हमें अपने सशस्त्र बलों पर गर्व है। सर्जिकल स्ट्राइक को विस्तृत योजना और गहन विचार-विमर्श के पश्चात अंजाम दिया गया था: पीएम मोदी
यूपी सरकार की वेबसाइट दिखाती है कि उनके कारनामे क्या हैं और इसलिए उन्होंने वेबसाइट पर से संबंधित विषय-वस्तु को हटा दिया: प्रधानमंत्री
यूपी में पुलिस स्टेशन एसपी कार्यालयों की तरह काम कर रहे हैं, अपराधी जेलों में बैठकर अपराध कर रहे हैं। ये बिल्कुल नहीं चलेगा: प्रधानमंत्री
भाजपा का एकमात्र मंत्र है – ‘सबका साथ, सबका विकास’ जबकि अन्य कुछ चुने हुए लोगों का विकास करने में विश्वास करते हैं: पीएम मोदी  

भारत माता की जय। भारत माता की जय। भारत माता की जय।

मंच पर विराजमान लखनऊ के मेयर और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्क्ष डा. दिनेश शर्मा जी, श्रीमान सुशील कुमार उपाध्याय, श्रीमान गोपाल टंडन जी, सांसद में मेरे साथी डा. के पी सिंह, सांसद में मेरे साथी श्रीराम चारित निषाद जी, श्री पुरुषोत्तम जी, संसद में मेरे साथी श्रीमान आर के सिंह जी, श्री अशोक तिवारी जी, श्री मनीष शुक्ला जी, श्री अशोक सिंह जी, श्रीमान हरीशचन्द्र सिंह जी और इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी, अपना दल और भारतीय समाज पार्टी के उम्मीदवार मछली शहर से भाजपा के उम्मीदवार श्रीमती अनीता रावत जी, मुगरा बादशाहपुर से डा. सीमा द्विवेदी जी, जफराबाद से डा. हरेन्द्र सिंह जी, मलनी से सतीश कुमार सिंह जी, केराकत से दिनेश चौधरी जी, जौनपुर से श्रीमान गिरीश चन्द्र जी, बडलापुर से रमेश चन्द्र मिश्रा जी, अपना दल की उम्मीदवार मणीअहुत से श्रीमती लीना तिवारी जी, भारतीय समाज पार्टी के शाहगंज से उम्मीदवार राणा अजीत सिंह जी और विशाल संख्या में पधारे हुये। मेरे प्यारे भाइयों और बहनों। मेरे साथ जोर से बोलिये भारत माता की जय। भारत माता की जय। भारत माता की जय।

भारत की ऐतिहासिक विरासत है। कलकत्ता और दिल्ली के बीचोबीच है हमारा जौनपुर और 100 साल से भी अधिक समय देश की राजधानी के रूम में, ये जौनपुर ने देश का नेतृत्व किया है। इतिहास जिसके कोख में पला है, ऐसी जौनपुर की धरती को मेरा नमन। यहां के वीरों का मेरा नमन। यहां के नौजवानों को नमन। यहां के माताएं-बहनों को मेरा नमन।  

भाइयों, बहनों।

मां भारती की रक्षा के लिए जब भी बलिदान देने का अवसर आया, आज भी आतंकवादियों से लड़ते-लड़ते, दुश्मनों से लड़ते-लड़ते शहीद होने वालो में हमारे जौनपुर के नौजवान अग्रिम पंक्ति में होते हैं। ऐसे वीरों को, वीरों की धरती को आज मुझे प्रणाम करने का अवसर मिला है। भाइयों, बहनों। जब चुनाव शुरू हुआ तब मौसम ठंडा था लेकिन जौनपुर पहुंचते- पहुंचते तो पारा चढ़ता ही जा रहा है, चढ़ता ही जा रहा है और ऐसी गर्मी में भी मैं ये जन सागर देख रहा हूं। चारों तरफ लोग ही लोग नजर आ रहे हैं। आप इतनी बड़ी मात्रा में आशीर्वाद देने के लिए आये। मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं।  

भाइयों, बहनों।

हमारे देश का ये दुर्भाग्य रहा है कि सत्ता के स्वार्थ में डूबे हुए लोग विरोधावास की ही राजनीति करने के आदि लोग, कभी-कभी मर्यादाएं खो देते हैं और ऐसा पाप कर बैठते हैं जिसको न समय माफ करेगा और न लोग माफ करेंगे। जब हिन्दुस्तान की सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक किया। सीमा पार उस ओर जाकर के हमारी फौज ने दुश्मनों के छक्के छुडा दिये। आतंकवादियों के कैम्प ध्वस्त कर दिये। और सूरज उगने से पहले सारे मेरे फौजी जवान हिन्दुस्तान की धरती पर लौट आये भाइयों, बहनों। ये फौज का कितना बड़ा पराक्रम था, कितना बड़ा साहसपूर्ण काम था और कितनी बरीकी से प्लान किया हुआ काम था। आज पूरे विश्व में ...। सर्जिकल स्ट्राइक का अभी भी अध्ययन कर रहे हैं, कौन सी ताकत है। भाइयों, बहनों। लेकिन देश का दुर्भाग्य है कि राजनीति स्वार्थ में डूबे हुए कुछ लोग देश के फौज पर, देश के वीर जवानों पर सवाल खड़ा करने लग गये। सवालिया निशान खड़ा करने लग गये। सर्जिकल स्ट्राइक हुआ था क्या? वो कह रहे थे मोदी जरा सबूत दो, सबूत। मैं जरा राजनीति स्वार्थ में डूबे हुए दलों से उनके नेताओं से कहता हूं। जरा जौनपुर जाइये। उन वीर शहीदों की माताओं को पूछिए उनके परिवारजनों से पूछिए कि फौज बलिदान कैसे देती है? देश की फौज के लिए इस प्रकार के सवालिया निशान लगाते हो, अपने निजी स्वार्थ के लिए।

भाइयों, बहनों।

देश की सुरक्षा भी इनके लिए राजनीति का हथकंडा बन गया है। देश की फौज 40 साल से वन रैंक वन पेंशन ओआरओपी, उसके लिए मांग कर रही थी। फौज के लोग कह रहे थे, हमारे हक का है, हमें मिलना चाहिए। लेकिन भाइयों, बहनों। भाइयों, बहनों। वन रैंक वन पेंशन, 40 साल से देश के फौज के लोग अपना हक मांग रहा थे। सरकारें आती थी, जाती थी, वादे करती थी, कमेटियां बैठती थी, रिपोर्ट आते थे। रिपोर्ट डिब्बे में बंद हो जाते थे। फौज के लोग अनुशासन में रहते थे लेकिन उनकी बात सुनी नहीं जाती थी। चुनाव से पहले मैंने वादा किया था। मैंने वादा किया था कि भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली में सरकार बनते ही हम वन रैंक वन पेंशन लागू कर देंगे।

भाइयों, बहनों।

ये पुरानी सरकारें कितनी बेईमानी की थी। वन रैंक वन पेंशन के लिए चुनाव में लाभ के लिए। चुनाव के दो महिने पहले 500 करोड़ रुपया घोषित कर दिया था। और पूरे चुनाव में फौजियों की मीटिंग में कह रहे थे कि आपके लिए हमने वन रैंक वन पेंशन लागू कर दिया है। जब मैं आया, मैनें हिसाब किताब देखा। भाइयों, बहनों। 500 करोड़ रुपया देकर के इस देश के फौज का ऐसा अपमान किया इन्होंने। ऐसा अपमान किया, जो कभी कोई नहीं कर सकता। जब मैंने हिसाब लगाया तो फौज को वन रैंक वन पेंशन का पैसे अगर देना है तो 12 हजार करोड़ रुपया चाहिए, 12 हजार करोड़। कहां 12 हजार करोड़ और कहां 500 करोड़। ये फौज के जवानों के साथ धोखा है कि नहीं है ...। फौज के जवानों साथ धोखा है कि नहीं है ...। अगर उनको देना था तो 12 हजार करोड़ रुपया का प्रबंध करना चाहिए था कि नहीं करना चाहिए था ...। हमने किया और भाइयों, बहनों। हमने वन रैंक वन पेंशन लागू कर दिया, चार किस्त में पैसा देना तय कर लिया। अब तक साढे 6 हजार करोड़ रुपया हम दे चुके हैं। भाइयों, बहनों। आगे वाली किस्त भी इस बजट में देने का फैसला कर लिया। भाइयों, बहनों। थोड़े दिन पहले महराजगंज में, देवरिया में मेरी जनसभा थी तो मैंने जरा सपा सरकार का कच्चा चिट्ठा खोल दिया था।

भाइयों, बहनों।

सपा सरकार कह रही है काम बोलता है। मैं जरा पूछना चाहता हूं। काम बोलता है कि कारनामा बोलता है। काम बोलता है कि करनामा बोलता है तो उनको बुरा लग गया। मोदी जी ऐसे क्यों बोल रहे हैं तो मैंने सोचा। चलो भाई। उन्हीं के सरकार के वेबसाइट देख लें, तो मैंने सपा सरकार की अधिकृत जो वेबसाइट थी, वो जरा निकाल के देखा और वेबसाइट में सपा सरकार ने उत्तर प्रदेश का क्या बुरा हाल किया है। वो इसमें लिखा हुआ है कि जब मैंने पब्लिक में पढ़ दिया तो लखनऊ से ऑर्डर निकला, सपा सरकार लाल-पीली हो गई। बौखला गये। और भाइयों, बहनों। जिस वेब पेज पर ये सब लिखा हुआ था जैसे ही उनका ही दस्तावेज यूपी के लोगों के सामने रखा तो उनको लगा ये तो हमारी पोल खुल गई। कारनामे दिखाई देने लगे। तो उन्होंने ने क्या किया। तुरंत ऑर्डर किया कि वेबसाइट पर से उस पेज को हटा दिया जाये। और हटा दिया। बताइये इससे बड़ा कारनामे का कोई सबूत हो सकता है क्या। इससे बड़ा कारनामा का कोई सबूत हो सकता है क्या।

भाइयों, बहनों।

मैं उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के नेतागिरी को, सारे लीडर्स को बधाई देना चाहता हूं। उन्होंने इस चुनाव में संकल्प पत्र में एक महत्वपूर्ण निर्णय किया है। उन्होंने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी सरकार बनने के बाद हम छोटे किसानों के फसल का कर्ज माफकर देंगे भाइयों, बहनों। भाइयों, बहनों। आज जब मैं जौनपुर में आया हूं। 11 मार्च को चुनाव के नतीजे आएंगे। सपा, बसपा, कांग्रेस सूपड़ा साफ होने वाला है। 13 मार्च को सारा हिन्दुस्तान होली मनायेगा। रंग भर-भर के होली मनायेगा। होली के बाद नई सरकार बनेगी। और सरकार बनने के बाद उसकी पहली मीटिंग होगी। और पहली मीटिंग में ...।

भाइयों, बहनों।

मैं यूपी के सांसद के नाते आप लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि जब आप लोगों को विश्वास दिलाता हूं। सरकार बनने के बाद उसकी पहली मीटिंग में ही किसानों के कर्ज माफ का निर्णय की दिया जायेगा। और आप जानते हैं, हम जो कहते हैं समय सीमा में कर के रहते हैं। जब हमारी सरकार बनी। हमने पूछा कि कितने गांवों में बिजली नहीं है। अफसरों ने कहा 18 हजार गांवों में, हमने कहा, बिजली पहुंचाने में कितना टाइम लगेगा। कोई कह रहा था, 7 साल तो कोई कह रहा था 10 साल। 70 साल हो गये आजादी को लेकिन इस देश के 18 हजार गांव अंधेरे में गुजारा कर रहे थे। उसमें 15 सौ गांव उत्तर प्रदेश के है भाइयों, बहनों।  उत्तर प्रदेश के। इतने सारे प्रधानमंत्री दिये इस राज्य ने, दिग्गज नेता दिये इस राज्य ने। लेकिन 15 सौ गांव अजादी के 70 साल के बाद अंधेरे में डूबे हुए थे। भाइयों, बहनों। मैंने फरमान किया। हमने कहा, भाई 1 हजार दिन में मुझे 15 सौ गांवों में बिजली पहुंचाने हैं। और भाइयों, बहनों। 18 हजार गांवों में बिजली पहुचाने का फैसला कर लिया। उत्तर प्रदेश के 15 सौ गांवों में से 90 प्रतिशत से ज्यादा गांवों में बिजली पहुंच गई भाइयों, बहनों। काम ऐसे होता है।

भाइयों, बहनों।

एक जमाना था गैस का चूल्हा अगर चाहिए। गैस का सिलेंडर चाहिए तो नेता की सिफारिश लगती थी, कालाबाजारी में लेना पड़ता था, रिश्वत के पैसे देने पड़ते थे। अब गरीब इंसान, बेचारा रिश्वत का पैसा लायेगा कहां से। और हमारी गरीब मां जब लकड़ी का चूल्हा जलाकर के खाना पकाती थी। दिनभर में खाना पकाते-पकाते उसके शरीर में 400 सिगरेट का धुआं जाता था माताओं-बहनों के शरीर में। मैंने कहा, मैं इन गरीब मां का सेवा करना चाहता हूं क्योंकि मैंने गरीबी देखी है। मैं गरीबी में पैदा हुआ हूं। मैं गरीबी में पला हूं। लकड़ी के चूल्हे से जब मां खाना पकाती थी कितना धुआं निकलता था। मैंने बचपन में झेला है और इसलिए इन गरीब माताओं के लिए ...। मैंने तय किया कि 3 साल के भीतर-भीतर 5 करोड़ घरों में - 5 करोड़ गरीब घरों में, मैं गैस का चूल्हा दूंगा। गैस का कनेक्शन दूंगा। और मुफ्त में पहला कनेक्शन दे दूंगा।

भाइयों, बहनों।

अभी तो योजना को एक साल भी पूरा नहीं हुआ है। अब तक पौने दो करोड़ से ज्यादा गरीब परिवारों में  गैस का सिलेंडर पहुंच गया। कनेक्शन लग गया। गरीब मां को लकड़ी के चूल्हे के धुएं से मुक्ति दिला दी। और 3 साल में 5 करोड़ परिवारों को देने के बाद ही मैं चैन से बैठने वाला हूं। काम ऐसे करते हैं। भाइयों, बहनों। एक तरफ भारतीय जनता पार्टी का मंत्र है - सबका साथ, सबका विकास। लेकिन कुछ लोगों का, राजनेताओं का कारोबार आपने देखा है, सरकारों का कारोबार, आपने देखा है - उनका मंत्र है, कुछ का साथ, कुछ का ही विकास। भाइयों, बहनों। हम सबका साथ सबका विकास की चर्चा करते हैं तो हमें कौमवादी कहा जाता है। जो लोग सिर्फ कुछ का साथ कुछ का ही विकास में लगे रहते हैं, उन्हें उनको बड़ा ही बिन साम्प्रदायिक कहा जाता है। ये तराजू, ये तराजू वालों ने भी देश को तबाह कर के रखा हुआ है। भाइयों, बहनों। शांति, एकता, सद्‍भावना यही हमारी प्रगति का गारंटी है, यही हमारी विकास की गारंटी है और इसलिए भाईचारे से सबको साथ लेके, सबका भला करने का काम, ये भारतीय जनता पार्टी की सरकार करती है और आगे भी करना भी चाहती है।

और इसलिए भाइयों, बहनों।

मुझे उत्तर प्रदेश के भाइयों, बहनों का आशीर्वाद चाहिए।  मुझे उत्तर प्रदेश के भाइयों, बहनों का सहयोग चाहिए। और मुझे विश्वास है आपका साथ सहयोग मिलेगा। भारतीय जनता पार्टी पांच चरण पहले पूरे हुए आज छठा चरण चल रहा है और अब तक जो खबरें आयी है भाइयों, बहनों। भारतीय जनता पार्टी को लोग बहुमत दे चुके हैं। अब आपको भारी मतदान करके बोनस देने का आपके जिम्मे आया है। बोनस देने का आपके जिम्मे आया है। ऐसा भव्य विजय दिलाइये - ऐसा भव्य विजय दिलाइये कि भाइयों, बहनों। उत्तर प्रदेश का भाग्य बदलने में किसी को भी बहाने को, बाजी का करने का मौका न मिले। ऐसा बहुमत मै आपसे चाहता हूं। 5 साल के बाद आप हमारा हिसाब मांग सके कि मोदी जी बताइये, उत्तर दो, आपने कहा था, 5 साल में क्या किया। 2022 में जब चुनाव हो, आप मेरा हिसाब मांग सके। ऐसा मुझे बहुमत दीजिए। मैं आपको हिसाब दे दूंगा।

भाइयों, बहनों।

जरा मुझे जौनपुर के भाइयों, बहनों बताइये। आपको 24 घंटे बिजली मिलती है क्या ...? जरा जोर से बोलिए। बिजली मिलती है क्या ...? बिजली मिलती है क्या …? आपके तो मुख्यमंत्री तो कह रहे हैं कि मिलती है। सच बोल रहे हैं क्या ...। सच बोल रहे हैं क्या ...।  चुनाव में आपके आंख में धूल झोंक रहे हैं कि नहीं झोंक रहे हैं ...। क्या ऐसे लोगों पर भरोसा करोगे क्या ...। ऐसे लोगों पर भरोसा करोगें क्या ...।

भाइयों, बहनों।

भारत सरकार चौबीसो घंटे बिजली देने के लिए पैसे दे रही है। भारत सरकार सस्ते में बिजली दे रही है लेकिन इनको तो बिजली सिर्फ सेफई में चाहिए। जौनपुर में बिजली नहीं चाहिए। उनके चहेते जो लोग हैं, उनके इलाके में 24 घंटे बिजली आती है लेकिन आपके इलाके में 24 घंटे बिजली देते नहीं है, पैसे हमने दिये हैं, पड़े रहे पैसे, पैसे को खर्च को उनका फुर्सत नहीं है भाइयों। राजनीति करते रहना है इसलिए भाइयों, बहनों। आप देखिये आज गरीब के थाली में जो खाना आता है, अगर 30 रुपया का खाना आया है तो 27 रुपया भारत सरकार के खजाने से आते हैं। अगर आपको गेहूं सस्ता मिलता है। चावल सस्ता मिलता है तो ये इसलिए सस्ता मिलता है ताकि कोई गरीब भूखा ना रहे इसलिए आपका 30 रुपया का खर्चा है तो 27 रुपया भारत सरकार देती है। आप मुझे बताइये अब ये गरीब का पेट भरने की अच्छी योजना है कि नहीं है ...। अच्छी योजना है कि नहीं है ...। गरीब को दो टाइम भर पेट खाना मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए ...। अब भारत सरकार पैसे देती हो लेकिन अखिलेश जी की सरकार इन गरीबों की लिस्ट ही ना दे। तो वो गरीबों का पेट भरेगा क्या ...। नाम नहीं दे रहे हैं, 50 लाख रुपया वो हमसे ले नहीं पाये। क्योंकि उनके पास सूची नहीं थी 50 लाख लोगों की। अगर 50 लाख लोग जो हकदार है, जिनको भारत सरकार पैसे देने को तैयार है लेकिन आपको सरकार चलाने में रूचि नहीं है। कभी इसको गले लगाओ, कभी उसको गले लगाओ। कभी इसको लात मारो तो कभी उसको लात मारो। यही करते रहते हो।

भाइयों, बहनों।

गरीब के हक का पैसा भारत सरकार दे चुकी है लेकिन ये नामों के सूची बनाने को तैयार नहीं है तो गरीब के थाली में अन्न कैसे पहुंचेगा भाइयों, बहनों। हमें 11 मार्च को सेवा का अवसर दीजिए। ये सारी कमियां दूर करने के लिए आपको वादा करते हैं। आप मुझे बताइये भाइयों, बहनों। ये हमारे जौनपुर में सूरज ढलने के बाद कोई बहन-बेटी अकेली घर के बाहर निकल सकती है क्या ...। निकल सकती है क्या ...। बहन-बेटियों की इज्जत होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए। बहन-बेटियों को भी लड़कों की तरह ही सुख-चैन से जीने का अवसर मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए ...। उनको प्रगति करने का अवसर मिलने चाहिए कि नहीं मिलने चाहिए ...। उनकी देख-भाल होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए ...। उनकी सुरक्षा होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए ...। क्या उत्तर प्रदेश में बहन-बेटियां सुरक्षित है ...। इसके लिए जिम्मवार कौन है ...। कौन जिम्मवार है ...।  

भाइयों, बहनों।

हमारे देश में कोई शुभ काम करते हैं न, अगर कोई अच्छा काम करते हैं तो लोग गायत्री मंत्र बोलते हैं।  अच्छा काम करते हैं तो लोग गायत्री मंत्र बोलते हैं लेकिन सपा-कांग्रेस का गठबंधन ऐसा है कि वो गायत्री प्रजापती मंत्र बोलते हैं। अब मुझे बताओ भाई उनकी एफआईआर लिखी गई। चुनाव सभा में मुख्यमंत्री गये, वो खुद मतदान करने गये और पुलिस पकड़ने के लिए निकली है, इसको क्या कहेंगे भाई। ये धोखा है कि नहीं है, एक बेटी न्याय मांग रही है और मुख्यमंत्री जी गुनाहगार की रक्षा कर रहे हैं। इससे बड़ा कलंक क्या हो सकता है भाइयों, बहनों। कोई कैसे बताये और ये उत्तर प्रदेश किसी की भैंस खो जाये पूरी पुलिस दौड़ती है। लेकिन ये बेटी न्याय के लिए तड़प रही है आपकी पुलिस, आपकी सरकार, मुख्यमंत्री सोये बैठे हैं।

भाइयों, बहनों।

ऐसी सरकार को सजा देनी चाहिए। माताओं-बहनों। मां-बहनों के इज्जत के लिए जो काम नहीं करती। ऐसी सरकार को सजा देनी चाहिए। हमेशा-हमेशा के सजा देनी चाहिए। भाइयों, बहनों। कानून व्यवस्था अगर कानून व्यवस्था नहीं होगी। तो लोग यहां पूंजी निवेश नहीं करेंगे। कारखाने नहीं लगेंगे। उद्योग-धंधे नहीं लगेंगे। लोग अपना गांव छोड़-छोड़ के भाग जाएंगे। तो नौजवान को रोजगार मिलेगा क्या ...। नौजवान को रोजगार मिलेगा क्या ...। नौजवान को उसके जनपद में रोजगार मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए ...। मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए ...। लेकिन वो तब मिलेगा जब कानून व्यवस्था ठीक होगी। तब जाकर कोई आयेगा उद्योग-धंधे लगायेगा। और  तब जाकर के यहां के नौजवानों का भला होगा। और इसलिए उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था ये सबसे अहम मुद्दा है भाइयों, बहनों। आप मुझे बताइये यहां के थाने। ये थाने, थाने हैं या सपा के दफ्तर है। थाना थाना रह गया है क्या ...। रह गया है क्या ...। अरे यहां तो जेल भी जेल नहीं है। यहां तो जेल भी बाहुबलियों के लिए महल बन गया है। मैं उत्तर प्रदेश वासियों को कहना चाहता हूं। 11 मार्च के बाद भारतीय जनता पार्टी और साथियों की सरकार बनने के बाद थाना सच्चे अर्थ में थाना बना देंगे और जेल को भी पक्के अर्थ में जेल बनाएंगे। सारे बाहुबली मौज कर रहे हैं। एक दिन में उनको सीधा रहने के लिए सीखा देंगे भाइयों, बहनों। वो जेलों में से खेल करते हैं और कोई पुलिस वाला उनको आंख में पसंद नहीं है तो पुलिस वालो को उड़वा देते हैं। किसी के जमीन हड़प कर लेते हैं, मकान हड़प कर लेते हैं। करते हैं कि नहीं करते हैं ...।

भाइयों, बहनों।

भारत सरकार ने एक ऐसा कानून बनाया है। उसमें गैर-कानूनी तरीके से आपकी जमीन हड़प करने वाला, जायदाद हड़प करने वाला, आपका मकान हड़प करने वाला, उस कानून के तहत 7 साल से पहले जेल से बाहर नहीं आयेगा। भाइयों, बहनों। देश ऐसे नहीं चलेगा और इन लोगों ने मौज कि है भाइयों, बहनों। आज मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा हूं। कालाधन के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा हूं। 500 की नोटबंदी की, 1000 की नोटबंदी की तो सपा वाले भी चिल्लाने लगे। बसपा वाले भी चिल्लाने लगे। कांग्रेस वाले भी चिल्लाने लगे। क्यों भाई। बहन जी, तकलीफ क्या हुई आपको। बुआ जी को भी तकलीफ, भतीजे को तकलीफ। भतीजे के यार को भी तकलीफ।

भाइयों, बहनों।

जिन्होनें देश को लूटा है, उनको गरीबों को लौटाना पड़ेगा कि नहीं पड़ेगा। 500-1000 की नोटबंदी कर दी। बैंको में रुपया डालकर आना पड़ा कि नहीं आना पड़ा ...। अब हिसाब देना पड़ेगा कि नहीं देना पड़ेगा। भाइयों, बहनों। अब ये बचने वाले नहीं है। वो डिब्बे में आ चुके हैं, उनका खेल खत्म हो चुका है। आजादी के 70 साल हो गये, लूट करने का काम हुआ है और भाइयों, बहनों। मैंने देश को वादा किया था। मैं प्रधानमंत्री नहीं, मैं चौकीदार के नाता बैठा हूं।

भाइयों, बहनों।

अब ये इलाका कारोबार चलने वाला नहीं है और इसिलिए भाइयों, बहनों। कालाधन हो, भ्रष्टाचार हो, इसके खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी। देश का जिसने लूटा है, देश को उन्हें लौटाना पड़ेगा। तब तक हम चैन से बैठने वाले नहीं है भाइयों, बहनों। मुझे आपका आशीर्वाद चाहिए। अभी अखिलेश जी मुझे कह रहे थे कि मोदी जी अगर आप दिल्ली आगरा रोड पर जाओगे न तो आप भी सपा को वोट दे दोगे। अखिलेश जी एक काम करो। आप एक काम करो। आप जरा साइकिल पर बैठ कर के और पीछे आपके नये यार को बिठा कर के इसी हमारी जौनपुर में साईकिल पर बैठ कर के खेतासराय से खुठाना- खेतासराय से खुठान साइकिल चला के दिखा दो। चला पाएंगे क्या ...। अरे आप भी जाओगे तो आप भी सपा को वोट नहीं दोगे। क्या करके रखा आपने गांव के लोगों को जीना मुश्किल करके रख दिया है भाइयों। और इसलिए भाइयों, बहनों। हमें विकास करना है। हमें विकास के लिए वोट चाहिए। हमें गांव के रास्ते बनाने हैं। हमें गांवों को पानी पहुंचाना है।

भाइयों, बहनों।

हम गुजरात से गोरखपुर तक एक पाइप लाइन बिछा रहे हैं। गुजरात से गोरखपुर तक। करीब-करीब 3 हजार किलोमीटर। और वहां से गैस उठाएंगे और इस पूरे इलाके में गैस लेकर के आएंगे भाइयों। यहां गैस आयेगा तो उद्योग आएंगे भाइयों, बहनों। विकास की संभावनायें बढ़ जाएगी। हजारों करोड़ हम लगा रहे हैं  ताकि इस क्षेत्र का विकास हो। विकास के लिए वोट चाहिए भाइयों, बहनों।

भाइयों, बहनों।

आप लोग 8 तारीख को मतदान है। आखरी दौर में मतदान आपको करना है। एक प्रकार से जिन-जिन लोगों ने पाप किया है, उत्तर प्रदेश को तबाह किया है। आपको 8 तारीख को पिंड दान करने का सौभाग्य मिला है। कमल के निशान पर अंगुली दबा कर के, अपना दल के निशान पर अंगुली दबाकर के, भारतीय समाज पार्टी के निशान पर अंगुली दबा कर के इनका पिंड दान करना है और इनको छुट्टी कर दीजिए। बहुत लूटा ये सपा, बसपा, कांग्रेस तीनों से मुक्ति, यही विकास का दरवाजा खोलेगी, यही दरवाजा खोलेगी। मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए। भारत माता की जय। भारत माता की जय। भारत माता की जय। बहुत-बहुत धन्यवाद।

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प्रधानमंत्री 23 दिसंबर को नई दिल्ली के सीबीसीआई सेंटर में कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में शामिल होंगे
December 22, 2024
प्रधानमंत्री कार्डिनल और बिशप सहित ईसाई समुदाय के प्रमुख नेताओं से बातचीत करेंगे
यह पहली बार होगा, जब कोई प्रधानमंत्री भारत में कैथोलिक चर्च के मुख्यालय में इस तरह के कार्यक्रम में भाग लेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 23 दिसंबर को शाम 6:30 बजे नई दिल्ली स्थित सीबीसीआई सेंटर परिसर में कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में भाग लेंगे।

प्रधानमंत्री ईसाई समुदाय के प्रमुख नेताओं के साथ बातचीत करेंगे, जिनमें कार्डिनल, बिशप और चर्च के प्रमुख नेता शामिल होंगे।

यह पहली बार होगा, जब कोई प्रधानमंत्री भारत में कैथोलिक चर्च के मुख्यालय में इस तरह के कार्यक्रम में भाग लेंगे।

कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) की स्थापना 1944 में हुई थी और ये संस्था पूरे भारत में सभी कैथोलिकों के साथ मिलकर काम करती है।