूओं ने सबसे ज्यादा सश्क्त किया है। गुरू नानक देव जी का विश्व भ्रमण जिसको हम उदासियों के रूप में जानते हैं। उनका उद्देश्य क्या था? उनका उद्देश्य यही था कि वो मानवता को जोड़ें, इंसानियत का भला करे, गुरूनानक देव जी ने ग्रीस में भी अनेक स्थानों की यात्रा की थी। नानक नाम चढ़दी कला तेरे भाने सरबत दा भला। सबका भला हो, सबका हित हो यही कामना तब भी थी और आज भी भारत इन्ही संस्कारों को आगे बढ़ा रहा है। आपने देखा है कि कोरोना काल में कैसे भारत की दवाओं ने सप्लाई चैन को चलाए रखा। रूकावटें नहीं आने दी। मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन ने दुनियाभर में करोड़ों-करोड़ों लोगों का जीवन बचाया। कोरोना के इस काल में हमारे गुरूद्वारों में लंगर लगे, मंदिरों में भंडारे लगे, हमारे सिख नौजवानों ने मानवता की मिशाल पेश की। एक राष्ट्र के रूप में, एक समान के रूप में ये जो काम भारत करता है यही हमारे संस्कार हैं।
साथियों,
आज दुनिया नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ रही है। भारत के बढ़ते सामर्थ्य के साथ ही विश्व में भारत की भूमिका भी तेजी से बदल रही है। अभी मैं दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स समिट में हिस्सा लेकर आ रहा हूं। अब से कुछ दिन बाद भारत में जी-20 का शिखर सम्मेलन होने जा रहा है। जी-20 का प्रेसिडेंट होने के नाते भारत ने इसकी जो थीम तय की है, उसमें भी विश्व बंधुत्व की यही भावना नजर आती है। ये थीम है वसुधैव कुटुंबकम, One Earth, One Family, One Future, यानि पूरी दुनिया का फ्यूचर सांझा है, जुड़ा हुआ है। इसलिए हमारे फैसले और हमारे सरोकार भी उसी दिशा में है।
साथियों,
हम भारतीयों की एक और खासियत होती है। कि हम जहां भी रहें मिल-जुलकर के रहते हैं जैसे दूध में, पानी में शक्कर की तरह घुल मिल जाते हैं। आप भी यहां ग्रीस में आकर यहां की अर्थव्यवस्था की और खासकर ग्रामीण् अर्थव्यवस्था की मिठास बढ़ा रहे हैं। आप यहां ग्रीस के विकास के लिए इतनी मेहनत कर रहे हैं। वहीं भारत में आपके जो नाते रिश्तेदार हैं। वो भी पूरी ताकत से देश के विकास में जुटे हुए हैं। आपके परिवार के लोगों ने भारत को दूध उत्पादन के मामले में दुनिया में नंबर वन बना दिया है। आपके परिवार के लोग भारत को धान, गेहूं, गन्ना, फल, सबजियां इन सभी के उत्पादन में दुनिया में दूसरे नंबर पर ले आए हैं। आज भारत उस स्केल पर काम कर रहा है जो 10-15 साल पहले तक अकल्पनीय लगते थे। भारत वो देश है जो दुनिया का नंबर वन स्मार्ट फोन डेटा कंज्यूमर है, भारत वो देश है जो इंटरनेट यूजर्स के मामले में दुनिया में दूसरे नंबर पर है, भारत वो देश है जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल मैन्यूफैक्चरर है, भारत वो देश है जिसमें दुनिया का तीसरे सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है, भारत वो देश है जिसमे दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटो मोबाइल मार्केट है, भारत वो देश है जिसमे दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सिविल एविएशन मार्केट है।
साथियों,
आज आइएमएफ, वर्ल्ड बैंक हो, सभी भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था की तारीफ करत नहीं थकते हैं। आज दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियों में भारत में निवेश करने के लिए होड़ मची हुई है। आज भारत दुनिया में पांचवे नंबर की सबसे बड़ी आर्थिक ताकत है। और हर बड़ा एक्सपर्ट कह रहा है कि अगले कुछ साल में भारत टॉप 3 में होगा।
साथियों,
जब अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ती है, तब देश गरीबी से तेजी से बाहर निकलता है। भारत में सिर्फ पांच साल में ही साड़े तेरह करोड़ नागरिक गरीबी से ऊपर आ गए हैं। भारत की इकॉनमी का साइज बढ़ने के साथ ही हर भारतीय, हर परिवार की आय में भी बढ़ोत्तरी हो रही है, और भारत के लोग ज्यादा कमा रहे हैं तो ज्यादा इनवेस्ट भी कर रहे हैं। दस साल पहले भारतीयों ने म्यूचुअल फंड में करीब आठ लाख करोड़ रुपये इनवेस्ट कर रखा था। आज भारतीयों ने करीब-करीब 40 लाख करोड़ रुपये म्यूचुअल फंड में इनवेस्ट कर रखा है। ये इसलिए हुआ है क्योंकि आज हर भारतीय आत्मविश्वास से भरा हुआ है और भारत भी आत्मविश्वास से लबालब है।
साथियों,
आज का भारत अपनी साइंस, अपनी टेक्नोलॉजी, अपने इनोवेशन के दम पर दुनिया में छा रहा है। 2014 के बाद से भारत में 25 लाख किलोमीटर, ये आंकड़ा जरा बड़ा लगेगा। 25 लाख किलोमीटर optical fibre बिछाया गया है, और ये 25 लाख optical fibre का मतलब होता है ये धरती और चंद्रमा के बीच जितनी दूरी है, उससे भी 6 गुणा ज्यादा है। भारत आज दुनिया का वो देश है जिसने रिकॉर्ड समय में 700 से ज्यादा जिलों में 5जी सर्विस पहुंचाई है। और ये 5जी टक्नोलॉजी हमनें कहीं से उधारी नहीं ली है, इंपार्ट नहीं की है। बल्कि ये पूरी तरह से मेड इन इंडिया है। आज भारत में हर गांव हर गली में डिजिटल ट्रांजेक्शन होने लगा है। अमृतसर से लेकर आइजॉल तक आपको दस रुपये का भी कुछ खरीदना हो तो आप उसका डिजिटल पेमेंट बहुत आसानी से कर सकते हैं। पिछले दिनों आपमें से जो हिन्दुस्तान गए होंगे आपने अनुभव किया है कि नहीं किया है? यही होता है ना? जेब में रूपयों की जरूरत नहीं बस आपको मोबाइल फोन काफी है।
साथियों,
आज भारत जिस स्पीड और स्केल पर काम कर रहा है वो सुनकर भी हर हिन्दुस्तानी का दिल और आपका दिल भी गदगद हो जाएगा। आपको जानकर गर्व होगा कि आज दुनिया का सबसे ऊंचा रेल ब्रिज आपके भारत में है। आज दुनिया की सबसे ऊंची मोटरेबल रोड़ आपके भारत में है, दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम आज भारत में है, दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा आज भारत में है, दुनिया का सबसे बड़ा सालर विंड पार्क हमारे भारत में बन रहा है। चंद्रमा आजकल हॉट टॉपिक है इसलिए मैं एक और उदाहरण चंद्रमा से जोड़ते हुए दूंगा। पिछले 9 साल में भारत ने अपने गावों मे जितनी सड़कें बनाई हैं, मैं गांव की सड़कों की बात कर रहा हूं। गांव में जितनी सड़कें बनाई हैं वो धरती से चंद्रमा जितनी दूरी को कवर कर सकती हैं। इनती लंबी गांव की सड़कें 9 साल में बनीं हैं। पिछले 9 साल में भारत ने जितनी रेल लाइने बिछाई हैं उनकी लंबाई 25 हजार किलोमीटर से ज्यादा है। अभी जब मैं 25 हजार किलोमीटर बोलता हूं, तो सिर्फ एक आंकड़ा जैसा लग सकता है। कि चलो भई 25 हजार किलोमीटर हो गया होगा। आप ये समझिए कि इटली में, साऊथ अफ्रीका में, युक्रेन में, पौलेंड में, ब्रिटेन में जितना बड़ा रेल लाइनों का नेटवर्क है, उससे ज्यादा रेल लाइनें भारत ने पिछले 9 साल में बिछाई हैं। आज भारत अपने इंफ्रास्ट्रक्चर पर जितना खर्च कर रहा है, उतना पहले कभी नहीं किया गया।
साथियों,
आज भारत जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान इस मंत्र पर चलते हुए हर सेक्टर को मजबूत बना रहा है। यहां ग्रीस में बहुत हमारे साथी पंजाब से आए हैं और अधिकतर खेती के काम से जुड़े हुए हैं। भारत में हमनें किसानों के लिए एक योजना शुरू की है। जिसमें खेती के खर्चों के लिए उनके बैंक खातों में सरकार सीधी पैसा भेजती है। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत अब तक ढाई लाख करोड़ रुपये से ज्यादा सीधे किसानों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हुए हैं। कुछ दिन पहले ही मैंने लाल किले से जो घोषणा की है वो भी मैं आपके सामने फिर से एक बार कहना चाहता हूं। भारत अपने गांवों में रहने वाली बहनों को ड्रोन पाइलेट बनाने के लिए बहुत बड़ा अभियान शुरू करने जा रहा है। आप सोचिए हमारी गांव की बेटियां अब ड्रोन पाइलट बनकर आधुनिक खेती में मदद करेगी। ड्रोन की मदद से खेत में दवा छिड़कना, एक जगह से दूसरी जगह तक जरूरी सामान पहु्ंचाना, ये सब उनके बाएं हाथ का खेल होने वाला है।
साथियों,
भारत में हमनें किसानों को 20 करोड़ से ज्यादा सॉयल हेल्थ कार्ड दिए हैं। अब उन्हें पता है कि खेत को कौन सी तरह की खाद चाहिए, खेत में कितनी खाद चाहिए, किस प्रकार की फसल के लिए उनका खेत उनकी जमीन उपयोगी है। इस वजह से अब वो कम जगह में ज्यादा पैदावर कर रहे हैं। भारत में बहुत बड़े पैमाने पर हमारे किसान भाई-बहन natural farming की तरफ भी बढ़ रहे हैं। सरकार ने एक और योजना शुरू की है जिससे किसानों को बहुत मदद मिली है। ये हैं- One District, One Product योजना। आपको भी पता है कि हर जिले की कुछ न कुछ खासियत होती है। जैसे कर्नाटका के Kodagu की कॉफी हो, अमृतसर का आचार और मुरब्बा हो, भीलवाड़ा के मक्के के बने उत्पाद हो, फतेहगढ़ साहब, होशियरपुर, गुरदासपुर का गुड़ हो, निजामाबाद की हल्दी हो, हर जिले के किसी एक प्रोडक्ट पर focus करके हम उसका एक्सपोर्ट बढ़ा रहे है। यही है आज का भारत जो नए लक्ष्यों के लिए नए तरीकों से काम कर रहा है।
साथियों,
ग्रीस तो वो जगह है जहां ऑलंपिक का जन्म हुआ। खेलों के लिए ये पेशन भारत के युवाओं में भी लगातार बढ़ रहा है। भारत के छोटे-छोटे शहरों से निकलकर हमारे खिलाड़ी ऑलंपिक से लेकर यूनिवर्सिटी गेम्स तक में कमाल कर रहे हैं। हमारे नीरज चोपड़ा ने जब ऑलंपिक में मेडल जीता तो हर किसी को गर्व हुआ है। अभी कुछ दिन पहले ही World University Games में भी भारत के बच्चों ने शानदार प्रदर्शन किया है। इस प्रतियोगिता के इतिहास में यानि जबसे ये प्रतियोगिता शुरू हुई तब से भारत ने कुल जितने मेडल जीते थे उससे ज्यादा मेडल इस बार एक बार में ही जीत कर के ले आए हैं।
साथियों,
आप ग्रीस में देखत रहे हैं कि कैसे यहां अपने कल्चर, अपनी पुरातन पहचान को संरक्षित किया जाता है। आज का भारत भी अपनी विरासत को सेलीब्रेट कर रहा है और उसे विकास से भी जोड़ रहा है। दुनिया का सबसे बड़ा, ठीक से सुना ना? दुनिया का सबसे बड़ा म्यूजियम युगे युगिन भारत अब दिल्ली में बनने जा रहा है। कुछ दिन पहले ही मुझ मध्य प्रदेश के सागर में संत रविदास स्मारक का भूमिपूजन करने का सौभाग्य मिला। संत रविदास की शिक्षाओं से जन मानस को प्रेरित करने वाला ये क्षेत्र 50 हजार से ज्यादा गावों से लाई गई मिट्टी, 300 नदियों से निकाली गई मिट्टी से ये बन रहा है। आप कल्पना कीजिए कितना बड़ा अभियान चला है। संत रविदास जी का जन्म तो काशी में ही हुआ था। मुझे काशी में संत रविदास जी के जन्मस्थान पर विभिन्न सुविधाओं के विस्तार का भी सौभाग्य मिला है। बीत 9 साल में हमनें अपने गुरुओं के पावन स्थलो तक बेहतर कनेक्टिविटी के लिए भी बहुत काम किया है। एक जमाना था जब बहुत दूर से, दूरबीन की मदद से लोग करतारपुर साहब के दर्शन किया करते थे। हमारी सरकार ने करतारपुर साहब तक राहदारी भी आसान बना दी है। गुरू नानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व हो, गुरू तेगबहादुर जी का 400वां प्रकाश पर्व हो, गुरू गोविंद सिंह जी का 350वां प्रकाश पर्व हो, ऐसे पुन्य अवसरों को विश्व भर मे मनाने के लिए हमारी सरकार ने पूरी श्रद्धा से काम किया है। अब भारत में हर साल 26 दिसंबर को साहबजादों की याद में वीर बाल दिवस भी मनाया जाता है।
साथियों,
भारत मे फिजिकल, डिजिटल और कल्चरल कनेक्टिविटी का अमृतकाल शुरू हुआ है। मुझे पूरा विश्वास है आज जिस हेरिटेज को देखने भारत सहित दुनियाभर के लोग ग्रीस आते हैं, उसी प्रकार ग्रीस के यूरोप के लोग भी ज्यादा से ज्यादा भारत आएंगे, आप भी अपने कार्यकाल में वो दिन देखेंगे। लेकिन जैसे मैंने यहां आपको भारत की बात बताई है। वैसे ही आपको भी भारत की बात अपने ग्रीक दोस्तों को बतानी होगी। बताएंगे ना? कि भूल गए? यह भी मां भारती की बहुत बड़ी सेवा है।
साथियों,
आपक ग्रीक साथियों के लिए भारत में एतिहासिक स्थलों के अलावा भी देखने के लिए बहुत कुछ है। यहां के लोग तो वन्य जीव प्रेमी हैं। पर्यावरण की रक्षा के प्रति बहुत गंभीर हैं। अगर एरियावाइज देखें तो भारत के पास दुनिया की ढाई प्रतिशत से भी कम जमीन है। लेकिन दुनिया की 8 प्रतिशत से ज्यादा बायोडइवर्सिटी भारत में पाई जाती है। दुनिया की करीब करीब 75 पर्सेंट टाइगर पॉपुलेशन भारत में ही है। दुनिया में सबसे ज्यादा टाइगर्स भारत में पाए जाते हैं, दुनिया में सबसे ज्यादा एशियाटिक एलिफेंट भारत में पाए जाते हैं, दुनिया में सबसे ज्यादा एक सींग वाले रायनो भारत में पाए जाते हैं। दुनिया में भारत इकलौता देश है जहां पर एशियाटिक लायंस पाए जाते हैं। आज भारत में 100 से ज्यादा कम्यूनिटी रिजर्वस हैं, आज भारत मे 400 से ज्यादा National Parks और Centuries हैं।
मेरे परिवारजनों,
आज का भारत भारत मां की किसी भी संतान का साथ कभी भी नहीं छोड़ता। दुनिया में कहीं पर हो भारत मुश्किल के समय में कभी उसको अकेला नहीं छोड़ता है, उसका साथ नहीं छोड़ सकता। और इसलिए तो मैं कहता हूं कि आप मेरे परिवारजन हैं। आपने देखा है जब यूक्रेन का यूद्ध हुआ तो हम अपने हजारों बच्चों को सुरक्षित निकालकर के ले आए। जब अफगानिस्तान में हिंसा शुरू हुई तो भारत ने अपने नागरिकों को वहां से सुरक्षित बाहर निकाला। और इसमें बहुत बड़ी संख्या में हमारे सिख भाई बहन भी थे। इतना ही नहीं हम अफगानिस्तान से गुरूग्रंथ साहब के स्वरूप भी पूरी अदब के साथ भारत ले आए। दुनियाभर में फैले भारत के मिशंस अब आपके लिए सरकारी दफ्तर नहीं बल्कि अपने घर की तरह हो रहे हैं। यहां ग्रीस में भी भारतीय मिशन आपकी सेवा के लिए 24 घंटे तत्पर है। जैसे-जैसे भारत और ग्रीस के रिश्त गहरे हो रहे हैं। वैसे-वैसे ग्रीस आना जाना और सरल होगा। व्यापार,कारोबार करना और अधिक सहज होगा। हम सभी को दोनों देश के बीच के रिश्तों को मजबूती देने के लिए हर संभव प्रयास करने हैं।
साथियों,
इतनी बड़ी तादाद में यहां आपका आना हर भारतवासी के मन में भी एक संतोष के भाव को जगाता है। एक बार फिर मैं आप सभी परिश्रमी साथियों का अभिनंदन करता हूं। मुझे इतना प्यार देने के लिए मैं आप सबका आभार व्यक्त करता हूं, और मेरे साथ बोलिए भारत माता की – जय, दोनों हाथ ऊपर करके पूरी ताकत के साथ बोलिए हिन्दुस्तान तक आवाज जानी चाहिए, भारत माता की – जय, भारत माता की – जय, भारत माता की – जय, वंदे – मातरम, वंदे – मातरम, वंदे – मातरम, वंदे – मातरम, वंदे – मातरम, बहुत-बहुत धन्यवाद।