Quoteदशकों से चली आ रही समस्याएं टालने से नहीं, उनका समाधान खोजने से समाप्त होती हैं : प्रधानमंत्री मोदी
Quoteदेश की संसद आज एक नए भारत के लिए कदम बढ़ा रही है, बहुत तेजी के साथ फैसले ले रही है : पीएम मोदी
Quoteआज देश की कार्य प्रणाली में, गवर्नेंस में एक नई सोच और नया तौर-तरीका दिखाई दे रहा है : प्रधानमंत्री मोदी

नमस्कार,

लोकसभा अध्यक्ष श्रीमान ओम बिरला जी, मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान प्रहलाद जोशी जी, श्री हरदीप पुरी जी, इस समिति के चेयरमेन श्रीमान सीआर पाटिल जी, सांसदगण, देवियों और सज्जनों !!दिल्ली में जनप्रतिनिधियों के लिए आवास की इस नई सुविधा के लिए आप सब को बहुत-बहुत बधाई !आज ओर भी एक सुभग संयोग है। आज हमारे कर्तत्ववान , मितभासी, हमारे अध्यक्ष श्रीमान ओम बिरला जी का जन्मदिवस भी है। ओम जी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। आप स्वस्थ रहें, दीर्घायु हों, और देश की ऐसे ही सेवा करते रहें, ईश्वर से मेरी यही प्रार्थना है।

साथियों,

सांसदों के लिए पिछले साल नॉर्थ ऐवेन्यु के घर बनकर तैयार हुए थे।और आज बीडी रोड पर भी ये तीन टावर आवंटन के लिए तैयार हैं।मेरी कामना है कि गंगा, यमुना और सस्वती, इन तीन टावरों का संगम, इसमें रहने वाले जनप्रतिनिधियों को हमेशा स्वस्थ रखे, कार्यरत रखे ओर संतोषी बनाये।इन फ्लैट्स में हर वो सुविधा दी गई है जो सांसदों को अपने दायित्व के निर्वहन में मदद करेगी।संसद भवन के नजदीक होने की वजह से भी इसमें रहने वाले सांसदों को बहुत आसानी होगी।

साथियों,

दिल्ली में सांसदों के लिए भवनों की दिक्कत बरसों से रही है। और जेसे अभी बिरला जी बता रहे थे लम्बे अरसे से सांसदो को होटल में रहना पड़ता है। इसके कारण आर्थिक बोझ भी बहुत आता है। उनको भी ये अच्छा नही लगता है लेकिन अब मजबूरन करना पड़ता था। लेकिन इस समस्या को दूर करने के लिए गंभीरता से प्रयास 2014 के बाद विशेष रूप से शुरू हुए है।दशकों से चली आ रही समस्याएं, टालने से नहीं, उनका समाधान खोजने से समाप्त होती हैं।सिर्फ सांसदों के निवास ही नहीं, बल्कि यहां दिल्ली में ऐसे अनेकों प्रोजेक्ट्स थे, जो कई-कई बरसों से अधूरे थे, लटके पड़े थे।कई इमारतों का निर्माण इस सरकार के दौरान ही शुरू हुआ और तय समय में, तय समय से पहले समाप्त भी हुआ।जब अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार थी तो अटल जी के समय जिस अंबेडकर नेशनल मेमोरियल की चर्चा शुरू हुई थी, उसका निर्माण,इतने साल लग गए, ये सरकार बनने के बाद ही इसका काम हुआ। 23 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद डॉक्टर Ambedkar International Centre का निर्माण इसी सरकार में हुआ।Central Information Commission की नई बिल्डिंग का निर्माण इसी सरकार में हुआ।देश में दशकों से वॉर मेमोरियल की बात हो रही थी। हमारे देश के वीर जवान लंबे अरसे से इसकी आशा कर रहे थे, मांग कर रहे थे। देश के वीरशहीदों की स्मृति में इंडिया गेट के पास वॉर मेमोरियल का निर्माण भी, उसे करने का सौभाग्य भी हमारी सरकार को मिला।हमारे देश में हजारों पुलिसकर्मियों ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपना जीवन दिया है। हजारो पुलिस के जवान शहीदहुए हैं। उनकी याद में भी नेशनल पुलिस मेमोरियल का निर्माण भी इसी सरकार के द्वारा हुआ।आज सांसदों के लिए नए आवासों का लोकार्पण भी इसी श्रृंखलामें एक जरूरी और अहम कदम है।मुझे खुशी है कि हमारे सांसदों का एक लंबा इंतज़ार अब खत्म हो रहा है।इन फ्लैट्स के निर्माण में पर्यावरण का ध्यान रखा है, एनर्जी कंजर्वेशन के उपाय हों, सोलर प्लांट हो, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट हो, Green Building के येConcepts, इनभवनों को और आधुनिक बनाते हैं।

साथियों,

मैं लोकसभा अध्यक्ष जी, लोकसभा सचिवालय और इसके निर्माण से जुड़े Urban Development Ministryहो, अन्य विभाग हो,सबको बधाई देता हूंकि उन्होंने इतने कम समय में इस बढ़िया सुविधा का निर्माण करवाया है। और हम सब भलिभांति जानते हैं। हमारे लोकसभा अध्यक्ष जी तो वैसे भी वे क्वालिटी में भीऔर बचत में भी विश्वास रखते हैं।सदन के भीतर वे ये सुनिश्चित करते हैं कि समय की भी बचत हो और डिबेट भी क्वालिटी की हो। और इसके निर्माण में भी उन बातों को भलिभांति सफलतापूर्वक पार किया गया है। हम सबको याद है अभी हमने मॉनसून सत्र में भी अध्यक्ष जी की इस कार्यशैली की झलक देखी है।कोरोना काल में अनेक प्रकार की सावधानियों के बीच, नई व्यवस्थाओं के साथ संसद का सत्र चला।पक्ष और विपक्ष के सभी साथियों ने एक-एक पल का सदुपयोग किया।दोनों सदनों द्वारा बारी-बारी से काम करना हो या फिर शनिवार और रविवार को भी कार्यवाही करना, हर किसी ने सहयोग किया। सभी दलों ने सहयोग किया।

साथियों,

हमारी संसद की ये जो ऊर्जा बढ़ी है,इसके पीछे एकऔर बड़ाकारण है।इसकी भी शुरुआत एक तरह से 2014 से शुरूहुई है।तब देश एक नई दिशा की तरफ बढ़ना चाहता था, बदलाव चाहता थाऔर इसलिए उस समय देश की संसद में 300 से ज्यादा MPs, first time चुनकर पहुंचे थेऔर मैं भी पहली बार आने वालो में से एक था।इस 17वीं लोकसभा में भी 260 सांसद ऐसे हैं जो पहली बार चुनकर पहुंचे हैं।यानी कि, इस बार 400 से ज्यादा सांसद ऐसे हैं जो या तो पहली बार चुनकर के आए हैं या फिर दूसरी बार संसद पहुंचे हैं।इतना ही नहीं,17वीं लोकसभा के नाम सबसे ज्यादा महिला सांसदों को चुनकर भेजने का record भी दर्ज है।देश की ये युवा सोच, ये नया मिजाज संसद की संरचना में भी दिखाई देता है।यही कारण है कि आज देश की कार्य प्रणाली में, गवर्नेंस में एक नई सोच और नया तौर तरीका दिखाई दे रहा है।यही कारण है कि देश की संसद आज एक नए भारत के लिए कदम बढ़ा रही है, बहुत तेजी के साथ फैसले ले रही है।पिछली 16वीं लोकसभा ने पहले की तुलना में 15 प्रतिशत ज्यादा bills पास किए।17वीं लोकसभा के पहले सत्र में तय समय से 135 प्रतिशत काम हुआ। राज्यसभा ने भी शत प्रतिशत काम किया।ये performance पिछले दो दशकों में सबसे ज्यादा है।पिछली सर्दियों में भी लोकसभा की प्रोडक्टिविटी 110 प्रतिशत से ज्यादा रही है।

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साथियों,

संसद की इस productivity में आप सभी सांसदों ने products और process दोनोंका ही ध्यान रखा है।हमारी लोकसभा और राज्यसभा, दोनों के ही सांसदों ने इस दिशा में एक नई ऊंचाई हासिल की है।और निश्चित तौर पर इसमें उन सांसदों का भी योगदान है जो अब सदन का हिस्सा नहीं हैं।आप देखिए, हमने कितना कुछ हासिल किया है। साथ मिलकर कितना कुछ नया किया है।सिर्फ बीते एक डेढ़ वर्षों की बात करें तो,देश ने किसानों को बिचौलियों के चंगुल से आज़ाद करने का काम किया है।देश ने ऐतिहासिक लेबर reforms किए हैं, कामगारों के हितों को सुरक्षित किया है।देश ने जम्मू कश्मीर के लोगों को भी विकास की मुख्यधारा और अनेक कानूनों से जोड़ने का काम किया है। पहली बार जम्मू कश्मीर में अब करप्शन के खिलाफ काम हो सके ऐसे कानून बन पाए हैं।

देश ने महिलाओं को तीन तलाक जैसी सामाजिक कुरीतियों से भी आजादी दी है।

इससे और पहले की बात करें तो, मासूम बच्चियों से बलात्कार करने वालों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान भी इसी दौरान किया गया है।आधुनिक अर्थव्यवस्था के लिए GST,Insolvency और Bankruptcy Code जैसे कितने ही बड़े बड़े निर्णय हुए हैं।इसी तरह, भारत की जो संवेदनशील पहचान रही है, उस commitment को पूरा करते हुए हम सबने मिलकर नागरिकता संशोधन कानून भी पास किया है।हमारे ये काम, ये सफलताएँ अगर हमारे products हैं तो इन्हें करने के process भी उतने ही शानदार रहे हैं।संभवत: बहुत से लोगों ने ध्यान नहीं दिया होगा, लेकिन 16वीं लोकसभा में 60 प्रतिशत बिल ऐसे रहे हैं जिन्हें पास करने के लिएऔसतन 2 से 3 घंटे तक की debate हुई है।हमने पिछली लोकसभा से ज्यादा बिल पास किए, लेकिन फिर भी हमने पहले से ज्यादा debate की है।

ये दिखाता है कि हमने product पर भी फोकस किया हैऔर process को भी निखारा है।और ये सब आप सभी माननीय सांसदगण ने किया है। आपकी वजह से हुआ है।मैं इसके लिए आप सभी सांसदों को सार्वनजनिक रुप से धन्यवाद देता हूँ, बधाई देता हूँ।

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साथियों,

सामान्य तौर पे ये कहा जाता है कि युवाओं के लिए 16-17-18 साल की उम्र, जब वो 10th-12thमें होते हैं, बहुत महत्वपूर्ण होती है।16-17-18 की ये उम्र किसी युवा लोकतन्त्र के लिए भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।आप देखिए,अभी 2019 के चुनाव के साथ ही हमने 16वीं लोकसभा का कार्यकाल पूरा किया है। ये समय देश की प्रगति के लिए, देश के विकास के लिए बहुत ही ऐतिहासिक रहा है।2019 के बाद से 17वीं लोकसभा का कार्यकाल शुरू हुआ है। इस दौरान भी देश ने जैसे निर्णय लिए हैं, जो कदम उठाए हैं,उनसे ये लोकसभा अभी ही इतिहास में दर्ज हो गई है।अब इसके बाद 18वीं लोकसभा होगी। मुझे विश्वास है, अगली लोकसभा भी देश को नए दशक में आगे ले जाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।और इसलिए मैनेये16-17-18 का महत्व आपके सामने विशेष रूप से प्रस्तुत किया है। देश के सामने कितना कुछ है, जो हमें इस दौरान हासिल करना है। चाहे आत्मनिर्भर भारत अभियान हो, अर्थव्यवस्था से जुड़े लक्ष्य हों, या ऐसे ही कितने और संकल्प, ये सब हमें इसी दौरान ही सिद्ध करने हैं और इसलिए, 16वीं, 17वीं, 18वीं लोकसभा का ये कालखंड हमारे युवा देश के लिए बहुत अहम है।देश के लिए इस इतने महत्वपूर्ण समय का हम सबको हिस्सा बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।और इसलिए, हम सबकी ज़िम्मेदारी है कि जब इतिहास में लोकसभा के अलग अलग कार्यकालों का अध्ययन किया जाए, तो ये कार्यकाल देश की प्रगति के स्वर्णिम अध्याय के तौर पर याद किए जाएँ।

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साथियों,

हमारे यहाँ कहा गया है- “क्रियासिद्धि: सत्वेभवति महताम् नोपकरणे”

अर्थात, कर्म की सिद्धि हमारे सत्य संकल्प पर, हमारी नीयत से ही होती है।

आज हमारे पास साधन भी हैं, और दृढ़ संकल्प भी है। हम अपने संकल्पों के लिए जितना अधिक परिश्रम करेंगे, सिद्धि उतनी ही जल्दी और बड़ी होगी।मुझे विश्वास है कि हम सब मिलकर 130 करोड़ देशवासियों के सपनों को जरूर पूरा करेंगे। आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को पूरा करेंगे।इन्हीं शुभकामनाओं के साथ एक बार फिर आप सभी को बहुत बहुत बधाई।

बहुत बहुत धन्यवाद!

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भारत के coastal states, हमारी port cities...विकसित भारत की growth का अहम centres बनेंगे: तिरुवनन्तपुरम, केरल में पीएम मोदी
May 02, 2025
QuoteThe Vizhinjam International Deepwater Multipurpose Seaport in Kerala is a significant advancement in India's maritime infrastructure: PM
QuoteToday is the birth anniversary of Bhagwan Adi Shankaracharya, Adi Shankaracharya ji awakened the consciousness of the nation by coming out of Kerala and establishing monasteries in different corners of the country, I pay tribute to him on this auspicious occasion: PM
QuoteIndia's coastal states and our port cities will become key centres of growth for a Viksit Bharat: PM
QuoteGovernment in collaboration with the state governments has upgraded the port infrastructure under the Sagarmala project enhancing port connectivity: PM
QuoteUnder PM-Gatishakti, the inter-connectivity of waterways, railways, highways and airways is being improved at a fast pace: PM
QuoteIn the last 10 years investments under Public-Private Partnerships have not only upgraded our ports to global standards, but have also made them future ready: PM
QuoteThe world will always remember Pope Francis for his spirit of service: PM

केरल के गवर्नर राजेंद्र अर्लेकर जी, मुख्यमंत्री श्रीमान पी. विजयन जी, केंद्रीय कैबिनेट के मेरे सहयोगीगण, मंच पर मौजूद अन्य सभी महानुभाव, और केरल के मेरे भाइयों और बहनों।

एल्लावर्क्कुम एन्डे नमस्कारम्। ओरिक्कल कूडि श्री अनन्तपद्मनाभंडे मण्णिलेक्क वरान् साद्धिच्चदिल् एनिक्क अतियाय सन्तोषमुण्ड।

साथियों,

आज भगवान आदि शंकराचार्य जी की जयंती है। तीन वर्ष पूर्व सितंबर में मुझे उनके जन्मभूमि क्षेत्रम में जाने का सौभाग्य मिला था। मुझे खुशी है कि मेरे संसदीय क्षेत्र काशी में विश्वनाथ धाम परिसर में आदि शंकराचार्य जी की भव्य प्रतिमा स्थापित की गई है। मुझे उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में आदि शंकराचार्य जी की दिव्य प्रतिमा के अनावरण का भी सौभाग्य मिला है। और आज ही देवभूमि उत्तराखंड में केदारनाथ मंदिर के पट खुले हैं, केरल से निकलकर, देश के अलग-अलग कोनों में मठों की स्थापना करके आदि शंकराचार्य जी ने राष्ट्र की चेतना को जागृत किया। इस पुनीत अवसर पर मैं उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

यहां एक ओर अपनी संभावनाओं के साथ उपस्थित ये विशाल समुद्र है। औऱ दूसरी ओर प्रकृति का अद्भुत सौंदर्य है। और इन सबके बीच अब new age development का सिंबल, ये विझिंजम डीप-वॉटर सी-पोर्ट है। मैं केरल के लोगों को, देश के लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

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साथियों,

इस सी-पोर्ट को Eight thousand eight hundred करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है। अभी इस ट्रांस-शिपमेंट हब की जो क्षमता है, वो भी आने वाले समय में बढ़कर के तीन गुनी हो जाएगी। यहां दुनिया के बड़े मालवाहक जहाज आसानी से आ सकेंगे। अभी तक भारत का 75 परसेंट ट्रांस-शिपमेंट भारत के बाहर के पोर्ट्स पर होता था। इससे देश को बहुत बड़ा revenue loss होता आया है। ये परिस्थिति अब बदलने जा रही है। अब देश का पैसा देश के काम आएगा। जो पैसा बाहर जाता था, वो केरल और विझिंजम के लोगों के लिए नई economic opportunities लेकर आएगा।

साथियों,

गुलामी से पहले हमारे भारत ने हजारों वर्ष की समृद्धि देखी है। एक समय में ग्लोबल GDP में मेजर शेयर भारत का हुआ करता था। उस दौर में हमें जो चीज दूसरे देशों से अलग बनाती थी, वो थी हमारी मैरिटाइम कैपेसिटी, हमारी पोर्ट सिटीज़ की economic activity! केरल का इसमें बड़ा योगदान था। केरल से अरब सागर के रास्ते दुनिया के अलग-अलग देशों से ट्रेड होता था। यहां से जहाज व्यापार के लिए दुनिया के कई देशों में जाते थे। आज भारत सरकार देश की आर्थिक ताकत के उस चैनल को और मजबूत करने के संकल्प के साथ काम कर रही है। भारत के कोस्टल स्टेट्स, हमारी पोर्ट सिटीज़, विकसित भारत की ग्रोथ का अहम सेंटर बनेंगे। मैं अभी पोर्ट की विजिट करके आया हूं, और गुजरात के लोगों को जब पता चलेगा, कि इतना बढ़िया पोर्ट ये अडानी ने यहां केरल में बनाया है, ये गुजरात में 30 साल से पोर्ट पर काम कर रहे हैं, लेकिन अभी तक वहां उन्होंने ऐसा पोर्ट नहीं बनाया है, तब उनको गुजरात के लोगों से गुस्सा सहन करने के लिए तैयार रहना पड़ेगा। हमारे मुख्यमंत्री जी से भी मैं कहना चाहूंगा, आप तो इंडी एलायंस के बहुत बड़े मजबूत पिलर हैं, यहां शशि थरूर भी बैठे हैं, और आज का ये इवेंट कई लोगों की नींद हराम कर देगा। वहाँ मैसेज चला गया जहां जाना था।

साथियों,

पोर्ट इकोनॉमी की पूरे potential का इस्तेमाल तब होता है, जब इंफ्रास्ट्रक्चर और ease of doing business, दोनों को बढ़ावा मिले। पिछले 10 वर्षों में यही भारत सरकार की पोर्ट और वॉटरवेज पॉलिसी का ब्लूप्रिंट रहा है। हमने इंडस्ट्रियल एक्टिविटीज़ और राज्य के होलिस्टिक विकास के लिए तेजी से काम आगे बढ़ाया है। भारत सरकार ने, राज्य सरकार के सहयोग से सागरमाला परियोजना के तहत पोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड किया है, पोर्ट कनेक्टिविटी को भी बढ़ाया है। पीएम-गतिशक्ति के तहत वॉटरवेज, रेलवेज, हाइवेज और एयरवेज की inter-connectivity को तेज गति से बेहतर बनाया जा रहा है। Ease of doing business के लिए जो reforms किए गए हैं, उससे पोर्ट्स और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में भी इनवेस्टमेंट बढ़ा है। Indian seafarers, उनसे जुड़े नियमों में भी भारत सरकार ने Reforms किए हैं। और इसके परिणाम भी देश देख रहा है। 2014 में Indian seafarers की संख्या सवा लाख से भी कम थी। अब इनकी संख्या सवा तीन लाख से भी ज्यादा हो गई है। आज भारत seafarers की संख्या के मामले में दुनिया के टॉप थ्री देशों की लिस्ट में शामिल हो गया है।

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Friends,

शिपिंग इंडस्ट्री से जुड़े लोग जानते हैं कि 10 साल पहले हमारे शिप्स को पोर्ट्स पर कितना लंबा इंतज़ार करना पड़ता था। उन्हें unload करने में लंबा समय लग जाता था। इससे बिजनेस, इंडस्ट्री और इकोनॉमी, सबकी स्पीड प्रभावित होती थी। लेकिन, हालात अब बदल चुके हैं। पिछले 10 वर्षों में हमारे प्रमुख बंदरगाहों पर Ship turn-around time में 30 परसेंट तक की कमी आई है। हमारे पोर्ट्स की Efficiency में भी बढ़ोतरी हुई है, जिसके कारण हम कम से कम समय में ज्यादा कार्गो हैंडल कर रहे हैं।

साथियों,

भारत की इस सफलता के पीछे पिछले एक दशक की मेहनत और विज़न है। पिछले 10 वर्षों में हमने अपने पोर्ट्स की क्षमता को दोगुना किया है। हमारे National Waterways का भी 8 गुना विस्तार हुआ है। आज global top 30 ports में हमारे दो भारतीय पोर्ट्स हैं। Logistics Performance Index में भी हमारी रैकिंग बेहतर हुई है। Global shipbuilding में हम टॉप-20 देशों में शामिल हो चुके हैं। अपने बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर को ठीक करने के बाद हम अब ग्लोबल ट्रेड में भारत की strategic position पर फोकस कर रहे हैं। इस दिशा में हमने Maritime Amrit Kaal Vision लॉन्च किया है। विकसित भारत के लक्ष्य तक पहुँचने के लिए हमारी मैरिटाइम strategy क्या होगी, हमने उसका रोडमैप बनाया है। आपको याद होगा, G-20 समिट में हमने कई बड़े देशों के साथ मिलकर इंडिया मिडिल ईस्ट यूरोप कॉरिडोर पर सहमति बनाई है। इस रूट पर केरल बहुत महत्वपूर्ण position पर है। केरल को इसका बहुत लाभ होने वाला है।

साथियों,

देश के मैरीटाइम सेक्टर को नई ऊंचाई देने में प्राइवेट सेक्टर का भी अहम योगदान है। Public-Private Partnerships के तहत पिछले 10 वर्षों में हजारों करोड़ रुपए का निवेश हुआ है। इस भागीदारी से न केवल हमारे पोर्ट्स ग्लोबल स्टैंडर्ड पर अपग्रेड हुए हैं, बल्कि वो फ्यूचर रेडी भी बने हैं। प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी से इनोवेशन और efficiency, दोनों को बढ़ावा मिला है। और शायद मीडिया के लोगों ने एक बात पर ध्यान केंद्रित किया होगा, जब हमारे पोर्ट मिनिस्टर अपना भाषण दे रहे थे, तो उन्होंने कहा, अडानी का उल्लेख करते हुए, उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के पार्टनर, एक कम्युनिस्ट गवर्नमेंट का मंत्री बोल रहा है, प्राइवेट सेक्टर के लिए, कि हमारी सरकार का पार्टनर, ये बदलता हुआ भारत है।

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साथियों,

हम कोच्चि में shipbuilding and repair cluster स्थापित करने की दिशा में भी आगे बढ़ रहे हैं। इस cluster के तैयार होने से यहां रोजगार के अनेक नए अवसर तैयार होंगे। केरल के local talent को, केरल के युवाओं को, आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।

Friends,

भारत की shipbuilding capabilities को बढ़ाने के लिए देश अब बड़े लक्ष्य लेकर चल रहा है। इस साल बजट में भारत में बड़े शिप के निर्माण को बढ़ाने के लिए नई पॉलिसी की घोषणा की गई है। इससे हमारे मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को भी बढ़ावा मिलेगा। इसका सीधा लाभ हमारे MSME को होगा, और इससे बड़ी संख्या में employment के और entrepreneurship के अवसर तैयार होंगे।

साथियों,

सही मायनों में विकास तब होता है, जब इंफ्रास्ट्रक्चर भी बिल्ड हो, व्यापार भी बढ़े, और सामान्य मानवी की बेसिक जरूरतें भी पूरी हों। केरल के लोग जानते हैं, हमारे प्रयासों से पिछले 10 वर्षों में केरल में पोर्ट इंफ्रा के साथ-साथ कितनी तेजी से हाइवेज, रेलवेज़ और एयरपोर्ट्स से जुड़ा विकास हुआ है। कोल्लम बाईपास और अलापूझा बाईपास, जैसे वर्षों से अटके प्रोजेक्ट्स को भारत सरकार ने आगे बढ़ाया है। हमने केरल को आधुनिक वंदे भारत ट्रेनें भी दी हैं।

Friends,

भारत सरकार, केरल के विकास से देश के विकास के मंत्र पर भरोसा करती है। हम कॉपरेटिव फेडरिलिज्म की भावना से चल रहे हैं। बीते एक दशक में हमने केरल को विकास के सोशल पैरामीटर्स पर भी आगे ले जाने का काम किया है। जलजीवन मिशन, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना, ऐसी अनेक योजनाओं से केरल के लोगों को बहुत लाभ हो रहा है।

साथियों,

हमारे फिशरमेन का बेनिफिट भी हमारी प्राथमिकता है। ब्लू रेवोल्यूशन और प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत केरल के लिए सैकड़ों करोड़ रुपए की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। हमने पोन्नानी और पुथियाप्पा जैसे फिशिंग हार्बर का भी modernization किया है। केरल में हजारों मछुआरे भाई-बहनों को किसान क्रेडिट कार्ड्स भी दिये गए हैं, जिसके कारण उन्हें सैकड़ों करोड़ रुपए की मदद मिली है।

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साथियों,

हमारा केरल सौहार्द और सहिष्णुता की धरती रहा है। यहाँ सैकड़ों साल पहले देश की पहली, और दुनिया की सबसे प्राचीन चर्च में से एक सेंट थॉमस चर्च बनाई गई थी। हम सब जानते हैं, हम सबके लिए कुछ ही दिन पहले दु:ख की बड़ी घड़ी आई है। कुछ दिन पहले हम सभी ने पोप फ्रांसिस को खो दिया है। भारत की ओर से उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए हमारी राष्ट्रपति, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी वहाँ गई थीं। उसके साथ हमारे केरल के ही साथी, हमारे मंत्री श्री जॉर्ज कुरियन, वह भी गए थे। मैं भी, केरल की धरती से एक बार फिर, इस दुःख में शामिल सभी लोगों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करता हूँ।

साथियों,

पोप फ्रांसिस की सेवा भावना, क्रिश्चियन परम्पराओं में सबको स्थान देने के उनके प्रयास, इसके लिए दुनिया हमेशा उन्हें याद रखेगी। मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं, कि मुझे उनके साथ जब भी मिलने का अवसर मिला, अनेक विषयों पर विस्तार से मुझे उनसे बातचीत का अवसर मिला। और मैंने देखा हमेशा मुझे उनका विशेष स्नेह मिलता रहता था। मानवता, सेवा और शांति जैसे विषयों पर उनके साथ हुई चर्चा, उनके शब्द हमेशा मुझे प्रेरित करते रहेंगे।

साथियों,

मैं एक बार फिर आप सभी को आज के इस आयोजन के लिए अपनी शुभकामनाएं देता हूं। केरल global maritime trade का बड़ा सेंटर बने, और हजारों नई जॉब्स क्रिएट हों, इस दिशा में भारत सरकार, राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करती रहेगी। मुझे पूरा विश्वास है कि केरल के लोगों के सामर्थ्य से भारत का मैरीटाइम सेक्टर नई बुलंदियों को छुएगा।

नमुक्क ओरुमिच्च् ओरु विकसित केरलम पडत्तुयर्ताम्, जइ केरलम् जइ भारत l

धन्यवाद।