प्रधानमंत्री ने 2015 के बाद का विकास एजेंडा अपनाने के लिए आयोजित संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन को संबोधित किया
गरीबी उन्मूलन हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है: प्रधानमंत्री
शिक्षा और कौशल विकास हमारी प्राथमिकताएं हैं: प्रधानमंत्री
हमारे सामूहिक प्रयासों का सिद्धांत है - सामान्य लेकिन अलग-अलग जिम्मेदारियां: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के ‘अंत्योदय’ के विचारों को याद किया
भारत सरकार बहुत बड़े पैमाने पर वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में काम कर रही है: प्रधानमंत्री मोदी
पूरे विश्व में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की बात होती है। हमने व्यक्तिगत क्षेत्र पर ध्यान केन्द्रित किया है: प्रधानमंत्री
हम कृषि को और अधिक उत्पादक बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं: प्रधानमंत्री
सतत विकास सुनिश्चित करने की हमारी योजना उद्देश्यपूर्ण और महत्वाकांक्षी: प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन के दौरान जलवायु के साथ न्याय (क्लाइमेट जस्टिस) की बात कही
सुरक्षा परिषद समेत संयुक्त राष्ट्र में भी सुधार अनिवार्य है ताकि इसका औचित्य एवं इसकी विश्वसनीयता बनी रहे: प्रधानमंत्री
समूचा विश्व एक दूसरे से जुड़ा है और एक-दूसरे पर निर्भर है। हमारी भागीदारी मानवता की प्रगति पर केंद्रित होनी चाहिए: प्रधानमंत्री
हम पूरे विश्व को एक परिवार के रूप में देखते हैं: प्रधानमंत्री मोदी

माननीय, 

आधुनिक महानायक महात्मा गांधी ने कहा - ‘हम उस भावी विश्व के लिए भी चिंता करें जिसे हम नहीं देख पाएंगे।‘

जब-जब विश्व ने एक साथ आकर भविष्य के प्रति अपने दायित्व को निभाया है मानवता के विकास को सही दिशा और एक नया संबल मिला है।

सत्तर साल पहले जब एक भयानक विश्व युद्ध का अंत हुआ था। तब इस संघठन के रूप में एक नयी आशा ने जन्म लिया था। आज हम फिर मानवता की नई दिशा तय करने के लिए यहाँ एकत्रित हुए हैं। मैं इस महत्वपूर्ण शिखर सम्मलेन के आयोजन के लिए महासचिव महोदय को ह्रदय से बधाई देता हूँ।

एजेंडा – 2030 का विज़न महत्वाकांक्षी है और उद्देश्य उतने ही व्यापक हैं। यह उन समस्याओं को प्राथमिकता देता है, जो पिछले कई दशकों से चल रही हैं। साथ ही साथ यह सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरण के विषय में हमारी परिपक्व होती हुई सोच को भी दर्शाता है।

यह ख़ुशी की बात है की हम सब गरीबी से मुक्त विश्व का सपना देख रहे है। हमारे निर्धारित लक्ष्यों में गरीबी उन्मूलन सब से ऊपर है। आज दुनिया में 1.3 billion लोग गरीबी की दयनीय जिंदगी जीने के लिए मजबूर है।

हमारे सामने प्रश्न केवल यह नहीं है की गरीबो की आवश्यकताओं को कैसे पूरा किया जाये। और न ही यह केवल गरीबो के अस्तित्व और सम्मान तक ही सीमित प्रश्न है। साथ ही यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी मात्र है ऐसा मानने का भी प्रश्न नहीं है। अगर हम सब का साझा संकल्प है की –

- विश्व शांतिपूर्ण हो
- व्यवस्था न्यायपूर्ण हो
- और विकास sustainable हो

तो गरीबी के रहते यह कभी भी सम्भव नहीं होगा। इसलिए गरीबी को मिटाना यह हम सब का पवित्र दायित्व है।

भारत के महान विचारक पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारो का केंद्र अन्त्योदय रहा है। UN के एजेंडा 2030 में भी अन्त्योदय की महक आती है। भारत दीनदयाल जी के जन्मसती वर्ष को मनाने की तैयारी कर रहा है, तब यह निश्चित ही एक सुखद संयोग है।

भारत environmental goals के अंतर्गत climate change और sustainable consumption को दिए गये महत्व का स्वागत करता हैं। आज विश्व Island States की चिंता कर रहा है और ऐसे राष्ट्रों के भविष्य पर ध्यान केंद्रित करता है, यह स्वागत योग्य है। और इनके ecosystem पर अलग से लक्ष्य निर्धारण, मैं उसे एक अहम कदम मानता हूँ।

मैं Blue Revolution का पक्षधर हूं, जिसमें हमारे छोटे- छोटे Islands राष्ट्रों की रक्षा एवम समृद्धि, सामुद्रिक संपत्ति का नयोचित उपयोग और नीला आसमान, ये तीनो बातें सम्मलित है।

हम भारत के लोगों को लिए ये संतोष का विषय है कि भारत ने विकास का जो मार्ग चुना है, उसके और UN द्वारा प्रस्तावित Sustainable Development Goals के बीच बहुत सारी समानताएं हैं। भारत आजाद हुआ तब से गरीबी से मुक्ति पाने का सपना हम सबने संजोया है। हमने गरीबों को सशक्त बनाकर गरीबी को पराजित करने का मार्ग चुना है। शिक्षा एवं Skill Development, यह हमारी प्राथमिकता है। गरीब को शिक्षा मिले और उसके हाथ में हुनर हो, यह हमारा प्रयास है।

हमने निर्धारित समय सीमा में Financial Inclusion पर mission-mode में काम किया है। 180 million नए बैंक खाते खोले गए। यह गरीबों का सबसे बड़ा empowerment है। गरीबों को मिलने वाले लाभ सीधे खाते में पहुंच रहे है। गरीबों को बीमा योजनाओं का सीधे लाभ मिले, इसकी महत्वाकांक्षी योजना आगे बढ़ रही है।

भारत में बहुत कम लोगों के पास पेंशन सुविधा है। गरीबों तक पेंशन की सुविधा पहुंचे इसलिए पेंशन योजनाओ के विस्तार का काम किया है। आज गरीब से गरीब व्यक्ति में गरीबी के खिलाफ लड़ाई लड़ने की उमंग जगी है। नागरिकों के मन में सपने सच होने का विश्वास पैदा हुआ है।



विश्व में आर्थिक विकास की चर्चा दो ही sector तक सीमित रही है। या तो Public sector की चर्चा होती है या Private sector की चर्चा होती है। हमने एक नए sector पर ध्यान केंद्रित किया है और वह है personal sector. Public sector, Private sector और Personal sector. भारत के लिए Personal sector का मतलब है कि individual enterprise, जिसमें micro finance हो, innovation हो, start-up की तरह नया movement हो।

सबके लिए आवास, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ और स्वच्छता हमारी प्राथमिकता हैं। ये सभी एक गरिमामय जीवन के लिए अनिवार्य हैं। इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक ठोस योजना और एक निश्चित समय सीमा तय की गई है। महिला सशक्तिकरण हमारे विकास कार्यक्रमों का एक महत्वपूर्ण अंग है। जिसमे हमने ‘बेटी बचाओ – बेटी पढाओ’ इसे घर घर का मंत्र बना दिया है।

हम अपने खेतों को अधिक उपजाऊ तथा बाजार से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ बना रहे हैं। साथ ही प्राकृतिक अनिश्चितताओं के चलते किसानों के जोखिमों को कम करने के लिए अनेक कदम उठाये जा रहे हैं।

हम manufacturing को revive कर रहे हैं, service sector में सुधार कर रहे हैं। Infrastructure के क्षेत्र में हम अभूतपूर्व स्तर पर निवेश कर रहे हैं और अपने शहरों को smart, sustainable तथा जीवंत development centers के रूप में विकसित कर रहे हैं।

सम्रद्धि की ओर जाने का हमारा मार्ग sustainable हो, इसके लिए हम कटिबद्ध है। इस कटिबद्धता का मूल निश्चित रूप से हमारी परम्परा और संस्कृति से जुड़े होना है। लेकिन साथ ही यह भविष्य के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को भी दिखाती है।

मै उस संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता हूँ जहां धरती को माँ कहते है और मानते हैं। वेद उदघोष करते है -

"माता भूमि: पुत्रो अहं पृथिव्या"

ये धरती हमारी माता है और हम इसके पुत्र है।

हमारी योजनाएं महत्वाकांक्षी और उद्देश्यपूर्ण हैं, जैसे :

• अगले 7 वर्षों में 175 गीगावॉट (GW) renewable energy की क्षमता का विकास

• Energy effeciency पर बल

• बहुत बड़ी मात्र में वृक्षारोपण का कार्यक्रम

• कोयले पर विशेष टैक्स

• परिवहन व्यवस्था में सुधार,

• शहरों और नदियों की सफाई।

• Waste to wealth की movement

मानवता के छठे हिस्से का sustainable development समस्त विश्व के लिए तथा हमारी सुंदर वसुंधरा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

निश्चित रूप से यह दुनिया कम चुनौतियों और व्यापक उम्मीदों वाली दुनिया होगी। जो अपनी सफलता को लेकर अधिक आश्वस्त होगी।

हम अपनी सफलता और resources दूसरो के साथ बांटेंगे। भारतीय परम्परा में पूरे विश्व को एक परिवार के रूप में देखा जाता है।

"उदारचरितानाम तु वसुधैव कुटुंबकम"

उदार बुद्धि वालों के लिए तो सम्पूर्ण संसार एक परिवार होता है, कुटुंब है

आज भारत, एशिया तथा अफ्रीका और प्रशांत महासागर से अटलांटिक महासागर में स्थित छोटे छोटे Island States के साथ development partner के रूप में अपने दायित्व का निर्वहन कर रहा है।

Sustainable development सभी देशों के लिए राष्ट्रीय उत्तरदायित्व का विषय है। साथ ही उन्हें नीति निर्धारण के लिए विकल्पों की आवश्यकता होती है।

आज हम यहाँ संयुक्त राष्ट्र में इसलिए हैं, क्योंकि हम सभी यह मानते हैं कि अंतरराष्ट्रीय साझेदारी अनिवार्य रूप से हमारे सभी प्रयासों के केंद्र में होनी चाहिए। फिर चाहे यह development हो या climate change की चुनौती हो।

हमारे सामूहिक प्रयासों का सिद्धांत है – common but differentiated responsibilities.

अगर हम climate change की चिंता करते है तो कही न कही हमारे निजी सुख को सुरक्षित करने की बू आती है। लेकिन यदि हम climate justice की बात करते है तो गरीबो को प्राकतिक आपदाओ में सुरक्षित रखने का एक संवेदनशील संकल्प उभर कर आता है।

Climate change की चुनौती से निपटने में उन समाधानों पर बल देने की आवश्यकता है जिनसे हम अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में सफल हो सकें। हमें एक वैश्विक जन-भागीदारी का निर्माण करना होगा। जिसके बल पर technology, innovation और finance का उपयोग करते हुए हम clean और renewable energy को सर्व सुलभ बना सकें।

हमें अपनी जीवनशैली में भी बदलाव करने की आवश्यकता है, ताकि ऊर्जा पर हमारी निर्भरता कम हो और हम sustainable consumption की ओर बढ़े।

साथ ही एक Global Education Programme शुरू करने की आवश्यकता है। जो हमारी अगली पीढ़ी को प्रकृति के रक्षण एवं संवर्धन के लिए तैयार करे।

मैं आशा करता हूँ कि विकसित देश development और climate change के लिए अपनी वित्तीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करेंगे, without in anyway putting both under the same head.

मैं यह भी आशा करता हूँ कि technology facilitation mechanism, technology और innovation को विश्व के कल्याण का माध्यम बनाने में सफल होगा। यह मात्र निजी लाभ तक सीमित नहीं रह जायेंगे।

जैसा कि हम देख रहे हैं, दूरी के कारण चुनौतियों से छुटकारा नहीं है। सुदूर देशों में चल रहे संघर्ष और अभाव की छाया से भी वे उठ खड़ी हो सकती हैं। समूचा विश्व एक दुसरे से जुड़ा है, एक दुसरे पर निर्भर है और एक दुसरे से सम्बंधित है। इसलिए हमारी अंतरराष्ट्रीय सांझेदारिओं को भी पूरी मानवता के कल्याण को अपने केंद्र में रखना होगा।

सुरक्षा परिषद समेत संयुक्त राष्ट्र में भी सुधार अनिवार्य है। ताकि इसकी विश्वसनीयता तथा औचित्य बना रहा सके। साथ ही व्यापक प्रतिनिधित्व के द्वारा हम अपने उद्देश्यों की प्राप्ति अधिक प्रभावी रूप से कर सकेंगे।

हम एक ऐसे विश्व का निर्माण करें जहां प्रत्येक जीव मात्र सुरक्षित महसूस करे, उसे अवसर उपलब्ध हों और सम्मान मिले। हम अपनी भावी पीढ़ी के लिए अपने पर्यावरण को और भी बेहतर स्थिति में छोड़ कर जाएँ। निश्चित रूप से इससे अधिक महान कोई और उद्देश्य नहीं हो सकता। परन्तु यह भी सच है की कोई भी उद्देश्य इससे अधिक चुनौतीपूर्ण भी नहीं है।

आज 70 वर्ष की आयु के संयुक्त राष्ट्र में हम सब से अपेक्षा है कि हम अपने विवेक, अनुभव, उदारता, सहृदयता, कौशल एवं तकनीकी के माध्यम से इस चुनौती पर विजय प्राप्त करें।

मुझे दृढ विश्वास है कि हम ऐसा कर सकेंगे।

अंत में मै सबके कल्याण की मंगल कामना करता हूँ –

सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु: मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत्।।



सभी सुखी हों, सभी निरोगी हों, सभी कल्याणकारी देखे , किसी को भी किसी प्रकार का दु:ख न हो।

इसी मंगल कामना के साथ आप सब का बहुत बहुत धन्यवाद!

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
'You Are A Champion Among Leaders': Guyana's President Praises PM Modi

Media Coverage

'You Are A Champion Among Leaders': Guyana's President Praises PM Modi
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
PM Modi congratulates hockey team for winning Women's Asian Champions Trophy
November 21, 2024

The Prime Minister Shri Narendra Modi today congratulated the Indian Hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy.

Shri Modi said that their win will motivate upcoming athletes.

The Prime Minister posted on X:

"A phenomenal accomplishment!

Congratulations to our hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy. They played exceptionally well through the tournament. Their success will motivate many upcoming athletes."