मैं समझता हूं उसमें से अधिकतम समस्‍याओं का समाधान एक शब्‍द में है और वो है Good Governance. Good Governance हो, pro-active Good Governance हो और pro-people Good Governance हो, तो मैं समझता हूं कि बहुत से issues जो हैं हम उन्‍हें address कर सकते हैं। दूसरा मेरा मत है कि state Policy Driven होना चाहिए। अगर state Policy Driven है तो दुनिया के किसी भी कोने में, कोई भी व्‍यक्ति Invest करना चाहता हो या उस देश के साथ व्‍यापारिक संबंध बनाना चाहता हो, तो वह खुद निर्णय कर सकता है कि यह Policy मेरे अनुकुल है या प्रतिकूल है। Individual के beam पर नहीं चल सकता। 

तीसरी बात है consistency. ऐसा भी न हो कि Policy Driven तो हो लेकिन इतना dynamic हो कि हर साल बदलता चला जाए, तो Consistency चाहिए। इन मूलभूत बातों से कई समस्‍याओं का समाधान हो जाता है। 

कुछ चीजें हैं जैसे Intellectual Property Rights. मैं मानता हूं यह बहुत ही महत्‍वपूर्ण issue है। उसको दुनिया के सभी लोगों को मिलकर के इस समस्‍या का समाधान करना पड़ेगा। जिस प्रकार आज Technology का इतना influence है.. अब Movie है, वहां आईपीआर को protect करना है तो Cyber Security की मदद लगेगी.. एक पूरी स्थिति बन चुकी है। हमने एक Joint Forum बनाया है, Joint Working Group बनाया है, US-India का। उसकी detail, work out करते हैं, जो भी सुझाव आएंगे हम करने को तैयार हैं। 

भारत में Service Sector के लिए बहुत संभावनाएं पड़ी हैं। Tourism एक untapped क्षेत्र है। जैसा अभी बताया गया कि गुजराती लोग इतनी बड़ी मात्रा में.. होटल, मॉटल और पटेल इतने famous हैं, तो यहां पर भी तो कुछ होना चाहिए। मैं मानता हूं कि यह एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें हमें Infrastructure पर बल देना है। 70-80 अगर permission, अगर लेनी हैं तो मैं समझ सकता हूं कि मैं भी शायद हिम्‍मत नहीं करूंगा। तो अभी हमने एक initiative लिया है – ‘Ease of Doing Business’। इसमें इन सारी चीजों को हमने लिया है कि यह कागजी कार्रवाई कम हो, Digital Online System हो जाए और एक ही प्रकार के Document हरेक को available हो जाए.. और यह हमने किया है। हम इसमें बहुत सफलतापूर्वक धीरे-धीरे परिणाम ले आएंगे, मुझे विश्‍वास है। 

मैं इस पर भी सहमत हूं कि कभी-कभी लोगों को लगता है कि भारत import करेगा कि नहीं करेगा? Make In India और Import Regime के बीच कोई contradiction है क्‍या? सबसे पहला target यह होना चाहिए कि इतना बड़ा देश है, इतना बड़ा market है, लेकिन इस market की purchasing power है क्‍या? अगर भारतीयों का purchasing power ही नहीं होगा, तो दुनिया से क्‍या import करेंगे? और मुझे अगर अपनी purchasing power बढ़ाना है तो मुझे अपनी economy को grow करना होगा। economy को grow करने का सबसे पहला क्षेत्र मुझे दिखाई देता है, वो है Infrastructure में Investment. उसमें कोई Import – Export का कोई झगड़ा ही नहीं है। 

अब देखिए, रेलवे! इतना बड़ा रेलवे का काम है, 100 percent FDI हमने किया है। उससे infrastructure में लोग आ सकते हैं। Agriculture Sector में मेरा मिशन है- Per Drop More Crop. When I say per Drop more Crop, मैं Climate issue को भी address कर रहा हूं, at the same time मेरे किसान की economy को भी address कर रहा हूं, at the same time पानी की समस्‍या जो है, उसको भी address कर रहा हूँ। लेकिन उसके लिए मुझे Infrastructure चाहिए, River-Grid का काम है, Canal-Network है, Agro-Infrastructure की बहुत बड़ी आवश्‍यकता है। आज भारत Agriculture क्षेत्र में दुनिया में surplus है। दुनिया में ऐसे देश हैं जिनके लिए Agriculture क्षेत्र बहुत महंगा है, उनके लिए Import करना सरल है। अगर हम भारत के अंदर Agriculture क्षेत्र में Mechanize करने की दिशा में contribute करते हैं, हम Agro-Product के अगर Value Addition में interest लेते हैं तो Global market की संभावनाएं पड़ी हुई हैं। मैं मानता हूं, उन देशों को Agriculture Sector बहुत महंगा पड़ता है, जबकि यह सस्‍ता हो सकता है। तो Win-Win situation से हम आगे बढ़ सकते हैं। 

जिन जिन विषयों को आपने स्‍पर्श किया है.. मैंने पहले ही कहा कि मैं consistency में विश्‍वास करता हूं। जो गुजरात मॉडल की चर्चा, Mr. Dave ने की, वो यही है कि वो Policy Driven State है, वहां consistency है। Good Governance पर बल था और इन मूलभूत बातों को लेकर मैं काम कर रहा हूं, तो अपने पिछले 6-8 महीनों के अनुभव में आपने देखा होगा कि इन चीजों में.. और मैं मानता हूं, सामने से जो बात आती है मैं उसे सबसे पहले सुनता हूं। मेरे department से जो आती है उसको मैं बाद में सुनता हूं। मेरे स्‍वभाव में है, इससे मैं चीजों को अच्‍छे ढंग से समझ लेता हूं। उसका परिणाम यह आता है कि मैं बहुत जल्‍दी निर्णय कर लेता हूं। 

मैं आपको विश्‍वास दिलाता हूं कि भारत आपार संभावनओं से भरा हुआ है। हमारे पास talent है, scope भी है। skill development पर मेरा भरोसा है। लेकिन सिर्फ skill development से काम होने वाला नहीं है। जिस स्‍पर्धा में आज हम हैं और जिनके साथ हमारी स्‍पर्धा है, तो तीन बातों पर मेरा बल है- skill, scale तथा speed. मैं skill पर बल देना चाहता हूँ, मैं scale बहुत बड़ा करना चाहता हूं, मैं speed of worth से जाना चाहता हूं और जो आपकी गति के हिसाब से match करेगी। 

मैं फिर एक बार आप सबका स्‍वागत करता हूं और यह CEO forum.. जैसा शुरू में कहा गया कि हमें बार-बार सुना जाए, मैं हमेशा available हूं, you are most welcome, मैं आपको सुनुंगा.. और एक अच्‍छा सुझाव रोड्रिग्ज़ ने दिया है कि बड़े project को PMO level पर monitor किया जाए, I am agree with your suggestion... रोड्रिग्ज़.. मैं, मेरी तरफ से जिम्‍मेवारी लेता हूं कि जो बड़े projects हैं उनकी जिम्‍मेवारी मैं खुद लूंगा, मैं खुद monitor करूंगा। 

दूसरा, भारत के साथ जो federalism है, तो state के साथ बहुत सारे विषय जुड़े हुए हैं। मेरी नई सरकार का पूरा कारोबार Union Government....Federal Government and State Government, इन दोनों को साथ लेकर चलना है। On board रखना है। ‘Ease of Doing Business’ है तो सबसे पहले मैंने उनको तैयार किया है, तो state में भी variation की संभावना अब कम हो जाएगी। Federal Government की सोच और State Government की सोच, उसमें काफी निकटता रहेगी, तो यह जो छोटे-मोटे conflict रहते हैं, इनका भी solution हो जाएगा। 

एक बार फिर आपका सबका बहुत-बहुत धन्‍यवाद। 

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हमारे लोकतंत्र की विराटता में गुरुओं की सीख है, साहिबजादों का त्याग है: पीएम मोदी
December 26, 2024
प्रधानमंत्री ने ‘सुपोषित ग्राम पंचायत अभियान’ का शुभारंभ किया
प्रधानमंत्री ने कहा- वीर बाल दिवस पर हम साहिबजादों की वीरता और बलिदान को याद करते हैं, हम माता गुजरी जी और श्री गुरु गोबिंद सिंह जी को भी श्रद्धांजलि देते हैं
साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह में बाल्यवस्था में ही अदम्यसाहस था: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने कहा- समय चाहे कितना भी कठिन क्यों न हो, देश और उसके हितों से बड़ा कुछ नहीं है
श्री मोदी ने कहा - हमारे लोकतंत्र की विशालता गुरुओं की शिक्षाओं, साहिबजादों के बलिदान और देश की एकता के मूल मंत्र पर आधारित है
प्रधानमंत्री ने कहा- इतिहास से लेकर वर्तमान समय तक, युवाओं ने हमेशा भारत की प्रगति में बड़ी भूमिका निभाई है
अब, केवल सर्वश्रेष्ठ ही हमारा मानक होना चाहिए: प्रधानमंत्री

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

केंद्रीय मंत्रिमंडल में मेरी सहयोगी अन्नपूर्णा देवी जी, सावित्री ठाकुर जी, सुकांता मजूमदार जी, अन्य महानुभाव, देश के कोने-कोने से यहां आए सभी अतिथि, और सभी प्यारे बच्चों,

आज हम तीसरे ‘वीर बाल दिवस’ के आयोजन का हिस्सा बन रहे हैं। तीन साल पहले हमारी सरकार ने वीर साहिबजादों के बलिदान की अमर स्मृति में वीर बाल दिवस मनाने की शुरुआत की थी। अब ये दिन करोड़ों देशवासियों के लिए, पूरे देश के लिए राष्ट्रीय प्रेरणा का पर्व बन गया है। इस दिन ने भारत के कितने ही बच्चों और युवाओं को अदम्य साहस से भरने का काम किया है! आज देश के 17 बच्चों को वीरता, इनोवेशन, साइंस और टेक्नोलॉजी, स्पोर्ट्स और आर्ट्स जैसे क्षेत्रों में सम्मानित किया गया है। इन सबने ये दिखाया है कि भारत के बच्चे, भारत के युवा क्या कुछ करने की क्षमता रखते हैं। मैं इस अवसर पर हमारे गुरुओं के चरणों में, वीर साहबजादों के चरणों में श्रद्धापूर्वक नमन करता हूँ। मैं अवार्ड जीतने वाले सभी बच्चों को बधाई भी देता हूँ, उनके परिवारजनों को भी बधाई देता हूं और उन्हें देश की तरफ से शुभकामनाएं भी देता हूं।

साथियों,

आज आप सभी से बात करते हुए मैं उन परिस्थितियों को भी याद करूंगा, जब वीर साहिबजादों ने अपना बलिदान दिया था। ये आज की युवा पीढ़ी के लिए भी जानना उतना ही जरूरी है। और इसलिए उन घटनाओं को बार-बार याद किया जाना ये भी जरूरी है। सवा तीन सौ साल पहले के वो हालात 26 दिसंबर का वो दिन जब छोटी सी उम्र में हमारे साहिबजादों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी। साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह की आयु कम थी, आयु कम थी लेकिन उनका हौसला आसमान से भी ऊंचा था। साहिबजादों ने मुगल सल्तनत के हर लालच को ठुकराया, हर अत्याचार को सहा, जब वजीर खान ने उन्हें दीवार में चुनवाने का आदेश दिया, तो साहिबजादों ने उसे पूरी वीरता से स्वीकार किया। साहिबजादों ने उन्हें गुरु अर्जन देव, गुरु तेग बहादुर और गुरु गोविंद सिंह की वीरता याद दिलाई। ये वीरता हमारी आस्था का आत्मबल था। साहिबजादों ने प्राण देना स्वीकार किया, लेकिन आस्था के पथ से वो कभी विचलित नहीं हुए। वीर बाल दिवस का ये दिन, हमें ये सिखाता है कि चाहे कितनी भी विकट स्थितियां आएं। कितना भी विपरीत समय क्यों ना हो, देश और देशहित से बड़ा कुछ नहीं होता। इसलिए देश के लिए किया गया हर काम वीरता है, देश के लिए जीने वाला हर बच्चा, हर युवा, वीर बालक है।

साथियों,

वीर बाल दिवस का ये वर्ष और भी खास है। ये वर्ष भारतीय गणतंत्र की स्थापना का, हमारे संविधान का 75वां वर्ष है। इस 75वें वर्ष में देश का हर नागरिक, वीर साहबजादों से राष्ट्र की एकता, अखंडता के लिए काम करने की प्रेरणा ले रहा है। आज भारत जिस सशक्त लोकतंत्र पर गर्व करता है, उसकी नींव में साहबजादों की वीरता है, उनका बलिदान है। हमारा लोकतंत्र हमें अंत्योदय की प्रेरणा देता है। संविधान हमें सिखाता है कि देश में कोई भी छोटा बड़ा नहीं है। और ये नीति, ये प्रेरणा हमारे गुरुओं के सरबत दा भला के उस मंत्र को भी सिखाती हैं, जिसमें सभी के समान कल्याण की बात कही गई है। गुरु परंपरा ने हमें सभी को एक समान भाव से देखना सिखाया है और संविधान भी हमें इसी विचार की प्रेरणा देता है। वीर साहिबजादों का जीवन हमें देश की अखंडता और विचारों से कोई समझौता न करने की सीख देता है। और संविधान भी हमें भारत की प्रभुता और अखंडता को सर्वोपरि रखने का सिद्धांत देता है। एक तरह से हमारे लोकतंत्र की विराटता में गुरुओं की सीख है, साहिबजादों का त्याग है और देश की एकता का मूल मंत्र है।

साथियों,

इतिहास ने और इतिहास से वर्तमान तक, भारत की प्रगति में हमेशा युवा ऊर्जा की बड़ी भूमिका रही है। आजादी की लड़ाई से लेकर के 21वीं सदी के जनांदोलनों तक, भारत के युवा ने हर क्रांति में अपना योगदान दिया है। आप जैसे युवाओं की शक्ति के कारण ही आज पूरा विश्व भारत को आशा और अपेक्षाओं के साथ देख रहा है। आज भारत में startups से science तक, sports से entrepreneurship तक, युवा शक्ति नई क्रांति कर रही है। और इसलिए हमारी पॉलिसी में भी, युवाओं को शक्ति देना सरकार का सबसे बड़ा फोकस है। स्टार्टअप का इकोसिस्टम हो, स्पेस इकॉनमी का भविष्य हो, स्पोर्ट्स और फिटनेस सेक्टर हो, फिनटेक और मैन्युफैक्चरिंग की इंडस्ट्री हो, स्किल डेवलपमेंट और इंटर्नशिप की योजना हो, सारी नीतियां यूथ सेंट्रिक हैं, युवा केंद्रिय हैं, नौजवानों के हित से जुड़ी हुई हैं। आज देश के विकास से जुड़े हर सेक्टर में नौजवानों को नए मौके मिल रहे हैं। उनकी प्रतिभा को, उनके आत्मबल को सरकार का साथ मिल रहा है।

मेरे युवा दोस्तों,

आज तेजी से बदलते विश्व में आवश्यकताएँ भी नई हैं, अपेक्षाएँ भी नई हैं, और भविष्य की दिशाएँ भी नई हैं। ये युग अब मशीनों से आगे बढ़कर मशीन लर्निंग की दिशा में बढ़ चुका है। सामान्य सॉफ्टवेयर की जगह AI का उपयोग बढ़ रहा है। हम हर फ़ील्ड नए changes और challenges को महसूस कर सकते हैं। इसलिए, हमें हमारे युवाओं को futuristic बनाना होगा। आप देख रहे हैं, देश ने इसकी तैयारी कितनी पहले से शुरू कर दी है। हम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, national education policy लाये। हमने शिक्षा को आधुनिक कलेवर में ढाला, उसे खुला आसमान बनाया। हमारे युवा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित न रहें, इसके लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। छोटे बच्चों को इनोवेटिव बनाने के लिए देश में 10 हजार से ज्यादा अटल टिंकरिंग लैब शुरू की गई हैं। हमारे युवाओं को पढ़ाई के साथ-साथ अलग-अलग क्षेत्रों में व्यावहारिक अवसर मिले, युवाओं में समाज के प्रति अपने दायित्वों को निभाने की भावना बढ़े, इसके लिए ‘मेरा युवा भारत’ अभियान शुरू किया गया है।

भाइयों बहनों,

आज देश की एक और बड़ी प्राथमिकता है- फिट रहना! देश का युवा स्वस्थ होगा, तभी देश सक्षम बनेगा। इसीलिए, हम फिट इंडिया और खेलो इंडिया जैसे मूवमेंट चला रहे हैं। इन सभी से देश की युवा पीढ़ी में फिटनेस के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। एक स्वस्थ युवा पीढ़ी ही, स्वस्थ भारत का निर्माण करेगी। इसी सोच के साथ आज सुपोषित ग्राम पंचायत अभियान की शुरुआत की जा रही है। ये अभियान पूरी तरह से जनभागीदारी से आगे बढ़ेगा। कुपोषण मुक्त भारत के लिए ग्राम पंचायतों के बीच एक healthy competition, एक तंदुरुस्त स्पर्धा हो, सुपोषित ग्राम पंचायत, विकसित भारत का आधार बने, ये हमारा लक्ष्य है।

साथियों,

वीर बाल दिवस, हमें प्रेरणाओं से भरता है और नए संकल्पों के लिए प्रेरित करता है। मैंने लाल किले से कहा है- अब बेस्ट ही हमारा स्टैंडर्ड होना चाहिए, मैं अपनी युवा शक्ति से कहूंगा, कि वो जिस सेक्टर में हों उसे बेस्ट बनाने के लिए काम करें। अगर हम इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम करें तो ऐसे करें कि हमारी सड़कें, हमारा रेल नेटवर्क, हमारा एयरपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर दुनिया में बेस्ट हो। अगर हम मैन्युफैक्चरिंग पर काम करें तो ऐसे करें कि हमारे सेमीकंडक्टर, हमारे इलेक्ट्रॉनिक्स, हमारे ऑटो व्हीकल दुनिया में बेस्ट हों। अगर हम टूरिज्म में काम करें, तो ऐसे करें कि हमारे टूरिज्म डेस्टिनेशन, हमारी ट्रैवल अमेनिटी, हमारी Hospitality दुनिया में बेस्ट हो। अगर हम स्पेस सेक्टर में काम करें, तो ऐसे करें कि हमारी सैटलाइट्स, हमारी नैविगेशन टेक्नॉलजी, हमारी Astronomy Research दुनिया में बेस्ट हो। इतने बड़े लक्ष्य तय करने के लिए जो मनोबल चाहिए होता है, उसकी प्रेरणा भी हमें वीर साहिबजादों से ही मिलती है। अब बड़े लक्ष्य ही हमारे संकल्प हैं। देश को आपकी क्षमता पर पूरा भरोसा है। मैं जानता हूँ, भारत का जो युवा दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों की कमान संभाल सकता है, भारत का जो युवा अपने इनोवेशन्स से आधुनिक विश्व को दिशा दे सकता है, जो युवा दुनिया के हर बड़े देश में, हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवा सकता है, वो युवा, जब उसे आज नए अवसर मिल रहे हैं, तो वो अपने देश के लिए क्या कुछ नहीं कर सकता! इसलिए, विकसित भारत का लक्ष्य सुनिश्चित है। आत्मनिर्भर भारत की सफलता सुनिश्चित है।

साथियों,

समय, हर देश के युवा को, अपने देश का भाग्य बदलने का मौका देता है। एक ऐसा कालखंड जब देश के युवा अपने साहस से, अपने सामर्थ्य से देश का कायाकल्प कर सकते हैं। देश ने आजादी की लड़ाई के समय ये देखा है। भारत के युवाओं ने तब विदेशी सत्ता का घमंड तोड़ दिया था। जो लक्ष्य तब के युवाओं ने तय किया, वो उसे प्राप्त करके ही रहे। अब आज के युवाओं के सामने भी विकसित भारत का लक्ष्य है। इस दशक में हमें अगले 25 वर्षों के तेज विकास की नींव रखनी है। इसलिए भारत के युवाओं को ज्यादा से ज्यादा इस समय का लाभ उठाना है, हर सेक्टर में खुद भी आगे बढ़ना है, देश को भी आगे बढ़ाना है। मैंने इसी साल लालकिले की प्राचीर से कहा है, मैं देश में एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिसके परिवार का कोई भी सक्रिय राजनीति में ना रहा हो। अगले 25 साल के लिए ये शुरुआत बहुत महत्वपूर्ण है। मैं हमारे युवाओं से कहूंगा, कि वो इस अभियान का हिस्सा बनें ताकि देश की राजनीति में एक नवीन पीढ़ी का उदय हो। इसी सोच के साथ अगले साल की शुरुआत में, माने 2025 में, स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर, 'विकसित भारत यंग लीडर्स डॉयलॉग’ का आयोजन भी हो रहा है। पूरे देश, गाँव-गाँव से, शहर और कस्बों से लाखों युवा इसका हिस्सा बन रहे हैं। इसमें विकसित भारत के विज़न पर चर्चा होगी, उसके रोडमैप पर बात होगी।

साथियों,

अमृतकाल के 25 वर्षों के संकल्पों को पूरा करने के लिए ये दशक, अगले 5 वर्ष बहुत अहम होने वाले हैं। इसमें हमें देश की सम्पूर्ण युवा शक्ति का प्रयोग करना है। मुझे विश्वास है, आप सब दोस्तों का साथ, आपका सहयोग और आपकी ऊर्जा भारत को असीम ऊंचाइयों पर लेकर जाएगी। इसी संकल्प के साथ, मैं एक बार फिर हमारे गुरुओं को, वीर साहबजादों को, माता गुजरी को श्रद्धापूर्वक सिर झुकाकर के प्रणाम करता हूँ।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद !