प्रधानमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को 1,000 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए, जिससे लगभग 16 लाख महिला सदस्यों को लाभ मिलेगा
प्रधानमंत्री ने व्यवसाय प्रतिनिधि-सखियों को पहले महीने का मानदेय हस्तांतरित किया और मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के 1 लाख से अधिक लाभार्थियों को भी धनराशि हस्तांतरित की
प्रधानमंत्री ने पूरक पोषण निर्माण की 200 से अधिक इकाइयों की आधारशिला रखी
"मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना जैसे कार्यक्रम गांव-गरीब के लिए, बेटियों के लिए भरोसे का बहुत बड़ा माध्यम बन रहे हैं"
“डबल इंजन की सरकार ने यूपी की महिलाओं को जो सुरक्षा दी है, जो सम्मान दिया है, उनकी गरिमा बढ़ाई है, वो अभूतपूर्व है; उत्तर प्रदेश की महिलाओं ने, माताओं-बहनों-बेटियों ने ठान लिया है- अब वो पहले वाला दौर, वापस नहीं आने देंगी”
“महिला स्वयं सहायता समूह की बहनों को तो मैं आत्मनिर्भर भारत अभियान की चैपिंयन मानता हूं; ये स्वयं सहायता समूह, असल में राष्ट्र सहायता समूह हैं””
“बेटियां भी चाहती थीं कि उन्हें उनकी पढ़ाई लिखाई के लिए, आगे बढ़ने के लिए समय मिले, बराबर अवसर मिलें; इसलिए, बेटियों के लिए शादी की उम्र को 21 साल करने का प्रयास किया जा रहा है; देश ये फैसला बेटियों के लिए कर रहा है”
"माफिया राज और अराजकता के ख़त्म होने का सबसे बड़ा फायदा यूपी की बहनों और बेटियों को मिला है"

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

कार्यक्रम में उपस्थित यूपी के ऊर्जावान और कर्मयोगी मुख्यमंत्री श्रीमान योगी आदित्यनाथ जी, प्रयागराज की धरती के जनप्रिय नेता उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य जी, केंद्रीय कैबिनेट में मेरी सहयोगी साध्वी निरंजन ज्योति जी, श्रीमती अनुप्रिया पटेल जी, उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री डॉ महेंद्र सिंह जी, राजेन्द्र प्रताप सिंह मोती जी, श्री सिद्धार्थनाथ सिंह जी, नन्दगोपाल गुप्ता नंदी जी, श्रीमती स्वाति सिंह जी, श्रीमती गुलाबो देवी जी, श्रीमती नीलिमा कटियार जी, संसद में मेरी सहयोगी बहन रीता बहुगुणा जी, श्रीमती हेमा मालिनी जी, श्रीमती केशरी देवी पटेल जी, डॉ संघमित्रा मौर्य जी, श्रीमती गीता शाक्य जी, श्रीमती कांता कर्दम जी, श्रीमती सीमा द्विवेदी जी, डॉ रमेश चंद बिन्द जी, प्रयागराज की मेयर श्रीमती अभिलाषा गुप्ता जी, जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ वीके सिंह जी, सभी विधायकगण अन्य जनप्रतिनिधि गण, और यहां उपस्थित यूपी की सामर्थ्य को बढ़ाने वाले यहां के सामर्थ्य की प्रतीक मेरी माताओं, बहनों ! आप सभी को मेरा प्रणाम। माँ गंगा, यमुना, सरस्वती के पावन तट पे बसा प्रयागराज के धरती के, हम शीश झुकाय के प्रणाम करत हई। ई उ धरा ह, जहां धर्म, ज्ञान और न्याय की त्रिवेणी बहत ह। तीर्थन के तीर्थ, प्रयागराज में आइके, हमेशा ही एक अलगैय पवित्रता और ऊर्जा का अहसास होत है। पिछले वर्ष फरवरी में हम कुम्भ मा ई पवित्र धरती पर आवा रहेन, तब संगम में डुबकी लगायके अलौकिक आनंद के अनुभव प्राप्त किहे रहे। तीर्थराज प्रयाग की ऐसी पावन भूमि को मैं हाथ जोड़कर प्रणाम करता हूँ। आज हिंदी साहित्य जगत के सर्वमान्य आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी जी की पुण्य तिथि भी है। प्रयागराज से साहित्य की जो सरस्वती बही, द्विवेदी जी लंबे समय तक उसके संपादक भी रहे। मैं उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

माताओं-बहनों,

प्रयागराज हजारों सालों से हमारी मातृशक्ति की प्रतीक माँ गंगा-यमुना-सरस्वती के संगम की धरती रही है। आज ये तीर्थ नगरी नारी-शक्ति के इतने अद्भुत संगम की भी साक्षी बनी है। ये हम सभी का सौभाग्य है कि आप सभी हमें अपना स्नेह देने, अपना आशीर्वाद देने आई हैं। माताओं-बहनों, मैं यहां मंच पर आने से पहले मैंने बैंकिंग सखियों से, स्वयं सहायता समूह से जुड़ी बहनों से और कन्या सुमंगला योजना की लाभार्थी बेटियों से बात की। ऐसे-ऐसे भाव, ऐसी-ऐसी आत्मविश्वास से भरी बातें ! माताओं बहनों, हमारे यहाँ एक कहावत है- “प्रत्यक्षे किम् प्रमाणम्”।

यानी, जो प्रत्यक्ष है, जो सामने है, उसे साबित करने के लिए कोई प्रमाण की जरूरत नहीं पड़ती। यूपी में विकास के लिए, महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए जो काम हुआ है, वो पूरा देश देख रहा है। अभी यहाँ मुझे मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की एक लाख से ज्यादा लाभार्थी बेटियों के खातों में करोड़ों रुपए ट्रान्सफर करने का सौभाग्य मिला। ये योजना गाँव-गरीब के लिए, बेटियों के लिए भरोसे का बहुत बड़ा माध्यम बन रही है। यूपी ने बैंक सखी का भी जो अभियान शुरू किया है, वो महिलाओं को रोजगार के अवसरों के साथ ही उनके जीवन में भी बड़े बदलाव ला रहा है। सरकार से अलग अलग योजनाओं का जो पैसा सीधे डायरेक्ट बैनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिए खाते में आता है, ये पैसा निकालने अब बैंक नहीं जाना पड़ता। बैंक सखी की मदद से ये पैसा गाँव में, घर पर ही मिल जाया करता है। यानी, बैंक सखी बैंक को गाँव तक लेकर आ गई हैं। और जो लोग सोच रहे होंगे कि ये तो छोटा सा काम है, उन्हें मैं ये भी बताना चाहता हूं कि बैंक सखियों का काम कितना बड़ा है। यूपी सरकार ने इन बैंक सखियों के ऊपर ऐसे करीब 75 हजार करोड़ के लेन-देन की ज़िम्मेदारी सौंपी है। 75 हजार करोड़ रुपये का कारोबार यह गाँव में रहने वाली मेरी बहने मेरी बेटियाँ कर रही हैं। जितना लेन-देन गाँव में होगा, उतनी ही उनकी आमदनी भी होगी। इनमें से ज़्यादातर बैंक सखियाँ वो बहनें हैं, कुछ साल पहले तक जिनके खुद के बैंक खाते भी नहीं थे। लेकिन आज इन महिलाओं के हाथों में बैंकिंग की, डिजिटल बैंकिंग की ताकत आ गई है। इसलिए, देश देख रहा है कि यूपी में कैसे काम हो रहा है। और तभी तो मैं कहता हूँ, “प्रत्यक्षे किम् प्रमाणम्”॥

माताओं बहनों,

यूपी ने टेक होम राशन, जच्चा-बच्चा को दिये जाने वाले पोषण को तैयार करने की ज़िम्मेदारी भी महिलाओं के हाथों में सौंपी है। ये पोषण वाला राशन और आहार अब सेल्फ हेल्प ग्रुप में साथ मिलकर महिलाएं खुद बनाएँगी। ये भी बहुत बड़ा काम है, सालाना हजारों करोड़ रुपए का काम है। जिन 202 पुष्टाहार उत्पादन यूनिट्स का आज शिलान्यास हुआ है, उनसे सेल्फ हेल्प ग्रुप्स की महिलाओं की आमदनी भी होगी, और गाँव के किसानों का भी बहुत बड़ा लाभ होगा। गाँव की महिलाएं अपनी फ़ैक्टरी में पुष्टाहार बनाने के लिए फसल-अनाज गाँव से ही तो खरीदने वाली हैं। यही तो सशक्तिकरण के वो प्रयास हैं जिन्होंने यूपी की महिलाओं का जीवन बदलना शुरू कर दिया है। सरकार, अलग-अलग सेक्टर्स में, स्वयं सहायता समूहों को जो साहयता दे रही है, इसकी एक किस्त के तौर पर आज मुझे एक हजार करोड़ रुपए ट्रान्सफर करने का सौभाग्य मिला है। यूपी के विकास की धारा अब किसी के रोकने से रुकने वाली नहीं है। उत्तर प्रदेश की महिलाओं ने, माताओं-बहनों-बेटियों ने ठान लिया है - अब वो पहले की सरकारों वाला दौर, वापस नहीं आने देंगी। डबल इंजन की सरकार ने यूपी की महिलाओं को जो सुरक्षा दी है, जो सम्मान दिया है, उनकी गरिमा बढ़ाई है, वो अभूतपूर्व है।

भाइयों और बहनों,

माताओं-बहनों-बेटियों का जीवन पीढ़ियों को प्रभावित करने वाला, पीढ़ियों का निर्माण करने वाला जीवन होता है। एक बेटी का सामर्थ्य, उसकी शिक्षा, उसका कौशल, सिर्फ परिवार ही नहीं समाज की, राष्ट्र की दिशा तय करती है। इसलिए, 2014 में जब हमने मां भारती के बड़े सपनों, बड़ी आकांक्षाओं को साकार करने का बीड़ा उठाया तो सबसे पहले देश की बेटी के विश्वास को नई ऊर्जा देने का प्रयास शुरू किया। इसलिए, हमने बेटी के जन्म से लेकर जीवन के चक्र में, हर अवस्था में महिलाओं को सशक्त करने के लिए योजनाएं बनाईं, अभियान चलाए।

साथियों,

बेटियां कोख में ही ना मारी जाएं, वो जन्म लें, इसके लिए हमने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के माध्यम से समाज की चेतना को जगाने का प्रयास किया। आज परिणाम ये है कि देश के अनेक राज्यों में बेटियों की संख्या में बहुत वृद्धि हुई है। प्रसव के बाद भी बिना चिंता के अपने बच्चे की शुरुआती देखरेख करते हुए, मां अपना काम जारी रख सके, इसके लिए महिलाओं की छुट्टी को 6 महीने किया गया है।

साथियों,

गर्भावस्था के दौरान गरीब परिवारों में मातृ स्वास्थ्य, चिंता का एक बहुत बड़ा कारण रहा है। इसलिए हमने गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण, अस्पतालों में डिलिवरी और गर्भावस्था के दौरान पोषण पर विशेष ध्यान दिया। प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना के तहत गर्भावस्था के दौरान 5 हज़ार रुपए महिलाओं के बैंक खाते में जमा किए जाते हैं, ताकि वो उचित खान-पान का ध्यान रख सकें। अभी तक 2 करोड़ से ज्यादा बहनों को लगभग 10 हज़ार करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं।

साथियों,

बेटियां ठीक से पढ़ाई कर सकें, उनको स्कूल बीच में ना छोड़ना पड़े, इस पर भी हमने लगातार काम किया है। स्कूलों में बेटियों के लिए अलग टॉयलेट बनाना हो, या फिर सेनिटेरी पैड्स को गरीब से गरीब बेटियों के लिए सुलभ कराना हो, हमारी सरकार किसी भी काम में पीछे नहीं रही है। सुकन्या समृद्धि योजना के तहत लगभग ढाई करोड़ बच्चियों के अकाउंट खोले गए हैं। ये पैसा बड़े होने पर उनके सपनों को पूरा करे, इसके लिए इस पर ब्याज़ दर भी ऊंची रखी गई है। स्कूल-कॉलेज के बाद करियर से लेकर घर-गृहस्थी तक भी हर कदम पर महिलाओं की सुविधा और स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा रहा है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत करोड़ों शौचालय बनने से, उज्जवला योजना के तहत गरीब से गरीब बहनों को गैस कनेक्शन की सुविधा मिलने से, घर में ही नल से जल आने से, बहनों के जीवन में सुविधा भी आ रही है और उनकी गरिमा में भी वृद्धि हुई है।

साथियों,

आयुष्मान भारत योजना के तहत भी सबसे अधिक लाभ अगर किसी को हुआ है तो वो हमारी बहनें ही हैं। चाहे वो अस्पतालों में डिलिवरी हो या फिर दूसरा इलाज, पहले पैसे के अभाव में बहनों के जीवन पर संकट रहता था। अब 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा मिलने से उनकी ये चिंता दूर हो गई है। माताओं-बहनों, भारतीय समाज में हमेशा से माताओं-बहनों को सर्वोपरि दर्जा दिया गया है। लेकिन आज एक सच्चाई की तरफ भी मैं आपका, पूरे देश का ध्यान दिलाना चाहता हूं। हमारे यहां परंपरा से सदियों तक, दशकों तक ऐसी व्यवस्था रही कि घर और घर की हर संपत्ति को केवल पुरुषों का ही अधिकार समझा जाने लगा। घर है तो किसके नाम ? पुरुषों के नाम। खेत है तो किसके नाम ? पुरुषों के नाम। नौकरी, दुकान पर किसका हक ? पुरुषों का। आज हमारी सरकार की योजनाएं, इस असमानता को दूर कर रही हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जो घर दिये जा रहे हैं, वो प्राथमिकता के आधार पर महिलाओं के ही नाम से बन रहे हैं। अगर मैं यूपी की ही बात करूं तो यूपी में 30 लाख से अधिक घर पीएम आवास योजना के बनाए गए हैं। इनमें से करीब 25 लाख घरों की रजिस्ट्री में महिलाओं का भी नाम है। आप अंदाजा लगा सकते हैं। पहली बार यूपी में 25 लाख महिलाओं के नाम उनका घर हुआ है। जिन घरों में पीढ़ियों से किसी महिला के नाम पर कोई संपत्ति नहीं थी, आज वो पूरे के पूरे घर, किसी महिला के ही नाम हैं। यही तो होता है महिलाओं का सशक्तिकरण, सच्चा सशक्तिकरण, यही तो होता है विकास।

माताओं-बहनों,

मैं आज आपको एक और योजना के बारे में बताना चाहता हूं। यह योजना है - केंद्र सरकार की स्वामित्व योजना। स्वामित्व योजना के तहत देश भर के गांवों में घरों को, जमीनों की ड्रोन से तस्वीरें लेकर, घर के मालिकों को प्रॉपर्टी के कागज दिए जा रहे हैं, घरौनी दी जा रही है। ये घरौनी देने में घर की महिलाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। अगले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश के गांवों में योगी जी की सरकार, हर घर की मैपिंग कराकर ऐसे ही घरौनी देने का काम पूरा कर लेगी। फिर जो बने हुए घर हैं, उनके कागज में भी घर की महिलाओं का नाम होगा, घर की माताओं का नाम होगा।

साथियों,

रोजगार के लिए, परिवार की आमदनी बढ़ाने के लिए जो योजनाएँ देश चला रहा है, उसमें भी महिलाओं को बराबर का भागीदार बनाया जा रहा है। मुद्रा योजना आज गांव-गांव में, गरीब परिवारों से भी नई-नई महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित कर रही है। इस योजना के तहत मिले कुल ऋण में से लगभग 70 प्रतिशत महिलाओं को दिए गए हैं। दीनदयाल अंत्योदय योजना के जरिए भी देश भर में महिलाओं को सेल्फ हेल्प ग्रुप्स और ग्रामीण संगठनों से जोड़ा जा रहा है। महिला स्वयं सहायता समूह की बहनों को तो मैं आत्मनिर्भर भारत अभियान की चैपिंयन मानता हूं। ये स्वयं सहायता समूह, असल में राष्ट्र सहायता समूह हैं। इसलिए, राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत 2014 से पहले के 5 वर्षों में जितनी मदद दी गई, बीते 7 साल में उसमें लगभग 13 गुणा बढ़ोतरी की गई है। हर सेल्फ हेल्प ग्रुप को पहले जहां 10 लाख रुपए तक का बिना गारंटी का ऋण मिलता था, अब ये सीमा भी दोगुनी यानि 20 लाख की गई है।

माताओं-बहनों,

शहर हो या गांव, महिलाओं के लिए हमारी सरकार, हर छोटी-बड़ी मुश्किलों को ध्यान में रखते हुए फैसले ले रही है। कोरोना के इस काल में आपके घर का चूल्हा जलता रहे, इसके लिए मुफ्त राशन देने की व्यवस्था हमारी ही सरकार ने की। महिलाएं रात की पाली में भी काम कर सकें, इसके लिए नियमों को आसान बनाने का काम हमारी ही सरकार ने किया। खदानों में महिलाओं के काम करने पर जो कुछ बंदिश थी, वो हमारी ही सरकार ने हटाई है। देशभर के सैनिक स्कूलों के दरवाजे, लड़कियों के लिए खोल देने का काम हमारी ही सरकार ने किया है। रेप जैसे संगीन अपराधों की तेज़ सुनवाई के लिए हमारी सरकार देशभर में करीब 700 फास्ट ट्रैक कोर्ट्स स्थापित कर चुकी है। मुस्लिम बहनों को अत्याचारों से बचाने के लिए तीन तलाक के खिलाफ कानून हमारी ही सरकार ने बनाया।

साथियों,

बिना किसी भेदभाव, बिना किसी पक्षपात, डबल इंजन की सरकार, बेटियों के भविष्य को सशक्त करने के लिए निरंतर काम कर रही है। अभी कुछ दिन पहले ही केंद्र सरकार ने एक और फैसला किया है। पहले बेटों के लिए शादी की उम्र कानूनन 21 साल थी, लेकिन बेटियों के लिए ये उम्र 18 साल की ही थी। बेटियाँ भी चाहती थीं कि उन्हें उनकी पढ़ाई लिखाई के लिए, आगे बढ़ने के लिए समय मिले, बराबर अवसर मिलें। इसलिए, बेटियों के लिए शादी की उम्र को 21 साल करने का प्रयास किया जा रहा है। देश ये फैसला बेटियों के लिए कर रहा है, लेकिन किसको इससे तकलीफ हो रही है, ये सब देख रहे हैं !

भाइयों बहनों,

5 साल पहले यूपी की सड़कों पर माफियाराज था! यूपी की सत्ता में गुंडों की हनक हुआ करती थी! इसका सबसे बड़ा भुक्तभोगी कौन था? मेरे यूपी की बहन-बेटियाँ थीं। उन्हें सड़क पर निकलना मुश्किल हुआ करता था। स्कूल, कॉलेज जाना मुश्किल होता था। आप कुछ कह नहीं सकती थीं, बोल नहीं सकती थीं। क्योंकि थाने गईं तो अपराधी, बलात्कारी की सिफ़ारिश में किसी का फोन आ जाता था। योगी जी ने इन गुंडों को उनकी सही जगह पहुंचाया है। आज यूपी में सुरक्षा भी है, यूपी में अधिकार भी हैं। आज यूपी में संभावनाएं भी हैं, आज यूपी में व्यापार भी है। मुझे पूरा विश्वास है, जब हमारी माताओं बहनों का आशीर्वाद है, इस नई यूपी को कोई वापस अंधेरे में नहीं धकेल सकता। भाईयों- बहनों आइये, प्रयागराज की पुण्य भूमि से ये संकल्प लें, हमारा यूपी आगे बढ़ेगा, हमारा यूपी नई ऊँचाइयाँ छूएगा। आप सभी माताओं बहनों को आपके आशीर्वाद के लिए, आपके समर्थन के लिए और यूपी को आगे बढ़ाने में आपकी सहभागिता के लिए मैं फिर से एक बार आपको आदरपूर्वक नमन करता हूँ, आपका हदृय से बहुत- बहुत धन्यवाद करता हूँ। मेरे साथ बोलिए भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, बहुत बहुत धन्यवाद!

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।