भारत माता की - जय,
भारत माता की - जय,
भारत माता की - जय
मंच पर उपस्थित सभी महानुभव और दूर-दूर से आए हुए और दूर-दूर तक खड़े हुए सभी मेरे प्यारे भाईयो और बहनों।
नई सरकार बनने के बाद जिन कुछ राज्यों में मुझे सबसे पहले जाने का अवसर मिला, उनमें से झारखंड भी एक है। यही प्रभात मैदान, प्रभात तारा मैदान, सुबह का समय और हम सभी योग कर रहे थे और बारिश भी हम पर आशीर्वाद दे रही थी। आज जब फिर इस मैदान में आया तो अनेक पुरानी यादें ताजा हो गईं। यही वो मैदान जहां से आयुष्मान भारत योजना पिछले सितंबर में आरंभ हुई थी।
साथियों, आज झारखंड की पहचान में एक और बात जोड़ने का मुझे सौभाग्य मिला है। भाईयो और बहनों आपके झारखंड की नई पहचान बनने जा रही है कि ये वो राज्य हैं जो गरीब और जनजातीय समुदाय के हितों की बड़ी योजनाओं का एक प्रकार से लॉन्चिंग पैड है। यानी जब देश में इस बात की चर्चा होगी कि गरीबों से जुड़ी बड़ी योजनाएं किस राज्य से शुरू हुई तो उसमें झारखंड का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में आएगा। यही झारखंड से दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ एश्योरेंस स्कीम आयुष्मान भारत की शुरुआत हुई थी और आज देश के लाखों लोग जो पैसों के अभाव में इलाज नहीं करवा पाते थे उनका इलाज हुआ है, वो आशीर्वाद बरसा रहे हैं। वो आशीर्वाद झारखंड को भी पहुंच रहा है।
आज पूरे देश के करोड़ों किसानों को पेंशन सुनिश्चित करने वाली प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना की शुरुआत भी झारखंड की बिरसा मुंडा की धरती से इसका प्रारंभ हो रहा है। इतना ही नहीं देश के करोड़ों व्यापारियों और स्वरोजगारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना की शुरूआत भी झारखंड से हो रही है। मैं इस महान धरती से देश भर के किसानों और व्यापारियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
यानी हमनें कभी देश के असंगठित कामगारों को पेंशन की योजना दी बाद में किसानों के लिए पेंशन योजना उसके बाद व्यापारियों और स्वरोजगारी के लिए पेंशन योजना यानी एक प्रकार से देश को बनाने में जिनकी बहुत बड़ी भूमिका है ऐसे समाज के सभी वर्गों को बुढापे में मुसीबत में जीना न पड़े उसकी गांरटी ये पेंशन योजना लेकर के आई है।
साथियों, आज मुझे साहिबगंज मल्टी-मॉडल टर्मिनल का उद्घाटन करने का सौभाग्य भी मिला है और हमारे मंत्री श्रीमान मनसुख मांडविया जी वहां बैठे हैं। संथाल परगणा के बहुत लोग भी आज इस बड़े महत्वपूर्ण अवसर के महासाक्षी बने हैं। और ये प्रोजेक्ट सिर्फ झारखंड का नहीं, ये हिन्दुस्तान को भी और दुनिया को भी झारखंड की नई पहचान देने वाला है। ये सिर्फ एक और प्रोजेक्ट नहीं है, बल्कि इस पूरे क्षेत्र को परिवहन का नया विकल्प दे रहा है।
ये टर्मिनल National water way one हल्दिया बनारस जलमार्ग विकास परियोजना का एक अहम हिस्सा है। ये जलमार्ग झारखण्ड को पूरे देश से ही नहीं, बल्कि विदेश से भी जोड़ेगा। इसके माध्यम से झारखंड के लोगों के लिए विकास की अपार संभावनाएं खुलने वाली हैं। इस टर्मिनल से यहां के आदिवासी भाई-बहनों को, यहां के किसानों को, अपने उत्पाद अब पूरे देश के बाज़ारों में और आसानी से पहुँच पाने में सुविधा होगी। इसी तरह, जलमार्ग के कारण, उत्तर भारत से झारखंड समेत पूर्वोत्तर के नार्थ ईस्ट के राज्य आसाम, नागालैंड, मिजोरम, मेघालय इन सब राज्यों तक अब झारखंड का जो पैदावर है, वो वहां तक पहुँचाना सरल हो जाएगा। ये टर्मिनल रोजगार के नए अवसर भी तैयार करेगा। प्रगति की दृष्टि से देखें या पर्यावरण की दृष्टि से ये जलमार्ग बहुत ही लाभकारी सिद्ध होगा और रोड से जो सामान जाता है उसका जितना खर्चा होता है पानी के मार्ग से जब जाता है तो खर्चा बहुत कम हो जाता है। इसका लाभ भी हर उत्पादक को, हर व्यापारी को, हर खरीददार को मिलेगा।
भाईयो और बहनों चुनाव के समय मैंने आपसे कामदार और दमदार सरकार देने का वायदा किया था। एक ऐसी सरकार जो पहले से भी ज्यादा तेज गति से काम करेगी। एक ऐसी सरकार जो आपकी आंकाक्षाओं को पूरा करने के लिए पूरी ताकत लगा देगी। बीते सौ दिन में देश ने इसका ट्रैलर देख लिया है अभी फिल्म बाकी है।
हमारा संकल्प है, हर घर जल पहुंचाने का, आज देश जल जीवन मिशन को पूरा करने के लिए निकल पड़ा है। हमारा संकल्प है मुस्लिम बहनों के अधिकारों की रक्षा का, सौ दिन के भीतर ही तीन तलाक के खिलाफ कड़ा कानून लागू कर दिया है।
हमारा संकल्प है, आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का। पहले सौ दिन में ही आतंक-निरोधी कानून को और मजबूत कर दिया गया है।
हमारा संकल्प है, जम्मू कश्मीर और लद्दाख को विकास की नई ऊँचाई पर पहुंचाने का। सौ दिन के भीतर ही इसकी शुरुआत हमने कर दी है।
हमारा संकल्प है जनता को लूटने वालों को उनकी सही जगह पहुंचाने का। और इस पर भी बहुत तेजी से काम हो रहा है। और कुछ लोग चले भी गए अंदर।
भाईयो और बहनों, मैंने कहा था कि नई सरकार बनते ही पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ देश के हर किसान परिवार को मिलेगा। ये वादा पूरा हो चुका है और अब ज्यादा से ज्यादा किसानों को इस योजना से जोड़ा जा रहा है।
आज देश के लगभग साढ़े 6 करोड़ किसान परिवारों के खाते में 21 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक राशि जमा हो चुकी है। इसमें आज मुझे संतोष है कि इस सारी योजना में मेरे झारखंड के 8 लाख किसान परिवार भी इसके लाभार्थी बन चुके हैं, इनके खाते में करीब ढाई सौ करोड़ इतने रूपये जमा हो चुके हैं। कोई बिचौलिया नहीं है। किसी की सिफारिश की जरूरत नहीं है, पैसा मिलेगा तो कहीं कट देना पड़ेगा जैसा बंगाल में कहते हैं, कुछ नहीं सीधा-सीधा पैसा किसान के खाते में जमा हो रहा है।
भाईयो और बहनों, आज का दिन झारखंड के लिए ऐतिहासिक है। आज यहां झारखंड विधानसभा के नए भवन का लोकार्पण और सचिवालय के नए भवन का शिलान्यास भी किया गया है। राज्य बनने के लगभग दो दशक बाद आज, झारखंड में लोकतंत्र के मंदिर का लोकार्पण हो रहा है। ये भवन सिर्फ एक इमारत नहीं है, चारदीवारें नहीं है, ये भवन एक ऐसा पवित्र स्थान है जहाँ झारखंड के लोगों के सुनहरे भविष्य की नींव रखी जाएगी। ये भवन लोकतंत्र में आस्था रखने वाले प्रत्येक नागरिक के लिए तीर्थस्थान है। लोकतंत्र के इस मंदिर के माध्यम से झारखंड की वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के सपने साकार होंगे। मैं चाहूँगा कि झारखंड के ओजस्वी, तेजस्वी और प्रतिभावान युवा नए विधानसभा भवन को देखने के लिए ज़रूर जाएं । जब भी मौका मिले, चार महीने के बाद, छ: महीने के बाद, साल के बाद जाना चाहिए हम लोगों को।
साथियों, आपने इस बार संसद के सत्र को लेकर भी काफी कुछ सुना होगा, देखा होगा। जिस प्रकार से नई सरकार बनने के बाद, नई संसद बनने के बाद हमारी लोकसभा और राज्यसभा चली उसको देखकर के हिन्दुस्तान के हर नागरिक के चेहरे पर मुस्कान आई, खुशी हुई, आनंद हुआ। ये इसलिए हुआ, क्योंकि इस बार संसद का मानसून सत्र आजाद हिन्दुस्तान के इतिहास में सबसे ज्यादा productive सत्र में से एक है। पूरे देश ने देखा कि किस तरह मानसून सत्र में संसद के समय का सार्थक रूप से सदुपयोग हुआ। देर रात तक Parliament चलती रही। घंटों तक बहस होती रही, इस दौरान अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर गहन चर्चा हुई और देश के लिए जरूरी कानून बनाए गए।
साथियों, संसद के कामकाज का श्रेय सभी सांसदों, सभी राजनीतिक दलों और उनके सभी नेताओं को भी जाता है। मेरी तरफ से सभी सांसदों को बधाई, देशवासियों को बधाई।
साथियों, विकास हमारी प्राथमिकता भी है और हमारी प्रतिबद्धता भी है। विकास का हमारा वादा भी है इतना ही अटल इरादा भी है। आज देश जितनी तेजी से चल रहा है, उतनी तेजी से पहले कभी नहीं चला। आज देश में जिस तरह के परिवर्तन आ रहे हैं। वो पहले कभी सोचे भी नहीं जा सकते थे। जिन लोगों ने ये सोच लिया था कि वो देश के कानून से भी ऊपर उठ चुके हैं, देश की अदालतों से भी ऊपर हैं, वो आज अदालत से जमानत की गुहार लगा रहे हैं।
भाईयो और बहनों इसी तरह तेज काम करने वाली सरकार देखना चाहते हैं ना सौ दिन के काम से आप खुश हैं क्या? आप लोग खुश हैं ? ठीक कर रहा हूं, सही दिशा में जा रहा हूं, आपका आशीर्वाद है, आगे भी बने रहेंगे। अभी तो शुरूआत है। पांच साल बाकी है, बहुत से संकल्प बाकी है, बहुत से प्रयास बाकी है, बहुत परिश्रम बाकी है। इसी कड़ी में थोड़ी देर पहले छोटे किसानों, दुकानदारों और व्यापारियों के हित में ऐतिहासिक योजनाओं की शुरूआत की गई है। मैं झारखंड सहित पूरे देश के छोटे किसानों, दुकानदारों, व्यापारियों, कारोबारियों से आग्रह करूंगा कि इन योजनाओं का लाभ आप जरूर उठाइए।
भाईयो और बहनों, हमारी सरकार हर भारतवासी को सामाजिक सुरक्षा का कवच देने का प्रयास कर रही है। सरकार उन लोगों के साथी बन रही है जिनको सबसे ज्यादा सहायता की जरूरत है। इसी वर्ष मार्च से ऐसी ही पेंशन योजना देश के करोड़ों असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए चल रही है। श्रमयोगी मानधन योजना से अब तक 32 लाख से ज्यादा श्रमिक साथी जुड़ भी चुके हैं।
साथियों, पांच साल पहले तक गरीबों के लिए जीवन बीमा या दुर्घटना बीमा उनकी कल्पना के भी बाहर था उनके लिए बहुत बड़ी बात होती थी। एक तो जानकारी का अभाव था और जिसे जानकारी होती थी वो ऊंचा प्रीमियम देख करके सौ बार सोचते थे रूक जाते थे। वो सोचता था कि अभी की दाल-रोटी की चिंता करें या फिर बुढापे के बारे में सोचें, इस स्थिति को हमने बदलने का प्रयास किया है।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना देश के सामान्य मानवी के सामने रखी है सिर्फ 90 पैसे, आप सोच सकते हैं सिर्फ 90 पैसे प्रतिदिन और एक रूपया प्रतिमाह की दर पर दोनों योजनाओं के तहत दो-दो लाख रूपये का बीमा सुनिश्चित कराया गया है। अभी तक इन दोनों योजनाओं से 22 करोड़ से ज्यादा देशवासी इससे जुड़ चुके हैं और जिसमें से 30 लाख से अधिक साथी ये मेरे झारखंड के हैं। इतना ही नहीं इन दोनों योजनाओं के माध्यम से साढ़े 3 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक का क्लेम अब तक लोगों को मिल चुका है।
भाईयो-बहनों, बीमा की ही तरह गंभीर बीमारी का इलाज भी गरीब व्यक्ति के लिए करीब-करीब असंभव था। हम आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना लेकर आए, यहीं झारखंड से उसकी शुरुआत की। इसके तहत अब तक करीब 44 लाख गरीब मरीज़ों को इलाज का लाभ मिल चुका है, जिसमें से करीब जो लाभ लेने वाले बीमार परिवारों में से थे 3 लाख लोग झारखंड की बीमारी में फायदा उठाने वाले 3 लाख लोग मेरे भाई-बहन हैं। इसके लिए अस्पतालों को 7 हजार करोड़ रूपये से अधिक का भुगतान दिया जा चुका है। आयुष्मान भारत से गरीबों को इलाज मिल रहा है और वो कर्जदार होने से भी बच रहा है। अब उसको साहुकार के यहां जा करके ब्याज की बड़ी-बड़ी रकम देकर के अपना इलाज नहीं करवाना पड़ रहा है।
भाईयो और बहनों, जब गरीब के जीवन की चिंता कम होती है, रोजमर्रा की जिंदगी में संघर्ष कम होता है, तो वो खुद इतनी ताकत रखता है कि अपने को गरीबी से बाहर निकालने का प्रयास शुरू कर देता है। हमारी सरकार ने, चाहे वो केंद्र में रही हो या हमारे यहाँ झारखंड में रही हो, गरीब के जीवन को आसान बनाने, जनजातीय समाज आदिवासी के जीवन को आसान बनाने, उसकी चिंता कम करने का पूरी ईमानदारी से प्रयास किया है।
एक समय था, जब गरीब के बच्चे टीकाकरण से छूट जाते थे और उम्र के साथ ही गंभीर बीमारी के शिकार हो जाते थे। हमने मिशन इंद्रधनुष शुरू करके देश के दूर-दराज वाले इलाकों में भी बच्चों का टीकाकरण सुनिश्चित कराया।
एक समय था जब गरीब को बैंक खाता खुलवाने तक में मुश्किल होती थी। हमने जनधन योजना लाकर देश के 37 करोड़ गरीबों के बैंक खाते खुलवाए।
एक समय था, जब गरीब को सस्ते सरकारी घर मिलना मुश्किल था, हमने प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से 2 करोड़ से ज्यादा घर हमारे गरीबों के लिए बनवा दिए हैं। अब 2 करोड़ और घरों पर काम चल रहा है।
साथियों, एक समय था जब गरीब के पास शौचालय की सुविधा नहीं थी। हमने 10 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनाकर, गरीब बहन-बेटियों के जीवन का बहुत बड़ा कष्ट दूर किया है।
एक समय था जब गरीब बहनों-बेटियों की जिंदगी रसोई के धुएं में बर्बाद हो रही थी। हमने 8 करोड़ गैस कनेक्शन मुफ्त देकर, उनकी सेहत की रक्षा की, उनका जीवन आसान किया।
भाईयो और बहनों, गरीब की गरिमा, उसकी मर्यादा, उसकी सेहत, उसका इलाज, उसकी दवाई, उसकी बीमा सुरक्षा, उसकी पेंशन, उसके बच्चों की पढ़ाई, उसकी कमाई ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जिसे ध्यान में रखकर हमारी सरकार ने काम न किया हो। इस प्रकार की योजनाएं गरीबों को सशक्त तो करती ही हैं, जीवन में नया आत्मविश्वास भी लाती हैं और आत्मविश्वास की जब बात आती है तो हमारे जनजातीय समाज के बच्चों की चर्चा बहुत स्वाभाविक है। आज आदिवासी बच्चों की, आदिवासी युवाओं की, आदिवासी बेटियों की शिक्षा और उनके कौशल को निखारने के लिए बहुत बड़े प्रोजेक्ट की शुरुआत हुई है। देशभर में 462 एकलव्य मॉडल रेज़िडेंशियल स्कूल बनाने के अभियान का आज झारखंड की इस धरती से, भगवान बिरसा मुंडा की धरती से आज यहां प्रारंभ हुआ है। जिसका बहुत बड़ा लाभ झारखंड के मेरे जनजातीय समुदाय के भाईयो-बहनों को विशेष रूप से होने वाला है। ये एकलव्य स्कूल आदिवासी बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के माध्यम तो हैं ही, यहां Sports, खेलकूद जो यहां का बच्चों का सामर्थ्य है और Skill Development, हुनर, हाथ के अंदर सामर्थ्य देना, स्थानीय कला और संस्कृति के संरक्षण के लिए भी सुविधाएं होंगी। इन स्कूलों में सरकार, हर आदिवासी बच्चे पर आप जान करके हैरान होंगे, सरकार हर आदिवासी बच्चे पर हर साल एक लाख रुपए से अधिक खर्च करेगी। मुझे विश्वास है कि इन स्कूलों से सीखकर जो साथी बाहर निकलेगें वो आने वाले समय में नए भारत के निर्माण में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगें।
साथियों, कनेक्टिविटी के दूसरे माध्यमों पर भी झारखंड में तेजी से काम हो रहा है। जिन क्षेत्रों में शाम के बाद बाहर निकलना मुश्किल था, वहां अब सड़कें भी बन रही हैं और सड़कों पर चहल-पहल भी नजर आ रही हैं। सिर्फ हाईवे के लिए ही नौ हज़ार करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट्स झारखंड के लिए स्वीकृत किए गए हैं, जिसमें से अनेक पूरे भी हो चुके हैं। आने वाले समय में भारतमाला योजना के तहत नेशनल हाईवे का और विस्तार किया जाएगा। Roadways, Highways or waterways के अलावा रेलवेज़ और airways की कनेक्टिविटी भी मजबूत करने पर काम चल रहा है।
बीते पांच वर्षों में विकास के ये जितने भी काम हुए हैं इनके पीछे हमारे मित्र रघुवर दास जी और उनकी टीम की मेहनत और परिश्रम और आप सबके आशीर्वाद यही तो इसका कारण है। पहले जिस तरह के घोटाले होते थे, शासन में जिस तरह पारदर्शिता का अभाव था, उस स्थिति में बदलाव लाने का पूरा प्रयास झारखंड की रघुवर दास सरकार ने किया है।
भाईयो और बहनों जब इतना कुछ हो रहा है। तो एक दायित्व मैं आप पर भी झारखंड के लोगों पर भी डाल रहा हूं। कल से ही देश में स्वच्छता ही सेवा अभियान की शुरुआत हुई है। इस अभियान के तहत 2 अक्तूबर तक हमें अपने घरों में, स्कूलों में, दफ्तरों में, सफाई तो करनी ही है गावों में मौहल्ले में सफाई तो करनी ही है लेकिन साथ-साथ एक विशेष काम। सिंगल यूज प्लास्टिक को हमें इकट्ठा करना है, एक जगह पर जमा करना है। वो प्लास्टिक जो सिर्फ एक बार काम आता है फिर वो बेकार हो जाता है और वही समस्या बन जाता है ऐसे सारे प्लास्टिक को एक जगह पर जमा करके हमने उस प्लास्टिक से मुक्ति पानी है।
2 अक्तूबर को महात्मा गांधी जी की 150वीं जयंती के दिन हमें उस प्लास्टिक के ढेर को हटा देना है। सरकार तमाम विभागों को जुटा रही है ताकि इतना प्लास्टिक इकट्ठा किया जा सके और उसे बाद में रिसाईकिल किया जा सके। मेरी प्रकृति प्रेमी झारखंड के लोगों से, पर्यावरण प्रेमी झारखंड के लोगों से अपील है कि इस अभियान में जुटें और देश को सिंगलयूज प्लास्टिक से मुक्ति दिलाने में आप अगुवाई करें, आप नेतृत्व करें, और मेरे साथ चल पड़ें।
साथियों, अब नए झारखंड के लिए, नए भारत के लिए हम सभी को मिल करके काम करना है, मिल करके आगे बढ़ना है, मिल करके देश को आगे बढ़ाना है। अगले 5 वर्ष के लिए झारखंड फिर विकास का डबल इंजन लगाएगा, इसी विश्वास के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं।
और आज मिली अनेक भेंट-सौगातों के लिए झारखंड को और देशवासियों को अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं और मेरी तरफ आप सबको धन्यवाद करते हुए, दोनों मुट्ठी बंद करके, दोनों हाथ ऊपर करके, पूरी ताकत से बोलिए भारत माता की - जय, आवाज झारखंड के हर गांव तक पहुंचनी चाहिए...
भारत माता की - जय,
भारत माता की - जय
भारत माता की - जय
बहुत-बहुत धन्यवाद