भारत और श्रीलंका के व्यापार प्रतिनिधियों,
विशिष्ट अतिथियो !
सिलोन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स में आने पर मुझे अत्यन्त खुशी हुई है।
बड़ी संख्या में आप सबकी मौजूदगी के लिए आभार व्यक्त करता हूं।
यह श्रीलंका की यात्रा का वास्तविक गौरव है।
इन दो दिनों में मैं जीवन के सभी क्षेत्रों से सम्बद्ध लोगों से मिलूंगा।
मेरे लिए यह बैठक श्रीलंका की सबसे महत्वपूर्ण बैठकों में से एक है।
ऐसा इसलिए है कि संबंध चाहे कितने ही प्राचीन और प्रगाढ़ क्यों न हों, आर्थिक सहयोग अक्सर उन्हें गति प्रदान करने वाले इंजन का काम करता है।
यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि हमारे इस क्षेत्र में हम सभी के लिए सबसे जरूरी लक्ष्य लोगों के जीवन में बदलाव लाना है।
हमारा मार्ग हमारे आर्थिक लक्ष्यों और शासन की गुणवत्ता से निर्धारित होगा। परन्तु, व्यापारिक उपक्रम हमारी सफलता के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण होंगे।
मैं अक्सर यह कहा करता हूं कि किसी भी राष्ट्र का भविष्य उसके पड़ोस पर निर्भर करता है। भारत में अनेक लोग यह कहते हैं कि भारत इतना बड़ा है कि वह अपने पड़ोसी देशों की मदद करने में असमर्थ है। इस क्षेत्र में अनेक लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें भारत की अर्थव्यवस्था के आकार से स्वयं को क्षति पहुंचने की आशंका है।
मैं इन दोनों तरह के विचारों से असहमत हूं।
मेरे विचार में हमें स्थिर और शांतिपूर्ण पड़ोस की आवश्यकता है ताकि हम राष्ट्रीय विकास पर ध्यान केन्द्रित कर सकें।
मेरा यह भी मानना है कि जब समूचा क्षेत्र एक साथ आगे बढ़ता है तो किसी राष्ट्र की तरक्की भी बेहतर ढंग से होती है।
मैंने सार्क की बैठक में कहा था कि सीमाओं की अड़चने हमारी प्रगति को रोकती हैं; अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी उसे गति देती है। यही वजह है कि आज विश्वभर में क्षेत्रीय एकीकरण और सहयोग की लहर चल रही है।
हमारा क्षेत्र संसाधनों की दृष्टि से समृद्ध है। हमारे पास एक विस्तृत बाजार है। हम परस्पर पूरक हैं। अत: हमारा सहयोग हम सबके लिए भारी लाभदायक हो सकता है। दक्षिण एशिया में जीवंत उदाहरण पहले से मौजूद हैं, जिनसे पता चलता है कि आकार में अंतर का कोई विपरीत प्रभाव भागीदार के लाभों पर नहीं पड़ता है।
भूटान पनबिजली भारत को निर्यात करके लाभान्वित होता है। नेपाल भारत को महत्वपूर्ण विनिर्मित वस्तुएं निर्यात करता है, जो भारतीय निवेशकों की भागीदारी से तैयार की गई होती हैं। बुनियादी ढांचा, आपूर्ति श्रृंखलाएं, परमपरागत हस्तशिल्प, आधुनिक विनिर्माण, पर्यटन और सेवाएं- हमारे सहयोग की अपार संभावनाएं हैं।
यहां मौजूद जानकार श्रोताओं को यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि भारत में पिछले 10 महीनों में कितने बदलाव हुए हैं। हमारी नीतियों में स्पष्टता आयी है, हमने समावेशी विकास की नयी धारा अपनायी है, शासन में नए मानदंड अपनाए जा रहे हैं और हमारी अर्थव्यवस्था में नयी जान आयी है। पिछली तिमाही में भारत की अर्थ-व्यवस्था विश्व की सर्वाधिक तीव्र विकास वाली अर्थ-व्यवस्था रही है। हमें विश्वास है कि हम और तेजी से विकास करेंगे।
मानवता के छठे हिस्से की प्रगति से दुनियाभर के लिए प्रमुख आर्थिक अवसर पैदा हुए हैं।
भारत में वैश्विक विश्वास बहाल हुआ है। भारत के साथ दुनिया की सम्बद्धता एक नए स्तर पर पहुंच गई है। परन्तु, भारत पर पहला अधिकार उसके पड़ोसी देशों का है। मुझे खुशी होगी यदि भारत अपने क्षेत्र में आर्थिक विकास का उत्प्रेरक बनेगा। इसलिए मैं ऐसे पास-पड़ोस की बात करता हूं जिसमें व्यापार, निवेश, ज्ञान और लोगों का सीमा पार आवागमन बेहतर हो।
और, जैसा कि मैंने नवम्बर में काठमांडू, नेपाल में कहा था, कि भारत इस क्षेत्र के लिए अपना योगदान अवश्य करेगा। हम अपने बाज़ारों को अधिक एकीकृत करने के लिए काम करेंगे। हम सर्वाधिक सीधे मार्गों से व्यापार को सुचारू और संभव बनाएंगे। हम क्षेत्रीय संचार व्यवस्था में निवेश करेंगे। और, हम चिकित्सा से लेकर आपदा प्रबंधन या अंतरिक्ष विज्ञान तक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में अपनी क्षमताओं को दक्षिण एशिया के साथ साझा करेंगे।
एक मित्र और पड़ोसी के नाते हम श्रीलंका की आर्थिक प्रगति को सर्वाधिक महत्वपूर्ण समझते हैं।
श्रीलंका अनेक उपलब्धियों और व्यापक क्षमताओं वाला राष्ट्र है। यह शिक्षा, कौशल और उद्यम की दृष्टि से सम्पन्न है। इसकी भौगोलिक स्थिति उत्कृष्ट है। और, अब यहां शांति भी स्थापित हो चुकी है। श्रीलंका के व्यापारियों ने यह दर्शाया है कि वे विश्व के उत्कृष्ट व्यापारियों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं। हमारा वस्त्र और चाय उद्योग यह बात अच्छी तरह से समझता है।
हम श्रीलंका का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार और सबसे बड़ा निवेश स्रोत बनना चाहते हैं। वर्ष 2000 में हमने जो मुक्त व्यापार समझौता किया था, वह इस क्षेत्र में एक अग्रणी उपाय था। इससे हमारे व्यापार को व्यापक बढ़ावा मिला है। उसके बाद से भारत को श्रीलंका के निर्यात में 16 गुणा वृद्धि हुई है। किसी भी मानक से देखें, यह अत्यन्त प्रभावशाली है।
मैं जानता हूं कि व्यापार के क्षेत्र में भारी संतुलन को लेकर यहां कुछ चिंताए हैं। मैं इन चिंताओं को दूर करने में आपके साथ मिल कर काम करना चाहता हूं। मैं चाहता हूं कि व्यापार में संतुलित बढ़ोतरी हो। मेरी कोशिश होगी कि आपके लिए भारतीय बाज़ारों में प्रवेश करना आसान और सुविधाजनक हो। ऐसा करना मेरी उस सोच का हिस्सा है कि भारत में व्यापार करना आसान होना चाहिए। सीमा शुल्क में सहयोग के लिए किया गया समझौता इस दिशा में एक कदम है। भारत विश्व के लिए खुल रहा है। हम दक्षिण एशिया सहित अल्पविकसित राष्ट्रों को शुल्क मुक्त प्रवेश की अनुमति देते हैं। और, भारत ने आसियान तथा अन्य देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते किए हैं।
हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस परिवर्तनशील और प्रतिस्पर्धात्मक विश्व में श्रीलंका किसी से पीछे न रहे। यही वजह है कि भारत और श्रीलंका को व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते को अंतिम रूप देने की दिशा में दृढ़ता के साथ आगे बढ़ना चाहिए। आपको भारत को निर्यात करने के लिए भारत से निवेश को भी आकर्षित करना चाहिए। ऐसा करना हमारी निकटता और आपकी क्षमताओं का सहज नतीजा होना चाहिए।
भारतीय निवेश से आपके यहां बुनियादी ढांचे का उन्नयन और विस्तार भी किया जा सकता है। यह भी स्वाभाविक है कि समानताओं और निकटता के कारण भारतीय निवेशकों द्वारा अधिक निवेश किए जाने की संभावना है। वे यहां मौजूद हैं। और मैं जानता हूं कि अनेक बड़ी प्रतिबद्धओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है। उनके लिए आपका सहयोग अपेक्षित है।
इस यात्रा के दौरान मुझे समपुर ताप बिजली परियोजना और ट्रिन्कोमाली ऑयल फार्म की प्रगति संतोषजनक दिखायी दी है। यह श्रीलंका की प्रगति और हमारी भागीदारी के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है।
समुद्री अर्थव्यवस्था का स्थायी विकास सहयोग का एक प्रमुख क्षेत्र हो सकता है
मेरा यह भी मानना है कि हम जब हम लोगों की जिंदगी को परस्पर जोड़ते हैं, तो हम राष्ट्रों के बीच संबधों को और सुदृढ़ बनाते हैंI हमने 14 अप्रैल से श्रीलंका के लोगों को आगमन पर वीजा प्राप्त करने की सुविधा प्रदान की है। हमें हवाई और समुद्र मार्ग से दोनों देशों के बीच संचार बढ़ाने की दिशा में और उपाय करने चाहिए।
भारत और श्रीलंका कुछ मायनों में वर्तमान की तुलना में अतीत में एक-दूसरे के साथ बेहतर ढंग से जुड़े हुए थे। कोलम्बों में रहने वाला कोई व्यक्ति रेल टिकट खरीद कर रेल और नौका, दोनों से सफर करते हुए चेन्नई पहुंच सकता था। कोलम्बो और नई दिल्ली के बीच सीधी उड़ान प्रारंभ करने का एयर इंडिया का निर्णय उसी स्थिति को बहाल करने में मदद पहुचायेगा।
पर्यटन लोगों को जोड़ता है और आर्थिक अवसर प्रदान करता है। भारत के पर्यटकों के लिए श्रीलंका पहले से सबसे बड़ा स्रोत है। हम इस प्रवाह को बढ़ाने के लिए मिल कर काम करेंगे।
अंत में, मैं उसी बिन्दु पर लौटता हूं, जो बात मैंने प्रारंभ में की थी। भारत की प्रगति हमें अपने पड़ोसियों के लिए अवसर पैदा करने की क्षमता प्रदान करती है। विकास में हमारी भागीदारी से श्रीलंका के लिए भारत की ओर से 1.6 अरब डॉलर की सहायता की प्रतिबद्धता व्यक्त हुई है। इससे श्रीलंका में बुनियादी सुविधाओं के पुनर्निर्माण और उन्नयन में मदद मिली है।
आज हमने रेलवे क्षेत्र के लिए करीब 31.8 करोड़ डॉलर की ऋण सुविधाएं प्रस्तावित की हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने श्रीलंका के सेन्ट्रल बैंक के लिए 1.5 अरब डॉलर की मुद्रा विनिमय व्यवस्था प्रदान करने पर सहमति व्यक्त की है। इससे श्रीलंका के रुपये की सस्थिरता बढ़ेगी।
यह केवल विकास में भागीदारी तक सीमित नहीं है। हम आपके वाणिज्यिक हितों को बढ़ावा देने में भी सहयोग करेंगे। मुझे श्रीलंका की क्षमताओं पर भरोसा है। हमें अधिक सहयोग करना चाहिए। हमें एक-दूसरे के प्रति सहयोग के अधिक क्षेत्र खोलने की आवश्यकता है।
हमें अपनी शक्तियों पर भरोसा रखते हुए; एक-दूसरे पर अधिक विश्वास करते हुए; और अपनी भागीदारी के परिणामों के प्रति आश्वस्त होकर आगे बढ़ना चाहिए।
जैसा कि मैंने पहले भी कहा कि श्रीलंका में हमारा महत्वपूर्ण आर्थिक भागीदार बनने की क्षमता है। ऐसी भागीदारी कायम करने के लिए हम आपके सहयोग पर निर्भर हैं।
आप सब का धन्यवाद और मेरी शुभकामनाएं। आभार।