एक्सप्रेसवे से प्रदूषण कम होगा और दिल्ली एनसीआर के लोगों को इसका लाभ मिलेगा और जाम की समस्या में कमी आएगी: प्रधानमंत्री मोदी
125 करोड़ भारतीयों के जीवन को ऊपर उठाने के लिए यह आवश्यक है कि हम आधुनिक आधारभूत संरचना विकसित करें: पीएम मोदी
हम महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए काम कर रहे हैं, उज्ज्वला और मुद्रा योजना के माध्यम से महिलाओं के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आ रहा है: प्रधानमंत्री
हम डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर से 5 स्थानों को पंचतीर्थ के रूप में विकसित कर रहे हैं; हम दलितों और वंचितों को मजबूत कर रहे हैं: प्रधानमंत्री मोदी
विपक्ष कमजोर वर्गों और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उठाए गए कदमों का मजाक उड़ाते हैं, वे जो लोगों के बीच झूठ फैला रहे है: पीएम मोदी

भारत माता की जय

इतनी विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे प्यारे भाइयों और बहनों।

चार वर्ष पहले आपने अपार समर्थन के साथ मुझे पूरे देश की सेवा करने का अवसर दिया। मई कि इस गर्मी में और जब दोपहर को सूरज इतना तप रहा है। आपका इतनी बड़ी संख्या में हम सबको आशीर्वाद देने के लिये आना इस बात का गवाह है कि चार साल में हमारे सरकार देश को सही दिशा में ले जाने में सफल रही। भाइयों और बहनों इतना स्नेह इतना प्यार तब होता है, जब सेवक से उसका विधाता खुश होता है। आज भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में एनडीए सरकार के चार साल पूरे होने पर आपका ये प्रधान सेवक फिर आपके सामने नतमस्तक हो कर के सवा सौ करोड़ देशवासियों का अभिवादन करता है। 
साथियों आज बागपत पश्चिम उत्तर प्रदेश और दिल्ली एनसीआर वालों के लिये एक बहुत बड़ा दिवस है। दो बड़ी सड़क परियोजनाओं का आज लोकार्पण किया गया है। एक दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का पहला चरण और दूसरा ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे।

ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर 11 हजार करोड़ रुपये खर्च किये गए। जबकि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के अभी के हिस्से पर लगभग साढ़े 800 करोड़ रुपये खर्च किये गए हैं। ये पूरा प्रोजेक्ट लगभग 5000 करोड़ रुपये का है। आज जब इस नई सड़क पर चलने का मुझे अवसर मिला तो अनुभव किया कि 14 लेन का सफर दिल्ली एनसीआर के लोगों के जीवन को कितना सुगम बनाने वाला है। कहीं कोई रुकावट नहीं। एक से एक आधुनिक टैक्नीक का इस्तेमाल कॉन्क्रीट के साथ हरियाली का भी मेल।

भाइयों और बहनों सिर्फ 18 महीनों में ये काम पूरा हुआ है। आज 14 लेन की 9 किलोमीटर सड़क का लोकार्पण हुआ है। लेकिन इस नौ किलोमीटर का भी कितना महत्व है। वो दिल्ली के पटपड़गंज, मयूर विहार, गाज़ियाबाद, इन्द्रापुरम, वैशाली और नोएडा के लोगों को भली भांति पता है। साथियों जिस रफ्तार से ये 9 किलोमीटर की सड़क बनी है। उसी रफ्तार से मेरठ तक इस पूरे एक्सप्रेस-वे का काम करके जल्द ही दूसरे चरण को भी जनता के लिये समर्पित किया जाएगा। और जब ये पूरा हो जाएगा, तो मेरठ से दिल्ली की दूरी सिर्फ 40-45 मिनट्स रह जाएगी।

साथियों दिल्ली एनसीआर में सिर्फ जाम की ही समस्या नहीं है प्रदूषण की भी एक बहुत बड़ी समस्या है। जो साल दर साल और विकराल रूप लेती जा रही है। प्रदूषण की समस्या का एक कारण दिल्ली में आने जाने वाली गाड़ियां और लम्बे ट्राफिक जाम हैं। हमारी सरकार ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए दिल्ली के चारों और एक्सप्रेस-वे से एक घेरा बनाने का बेड़ा उठाया। ये दो चरणों में बनाया जा रहा है। इसमें से एक चरण यानी ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे का अभी थोड़ी देर पहले मुझे लोकार्पण करने का अवसर मिला। भाइयों बहनों दिल्ली के अंदर आज जितनी गाड़ियां पहुंचती है। उसमें से अब लगभग 30 प्रतिशत की कमी आ जाएगी। वो बाहर से बाहर निकल जाएगी। ना सिर्फ बड़ी गाड़ियां और ट्रक बल्कि 50 हजार से अधिक कारों को भी अब दिल्ली शहर के अंदर प्रवेश करने की जरुरत नहीं पड़ेगी। ऐसी व्यवस्था इससे निर्माण हुई है। इतना ही नहीं ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे अपने आप में देश का पहला एक्सप्रेस –वे है जो एक्सिस कंट्रोल रॉ ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस –वे है। ये सड़क सिर्फ 500 दिन में बनकर तैयार हुई है। साथियों ये दोनों जो बड़े प्रोजेक्ट आज आप सभी की सेवा के लिये तैयार हैं। ये पूरी तरह से आधुनिक टेक्नोलोजी से लेस है। बिजली की जरूरत भी यहां सोलर एनर्जी सौर ऊर्जा से पूरी की जाएगी। यानी समय की भी बचत, प्रदूषण भी कम, ईंधन भी कम पश्चिम यूपी से दिल्ली दूध, सब्जी, अनाज पहुंचाना भी अब आसान हो जाएगा।

भाइयों बहनों सवा सौ करोड़ देशवासियों का जीवन स्तर ऊपर उठाने में देश के आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर की बहुत बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका है और यही सबका साथ सबका विकास का रास्ता है। क्योंकि इन्फ्रास्ट्रक्चर जात-पात, पंथ, सम्प्रदाय, ऊँच-नीच, अमीर-गरीब, ये किसी में भेदभाव नहीं करता है। इससे सबके लिये बराबरी के अवसर पैदा होते हैं। इसलिये हमारी सरकार ने हाईवे, रेलवे, एयरवे बोटरवे हाईवे और बिजली से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर पर सबसे अधिक ध्यान दिया है। साथियों बीते चार वर्षों में तीन लाख करोड़ से अधिक खर्च हमने 28 हजार किलोमीटर से अधिक के नए हाईवे बनाने के लिये किया है। चार वर्ष पहले तक जहां एक दिन में और मैं चाहूंगा कि आप भी इस बात को ध्यान से सुनें और मेरे देश के नागरिक भी सुनें। चार वर्ष पहले तक जहां एक दिन में सिर्फ 12 किलोमीटर हाईवे बनते थे। आज लगभग 27 किलोमीटर हाईवे एक दिन में बनते हैं। इस वर्ष के बजट में भारत माला प्रोजेक्ट के तहत पांच लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके तहत लगभग 35 हजार किलोमीटर हाईवे का निर्माण हो रहा है। हाईवे ही नहीं रेलवे में भी अभूतपूर्व काम हो रहा है। जहां रेलवे की कनेक्टिविटी नहीं थी, वहां तेजी से रेल नेटवर्क बिछाया जा रहा है। सिंगल लाइनों को डबल में बदलना, मीटर गेज को ब्रॉड गेज में बदलना, इस काम को तेज गति से हम कर रहे हैं। ट्रेनों की स्पीड भी बढ़ाई जा रही है। लगभग साढ़े पांच हजार मानव रहित क्रॉसिंग को बीते चार वर्षों में हमनें हटा दिया है। भाइयों बहनों हवाई सेवा को सस्ता करने और देश में नए हवाई रूट शुरू करने के लिये उड़ान योजना चलाई जा रही है। पिछले वर्ष लगभग दस करोड़ लोगों ने हवाई सफर किया यानी एसी ट्रेन में रेलवे के एयरकंडीशन डिब्बे में जितनों ने यात्रा की उससे ज्यादा लोगों ने हवाई जहाज में यात्रा की ये मैं हिन्दुस्तान की चार साल की कथा बता रहा हूं। हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई जहाज में जाय ये सपना लेकर के काम कर रहे हैं। देश के जलशक्ति का भी पूरा इस्तेमाल करने पर जोर दिया जा रहा है। देश में सौ से ज्यादा नए वॉटर वेज बनाए जा रहे हैं। यहां यूपी में भी गंगा जी में भी जहाज चलने लगे हैं। गंगा जी के माध्यम से यूपी सीधा – सीधा समुद्र से जुड़ने वाला है। जल्द ही मालवाहक जहाज यूपी में बना सामान बड़े – बड़े पोर्ट तक पहुंचाने के लिये सामर्थ्यवान हो जाएगा। गंगा जी की तरह यमुना जी को लेकर भी एक बाद एक नई योजनाएँ बनाई जा रही हैं।

साथियों जहां-जहां ट्रांस्पोर्ट की ये सुविधा खड़ी की जा रही है। वहां – वहां नए उद्योगों के अवसर भी तैयार किये जा रहे हैं। इसी सोच के साथ इस साल बजट में उत्तर प्रदेश में डिफेंस इंडस्ट्रियल कोरिडोर के निर्माण का भी ऐलान किया गया है। इस कोरिडोर का विस्तार आगरा, अलीगढ़, लखनऊ, कानपूर, झांसी और चित्रकूट तक ये विस्तार होगा। अकेले ये कोरिडोर करीब – करीब ढाई लाख लोगों के लिये रोजगार के नए अवसर सृजित करेगा।

साथियों न्यू इंडिया के तमाम नई व्यवस्थाएँ देश के युवाओं, मध्यम वर्गीय आशाओं अपेक्षाओं के आधार पर खड़ी की जा रही है। देश के हर गांव को इन्टरनेट से जोड़ने के लिये भारत नेट योजना के तहत काम तेज गति से आगे बढ़ रहा है। हमारी सरकार की रफ्तार का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि कांग्रेस सरकार जहां अपने चार साल में ये भी जैसे मैंने आपको हाईवे निर्माण का आंकड़ा दिया था। ये भी आंकड़ा जरा नोट करने जैसा है। कांग्रेस की यूपीए सरकार अपने चार साल में 59 पंचायतें यानी करीब – करीब 60 पंचायतों में ही ऑप्टिकल फाइबर से उसे जोड़ पाई थी। 59 वहां हमनें एक लाख से अधिक पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ दिया है। कहां चार साल में 60 से भी कम गांव और कहां चार साल में एक लाख गांव। काम कैसे होता है। मेरा देश भली भाँति से अनुभव कर रहा है। मेक इन इंडिया के माध्यम से देश में मैन्युफैक्चरिंग उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसका परिणाम यह हूआ कि चार वर्ष पहले देश में सिर्फ दो मोबाईल फोन बनाने वाली फैक्टरियां थीं। आप अनुमान लगा सकते हैं आज कहां पहुंचे हैं । आपको जानकर के खुशी होगी। उनके जमाने में दो फैक्टरियां मोबाइल फोन बनाती थी। आज 120 फैक्टरी मोबाइल फोन बना रही है। और उसमें तो कई तो यहां एनसीआर में ही हैं। जिनसे अनेक युवाओं को भी रोजगार मिला है। कुछ तो शायद यहां मौजूद भी होंगे।

साथियों रोजगार निर्माण में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग जिन्हें हम एमएसएमई भी कहते हैं। उनका बहुत बड़ा योगदान है। खेती के बाद एमएसएमई सैक्टर में ही रोजगार के सबसे ज्यादा अवसर उपलब्ध होते हैं। और यूपी में तो करीब-करीब 50 लाख छोटे – छोटे लघु उद्योगों का जाल है। इन उद्योगों का और विस्तार हो, इसके लिये केन्द्र और उत्तर प्रदेश सरकार मिलकर के काम कर रही है। केन्द्र सरकार ने एमएसएमई सैक्टर को टैक्स में भी भारी छूट देकर रखी हुई है। उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार ने एक बड़ा महत्वपूर्ण इनिशिएटिव योगी जी की सरकार ने लिया है। वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण है। यूपी सरकार की इस योजना को केन्द्र सरकार के स्किल इंडिया मिशन, स्टैंडअप इंडिया, स्टार्टअप इंडिया मिशन और प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना के साथ हमनें उसका सहयोग देने का एक पूरा रोड मैप बनाया है। साथियों बेहतर बिजनेस और कारोबार तब होता है जब सुरक्षा व्यवस्था सही हो। यहां पश्चिम उत्तर प्रदेश में तो आप साक्षात गवाह हैं कि पहले क्या स्थिति थी। लेकिन अब योगी जी की नेतृत्व वाली सरकार में अपराधी खुद सरेंडर कर रहे हैं। अब अपराधी खुद आगे से कोई अपराध नहीं करेंगे उसके शपथ लेने लगे हैं। और मैं योगी जी को और मनोहर लाल जी को दोनों एक को इस बात के लिये बधाई देता हूं। उन्होंने उत्तर प्रदेश और हरियाणा के बीच कानून व्यवस्था के मुद्दे पर इतना बढ़िया संकलन किया एक दूसरे को इतना बढ़िया संपर्कसूत्र से जोड़ा है कि पहले क्रिमिनल यहां खेल खेलते थे वहां भाग जाते थे। वहां खेल खेलते थे यहां शरण ले लेते थे। अब उनके सारे रास्ते इन दोनों ने बंद कर दिये हैं। मैं दोनों को बधाई देता हूं।

भाईयों बहनों हम महिलाओं के सम्मान और सशक्तिकरण- इस बात को हम प्राथमिकता दे रहे हैं। स्वच्छ भारत अभियान के तहत मैंने देश में साढ़े 7 करोड़ शौचालय हो। या फिर उज्ज्वला योजना के तहत दिये गए चार करोड़ गैस कनेक्शन हों। इन्होंने महिलाओं के जीवन को आसान बनाने की बहुत बड़ी सेवा की है। वहीं मुद्रा योजना के तहत जो लगभग 13 करोड़ लोन दिये गए हैं। उनमें 75 प्रतिशत से अधिक महिला उद्यमों को ये लोन मिले हैं। कोई कल्पना कर सकता है। हिन्दुस्तान में मुद्रा योजना की 13 करोड़ लोन में से लोन लेने वाली 75 प्रतिशत मेरे देश की बेटियां हैं, बहनें हैं, माताएं हैं। बीते चार वर्ष में हमनें बेटियों को सम्मान दिया। और उन्हें और सशक्त बनाया। साथियों महिलाओं के साथ-साथ दलितों और पिछड़ों के सशक्तिकरण के और उनके सम्मान के लिये बीते चार वर्ष में हमनें एक के बाद एक कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। चाहे वो स्वरोजगार हो या फिर सामाजिक सुरक्षा आज अनेक योजनाएँ इस दिशा में काम कर रही है। मुद्रा योजना के माध्यम से जो लोन दिया गया है उसमें आधे से ज्यादा लोन दलित और पिछड़े वर्ग के लोगों को मिला है। स्टैंडअप इंडिया के जरिये भी दलितों को महिलाओं को उद्यमी की एक नई योजना से लाभ मिला है। ये हमारे सरकार के लिये सौभाग्य की बात है कि हमने बाबासाहेब आम्बेडकर जी से जुड़े पांच स्थान पंच तीर्थ के रूप में विकसित किया है। साथियों मैं आपको अनुभव के आधार पर कह सकता हूं कि जिनके मन में स्वार्थ है वे सिर्फ घडियाली आंसू बहाने वाली राजनीति करते आए हैं। वो लोकलुभाव राजनीति करते आए हैं। लेकिन जो सही मायनों में दलित, पीड़ित, सोशित, वंचित, उपेक्षित अगर उनके हितों में सोचता है तो वो लोक हित की राजनीति करता है, लोकरंजक राजनीति नहीं करता है। दलित और पिछड़े भाई-बहनों के लिये अवसरों के साथ-साथ उनकी सुरक्षा और न्याय के लिए भी बीते चार वर्षों में कई महत्वपूर्ण निर्णय किये गए हैं।

दलितों पर आदिवासियों पर अत्याचार के कानूनों को हमने और कड़ा किया है। दलितों पर होने वाले अत्याचारों की लिस्ट को 22 अलग – अलग अपराधों से बढ़ाकर के 47 तक हमनें उसका विस्तार कर दिया है। दलितों के अत्याचार से जुड़े मामलों की तेज सुनवाई के लिये स्पेशल कोर्ट का गठन किया जा रहा है।

भाइयों और बहनों सरकार ने पिछड़ी जातियों के सब कैटागराइजेशन के लिये एक कमीशन का गठन करने का निर्णय लिया है। सरकार चाहती है कि ओबीसी समुदाय में जो अति पिछड़े हैं उन्हें सरकार और शिक्षण संस्थाओं में तय सीमा में रहते हुए आरक्षण का और अधिक फायदा प्राप्त हो। और इसलिये ओबीसी समुदाय में सब कैटगरी बनाने के लिये हमने कमीशन का भी निर्माण किया। साथियों सरकार को ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा तक देना चाहती थी। और ओबीसी समाज की ये मांग पिछले बीस पच्चीस साल से चल रही थी। लेकिन वो यूपीए में बैठी हुई सरकार को इसकी परवाह नहीं थी। हमनें उसके लिये कानून लाया। पार्लियामेंट में ओबीसी कमीशन को संविधान अधिकार मिले इसके लिए अहम कानून लाये। लेकिन कांग्रेस पार्टी के लोगों को ये गवारा नहीं था। उनके सहयोगी दलों को गवारा नहीं था। और इसलिये वो रोड़ा बनकर के खड़े हो गए। और उस कानून को अभी तक लटकाए बैठे हैं। लेकिन मैं ओबीसी समाज को विश्वास दिलाता हूं। जो कदम उठाया है उसे मोदी पूरा करके रहने वाला है। भाइयों और बहनों सच्चाई ये है कि गरीबों के लिए, दलितों-पिछड़ों-आदिवासियों के लिए जो भी कार्य किया जाता है, कांग्रेस और उसके साथ चलने वाले दल या तो उसमें रोड़े अटकाने लगते हैं, इन्हें देश का विकास भी मजाक लगता है। उन्हें स्वच्छ भारत के लिए किया गया काम मजाक लगता है, उन्हें गरीब महिला के लिए बनाया गया शौचालय मजाक लगता है। जब हमारी सरकार गरीब महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन देती है, तो भी ये उसका मजाक उड़ाते हैं। जब गरीब के लिए बैंक खाते खुलते हैं तो भी ये गरीब विरोधी मानसिकता वाले इसकी भी मजाक उड़ाते हैं। पीढ़ी दर पीढ़ी परिवार में सत्ता देखने के आदी ये लोग गरीब के लिए किए जा रहे हर काम को मजाक समझते हैं। कैबिनेट के दस्तावेज को फाड़कर फेंकने वाले लोग, संसद में पास सर्वसम्मिति से पास कानून की इज्जत भी करना उचित नहीं मानते हैं।

आज देश के लोग देख रहे हैं कि अपने सियासी फायदे के लिए ये लोग सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भी खुलेआम झूठ बोलने की हिम्मत करते हैं। ये लोग यह भी नहीं सोचते कि उनके झूठ की वजह से देश में किस तरह की अस्थिरता का माहौल पैदा हो सकता है। चाहे दलितों पर अत्याचार से जुड़े कानून की बात हो या फिर आरक्षण की बात हो, झूठ बोलकर, अफवाह फैलाकर ये लोगों को भ्रमित करने की साजिश करते हैं। मैं तो सुन रहा हूं अब उन्होंने नया झूठ मैदान में उतारा है। और शायद इस इलाकों के लोग तक पहुंच भी गया होगा। और उन्होंने झूठ चलाया है। और वो किसानों के बीच में पहुंचा रहे हैं। और झूठ ऐसा फैलाया जा रहा है कि जो किसान खेत ठेके पर या बंटाई पर देगा, उससे 18 प्रतिशत जीएसटी लिया जाएगा। चुनाव में पराजय हुए लोग राजनीति करने की कुछ तो सीमा करिए। इतना झूठ... मेरे देश के किसान को गुमराह कर रहे हो। आपको पता नहीं आप कितना बड़ा पाप कर रहे हो। मैं अपने किसान भाइयों से कहना चाहता हूं कि ऐसी किसी अफवाह पर ध्यान नहीं दें, बल्कि जो अफवाह फैला रहे हैं उनके खिलाफ शिकायत करें। और मैं आपको वादा करता हूं ऐसे झूठ खेल खेलने वालों को कानून काम करके रहेगा।

साथियों, हमारी सरकार ग्रामोदय से भारत उदय की अवधारणा पर काम कर रही है। जब हम ग्रामोदय की बात करते हैं तो उसका केंद्र बिंदु मेरे देश का अन्नदाता, मेरा किसान है। मेरे गांव का छोटा कारीगर है मेरे गांव का खेत हर मजदूर है। इस वर्ष बजट में गांव और खेती से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए 14 लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है।

इसके अलावा यूरिया की शत प्रतिशत नीम कोटिंग, प्रधानमंत्री सिंचाई परियोजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के दायरे में विस्तार से भी किसान को एक गारंटी देता है लाभ पहुंचा है। किसान को लागत का डेढ़ गुणा समर्थन मूल्य भी हमारी सरकार ने सुनिश्चित करना तय किया है। और मैं हमारे दोनों मुख्यमंत्रियों को बधाई देता हूं कि उन्होंने एमएसई के नए नियमों के तहत किसानों से जितना माल खरीद सकते हैं खरीदने के लिये योजना बनाई है और भूतकाल के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिये हैं। दोनों हमारे किसानों को समर्पित सरकारों को दोनों मुख्यमंत्रियों को मैं बधाई देता हूं।

खेत से निकलकर बाजार तक पहुंचने से पहले किसानों की उपज बर्बाद न हो, इसके लिए 6 हजार करोड़ रुपए के निवेश वाली प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना पर काम किया जा रहा है। ये योजना पश्चिम यूपी के आलू पैदा करने वाले किसान हैं उनको सबसे ज्यादा मदद करने की ताकत रखती है। इस बजट में जिस Operation Green का ऐलान किया गया है, वो भी नई सप्लाई चेन व्यवस्था से जुड़ा हुआ है। ये फल, फूल और सब्जियां पैदा करने वाले यहां के किसानों के लिए बहुत ही उपयोगी साबित होगा।

भाइयों और बहनों, ऑर्गैनिक खेती, मधुमक्खी पालन, सोलर फार्म, ऐसे तमाम आधुनिक विकल्पों को बढ़ावा दिया जा रहा है। खेती के इन सब-सेक्टर्स में काम करने वाले किसानों को कर्ज मिलने में और आसानी हो, इस पर भी विस्तृत रूप से योजनाएं बनाई गई है।

यहां के गन्ना किसानों के लिए भी हमारी सरकार निरंतर कार्य कर रही है। पिछले वर्ष ही हमने गन्ने का समर्थन मूल्य लगभग 11 प्रतिशत बढ़ाया। इससे गन्ने के 5 करोड़ किसानों को सीधा लाभ हुआ था। इथेनॉल से जुड़ी पॉलिसी में बड़ा बदलाव करते हुए अब पेट्रोल में इथेनॉल की 10 प्रतिशत ब्लेन्डिंग को भी स्वीकृति दी जा चुकी है। गन्ना किसानों को चीनी मिलों से बकाया मिलने में देरी न हो, इससे जुड़ा एक बड़ा फैसला हाल में लिया गया है। सरकार ने तय किया है कि प्रति क्विंटल गन्ने पर 5 रुपए 50 पैसे की आर्थिक मदद चीनी मिलों को दी जाएगी। लेकिन, लेकिन ये चीनी मिलों के मालिक के हाथ में नहीं जाएगी। इसमें भी किस तरह का खेल होता था ये हमें पता है और इसलिये हमने तय किया कि ये राशि चीनी मिलों को देने की बजाय सीधी सीधी गन्ना किसानों के बैंक अकाउंट में जमा कर दी जाएगी। इससे गन्ना किसानों का पैसा चीनी मिलों में नहीं फंसेगा। मैं यहां के गन्ना किसानों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सरकार उनकी दिक्कतों के प्रति संवेदनशील है और बहुत कड़ाई के साथ गन्ना किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।

भाइयों और बहनों, गांव के विकास के साथ-साथ हम हमारे शहरों को भी 21वीं सदी के हिसाब से तैयार कर रहे हैं। स्मार्टसिटी मिशन, अमृत योजना के माध्यम से शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा रहा है। शहरों में रहने वाले गरीब-मध्यम वर्ग के लोगों को अपना घर मिले इसके लिए हम बड़े स्तर पर प्रयास कर रहे हैं, कांग्रेस की सरकारों की तुलना में कहीं ज्यादा तेजी से ये काम भी हम कर रहे हैं। साल 2004 से लेकर 2014 के 10 वर्षों में कुल साढ़े 13 लाख घर शहरों में निर्माण के लिए मंजूर किए गए, पिछले चार वर्षों में हमने 46 लाख घर स्वीकृत कर दिये हैं। पचास लाख के करीब पहुंच गए हैं। कांग्रेस ने 10 वर्षों में यानि 3 गुना से अधिक काम हमने किया है। कांग्रेस ने 10 वर्षों में साढ़े 5 लाख घरों की चाबियां शहर के लोगों को सौंपी हैं। जबकि हमारी सरकार ने सिर्फ 4 वर्षों के भीतर-भीतर 8 लाख से अधिक शहरी लाभार्थी को रहने के लिये घर की चाबी दे दी।

भाइयों और बहनों, बढ़ती आबादी की चुनौतियों से निपटने के लिए भी शहरी व्यवस्थाओं को तैयार किया जा रहा है। एक परिवार के 38 साल के राज में कैसे शहरों का बे-तरतीब विकास हुआ, बिना योजना के योजना के बढ़ते चले गए, ये देश ने समस्याओं की जड़ कहां है ये भली भांति देखा है।न शहरों से सीवर का पानी निकालने की व्यवस्था, न पानी साफ करने की। हमारी नदियों का काम क्या हो गया शहर की गंदगी को बहाकर समुद्र तक के नदियां ही खींच के ले रही है। विशेषकर हमारी हमारी मां गंगा तो बढ़ती हुई आबादी और बढ़ते हुए औद्यौगिक प्रदूषण से पस्त पड़ रही थीं। इसलिए ही इस सरकार में नमामि-गंगे कार्यक्रम शुरू किया गया। सरकार ने प्राथमिकता सिर्फ गंगा की सफाई को ही नहीं दी, बल्कि अब ये भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि शहरों से निकलने वाली गंदगी भी गंगा में नहीं जानी चाहिए। सरकार द्वारा अब तक लगभग 21 हजार करोड़ की 200 से अधिक परियोजनाओं को स्वीकृति दी जा चुकी है। इसके अलावा गंगा तट के किनारे बने गांवों को प्राथमिकता के आधार पर खुले में शौच से मुक्त बनाया जा रहा है। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल, जिन पाँच राज्यों से गंगाजी होकर गुजरती हैं, वहां गंगा किनारे के कई गांव इस मिशन में बहुत सफल हो चुके हैं।

साथियों, गंगा सफाई पर देश में पहले भी बहुत बड़ी-बड़ी बातें हुई हैं। लेकिन ये सरकार बातों में नहीं, काम करके उसको सिद्ध करने पर रखती है। यही हमारी कार्यसंस्कृति है, यही हमारी पूंजी है। जनता की कमाई का एक एक पैसा जनता पर खर्च हो, इसका ध्यान रखा जा रहा है। इसलिए, हम यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि जो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाये जाये वो ठीक से चले, क्योंकि ये भी एक कांग्रेस कल्चर रहा है कि प्लांट तो बनाये जाते थे, लेकिन न तो वो अपनी क्षमता से काम करते थे और न ही लंबे समय तक चल पाते। गंगा जी से जुड़ी अहम परियोजनाओं से भी अब कांग्रेस कल्चर को हटाने का कार्य किया जा रहा है।

साथियों, अब जो भी प्लांट बनाए जा रहे हैं, उसके साथ - साथ ये भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि वो 15 साल के बाद की आवश्यकताओं को भी ध्यान में रखकर के किया जाए। यानि हमारा जोर सिर्फ सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने पर ही नहीं बल्कि उन्हें चलाने पर भी है।

भाइयों और बहनों, जिन्होंने 70 साल देश के साथ, देश के गरीबों के साथ, मध्यम वर्ग, किसानों-नौजवानों के साथ छल किया, उन्हें भ्रम में रखा, उन्हें धोखा दिया, वो अब एनडीए सरकार पर जनता का विश्वास देख काफी बौखलए हैं। उनको परेशानी है कि चार साल के बाद इतनी गर्मी में इतना बड़ा जन सैलाब उनको सोने नहीं देता है। सच्चाई ये है कि इन्हें न कभी देश के लोकतंत्र पर विश्वास रहा है और न ही संविधान के तहत चल रही संस्थाओं पर विश्वास। पिछले 4 साल में बार-बार उनकी ये मानसिकता खुलकर के सामने आई है। देश की सर्वोच्च अदालत पर कैसे इन लोगों ने विश्वास का संकट खड़ा किया, ये देश ने पिछले दिनों देखा।

देश के चुनाव आयोग को, EVM को कैसे इन्होंने शक के दायरे में खड़ा किया, ये भी देश भलीभांति जानता है। देश के रिजर्व बैंक को, उसकी नीतियों पर भी उन्होंने कैसे सवालिया निशान खड़ा किया। विश्वास का संकट पैदा करने का पाप किया ये भी हमने देखा है। देश की जो एजेंसियां, उनके काले कारनामों की जांच कर रही हैं, ये उसे भी कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। और तो और, अब तो उन्हें देश का मीडिया भी पक्षपाती नजर आने लगा है।

भाइयों और बहनों, एक परिवार की पूजा करने वाले कभी लोकतंत्र की पूजा नहीं कर सकते। ये सर्जिकल स्ट्राइक करने वाली देश की सेना के साहस को भी नकारते हैं। जब अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां भारत की तारीफ करती हैं, तो ये उन पर भी डंडा लेकर दौड़ पड़ते हैं। देश की जो एजेंसिया इनके समय में विकास के आंकड़े देती थीं, वही एजेंसियां जब, उसी तरीके से नए सरकार के आंकड़े देती है तो कहती हैं कि देश में तेजी से विकास हो रहा है, तो ये उनकी विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाने लगते हैं। यहां तक विदेश से आया कोई मेहमान भी इस सरकार की तारीफ में कुछ बोल देता है, तो सारी मर्यादा ताक पर रखते हुए उस पर भी ये लोग सवाल खड़े कर देते हैं आलोचना कर देते हैं।

साथियों, देश की जनता का विश्वास जिन लोगों से उठ चुका हो, वो इतना बौखला जाएंगे, उनके परेशानी का कारण आप भी जानते हैं मैं भी जानता हूं। मोदी के विरोध में देश का विरोध करने लगेंगे, इसकी उम्मीद कम से कम मुझे तो नहीं थी। लेकिन जिसके पास आपका विश्वास हो, आपका आशीर्वाद हो, देश के सवा सौ करोड़ लोगों का विश्वास हो, वो इन लोगों के लाख आक्रमण से भी न कभी डिगता है न कभी रुकता है न कभी थकता है।

साथियों, मेरे देशवासियों आप हर चीज को बराबर तलाश करके देख लीजिये उस तरफ अब कौन लोग हैं इस तरफ कौन लोग हैं। जरा बराबर जांच कर देख लीजिए उस तरफ वो लोग हैं। उनके लिए, उनका परिवार ही देश है, मेरे लिए, मेरा देश ही मेरा परिवार है। देश के सवा सौ करोड़ लोग ही मेरे परिवार के सदस्य हैं। कमाने के लिए मेरे पास सिर्फ आपका आशीर्वाद है आपका प्यार है आपका विश्वास है। करने के लिए मेरे पास सिर्फ और सिर्फ सवा सौ करोड़ देशवासियों की सेवा है। आप सभी के सहयोग से, सवा सौ करोड़ देशवासियों के कंधे से कंधा मिलाकर चलने से एक भारत, श्रेष्ठ भारत का हमारा संकल्प और मजबूत होकर रहेगा। आप भारी संख्या में यहां आए, इसके लिए मैं आपका बहुत बहुत धन्यवाद देता हूं। और आज जिन रोड का लोकार्पण हुआ है। इसका महत्व सिर्फ इस इलाके से नहीं 21वीं सदी का हिन्दुस्तान कैसा हो सकता है। इसका ये सैम्पल है। जो आपके घर के किनारे पर है।

बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।