रामेश्वरम पूरे देश के लिए आध्यात्मिकता का प्रतीक है: प्रधानमंत्री मोदी 
डॉ कलाम हमेशा रामेश्वरम की सादगी, गहराई और शांति को दर्शाते रहे: पीएम मोदी 
बंदरगाहों और रसद क्षेत्र में परिवर्तन, भारत के विकास के लिए बेहद मददगार हो सकते हैं: प्रधानमंत्री 
डॉ अब्दुल कलाम ने भारत के युवाओं को प्रेरित किया है: प्रधानमंत्री मोदी 
युवा पीढ़ी नई ऊंचाइयों पर पहुंचने के लिए मेहनत और लगन के साथ काम कर रही है और वे 'रोजगार देने वाले' बनना चाहते हैं: प्रधानमंत्री

रामेश्‍वरम वह भूमि है जिसने हजारों वर्षों तक देश के आध्‍यात्मिक जीवन को एक light house की तरह रास्‍ता दिखाया है। और इस सदी में रामेश्‍वरम एक और बात के लिए भी जाना जाएगा। अब्‍दुल कलाम जी के रूप में एक कर्मयोगी वैज्ञानिक, एक प्रेरक शिक्षक, एक प्रखर विचारक और एक महान राष्‍ट्रपति इस देश को देने के लिए रामेश्‍वरम जाना जाएगा। 

It is a great honour for me to touch this sacred soil of Rameswaram. As home to one of 12 Jyotirlings of our country Rameswaram is not only a religious center. Rameswaram is also a center of deep spiritual knowledge a ज्ञान पुंज . A place that was also visited by Swami Vivekanand on his return from the United States in 1897. And it is this sacred land that gave to India one of its most famous sons Dr APJ Abdul Kalam. In his actions and thoughts Dr Kalam always reflected the simplicity, depth and calmness of Rameswaram. 

डॉक्‍टर एपीजे अब्‍दुल कलाम जी की पुण्‍य ति‍थि के दिन रामेश्‍वरम में आना मेरे लिए एक बहुत ही भावुक पल है। पिछले वर्ष हमने यहां एक संकल्‍प किया था, आपसे वादा किया था कि कलाम साहब की याद में, रामेवश्‍वर में एक Memorial का निर्माण किया जाएगा। मुझे खुशी है कि आज यह संकल्‍प पूरा हो रहा है। 

Defence Research & Development Organization (DRDO) ने बहुत ही कम समय में ये Memorial तैयार किया है। ये Memorial देश की वर्तमान और भावी पीढ़ी को प्रेरणा देता रहेगा। गत वर्ष मैंने श्रीमान वेंकैया नायडू जी के Chairmanship में एक committee बनाई थी और जिनको मैंने काम दिया था कि DRDO के साथ, तमिलनाडु Government के साथ मिल करके इसी भूमि पर देश की युवा पी‍ढ़ी को प्रेरणा मिले, ऐसा स्‍मारक बनाना है। आज मैंने स्‍मारक देखा। मन इतना प्रसन्‍न हो गया कि हमारे देश में भी इतने कम समय में और इतना Innovative Imagination वाला एक भव्‍य स्‍मारक, जो श्रीमान डॉक्‍टर अब्‍दुल कलाम जी को पूरी तरह सुसंगत है, उनके विचारों को, कार्य को, जीवन को, आदर्श को, संकल्‍प को। ऐसा स्‍मारक बनाने के लिए वेंकैया जी और उनकी पूरी टीम को, तमिलनाडु सरकार को, भारत सरकार के सभी विभागों को, डीआरडीओ को मैं हृदय से बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं। 

आपको आश्‍चर्य होता होगा, और हमारे देश में कोई काम अगर समय पर हो जाए, कल्‍पना के अनुरूप हो जाए, तो देशवासियों को आश्‍चर्य होता है कि सरकार भी ऐसा काम कर सकती है क्‍या? लेकिन ये संभव इसलिए है कि दिल्‍ली में आज ऐसी सरकार बैठी है, भारत सरकार को आपने जो दायित्‍व दिया है; उसने पूरी कार्य-संस्‍कृति बदली है और समय-सीमा में काम पूरा करने का आग्रह सरकार में सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया है। 

लेकिन ये बात हम न भूलें कि सिर्फ सरकार, पैसे, planning, power, इससे ही सारे काम हो जाते हैं, ऐसा नहीं है। ये स्‍मारक की सफलता के पीछे एक और राज है, और जिसके लिए सवा सौ करोड़ देशवासी गर्व कर सकते हैं; वो आज मैं आपके सामने खोलना चाहता हूं। और वो राज ये है सरकार थी, पैसे थे, Planning था, Focus के साथ काम हो रहा था लेकिन इस काम को करने के लिए देश के हर कोने से जिन-जिन को जिस विषय की महारथ थी, ऐसे कारीगर आए थे, मजदूर आए थे, Artist आए थे, Architect आए थे। हिन्‍दुस्‍तान के हर कोने से आए हुए लोग इस काम को कर रहे थे। साथ-साथ जो मजदूर काम करते थे, वे सुबह 8 बजे से 5 बजे तक सरकार के नियम से हिसाब से काम कर रहे थे। फिर 5 से 6 बजे तक, एक घंटा वो विश्राम करते थे, चायपान लेते थे, और फिर 6 बजे ये 8 बजे तक extra काम करते थे। और उन्‍होंने कहा कि 6 से 8 हम जो काम कर रहे हैं, उसके पैसे हम नहीं लेंगे। ये हमारी तरफ से अब्‍दुल कलाम जी को हमारे परिश्रम के द्वारा, हमारे पसीने के द्वारा, हम उनको श्रद्धांजलि देंगे। 

जिन मेरे गरीब मजदूर भाई-बहनों ने इस भक्ति के साथ इस काम को किया है, मैं उनको, उन सभी मजदूरों को इस पवित्र कार्य को पूरा करने के लिए शत्-शत् वंदन करता हूं। इन मजदूरों ने, कारीगरों ने इतना उत्‍तम काम किया है कि यहां उपस्थित सबसे मैं आग्रह करता हूं कि हम जगह पर खड़े हो करके उन मजूदरों को Standing Ovation दें, तालियां बजा करके उनका Standing Ovation करें। 

जब एक मजदूर राष्‍ट्रभक्ति के भाव से भर जाता है तो कितने महान काम करता है, इसका सबूत ये रामेश्‍वरम में बना हुआ अब्‍दुल कलाम जी का स्‍मारक है। मैं आज अनुभव कर रहा हूं कि इस पल अगर मंच पर अम्‍मा होतीं, हमारे बीच में अम्‍मा की उपस्थिति होती, और हमारे गरीब मजदूरों ने काम किया है ये बात जब वो देखतीं, सुनती, तो शायद हमको अनेक-अनेक शुभकामनाएं और आशीर्वाद देतीं। हमें आज अम्‍मा की गैरहाजिरी महसूस होती है। अम्‍मा के जाने के बाद मेरा ये तमिलनाडु की धरती पर पहला बड़ा कार्यक्रम है। मैं अम्‍मा की गैरहाजिरी को महसूस करता हूं। लेकिन उनकी आत्‍मा जहां भी होगी, तमिलनाडु के उज्‍ज्‍वल भविष्‍य के लिए वो हमेशा आशीर्वाद देती रहेगी, ऐसा मेरा विश्‍वास है। 

मैं आज रामेश्‍वरम की इस पवित्र धरती से, देश के लोगों से एक प्रार्थना करना चाहता हूं। हिन्‍दुस्‍तान के हर कोने से लोग रामेश्‍वरम की यात्रा के लिए आते हैं, दर्शन के लिए आते हैं। Tour Operator से भी मेरा आग्रह है, रामेश्‍वरम के यात्रियों से भी मेरा आग्रह है, और देश की युवा पीढ़ी से भी मेरा आग्रह है कि आप जब भी रामेश्‍वरम की यात्रा करें, इस अब्‍दुल कलाम जी के memorial को देखने का अपने कार्यक्रम में जरूर जोड़ दें और नई पीढ़ी को प्रेरणा मिले, ऐसे इस प्रेरणा तीर्थ को आप जरूर आ करके देखें। 

आज का कार्यक्रम एक प्रकार से पंचामृत है। रेल, रोड, धरती, समंदर और Abdul Kalam जी का स्‍मारक। ऐसे पांच कार्यक्रम एक साथ आज अब्‍दुल कलाम जी की पुण्‍यतिथि पर मुझे करने का सौभाग्‍य मिला है। आज समंदर में हमारे मछुआरे छोटे-छोटे नाव ले करके जाते हैं। पता तक नहीं रहता है कि हिन्‍दुस्‍तान की सीमा में हैं या किसी दूसरे की सीमा में चले गए। और अनेक कठिनाइयां भुगतनी पड़ती हैं। प्रधानमंत्री Blue Revolution Scheme हमने शुरू की है। उस स्‍कीम के तहत हमारे मुछआरा भाइयों-बहनों को सरकार की तरफ से loan मिलेगा, grant मिलेगी, subsidy मिलेगी। और उनको बड़े अच्‍छे Trawler मिले हैं ताकि वो Deep Sea में fishing के लिए जा सकें तो आज उसका भी यहां प्रारंभ हुआ है और कुछ मछुआरा भाइयों को उसका cheque देने का भी मुझे सौभाग्‍य मिला है। 

रामेश्‍वरम की धरती प्रभु रामचंद्र जी के साथ भी जुड़ी हई है। और आज मुझे खुशी है कि प्रभु रामचंद्र जी से जुड़ी हुई रामेश्‍वरम की धरती को प्रभु राम का जन्‍म स्‍थान अयोध्‍या की धरती के साथ जोड़ने वाली एक Railway Train श्रद्धा सेतु के नाम से Rameswaram to Ayodhya, आज उस रेल का भी लोकार्पण करने का मुझे अवसर मिला है। उसी प्रकार से धनुषकोड़ी तक का जो रास्‍ता, जो लोग रामसेतु देखने जाना चाहते हैं, जो समुद्री मार्ग से आगे बढ़ना चाहते हैं, वो एक महत्‍वपूर्ण रोड का काम, उसको भी पूर्ण कर दिया और वो भी आज मुझे देशवासियों को समर्पित करने का मौका मिला है। रेल का समर्पित, रोड का भी समर्पण। और आज यही रामेश्‍वरम की धरती है, जहां 1897 में स्‍वामी विवेकानंद जी ने यहां पर विदेश में दिग्विजय कर-करके, विश्‍व में भारत का नाम रोशन करके इस धरती पर अपने पैर रखे थे। वो स्‍वामी विवेकानंद जी जहां कन्‍याकमारी, यहां पास में ही विवेकानंद जी का स्‍मारक बना है। उस विवेकानंद केन्‍द्र यहां की District Collectorate, कुछ NGO’s, इन्‍होंने मिल करके रामेश्‍वरम को Green बनाने का जो बीड़ा उठाया है, और ये भी एक प्रकार से रामेश्‍वरम के भविष्‍य के लिए उत्‍तम काम करने वाले उन सभी संगठनों को, विशेष करके विवेकानंद केंद्र को हृदय से मैं बधाई देता हूं। 

भारत का विशाल समुद्र और साढ़े सात हजार किलोमीटर (सात हजार पांच सौ) सात हजार पांच सौ किलोमीटर लम्‍बी समुद्री सीमा बड़ी निवेश की संभानाओं से भरे हुए हैं। इसी को ध्‍यान में रखते हुए केन्‍द्र सरकार सागरमाला कार्यक्रम भी चला रही है। इसका मकसद भारत की तटरेखा का पूरा लाभ उठा करके भारत के logistic क्षेत्र में बहुत बड़ा परिवर्तन लाना है। सागरमाला कार्यक्रम में आयात-निर्यात और व्‍यापार की logistic लागत को कम करना, उस दिशा में हम प्रयास कर रहे हैं। इस कार्यक्रम से देश के समुद्री तटों पर रहने वाले लोगों की जिंदगी में बहुत बड़ा बदलाव लाने का हमारा प्रयास है। 

आपको ये भी जान करके खुशी होगी कि जिस प्रकार से डीआरडीओ ने ये अब्‍दुल कलाम जी का स्‍मारक बनाया व काम किया है, उसी प्रकार से डीआरडीओ हमारी सैन्‍य शक्ति के लिए एक बहुत महत्‍वपूर्ण काम करने वाली इकाई है। लेकिन साथ-साथ नागरिकों के लिए भी वो छोटे-मोटे ऐसे काम करते हैं, ये जो रेलवे यहां से शुरू हो रही है श्रद्धा सेतु, रामेश्‍वरम से अयोध्‍या, वो एक ऐसी ट्रेन है जिसके अंदर सारे के सारे Toilet, Bio-Toilet के रूप में रखे गए हैं। स्‍वच्‍छता अभियान को बल देने का काम ये श्रद्धा सेतु, इस ट्रेन के द्वारा भी होने वाला है। 

Friends, 

डॉक्‍टर कलाम ने अगर अपने जीवन में सबसे ज्‍यादा प्रेरणा अगर किसी को दी है, तो हमारे देश के नौजवानों को दी है। आज का युवा अपने दम पर आगे बढ़ना चाहता है। खुद दूसरों को रोजगार देने वाला बनना चाहता है। युवा अपने सपने पूरे कर सके, इसलिए केन्‍द्र सरकार ने Startup India, Standup India जैसे कार्यक्रम शुरू किए हैं। नौजवानों के कौशल विकास के लिए देश के हर जिले में Training Center, Skill Development के केंद्र खोले जा रहे हैं। अपना कारोबार शुरू करने के लिए युवाओं को Bank guarantee जैसी दिक्‍कतों का सामना न करना पड़े, इसलिए केन्‍द्र सरकार मुद्रा योजना चला रही है। 

देश में अब मुद्रा योजना के तहत 8 करोड़ से ज्‍यादा खाताधारकों को बिना Bank Guarantee, चार लाख करोड़ से भी ज्‍यादा रुपये उनको दिए गए हैं ताकि वो अपनी जिंदगी का रास्‍ता चुन सकें, आगे बढ़ सकें। और मुझे खुशी है कि इसमें से एक करोड़ से ज्‍यादा लोग अकेले तमिलनाडु के हैं। ये आंकड़ा स्‍व-रोजगार की तरफ तमिलनाडु के युवाओं को कितना उत्‍साह है, उमंग है, उसके रुझान को भी दिखा रहा है। 

केन्‍द्र सरकार राज्‍य में Infrastructure के विकास पर भी जोर दे रही है। New India बिना New Tamil Nadu संभव नहीं है। और इसलिए राज्‍य में मूलभूत सुविधाओं को बढ़ाने में राज्‍य सरकार की भरपूर मदद की जा रही है। 

मैं तमिलनाडु के मुख्‍यमंत्री का आभारी हूं कि उन्‍होंने भारत सरकार जिन कार्यक्रमों को आगे बढ़ा रही है, उससे तमिलनाडु को जो लाभ मिल रहा है, उसका सार्वजनिक रूप से स्‍वागत किया, धन्‍यवाद किया; मैं भी उनके इस सहयोग के लिए उनका धन्‍यवाद करता हूं। 

Smart City Mission के लिए तमिलनाडु के दस शहरों को चुना गया है। इनमें चेन्‍नई, कोयम्‍बटूर, मदुरई, तंजावुर, ऐसे सभी बड़े शहर उसमें शामिल हैं। इन शहरों के लिए केंद्र सरकार लगभग 900 करोड़ रुपये release कर चुकी है, करीब-करीब एक हजार करोड़ रुपया। 

AMRUT Mission में भी तमिलनाडु के 33 शहरों (thirty three cities) को शामिल किया गया है। केंद्र सरकार ने तमिलनाडु के लिए Four thousand seven hundred crore रुपये से ज्‍यादा स्‍वीकृत कर लिए हैं। इस पैसे का इस्‍तेमाल इन 33 शहरों में बिजली, पानी, सीवेज, सफाई और garden जैसी सुविधाओं को मजबूत बनाने के लिए किया जाएगा। 

इस योजना का भरपूर लाभ रामेश्‍वरम को भी मिलेगा और उसके साथ-साथ 33 शहर, जिसमें मदुरई, तूतीकोरिन, तिरूनलवेली और नागर कोइल भी शामिल है। केंद्र सरकार ने करीब-करीब चार हजार करोड़ रुपये की लागत से चेन्‍नई मेट्रो रेल प्रोजेक्‍ट के पहले फेस के विस्‍तार को भी मंजूरी दे दी है। तमिलनाडु की ग्रामीण सड़कों के लिए Self-Help Group को बढ़ावा देने के लिए, गांवों में रहने वाले युवाओं के कौशल विकास के लिए केंद्र सरकार ने पिछले तीन वर्ष में, पिछले तीन वर्ष में लगभग 18 हजार करोड़ रूपये (Eighteen Thousand Crore Rs) तमिलनाडु के लिए release किए हैं। 

कुछ प्रयासों की अपील मैं यहां की सरकार और यहां के लोगों से भी करना चाहता हूं। स्‍वच्‍छ भारत के mission के तहत इस समय पूरे देश के शहरों में एक होड़ मची है, competition लगी हैं कि कौन खुद को पहले खुले में शौच से मुक्‍त घोषित करे। और मुझे आशा है कि तमिलनाडु भी इस दौड़ में अन्‍य किसी भी राज्‍य से पीछे नहीं रहेगा, और जोर लगाएगा और आगे बढ़के रहेगा। 

इसी तरह राज्‍य सरकार मानती है कि यहां के शहरों में आठ लाख से ज्‍यादा गरीब परिवारों के लिए घर की जरूरत है। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के माध्‍यम से इस demand को पूरा किया जा सकता है। मैं राज्‍य सरकार से अपील करूंगा कि वो प्रस्‍ताव भेजें, अपनी प्रक्रिया तेज करें और स्‍वीकृत किए हुए घर के निर्माण में तेजी लाएं। 

डॉक्‍टर अब्‍दुल कलाम जीवन पर्यन्‍त एक विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए जुटे रहे। सवा सौ करोड़ देशवासियों को इस लक्ष्‍य की प्राप्ति के लिए हमेशा वो प्रेरित करते रहे। ये प्रेरणा हमें Twenty, Twenty two तक, 2022 तक, जब आजादी के 75 साल होंगे; New India के सपने का साकार करने में बहुत मदद करेगी। 

2022 में हमारा देश आजादी के 75 साल के पर्व को मनाएगा। देश की स्‍वतंत्रता के लिए अपनी जिंदगी खपा देने वाले हमारे सपूतों ने जो सपने देखे थे, उन्‍हें पूरा करने के लिए हमारा हर प्रयास डॉक्‍टर कलाम को भी एक उत्‍तम श्रद्धांजलि बनके रहेगा। 

और जब मैं आज रामेश्‍वरम की धरती पर हूं, रामेश्‍वरम के इंसान तो बहुत कुछ करते हैं, लेकिन रामायण हमें इस बात को कहती है कि यहां की छोटी-सी गिलहरी, इसी रामेश्‍वरम की छोटी-सी गिलहरी भी किस प्रकार से राम-सेतु बनाने के काम आई थी। उसी प्रकार से और वो गिलहरी तो रामेश्‍वरम की थी, और इसलिए The squirrel can inspire us all .If 125 crore Indians take just one step each, India will march 125 crore steps ahead. 

हिन्‍दुस्‍तान के एक दूसरे छोर, रामेश्‍वरम, यहां समंदर शुरू हो जाता है; और इतना बड़ा जन-सैलाब इस बात को बताता है कि आपकी अब्‍दुल कलाम के प्रति कितना आदर-भाव है और देश के उज्‍ज्‍वल भविष्‍य के लिए आप किस प्रकार से जुड़ना चाहते हैं। इसको मैं साफ देख रहा हूं। इस विशाल जनसागर को मैं फिर से नमन करता हूं। अब्‍दुल कलाम जी को आदरपूर्वक अंजलि देता हूं और स्‍वर्गीय अम्‍मा को भी आदरपूर्वक अंजलि देता हूं। 

आप सबका बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।