मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए, जय जय केदार।
देवभूमि उत्तराखंड का सभी भाई-बहनों ते मेरा सादर नमस्कार। बाबा केदार को आशीर्वाद सबु पर बनियो रहो, इन्ही कामना छै।
कल ही देश और दुनिया में दीपावली का पावन पर्व मनाया गया। इस दीपावली के पावन पर्व निमित्त देश और दुनिया में फैले हुए हमारे सभी बंधु-भगिनी को केदारनाथ की इस पवित्र धरती से अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं।
गुजरात जैसे कुछ राज्य हैं, जहां आज नववर्ष प्रारंभ होता है। नूतन वर्ष अभिनंदन, साल मुबारक। विश्वभर में फैले हुए वो सभी परिवार जो आज नूतन वर्ष का प्रारंभ करते हैं, उनको भी मेरी तरफ से नववर्ष की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। आप सबको नूतन वर्ष अभिनंदन, साल मुबारक। फिर एक बार बाबा ने मुझे बुलाया है। फिर एक बार खिंचता चला आया बाबा के चरणों में। आज फिर पुराने लोग मिल गए मुझे। उन्होंने जो कुछ मेरे विषय में सुना होगा, वो आज मुझे पुन: स्मरण करा रहे थे।
कभी ये गरुड़ चट्टी, जहां पर जीवन के महत्वपूर्ण वर्ष बिताने का मुझे सौभाग्य मिला था। वो पल थे जब इस मिट्टी में रम गमाया गया था मैं। लेकिन शायद बाबा की इच्छा नहीं थी कि मैं उसके चरणों में जीवन व्यतीत करू और बाबा ने मुझे यहां से वापस भेज दिया। और शायद बाबा ने तय किया होगा एक बाबा क्या, सवा सौ करोड़ बाबा हैं देश में, कभी उनकी तो सेवा करो। और हमारे यहां तो कहा गया है- जन सेवा ही प्रभु सेवा है। और इसलिए आज मेरे लिए सवा सौ करोड़ देशवासियों की सेवा, यही बाबा की सेवा है, यही बद्री विशाल की सेवा है, यही मंदाकिनी की सेवा है, यही गंगा मां की सेवा है। और इसलिए आज फिर एक बार यहां से संकल्पबद्ध हो करके, यहां से नई ऊर्जा को प्राप्त कर-करके, भोले बाबा के आशीर्वाद ले करके पूर्ण पवित्र मन से, दृढ़ संकल्प से 2022; भारत की आजादी के 75 साल; हर हिन्दुस्तानी का संकल्प, हर हिन्दुस्तानी के दिल में दुनिया में हिन्दुस्तान को सिरमौर पहुंचाने का इरादा, बाबा के आशीर्वाद से हर हिन्दुस्तानी में वो चेतना जगेगी। हर हिन्दुस्तानी उस संकल्प को पार करने के लिए जी-जान से जुटेगा।
इस संकल्प के साथ मैं सबसे पहले इस पवित्र धरती पर प्राकृतिक आपदा के जो शिकार हुए, देश के हर राज्य में से किसी ने किसी ने अपना देह यहीं पर छोड़ दिया और बाबा की धरती में वो रम गया। उन सभी आत्माओं को आज मैं आदरपूर्वक श्रद्धांजलि देता हूं। देश के सभी राज्यों के वो लोग थे। और उस समय मेरी स्वाभाविक संवेदनशीलता थी। मैं वैसे तो एक राज्य का मुख्यमंत्री था, किसी दूसरे राज्य में encroachment करने का ना मुझे हक है, न मैं ऐसा कभी सोच भी सकता हूं। लेकिन मैं अपने-आप को रोक नहीं पाया था। अच्छा किया, बुरा किया ये तो इतिहास तय करेगा। लेकिन उन पीडि़तों के लिए पहुंच जाना; मेरे मन को मैं रोक नहीं पाया था, मैं चला आया था।
और उस समय मैंने उस समय की सरकार से प्रार्थना की कि आप गुजरात सरकार और सरकार को केदारनाथ के पुनर्निर्माण का काम दे दीजिए, जैसा देशवासियों कस सपना होगा मैं पूरा करूंगा। जब कमरे में हम बैठे थे, तब उस समय के मुख्यमंत्री सहमत हो गए, सारे अफसर सहमत हो गाए, उन्होंने कहा अच्छा है, मोदी जी अगर गुजरात जिम्मेदारी लेता है और मैंने खुशी में आ करके, बाहर निकल करके मीडिया के सामने भी मेरा संकल्प व्यक्त किया था। अचानक टीवी पर खबर आ गई कि मोदी अब केदारनाथ के पुनर्निर्माण की जिम्मेदारी ले रहा है। तो पता नहीं दिल्ली में तूफान मच गया। उनको लग रहा है ये गुजरात का मुख्यमंत्री अगर केदारनाथ भी पहुंच जाएगा, एक घंटे के अंदर ऐसा तूफान खड़ा हो गया कि राज्य सरकार पर दबाव आया और राज्य सरकार को अतिरिक्त रूप से घोषणा करनी पड़ी कि हमें गुजरात की मदद की जरूरत नहीं है, हम कर देंगे। ठीक है जी, जब दिल्ली में बैठे हुए लोगों को परेशानी होती है तो मैं क्यों किसी को परेशान करूं? मैं हट गया। लेकिन शायद बाबा ने ही तय किया था, ये काम इस बाबा के बेटे के हाथ से ही होना था।
मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए, जय जय केदार।
देवभूमि उत्तराखंड का सभी भाई-बहनों ते मेरा सादर नमस्कार। बाबा केदार को आशीर्वाद सबु पर बनियो रहो, इन्ही कामना छै।
कल ही देश और दुनिया में दीपावली का पावन पर्व मनाया गया। इस दीपावली के पावन पर्व निमित्त देश और दुनिया में फैले हुए हमारे सभी बंधु-भगिनी को केदारनाथ की इस पवित्र धरती से अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं।
गुजरात जैसे कुछ राज्य हैं, जहां आज नववर्ष प्रारंभ होता है। नूतन वर्ष अभिनंदन, साल मुबारक। विश्वभर में फैले हुए वो सभी परिवार जो आज नूतन वर्ष का प्रारंभ करते हैं, उनको भी मेरी तरफ से नववर्ष की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। आप सबको नूतन वर्ष अभिनंदन, साल मुबारक। फिर एक बार बाबा ने मुझे बुलाया है। फिर एक बार खिंचता चला आया बाबा के चरणों में। आज फिर पुराने लोग मिल गए मुझे। उन्होंने जो कुछ मेरे विषय में सुना होगा, वो आज मुझे पुन: स्मरण करा रहे थे।
कभी ये गरुड़ चट्टी, जहां पर जीवन के महत्वपूर्ण वर्ष बिताने का मुझे सौभाग्य मिला था। वो पल थे जब इस मिट्टी में रम गमाया गया था मैं। लेकिन शायद बाबा की इच्छा नहीं थी कि मैं उसके चरणों में जीवन व्यतीत करू और बाबा ने मुझे यहां से वापस भेज दिया। और शायद बाबा ने तय किया होगा एक बाबा क्या, सवा सौ करोड़ बाबा हैं देश में, कभी उनकी तो सेवा करो। और हमारे यहां तो कहा गया है- जन सेवा ही प्रभु सेवा है। और इसलिए आज मेरे लिए सवा सौ करोड़ देशवासियों की सेवा, यही बाबा की सेवा है, यही बद्री विशाल की सेवा है, यही मंदाकिनी की सेवा है, यही गंगा मां की सेवा है। और इसलिए आज फिर एक बार यहां से संकल्पबद्ध हो करके, यहां से नई ऊर्जा को प्राप्त कर-करके, भोले बाबा के आशीर्वाद ले करके पूर्ण पवित्र मन से, दृढ़ संकल्प से 2022; भारत की आजादी के 75 साल; हर हिन्दुस्तानी का संकल्प, हर हिन्दुस्तानी के दिल में दुनिया में हिन्दुस्तान को सिरमौर पहुंचाने का इरादा, बाबा के आशीर्वाद से हर हिन्दुस्तानी में वो चेतना जगेगी। हर हिन्दुस्तानी उस संकल्प को पार करने के लिए जी-जान से जुटेगा।
इस संकल्प के साथ मैं सबसे पहले इस पवित्र धरती पर प्राकृतिक आपदा के जो शिकार हुए, देश के हर राज्य में से किसी ने किसी ने अपना देह यहीं पर छोड़ दिया और बाबा की धरती में वो रम गया। उन सभी आत्माओं को आज मैं आदरपूर्वक श्रद्धांजलि देता हूं। देश के सभी राज्यों के वो लोग थे। और उस समय मेरी स्वाभाविक संवेदनशीलता थी। मैं वैसे तो एक राज्य का मुख्यमंत्री था, किसी दूसरे राज्य में encroachment करने का ना मुझे हक है, न मैं ऐसा कभी सोच भी सकता हूं। लेकिन मैं अपने-आप को रोक नहीं पाया था। अच्छा किया, बुरा किया ये तो इतिहास तय करेगा। लेकिन उन पीडि़तों के लिए पहुंच जाना; मेरे मन को मैं रोक नहीं पाया था, मैं चला आया था।
और उस समय मैंने उस समय की सरकार से प्रार्थना की कि आप गुजरात सरकार और सरकार को केदारनाथ के पुनर्निर्माण का काम दे दीजिए, जैसा देशवासियों कस सपना होगा मैं पूरा करूंगा। जब कमरे में हम बैठे थे, तब उस समय के मुख्यमंत्री सहमत हो गए, सारे अफसर सहमत हो गाए, उन्होंने कहा अच्छा है, मोदी जी अगर गुजरात जिम्मेदारी लेता है और मैंने खुशी में आ करके, बाहर निकल करके मीडिया के सामने भी मेरा संकल्प व्यक्त किया था। अचानक टीवी पर खबर आ गई कि मोदी अब केदारनाथ के पुनर्निर्माण की जिम्मेदारी ले रहा है। तो पता नहीं दिल्ली में तूफान मच गया। उनको लग रहा है ये गुजरात का मुख्यमंत्री अगर केदारनाथ भी पहुंच जाएगा, एक घंटे के अंदर ऐसा तूफान खड़ा हो गया कि राज्य सरकार पर दबाव आया और राज्य सरकार को अतिरिक्त रूप से घोषणा करनी पड़ी कि हमें गुजरात की मदद की जरूरत नहीं है, हम कर देंगे। ठीक है जी, जब दिल्ली में बैठे हुए लोगों को परेशानी होती है तो मैं क्यों किसी को परेशान करूं? मैं हट गया। लेकिन शायद बाबा ने ही तय किया था, ये काम इस बाबा के बेटे के हाथ से ही होना था।
मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए, जय जय केदार।
देवभूमि उत्तराखंड का सभी भाई-बहनों ते मेरा सादर नमस्कार। बाबा केदार को आशीर्वाद सबु पर बनियो रहो, इन्ही कामना छै।
कल ही देश और दुनिया में दीपावली का पावन पर्व मनाया गया। इस दीपावली के पावन पर्व निमित्त देश और दुनिया में फैले हुए हमारे सभी बंधु-भगिनी को केदारनाथ की इस पवित्र धरती से अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं।
गुजरात जैसे कुछ राज्य हैं, जहां आज नववर्ष प्रारंभ होता है। नूतन वर्ष अभिनंदन, साल मुबारक। विश्वभर में फैले हुए वो सभी परिवार जो आज नूतन वर्ष का प्रारंभ करते हैं, उनको भी मेरी तरफ से नववर्ष की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। आप सबको नूतन वर्ष अभिनंदन, साल मुबारक। फिर एक बार बाबा ने मुझे बुलाया है। फिर एक बार खिंचता चला आया बाबा के चरणों में। आज फिर पुराने लोग मिल गए मुझे। उन्होंने जो कुछ मेरे विषय में सुना होगा, वो आज मुझे पुन: स्मरण करा रहे थे।
कभी ये गरुड़ चट्टी, जहां पर जीवन के महत्वपूर्ण वर्ष बिताने का मुझे सौभाग्य मिला था। वो पल थे जब इस मिट्टी में रम गमाया गया था मैं। लेकिन शायद बाबा की इच्छा नहीं थी कि मैं उसके चरणों में जीवन व्यतीत करू और बाबा ने मुझे यहां से वापस भेज दिया। और शायद बाबा ने तय किया होगा एक बाबा क्या, सवा सौ करोड़ बाबा हैं देश में, कभी उनकी तो सेवा करो। और हमारे यहां तो कहा गया है- जन सेवा ही प्रभु सेवा है। और इसलिए आज मेरे लिए सवा सौ करोड़ देशवासियों की सेवा, यही बाबा की सेवा है, यही बद्री विशाल की सेवा है, यही मंदाकिनी की सेवा है, यही गंगा मां की सेवा है। और इसलिए आज फिर एक बार यहां से संकल्पबद्ध हो करके, यहां से नई ऊर्जा को प्राप्त कर-करके, भोले बाबा के आशीर्वाद ले करके पूर्ण पवित्र मन से, दृढ़ संकल्प से 2022; भारत की आजादी के 75 साल; हर हिन्दुस्तानी का संकल्प, हर हिन्दुस्तानी के दिल में दुनिया में हिन्दुस्तान को सिरमौर पहुंचाने का इरादा, बाबा के आशीर्वाद से हर हिन्दुस्तानी में वो चेतना जगेगी। हर हिन्दुस्तानी उस संकल्प को पार करने के लिए जी-जान से जुटेगा।
इस संकल्प के साथ मैं सबसे पहले इस पवित्र धरती पर प्राकृतिक आपदा के जो शिकार हुए, देश के हर राज्य में से किसी ने किसी ने अपना देह यहीं पर छोड़ दिया और बाबा की धरती में वो रम गया। उन सभी आत्माओं को आज मैं आदरपूर्वक श्रद्धांजलि देता हूं। देश के सभी राज्यों के वो लोग थे। और उस समय मेरी स्वाभाविक संवेदनशीलता थी। मैं वैसे तो एक राज्य का मुख्यमंत्री था, किसी दूसरे राज्य में encroachment करने का ना मुझे हक है, न मैं ऐसा कभी सोच भी सकता हूं। लेकिन मैं अपने-आप को रोक नहीं पाया था। अच्छा किया, बुरा किया ये तो इतिहास तय करेगा। लेकिन उन पीडि़तों के लिए पहुंच जाना; मेरे मन को मैं रोक नहीं पाया था, मैं चला आया था।
और उस समय मैंने उस समय की सरकार से प्रार्थना की कि आप गुजरात सरकार और सरकार को केदारनाथ के पुनर्निर्माण का काम दे दीजिए, जैसा देशवासियों कस सपना होगा मैं पूरा करूंगा। जब कमरे में हम बैठे थे, तब उस समय के मुख्यमंत्री सहमत हो गए, सारे अफसर सहमत हो गाए, उन्होंने कहा अच्छा है, मोदी जी अगर गुजरात जिम्मेदारी लेता है और मैंने खुशी में आ करके, बाहर निकल करके मीडिया के सामने भी मेरा संकल्प व्यक्त किया था। अचानक टीवी पर खबर आ गई कि मोदी अब केदारनाथ के पुनर्निर्माण की जिम्मेदारी ले रहा है। तो पता नहीं दिल्ली में तूफान मच गया। उनको लग रहा है ये गुजरात का मुख्यमंत्री अगर केदारनाथ भी पहुंच जाएगा, एक घंटे के अंदर ऐसा तूफान खड़ा हो गया कि राज्य सरकार पर दबाव आया और राज्य सरकार को अतिरिक्त रूप से घोषणा करनी पड़ी कि हमें गुजरात की मदद की जरूरत नहीं है, हम कर देंगे। ठीक है जी, जब दिल्ली में बैठे हुए लोगों को परेशानी होती है तो मैं क्यों किसी को परेशान करूं? मैं हट गया। लेकिन शायद बाबा ने ही तय किया था, ये काम इस बाबा के बेटे के हाथ से ही होना था।