हनोवर मेले में आकर मुझे बेहद प्रसन्नता हो रही है। चांसलर मर्कल की उपस्थिति में आपसे बातचीत करके मेरी खुशी दोगुनी हो गई है। मेरी कल रात्रिभोज के दौरान चांसलर मर्कल के साथ काफी अच्छी बातचीत हुई। आप अनेक भारतीय कंपनियों और सीईओ से मिले होंगे। मेरा मानना है कि हनोवर मेले में भाग लेना दोनों पक्षों के लिए काफी उपयोगी रहेगा। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि भारतीय पेविलियन और हमारी राज्य सरकार और निजी कंपनियों के स्टॉलों पर अवश्य पधारें।
आप स्वयं भारत में बदलाव की हवा देखेंगे। हमारी उन क्षेत्रों को विकसित करने में दिलचस्पी है जहां आप मजबूत हैं। हम आपकी भागीदारी चाहते हैं। भारत में बुनियादी ढांचे और उससे जुड़े विकास की अपार संभावनाएं हैं। आपके सामने कुछ उदाहरण प्रस्तुत हैं:-
· हमने 2022 तक 5 करोड़ मकान बनाने की योजना बनाई है। साथ ही हम स्मार्ट शहर और औद्योगिक गलियारे विकसित कर रहे हैं।
· इस उद्देश्य के लिए हमने निर्माण में अपनी एफडीआई नीति संशोधित की है हम इस क्षेत्र के लिए एक नियामक ढांचा भी लाए हैं।
· हमने अगले कुछ वर्षों में 175 गीगा वॉट की नवीकरणीय ऊर्जा का लक्ष्य रखा है साथ ही बिजली का उत्पादन, पारेषण और वितरण भी समान रूप से महत्वपूर्ण है।
· हम सिगनलों और रेलवे स्टेशनों सहित अपनी रेलवे प्रणाली का आधुनिकीकरण कर रहे हैं। हम 50 शहरों में मेट्रो रेल और विभिन्न गलियारों में हाईस्पीड ट्रेनें चलाने की योजना बना रहे हैं।
· यही स्थिति राजमार्गों के मामले में भी है।
· हम एक महत्वाकांक्षी योजना सागरमाला के जरिए नये बंदरगाहों की स्थापना करने के साथ पुरानों का आधुनिकीकरण कर रहे हैं।
· इसी तरह वर्तमान हवाई अड्डों के आधुनिकीकरण पर भी ध्यान दिया जा रहा है और क्षेत्रीय हवाई अड्डों को आर्थिक और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थानों से जोड़ने पर जोर दिया जा रहा है।
· वित्तीय सेवाओं में भी हम बैंक ऋण और बीमा सहित वित्तीय उत्पादों की अधिक विस्तृत और तेज डिलीवरी की दिशा में बढ़ रहे हैं।
· इसके लिए हमने 14 करोड़ बैंक खाते खोले हैं, बीमा में एफडीआई को बढ़ाकर 49 प्रतिशत किया है और मुद्रा बैंक स्थापित किया है।
· हमने अपने नागरिकों की सामाजिक सुरक्षा बढ़ाने के लिए बीमा और पेंशन की नई योजनाएं घोषित की हैं।
हम अपने युवाओं के लिए नौकरियां सृजित करने के लिए निर्माण को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दे रहे हैं। इसके लिए हमने “मेक इन इंडिया” अभियान शुरू किया है।
जर्मन कंपनियों के लिए यह सभी एक ऐतिहासिक अवसर है। आप मेरी सरकार की दिशा और जो कदम हम उठा रहे हैं उसके बारे में जानते होगें। हम व्यवसाय का माहौल बनाने और उसमें सुधार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मैं आपको आश्वासन देना चाहता हूं जब आप भारत में आने का फैसला कर लेंगे, आप आराम से रहेंगे।
जर्मनी का भारत में विदेशी निवेश करने वाले देशों में आठवां स्थान है। करीब 600 भारत-जर्मन संयुक्त उद्यम भारत में चल रहे हैं। यहां आने और हनोवर मेले में भाग लेने का मेरा उद्देश्य इस बात को उजागर करना है कि भारत-जर्मन आर्थिक सहयोग में काफी संभावनाएं हैं। हालांकि हमारे बीच व्यवसायिक संबंध हैं, लेकिन आर्थिक साझेदारी उतनी नहीं है जितनी दोनों देश चाहते हैं। जर्मनी से निवेश संभावना से कम है और जर्मनी में भारत के निवेश से कम है।
भारत के सामर्थ्य का लाभ उठाने के लिए कुछ और जर्मन कंपनियों के लिए भारत में निवेश की संभावनाएं हैं। ये संभावनाएं निर्माण, बुनियादी ढांचा क्षेत्र, कौशल विकास के क्षेत्र में हैं। मैं जानता हूं कि इस स्थिति के लिए सिर्फ जर्मनी ही जिम्मेदार नहीं है। भारतीय पक्ष भी इसके लिए जिम्मेदार है।
मैं यहां जर्मन कंपनियों को आश्वासन देने आया हूं कि भारत अब एक बदला हुआ देश है। हमारे नियामक क्षेत्र अधिक पारदर्शी और स्थिर हैं।
देश में व्यापार प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए अनेक उपाय किए गए हैं ओर अभी भी चल रहे हैं।
· प्रक्रियाओं की जटिलताओं को समाप्त करना, एक मंच पर उन्हें उपलब्ध कराना, ऑनलाइन बनाना, प्रपत्र और प्रारूपों को सरल बनाने का काम युद्धस्तर पर करना।
· दोनों काम करने के लिए एक तंत्र होना चाहिए इस उद्देश्य के लिए भारत में निवेश एक केन्द्रीय एजेंसी है।
हमारा मानना है कि एफडीआई महत्वपूर्ण है और व्यावसायिक वैश्विक प्रतिस्पर्धा के माहौल के बिना यह देश में नहीं आ सकती। इसलिए इस वर्ष के बजट में हमने उन अनेक मुद्दों को युक्तिसंगत बनाया है जो आपको परेशान कर रहे हैं।
· हमने प्रत्यावर्ती कराधान प्रणाली को खत्म किया है। हमने अपने पहले बजट में कहा था कि पूर्ववर्ती कराधान व्यवस्था का सहारा नहीं लेंगे और अगर यह मुद्दा सामने आया तो इसकी शीर्ष स्तर पर समीक्षा की जाएगी। हमने अनेक ऐसे मामलों में मुकदमेबाजी को नहीं घसीटकर साहसिक कदम उठाए जहां हमें लगता था कि पिछली सरकार ने सही कदम नहीं उठाए थे।
· इस बजट में हमने एआईएफ के जरिए कर पास की इजाजत दी, आरईआईटी के पूंजीगत लाभ को युक्तिसंगत बनाया, पीई नियमों में बदलाव किया और दो वर्ष के लिए जीएएआर का कार्यान्वयन रोका। हम व्यावसायिक माहौल को सुधारने के लिए लगातार कार्य कर रहे हैं।
· हम कराधान प्रणाली में पारदर्शिता और पूर्वानुमेयता शुरू करने का प्रयास कर रहे हैं।
· हमने उद्योग और बुनियादी ढांचे में मंजूरी के काम को तेज किया है। इनमें पर्यावरण मंजूरी, औद्योगिक लाइसेंस देने, रक्षा सामानों को लाइसेंस मुक्त करने और सीमा पार से व्यापार को सरल बनाना शामिल है।
· बहुत थोड़े से समय में हमने संसद में जीएसटी विधेयक पेश किया।
इन उपायों से निवेशकों का विश्वास बढ़ाने में मदद मिली है। निजी निवेश और विदेशी निवेश का अंतर्वाह सकारात्मक है। अप्रैल, 2014 और जनवरी, 2015 के दौरान पिछले वर्ष इसी अवधि की तुलना में एफडीआई में निवेश 36 प्रतिशत तक बढ़ा है।
हमारी विकास दर 7 प्रतिशत से अधिक है। विश्व बैंक, आईएमएफ, अंकटाड, ओईसीडी और अन्य सहित अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों ने आने वाले समय में तेज विकास दर की भविष्यवाणी की है। हाल में मूडी ने भी हमारे द्वारा विभिन्न आर्थिक खंडों में उठाए गए “सकारात्मक” कदमों को ध्यान में रखकर इंडिया की रेटिंग को बढ़ाया है।
मेरी सरकार का प्रयास है कि देश में नवोत्पाद, अनुसंधान और विकास तथा उद्यमिता को प्रोत्साहित किया जाए। इस वर्ष के बजट में हमने इस उद्देश्य के लिए कुछ अभिनव संस्थागत तंत्र स्थापित किए हैं।
इसी तरह बुनियादी ढांचा विकास के लिए हमने कुछ दूरगामी कदम उठाए हैं।
· सबसे पहले हमने सड़कों और रेलवे क्षेत्र के लिए सबसे अधिक आवंटन किया है।
· साथ ही हमने भारत बुनियादी ढांचा क्षेत्र निवेश कोष स्थापित किया है।
· हमने सड़क और रेलवे सहित बुनियादी ढांचा क्षेत्र में कर मुक्त बांडों की इजाजत दी है।
मैं हनोवर मेले की सफलता की कामना करता हूं। मैं सभी भागीदारों की प्रगति और बेहतर भविष्य की कामना करता हूं। मैं इस अवसर का लाभ ज्यादा से ज्यादा जर्मन कंपनियों को भारत आमंत्रित करने के लिए कर रहा हूं। मैं उन्हें हर समर्थन का आश्वासन देता हूं।
मित्रो भारत जर्मन सहयोग बढ़ाना चाहिए और बढ़ेगा मुझे बहुत अच्छे नतीजों की उम्मीद है। आएये आपसी हित के क्षेत्रों और दोनों महान देशों की जनता के कल्याण के लिए मिलकर काम करें।
अंत में मेरी सलाह है कि आप भारत आकर उसके माहौल में बदलाव को महसूस करें। पुरानी धारणाओं को मन में न रखें।
मेक इन इंडिया का प्रतीक शेर बहुत सावधानी से चुना गया है। हम जानते हैं कि आज सबसे बड़ी जरूरत हमारे देश के 65 प्रतिशत युवाओं के लिए नौकरियां सृजित करना है। मेक इन इंडिया जरुरत है और शेर को रोका नहीं जा सकता हमें विश्वास है कि भारत को निर्माण का वैश्विक केन्द्र बनाने की हमारी यात्रा को नहीं रोका जा सकता। हमें जहां भी जरुरी हो वहां सुधार करना चाहिए और हम करेंगे।
एक बार फिर मैं आपको भारत आने का निमंत्रण देता हूं मैं भारत में आपको सफल होने का आश्वासन देता हूं।
मेरे प्यारे देशवासियो, नमस्कार | 2025 बस अब तो आ ही गया है, दरवाजे पर दस्तक दे ही रहा है | 2025 में 26 जनवरी को हमारे संविधान को लागू हुए 75 वर्ष होने जा रहे हैं | हम सभी के लिए बहुत गौरव की बात है | हमारे संविधान निर्माताओं ने हमें जो संविधान सौंपा है वो समय की हर कसौटी पर खरा उतरा है | संविधान हमारे लिए guiding light है, हमारा मार्गदर्शक है | ये भारत का संविधान ही है जिसकी वजह से मैं आज यहाँ हूँ, आपसे बात कर पा रहा हूँ | इस साल 26 नवंबर को संविधान दिवस से एक साल तक चलने वाली कई activities शुरू हुई हैं | देश के नागरिकों को संविधान की विरासत से जोड़ने के लिए constitution75.com नाम से एक खास website भी बनाई गई है | इसमें आप संविधान की प्रस्तावना पढ़कर अपना video upload कर सकते हैं | अलग-अलग भाषाओं में संविधान पढ़ सकते हैं, संविधान के बारे में प्रश्न भी पूछ सकते हैं | ‘मन की बात’ के श्रोताओं से, स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों से, कॉलेज में जाने वाले युवाओं से, मेरा आग्रह है, इस website पर जरूर जाकर देखें, इसका हिस्सा बनें |
साथियो,
अगले महीने 13 तारीख से प्रयागराज में महाकुंभ भी होने जा रहा है | इस समय वहां संगम तट पर जबरदस्त तैयारियाँ चल रही हैं | मुझे याद है, अभी कुछ दिन पहले जब मैं प्रयागराज गया था तो हेलिकॉप्टर से पूरा कुम्भ क्षेत्र देखकर दिल प्रसन्न हो गया था | इतना विशाल! इतना सुंदर! इतनी भव्यता!
साथियो,
महाकुंभ की विशेषता केवल इसकी विशालता में ही नहीं है | कुंभ की विशेषता इसकी विविधता में भी है | इस आयोजन में करोड़ों लोग एक साथ एकत्रित होते हैं | लाखों संत, हजारों परम्पराएँ, सैकड़ों संप्रदाय, अनेकों अखाड़े, हर कोई इस आयोजन का हिस्सा बनता है | कहीं कोई भेदभाव नहीं दिखता है, कोई बड़ा नहीं होता है, कोई छोटा नहीं होता है | अनेकता में एकता का ऐसा दृश्य विश्व में कहीं और देखने को नहीं मिलेगा | इसलिए हमारा कुंभ एकता का महाकुंभ भी होता है | इस बार का महाकुंभ भी एकता के महाकुंभ के मंत्र को सशक्त करेगा | मैं आप सबसे कहूँगा, जब हम कुंभ में शामिल हों, तो एकता के इस संकल्प को अपने साथ लेकर वापस आयें | हम समाज में विभाजन और विद्वेष के भाव को नष्ट करने का संकल्प भी लें | अगर कम शब्दों में मुझे कहना है तो मैं कहूँगा...
महाकुंभ का संदेश, एक हो पूरा देश |
महाकुंभ का संदेश, एक हो पूरा देश |
और अगर दूसरे तरीके से कहना है तो मैं कहूँगा...
गंगा की अविरल धारा, न बँटे समाज हमारा ||
गंगा की अविरल धारा, न बँटे समाज हमारा ||
साथियो,
इस बार प्रयागराज में देश और दुनिया के श्रद्धालु digital महाकुंभ के भी साक्षी बनेंगे | Digital Navigation की मदद से आपको अलग-अलग घाट, मंदिर, साधुओं के अखाड़ों तक पहुँचने का रास्ता मिलेगा | यही navigation system आपको parking तक पहुँचने में भी मदद करेगा | पहली बार कुंभ आयोजन में AI chatbot का प्रयोग होगा | AI chatbot के माध्यम से 11 भारतीय भाषाओं में कुंभ से जुड़ी हर तरह की जानकारी हासिल की जा सकेगी | इस chatbot से कोई भी text type करके या बोलकर किसी भी तरह की मदद मांग सकता है | पूरा मेला क्षेत्र को AI-Powered cameras से cover किया जा रहा है | कुंभ में अगर कोई अपने परिचित से बिछड़ जाएगा तो इन कैमरों से उन्हें खोजने में भी मदद मिलेगी | श्रद्धालुओं को digital lost & found center की सुविधा भी मिलेगी | श्रद्धालुओं को मोबाईल पर government-approved tour packages, ठहरने की जगह और homestay के बारे में भी जानकारी दी जाएगी | आप भी महाकुंभ में जाएँ तो इन सुविधाओं का लाभ उठाएँ और हाँ #एकता का महाकुंभ के साथ अपनी selfie जरूर uplaod करिएगा |
साथियो,
‘मन की बात’ यानि MKB में अब बात KTB की, जो बड़े बुजुर्ग हैं, उनमें से, बहुत से लोगों को KTB के बारे में पता नहीं होगा | लेकिन जरा बच्चों से पूछिए KTB उनके बीच बहुत ही superhit है | KTB यानि कृष, तृष और बाल्टीबॉय | आपको शायद पता होगा बच्चों की पसंदीदा animation series और उसका नाम है KTB – भारत हैं हम और अब इसका दूसरा season भी आ गया है | ये तीन animation character हमें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के उन नायक-नायिकाओं के बारे में बताते हैं जिनकी ज्यादा चर्चा नहीं होती | हाल ही में इसका season-2 बड़े ही खास अंदाज में International Film Festival of India, Goa में launch हुआ | सबसे शानदार बात ये है कि ये series न सिर्फ भारत की कई भाषाओं में बल्कि विदेशी भाषाओं में भी प्रसारित होती है | इसे दूरदर्शन के साथ-साथ अन्य OTT platform पर भी देखा जा सकता है |
साथियो,
हमारी animation फिल्मों की, regular फिल्मों की, टीवी serials की, popularity दिखाती है कि भारत की creative industry में कितनी क्षमता है | यह industry न सिर्फ देश की प्रगति में बड़ा योगदान दे रही है, बल्कि, हमारी economy को भी नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है | हमारी Film & Entertainment industry बहुत विशाल है | देश की कितनी ही भाषाओं में फिल्में बनती हैं, creative content बनता है | मैं अपनी film और entertainment industry को इसलिए भी बधाई देता हूँ, क्योंकि उसने ‘एक भारत – श्रेष्ठ भारत’ के भाव को सशक्त किया है |
साथियो,
वर्ष 2024 में हम फिल्म जगत की कई महान हस्तियों की 100वीं जयंती मना रहे हैं | इन विभूतियों ने भारतीय सिनेमा को विश्व-स्तर पर पहचान दिलाई | राज कपूर जी ने फिल्मों के माध्यम से दुनिया को भारत की soft power से परिचित कराया | रफ़ी साहब की आवाज में वो जादू था जो हर दिल को छू लेता था | उनकी आवाज अद्भुत थी | भक्ति गीत हों या romantic songs, दर्द भरे गाने हों, हर emotion को उन्होंने अपनी आवाज से जीवंत कर दिया | एक कलाकार के रूप में उनकी महानता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आज भी युवा-पीढ़ी उनके गानों को उतनी ही शिद्दत से सुनती है - यही तो है timeless art की पहचान | अक्किनेनी नागेश्वर राव गारू ने तेलुगु सिनेमा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है | उनकी फिल्मों ने भारतीय परंपराओं और मूल्यों को बखूबी प्रस्तुत किया | तपन सिन्हा जी की फिल्मों ने समाज को एक नई दृष्टि दी | उनकी फिल्मों में सामाजिक चेतना और राष्ट्रीय एकता का संदेश रहता था | हमारी पूरी film industry के लिए इन हस्तियों का जीवन प्रेरणा जैसा है |
साथियो,
मैं आपको एक और खुशखबरी देना चाहता हूँ | भारत की creative talent को दुनिया के सामने रखने का एक बहुत बड़ा अवसर आ रहा है | अगले साल हमारे देश में पहली बार World Audio Visual Entertainment Summit यानि WAVES summit का आयोजन होने वाला है | आप सभी ने दावोस के बारे में सुन होगा जहां दुनिया के अर्थजगत के महारथी जुटते हैं | उसी तरह WAVES summit में दुनिया-भर के media और entertainment industry के दिग्गज, creative world के लोग भारत आएंगे | यह summit भारत को global content creation का hub बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है | मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि इस summit की तैयारी में हमारे देश के young creators भी पूरे जोश से जुड़ रहे हैं | जब हम 5 trillion dollar economy की ओर बढ़ रहे हैं, तब हमारी creator economy एक नई energy ला रही है | मैं भारत की पूरी entertainment और creative industry से आग्रह करूंगा – चाहे आप young creator हों या established artist, Bollywood से जुड़े हों, या regional cinema से, TV industry के professional हों, या animation के expert, gaming से जुड़े हों या entertainment technology के innovator, आप सभी WAVES summit का हिस्सा बनें |
मेरे प्यारे देशवासियो,
आप सभी जानते हैं कि भारतीय संस्कृति का प्रकाश आज कैसे दुनिया के कोने-कोने में फैल रहा है | आज मैं आपको तीन महाद्वीपों से ऐसे प्रयासों के बारे में बताऊंगा, जो हमारी सांस्कृतिक विरासत के वैश्विक विस्तार की गवाह है | ये सभी एक दूसरे से मिलों दूर हैं | लेकिन भारत को जानने और हमारी संस्कृति से सीखने की उनकी ललक एक जैसी है |
साथियो,
Paintings का संसार जितना रंगों से भरा होता है, उतना ही खूबसूरत होता है | आप में से जो लोग टीवी के माध्यम से ‘मन की बात’ से जुड़े हैं, वे अभी कुछ paintings टीवी पर देख भी सकते हैं | इन Paintings में हमारे देवी-देवता, नृत्य की कलाएं और महान विभूतियों को देखकर आपको बहुत अच्छा लगेगा | इनमें आपको भारत में पाए जाने वाले जीव-जंतुओं से लेकर और भी बहुत कुछ देखने को मिलेगा | इनमें ताजमहल की एक शानदार Painting भी शामिल है, जिसे 13 साल की एक बच्ची ने बनाया है | आपको ये जानकार हैरानी होगी इस दिव्यांग बच्ची ने अपने मुहँ से इस panting को तैयार किया है | सबसे दिलचस्प बात यह है कि इन Painting को बनाने वाले भारत के नहीं, बल्कि Egypt के students हैं, वहाँ के विद्यार्थी हैं | कुछ ही हफ्ते पहले Egypt के करीब 23 हजार students ने एक painting प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था | वहाँ उन्हें भारत की संस्कृति और दोनों देशों के ऐतिहासिक संबंधों को बताने वाली paintings तैयार करनी थी | मैं इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले सभी युवाओं की सराहना करता हूँ | उनकी creativity की जितनी भी प्रशंसा की जाए वो कम है |
साथियो,
दक्षिण अमेरिका का एक देश है पराग्वे | वहाँ रहने वाले भारतीयों की संख्या एक हजार से ज्यादा नहीं होगी | पराग्वे में एक अद्भुत प्रयास हो रहा है | वहाँ भारतीय दूतावास में एरीका ह्युबर free आयुर्वेद consultation देती हैं | आयुर्वेद की सलाह लेने के लिए आज उनके पास स्थानीय लोग भी बड़ी संख्या में पहुँच रहे हैं | एरीका ह्युबर ने भले ही engineering की पढ़ाई की हो, लेकिन उनका मन तो आयुर्वेद में ही बसता है | उन्होंने आयुर्वेद से जुड़े Courses किए थे और समय के साथ वे इसमें पारंगत होती चली गई |
साथियो,
ये हमारे लिए बहुत गर्व की बात है कि दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा तमिल है और हर हिन्दुस्तानी को इसका गर्व है | दुनियाभर के देशों में इसे सीखने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है | पिछले महीने के आखिर में फ़िजी में भारत सरकार के सहयोग से Tamil Teaching Programme शुरू हुआ | बीते 80 वर्षों में यह पहला अवसर है, जब फ़िजी में तमिल के Trained Teachers इस भाषा को सिखा रहे हैं | मुझे ये जानकार अच्छा लगा कि आज फ़िजी के students तमिल भाषा और संस्कृति को सीखने में काफी दिलचस्पी ले रहे हैं |
साथियो,
ये बातें, ये घटनाएं, सिर्फ सफलता की कहानियाँ नहीं है | ये हमारी सांस्कृतिक विरासत की भी गाथाएं हैं | ये उदाहरण हमें गर्व से भर देते हैं | Art से आयुर्वेद तक और Language से लेकर Music तक, भारत में इतना कुछ है, जो दुनिया में छा रहा है |
साथियो,
सर्दी के इस मौसम में देश-भर से खेल और fitness को लेकर कई activities हो रही हैं | मुझे खुशी है कि लोग fitness को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना रहे हैं | कश्मीर में Skiing से लेकर गुजरात में पतंगबाजी तक, हर तरफ, खेल का उत्साह देखने को मिल रहा है | #SundayOnCycle और #CyclingTuesday जैसे अभियानों से Cycling को बढ़ावा मिल रहा है |
साथियो,
अब मैं आपको एक ऐसी अनोखी बात बताना चाहता हूँ जो हमारे देश में आ रहे बदलाव और युवा साथियों के जोश और जज्बे का प्रतीक है | क्या आप जानते हैं कि हमारे बस्तर में एक अनूठा Olympic शुरू हुआ है! जी हाँ, पहली बार हुए बस्तर Olympic से बस्तर में एक नई क्रांति जन्म ले रही है | मेरे लिए ये बहुत ही खुशी की बात है कि बस्तर Olympic का सपना साकार हुआ है | आपको भी ये जानकार अच्छा लगेगा कि यह उस क्षेत्र में हो रहा है, जो कभी माओवादी हिंसा का गवाह रहा है | बस्तर Olympic का शुभंकर है – ‘वन भैंसा’ और ‘पहाड़ी मैना’ | इसमें बस्तर की समृद्ध संस्कृति की झलक दिखती है | इस बस्तर खेल महाकुंभ का मूल मंत्र है –
‘करसाय ता बस्तर बरसाए ता बस्तर’
यानि ‘खेलेगा बस्तर – जीतेगा बस्तर’ |
पहली ही बार में बस्तर Olympic में 7 जिलों के एक लाख 65 हजार खिलाड़ियों ने भाग लिया है | यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है – यह हमारे युवाओं के संकल्प की गौरव-गाथा है | Athletics, तीरंदाजी, Badminton, Football, Hockey, Weightlifting, Karate, कबड्डी, खो-खो और Volleyball – हर खेल में हमारे युवाओं ने अपनी प्रतिभा का परचम लहराया है | कारी कश्यप जी की कहानी मुझे बहुत प्रेरित करती है | एक छोटे से गांव से आने वाली कारी जी ने तीरंदाजी में रजत पदक जीता है | वे कहती हैं – “बस्तर Olympic ने हमें सिर्फ खेल का मैदान ही नहीं, जीवन में आगे बढ़ने का अवसर दिया है” | सुकमा की पायल कवासी जी की बात भी कम प्रेरणादायक नहीं है | Javelin Throw में स्वर्ण पदक जीतने वाली पायल जी कहती हैं – “अनुशासन और कड़ी मेहनत से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है” | सुकमा के दोरनापाल के पुनेम सन्ना जी की कहानी तो नए भारत की प्रेरक कथा है | एक समय नक्सली प्रभाव में आए पुनेम जी आज wheelchair पर दौड़कर मेडल जीत रहे हैं | उनका साहस और हौसला हर किसी के लिए प्रेरणा है | कोडागांव के तीरंदाज रंजू सोरी जी को ‘बस्तर youth icon’ चुना गया है | उनका मानना है – बस्तर Olympic दूरदराज के युवाओं को राष्ट्रीय मंच तक पहुंचाने का अवसर दे रहा है |
साथियो,
बस्तर Olympic केवल एक खेल आयोजन नहीं है I यह एक ऐसा मंच है जहां विकास और खेल का संगम हो रहा है I जहां हमारे युवा अपनी प्रतिभा को निखार रहे हैं और एक नए भारत का निर्माण कर रहे हैं I मैं आप सभी से आग्रह करता हूँ :
अपने क्षेत्र में ऐसे खेल आयोजनों को प्रोत्साहित करें
#खेलेगा भारत – जीतेगा भारत के साथ अपने क्षेत्र की खेल प्रतिभाओं की कहानियां साझा करें
स्थानीय खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का अवसर दें
याद रखिए, खेल से, न केवल शारीरिक विकास होता है, बल्कि ये Sportsman spirit से समाज को जोड़ने का भी एक सशक्त माध्यम है I तो खूब खेलिए-खूब खिलिए |
मेरे प्यारे देशवासियो,
भारत की दो बड़ी उपलब्धियां आज विश्व का ध्यान आकर्षित कर रही हैं I इन्हें सुनकर आपको भी गर्व महसूस होगा I ये दोनों सफलताएं स्वास्थ्य के क्षेत्र में मिली हैं I पहली उपलब्धि मिली है – मलेरिया से लड़ाई में | मलेरिया की बीमारी चार हजार वर्षों से मानवता के लिए एक बड़ी चुनौती रही है I आजादी के समय भी यह हमारी सबसे बड़ी स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक थी I एक महीने से लेकर पांच साल तक के बच्चों की जान लेने वाली सभी संक्रामक बीमारियों में मलेरिया का तीसरा स्थान है I आज, मैं संतोष से कह सकता हूँ कि देशवासियों ने मिलकर इस चुनौती का दृढ़ता से मुकाबला किया है I विश्व स्वास्थ्य संगठन – WHO की रिपोर्ट कहती है – “भारत में 2015 से 2023 के बीच मलेरिया के मामलों और इससे होने वाली मौतों में 80 प्रतिशत की कमी आई है” I यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है I सबसे सुखद बात यह है, यह सफलता जन-जन की भागीदारी से मिली है I भारत के कोने-कोने से, हर जिले से हर कोई इस अभियान का हिस्सा बना है I असम में जोरहाट के चाय बागानों में मलेरिया चार साल पहले तक लोगों की चिंता की एक बड़ी वजह बना हुआ था I लेकिन जब इसके उन्मूलन के लिए चाय बागान में रहने वाले एकजुट हुए, तो इसमें काफी हद तक सफलता मिलने लगी I अपने इस प्रयास में उन्होनें Technology के साथ-साथ Social media का भी भरपूर इस्तेमाल किया है I इसी तरह हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले ने मलेरिया पर नियंत्रण के लिए बड़ा अच्छा model पेश किया I यहां मलेरिया की monitoring के लिए जनभागीदारी काफी सफल रही है I नुक्कड़ नाटक और रेडियो के जरिए ऐसे संदेशों पर जोर दिया गया, जिससे मच्छरों की breeding कम करने में काफी मदद मिली है I देश-भर में ऐसे प्रयासों से ही हम मलेरिया के खिलाफ जंग को और तेजी से आगे बढ़ा पाए है I
साथियो,
अपनी जागरूकता और संकल्प शक्ति से हम क्या कुछ हासिल कर सकते हैं, इसका दूसरा उदाहरण है cancer से लड़ाई I दुनिया के मशहूर Medical Journal Lancet की study वाकई बहुत उम्मीद बढ़ाने वाली है I इस Journal के मुताबिक अब भारत में समय पर cancer का इलाज शुरू होने की संभावना काफी बढ़ गई है I समय पर इलाज का मतलब है – cancer मरीज का treatment 30 दिनों के भीतर ही शुरू हो जाना और इसमें बड़ी भूमिका निभाई है – ‘आयुष्मान भारत योजना’ ने | इस योजना की वजह से cancer के 90 प्रतिशत मरीज, समय पर अपना इलाज शुरू करा पाए हैं | ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि पहले पैसे के अभाव में गरीब मरीज cancer की जांच में, उसके इलाज से कतराते थे I अब ‘आयुष्मान भारत योजना’ उनके लिए बड़ा संबल बनी है I अब वो आगे बढ़कर अपना इलाज कराने के लिए आ रहे हैं I ‘आयुष्मान भारत योजना’ ने cancer के इलाज में आने वाली पैसों की परेशानी को काफी हद तक कम किया है I अच्छा ये भी है, कि आज समय पर, cancer के इलाज को लेकर, लोग, पहले से कहीं अधिक जागरूक हुए हैं I यह उपलब्धि जितनी हमारे Healthcare system की है, डॉक्टरों, नर्सों और Technical staff की है, उतनी ही, आप, सभी मेरे नागरिक भाई-बहनों की भी है I सबके प्रयास से cancer को हारने का संकल्प और मजबूत हुआ है I इस सफलता का credit उन सभी को जाता है, जिन्होनें जागरूकता फैलाने में अपना अहम योगदान दिया है I
Cancer से मुकाबले के लिए एक ही मंत्र है - Awareness, Action और Assurance. Awareness यानि cancer और इसके लक्षणों के प्रति जागरूकता, Action यानि समय पर जांच और इलाज, Assurance यानि मरीजों के लिए हर मदद उपलब्ध होने का विश्वास I आईए, हम सब मिलकर cancer के खिलाफ इस लड़ाई को तेजी से आगे ले जाएं और ज्यादा-से-ज्यादा मरीजों की मदद करें I
मेरे प्यारे देशवासियो,
आज मैं आपको ओडिशा के कालाहांडी के एक ऐसे प्रयास की बात बताना चाहता हूँ, जो कम पानी और कम संसाधनों के बावजूद सफलता की नई गाथा लिख रहा है | ये है कालाहांडी की ‘सब्जी क्रांति’ | जहां, कभी किसान, पलायन करने को मजबूर थे, वहीं आज, कालाहांडी का गोलामुंडा ब्लॉक एक vegetable hub बन गया है | यह परिवर्तन कैसे आया? इसकी शुरुआत सिर्फ 10 किसानों के एक छोटे से समूह से हुई | इस समूह ने मिलकर एक FPO - ‘किसान उत्पाद संघ’ की स्थापना की, खेती में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल शुरू किया, और आज उनका ये FPO करोड़ों का कारोबार कर रहा है | आज 200 से अधिक किसान इस FPO से जुड़े हैं, जिनमें 45 महिला किसान भी हैं | ये लोग मिलकर 200 एकड़ में टमाटर की खेती कर रहे हैं, 150 एकड़ में करेले का उत्पादन कर रहे हैं | अब इस FPO का सालाना turnover भी बढ़कर डेढ़ करोड़ से ज्यादा हो गया है | आज कालाहांडी की सब्जियां, न केवल ओडिशा के विभिन्न जिलों में, बल्कि, दूसरे राज्यों में भी पहुँच रही हैं, और वहाँ का किसान, अब, आलू और प्याज की खेती की नई तकनीकें सीख रहा है |
साथियो,
कालाहांडी की यह सफलता हमें सिखाती है कि संकल्प शक्ति और सामूहिक प्रयास से क्या नहीं किया जा सकता | मैं आप सभी से आग्रह करता हूँ :-
अपने क्षेत्र में FPO को प्रोत्साहित करें
किसान उत्पादक संगठनों से जुड़ें और उन्हें मजबूत बनाएं |
याद रखिए – छोटी शुरुआत से भी बड़े परिवर्तन संभव हैं | हमें, बस, दृढ़ संकल्प और टीम भावना की जरूरत है |
साथियो,
आज की ‘मन की बात’ में हमने सुना, कि कैसे हमारा भारत, विविधता में एकता के साथ आगे बढ़ रहा है | चाहे वो खेल का मैदान हो या विज्ञान का क्षेत्र, स्वास्थ हो या शिक्षा – हर क्षेत्र में भारत नई ऊंचाइयों को छू रहा है | हमने एक परिवार की तरह मिलकर हर चुनौती का सामना किया और नई सफलताएं हासिल की | 2014 से शुरू हुए ‘मन की बात’ के 116 episodes में मैंने देखा है कि ‘मन की बात’ देश की सामूहिक शक्ति का एक जीवंत दस्तावेज़ बन गया है | आप सभी ने इस कार्यक्रम को अपनाया, अपना बनाया | हर महीने आपने अपने विचारों और प्रयासों को साझा किया | कभी किसी young innovator के idea ने प्रभावित किया, तो कभी किसी बेटी की achievement ने गौरवान्वित किया | ये आप सभी की भागीदारी है जो देश के कोने-कोने से positive energy को एक साथ लाती है | ‘मन की बात’ इसी positive energy के amplification का मंच बन गया है, और अब, 2025 दस्तक दे रहा है | आने वाले साल में ‘मन की बात’ के माध्यम से हम और भी inspiring प्रयासों को साझा करेगें | मुझे विश्वास है कि देशवासियों की positive सोच और innovation की भावना से भारत नई ऊंचाइयों को छूएगा | आप अपने आस-पास के unique प्रयासों को #Mannkibaat के साथ share करते रहिए | मैं जानता हूँ कि अगले साल की हर ‘मन की बात’ में हमारे पास एक दूसरे से साझा करने के लिए बहुत कुछ होगा | आप सभी को 2025 की ढ़ेर सारी शुभकामनाएं | स्वस्थ रहें, खुश रहें, Fit India Movement में आप भी जुड़ जाइए, खुद को भी fit रखिए | जीवन में प्रगति करते रहें |
Kids' favourite KTB - Krish, Trish and Baltiboy is back with Season 2. It celebrates the unsung heroes of India's freedom struggle.#MannKiBaatpic.twitter.com/LaJNd0Zmqf