अपराध और अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए फोरेंसिक साइंस की भूमिका अहम: प्रधानमंत्री मोदी
डीएनए प्रोफाइलिंग के जरिए न्यायिक तंत्र को और मजबूत किया जा सकता है: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने न्यायिक प्रणाली को मदद करने के लिए विधि विज्ञान विशेषज्ञों से डीएनए तकनीक का अधिकाधिक इस्तेमाल करने की अपील की और केंद्र के डीएनए टेक्नाेलॉजी यूज एंड एप्लीकेशन बिल 2018 और इसके लाभों की चर्चा की

गुजरात के गवर्नर श्रीमान ओ.पी. कोहली जी, मुख्‍यमंत्री श्री रूपाणी जी, उपमुख्‍यमंत्री श्री नितिन भाई, मंत्रिपरिषद के उनके सहयोग श्रीमान भूपेंद्र जी चुड़ासमा, श्री प्रदीप सिंह जाडेजा, गुजरात फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के डायरेक्‍टर जर्नल डॉ. जे. एम. व्‍यास Convocation में सम्मिलित सभी महानुभव, मेडल विजेता स्‍कॉलर्स, उनके अभिभावक और आज प्रधानमंत्री के special guest, जो स्‍कूल के जो बच्‍चे आए हैं वो मेरे विशेष मेहमान हैं। भाईयों और बहनों आप सभी का गुजरात के Forensic Science University के चौथे Convocation में मैं भी हृदय पूर्वक बहुत-बहुत स्‍वागत करता हूं। और यह स्‍वागत मैं इसलिए कर रहा हूं कि कोई गलती न कर दे कि मैं यहां अतिथि हूं। सबसे पहले मैं उन विद्यार्थियों को हृदय से बधाई देता हूं, जिन्‍हें आज डिग्री मिल रही है और जो अपने जीवन के आगे की और बहुत महत्‍वपूर्ण यात्रा की एक शुरूआत कर रहे हैं। मैं सभी छात्र-छात्राओं के माता-पिता और उनके परिवार के अन्‍य सदस्‍यों का भी हृदयपूर्वक अभिनंदन करता हूं। उनकी परवरिश, उनके प्रयत्‍न और उनके परिश्रम से ही आज उनकी लाडली बेटी और लाडले बेटे यहां सफलता के इस मुकाम पर पहुंचे हैं।

I am particularly delighted to be at the Gujarat Forensic Sciences University. This university and the students studying here are pioneers. This is not a university that offers courses that are more talked about. Instead, the focus area is specific. Your road to Gandhinagar would not have been an easy one. When you planned to come here, I am sure people asked you are you sure, you want to do this? Are you watching too many crime related TV shows? Or, are you reading too many Agatha Christie or Feluda books? Yet, you persisted and selected a stream that is conventionally believed to be unconventional but highly important for today’s age. This shows that you not only believe in yourself but also are blessed with the power of determination to pursue your own dreams. This trait will always help you in the times to come. Friends, It is a matter of pride that in a short time, GFSU has achieved such a bench-mark of academic excellence that the National Assessment and Accreditation Council has awarded this University an ‘A’ Grade. I am glad that GFSU is among very few universities in India, to achieve this immediately after establishment. With Thirty-Five courses and Two-Thousand Two-Hundred Plus students, Gujarat Forensic Science University is engaged in teaching and research in different areas of Forensic Sciences. I congratulate the leadership, management, and faculty of GFSU for their energy and commitment, making this University the pride of Gujarat and India.

साथियों, Police, Forensic Science और Judiciary ये तीनों ही criminal justice delivery system के अभिन्‍न अंग होते हैं। किसी भी देश में यह तीनों अंग जितने ज्‍यादा मजबूत होंगे, उतना ही वहां के नागरिक सुरक्षित होंगे और अपराधिक गतिविधियां नियंत्रण में रहेंगी। इसी सोच के साथ बीते वर्षों में गुजरात में एक holistic approach के साथ इन तीनों स्‍तंभों को विस्‍तृत करने का कार्य शुरू हुआ। रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी, National Law University और Forensic Science University यानि एक तरह से कानून व्‍यवस्‍था से जुड़ा complete holistic package इसी का नतीजा है कि आज रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी से qualified, trained students निकल रहे हैं, जो विभिन्‍न सुरक्षा बलों में जाकर internal security को मजबूत करने का काम कर रहे हैं। National Law University और Forensic Science University निकले युवा, उनकी कुशलता, जांच और न्‍यायिक प्रक्रिया को और सशक्‍त कर रही है।

साथियों आज के बदलते समय में अपराधी अपने अपराध को छिपाने के लिए, बचने के लिए जिस तरह के तरीके को अपना रहा है, उस स्थिति में यह उतना ही महत्‍वपूर्ण है कि हर व्‍यक्ति को यह एहसास हो कि अगर वो कुछ गलत करेगा तो कभी न कभी तो पकड़ा जाएगा, सजा भुगतनी पड़ेगी। पकड़े जाने की भय की यह भावना और अदालत में उसका अपराध साबित होने का डर अपराध को नियंत्रण में रखने में बहुत मददगार साबित होता है और यही पर Forensic Science की भूमिका सबसे ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण हो जाती है। Surety of punishment हमारे judicial system की credibility को भी और नई ताकत देती है। मैं GFSU की इस बात के लिए विशेष सराहना करता हूं कि वो वैज्ञानिक तरीके से criminal investigation और justice delivery system को मजबूत करने के लिए अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर human resource का बड़ा पूल तैयार कर रही है। सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि across the globe Law Enforcement एजेंसियां आपकी यूनिवर्सिटी से मदद मांगने के लिए आगे आ रही है। अनेक देशों को मदद करके उनके लोगों को ट्रेनिंग और consultancy देकर आपकी यूनिवर्सिटी अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर ख्‍याति प्राप्‍त कर रही है।

मुझे बताया गया है कि पिछले पांच साल में गुजरात Forensic Science University  ने छह हजार से ज्‍यादा अफसरों को ट्रेनिंग दी है। इसमें 20 से अधिक देशों के 700 से ज्यादा पुलिस अफसर भी यहां ट्रेनिंग प्राप्‍त कर चुके हैं। और अपने-अपने देश में वापस लौटकर यह अफसर अपने knowledge, और Skill का इस्‍तेमाल अपने देश और समाज को सुरक्षित रखने में आज कर रहे हैं। आप सभी के लिए प्रत्‍येक गुजरातवासी के लिए यह बहुत ही गर्व की बात है कि उसकी जमीन पर चल रही एक यूनिवर्सिटी अपनी ट्रेनिंग और education के बल पर Global Security में इतनी निर्णायक भूमिका निभा रही है।

साथियों आज के इस दौर में यह भी बहुत आवश्‍यक है कि हर नई व्‍यवस्‍था खुद को आधुनिक तकनीक के अनुरूप ढालती रहे। निश्चित तौर पर इसमें डिजिटल टेक्‍नोलॉजी इसका महत्‍वपूर्ण योगदान है। डिजिटल टेक्‍नोलॉजी ने तो Forensic Science को नई ताकत दी है। पहले तो सारी testing, investigations physically ही करने पड़ते थे। आज डिजिटल टेक्‍नोलॉजी ने इन कार्यों को और आसान किया है और precise  भी किया है। और मैं समझता हूं कि इस क्षेत्र में नये-नये सॉफ्टवेयर develop किये जाने डिजिटल tools का इस्‍तेमाल बढ़ाने का बहुत scope अभी भी है और इस दिशा मं भी ज्‍यादा विस्‍तार से सोचा जाना चाहिए। साथियों एक तरफ internet ने हम सभी के जीवन को आसान बनाने का काम किया है तो दूसरी तरफ एक नये तरह के अपराध  cyber crime को भी जन्‍म मिला है। यह cyber crime देश के नागरिकों की privacy के लिए तो चुनौती है ही। हमारे financial institution हो, power stations हो, hospitals हो ऐसे सारे ऐसे महत्‍वपूर्ण अंगों को भी यह प्रभावित करते हैं। यह National Security के लिए भी, न सिर्फ हिन्‍दुस्‍तान, दुनिया के हर देश के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती है। आज इस अवसर पर मैं सभी cyber और digital expert से आग्रह करता हूं कि वो डिजिटल इंडिया मिशन का सहभागी बनकर देश और समाज को सुरक्षित करने, उसे सशक्‍त करने में मदद करे। सरकार द्वारा cyber crime को रोकने के लिए ऐसे अपराधियों में भय उत्‍पन्‍न करने के लिए जरूरी कदम उठाये गए। Cyber Forensic Labs को भी मजबूत किया गया है, लेकिन इसके साथ ही आप जैसे अनुभव expert की भी देश को बहुत-बहुत आवश्‍यकता है, जो कम समय में ऐसे अपराधियों तक पहुंचने में जांच एजेंसियों की मदद कर सकते हैं। साथियों बदलते समय के साथ सिर्फ crime ही नहीं बल्कि अलग-अलग क्षेत्रों में भी Forensic Science का महत्‍व बढ़ रहा है। जैसे insurance sector हो, insurance कंपनियों के पास अपने claim settlement के लिए अलग-अलग तरह के लोग आते हैं। उनके लिए बड़ी चुनौती होती है कि जो claim कर रहा है वो genuine है  या नहीं है। Forensic Science की जानकारी इसमें उनकी मदद कर सकती है। इसी तरह अगर Health Sector में काम करने वालों को Forensic Science की knowledge होगी तो वो भी Forensic needs को ध्‍यान में रखते हुए काम करेंगे। जैसे किसी हादसे के बाद या अपराध के बाद जब जख्‍मी व्‍यक्ति अस्‍पताल पहुंचता है तो उसके साथ बहुत सारे Forensic evidence ले करके आता है।  Health Sector में काम करने वालों को, nurses को, Forensic Science की अगर बेहतर समझ होने पर यह सबूत बचाने में वो काफी मदद कर सकते हैं। Forensic Science के हर छात्र के लिए human intelligence की बारीकियों को विकसित करना भी बहुत महत्‍वपूर्ण है। हो सकता है आपमें से कुछ ने यहां गुजरात और राजस्‍थान में खास करके पगी समुदाय के बारे में सुना होगा। कच्‍छ और बॉडर वाले इलाकों में एक पगी समुदाय के लोग सदियों से अपने human intelligence के लिए बहुत मशहूर रहे हैं। जैसे ऊंट के footprint देख करके बता देते हैं कि ऊंट अकेला था या उस पर कोई बैठा हुआ सवार के साथ था या सामान लगेज के साथ था और मैनें तो कहीं पढ़ा था कि जो पगी समुदाय होता है बचपन से पांचों senses को develop करने के लिए परंपरागत ट्रेनिंग उनके कुनबे में रहा करती थी और इसलिए गंभीर अपराधों को solve करने के लिए कुछ इलाकों में तो आज भी पुलिस इस प्रकार के पगी समुदाय के लोगों को बुला कर उनसे मदद भी लेती है। और मैं यूनिवर्सिटी और प्रशासन से कहना चाहूंगा कि कभी न कभी तो दुनिया में इन सारी चीजों का उपयोग हुआ है, human intelligence के द्वारा उपयोग हुआ है। क्‍या Forensic Science University कई विषयों पर काम कर रही है। Traditionally हमारे देश में Forensic Science university और पुराने जमाने की जो tradition थी , पहले जब डिजिटल टेक्‍नोलॉजी नहीं थी तो लोग finger print को मिला करके सबूत इक्‍ट्ठा करके अपना opinion देते थे। Hand writing expert हुआ करते थे वो opinion देते थे,  Psychoanalysts होते थे वो psycho profile बना करके देते थे। Traditionally यह सारी चीजें थी। यह जो traditional चीजें हिन्‍दुस्‍तान में थी और हर राज्‍य में थी उसको Forensic Science University के द्वारा अगर उसको इकट्ठा किया जाए और उन traditional knowledge को आधुनिक टेक्‍नोलॉजी के साथ जोड़ करके उसे नये आयाम पर कैसे ले जाया जा सकता है, मैं समझता हूं यह न सिर्फ हिंदुस्‍तान में दुनिया में हर देश के पास ऐसी कोई न कोई विद्या है। उस विधा का अगर उपयोग किया जाएगा तो हम इन चीजों को बहुत आगे बढ़ा सकते हैं। उदाहरण के तौर पर जो psycho-profile तैयार करते हैं, Psychoanalysis करते हैं। किसी जमाने में वो मिल करके बात कर करके उनके परिवार जनों से पूछ-पूछ करके तय करते थे। आज टेक्‍नोलॉजी के माध्‍यम से हो जाता है। जैसे traditional knowledge ने, plus technology ने efficiency लाई है, perfection लाया है, मैं समझता हूं हमारे Forensic Science university research का एक क्षेत्र भी होना चाहिए कि traditional knowledge, human intelligence और modern technology इन दोनों को मिला करके हम इस क्षेत्र में किस प्रकार से काम कर सकते हैं, उस दिशा में भी हमारी यूनिवर्सिटी को काम करना चाहिए।

Friends, criminals and ways of committing crime are constantly changing. In order to deal with rapidly changing crime scenario, you also have to develop newer techniques to make it clear that criminals will not be spared. DNA profiling has established new dimensions in forensic investigation. With the help of this technology, many such cases have been resolved which would otherwise remain unsolved. I call upon forensic experts to help the judicial system by using DNA profiling as much as possible so that culprit get punished immediately and the victims get justice. Looking at the importance of DNA technology in forensic investigation, our government has approved the DNA Technology (Use and Application) Regulation Bill 2018. Through this bill, we will ensure that all DNA tests remain reliable and the data is safe. The Government has also decided to strengthen DNA analysis labs in all the States and Union Territories. A State of the Art lab under the Nirbhaya scheme is being established at Central Forensic Science Laboratory, Chandigarh. I am confident that in the coming times, we will be able to deter the heinous crimes, including the crimes committed on women, speedily and accurately.

अब जैसे आपने पिछले दिनों अखबारों में पढ़ा होगा मध्‍य प्रदेश के मंदसौर में एक अदालत ने सिर्फ दो महीने की सुनवाई के अंदर-अंदर नाबालिग पर बलात्‍कार करने वाले दो बलात्‍कारियों को, राक्षसों को फांसी की सजा सुना दी सिर्फ दो महीने में, इससे पहले मध्‍य प्रदेश के कटनी में एक अदालत ने सिर्फ पांच दिन में सुनवाई के बाद इन राक्षसों को फांसी की सजा दे दी। राजस्‍थान में भी अदालतों ने ऐसी ही त्‍वरित कार्रवाई की है। रेप जैसे जघन्‍य अपराधों में हमारी अदालतें तेज गति से फैसले लें इसके लिए Forensic Science और आप जैसे expert बहुत बड़ी सेवा कर सकते हैं। बहुत बड़ा प्रभाव पैदा कर सकते हैं। सरकार ने कानून को कड़ा किया, पुलिस ने जांच की लेकिन Forensic Science ने अदालत को जल्‍द फैसला लेने का एक मजबूत scientific support system दिया। न्‍यायिक प्रक्रियाओं में इस तरह की तेजी और अपराधियों के बचने का कोई भी मौका न दे और मैं मानता हूं कि आपकी योग्‍यता बड़े से बड़े गंभीर अपराधों को भी नियंत्रित करने में समाज की बहुत बड़ी सेवा करते हैं।

साथियों Forensic Science को देश के हर राज्‍य में ज्‍यादा से ज्‍यादा मजबूत किया जाने उसके विस्‍तार किये जाने पर सरकार लगातार कार्य कर रही है। इसी कड़ी में देश के पुलिस बल की आधुनिकिकरण की योजना के तहत सरकार ने गुजरात Forensic Science University को upgrade करने के प्रस्‍ताव को भी मंजूरी दे दी है। अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर और क्षेत्रीय स्‍तर पर centre of excellence और नये institute की स्‍थापना के लिए काम शुरू किया गया है। इस प्रोजेक्ट पर 300 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे जिसमें से 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार द्वारा दी जाएगी। और मुझे खुशी है कि गुजरात सरकार भी इस प्रोजेक्ट के लिए अपनी तरफ से लगभग 50 करोड़ रुपए जारी कर चुकी है। इस राशि का इस्तेमाल Forensic Science तकनीकों के आधुनिकिकरण और उन्हें विस्तार देने में किया जाएगा।

Friends, you have selected a very appropriate subject to study. Some of the principles from the classrooms of Forensic Science will also help you in the classroom of life, though in different contexts. They taught you the Law of Individuality, never forget that principle in life too. Swami Vivekananda used to say each soul is potentially divine. This means each one of us, within ourselves, has tremendous strength that is just waiting to be explored. The first step towards manifesting this strength is to believe. Believe in yourself. Believe in your abilities. Believe in your potential. Locard taught you that the perpetrator of a crime will bring something into the crime scene and leave with something from it. I am sure you will always be solving crimes. But, do remember that each one of you students brings great value to our society as well. And, while adding value, do not forget to also learn from others. Keep your mind open to new ideas, views and opinions. Enrich the world with your thoughts and absorb the best that others have to offer. This diversity is what will make you a richer person. And, when I say Law of Progressive Change, while your mind would naturally go back to what you were taught, also think about the times to come. We live in a world that is rapidly changing in every sense. Cutting edge innovation is the corner-stone of our times. It does not take much time for a new idea to become old. People, and youngsters in particular are coming out with out of the box solutions in record time. Likewise, you too must be at the centre of the changing trends across the globe. Your education and intelligence has trained you to think out of the box. Ensure that you use these skills not only to keep pace with the changes around us but also to drive some of the progressive changes that make our world a better place. Generations to come will thank you for it. Friends, no scheme or initiative can be successful without the participation of youth. I am confident that the knowledge you have gained here will help you serve the country effectively and achieve professional success. I hope you shall continue to hold your Alma Mater in the highest esteem. I wish all the graduating students a bright and vibrant future.

और मैं विशेष रूप से आज मैं देख रहा था बड़ी मुश्किल से कोई लड़का नजर आता था, सारे अवॉर्ड बेटियां ले रही थी। देखिए यह बदलते हुए समय की दमक है। मैं विशेष रूप से उन बेटियों को और उनके मां-बाप को बहुत-बहुत बधाई देता हूं और इन बेटियों को विशेष रूप से रक्षाबंधन की शुभकामनाएं देता हूं। बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।