प्रधानमंत्री ने त्रिपुरा के अगरतला में दो प्रमुख विकास पहलों का शुभारम्भ किया
" त्रिपुरा हीरा मॉडल के आधार अपनी सम्पर्क व्यवस्था को मजबूत बना रहा है और उसका विस्तार कर रहा है"
"सड़क, रेल, वायु और जल संपर्क बुनियादी ढांचे में अभूतपूर्व निवेश, त्रिपुरा को वाणिज्य और उद्योग के साथ-साथ व्यापारिक गलियारे के एक नए केंद्र में बदल रहा है"
"डबल इंजन की सरकार यानि संसाधनों का सही इस्तेमाल, संवेदनशीलता और लोगों के सामर्थ्य को बढ़ावा। डबल इंजन की सरकार यानि सेवा एवं संकल्पों की सिद्धि और समृद्धि की दिशा में एकजुट प्रयास"

 

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

त्रिपुरा के राज्यपाल श्री सत्यदेव आर्य जी, यहां के युवा और ऊर्जावान मुख्यमंत्री श्री बिप्लब देब जी, त्रिपुरा के उप-मुख्यमंत्री श्री जिश्नु देव वर्मा जी, केंद्रीय मंत्रीमंडल में मेरे सहयोगी बहन प्रतिमा भौमिक जी, श्री ज्योतिरादित्या सिंधिया जी, राज्य सरकार में मंत्री श्री एनसी देबबर्मा जी, श्री रत्नलाल नाथ जी, श्री प्रणजीत सिंघा रॉय जी, श्री मनोज कांति देब जी, अन्य जनप्रतिनिधिगण और विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे प्यारे भाइयों और बहनों !

शबाई के नमोश्कार। शकल के दू हजार बाइस वर्षेर ऑनेक-ऑनेक शुभेच्छा। जॉतौनो खूनूमखा। जॉतौनो बीशी कॉतालनी खा काहाम याफर ओ। साल की शुरुआत में ही, त्रिपुरा को मां त्रिपुर सुंदरी के आशीर्वाद से आज तीन उपहार मिल रहे हैं। पहला उपहार- कनेक्टिविटी का, दूसरा उपहार- मिशन 100 विद्याज्योति स्कूलों का और तीसरा उपहार- त्रिपुरा ग्राम समृद्धि योजना का। आज सैकड़ों करोड़ रूपए के प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास यहां हुआ है। आप सभी को इन तीनों ही उपहारों के लिए बहुत-बहुत बधाई !

साथियों,

21वीं सदी का भारत, सबको साथ लेकर, सबके विकास और सबके प्रयास से ही आगे बढ़ेगा। कुछ राज्य पीछे रहें, कुछ राज्य के लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसते रहें, ये असंतुलित विकास राष्ट्र के विकास के लिए उचित नहीं है, ठीक नहीं है। त्रिपुरा के लोगों ने दशकों तक, यहां यही देखा है, यही अनुभव किया है। पहले यहां भ्रष्टाचार की गाड़ी रुकने का नाम नहीं लेती थी और विकास की गाड़ी पर ब्रेक लगा हुआ था। पहले जो सरकार यहां थी उसमें त्रिपुरा के विकास का ना विजन था और ना ही उसकी नीयत थी। गरीबी और पिछड़ेपन को त्रिपुरा के भाग्य के साथ चिपका दिया गया था। इस स्थिति को बदलने के लिए ही मैंने त्रिपुरा के लोगों को HIRA का आश्वासन दिया था। H से highway, I से Internet way, R से railways और A से Airways. आज हीरा मॉडल पर त्रिपुरा अपनी कनेक्टिविटी सुधार रहा है, अपनी कनेक्टिविटी बढ़ा रहा है। यहां आने से पहले मैं महाराजा बीर बिक्रम एयरपोर्ट की नव-निर्मित टर्मिनल बिल्डिंग और दूसरी सुविधाओं को देखने गया था। त्रिपुरा की संस्कृति, यहां की विरासत, यहां का आर्किटेक्चर, एयरपोर्ट पर उतरने वाले हर यात्री को अब सबसे पहले नजर आएगा। त्रिपुरा की प्राकृतिक सुंदरता हो, उनाकोटि हिल्स के जनजातीय साथियों की कला हो, पत्थर की मूर्तियां हों, ऐसा लगता है कि एयरपोर्ट पर पूरा त्रिपुरा सिमट आया है। नई सुविधाओं के बाद महाराजा बीर-बिक्रम एयरपोर्ट की क्षमता पहले की तुलना में तीन गुना और बढ़ गई है। अब यहां दर्जनभर विमानों को खड़ा किया जा सकता है। इससे त्रिपुरा के साथ-साथ पूरे नॉर्थ ईस्ट की हवाई कनेक्टिविटी बढ़ाने में बहुत मदद मिलेगी। जब यहां डोमेस्टिक कार्गो टर्मिनल का, कोल्ड स्टोरेज का काम पूरा हो जाएगा तो पूरे नॉर्थ ईस्ट के व्यापार-कारोबार को नई ताकत मिलेगी। हमारे महाराजा बीर-बिक्रम जी ने शिक्षा के क्षेत्र में, आर्किटेक्चर के क्षेत्र में, त्रिपुरा को नई ऊंचाई दी थी। आज वो त्रिपुरा का विकास होते देखकर, यहां के लोगों के प्रयासों को देखकर बहुत खुश होंगे।

साथियों,

आज त्रिपुरा की कनेक्टिविटी को बढ़ाने के साथ ही इसे नॉर्थ ईस्ट के गेटवे के रूप में विकसित करने के लिए भी तेजी से काम चल रहा है। रोड हो, रेल हो, एयर हो या फिर वॉटरवे कनेक्टिविटी, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर जितना निवेश हमारी सरकार कर रही है, उतना पहले कभी नहीं हुआ। अब त्रिपुरा इस क्षेत्र में व्यापार-कारोबार का नया हब बन रहा है, ट्रेड कॉरिडोर बन रहा है। रोड और रेलवे से जुड़ी दर्जनों परियोजनाओं और बांग्लादेश के साथ इंटरनेशनल वॉटरवे कनेक्टिविटी ने यहां का कायाकल्प करना शुरू कर दिया है। हमारी सरकार अगरतला-अखौरा रेल लिंक को भी तेज़ी से पूरा करने का प्रयास कर रही है।

भाइयों और बहनों,

केंद्र और राज्य में जब विकास को सर्वोपरि रखने वाली सरकार होती है, तो डबल तेजी से काम भी होता है। इसलिए डबल इंजन की सरकार का कोई मुकाबला ही नहीं है। डबल इंजन की सरकार यानि संसाधनों का सही इस्तेमाल डबल इंजन की सरकार यानि भरपूर संवेदनशीलता, डबल इंजन की सरकार यानि लोगों के सामर्थ्य को बढ़ावा, डबल इंजन की सरकार यानि सेवाभाव, समर्पणभाव। डबल इंजन की सरकार यानि संकल्पों की सिद्धि। और, डबल इंजन की सरकार यानि समृद्धि की तरफ एकजुट प्रयास। आज यहां जिस मुख्यमंत्री त्रिपुरा ग्राम समृद्धि योजना की शुरुआत हो रही है, वो इसी का उदाहरण है। जब हर घर में नल से जल का कनेक्शन होगा, जब हर गरीब के पास पक्की छत होगी और अभी मैं कुछ लाभार्थियों से मिलकर के आया। उनका खुद का अनुभव क्या है इस योजनाओं से इसका समझने का मैं प्रयास कर रहा था। लेकिन एक बेटी जिसको घर मिलना तय हुआ है, अभी तो सिर्फ फ्लोर का ही काम हुआ है, अभी दीवारें बाकी हैं, लेकिन वो इतनी वो खुश थी, इतनी खुश थी कि उसके आंखों के आंसू बंद नहीं हो रहे थे। ये खुशी ये सरकार जन सामान्य की खुशी के लिए समर्पित है। जब हर पात्र परिवार के पास आयुष्मान योजना का कार्ड होगा, एक ऐसा परिवार मुझे मिला जहां मां और उसका नौजवान बेटा दोनों को कैंसर हुआ था। आयुष्मान भारत योजना के कारण मां की जिंदगी, बेटे की जिंदगी उसको उपयुक्त सालाबार मिल पाएगी। जब हर गरीब के पास बीमा सुरक्षा कवच होगा, जब हर बच्चे के पास पढ़ने का अवसर होगा, हर किसान के पास केसीसी कार्ड होगा, हर गांव में अच्छी सड़कें होंगी, तो गरीब का आत्मविश्वास बढ़ेगा, गरीब का जीवन आसान बनेगा, मेरे देश का हर नागरिक सशक्त बनेगा, मेरा गरीब सशक्त होगा। यही आत्मविश्वास समृद्धि का आधार है, संपन्नता का आधार है। इसलिए ही, मैंने लाल किले से ये कहा था कि अब हमें योजनाओं के हर लाभार्थी तक खुद पहुंचना होगा, योजनाओं के सैचुरेशन की तरफ बढ़ना होगा। मुझे खुशी है कि आज त्रिपुरा ने इस दिशा में बहुत बड़ा कदम उठाया है। ऐसे साल में, जब त्रिपुरा अपने पूर्ण राज्यत्व के 50 वर्ष पूरे कर रहा है, ये संकल्प अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि है। गांव और गरीब के कल्याण के लिए चल रही योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने में त्रिपुरा पहले ही देश के अग्रणी राज्यों में है। ग्राम समृद्धि योजना त्रिपुरा के इस रिकॉर्ड को और बेहतर बनाएगी। 20 से अधिक मूल सुविधाएं हर गांव, हर गरीब परिवार को मिले, ये सुनिश्चित किया जाएगा। मुझे ये बात भी पसंद आई कि जो गांव शत-प्रतिशत लक्ष्यों को पहले हासिल करेंगे, उनको लाखों की प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। इससे विकास के लिए एक स्वस्थ स्पर्धा भी विकसित होगी।

साथियों,

आज त्रिपुरा में जो सरकार है, वो गरीब का दुख भी समझती है और गरीब के लिए संवेदनशील भी है। हमारे मीडिया वाले साथी, इसकी बहुत चर्चा नहीं करते, इसलिए मैं आज एक उदाहरण देना चाहता हूं। जब त्रिपुरा में पीएम आवास योजना ग्रामीण पर काम शुरू हुआ तो एक मुश्किल आई कच्चे घर की सरकारी परिभाषा से। पहले जो सरकार यहां थी, उसने व्यवस्था बनाई थी कि जिस घर में, लोहे की चादर से बनी छत होगी, उसे कच्चा घर नहीं माना जाएगा। यानि घर के अंदर की सुविधाएं भले ही जर्जर हों, दीवारें मिट्टी की हों, लेकिन छत पर लोहे की चादर होने भर से उस घर को कच्चा नहीं माना जाता था। इस वजह से त्रिपुरा के हज़ारों ग्रामीण परिवार पीएम आवास योजना के लाभ से वंचित थे। मैं प्रशंसा करूंगा मेरे साथी बिप्लब देव जी की, क्योंकि वो इस विषय को लेकर के मेरे पास आये। केंद्र सरकार के सामने सारी चीजें उन्होंने रखीं, सबूतों के साथ रखीं। इसके बाद भारत सरकार ने भी अपने नियम बदले, परिभाषा को भी बदल दिया और इस वजह से त्रिपुरा के 1 लाख 80 हज़ार से अधिक गरीब परिवारों को पक्के घर का हकदार बनाया गया। अभी तक त्रिपुरा के 50 हज़ार से अधिक साथियों को पक्का घर मिल भी चुका है। डेढ़ लाख से अधिक परिवारों को हाल में ही अपना घर बनाने के लिए पहली किश्त भी जारी की है। आप अंदाजा लगा सकते हैं, पहले की सरकार कैसे काम करती थीं और हमारी डबल इंजन की सरकार कैसे काम कर रही है।

भाइयों और बहनों,

किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए साधनों-संसाधनों के साथ ही वहां के नागरिकों का सामर्थ्य भी इतना ही जरूरी है। हमारी वर्तमान और आने वाली पीढ़ियां, हमसे भी ज्यादा सामर्थ्यवान बनें, ये समय की मांग है, बहुत आवश्यक है। 21वीं सदी में भारत को आधुनिक बनाने वाले दूरदृष्टया नौजवान मिलें, इसके लिए देश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की जा रही है। इसमें स्थानीय भाषा में पढ़ाई पर भी उतना ही जोर दिया गया है। त्रिपुरा के विद्यार्थियों को अब मिशन-100, ‘विद्या ज्योति’ अभियान से भी मदद मिलने वाली है। स्कूलों में सैकड़ों करोड़ रुपए से बनने वाली आधुनिक सुविधाएं पढ़ाई को और आसान, और सुलभ बनाएगी। विशेष रूप से स्कूलों को जिस प्रकार अटल टिंकरिंग लैब, ICT labs और Vocational labs से लैस किया जा रहा है, वो इनोवेशन, स्टार्ट अप्स, और यूनिकॉर्न्स से युक्त, आत्मनिर्भर भारत के लिए त्रिपुरा के युवाओं को तैयार करेगा।

साथियों,

कोरोना के इस मुश्किल कालखंड में भी हमारे युवाओं को पढ़ाई का नुकसान न हो, इसके लिए अनेक प्रयास किए गए हैं। कल से देशभर में 15 साल से 18 साल की आयु के किशारों को मुफ्त टीकाकरण का अभियान भी शुरु किया गया है। विद्यार्थी निश्चिंत होकर अपनी पढ़ाई कर पाएं, अपनी परीक्षाएं बिना किसी चिंता के दे पाएं ये बहुत आवश्यक है। त्रिपुरा में तेज़ी से टीकाकरण अभियान चल रहा है। 80 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को पहली डोज और 65 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को दूसरी डोज लग चुकी है। मुझे पूरा विश्वास है कि 15 से 18 साल के युवाओं के संपूर्ण टीकाकरण का लक्ष्य भी त्रिपुरा तेज़ी से हासिल करेगा।

साथियों,

आज डबल इंजन की सरकार, गांव हो शहर हो, संपूर्ण और स्थाई विकास के लिए प्रयास कर रही है। खेती से लेकर वन उपज और सेल्फ हेल्प ग्रुप्स से लेकर सभी क्षेत्रों में जो काम हो रहा है, वो भी हमारी इसी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। छोटे किसान हों, महिलाएं हों या फिर वनोपज पर निर्भर हमारे जनजातीय साथी, आज इन्हें संगठित कर एक बड़ी ताकत बनाया जा रहा है। आज अगर त्रिपुरा पहली बार मुली बैंबू कुकीज़, जैसे पैकेज्ड प्रोडक्ट लॉन्च कर रहा है तो उसके पीछे त्रिपुरा की हमारी माताओं-बहनों की बहुत बड़ी भूमिका है। देश को सिंगल यूज़ प्लास्टिक का विकल्प देने में भी त्रिपुरा एक अहम भूमिका निभा सकता है। यहां बने बांस के झाड़ू, बांस की बोतलें, ऐसे प्रोडक्ट्स के लिए बहुत बड़ा बाज़ार देश में बन रहा है। इससे बांस के सामान के निर्माण में हज़ारों साथियों को रोज़गार, स्वरोज़गार मिल रहा है। बांस से जुड़े कानून में बदलाव का बहुत अधिक लाभ त्रिपुरा को मिला है।

साथियों,

यहां त्रिपुरा में ऑर्गेनिक फार्मिंग को लेकर भी अच्छा काम हो रहा है। पाइन एपल हो, सुगंधित चावल हो, अदरक हो, हल्दी हो, मिर्च हो, इससे जुड़े किसानों के लिए देश और दुनिया में आज बहुत बड़ा मार्केट बन चुका है। त्रिपुरा के छोटे किसानों की ये उपज आज किसान, किसान रेल के द्वारा, अगरतला से दिल्ली समेत देश के कई शहरों तक कम भाड़े में, कम समय में पहुंचा रही है। महाराजा बीर बिक्रम एयरपोर्ट पर जो बड़ा कार्गो सेंटर बन रहा है, इससे यहां के ऑर्गेनिक कृषि उत्पाद विदेशी बाज़ारों तक भी आसानी से पहुंचने वाले हैं।

साथियों,

विकास के हर क्षेत्र में अग्रणी रहने की त्रिपुरा की जो आदत बन रही है, उसको हमें बनाए रखना है। देश का सामान्य मानवी, देश के दूर-सुदूर कोने में रहने वाला व्यक्ति, देश के आर्थिक विकास में साझीदार बने, सशक्त बने, सबल बने, यही हमारा संकल्प है। इन्हीं संकल्पों से प्रेरणा लेते हुए हम और दोगुने विश्वास के साथ काम में जुटेंगे। आप लोगों का प्यार, आपका स्नेह और आपका विश्वास ये हमारी बहुत बड़ी पूंजी है। और मैं आज एयरपोर्ट पर आते हुए देख रहा था, रास्ते पर सब आवाज दे रहे थे। आपका ये प्यार, मैं आपको डबल इंजन की ताकत के हिसाब से आपके इस प्यार को डबल विकास कर के लौटाउंगा और मुझे विश्वास है, जितना प्यार और स्नेह त्रिपुरा के लोगों ने हमें दिया है वो आगे भी मिलता रहेगा। आपको एक बार फिर इन विकास योजनाओं के लिए मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं। मां त्रिपुराशुंदरिर निकॉट, आपनार परिवारेर शॉमृद्धि, उराज्येर शार्बिक बिकाश कामना कोरछि। शकोल के धन्नबाद...... जॉतौनो हम्बाई। भारत माता की जय !

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Viksit Bharat Budget 2025-26 is a force multiplier: PM Modi
February 01, 2025
Viksit Bharat Budget 2025-26 will fulfill the aspirations of 140 crore Indians: PM
Viksit Bharat Budget 2025-26 is a force multiplier: PM
Viksit Bharat Budget 2025-26 empowers every citizen: PM
Viksit Bharat Budget 2025-26 will empower the agriculture sector and give boost to rural economy: PM
Viksit Bharat Budget 2025-26 greatly benefits the middle class of our country: PM
Viksit Bharat Budget 2025-26 has a 360-degree focus on manufacturing to empower entrepreneurs, MSMEs and small businesses: PM

आज भारत की विकास यात्रा का एक महत्त्वपूर्ण पड़ाव है! ये 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं का बजट है, ये हर भारतीय के सपनों को पूरा करने वाला बजट है। हमने कई सेक्टर्स युवाओ के लिए खोल दिए हैं। सामान्य नागरिक, विकसित भारत के मिशन को ड्राइव करने वाला है। यह बजट एक फ़ोर्स मल्टीप्लायर है। यह बजट सेविंग्स को बढ़ाएगा, इन्वेस्टमेंट को बढ़ाएगा, कंजम्पशन को बढ़ाएगा और ग्रोथ को भी तेज़ी से बढ़ाएगा। मैं वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण जी और उनकी पूरी टीम को इस जनता जर्नादन का बजट, पीपल्स का बजट, इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।

साथियों,

आमतौर पर बजट का फोकस इस बात पर रहता है कि सरकार का खजाना कैसे भरेगा, लेकिन ये बजट उससे बिल्कुल उल्टा है। लेकिन ये बजट देश के नागरिकों की जेब कैसे भरेगी, देश के नागरिकों की बचत कैसे बढेगी और देश के नागरिक विकास के भागीदार कैसे बनेंगे, ये बजट इसकी एक बहुत मजबूत नींव रखता है।

साथियों,

इस बजट में रीफॉर्म की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाये गए हैं। न्यूक्लियर एनर्जी में प्राइवेट सेक्टर को बढ़ावा देने का निर्णय बहुत ही ऐतिहासिक है। ये आने वाले समय में सिविल न्यूक्लियर एनर्जी का बड़ा योगदान देश के विकास में सुनिश्चित करेगा। बजट में रोजगार के सभी क्षेत्रों को हर प्रकार से प्राथमिकता दी गई है। लेकिन मैं दो चीजों पर ध्यान आकर्षित कराना चाहूंगा, उन रीफॉर्म्स की मैं चर्चा करना चाहूँगा, जो आने वाले समय में बहुत बड़ा परिवर्तन लाने वाले हैं। एक- इंफ्रास्ट्रक्चर स्टेटस देने के कारण भारत में बड़े शिप्स के निर्माण को बढ़ावा मिलेगा, आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति मिलेगी और हम सब जानते हैं कि शिप बिल्डिंग सर्वाधिक रोजगार देने वाल क्षेत्र है। उसी प्रकार से देश में टूरिज्म के लिए बहुत संभावना है। महत्वपूर्ण 50 टूरिस्ट डेस्टिनेशन्स, वहां पर जो होटल्स बनाएंगे, उस होटल को पहली बार इंफ्रास्ट्रक्चर के दायरे में लाकर टूरिज्म पर बहुत बल दिया है। इससे होस्पिटैलिटी सेक्टर को जो रोजगार का बहुत बड़ा क्षेत्र है और टूरिज्म जो रोजगार का सबसे बड़ा क्षेत्र है, एक प्रकार से चारों तरफ रोजगार के अवसर पैदा करने करने वाला ये क्षेत्र को ऊर्जा देने वाला काम करेगा। आज देश, विकास भी, विरासत भी इस मंत्र को लेकर चल रहा है। इस बजट में भी इसके लिए भी बहुत महत्वपूर्ण और ठोस कदम उठाए गए हैं। एक करोड़ पांडुलिपियों के संरक्षण के लिए, manuscript के लिए ज्ञान भारतम मिशन लॉन्च किया गया है। साथ ही, भारतीय ज्ञान परंपरा से प्रेरित एक नेशनल डिजिटल रिपॉजटरी बनाई जाएगी। यानी टेक्नोलॉजी का भरपूर उपयोग किया जाएगा और हमारा जो परंपरागत ज्ञान है, उसमें से अमृत निचोड़ने का भी काम होगा।

साथियों,

बजट में किसानों के लिए जो घोषणा हुई है वो कृषिक्षेत्र और समूची ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई क्रांति का आधार बनेगी। पीएम धन-धान्य कृषि योजना के तहत 100 जिलों में सिंचाई और इनफ्रास्ट्रक्चर का development होगा, किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट 5 लाख तक होने से उन्हें ज्यादा मदद मिलेगी।

साथियों,

अब इस बजट में 12 लाख रुपए तक की आय को टैक्स से मुक्त कर दिया गया है। सभी आय वर्ग के लोगों के लिए टैक्स में भी कमी की गई है। इसका बहुत बड़ा फायदा हमारे मिडिल क्लास को, नौकरी पेशे करने वाले जिनकी आय बंधी हुई है, ऐसे लोगों को मिडिल क्लास को इससे बहुत बड़ा लाभ होने वाला है। उसी प्रकार से जो नए-नए प्रोफेशन में आए हैं, जिनको नए नए जॉब मिले हैं, इनकम टैक्स की ये मुक्ति उनके लिए एक बहुत बड़ा अवसर बन जाएगी।

साथियों,

इस बजट में मैन्युफैक्चरिंग पर 360 डिग्री फोकस है, ताकि Entrepreneurs को, MSMEs को, छोटे उद्यमियों को मजबूती मिले और नई Jobs पैदा हों। नेशनल मैन्युफैक्चरिंग मिशन से लेकर क्लीनटेक, लेदर, फुटवियर, टॉय इंडस्ट्री जैसे अनेक सेक्टर्स को विशेष समर्थन दिया गया है। लक्ष्य साफ है कि भारतीय प्रोडक्ट्स, ग्लोबल मार्केट में अपनी चमक बिखेर सकें।

साथियों,

राज्यों में इन्वेस्टमेंट का एक वाइब्रेंट कंपटीटिव माहौल बने, इस पर बजट में विशेष जोर दिया गया है। MSMEs और स्टार्टअप्स के लिए क्रेडिट गारंटी को दोगुना करने की घोषणा भी हुई है। देश के SC, ST और महिला उद्यमी, जो नए उद्यमी बनना चाहते हैं, उनको 2 करोड़ रुपए तक के लोन की योजना भी लाई गई है और वो भी बिना गारंटी। इस बजट में, new age इकॉनॉमी को ध्यान में रखते हुए gig workers के लिए बहुत बड़ी घोषणा की गई है। पहली बार gig workers, का ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। इसके बाद इन साथियों को स्वास्थ्य सेवा और दूसरी सोशल सिक्योरिटी स्कीम्स का लाभ मिलेगा। ये डिग्निटी ऑफ लेबर इसके प्रति, श्रमेव जयते के प्रति सरकार के कमिटमेंट को दर्शाता है। रेगुलेटरी रिफॉर्म्स से लेकर फाइनांशियल रिफॉर्म्स जन विश्वास 2.0 जैसे कदमों से मिनिमम गवर्नमेंट और ट्रस्ट बेस्ड गवर्नेंस के हमारे कमिटमेंट को और बल मिलेगा।

साथियों,

ये बजट न केवल देश की वर्तमान आवश्यकताओं को ध्यान में रखता है, बल्कि हमें भविष्य की तैयारी करने में भी मदद करता है। स्टार्टअप के लिए डीप टेक फंड, जियोस्पेशियल मिशन और न्यूक्लियर एनर्जी मिशन ऐसे ही महत्वपूर्ण कदम हैं। मैं सभी देशवासियों को एक बार फिर इस ऐतिहासिक पीपल्स बजट की बधाई देता हूँ और फिर एक बार वित्त मंत्री जी को भी बहुत-बहुत बधाई देता हूं। बहुत-बहुत धन्यवाद!